समुद्री तूफान सैन्डी ने फ्लोरिडा के तट पर प्रहार किया था, और उससे बचने के लिए मैट तथा जेसिका अपनी नाव को सुरक्षित स्थान पर लाने का प्रयास कर रहे थे कि उनकी नाव पानी के नीचे की मिट्टी में फंस गई। नाव वहीं फंसी इधर-उधर हिचकोले लेने लगी, लेकिन वे उसे बाहर नहीं निकाल पा रहे थे। इसलिए मैट तथा जेसिका ने वहीं नाव का लंगर पानी में डाल दिया। ऐसा करने से नाव एक स्थान पर स्थिर हो गई, हिचकोले आने बन्द हो गए और जब तक बचाव दल उन्हें लेने नहीं आ गया वे नाव में सुरक्षित रहे। बाद में मैट तथा जेसिका ने बताया कि यदि वे लंगर ना डालते तो तूफान और ऊंची लहरों के प्रहार उस नाव को किनारे पर पटक देते, चकनाचूर कर देते।
हमारे आत्मिक जीवनों में भी हमें ऐसे ही लंगरों की आवश्यकता होती है जो हमें जीवन के तूफानों में स्थिर तथा सुरक्षित बनाए रखें। जब मूसा की मृत्यु के बाद परमेश्वर ने यहोशु को इस्त्राएल का अगुवा नियुक्त किया, तो साथ ही परमेश्वर ने यहोशु को अपनी प्रतिज्ञाओं के लंगर भी दिए जिससे कठिन समयों में वह स्थिर बना रह सके। परमेश्वर ने यहोशु से कहा: "तेरे जीवन भर कोई तेरे साम्हने ठहर न सकेगा; जैसे मैं मूसा के संग रहा वैसे ही तेरे संग भी रहूंगा; और न तो मैं तुझे धोखा दूंगा, और न तुझ को छोडूंगा" (यहोशु 1:5)। साथ ही परमेश्वर ने यहोशु तथा इस्त्राएलियों को अपना वचन भी दिया कि वे उसका अध्ययन तथा पालन करें: "इतना हो कि तू हियाव बान्धकर और बहुत दृढ़ हो कर जो व्यवस्था मेरे दास मूसा ने तुझे दी है उन सब के अनुसार करने में चौकसी करना; और उस से न तो दाहिने मुड़ना और न बांए, तब जहां जहां तू जाएगा वहां वहां तेरा काम सफल होगा। व्यवस्था की यह पुस्तक तेरे चित्त से कभी न उतरने पाए, इसी में दिन रात ध्यान दिए रहना, इसलिये कि जो कुछ उस में लिखा है उसके अनुसार करने की तू चौकसी करे; क्योंकि ऐसा ही करने से तेरे सब काम सफल होंगे, और तू प्रभावशाली होगा" (यहोशु 1:7-8)। परमेश्वर का वचन, परमेश्वर की प्रतिज्ञाएं और उनके साथ बनी रहने वाली परमेश्वर की उपस्थिति यहोशु तथा इस्त्राएलियों के लिए वे आत्मिक लंगर थे जो आने वाले कठिन समयों तथा चुनौतियों में उन्हें स्थिर बनाए रखने के लिए दिए गए थे।
जब कभी हम दुःखों से होकर निकलें, या हमारे मसीही विश्वास को लेकर कोई शंका हमें परेशान अथवा विचलित करने लगे तो यही आत्मिक लंगर आज हमारी भी उसी प्रकार से सुरक्षा प्रदान करेंगे जैसे तब यहोशु और इस्त्राएलियों को प्रदान करी थी। हमारा विश्वास चाहे कितना भी कमज़ोर क्यों ना हो, किंतु यदि वह परमेश्वर के वचन बाइबल की बातों एवं प्रतिज्ञाओं तथा हमारे साथ परमेश्वर की लगातार बनी रहने वाली उपस्थिति पर आधारित है, तो संसार का कोई तूफान हम पर प्रबल नहीं हो सकता; परमेश्वर हर परिस्थिति से हमें सुरक्षित निकाल ले आएगा। - ऐनी सेटास
जब हम तूफान की प्रचण्डता का अनुभव करते हैं,
तब ही हम अपने लंगर की सामर्थ पहचान पाते हैं।
परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएंगे, वे उकाबों की नाईं उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे। - यशायाह 40:31
बाइबल पाठ: यहोशु 1:1-9
Joshua 1:1 यहोवा के दास मूसा की मृत्यु के बाद यहोवा ने उसके सेवक यहोशू से जो नून का पुत्र था कहा,
Joshua 1:2 मेरा दास मूसा मर गया है; सो अब तू उठ, कमर बान्ध, और इस सारी प्रजा समेत यरदन पार हो कर उस देश को जा जिसे मैं उन को अर्थात इस्राएलियों को देता हूं।
Joshua 1:3 उस वचन के अनुसार जो मैं ने मूसा से कहा, अर्थात जिस जिस स्थान पर तुम पांव धरोगे वह सब मैं तुम्हें दे देता हूं।
Joshua 1:4 जंगल और उस लबानोन से ले कर परात महानद तक, और सूर्यास्त की ओर महासमुद्र तक हित्तियों का सारा देश तुम्हारा भाग ठहरेगा।
Joshua 1:5 तेरे जीवन भर कोई तेरे साम्हने ठहर न सकेगा; जैसे मैं मूसा के संग रहा वैसे ही तेरे संग भी रहूंगा; और न तो मैं तुझे धोखा दूंगा, और न तुझ को छोडूंगा।
Joshua 1:6 इसलिये हियाव बान्धकर दृढ़ हो जा; क्योंकि जिस देश के देने की शपथ मैं ने इन लोगों के पूर्वजों से खाई थी उसका अधिकारी तू इन्हें करेगा।
Joshua 1:7 इतना हो कि तू हियाव बान्धकर और बहुत दृढ़ हो कर जो व्यवस्था मेरे दास मूसा ने तुझे दी है उन सब के अनुसार करने में चौकसी करना; और उस से न तो दाहिने मुड़ना और न बांए, तब जहां जहां तू जाएगा वहां वहां तेरा काम सफल होगा।
Joshua 1:8 व्यवस्था की यह पुस्तक तेरे चित्त से कभी न उतरने पाए, इसी में दिन रात ध्यान दिए रहना, इसलिये कि जो कुछ उस में लिखा है उसके अनुसार करने की तू चौकसी करे; क्योंकि ऐसा ही करने से तेरे सब काम सफल होंगे, और तू प्रभावशाली होगा।
Joshua 1:9 क्या मैं ने तुझे आज्ञा नहीं दी? हियाव बान्धकर दृढ़ हो जा; भय न खा, और तेरा मन कच्चा न हो; क्योंकि जहां जहां तू जाएगा वहां वहां तेरा परमेश्वर यहोवा तेरे संग रहेगा।
एक साल में बाइबल:
- 1 इतिहास 13-15
- यूहन्ना 7:1-27
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