मेरे घर के पास ही एक फिटनेस केंद्र था जहाँ
वर्षों से मैं जाकर व्यायाम किया करता था। परन्तु पिछले माह वह बन्द हो गया, और
मुझे एक नए जिम में जाकर दाखला लेना पड़ा। व्यायाम का मेरा पहला स्थान स्नेहिल,
मितव्यता वाला स्थान था जहाँ वे लोग आया करते थे जो व्यायाम करते हुए एक दूसरे के
साथ मित्रता के संबंध भी बनाना चाहते थे। हमारे मध्य शायद ही कभी कोई तनाव हुआ
होगा। परन्तु अब जिस नए स्थान पर मैं व्यायाम के लिए जाता हूँ वह शरीर के डील-डौल
बनाने के प्रति गंभीर लोगों का स्थान है, जो बस यही करने में लगे होते हैं। मैं
उन्हें शरीर को बनाने सुधारने के लिए परिश्रम करते हुई देखता हूँ। उनके शरीर तो
बलवंत लगते हैं, परन्तु मैं सोचता हूँ कि क्या उनके हृदय भी अनुग्रह के द्वारा
बलवंत होते जा रहे हैं?
हृदय एक प्रकार की मांस-पेशी है; ऐसी
मांस-पेशी जो अन्य मांस-पेशियों को सक्रीय रखती है। अपनी अन्य मांस-पेशियों को बढ़ाते
और बलवंत करते रहना अच्छा है, परन्तु मुख्य बात है वह प्रशिक्षण लेना जो हृदय को
बलवंत रखने के लिए सही है।
यही बात हमारे आत्मिक हृदय पर भी लागू होती
है। हम इस हृदय को परमेश्वर के वचन बाइबल के संदेश को ग्रहण करके तथा उसकी बातों के
पालन के द्वारा स्वस्थ एवँ हृष्ट-पुष्ट रखते हैं। अपने आत्मिक हृदय को स्वस्थ और
बलवंत रखना हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए, जिसका प्रशिक्षण हमें अन्य सभी
बातों से पहले और बढ़ाकर लेना चाहिए।
प्रेरित पौलुस हमारे साथ सहमत होगा, क्योंकि
उसने कहा था: “पर अशुद्ध और बूढिय़ों की सी कहानियों से अलग रह; और भक्ति के लिये अपना साधन कर। क्योंकि देह की साधना से कम लाभ होता है,
पर भक्ति सब बातों के लिये लाभदायक है, क्योंकि
इस समय के और आने वाले जीवन की भी प्रतिज्ञा इसी के लिये है”
(1 तिमुथियुस 4:7-8)।
परमेश्वर
का प्रशिक्षण हमें विश्वास में विकसित करने के लिए होता है।
नाना
प्रकार के और विचित्र उपदेशों से न भरमाए जाओ, क्योंकि मन का
अनुग्रह से दृढ़ रहना भला है, न कि उन खाने की वस्तुओं से
जिन से काम रखने वालों को कुछ लाभ न हुआ। - इब्रानियों 13:9
बाइबल
पाठ: 1 तिमुथियुस 4:6-11
1 Timothy 4:6 यदि तू भाइयों को इन बातों की सुधि दिलाता रहेगा, तो मसीह यीशु का अच्छा सेवक ठहरेगा: और विश्वास और उस अच्छे उपदेश की
बातों से, जा तू मानता आया है, तेरा
पालन-पोषण होता रहेगा।
1 Timothy 4:7 पर अशुद्ध और बूढिय़ों की सी कहानियों से अलग रह; और भक्ति के लिये अपना साधन कर।
1 Timothy 4:8 क्योंकि देह की साधना से कम लाभ होता है, पर
भक्ति सब बातों के लिये लाभदायक है, क्योंकि इस समय के और
आने वाले जीवन की भी प्रतिज्ञा इसी के लिये है।
1 Timothy 4:9 और यह बात सच और हर प्रकार से मानने के योग्य है।
1 Timothy 4:10 क्योंकि हम परिश्रम और यत्न इसी लिये करते हैं, कि हमारी आशा उस जीवते परमेश्वर पर है; जो सब
मनुष्यों का, और निज कर के विश्वासियों का उद्धारकर्ता है।
1 Timothy 4:11 इन बातों की आज्ञा कर, और सिखाता रह।
एक साल में
बाइबल:
- अय्यूब 32-33
- प्रेरितों 14
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