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बुधवार, 21 अप्रैल 2021

सचेत और सतर्क

 

          मेरी परवरिश गर्म दक्षिणी शहरों में हुई थी, इसलिए जब में उत्तरी बर्फीले क्षेत्रों में रहने लगी, तो मुझे यह सीखने के लिए समय लगा कि लम्बे बर्फीले मौसम में किस प्रकार सावधानी के साथ गाड़ी चलानी होती है। मेरी पहली कठिन सर्दियों में मैं तीन बार बर्फ के टीलों में फँस गई। लेकिन कई वर्ष के अभ्यास के बाद, मैं बर्फीली स्थितियों में भी गाड़ी अच्छे से चला लेने में आश्वस्त अनुभव करने लगी – कुछ आवश्यकता से अधिक आश्वस्त हो गई। परिणामस्वरूप, मैं सतर्क रहने की उपेक्षा करने लगी, और एक दिन मेरी गाड़ी जमी हुई बर्फ पर फिसल गई और टेलीफोन के खम्भे से जा टकराई।

          सचेत और सतर्क रहने की बजाए, मैं असावधान होकर ‘स्वचालितसी होकर गाड़ी चलाने लग गई थी, और यह दुर्घटना हो गई। सौभाग्यवश किसी को चोट तो नहीं आई, लेकिन उस दिन मुझे एक महत्वपूर्ण शिक्षा मिल गई – मुझे एहसास हो गया कि आश्वस्त होकर सचेत न रहने का क्या परिणाम हो सकता है।

          हमारे आत्मिक जीवनों में भी हमें इसी प्रकार से सचेत और सतर्क रहना चाहिए। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पतरस मसीही विश्वासियों को सचेत करता है कि वे असावधान न हो जाएँ, वरन सचेत बने रहें (1 पतरस 5:8)। शैतान सदा सक्रिय रहता है कि हम मसीही विश्वासियों को हानि पहुँचाए; इसलिए हमें भी सचेत और सतर्क रहना है कि हम उसके प्रलोभनों में न फँस जाएँ और अपने विश्वास में दृढ़ होकर खड़े रहें (पद 9)।

          लेकिन यह कोई ऐसी बात नहीं है जिसे हमें अपनी ही शक्ति और योग्यता के द्वारा करना है। परमेश्वर ने हम से यह वायदा किया है कि वह सदा हमारे साथ बना रहेगा – हमारे दुखों और परेशानियों में भी, और हमें “सिद्ध, स्थिर और बलवंत” बनाएगा (पद 10)। उसकी सामर्थ्य और मार्गदर्शन के द्वारा हम सचेत और सतर्क बने रहना सीख सकते हैं, और शैतान की चालाकियों पर विजयी होकर परमेश्वर का अनुसरण कर सकते हैं। - एमी पीटरसन

 

प्रभु मुझे आलसी और लापरवाह होने से बचाकर, सचेत और सतर्क बनाए रखें।


कि शैतान का हम पर दांव न चले, क्योंकि हम उस की युक्तियों से अनजान नहीं। - 2 कुरिन्थियों 2:11

बाइबल पाठ: 1 पतरस 5:6-11

1 पतरस 5:6 इसलिये परमेश्वर के बलवन्‍त हाथ के नीचे दीनता से रहो, जिस से वह तुम्हें उचित समय पर बढ़ाए।

1 पतरस 5:7 और अपनी सारी चिन्ता उसी पर डाल दो, क्योंकि उसको तुम्हारा ध्यान है।

1 पतरस 5:8 सचेत हो, और जागते रहो, क्योंकि तुम्हारा विरोधी शैतान गरजने वाले सिंह के समान इस खोज में रहता है, कि किस को फाड़ खाए।

1 पतरस 5:9 विश्वास में दृढ़ हो कर, और यह जान कर उसका सामना करो, कि तुम्हारे भाई जो संसार में हैं, ऐसे ही दुख भुगत रहे हैं।

1 पतरस 5:10 अब परमेश्वर जो सारे अनुग्रह का दाता है, जिसने तुम्हें मसीह में अपनी अनन्त महिमा के लिये बुलाया, तुम्हारे थोड़ी देर तक दुख उठाने के बाद आप ही तुम्हें सिद्ध और स्थिर और बलवन्‍त करेगा।

1 पतरस 5:11 उसी का साम्राज्य युगानुयुग रहे। आमीन।

 

एक साल में बाइबल: 

  • 2 शमूएल 12-13
  • लूका 16

रविवार, 11 अगस्त 2019

काश...



      हम कार-पार्किंग के स्थान से निकल रहे थे और मेरे पति ने साइकिल चला कर आ रही एक युवती को पहले निकलने देने के लिए कार को धीमा किया, और उसे संकेत किया कि वह पहले निकल जाए। उस युवती ने मुस्कुरा कर अभिनंदन में हमारी ओर हाथ हिलाया और आगे निकल गई; किन्तु अगले ही पल एक अन्य कार के चालाक ने बिना ध्यान किए अपनी कार का दरवाज़ा खोला और वह युवती उससे टकरा कर गिर गई। उसकी साइकिल टेढ़ी हो गई, उसकी टांगों से खून बहने लगा और वह रोती हुई अपनी तथा अपनी साइकिल की दशा को देखने लगी।

      बाद में हम उस दुर्घटना पर विचार कर रहे थे – ‘काश हमनें उसे पहले निकलने न दिया होता...’; ‘काश उस दूसरी गाड़ी के चालाक ने सावधानी बर्ती होती और देखने के बाद ही दरवाज़ा खोला होता...’। कठिनाइयों के समय में हम बातों और कार्यों के अनुमान लगाने के चक्कर में पड़ जाते हैं – ‘काश मैंने पहले ध्यान किया होता कि मेरा बच्चा ऐसे बच्चों की संगति में है जो नशा करते है...;काश हमें पहले पता चल जाता कि कैंसर है...’।

      जब अप्रत्याशित परेशानियां आती हैं, तो कभी-कभी हम परमेश्वर और उसकी भलाई पर भी प्रश्न-चिन्ह लगाने लगते हैं। हम भी उसी निराशा का अनुभव करते हैं जो परमेश्वर के वचन बाइबल में मरियम और मार्था ने अपने भाई लाज़रस की मृत्यु पर अनुभव की थी; ‘काश कि प्रभु यीशु पहले आ जाते, जैसे ही उन्हें पता चला कि लाज़रस बीमार है (यूहन्ना 11:21, 32)।

      मरियम और मार्था के समान हम भी सदा ही यह नहीं समझने पाते हैं कि हमारे साथ ही कठिनियाँ क्यों हो रही हैं। परन्तु हम इस बात में भरोसा रख सकते और आश्वस्त रह सकते हैं कि उन सब बातों में होकर परमेश्वर अपने उद्देश्यों की पूर्ति कर रहा है, हमारे लिए भलाई कर रहा है। हर परिस्थिति और परेशानी में हम अपने विश्वासयोग्य और प्रेमी पिता परमेश्वर की बुद्धिमत्ता पर भरोसा रख सकते हैं, और ‘काश...’ की प्रवृत्ति से बच कर संतुष्ट रह सकते हैं। - सिंडी हैस कैस्पर


रौशनी के समय में परमेश्वर पर विश्वास करना छोटी बात है;
 अन्धकार में उस पर अपने विश्वास को बनाए रखना ही सच्चा विश्वास है – स्पर्जन

और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं। - रोमियों 8:28

बाइबल पाठ: यूहन्ना 11:21-35
John 11:21 मारथा ने यीशु से कहा, हे प्रभु, यदि तू यहां होता, तो मेरा भाई कदापि न मरता।
John 11:22 और अब भी मैं जानती हूं, कि जो कुछ तू परमेश्वर से मांगेगा, परमेश्वर तुझे देगा।
John 11:23 यीशु ने उस से कहा, तेरा भाई जी उठेगा।
John 11:24 मारथा ने उस से कहा, मैं जानती हूं, कि अन्‍तिम दिन में पुनरुत्थान के समय वह जी उठेगा।
John 11:25 यीशु ने उस से कहा, पुनरुत्थान और जीवन मैं ही हूं, जो कोई मुझ पर विश्वास करता है वह यदि मर भी जाए, तौभी जीएगा।
John 11:26 और जो कोई जीवता है, और मुझ पर विश्वास करता है, वह अनन्तकाल तक न मरेगा, क्या तू इस बात पर विश्वास करती है?
John 11:27 उसने उस से कहा, हां हे प्रभु, मैं विश्वास कर चुकी हूं, कि परमेश्वर का पुत्र मसीह जो जगत में आनेवाला था, वह तू ही है।
John 11:28 यह कहकर वह चली गई, और अपनी बहिन मरियम को चुपके से बुलाकर कहा, गुरू यहीं है, और तुझे बुलाता है।
John 11:29 वह सुनते ही तुरन्त उठ कर उसके पास आई।
John 11:30 (यीशु अभी गांव में नहीं पहुंचा था, परन्तु उसी स्थान में था जहां मारथा ने उस से भेंट की थी।)
John 11:31 तब जो यहूदी उसके साथ घर में थे, और उसे शान्‍ति दे रहे थे, यह देखकर कि मरियम तुरन्त उठके बाहर गई है और यह समझकर कि वह कब्र पर रोने को जाती है, उसके पीछे हो लिये।
John 11:32 जब मरियम वहां पहुंची जहां यीशु था, तो उसे देखते ही उसके पांवों पर गिर के कहा, हे प्रभु, यदि तू यहां होता तो मेरा भाई न मरता।
John 11:33 जब यीशु न उसको और उन यहूदियों को जो उसके साथ आए थे रोते हुए देखा, तो आत्मा में बहुत ही उदास हुआ, और घबरा कर कहा, तुम ने उसे कहां रखा है?
John 11:34 उन्होंने उस से कहा, हे प्रभु, चलकर देख ले।
John 11:35 यीशु के आंसू बहने लगे।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 81-83
  • रोमियों 11:19-36



शनिवार, 10 अगस्त 2019

चेहरा



      मुझे अपने पिता का चेहरा याद है। वे दयालु थे, किन्तु शान्त और संयमी भी। बचपन में मैं अकसर उनके चेहरे पर कोई भाव ढूँढता था, कहीं कोई मुस्कान या स्नेह का कोई प्रगटीकरण। चेहरे के भाव हमारे अन्तःदशा को दिखाते हैं; चढी हुई भौंहें, चेहरे पर रूखापन अथवा मुस्कराहट, आँखों का सिकुड़ना आदि प्रगट करते हैं कि हम क्या भावनाएँ रखते हैं। हमारे चेहरे, हमारी पहचान हैं।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन 80 का लेखक आसाप, परेशान था और प्रभु का चहरा देखना चाहता था। उसने यरूशलेम में रहते हुए उत्तर दिशा की ओर देखा कि यहूदा का सह-राज्य, इस्राएल, अश्शूरी साम्राज्य के द्वारा पराजित होकर दबाया जा चुका था। अब यहूदा सभी ओर से आक्रमण के लिए खुला था – उत्तर से अश्शूर, दक्षिण से मिस्त्र, और पूर्व से अन्य अरब राष्ट्र। इन लोगों की संख्या और सेना के सामने यहूदा कुछ भी नहीं था।

      आसाप ने अपने भय को प्रार्थना में व्यक्त किया और उस प्रार्थना में तीन बार दोहराया, “अपने मुख का प्रकाश चमका, तब हमारा उद्धार हो जाएगा!” (80:3, 7, 19); दूसरे शब्दों में आसाप परमेश्वर से प्रार्थना कर रहा था कि मुझे अपना मुस्कुराता हुआ चेहरा दिखा जिससे मैं आश्वस्त हो जाऊँ।

      यह अच्छा होता है जब हम अपने भय से दृष्टि हटाकर अपने स्वर्गीय परमेश्वर पिता के चेहरे की ओर ताकते हैं। परमेश्वर पिता के चेहरे को निहारने का सबसे उत्तम स्थान है प्रभु यीशु मसीह का क्रूस; जो हमारे प्रति परमेश्वर के प्रेम का सबसे प्रबल और सार्थक प्रगटीकरण है (यूहन्ना 3:16)।

      इसलिए हम मसीही विश्वासी यह जान रखें और आश्वस्त रहें कि हमारा परमेश्वर पिता हमसे बहुत प्रेम करता है, हमारे लिए उसके चेहरे पर एक बड़ी मुस्कान रहती है; हम सुरक्षित हैं! – डेविड रोपर


क्रूस पर प्रभु यीशु की खुली बाहों के समान हमारे प्रति परमेश्वर का प्रेम भी असीम है।

तुम्हारा स्‍वभाव लोभरिहत हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्योंकि उसने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा। इसलिये हम बेधड़क हो कर कहते हैं, कि प्रभु, मेरा सहायक है; मैं न डरूंगा; मनुष्य मेरा क्या कर सकता है। - इब्रानियों 13:5-6

बाइबल पाठ: भजन 80
Psalms 80:1 हे इस्त्राएल के चरवाहे, तू जो यूसुफ की अगुवाई भेड़ों की सी करता है, कान लगा! तू जो करूबों पर विराजमान है, अपना तेज दिखा!
Psalms 80:2 एप्रैम, बिन्यामीन, और मनश्शे के साम्हने अपना पराक्रम दिखा कर, हमारा उद्धार करने को आ!
Psalms 80:3 हे परमेश्वर, हम को ज्यों का त्यों कर दे; और अपने मुख का प्रकाश चमका, तब हमारा उद्धार हो जाएगा!
Psalms 80:4 हे सेनाओं के परमेश्वर यहोवा, तू कब तक अपनी प्रजा की प्रार्थना पर क्रोधित रहेगा?
Psalms 80:5 तू ने आंसुओं को उनका आहार कर दिया, और मटके भर भर के उन्हें आंसु पिलाए हैं।
Psalms 80:6 तू हमें हमारे पड़ोसियों के झगड़ने का कारण कर देता है; और हमारे शत्रु मनमाने ठट्ठा करते हैं।।
Psalms 80:7 हे सेनाओं के परमेश्वर, हम को ज्यों का त्यों कर दे; और अपने मुख का प्रकाश हम पर चमका, तब हमारा उद्धार हो जाएगा।।
Psalms 80:8 तू मिस्त्र से एक दाखलता ले आया; और अन्यजातियों को निकाल कर उसे लगा दिया।
Psalms 80:9 तू ने उसके लिये स्थान तैयार किया है; और उसने जड़ पकड़ी और फैल कर देश को भर दिया।
Psalms 80:10 उसकी छाया पहाड़ों पर फैल गई, और उसकी डालियां ईश्वर के देवदारों के समान हुईं;
Psalms 80:11 उसकी शाखाएं समुद्र तक बढ़ गई, और उसके अंकुर महानद तक फैल गए।
Psalms 80:12 फिर तू ने उसके बाड़ों को क्यों गिरा दिया, कि सब बटोही उसके फलों को तोड़ते हैं?
Psalms 80:13 जंगली सूअर उसको नाश किए डालता है, और मैदान के सब पशु उसे चर जाते हैं।
Psalms 80:14 हे सेनाओं के परमेश्वर, फिर आ! स्वर्ग से ध्यान देकर देख, और इस दाखलता की सुधि ले,
Psalms 80:15 ये पौधा तू ने अपने दाहिने हाथ से लगाया, और जो लता की शाखा तू ने अपने लिये दृढ़ की है।
Psalms 80:16 वह जल गई, वह कट गई है; तेरी घुड़की से वे नाश होते हैं।
Psalms 80:17 तेरे दाहिने हाथ के सम्भाले हुए पुरूष पर तेरा हाथ रखा रहे, उस आदमी पर, जिसे तू ने अपने लिये दृढ़ किया है।
Psalms 80:18 तब हम लोग तुझ से न मुड़ेंगे: तू हम को जिला, और हम तुझ से प्रार्थना कर सकेंगे।
Psalms 80:19 हे सेनाओं के परमेश्वर यहोवा, हम को ज्यों का त्यों कर दे! और अपने मुख का प्रकाश हम पर चमका, तब हमारा उद्धार हो जाएगा!

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 79-80
  • रोमियों 11:1-18



शनिवार, 20 जुलाई 2019

समय



      हाल ही में, एक विमान यात्रा के दौरान, मेरा ध्यान एक माँ और उसके बच्चों की ओर गया। उसका एक छोटा बच्चा निश्चिन्त होकर उसके साथ बैठा खेल रहा था, और माँ अपने नवजात शिशु को निहार रही थी, उसे देख कर मुस्कुरा रही थी, उसके बाल सहला रही थी; जबकि वह नवजात शिशु अचरज से आँखें फाड़े हुए अपनी माँ को देख रहा था। मैं उन्हें देखकर आनन्दित हो रही थी और अपने समय को स्मरण कर रही थी जब मेरे भी उस आयु के बच्चे थे; परन्तु अब वह समय बीत चुका था।

      लेकिन साथ ही मैंने परमेश्वर के वचन बाइबल में राजा सुलेमान द्वारा सभोपदेशक की पुस्तक में “प्रत्येक काम जो आकाश के नीचे होता है” (3:1) के बारे में लिखे गए कुछ शब्दों पर ध्यान किया। सुलेमान विपरीतार्थक बातों के द्वारा बताता है कि कैसे “हर बात का एक अवसर” (पद 1) होता है: “जन्म का समय, और मरण का भी समय; बोने का समय; और बोए हुए को उखाड़ने का भी समय है” (पद 2)। संभवतः राजा सुलेमान इन पदों में जीवन का व्यर्थ चक्र प्रतीत होने वाली बातों को लेकर निराश होता है। परन्तु प्रत्येक ऋतु में वह ‘परमेश्वर का हाथ’ के होने को भी स्वीकार करता है। वह यह भी कहता है कि हमारे कार्य “परमेश्वर का दान” हैं (पद 13) और यह कि “जो कुछ परमेश्वर करता है वह सदा स्थिर रहेगा” (पद 14)।

      हो सकता है कि हम अपने जीवनों के कुछ समयों को बड़ी लालसा के साथ स्मरण करें, जैसे मैं उन बच्चों को देखकर अपने बच्चों के बारे में सोचने लग गई थी। परन्तु हम यह भी जानते हैं कि प्रभु परमेश्वर ने हम से यह वायदा किया है कि जीवन की प्रत्येक ऋतु में वह हमारे साथ बना रहेगा (यशायाह 41:10)। हम सदा आश्वस्त रह सकते हैं कि उसकी उपस्थिति हमारे साथ बनी रहती है, और उसके साथ-साथ चलते रहने में ही हमारे सभी उद्देश्यों की पूर्ति होती है। - एमी बाउचर पाई


परमेश्वर ही हमारे जीवन में ऋतुएँ देता है।

मत डर, क्योंकि मैं तेरे संग हूं, इधर उधर मत ताक, क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूं; मैं तुझे दृढ़ करूंगा और तेरी सहायता करूंगा, अपने धर्ममय दाहिने हाथ से मैं तुझे सम्हाले रहूंगा। - यशायाह 41:10

बाइबल पाठ: सभोपदेशक 3:1-14
Ecclesiastes 3:1 हर एक बात का एक अवसर और प्रत्येक काम का, जो आकाश के नीचे होता है, एक समय है।
Ecclesiastes 3:2 जन्म का समय, और मरण का भी समय; बोने का समय; और बोए हुए को उखाड़ने का भी समय है;
Ecclesiastes 3:3 घात करने का समय, और चंगा करने का भी समय; ढा देने का समय, और बनाने का भी समय है;
Ecclesiastes 3:4 रोने का समय, और हंसने का भी समय; छाती पीटने का समय, और नाचने का भी समय है;
Ecclesiastes 3:5 पत्थर फेंकने का समय, और पत्थर बटोरने का भी समय; गल लगाने का समय, और गल लगाने से रुकने का भी समय है;
Ecclesiastes 3:6 ढूंढ़ने का समय, और खो देने का भी समय; बचा रखने का समय, और फेंक देने का भी समय है;
Ecclesiastes 3:7 फाड़ने का समय, और सीने का भी समय; चुप रहने का समय, और बोलने का भी समय है;
Ecclesiastes 3:8 प्रेम का समय, और बैर करने का भी समय; लड़ाई का समय, और मेल का भी समय है।
Ecclesiastes 3:9 काम करने वाले को अधिक परिश्रम से क्या लाभ होता है?
Ecclesiastes 3:10 मैं ने उस दु:खभरे काम को देखा है जो परमेश्वर ने मनुष्यों के लिये ठहराया है कि वे उस में लगे रहें।
Ecclesiastes 3:11 उसने सब कुछ ऐसा बनाया कि अपने अपने समय पर वे सुन्दर होते है; फिर उसने मनुष्यों के मन में अनादि-अनन्त काल का ज्ञान उत्पन्न किया है, तौभी काम परमेश्वर ने किया है, वह आदि से अन्त तक मनुष्य समझ नहीं सकता।
Ecclesiastes 3:12 मैं ने जान लिया है कि मनुष्यों के लिये आनन्द करने और जीवन भर भलाई करने के सिवाय, और कुछ भी अच्छा नहीं;
Ecclesiastes 3:13 और यह भी परमेश्वर का दान है कि मनुष्य खाए-पीए और अपने सब परिश्रम में सुखी रहे।
Ecclesiastes 3:14 मैं जानता हूं कि जो कुछ परमेश्वर करता है वह सदा स्थिर रहेगा; न तो उस में कुछ बढ़ाया जा सकता है और न कुछ घटाया जा सकता है; परमेश्वर ऐसा इसलिये करता है कि लोग उसका भय मानें।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 26-28
  • प्रेरितों 22



शुक्रवार, 10 अगस्त 2018

सुरक्षा



      ब्रिटेन में रहने के कारण मैं सामान्यतः धूप में निकलने से होने वाले त्वचा के गहरे रंग के लिए चिन्तित नहीं होती हूँ, क्योंकि अधिकानाशातः सूर्य बादलों से छुपा रहता है। लेकिन हाल ही में मैंने कुछ समय स्पेन में बिताया, और मुझे बहुत शीघ्र यह एहसास हो गया कि मेरी हलके रंग की त्वचा के कारण मैं दस मिनिट से अधिक धूप में नहीं रह सकती थी, मुझे छाते के नीचे शरण लेनी ही पड़ती थी।

      मैं जब उस भूमध्यसागरीय क्षेत्र की चिलचिलाती धूप के बारे में विचार कर रही थी, तब मुझे परमेश्वर के वचन बाइबल में परमेश्वर के हमारे दाहिनी ओर आड़ होने की बात और अधिक गहराई से समझ में आई। मध्य-पूर्व के निवासी जानते थे कि चिलचिलाती धूप क्या होती है, और सूर्य की इस तेज धूप से शरण पाना कितना महत्वपूर्ण होता है।

      भजनकार, भजन 121 में प्रभु के आड़ होने के इस शब्द-चित्र को प्रयोग करता है, जिसे प्रभु की भलाई और विश्वासयोग्यता के विषय स्वयं से एक संवाद के रूप में देखा जा सकता है। जब हम इस भजन को अपनी प्रार्थनाओं में प्रयोग करते हैं, तब हम अपने आप को आश्वस्त कर सकते हैं कि प्रभु हमें कभी नहीं छोड़ेगा, वह हमारे चारों ओर एक सुरक्षा-कवच बनाए रखता है। जैसे हम छातों के नीचे सूर्य से सुरक्षा लेते हैं, वैसे ही हम प्रभु में भी अपने लिए एक सुरक्षित स्थान को पा सकते हैं।

      हम अपनी आँखों को आकाश और पृथ्वी के सृष्टिकर्ता की ओर लगाते हैं, क्योंकि चाहे धूप के समय हों या बरसात के, हमें उससे उपहार, तरोताजगी, और सुरक्षा सदा मिलती रहती है। - एमी बाउचर पाई


हमारी सुरक्षा हमारा प्रभु परमेश्वर है।

यहोवा मेरी चट्टान, और मेरा गढ़ और मेरा छुड़ाने वाला है; मेरा ईश्वर, मेरी चट्टान है, जिसका मैं शरणागत हूं, वह मेरी ढ़ाल और मेरी मुक्ति का सींग, और मेरा ऊँचा गढ़ है। - भजन 18:2

बाइबल पाठ: भजन 121
Psalms 121:1 मैं अपनी आंखें पर्वतों की ओर लगाऊंगा। मुझे सहायता कहां से मिलेगी?
Psalms 121:2 मुझे सहायता यहोवा की ओर से मिलती है, जो आकाश और पृथ्वी का कर्ता है।
Psalms 121:3 वह तेरे पांव को टलने न देगा, तेरा रक्षक कभी न ऊंघेगा।
Psalms 121:4 सुन, इस्राएल का रक्षक, न ऊंघेगा और न सोएगा।
Psalms 121:5 यहोवा तेरा रक्षक है; यहोवा तेरी दाहिनी ओर तेरी आड़ है।
Psalms 121:6 न तो दिन को धूप से, और न रात को चांदनी से तेरी कुछ हानि होगी।
Psalms 121:7 यहोवा सारी विपत्ति से तेरी रक्षा करेगा; वह तेरे प्राण की रक्षा करेगा।
Psalms 121:8 यहोवा तेरे आने जाने में तेरी रक्षा अब से ले कर सदा तक करता रहेगा।


एक साल में बाइबल: 
  • भजन 79-80
  • रोमियों 11:1-18



शुक्रवार, 27 अप्रैल 2018

अनिश्चित – निश्चित



   हमारा पुत्र एक व्यावसायिक मछुआरा है। कुछ समय पहले उसने हमें मछली पकड़ने जाने के समय की एक फोटो भेजी, जिसमें उनकी नौका से कुछ आगे एक अन्य छोटी नौका दो चट्टानों के मध्य स्थित संकरे जल-मार्ग से होकर निकल रही है, क्षितिज पर आते हुए तूफ़ान का अंदेशा देने वाले काले घने बादल छाए हुए हैं, और उस छोटी नौका के ऊपर, एक से दूसरी चट्टान तक एक मेघधनुष खिला हुआ है, मानो परमेश्वर के प्रेम, सुरक्षा, और देखभाल के विषय उस छोटी नौका के नाविकों को आश्वस्त कर रहा हो।

   मुझे लगा कि यह फोटो, इस धरती की हमारी जीवन यात्रा को प्रतिबिंबित करती है, जहाँ हम अनजाने भविष्य की ओर जा रहे हैं, परिस्थितयों और परेशानियों की चट्टानें तथा तूफ़ान हमारे आस-पास हैं, परन्तु साथ ही परमेश्वर के लगातार बनी हुई उपस्थिति तथा देख-भाल का प्रत्यक्ष आश्वासन भी हमारे साथ है।

   प्रभु यीशु के शिष्यों को भी प्रभु के साथ होते हुए तूफ़ान का सामना करना पड़ा था, और प्रभु ने उस अवसर का सदुपयोग करते हुए उन्हें परमेश्वर की सामर्थ्य तथा विश्वासयोग्यता के विषय बहुमूल्य शिक्षा प्रदान की थी (मत्ती 8:23-27)। हम जीवन की अनिश्चितताओं के लिए उत्तर खोजते हैं। हम भविष्य को और निकट आते हुए देखते हैं, और सोचते हैं कि वहाँ हमारे लिए क्या रखा हुआ है? धर्मनिष्ठ कवि जौन केबले ने अपनी एक कविता में इस भाव को लिया और कहा, “यह देखने की प्रतीक्षा में हूँ कि परमेश्वर क्या करेगा।”

   हमारी आयु चाहे कुछ भी हो, जवान हों अथवा बूढे, हम सब के सामने, हमारी दृष्टि में अनिश्चित भविष्य है। परन्तु स्वर्ग से परमेश्वर का आश्वासन है कि प्रत्येक परोस्थिति और परेशानी में उसकी भलाई और सुरक्षा हमारे चारों ओर बनी रहती है। हम भरोसे के साथ उस अनिश्चित प्रतीत होने वाले भविष्य में से भी निश्चित भलाई के प्रति आश्वस्त रह सकते हैं।


हम परमेश्वर की विश्वासयोग्यता से ढांपे हुए 
अनिश्चित लगने वाले भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं।

क्योंकि यहोवा की यह वाणी है, कि जो कल्पनाएं मैं तुम्हारे विषय करता हूँ उन्हें मैं जानता हूँ, वे हानि की नहीं, वरन कुशल ही की हैं, और अन्त में तुम्हारी आशा पूरी करूंगा। - यिर्मयाह 29:11

बाइबल पाठ: मत्ती 8:23-27
Matthew 8:23 जब वह नाव पर चढ़ा, तो उसके चेले उसके पीछे हो लिए।
Matthew 8:24 और देखो, झील में एक ऐसा बड़ा तूफान उठा कि नाव लहरों से ढंपने लगी; और वह सो रहा था।
Matthew 8:25 तब उन्होंने पास आकर उसे जगाया, और कहा, हे प्रभु, हमें बचा, हम नाश हुए जाते हैं।
Matthew 8:26 उसने उन से कहा; हे अल्पविश्वासियों, क्यों डरते हो? तब उसने उठ कर आन्‍धी और पानी को डांटा, और सब शान्‍त हो गया।
Matthew 8:27 और लोग अचम्भा कर के कहने लगे कि यह कैसा मनुष्य है, कि आन्‍धी और पानी भी उस की आज्ञा मानते हैं।
                                                 

एक साल में बाइबल: 
  • 1 राजा 1-2
  • लूका 19:28-48



रविवार, 31 दिसंबर 2017

नज़र


   अपनी पुस्तक On The Wing में ऐलेन टेनेंट ने बाज़ पक्षी के प्रवसन पर नज़र रखने के अपने प्रयासों का ब्यौरा दिया है। ये पक्षी अपनी सुन्दरता, तीव्रता और बल के लिए जाने जाते हैं तथा शिकार के लिए राजाओं और नवाबों के साथ रखे जाते रहे हैं। परन्तु 1950 के दशक में डी.डी.टी. नामक कीटनाशक के प्रभाव के कारण, इन पक्षियों के प्रजनन में बाधा आई और इनकी संख्या इतनी अधिक घट गई, कि इन्हें विलुप्तप्रायः जीवों की सूचि में रखा गया। इन पक्षियों के पुनः संख्या वृद्धि में रुचि रखने वाले टेनेंट ने कुछ बाज़ पक्षियों पर रेडियो ट्रांसमिटर लगा कर उनके प्रवसन मार्गों और नमूनों की जानकारी जमा करनी चाही। परन्तु जब वह और उसका साथी वायुयान चालक रेडियो ट्रांसमिटर लगे पक्षियों के पीछे अपने सेसना विमान से उड़ने लगे तो उन्होंने पाया कि बारंबार उन्हें रेडियो सिगनल मिलने बन्द हो जाते थे। उन्नत टेक्नौलोजी के प्रयोग के बावजूद, जिन पक्षियों की वे सहायता करना चाहते थे, उन पर पूरी तरह से नज़र नहीं रख पा रहे थे।

   हम मसीही विश्वासियों के लिए यह निश्चिन्त और आश्वस्त रहने की बात है कि जिस प्रभु परमेश्वर पर हम विश्वास करते हैं, जिसके हाथों में हमने अपना जीवन समर्पित किया है, हम कभी उसकी नज़रों से ओझल नहीं होते हैं; वह सदा हमारी चिंता और देखभाल करता है, हम पर अपनी नज़र बनाए रखता है। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु मसीह ने कहा: "क्या पैसे मे दो गौरैये नहीं बिकतीं? तौभी तुम्हारे पिता की इच्छा के बिना उन में से एक भी भूमि पर नहीं गिर सकती। तुम्हारे सिर के बाल भी सब गिने हुए हैं। इसलिये, डरो नहीं; तुम बहुत गौरैयों से बढ़कर हो" (मत्ती 10:29-31)।

   जब भी हम कठिनाईयों में पड़ें, भय और आशंका द्वारा शैतान हमारे मनों में डालना चाहे कि परमेश्वर हमारी परिस्थिति से अवगत नहीं है, या हमारी चिंता नहीं करता है, तो प्रभु यीशु की शिक्षाएं हमें आश्वस्त करती हैं कि परमेश्वर हम से बहुत प्रगाढ़ प्रेम करता है, और सभी बातें, सभी परिस्थितियाँ, हर समय उसके नियंत्रण में रहती हैं। वह हमारी हर बात, हर कठिनाई, हर परिस्थिति से सदैव अवगत रहता है, उसकी नज़र हम पर सदा बनी रहती है। - डैनिस फिशर


यदि परमेश्वर पक्षियों की चिंता करता है, 
तो क्या अपनी सन्तान की चिंता नहीं करेगा?

तुम किसी ऐसी परीक्षा में नहीं पड़े, जो मनुष्य के सहने से बाहर है: और परमेश्वर सच्चा है: वह तुम्हें सामर्थ्य से बाहर परीक्षा में न पड़ने देगा, वरन परीक्षा के साथ निकास भी करेगा; कि तुम सह सको। - 1 कुरिन्थियों 10:13

बाइबल पाठ: मत्ती 10:26-31
Matthew 10:26 सो उन से मत डरना, क्योंकि कुछ ढपा नहीं, जो खोला न जाएगा; और न कुछ छिपा है, जो जाना न जाएगा। 
Matthew 10:27 जो मैं तुम से अन्धियारे में कहता हूं, उसे उजियाले में कहो; और जो कानों कान सुनते हो, उसे कोठों पर से प्रचार करो। 
Matthew 10:28 जो शरीर को घात करते हैं, पर आत्मा को घात नहीं कर सकते, उन से मत डरना; पर उसी से डरो, जो आत्मा और शरीर दोनों को नरक में नाश कर सकता है। 
Matthew 10:29 क्या पैसे मे दो गौरैये नहीं बिकतीं? तौभी तुम्हारे पिता की इच्छा के बिना उन में से एक भी भूमि पर नहीं गिर सकती। 
Matthew 10:30 तुम्हारे सिर के बाल भी सब गिने हुए हैं। 
Matthew 10:31 इसलिये, डरो नहीं; तुम बहुत गौरैयों से बढ़कर हो। 

एक साल में बाइबल: 
  • मलाकी 1-4
  • प्रकाशितवाक्य 22


बुधवार, 30 अगस्त 2017

सत्यापित


   मुझे और मेरे मित्रों को ईमेल के द्वारा एक सूचना प्राप्त हुई - एक घातक मकड़ा अमेरिका में आ गया है और लोगों को मार रहा है। उस सूचना में, उसे सच्चा जताने के लिए, कई वैज्ञानिक संज्ञाएं और जीवन की वास्तविक परिस्थितियाँ भी दी गईं थीं, जिससे सूचना सच्ची लग रही थी। परन्तु जब मैंने उस सूचना की पुष्टि के लिए इंटरनैट पर कुछ भरोसे मंद वेबसाईट्स पर खोज की तो पता चला कि वह सच्ची नहीं थी, इंटरनैट पर फैलाए जाने वाले धोखों में से एक थी। यह सच्चाई एक विश्वासयोग्य स्त्रोत से पुष्टि के द्वारा ही स्पष्ट हो पाई।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में हम पाते हैं कि प्रथम ईसवीं में, मकिदूनिया के कुछ मसीही विश्वासियों ने भी जो प्रचार वे सुन रहे थे, उसे सत्यापित करने के महत्व को समझा, जिसके लिए बाइबल में उनकी प्रशंसा की गई: "ये लोग तो थिस्सलुनीके के यहूदियों से भले थे और उन्होंने बड़ी लालसा से वचन ग्रहण किया, और प्रति दिन पवित्र शास्‍त्रों में ढूंढ़ते रहे कि ये बातें यों ही हैं, कि नहीं" (प्रेरितों 17:11)। बेरिया में रहने वाले वे विश्वासी प्रेरित पौलुस से प्रभु का सन्देश सुनते थे, परन्तु साथ ही वे जाकर उस सन्देश को परमेश्वर के वचन के तब उपलब्ध पुराने नियम खण्ड से सत्यापित भी करते थे। संभवतः पौलुस उन्हें बता रहा था कि पुराने नियम में यह लिखा गया है कि मसीहा दुःख उठाएगा और लोगों के पापों के लिए मारा जाएगा। परन्तु वे स्वयं मूल स्त्रोत से आश्वस्त हो जाना चाहते थे कि जो कहा जा रहा है वह सत्य है।

   जब कभी भी हम ऐसे आत्मिक विचारों या शिक्षाओं को सुनें जो हमें विचलित करें या अटपटी लगें, तो हमें सचेत हो जाना चाहिए। हमें स्वयं पवित्र-शास्त्र से खोजना चाहिए, भरोसेमंद स्त्रोतों से पता करना चाहिए, उसके विषय सही निर्णय करने के लिए प्रार्थना में प्रभु यीशु से बुद्धिमता माँगनी चाहिए। प्रत्येक आत्मिक शिक्षा को सत्यापित करके, तब ही उसे ग्रहण करना चाहिए। - डेव ब्रैनन

परमेश्वर का सत्य हर प्रकार की जाँच में खरा ही उतरेगा।

सब बातों को परखो: जो अच्छी है उसे पकड़े रहो। - 1 थिस्सलुनीकियों 5:21

बाइबल पाठ: प्रेरितों 17:10-13, 1 यूहन्ना 4:1-6
Acts 17:10 भाइयों ने तुरन्त रात ही रात पौलुस और सीलास को बिरीया में भेज दिया: और वे वहां पहुंचकर यहूदियों के आराधनालय में गए। 
Acts 17:11 ये लोग तो थिस्सलुनीके के यहूदियों से भले थे और उन्होंने बड़ी लालसा से वचन ग्रहण किया, और प्रति दिन पवित्र शास्‍त्रों में ढूंढ़ते रहे कि ये बातें यों ही हैं, कि नहीं। 
Acts 17:12 सो उन में से बहुतों ने, और यूनानी कुलीन स्‍त्रियों में से, और पुरूषों में से बहुतेरों ने विश्वास किया। 
Acts 17:13 किन्‍तु जब थिस्सलुनीके के यहूदी जान गए, कि पौलुस बिरीया में भी परमेश्वर का वचन सुनाता है, तो वहां भी आकर लोगों को उकसाने और हलचल मचाने लगे। 

1 John 4:1 हे प्रियों, हर एक आत्मा की प्रतीति न करो: वरन आत्माओं को परखो, कि वे परमेश्वर की ओर से हैं कि नहीं; क्योंकि बहुत से झूठे भविष्यद्वक्ता जगत में निकल खड़े हुए हैं। 
1 John 4:2 परमेश्वर का आत्मा तुम इसी रीति से पहचान सकते हो, कि जो कोई आत्मा मान लेती है, कि यीशु मसीह शरीर में हो कर आया है वह परमेश्वर की ओर से है। 
1 John 4:3 और जो कोई आत्मा यीशु को नहीं मानती, वह परमेश्वर की ओर से नहीं; और वही तो मसीह के विरोधी की आत्मा है; जिस की चर्चा तुम सुन चुके हो, कि वह आने वाला है: और अब भी जगत में है। 
1 John 4:4 हे बालको, तुम परमेश्वर के हो: और तुम ने उन पर जय पाई है; क्योंकि जो तुम में है, वह उस से जो संसार में है, बड़ा है। 
1 John 4:5 वे संसार के हैं, इस कारण वे संसार की बातें बोलते हैं, और संसार उन की सुनता है। 
1 John 4:6 हम परमेश्वर के हैं: जो परमेश्वर को जानता है, वह हमारी सुनता है; जो परमेश्वर को नहीं जानता वह हमारी नहीं सुनता; इसी प्रकार हम सत्य की आत्मा और भ्रम की आत्मा को पहचान लेते हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 129-131
  • 1 कुरिन्थियों 11:1-16


रविवार, 4 जून 2017

एकाकी


   एक मित्र ने, जिसके जीवन में एकाकीपन के साथ संघर्ष चल रहा था, अपने फेसबुक पृष्ठ पर लिखा, "ऐसा नहीं है कि क्योंकि मेरे कोई मित्रगण नहीं हैं इसलिए मैं एकाकी अनुभव करती हूँ। मेरे बहुत से मित्र हैं। मैं जानती हूँ कि मेरे बहुत से साथी हैं जो मुझे थामेंगे, मुझे आश्वस्त करेंगे, मेरे साथ बातचीत करेंगे, मेरे बारे में चिंता करेंगे और मेरी देखभाल करेंगे। परन्तु वे हमेशा मेरे साथ बने नहीं रह सकते हैं।"

   प्रभु यीशु इस प्रकार के एकाकीपन को समझते हैं। मेरा विचार है कि इस पृथ्वी पर अपनी सेवकाई के दिनों में प्रभु ने यह एकाकीपन कोढ़ियों की आँखों और अन्धों की आवाज़ में देखा था। लेकिन इस भी बढ़कर उन्होंने स्वयं इसे अनुभव किया जब उनके निकट साथी उन्हें छोड़कर भाग गए (मरकुस 14:50)।

   परन्तु जैसा उन्होंने अपने साथियों द्वारा छोड़े जाने की भविष्यवाणी की थी, वैसे ही प्रभु ने परमेश्वर पिता की साथ बनी रहने वाली उपस्थिति के आश्वासन के बारे में भी कहा था। प्रभु ने अपने शिष्यों से कहा: "देखो, वह घड़ी आती है वरन आ पहुंची कि तुम सब तित्तर बित्तर हो कर अपना अपना मार्ग लोगे, और मुझे अकेला छोड़ दोगे, तौभी मैं अकेला नहीं क्योंकि पिता मेरे साथ है" (यूहन्ना 16:32)। यह कहने के कुछ समय के पश्चात उन्होंने हमारे लिए क्रूस उठा लिया और उस पर हमारे पापों को अपने ऊपर लिए वे बलिदान हो गए। अपने इस बलिदान के द्वारा उन्होंने हमारे लिए संभव कर दिया कि हमारा मेल-मिलाप परमेश्वर पिता के साथ पुनः स्थापित हो सके, हम परमेश्वर के परिवार के सदस्य बन सकें।

   मनुष्य होने के नाते हमें एकाकीपन के समयों से होकर निकलना पड़ेगा; परन्तु प्रभु यीशु हमें यह समझने में सहायता करते हैं कि उस एकाकीपन में भी पिता परमेश्वर की उपस्थिति सदा हमारे साथ बनी रहेगी। परमेश्वर सर्वव्यापी और शाश्वत है; केवल वह ही है जो सदा हमारे साथ बना रह सकता है। इसलिए जो भी स्वेच्छा से प्रभु यीशु पर लाए गए विश्वास और पापों के लिए पश्चाताप के द्वारा परमेश्वर के परिवार का अंग बन गया है, वह कभी भी एकाकी नहीं होगा। - पो फैंग चिया


यदि आप प्रभु यीशु के हैं तो आप एकाकी कभी नहीं हो सकते हैं।

तुम्हारा स्‍वभाव लोभरिहत हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्योंकि उसने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा। - इब्रानियों 13:5

बाइबल पाठ: मरकुस 14:32-50
Mark 14:32 फिर वे गतसमने नाम एक जगह में आए, और उसने अपने चेलों से कहा, यहां बैठे रहो, जब तक मैं प्रार्थना करूं। 
Mark 14:33 और वह पतरस और याकूब और यूहन्ना को अपने साथ ले गया: और बहुत ही अधीर, और व्याकुल होने लगा। 
Mark 14:34 और उन से कहा; मेरा मन बहुत उदास है, यहां तक कि मैं मरने पर हूं: तुम यहां ठहरो, और जागते रहो। 
Mark 14:35 और वह थोड़ा आगे बढ़ा, और भूमि पर गिरकर प्रार्थना करने लगा, कि यदि हो सके तो यह घड़ी मुझ पर से टल जाए। 
Mark 14:36 और कहा, हे अब्‍बा, हे पिता, तुझ से सब कुछ हो सकता है; इस कटोरे को मेरे पास से हटा ले: तौभी जैसा मैं चाहता हूं वैसा नहीं, पर जो तू चाहता है वही हो। 
Mark 14:37 फिर वह आया, और उन्हें सोते पाकर पतरस से कहा; हे शमौन तू सो रहा है? क्या तू एक घड़ी भी न जाग सका? 
Mark 14:38 जागते और प्रार्थना करते रहो कि तुम परीक्षा में न पड़ो: आत्मा तो तैयार है, पर शरीर दुर्बल है। 
Mark 14:39 और वह फिर चला गया, और वही बात कहकर प्रार्थना की। 
Mark 14:40 और फिर आकर उन्हें सोते पाया, क्योंकि उन की आंखे नींद से भरी थीं; और नहीं जानते थे कि उसे क्या उत्तर दें। 
Mark 14:41 फिर तीसरी बार आकर उन से कहा; अब सोते रहो और विश्राम करो, बस, घड़ी आ पहुंची; देखो मनुष्य का पुत्र पापियों के हाथ पकड़वाया जाता है। 
Mark 14:42 उठो, चलें: देखो, मेरा पकड़वाने वाला निकट आ पहुंचा है।
Mark 14:43 वह यह कह ही रहा था, कि यहूदा जो बारहों में से था, अपने साथ महायाजकों और शास्‍त्रियों और पुरनियों की ओर से एक बड़ी भीड़ तलवारें और लाठियां लिये हुए तुरन्त आ पहुंची। 
Mark 14:44 और उसके पकड़ने वाले ने उन्हें यह पता दिया था, कि जिस को मैं चूमूं वही है, उसे पकड़ कर यतन से ले जाना। 
Mark 14:45 और वह आया, और तुरन्त उसके पास जा कर कहा; हे रब्बी और उसको बहुत चूमा। 
Mark 14:46 तब उन्होंने उस पर हाथ डालकर उसे पकड़ लिया। 
Mark 14:47 उन में से जो पास खड़े थे, एक ने तलवार खींच कर महायाजक के दास पर चलाई, और उसका कान उड़ा दिया। 
Mark 14:48 यीशु ने उन से कहा; क्या तुम डाकू जानकर मेरे पकड़ने के लिये तलवारें और लाठियां ले कर निकले हो? 
Mark 14:49 मैं तो हर दिन मन्दिर में तुम्हारे साथ रहकर उपदेश दिया करता था, और तब तुम ने मुझे न पकड़ा: परन्तु यह इसलिये हुआ है कि पवित्र शास्त्र की बातें पूरी हों। 
Mark 14:50 इस पर सब चेले उसे छोड़कर भाग गए।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 इतिहास 21-22
  • यूहन्ना 14


शनिवार, 4 मार्च 2017

आश्वस्त


   ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के अनुसार, यूरोप की चट्टानों मे रहने वाली चीटियाँ अपने निवास स्थान संबंधित माप-दण्डों और उनका विश्लेषण करने में संभवतः हम मनुष्यों से बेहतर हैं। उन शोधकर्ताओं ने पाया कि वे चीटियाँ अपने रहने के स्थान के बारे में जानकारी एकत्रित करने के लिए विशेष गुप्तचर चीटियों का उपयोग करती रहती हैं। वैज्ञानिकों को भी स्तब्ध कर देने वाले सामाजिक जीवन कौशल का उपयोग करके वे चट्टानी चीटियाँ साथ-साथ मिलकर कार्य करती हैं जिससे कि वे रहने के लिए सही स्थान, अन्धकार और आवश्यक सुरक्षा का पता लगा सकें और रानी चींटी को और उसके अँडों-लार्वों को सबसे उपयुक्त रहने का स्थान दे सकें।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि मूसा के समय में, इस्त्राएल को रहने-बसने के लिए एक नया स्थान चाहिए था। मिस्त्र में उन्हें कठोर दास्तव का सामना करना पड़ा था जिससे निकलकर वे अब सिनै के बियाबान से होकर यात्रा कर रहे थे, और यह भी बसने के लिए उपयुक्त नहीं था। परमेश्वर उन्हें अपने वायदे के अनुसार एक ऐसे देश में ले कर जा रहा था जहाँ दूध और मधु की नदियाँ बहती थीं; परन्तु उस स्थान से संबंधित, उनकी नज़रों में, एक गंभीर समस्या आ गई थी - इस्त्राएल को जो लोग उस देश के बारे में पता लगाने के लिए गए थे, उन्होंने आकर इस बात की तो पुष्टि की कि वह देश बहुत ही मनोहर, उपजाऊ और संपन्न है; लेकिन साथ ही यह भी बताया कि उस देश में गढ़वाले नगर और दैत्याकार अनाकवंशी भी रहते थे, जिनके समक्ष उन इस्त्राएली भेदियों ने अपने आप को टिड्डियों के समान पाया (गिनती 13:28, 33)। उनकी इस बात से निराश होकर इस्त्राएलियों ने परमेश्वर की कही बात पर अविश्वास किया और उस देश में जाने से इन्कार कर दिया, जो उन्हें फिर बहुत भारी पड़ गया।

   अपनी तुलना परमेश्वर द्वारा बनाए गए अन्य जीवों से करना कभी कभी लभदायक हो सकता है, परन्तु यह तुलना केवल आकार तक ही सीमित नहीं रहनी चाहिए; उन जीवों द्वारा परमेश्वर की आज्ञाकारिता का भी वैसा ही पालन होना चाहिए। यूरोपीय चट्टानी चीटियाँ अपने सृष्टिकर्ता द्वारा उन्हें दिए गए नैसर्गिक गुणों और सहजबुद्धि का पालन करती हैं, और अद्भुत कार्य कर लेती हैं। हम अपने भय और अविश्वास के कारण परमेश्वर की मानने और करने से कतराते रहते हैं और परेशानियों में जीवन व्यतीत करते हैं। जब भी हम आश्वस्त होकर परमेश्वर के प्रेम और हमारी भलाई ही के लिए उसके प्रत्येक कार्य को स्वीकार करके उसकी इच्छा के अनुसार चलते और कार्य करते हैं, हम भी अपने जीवनों में सफल, समृद्ध और उन्नत होते जाते हैं; और हम सच्चे मन से कह सकते हैं, "हे प्रभु, तू पीढ़ी से पीढ़ी तक हमारे लिये धाम बना है" (भजन 90:1)। - मार्ट डी हॉन


अपने आप को परमेश्वर में सुरक्षित और बसा हुआ देखना,
 जीवन के सही स्थान पर होना है।

मेरे लिये सनातन काल की चट्टान का धाम बन, जिस में मैं नित्य जा सकूं; तू ने मेरे उद्धार की आज्ञा तो दी है, क्योंकि तू मेरी चट्टान और मेरा गढ़ ठहरा है। हे मेरे परमेश्वर दुष्ट के, और कुटिल और क्रूर मनुष्य के हाथ से मेरी रक्षा कर। - भजन 71:3-4

बाइबल पाठ: गिनती 13:17-33
Numbers 13:17 उन को कनान देश के भेद लेने को भेजते समय मूसा ने कहा, इधर से, अर्थात दक्षिण देश हो कर जाओ, 
Numbers 13:18 और पहाड़ी देश में जा कर उस देश को देख लो कि कैसा है, और उस में बसे हुए लोगों को भी देखो कि वे बलवान्‌ हैं वा निर्बल, थोड़े हैं वा बहुत, 
Numbers 13:19 और जिस देश में वे बसे हुए हैं सो कैसा है, अच्छा वा बुरा, और वे कैसी कैसी बस्तियों में बसे हुए हैं, और तम्बुओं में रहते हैं वा गढ़ वा किलों में रहते हैं, 
Numbers 13:20 और वह देश कैसा है, उपजाऊ है वा बंजर है, और उस में वृक्ष हैं वा नहीं। और तुम हियाव बान्धे चलो, और उस देश की उपज में से कुछ लेते भी आना। वह समय पहली पक्की दाखों का था। 
Numbers 13:21 सो वे चल दिए, और सीन नाम जंगल से ले रहोब तक, जो हमात के मार्ग में है, सारे देश को देखभाल कर उसका भेद लिया। 
Numbers 13:22 सो वे दक्षिण देश हो कर चले, और हेब्रोन तक गए; वहां अहीमन, शेशै, और तल्मै नाम अनाकवंशी रहते थे। हेब्रोन तो मिस्र के सोअन से सात वर्ष पहिले बसाया गया था। 
Numbers 13:23 तब वे एशकोल नाम नाले तक गए, और वहां से एक डाली दाखों के गुच्छे समेत तोड़ ली, और दो मनुष्य उस एक लाठी पर लटकाए हुए उठा ले चले गए; और वे अनारों और अंजीरों में से भी कुछ कुछ ले आए। 
Numbers 13:24 इस्त्राएली वहां से जो दाखों का गुच्छा तोड़ ले आए थे, इस कारण उस स्थान का नाम एशकोल नाला रखा गया। 
Numbers 13:25 चालीस दिन के बाद वे उस देश का भेद ले कर लौट आए। 
Numbers 13:26 और पारान जंगल के कादेश नाम स्थान में मूसा और हारून और इस्त्राएलियों की सारी मण्डली के पास पहुंचे; और उन को और सारी मण्डली को संदेशा दिया, और उस देश के फल उन को दिखाए। 
Numbers 13:27 उन्होंने मूसा से यह कहकर वर्णन किया, कि जिस देश में तू ने हम को भेजा था उस में हम गए; उस में सचमुच दूध और मधु की धाराएं बहती हैं, और उसकी उपज में से यही है। 
Numbers 13:28 परन्तु उस देश के निवासी बलवान हैं, और उसके नगर गढ़ वाले हैं और बहुत बड़े हैं; और फिर हम ने वहां अनाकवंशियों को भी देखा। 
Numbers 13:29 दक्षिण देश में तो अमालेकी बसे हुए हैं; और पहाड़ी देश में हित्ती, यबूसी, और एमोरी रहते हैं; और समुद्र के किनारे किनारे और यरदन नदी के तट पर कनानी बसे हुए हैं। 
Numbers 13:30 पर कालेब ने मूसा के साम्हने प्रजा के लोगों को चुप कराने की मनसा से कहा, हम अभी चढ़ के उस देश को अपना कर लें; क्योंकि नि:सन्देह हम में ऐसा करने की शक्ति है। 
Numbers 13:31 पर जो पुरूष उसके संग गए थे उन्होंने कहा, उन लोगों पर चढ़ने की शक्ति हम में नहीं है; क्योंकि वे हम से बलवान हैं। 
Numbers 13:32 और उन्होंने इस्त्राएलियों के साम्हने उस देश की जिसका भेद उन्होंने लिया था यह कहकर निन्दा भी की, कि वह देश जिसका भेद लेने को हम गये थे ऐसा है, जो अपने निवासियों निगल जाता है; और जितने पुरूष हम ने उस में देखे वे सब के सब बड़े डील डौल के हैं। 
Numbers 13:33 फिर हम ने वहां नपीलों को, अर्थात नपीली जाति वाले अनाकवंशियों को देखा; और हम अपनी दृष्टि में तो उनके साम्हने टिड्डे के सामान दिखाई पड़ते थे, और ऐसे ही उनकी दृष्टि में मालूम पड़ते थे।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती 31-33
  • मरकुस 9:1-29


शुक्रवार, 25 नवंबर 2016

आश्वस्त


   परिवार के रूप में एकसाथ होने का यह छुट्टी का हमारा आखिरी समय था; इसके पश्चात हमारे सबसे बड़े बेटे ने कॉलेज चले जाना था। समुद्र तट के निकट के उस चर्च में हम एक साथ एक पंक्ति में अन्तिम बेन्च पर बैठे हुए थे, और अपने पाँचों बच्चों को सुव्यवस्थित बैठा देख कर मेरा हृदय प्रेम से भर उठा। आते समय में उन पर आने वाले दबावों और जिन चुनौतियों का उन्हें सामना करना पड़ेगा, उसका विचार करके मैंने मन ही में प्रार्थना करी, "प्रभु, कृपया इन्हें अपने निकट बनाए रखना और इनके आत्मिक जीवन की रक्षा करना।

   चर्च सभा में गाए गए अन्तिम स्तुति-गीत का कोरस बहुत उत्साहवर्धक था, वह परमेश्वर के वचन बाइबल के 2 तिमुथियुस 1:12 पर आधारित था जहाँ लिखा है: "इस कारण मैं इन दुखों को भी उठाता हूं, पर लजाता नहीं, क्योंकि मैं उसे जिस की मैं ने प्रतीति की है, जानता हूं; और मुझे निश्‍चय है, कि वह मेरी थाती की उस दिन तक रखवाली कर सकता है" इस से मुझे बहुत शांति मिली क्योंकि मैं आश्वस्त हुई कि परमेश्वर उनकी आत्माओं की रक्षा करेगा।

   इस बात को कई वर्ष बीत चुके हैं। इस समय में मेरे कुछ बच्चों के लिए इधर-उधर भटकने के, और कुछ के लिए पूर्णतया विद्रोह कर देने के अवसर हुए हैं। कभी कभी परमेश्वर की विश्वासयोग्यता को लेकर मन में संदेह भी आए हैं। ऐसे में मुझे बाइबल का प्रमुख पात्र अब्राहम स्मरण हो आता है; वह परिस्थितियों में पड़कर लड़खड़ाया तो परन्तु परमेश्वर से उसे मिली प्रतिज्ञाओं (उत्पत्ति 15:5-6; रोमियों 4:20-21) में विश्वास को लेकर कभी भी गिरा नहीं। वर्षों की प्रतीक्षा और अपने ही तरीके से परमेश्वर के कार्य को आगे बढ़ाने के असफल प्रयत्नों के बावजूद, अब्राहम परमेश्वर की प्रतिज्ञा को थाम कर चलता रहा जब तक कि इसहाक का जन्म नहीं हो गया।

   भरोसा रखने का स्मरण दिलाने वाली यह बात मुझे प्रोत्साहित करती है। हम प्रार्थना में परमेश्वर के सामने अपने निवेदन रखते हैं। हम स्मरण रखते हैं कि उसे हमारी चिंता रहती है। हम जानते हैं कि वह सर्वसामर्थी है। उसमें भरोसा रखकर हम आश्वस्त रहते हैं कि वह जो भी करेगा हमारी भलाई ही के लिए करेगा। - मेरियन स्ट्राउड


धैर्य के कुछ पाठ सीखने में लंबा समय लगता है।

किसी भी बात की चिन्‍ता मत करो: परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख अपस्थित किए जाएं। तब परमेश्वर की शान्‍ति, जो समझ से बिलकुल परे है, तुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरिक्षत रखेगी। - फिलिप्पियों 4:6-7

बाइबल पाठ: रोमियों 4:16-22
Romans 4:16 इसी कारण वह विश्वास के द्वारा मिलती है, कि अनुग्रह की रीति पर हो, कि प्रतिज्ञा सब वंश के लिये दृढ़ हो, न कि केवल उसके लिये जो व्यवस्था वाला है, वरन उन के लिये भी जो इब्राहीम के समान विश्वास वाले हैं: वही तो हम सब का पिता है। 
Romans 4:17 जैसा लिखा है, कि मैं ने तुझे बहुत सी जातियों का पिता ठहराया है उस परमेश्वर के साम्हने जिस पर उसने विश्वास किया और जो मरे हुओं को जिलाता है, और जो बातें हैं ही नहीं, उन का नाम ऐसा लेता है, कि मानो वे हैं। 
Romans 4:18 उसने निराशा में भी आशा रखकर विश्वास किया, इसलिये कि उस वचन के अनुसार कि तेरा वंश ऐसा होगा वह बहुत सी जातियों का पिता हो। 
Romans 4:19 और वह जो एक सौ वर्ष का था, अपने मरे हुए से शरीर और सारा के गर्भ की मरी हुई की सी दशा जानकर भी विश्वास में निर्बल न हुआ। 
Romans 4:20 और न अविश्वासी हो कर परमेश्वर की प्रतिज्ञा पर संदेह किया, पर विश्वास में दृढ़ हो कर परमेश्वर की महिमा की। 
Romans 4:21 और निश्चय जाना, कि जिस बात की उसने प्रतिज्ञा की है, वह उसे पूरी करने को भी सामर्थी है। 
Romans 4:22 इस कारण, यह उसके लिये धामिर्कता गिना गया।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजेकल 24-26
  • 1 पतरस 2