किसी काम पर लगे नए कार्यकर्ताओं को निराश करने का सबसे कारगर तरीका है उस कार्य पर काम कर रहे वरिष्ठ लोगों द्वारा उनकी आलोचना। इसीलिए अच्छे प्रबंधक प्रयास करते हैं कि वे नए कार्यकर्ताओं को ऐसे वरिष्ठ लोगों के साथ रखें जो व्यर्थ आलोचना और तानों से उन्हें सुरक्षित रख सकें और उनका उत्साह बढ़ाते रहें।
परमेश्वर के वचन बाइबल में हन्ना नामक स्त्री एक ऐसा पात्र है जो हमारे लिए आलोचना और हृदय की गहरी अपूर्ण इच्छाओं की तकलीफों का सामना करने में एक ऐसा ही परामर्शदाता और उत्साहवर्धक सहायक बन सकती है (१ शमूएल १:१-१८)। हन्ना बांझ थी और एक ऐसे पति से जो उसकी मनःस्थिति समझता नहीं था, ताने मारते रहने वाली एक सौतन से और एक आलोचनात्मक पुरोहित के बीच घिरी हुई थी। अपनी इस विकट परिस्थिति में परमेश्वर पर अपने विश्वास और उसके सामने अपने मन की स्थिति बयान करने के द्वारा हन्ना ने मार्ग पाया (१ शमूएल १:१०)। परमेश्वर ने हन्ना के हृदय की गहराईयों से निकली प्रार्थना सुनी और उत्तर में उसे पुत्र दिया।
परमेश्वर ने हमारी सृष्टि इसलिए करी है कि हम उसके साथ संबंध में बने रहें। हम परमेश्वर के साथ अपने संबंध को जितना घनिश्ठ करते जाते हैं, उतना ही अधिक हम उसकी सामर्थ को भी अपने जीवन में कार्यकारी होने का अवसर बढ़ाते जाते हैं। परमेश्वर से करी गई वे प्रार्थनाएं जो हमारी वेदनाओं और मन के दुखों तथा हमारी भावनाओं को व्यक्त करती हैं अवश्य ही परमेश्वर को स्वीकार्य हैं क्योंकि वे परमेश्वर में हमारे विश्वास को व्यक्त करती हैं।
जो बातें हमें तकलीफ पहुँचाती हैं - चाहे वे समस्याएं हों या हमारी इच्छाएं, जब हम उन्हें उस के हाथों में सौंप देते हैं जो उनका निवारण कर सकता है तो हम उस से एक सही दृष्टिकोण, मार्ग और शान्ति भी पाते हैं। - रैंडी किलगोर
प्रार्थना में बिना शब्दों के हृदय को उंडेलना, बिना हृदय के शब्दों को प्रवाहित करने से भला होता है।
मैं ऊंचे शब्द से यहोवा को पुकारता हूं, और वह अपने पवित्र पर्वत पर से मुझे उत्तर देता है। - भजन ३:४
बाइबल पाठ: १ शमूएल १:१-१८
1Sam 1:1 एप्रैम के पहाड़ी देश के रामतैम सोपीम नाम नगर का निवासी एल्काना नाम पुरूष था, वह एप्रेमी था, और सूप के पुत्र तोहू का परपोता, एलीहू का पोता, और यरोहाम का पुत्र था।
1Sam 1:2 और उसके दो पत्नियां थीं; एक का तो नाम हन्ना और दूसरी का पनिन्ना था। और पनिन्ना के तो बालक हुए, परन्तु हन्ना के कोई बालक न हुआ।
1Sam 1:3 वह पुरूष प्रति वर्ष अपने नगर से सेनाओं के यहोवा को दण्डवत करने और मेलबलि चढ़ाने के लिये शीलो में जाता था; और वहां होप्नी और पीनहास नाम एली के दोनों पुत्र रहते थे, जो यहोवा के याजक थे।
1Sam 1:4 और जब जब एल्काना मेलबलि चढ़ाता था तब तब वह अपनी पत्नी पनिन्ना को और उसके सब बेटे-बेटियों को दान दिया करता था;
1Sam 1:5 परन्तु हन्ना को वह दूना दान दिया करता था, क्योंकि वह हन्ना से प्रीति रखता था; तौभी यहोवा ने उसकी कोख बन्द कर रखी थी।
1Sam 1:6 परन्तु उसकी सौत इस कारण से, कि यहोवा ने उसकी कोख बन्द कर रखी थी, उसे अत्यन्त चिढ़ाकर कुढ़ाती रहती थीं।
1Sam 1:7 और वह तो प्रति वर्ष ऐसा ही करता था; और जब हन्ना यहोवा के भवन को जाती थी तब पनिन्ना उसको चिढ़ाती थी। इसलिये वह रोती और खाना न खाती थी।
1Sam 1:8 इसलिये उसके पति एल्काना ने उस से कहा, हे हन्ना, तू क्यों रोती है? और खाना क्यों नहीं खाती? और मेरा मन क्यों उदास है? क्या तेरे लिये मैं दस बेटों से भी अच्छा नहीं हूं?
1Sam 1:9 तब शीलो में खाने और पीने के बाद हन्ना उठी। और यहोवा के मन्दिर के चौखट के एक अलंग के पास एली याजक कुर्सी पर बैठा हुआ था।
1Sam 1:10 और यह मन में व्याकुल हो कर यहोवा से प्रार्थना करने और बिलख बिलखकर रोने लगी।
1Sam 1:11 और उसने यह मन्नत मानी, कि हे सेनाओं के यहोवा, यदि तू अपनी दासी के दु:ख पर सचमुच दृष्टि करे, और मेरी सुधि ले, और अपनी दासी को भूल न जाए, और अपनी दासी को पुत्र दे, तो मैं उसे उसके जीवन भर के लिये यहोवा को अर्पण करूंगी, और उसके सिर पर छुरा फिरने न पाएगा।
1Sam 1:12 जब वह यहोवा के साम्हने ऐसी प्रार्थना कर रही थी, तब एली उसके मुंह की ओर ताक रहा था।
1Sam 1:13 हन्ना मन ही मन कह रही थी; उसके होंठ तो हिलते थे परन्तु उसका शब्द न सुन पड़ता था; इसलिये एली ने समझा कि वह नशे में है।
1Sam 1:14 तब एली ने उस से कहा, तू कब तक नशे में रहेगी? अपना नशा उतार।
1Sam 1:15 हन्ना ने कहा, नहीं, हे मेरे प्रभु, मैं तो दु:खिया हूं; मैं ने न तो दाखमधु पिया है और न मदिरा, मैं ने अपने मन की बात खोल कर यहोवा से कही है।
1Sam 1:16 अपनी दासी को ओछी स्त्री न जान जो कुछ मैं ने अब तक कहा है, वह बहुत ही शोकित होने और चिढ़ाई जाने के कारण कहा है।
1Sam 1:17 एली ने कहा, कुशल से चली जा; इस्राएल का परमेश्वर तुझे मन चाहा वर दे।
1Sam 1:18 उसे ने कहा, तेरी दासी तेरी दृष्टि में अनुग्रह पाए। तब वह स्त्री चली गई और खाना खाया, और उसका मुंह फिर उदास न रहा।
एक साल में बाइबल:
- उत्पत्ति ७-९
- मत्ती ३
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