बचपन में मेरे लिए रात को सो जाना बड़ा चुनौतीपूर्ण कार्य था। जैसे ही मेरे माता-पिता कमरे की बत्ती बन्द करते, कुर्सी पर जो कपड़े बेतरतीब पड़े हुए थे, उनकी ऊबड़-खाबड़ दशा मेरे लिए विभिन्न काल्पनिक डरावने जानवरों का रूप ले लेती थी और साथ ही मुझे भय सताता था कि मेरे पलंग के नीचे कुछ है जो बस अभी बाहर निकलकर मुझ पर हमला कर देगा। भय की इस मनोदशा में नींद मेरी आँखों से कोसों दूर भाग जाती थी।
उम्र और अनुभव के साथ मुझे यह एहसास हो चला है कि भय ना केवल बच्चों को वरन व्यसकों को भी कमज़ोर और जड़ कर देता है, सब कुछ जानते और समझते हुए भी सही कार्य को करने से रोक देता है। भय के कारण ही हम क्षमा नहीं करते, अपने कार्य स्थल पर सही बात के लिए निर्णय लेकर खड़े नहीं होते या अपने विचार सबके सामने नहीं रखते, अपने संसाधनों को परमेश्वर के राज्य में उपयोग होने के लिए नहीं देते, जब हमारे सब मित्र ’हाँ’ बोल रहे होते हैं तब ’ना’ कहने की हिम्मत नहीं रख पाते। यदि हम अपने सहारे हों तो हमारे जीवनों में ना जाने कितने डरावनी बातें हैं जो हमें सही और सच का साथ देने से रोकती रहती हैं।
परमेश्वर के वचन बाइबल में दर्ज की गई प्रभु यीशु और उनके चेलों का तूफान में फंसी नाव की घटना को जब मैं देखता हूँ तो उस नाव में केवल एक ही था जो भयभीत नहीं था - प्रभु यीशु। ना तो प्रभु कभी किसी तूफान से डरा, ना ही दुष्ट-आतमाओं का सामना करने से और ना ही कब्रों में रहने वाले और दुष्ट-आत्मा की सेना से भरे उन व्यक्तियों से डरा जिन्हें कोई वश में नहीं कर सका था (मत्ती 8:23-34)। संसार या जीवन की कोई परिस्थिति, व्यक्ति, घटना, सामर्थ, अधिकार या कोई भी बात हमारे प्रभु को कभी ज़रा सा भी भयभीत नहीं करने पाई, उससे कभी कुछ गलत या अनुचित नहीं करवाने पाई; क्योंकि ऐसा कुछ नहीं है जिस पर हमारा प्रभु सामर्थी नहीं है, जिसे वश में नहीं कर सकता, जिसे बदल नहीं सकता, जिसकी दुषक्रीयाओं को विफल नहीं कर सकता, जिसकी हानिकारक योजनाओं को पलट नहीं सकता। हमारे प्रभु ने हम मसीही विश्वासियों से वायदा किया है, "...और देखो, मैं जगत के अन्त तक सदैव तुम्हारे संग हूं" (मत्ती 28:20)।
अगली बार जब हमें किसी डर का सामना करना पड़े, या कोई भय हमें सही निर्णय लेने से रोकना चाहे, तब हमें चाहिए कि हम प्रभु यीशु द्वारा चेलों से किया गया प्रश्न अपने सामने रखें: "...हे अल्पविश्वासियों, क्यों डरते हो?..." (मत्ती 8:26) और स्मरण करें कि उसने वायदा किया है कि वह हमें ना तो कभी छोड़ेगा और ना त्यागेगा (इब्रानियों 13:5-6)। जब कभी संसार और शैतान की शक्तियाँ हमें कमज़ोर करने, हमसे गलत करने या करवाने, हमारी मसीही विश्वासी होने की गवाही को बिगाड़ने के लिए हमें किसी भय के द्वारा अपनी आधीनता में लाना चाहें तो अपने निर्भीक और सदैव जयवन्त प्रभु यीशु और उसके हमारे साथ सदा बने रहने के वायदे को याद करें और भयभीत होकर कभी कुछ भी गलत, अनुचित या असंगत ना करें। - जो स्टोवैल
हर भय के समय में अपने निर्भीक सहायक प्रभु यीशु को पुकारें।
तुम्हारा स्वभाव लोभरिहत हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्योंकि उसने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा। इसलिये हम बेधड़क हो कर कहते हैं, कि प्रभु, मेरा सहायक है; मैं न डरूंगा; मनुष्य मेरा क्या कर सकता है। - इब्रानियों 13:5-6
बाइबल पाठ: मत्ती 8:23-34
Matthew 8:23 जब वह नाव पर चढ़ा, तो उसके चेले उसके पीछे हो लिए।
Matthew 8:24 और देखो, झील में एक ऐसा बड़ा तूफान उठा कि नाव लहरों से ढंपने लगी; और वह सो रहा था।
Matthew 8:25 तब उन्होंने पास आकर उसे जगाया, और कहा, हे प्रभु, हमें बचा, हम नाश हुए जाते हैं।
Matthew 8:26 उसने उन से कहा; हे अल्पविश्वासियों, क्यों डरते हो? तब उसने उठ कर आन्धी और पानी को डांटा, और सब शान्त हो गया।
Matthew 8:27 और लोग अचम्भा कर के कहने लगे कि यह कैसा मनुष्य है, कि आन्धी और पानी भी उस की आज्ञा मानते हैं।
Matthew 8:28 जब वह उस पार गदरेनियों के देश में पहुंचा, तो दो मनुष्य जिन में दुष्टात्माएं थीं कब्रों से निकलते हुए उसे मिले, जो इतने प्रचण्ड थे, कि कोई उस मार्ग से जा नहीं सकता था।
Matthew 8:29 और देखो, उन्होंने चिल्लाकर कहा; हे परमेश्वर के पुत्र, हमारा तुझ से क्या काम? क्या तू समय से पहिले हमें दु:ख देने यहां आया है?
Matthew 8:30 उन से कुछ दूर बहुत से सूअरों का एक झुण्ड चर रहा था।
Matthew 8:31 दुष्टात्माओं ने उस से यह कहकर बिनती की, कि यदि तू हमें निकालता है, तो सूअरों के झुण्ड में भेज दे।
Matthew 8:32 उसने उन से कहा, जाओ, वे निकलकर सूअरों में पैठ गए और देखो, सारा झुण्ड कड़ाड़े पर से झपटकर पानी में जा पड़ा और डूब मरा।
Matthew 8:33 और चरवाहे भागे, और नगर में जा कर ये सब बातें और जिन में दुष्टात्माएं थीं उन का सारा हाल कह सुनाया।
Matthew 8:34 और देखो, सारे नगर के लोग यीशु से भेंट करने को निकल आए और उसे देखकर बिनती की, कि हमारे सिवानों से बाहर निकल जा।
एक साल में बाइबल:
- यहेजकेल 1-2
- इब्रानियों 11:1-19
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें