एक लेखक और वक्ता मार्टिन लिंडस्ट्रॉम का मानना है कि बहुत से लोगों के लिए उनके सेलफोन उन के परम मित्र के समान हो गए हैं। लिंडस्ट्रॉम ने इस विचार को लेकर कुछ प्रयोग किए और उन्होंने मस्तिष्क के MRI द्वारा इसका कारण पा लिया। लिंडस्ट्रॉम द्वारा किए गए प्रयोगों में पाया गया कि सेलफोन के साथ परम मित्र के समान व्यवहार करने वाले लोग जब भी अपने सेलफोन की घंटी को बजते हुए सुनते, या अपने सेलफोन को देखते तो उनके मस्तिष्क के उस भाग में प्रतिक्रिया होती हुई दिखाई देती जो भाग प्रेम, करुणा आदि भावनाओं के साथ जुड़ा होता है। लिंडस्ट्रॉम का कहना है, "यह प्रतिक्रिया ऐसी थी मानो वे लोग अपनी गर्ल-फ्रेंड, बॉय-फ्रेंड या परिवार जन के साथ हो गए हों।"
हमारा प्रेम, समय और ध्यान पाने के लिए अनेक बातें होती हैं, और हमें बारंबार इस बात का निर्णय करना पड़ता है कि हम किस को प्राथमिकता देंगे। परमेश्वर के वचन बाइबल के एक पात्र यहोशु ने अपने संगी इस्त्राएलियों से, जिनके ऊपर परमेश्वर ने उसे अगुवा ठहराया था, कहा कि उन्हें केवल परमेश्वर को ही अपना प्रेम और उपासना देनी चाहिए, और वह तथा उसका परिवार ऐसा ही करेंगे "इसलिये अब यहोवा का भय मानकर उसकी सेवा खराई और सच्चाई से करो; और जिन देवताओं की सेवा तुम्हारे पुरखा महानद के उस पार और मिस्र में करते थे, उन्हें दूर कर के यहोवा की सेवा करो। और यदि यहोवा की सेवा करनी तुम्हें बुरी लगे, तो आज चुन लो कि तुम किस की सेवा करोगे, चाहे उन देवताओं की जिनकी सेवा तुम्हारे पुरखा महानद के उस पार करते थे, और चाहे एमोरियों के देवताओं की सेवा करो जिनके देश में तुम रहते हो; परन्तु मैं तो अपने घराने समेत यहोवा की सेवा नित करूंगा" (यहोशु 24:14-15)। उन दिनों उनके आस-पास के लोगों में प्रचलित मूर्तिपूजा के संदर्भ में यहोशु की यह बात बहुत महत्वपूर्ण थी। ये मूर्तियाँ मनुष्यों के हाथों द्वारा धातु से बनाई जाती थीं (भजन 115:4); और जीवते परमेश्वर की तुलना में बिलकुल सामर्थहीन थीं (भजन 115:5-7)। इसीलिए परमेश्वर के लोगों को इस बात के लिए प्रोत्साहित किया गया कि वे परमेश्वर में ही अपनी सुरक्षा ढूँढ़ें ना कि अन्य देवी-देवताओं में (न्यायियों 10:13-16)।
प्रभु यीशु ने भी परमेश्वर के नियमों की चर्चा के समय परमेश्वर से ही पूर्णतया प्रेम रखने की बात को दोहराया: "उसने उस से कहा, तू परमेश्वर अपने प्रभु से अपने सारे मन और अपने सारे प्राण और अपनी सारी बुद्धि के साथ प्रेम रख" (मत्ती 22:37)। हमारा सहायक और हमारी ढाल परमेश्वर ही है; केवल वह ही हमारे प्रेम, आराधाना और उपासना के योग्य एकमात्र परमेश्वर है। - मार्विन विलियम्स
परमेश्वर ही हमारे प्रत्येक प्रेम-भाव के योग्य है।
तू मुझे छोड़ दूसरों को ईश्वर कर के न मानना। तू अपने लिये कोई मूर्ति खोदकर न बनाना, न किसी कि प्रतिमा बनाना, जो आकाश में, वा पृथ्वी पर, वा पृथ्वी के जल में है। तू उन को दण्डवत न करना, और न उनकी उपासना करना; क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर यहोवा जलन रखने वाला ईश्वर हूं, और जो मुझ से बैर रखते है, उनके बेटों, पोतों, और परपोतों को भी पितरों का दण्ड दिया करता हूं, और जो मुझ से प्रेम रखते और मेरी आज्ञाओं को मानते हैं, उन हजारों पर करूणा किया करता हूं। - निर्गमन 20:3-6
बाइबल पाठ: भजन 115
Psalms 115:1 हे यहोवा, हमारी नहीं, हमारी नहीं, वरन अपने ही नाम की महिमा, अपनी करूणा और सच्चाई के निमित्त कर।
Psalms 115:2 जाति जाति के लोग क्यों कहने पांए, कि उनका परमेश्वर कहां रहा?
Psalms 115:3 हमारा परमेश्वर तो स्वर्ग में हैं; उसने जो चाहा वही किया है।
Psalms 115:4 उन लोगों की मूरतें सोने चान्दी ही की तो हैं, वे मनुष्यों के हाथ की बनाईं हुई हैं।
Psalms 115:5 उनका मुंह तो रहता है परन्तु वे बोल नहीं सकती; उनके आंखें तो रहती हैं परन्तु वे देख नहीं सकतीं।
Psalms 115:6 उनके कान तो रहते हैं, परन्तु वे सुन नहीं सकतीं; उनके नाक तो रहती हैं, परन्तु वे सूंघ नहीं सकतीं।
Psalms 115:7 उनके हाथ तो रहते हैं, परन्तु वे स्पर्श नहीं कर सकतीं; उनके पांव तो रहते हैं, परन्तु वे चल नहीं सकतीं; और अपने कण्ठ से कुछ भी शब्द नहीं निकाल सकतीं।
Psalms 115:8 जैसी वे हैं वैसे ही उनके बनाने वाले हैं; और उन पर भरोसा रखने वाले भी वैसे ही हो जाएंगे।
Psalms 115:9 हे इस्राएल यहोवा पर भरोसा रख! तेरा सहायक और ढाल वही है।
Psalms 115:10 हे हारून के घराने यहोवा पर भरोसा रख! तेरा सहायक और ढाल वही है।
Psalms 115:11 हे यहोवा के डरवैयो, यहोवा पर भरोसा रखो! तुम्हारा सहायक और ढाल वही है।
Psalms 115:12 यहोवा ने हम को स्मरण किया है; वह आशीष देगा; वह इस्राएल के घराने को आशीष देगा; वह हारून के घराने को आशीष देगा।
Psalms 115:13 क्या छोटे क्या बड़े जितने यहोवा के डरवैये हैं, वह उन्हें आशीष देगा।
Psalms 115:14 यहोवा तुम को और तुम्हारे लड़कों को भी अधिक बढ़ाता जाए!
Psalms 115:15 यहोवा जो आकाश और पृथ्वी का कर्ता है, उसकी ओर से तुम अशीष पाए हो।
Psalms 115:16 स्वर्ग तो यहोवा का है, परन्तु पृथ्वी उसने मनुष्यों को दी है।
Psalms 115:17 मृतक जितने चुपचाप पड़े हैं, वे तो याह की स्तुति नहीं कर सकते,
Psalms 115:18 परन्तु हम लोग याह को अब से ले कर सर्वदा तक धन्य कहते रहेंगे। याह की स्तुति करो!
एक साल में बाइबल:
- 1 शमूएल 22-24
- लूका 12:1-31
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