स्टीवन विल्टशायर नामक व्यक्ति को "मानव कैमरा" भी कहा जाता है क्योंकि उस में एक विलक्षण प्रतिभा है - वह जो देख लेता है उसकी बारीकियों को भी याद कर लेता है और फिर उन्हें चित्र में बना कर दिखा सकता है। उदाहरण के लिए, एक बार स्टीवन को रोम शहर वायुयान द्वारा ऊपर से घुमाया गया और फिर धरती पर उतरने के बाद उससे कहा गया कि रोम के मध्य भाग का चित्र बनाए। जाँचने वाले दंग रह गए जब उसने अपनी स्मरण शक्ति से उस भाग का बिल्कुल सही चित्र बना दिया जिसमें वहाँ की छोटी-छोटी घुमावदार गलियां, सभी इमारतें, भवनों की खिड़कियां आदि सभी बिल्कुल हू-ब-हू दिख रहीं थीं।
स्टीवन विल्टशायर की स्मरण शक्ति निःसन्देह विलक्षण है, लेकिन एक और स्मरण शक्ति है जो इससे भी अधिक विलक्षण है, और कहीं अधिक महत्वपूर्ण। प्रभु यीशु ने अपने स्वर्गारोहण से पूर्व अपने शिष्यों से वायदा किया था कि उनकी सहायता के लिए वह पवित्र आत्मा को भेजेगा जो उन्हें एक ईश्वरीय स्मरण शक्ति प्रदान करेगा जिससे वे प्रभु यीशु की शिक्षाओं और उसके साथ के अपने अनुभवों को स्मरण रख सकें (यूहन्ना 14:26)।
शिष्यों ने प्रभु यीशु की अद्भुत शिक्षाओं को सुना था, उसे अनेक आश्चर्यकर्म - अन्धों को आँखें देना, बहरों को श्रवण-शक्ति देना, मृतकों को जीवित करना आदि करते हुए देखा था। अब प्रभु यीशु ने उन्हें ज़िम्मेदारी सौंपी थी कि वे इन सब शिक्षाओं और प्रभु यीशु की बातों को संसार के छोर तक सभी लोगों और जातियों में लेकर जाएं और उन्हें बताएं। ना केवल वे शिष्य, वरन जो उनकी गवाही और प्रचार द्वारा प्रभु यीशु पर विश्वास लाते, उन्हें भी यही ज़िम्मेदारी ऐसे ही निभानी थी। यह सुनिश्चित करने के लिए कि प्रभु यीशु की शिक्षाओं और कार्यों के वर्णन में समय, भाषा और काल के परिवर्तन के बावजूद कभी भी कोई मिलावट या त्रुटि ना होने पाए उन्हें और उनके बाद के सभी चेलों को एक ईश्वरीय स्मरण शक्ति की आवश्यकता थी। उनके लिए यह सहायता परमेश्वर के पवित्र आत्मा के रूप में उन्हें उपलब्ध कराई गई और परमेश्वर का पवित्र आत्मा तब से प्रत्येक मसिही विश्वासी के अन्दर निवास करता है और उसे प्रभु यीशु तथा परमेश्वर की बातों को स्मरण कराता रहता है।
इसी कारण जब मसीही शिष्यों और विश्वासियों ने प्रभु यीशु के वचन, शिक्षाएं और कार्य लिखे तो यह अपनी किसी सामर्थ अथवा स्मरण शक्ति या समझ-बूझ के आधार पर नहीं लिखे, वरन जैसा परमेश्वर के पवित्र आत्मा ने उन्हें प्रेरित करके लिखवाया, उन्होंने लिखा। यही कारण है कि संपूर्ण बाइबल में कोई विरोधाभास नहीं है, बाइबल का प्रत्येक भाग अन्य भागों का पूरक और सहायक है - क्योंकि सभी भागों का लिखवाने वाला वही एक पवित्र आत्मा है, चाहे लिखने वाले मनुष्य भिन्न हों। इसीलिए बाइबल परमेश्वर का वचन है और आप इस पर संपूर्ण रीति से भरोसा रख सकते हैं, इसे परख भी सकते हैं; क्योंकि यह ईश्वरीय कैमरे में दर्ज हो रखी बातों का लिखित विवरण है। - डेनिस फिशर
परमेश्वर का पवित्र आत्मा परमेश्वर के वचन का उपयोग परमेश्वर के लोगों को सिखाने के लिए करता है।
परन्तु सहायक अर्थात पवित्र आत्मा जिसे पिता मेरे नाम से भेजेगा, वह तुम्हें सब बातें सिखाएगा, और जो कुछ मैं ने तुम से कहा है, वह सब तुम्हें स्मरण कराएगा। - यूहन्ना 14:26
बाइबल पाठ: यूहन्ना 16:7-15
John 16:7 तौभी मैं तुम से सच कहता हूं, कि मेरा जाना तुम्हारे लिये अच्छा है, क्योंकि यदि मैं न जाऊं, तो वह सहायक तुम्हारे पास न आएगा, परन्तु यदि मैं जाऊंगा, तो उसे तुम्हारे पास भेज दूंगा।
John 16:8 और वह आकर संसार को पाप और धामिर्कता और न्याय के विषय में निरूत्तर करेगा।
John 16:9 पाप के विषय में इसलिये कि वे मुझ पर विश्वास नहीं करते।
John 16:10 और धामिर्कता के विषय में इसलिये कि मैं पिता के पास जाता हूं,
John 16:11 और तुम मुझे फिर न देखोगे: न्याय के विषय में इसलिये कि संसार का सरदार दोषी ठहराया गया है।
John 16:12 मुझे तुम से और भी बहुत सी बातें कहनी हैं, परन्तु अभी तुम उन्हें सह नहीं सकते।
John 16:13 परन्तु जब वह अर्थात सत्य का आत्मा आएगा, तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा, क्योंकि वह अपनी ओर से न कहेगा, परन्तु जो कुछ सुनेगा, वही कहेगा, और आनेवाली बातें तुम्हें बताएगा।
John 16:14 वह मेरी महिमा करेगा, क्योंकि वह मेरी बातों में से ले कर तुम्हें बताएगा।
John 16:15 जो कुछ पिता का है, वह सब मेरा है; इसलिये मैं ने कहा, कि वह मेरी बातों में से ले कर तुम्हें बताएगा।
एक साल में बाइबल:
- भजन 103-104
- 1 कुरिन्थियों 2
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