मैं और मेरी पत्नी एक शॉपिंग मॉल में खरीद्दारी के लिए रखा सामान देख रहे थे। हम एक स्थान पर पहुँचे जहां टी शर्ट रखे हुए थे, और मैं उन टी शर्ट्स और उनपर लिखे मनोरंजक वाक्यों को देखने लगा। एक टी शर्ट पर लिखे वाक्य ने मुझे विचलित किया; उसपर लिखा था "कितने अधिक मसीही और कितने कम शेर।" यह वाक्य प्रथम ईसवीं में मसीही विश्वासियों पर ढाए जाने वाले सताव पर आधारित था। रोमी साम्राज्य के उस काल में मसीही विश्वासियों को मनोरंजन के लिए शेरों के आगे फेंक दिया जाता था और लोग मनोरंजनशालाओं जमा होकर शेरों द्वारा उनके फाड़ खाए जाने का तमाशा देखते थे। यह वाक्य और इसका संदर्भ हमारे लिए कतई मनोरंजक नहीं था।
मसीही विश्वासियों का सताया जाना कोई मज़ाक नहीं है। प्रथम ईसवीं के उन विश्वासियों के इस प्रकार के क्रूर मनोरंजन द्वारा परखे जाने से कुछ पहले ही प्रेरित पौलुस ने अपनी एक पत्री में चिताया था, "पर जितने मसीह यीशु में भक्ति के साथ जीवन बिताना चाहते हैं वे सब सताए जाएंगे" (२ तिमुथियुस ३:१२)। यह सताया जाना तो अवश्यंभावी है, और प्रत्येक मसीही विश्वासी के लिए गंभीर विषय होना चाहिए, क्योंकि हर पल और हर क्षण संसार भर में कहीं ना कहीं मसीही विश्वासी लोग इस उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं।
हम इस बारे में क्या कर सकते हैं? सबसे पहली बात तो हम उनके लिए प्रार्थना कर सकते हैं कि जो इस सताव में से होकर निकल रहे हैं परमेश्वर उन्हें इस दुख में शांति और सांत्वना दे। दूसरे, जो इस उत्पीड़न के कारण मारे या कैद में डाल दिए जाते हैं उनके परिवारों की देख-रेख और सहायता के लिए हम अपना हाथ बढ़ा सकते हैं। तीसरा, हम अपने आप को अभी से प्रार्थना द्वारा तैयार कर सकते हैं कि जब यह परीक्षा की घड़ी हम पर आए तो हम परखे जाने के लिए तैयार पाए जाएं, अपने उद्धारकर्ता प्रभु यीशु का इन्कार ना करें।
जब प्रेरित पौलुस अपने मसीही विश्वास के कारण कैद में डाला गया तो वहां पर भी उसके द्वारा प्रदर्शित साहस और विश्वास ने औरों की भी हिम्मत बढ़ाई कि वे भी अपने विश्वास में दृढ़ बने रहें (फिलिप्पियों १:१४)। प्रभु यीशु में पापों की क्षमा और उद्धार तथा अनन्त जीवन के सुसमाचार के प्रचार में सम्मिलित हो जाएं। आपकी प्रार्थनाएं और सुसमाचार में आपका सहयोग सताव से निकल रहे विश्वासियों के लिए प्रोत्साहन होगा। - बिल क्राउडर
जब हम प्रभु परमेश्वर के सामने घुटनों पर आते हैं तो संसार के सामने खड़ा हो सकने की सामर्थ को पाते हैं।
पर जितने मसीह यीशु में भक्ति के साथ जीवन बिताना चाहते हैं वे सब सताए जाएंगे। - २ तिमुथियुस ३:१२
बाइबल पाठ: फिलिप्पियों १:१२-२१
Php 1:12 हे भाइयों, मैं चाहता हूं, कि तुम यह जान लो, कि मुझ पर जो बीता है, उस से सुसमाचार ही की बढ़ती हुई है।
Php 1:13 यहां तक कि कैसरी राज्य की सारी पलटन और शेष सब लोगों में यह प्रगट हो गया है कि मैं मसीह के लिये कैद हूं।
Php 1:14 और प्रभु में जो भाई हैं, उन में से बहुधा मेरे कैद होने के कारण, हियाव बान्ध कर, परमेश्वर का वचन निधड़क सुनाने का और भी हियाव करते हैं।
Php 1:15 कितने तो डाह और झगड़े के कारण मसीह का प्रचार करते हैं और कितने भली मनसा से।
Php 1:16 कई एक तो यह जान कर कि मैं सुसमाचार के लिये उत्तर देने को ठहराया गया हूं प्रेम से प्रचार करते हैं।
Php 1:17 और कई एक तो सीधाई से नहीं पर विरोध से मसीह की कथा सुनाते हैं, यह समझ कर कि मेरी कैद में मेरे लिये क्लेश उत्पन्न करें।
Php 1:18 सो क्या हुआ केवल यह, कि हर प्रकार से चाहे बहाने से, चाहे सच्चाई से, मसीह की कथा सुनाई जाती है, और मैं इस से आनन्दित हूं, और आनन्दित रहूंगा भी।
Php 1:19 क्योंकि मैं जानता हूं, कि तुम्हारी बिनती के द्वारा, और यीशु मसीह की आत्मा के दान के द्वारा इस का प्रतिफल मेरा उद्धार होगा।
Php 1:20 मैं तो यही हादिर्क लालसा और आशा रखता हूं, कि मैं किसी बात में लज्ज़ित न होऊं, पर जैसे मेरे प्रबल साहस के कारण मसीह की बड़ाई मेरी देह के द्वारा सदा होती रही है, वैसा ही अब भी हो चाहे मैं जीवित रहूं वा मर जाऊं।
Php 1:21 क्योंकि मेरे लिये जीवित रहना मसीह है, और मर जाना लाभ है।
एक साल में बाइबल:
- विलापगीत १-२
- इब्रानियों १०:१-१८
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