हमारा पुत्र एक व्यावसायिक मछुआरा है। कुछ समय
पहले उसने हमें मछली पकड़ने जाने के समय की एक फोटो भेजी, जिसमें उनकी नौका से कुछ
आगे एक अन्य छोटी नौका दो चट्टानों के मध्य स्थित संकरे जल-मार्ग से होकर निकल रही
है, क्षितिज पर आते हुए तूफ़ान का अंदेशा देने वाले काले घने बादल छाए हुए हैं, और
उस छोटी नौका के ऊपर, एक से दूसरी चट्टान तक एक मेघधनुष खिला हुआ है, मानो परमेश्वर
के प्रेम, सुरक्षा, और देखभाल के विषय उस छोटी नौका के नाविकों को आश्वस्त कर रहा
हो।
मुझे लगा कि यह फोटो, इस धरती की हमारी जीवन
यात्रा को प्रतिबिंबित करती है, जहाँ हम अनजाने भविष्य की ओर जा रहे हैं,
परिस्थितयों और परेशानियों की चट्टानें तथा तूफ़ान हमारे आस-पास हैं, परन्तु साथ ही
परमेश्वर के लगातार बनी हुई उपस्थिति तथा देख-भाल का प्रत्यक्ष आश्वासन भी हमारे
साथ है।
प्रभु यीशु के शिष्यों को भी प्रभु के साथ
होते हुए तूफ़ान का सामना करना पड़ा था, और प्रभु ने उस अवसर का सदुपयोग करते हुए
उन्हें परमेश्वर की सामर्थ्य तथा विश्वासयोग्यता के विषय बहुमूल्य शिक्षा प्रदान
की थी (मत्ती 8:23-27)। हम जीवन की अनिश्चितताओं के लिए उत्तर खोजते हैं। हम
भविष्य को और निकट आते हुए देखते हैं, और सोचते हैं कि वहाँ हमारे लिए क्या रखा
हुआ है? धर्मनिष्ठ कवि जौन केबले ने अपनी एक कविता में इस भाव को लिया और कहा, “यह
देखने की प्रतीक्षा में हूँ कि परमेश्वर क्या करेगा।”
हमारी आयु चाहे कुछ भी हो, जवान हों अथवा
बूढे, हम सब के सामने, हमारी दृष्टि में अनिश्चित भविष्य है। परन्तु स्वर्ग से
परमेश्वर का आश्वासन है कि प्रत्येक परोस्थिति और परेशानी में उसकी भलाई और
सुरक्षा हमारे चारों ओर बनी रहती है। हम भरोसे के साथ उस अनिश्चित प्रतीत होने
वाले भविष्य में से भी निश्चित भलाई के प्रति आश्वस्त रह सकते हैं।
हम
परमेश्वर की विश्वासयोग्यता से ढांपे हुए
अनिश्चित लगने वाले भविष्य की ओर बढ़ रहे
हैं।
क्योंकि
यहोवा की यह वाणी है,
कि जो कल्पनाएं मैं तुम्हारे विषय करता हूँ उन्हें मैं जानता हूँ,
वे हानि की नहीं, वरन कुशल ही की हैं, और अन्त में तुम्हारी आशा पूरी करूंगा। - यिर्मयाह 29:11
बाइबल
पाठ: मत्ती 8:23-27
Matthew 8:23 जब वह नाव पर चढ़ा, तो उसके चेले उसके पीछे हो
लिए।
Matthew 8:24 और देखो, झील में एक ऐसा बड़ा तूफान उठा कि नाव
लहरों से ढंपने लगी; और वह सो रहा था।
Matthew 8:25 तब उन्होंने पास आकर उसे जगाया, और कहा,
हे प्रभु, हमें बचा, हम
नाश हुए जाते हैं।
Matthew 8:26 उसने उन से कहा; हे अल्पविश्वासियों, क्यों डरते हो? तब उसने उठ कर आन्धी और पानी को
डांटा, और सब शान्त हो गया।
Matthew 8:27 और लोग अचम्भा कर के कहने लगे कि यह कैसा मनुष्य है, कि आन्धी और पानी भी उस की आज्ञा मानते हैं।
एक
साल में बाइबल:
- 1 राजा 1-2
- लूका 19:28-48
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