कैंसर के साथ अपनी लड़ाई के संबंध में, ऐप्पल कंपनी के सह-संस्थापक, स्टीव जोब्स ने कहा, "जीवन से संबंधित बड़े चुनाव करने के लिए मेरे लिया सबसे महत्वपूर्ण औज़ार बना है इस बात को स्मरण रखना कि मैं शीघ्र ही मर जाऊँगा। क्योंकि बाहरी अन्य सब कुछ, सारी आशाएं, सारा गर्व, सारी शर्मिन्दगी, सभी असफलताएं - इन सब का महत्व मृत्यु की वास्तविकता के सामने जाता रहता है, सामने रह जाता है तो बस वह जो वास्तव में महत्वपूर्ण तथा आवश्यक है।"
इसकी तुलना में प्रेरित पतरस ने अपने पाठकों को उभारना करना चाहा कि वे अपने दुखों का उपयोग अपने अनन्त जीवन को सार्थक बनाने के लिए करें। साथ ही पतरस ने उन्हें इस बात के लिए भी उभारा के वे प्रभु यीशु के दुख उठाने को अपने जीवन में आने वाले आत्मिक संघर्ष तथा सताव को मसीह यीशु में विशवास रखने के परिणाम के रूप में स्वीकार कर लें - क्योंकि वे प्रभु यीशु से प्रेम करते हैं इसलिए दुख उठाना उनके लिए उस विश्वास की स्वाभाविक नियति होगी। प्रभु यीशु का दुख उठाना उनके लिए पाप की लालसाओं को त्यागने और परमेश्वर के प्रति आज्ञाकारी रहने के लिए प्रोत्साहन का कारण होना चाहिए (1 पतरस 4:1-2)। यदि उनके जीवन अनन्त काल के लिए सार्थक होने हैं, तो उन्हें अस्थाई शारीरिक आनन्द की लालसाओं से मन हटाकर परमेश्वर को पसन्द आने वाली बातों पर मन लगाना तथा उन पर जीवन को व्यय करना चाहिए।
इस बात को स्मरण रखना कि प्रभु यीशु ने हम सभी मनुष्यों के पापों के निवारण के लिए दुख उठाया और सभी के पापों की क्षमा के लिए अपना बलिदान दिया हमारे लिए वह सबसे महत्वपूर्ण वास्तविकता होनी चाहिए जो हमें परमेश्वर की इच्छा के अनुसार तथा अनन्तकाल के लिए उपयोगी निर्णय करने के लिए उभार सके। - मार्विन विलियम्स
प्रभु यीशु की मृत्यु हमारे बीते जीवन के पापों को क्षमा तथा आते जीवन को परमेश्वर के प्रति आज्ञाकारिता प्रदान करती है।
और जो मसीह यीशु के हैं, उन्होंने शरीर को उस की लालसाओं और अभिलाषाओं समेत क्रूस पर चढ़ा दिया है। - गलतियों 5:24
बाइबल पाठ: 1 पतरस 4:1-8
1 Peter 4:1 सो जब कि मसीह ने शरीर में हो कर दुख उठाया तो तुम भी उस ही मनसा को धारण कर के हथियार बान्ध लो क्योंकि जिसने शरीर में दुख उठाया, वह पाप से छूट गया।
1 Peter 4:2 ताकि भविष्य में अपना शेष शारीरिक जीवन मनुष्यों की अभिलाषाओं के अनुसार नहीं वरन परमेश्वर की इच्छा के अनुसार व्यतीत करो।
1 Peter 4:3 क्योंकि अन्यजातियों की इच्छा के अनुसार काम करने, और लुचपन की बुरी अभिलाषाओं, मतवालापन, लीलाक्रीड़ा, पियक्कड़पन, और घृणित मूर्तिपूजा में जहां तक हम ने पहिले समय गंवाया, वही बहुत हुआ।
1 Peter 4:4 इस से वे अचम्भा करते हैं, कि तुम ऐसे भारी लुचपन में उन का साथ नहीं देते, और इसलिये वे बुरा भला कहते हैं।
1 Peter 4:5 पर वे उसको जो जीवतों और मरे हुओं का न्याय करने को तैयार है, लेखा देंगे।
1 Peter 4:6 क्योंकि मरे हुओं को भी सुसमाचार इसी लिये सुनाया गया, कि शरीर में तो मनुष्यों के अनुसार उन का न्याय हो, पर आत्मा में वे परमेश्वर के अनुसार जीवित रहें।
1 Peter 4:7 सब बातों का अन्त तुरन्त होने वाला है; इसलिये संयमी हो कर प्रार्थना के लिये सचेत रहो।
1 Peter 4:8 और सब में श्रेष्ठ बात यह है कि एक दूसरे से अधिक प्रेम रखो; क्योंकि प्रेम अनेक पापों को ढांप देता है।
एक साल में बाइबल:
- यहोशू 7-9
- लूका 1:21-38
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