गीत
गाने से मस्तिष्क में परिवर्तन आते हैं। कुछ अध्ययनों से पता चला है कि जब हम गाते
हैं तो हमारी शरीर में चिन्ता और तनाव को कम करने वाले हार्मोन्स अधिक निकलते हैं।
अन्य शोध में देखा गया है कि जब लोग सामूहिक गान में सम्मिलित होते हैं तो उनकी
हृदय की धडकनें भी एक दूसरे के साथ लय में हो जाती हैं।
परमेश्वर
के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने मसीही विश्वासियों की मंडलियों के लोगों को
प्रोत्साहित किया कि वे भजनों, आत्मिक गीतों और स्तुतिगान में साथ सम्मिलित हों,
और परमेश्वर के धन्यवादी बने रहें (इफिसियों 5:19-20)। और बाइबल में “स्तुति करें”
50 से भी अधिक बार दोहराया गया है।
बाइबल
के पुराने नियम खण्ड के 2 इतिहास 20 में हम परमेश्वर के लोगों द्वारा युद्ध भूमि
में जाते हुए परमेश्वर की आराधना, उसका स्तुतिगान करते हुए आगे बढ़ने के द्वारा
परमेश्वर पर अपना भरोसा व्यक्त करने की घटना के विषय पढ़ते हैं। यहूदा के लोगों की
ओर तीन शत्रु जातियां मिलकर आक्रमण करने के लिए आईं। यहूदा के राजा यहोशापात ने
घबराकर सभी लोगों को एकत्रित किया, और परमेश्वर से गहन प्रार्थना करने में उनकी
अगुवाई के। उन्होंने उपवास रखा, खाना-पीना छोड़कर बस प्रार्थना करने में समय
बिताया, “हे हमारे परमेश्वर, क्या तू उनका न्याय न
करेगा? यह जो बड़ी भीड़ हम पर चढ़ाई कर रही है, उसके साम्हने हमारा तो बस नहीं चलता और हमें हुछ सूझता नहीं कि क्या करना
चाहिये? परन्तु हमारी आंखें तेरी ओर लगी हैं” (पद 12)। परमेश्वर से आश्वासन और निर्देश पाकर वे अगले दिन युद्धभूमि की
ओर निकल पड़े। लेकिन यहूदा की सेना की अगुवाई उनके सर्वोत्तम योद्धा नहीं वरन परमेश्वर
की आराधना और स्तुति गाने वाले लोग कर रहे थे, और वे परमेश्वर का स्तुतिगान करते
हुए शत्रुओं की ओर बढ़ चले। उन्हें परमेश्वर के वायदे पर भरोसा था, कि उन्हें यह
युद्ध लड़ना नहीं पड़ेगा (पद 17)।
जब
वे स्तुतिगान और आराधना करते हुए यूद्ध भूमि की ओर बढ़ रहे थे, उनके विरोध में आने
वाले शत्रु आपस में ही लड़ने लग गए और उन्होंने एक दूसरे को मार डाला। यहूदा के लोगों
के वहाँ पहुंचने तक युद्ध समाप्त हो चुका था; यहूदा के लोगों को युद्ध भूमि में
जाकर उन शत्रुओं के साथ आई ढेर सारी लूट को एकत्रित करने का कार्य शेष रह गया था।
परमेश्वर ने अपने आराधना और स्तुति करने वाले, उसपर भरोसा रखने वाले लोगों न केवल
बचा लिया था, वरन उन्हें बहुत पुरुस्कृत भी किया था।
परमेश्वर
चाहता है कि हम उसकी आराधना और स्तुति करें, और इसमें वह हमारी भलाई चाहता है।
चाहे हम किसी युद्ध भूमि की ओर कूच कर रहे हों अथवा नहीं, परन्तु परमेश्वर की
आराधना करने में हमारे विचारों, मनों, और जीवन को परिवर्तित करने की सामर्थ्य है।
- एमी पीटरसन
जो मन परमेश्वर के साथ लयबद्ध है, वह उसकी
आराधना और स्तुति करेगा।
और आपस में भजन और स्तुतिगान और आत्मिक
गीत गाया करो, और अपने अपने मन में प्रभु के साम्हने गाते और
कीर्तन करते रहो। और सदा सब बातों के लिये हमारे प्रभु यीशु मसीह के नाम से
परमेश्वर पिता का धन्यवाद करते रहो। - इफिसियों 5:19-20
बाइबल पाठ: 2 इतिहास 20:14-22
2 Chronicles 20:14
तब आसाप के वंश में से यहजीएल नाम एक लेवीय जो जकर्याह का पुत्र और बनायाह का पोता
और मत्तन्याह के पुत्र यीएल का परपोता था, उस में मण्डली के
बीच यहोवा का आत्मा समाया।
2 Chronicles 20:15
और वह कहने लगा, हे सब यहूदियो, हे
यरूशलेम के रहनेवालो, हे राजा यहोशापात, तुम सब ध्यान दो; यहोवा तुम से यों कहता है, तुम इस बड़ी भीड़ से मत डरो और तुम्हारा मन कच्चा न हो; क्योंकि युद्ध तुम्हारा नहीं, परमेश्वर का है।
2 Chronicles 20:16
कल उनका साम्हना करने को जाना। देखो वे सीस की चढ़ाई पर चढ़े आते हैं और यरूएल नाम
जंगल के साम्हने नाले के सिरे पर तुम्हें मिलेंगे।
2 Chronicles 20:17
इस लड़ाई में तुम्हें लड़ना न होगा; हे यहूदा, और हे यरूशलेम, ठहरे रहना, और
खड़े रह कर यहोवा की ओर से अपना बचाव देखना। मत डरो, और
तुम्हारा मन कच्चा न हो; कल उनका साम्हना करने को चलना और
यहोवा तुम्हारे साथ रहेगा।
2 Chronicles 20:18
तब यहोशापात भूमि की ओर मुंह कर के झुका और सब यहूदियों और यरूशलेम के निवासियों
ने यहोवा के साम्हने गिर के यहोवा को दण्डवत किया।
2 Chronicles 20:19
और कहातियों और कोरहियों में से कुछ लेवीय खड़े हो कर इस्राएल के परमेश्वर यहोवा
की स्तुति अत्यन्त ऊंचे स्वर से करने लगे।
2 Chronicles 20:20
बिहान को वे सबेरे उठ कर तकोआ के जंगल की ओर निकल गए; और
चलते समय यहोशापात ने खड़े हो कर कहा, हे यहूदियो, हे यरूशलेम के निवासियो, मेरी सुनो, अपने परमेश्वर यहोवा पर विश्वास रखो, तब तुम स्थिर
रहोगे; उसके नबियों की प्रतीत करो, तब
तुम कृतार्थ हो जाओगे।
2 Chronicles 20:21
तब उसने प्रजा के साथ सम्मति कर के कितनों को ठहराया, जो कि
पवित्रता से शोभायमान हो कर हथियारबन्दों के आगे आगे चलते हुए यहोवा के गीत गाएं,
और यह कहते हुए उसकी स्तुति करें, कि यहोवा का
धन्यवाद करो, क्योंकि उसकी करुणा सदा की है।
2 Chronicles 20:22
जिस समय वे गाकर स्तुति करने लगे, उसी समय यहोवा ने
अम्मोनियों, मोआबियों और सेईर के पहाड़ी देश के लोगों पर जो
यहूदा के विरुद्ध आ रहे थे, घातकों को बैठा दिया और वे मारे
गए।
एक साल में बाइबल:
- 2 इतिहास 32-33
- यूहन्ना 18:19-40
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