बहुत
वर्षों तक हमारे पास ‘वेस्ट हाइलैंड टेरियर’जाती का एक पालतू कुत्ता था। इस प्रकार
के कुत्ते बहुत मज़बूत होते हैं, उन्हें शिकार के लिए इस नसल का बनाया गया है जिससे
वे बिज्जू और अन्य जानवरों के बिलों में घुसकर उन्हें पकड़ सकें। हमारा कुत्ता अपनी
नसल के मूल कुत्तों से अनेकों पीढ़ी बाद का था, परन्तु फिर भी उसमें वही प्रवृत्ति
थी जो अनेकों वर्षों तक प्रजनन के द्वारा उनमें लाई गई थी। एक बार वह हमारे घर के
पीछे के आंगन में एक पत्थर के नीचे छिपे किसी जानवर के पीछे पड़ गया, और उसे पकड़ने
के लिए उस पत्थर के नीचे खोदने लगा, और कई फीट तक खोदता ही गया।
अब
मेरे प्रश्न पर विचार कीजिए: हम मनुष्य क्यों किसी बात के पीछे पड़कर, फिर उसे पा
लेने के लिए उसके पीछे पड़े ही रहते हैं? क्यों हमें उन पहाड़ों पर चढ़ना ही होता है
जिनपर कोई और नहीं चढ़ा है; उन बर्फीली खड़ी ढलानों पर स्की करना ही होता है; सबसे
खतरनाक पहाड़ी नदियों में होकर नौका चलानी ही होती है; प्रकृति के बल को चुनौतियां
देनी ही होती हैं? इस लालसा का कुछ भाग तो रोमांच और आनन्द की अभिलाषा के कारण है,
परन्तु इससे बढ़कर भी कुछ है। यह परमेश्वर के प्रति हमारी प्रवृत्ति है जो हम में
डाली गई है। ऐसा हो ही नहीं सकता है कि हम परमेश्वर को पाने की लालसा न रखें।
अवश्य
ही हम इसे पहिचानते नहीं हैं; हमें बस इतना पता होता है कि हमें किसी बात की लालसा
है। मार्क ट्वेन ने कहा, “आप यह नहीं जानते हैं कि आपको क्या चाहिए; परन्तु आप
उसकी इतनी तीव्र लालसा रखते हैं कि उसके लिए आप मृत्यु का जोखिम भी उठा लेते हैं।”
हमारा हृदय ही परमेश्वर का सच्चा घर है। जैसे कि चर्च के फादर अगस्टिन ने, उनके
प्रसिद्ध कथन में, कहा है: “हे प्रभु आपने हमें अपने लिए बनाया है, और हमारे हृदय
तब तक बेचैन रहते हैं जब तक कि वे आप में चैन न पा लें।”
और
हृदय क्या है? वह हमारे अन्दर का एक गहरा रिक्त स्थान है जिसे केवल परमेश्वर ही भर
सकता है। - डेविड रोपर
हमारी सभी गहरी लालसाओं के पीछे, परमेश्वर
के प्रति हमारी गहरी लालसा है।
आहा! परमेश्वर का धन और बुद्धि और ज्ञान
क्या ही गंभीर है! उसके विचार कैसे अथाह, और उसके मार्ग कैसे
अगम हैं! – रोमियों 11:33
बाइबल पाठ: सभोपदेशक 3:10-11
Ecclesiastes 3:10 मैं ने उस दु:खभरे काम
को देखा है जो परमेश्वर ने मनुष्यों के लिये ठहराया है कि वे उस में लगे रहें।
Ecclesiastes 3:11 उसने सब कुछ ऐसा बनाया
कि अपने अपने समय पर वे सुन्दर होते है; फिर उसने मनुष्यों
के मन में अनादि-अनन्त काल का ज्ञान उत्पन्न किया है, तौभी
काल का ज्ञान उत्पन्न किया है, वह आदि से अन्त तक मनुष्य बूझ
नहीं सकता।
एक साल में बाइबल:
- यहेजकेल 22-23
- 1 पतरस 1
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल मंगलवार (26-11-2019) को "बिकते आज उसूल" (चर्चा अंक 3531) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'