ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

मंगलवार, 11 नवंबर 2014

मृत्यु तक विश्वासयोग्य


   इंगलैंड के लिवरपूल शहर में स्थित वॉल्कर आर्ट गैलरी में एक चित्र है जिसका शीर्षक है "Faithful unto Death" अर्थात मृत्यु तक विश्वासयोग्य। यह चित्र प्राचीन शहर पौम्पी का है जो सन 79 के माउंट वेसुवियस ज्वालामुखी फटने से कुछ ही पलों में लावा और राख में दफन हो गया और वहाँ के जीवन के वे क्षण राख में दबे हुए आज भी अपनी कहानी बताते हैं। उस चित्र में एक रोमी सिपाही को दिखाया गया है जो अपने सैनिक वस्त्र धारण किए हुए सन्तरी के कार्य पर डटा हुआ है जबकि उसके आस-पास सब कुछ लावा और राख में दबता जा रहा है। यह चित्र पौम्पी में राख में दबे हुए खड़े एक सैनिक के अवशेषों को देखकर बनाया गया है। यह चित्र गवाह है उन विश्वासयोग्य पहरेदारों का जो अपने चारों ओर हो रहे भयनाक विनाश में भी अपने स्थानों पर स्थिर डटे रहे।

   परमेश्वर के वचन बाइबल की अन्तिम पुस्तक प्रकाशितवाक्य में भी प्रभु यीशु पहली शताब्दी की स्मुरना की मसीही विश्वासियों की मण्डली को संबोधित करते हुए उन्हें आश्वस्त करता है कि वह उनके मसीही विश्वास के कारण उन पर आ रहे सताव को जानता है, उसने उनकी विश्वासयोग्यता को देखा है, और मसीह यीशु उन्हें उन विकट परिस्थितियों में भी विश्वासयोग्य बने रहने को प्रेरित करता है: "मैं तेरे क्‍लेश और दरिद्रता को जानता हूं; (परन्तु तू धनी है); और जो लोग अपने आप को यहूदी कहते हैं और हैं नहीं, पर शैतान की सभा हैं, उन की निन्‍दा को भी जानता हूं। जो दु:ख तुझ को झेलने होंगे, उन से मत डर: क्योंकि देखो, शैतान तुम में से कितनों को जेलखाने में डालने पर है ताकि तुम परखे जाओ; और तुम्हें दस दिन तक क्‍लेश उठाना होगा: प्राण देने तक विश्वासी रह; तो मैं तुझे जीवन का मुकुट दूंगा" (प्रकाशितवाक्य 2:9-10)।

   हमारा प्रभु परमेश्वर हमारी परिस्थितियों और हमारे अनुभवों को भली-भांति जानता है, वह हमारे विषय में कुछ ऐसा भी जानता है जिसे हम नहीं जानते - हमारा भविष्य। चाहे इस संसार में हमें क्लेषों से होकर निकलना पड़े और सांसारिक वस्तुओं या जीवन का नुकसान भी उठाना पड़े, लेकिन हमारी अनन्तकाल की आशीषें और अनन्तकाल का जीवन सदा हमारे प्रभु परमेश्वर के साथ सुरक्षित है, और अपने प्रभु की सामर्थ से हम जब तक इस संसार में हैं, उसके द्वारा निर्धारित स्थानों पर उसके लिए मृत्यु तक विश्वासयोग्य बने रह सकते है (फिलिप्पियों 4:12-13) तथा मृत्योप्रांत उसके साथ अनन्त महिमा में प्रवेश करने को तैयार हो सकते हैं। - बिल क्राउडर


हमारे विश्वास की परीक्षा, परमेश्वर की विश्वास्योग्यता प्रमाणित करने का अवसर होती है।

मैं दीन होना भी जानता हूं और बढ़ना भी जानता हूं: हर एक बात और सब दशाओं में तृप्‍त होना, भूखा रहना, और बढ़ना-घटना सीखा है। जो मुझे सामर्थ देता है उस में मैं सब कुछ कर सकता हूं। फिलिप्पियों 4:12-13

बाइबल पाठ: प्रकाशितवाक्य 2:8-11
Revelation 2:8 और स्मुरना की कलीसिया के दूत को यह लिख, कि, जो प्रथम और अन्‍तिम है; जो मर गया था और अब जीवित हो गया है, वह यह कहता है कि। 
Revelation 2:9 मैं तेरे क्‍लेश और दरिद्रता को जानता हूं; (परन्तु तू धनी है); और जो लोग अपने आप को यहूदी कहते हैं और हैं नहीं, पर शैतान की सभा हैं, उन की निन्‍दा को भी जानता हूं। 
Revelation 2:10 जो दु:ख तुझ को झेलने होंगे, उन से मत डर: क्योंकि देखो, शैतान तुम में से कितनों को जेलखाने में डालने पर है ताकि तुम परखे जाओ; और तुम्हें दस दिन तक क्‍लेश उठाना होगा: प्राण देने तक विश्वासी रह; तो मैं तुझे जीवन का मुकुट दूंगा। 
Revelation 2:11 जिस के कान हों, वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है: जो जय पाए, उसको दूसरी मृत्यु से हानि न पहुंचेगी।

एक साल में बाइबल: 
  • प्रेरितों 10-12


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें