जब
सियु फेन को पता चला कि उसके गुर्दों ने काम करना बन्द कर दिया है, और इस कारण उसे अपनी शेष सारी उम्र डायलिसिस करवाते रहना पड़ेगा, तो उसने
हार मान कर बैठ जाना चाहा। वह अकेली थी, सेवा निवृत्त हो
चुकी थी, और लम्बे समय से प्रभु यीशु मसीह में विश्वास करती
थी, इसलिए उसे मृत्योपरांत अपने अनन्त जीवन को लेकर कोई अनिश्चितता या भय नहीं था,
और वह अपने जीवन को कृत्रिम साधनों से लंबा खींचने में कोई उद्देश्य नहीं समझ रही
थी। फिर भी उसके मित्रों ने उसे समझाया और तैयार किया कि वह डायलिसिस के लिए जाए, और परमेश्वर द्वारा सहायता मिलते रहने की आशा बनाए रखे।
दो
वर्ष के बाद, उसने अपने इन अनुभवों को तब काम का होते
देखा, जब वह अपने चर्च के एक मित्र से मिलने गई, जिसे शरीर
को दुर्बल कर देने की बीमारी थी। वह महिला अपने आप को अकेली अनुभव कर रही थी, क्योंकि शायद ही कोई था जो उसकी तकलीफ और जिस परिस्थिति से होकर वह निकल
रही थी, समझ पा रहा था। किन्तु सियु फेन को उसके शारीरिक और
भावनात्मक पीड़ा को समझ पाने में कोई कठिनाई नहीं हुई, और वह उस
महिला के साथ उसके दुखों में व्यक्तिगत रीति से संबंधित हो सकी। सियु फेन के अपने
अनुभवों ने उसे उस महिला के साथ चल पाने, और ऐसी शान्ति तथा ढाढ़स दे पाने के लिए
सक्षम किया जो कोई और नहीं दे पा रहा था। सियु फेन ने कहा,
“अब मैं देखने पाती हूँ कि इसमें भी परमेश्वर का उद्देश्य है और वह मुझे अभी भी
प्रयोग कर सकता है।”
हमें
दुखों का सामना क्यों करना पड़ता है, यह समझना कठिन हो सकता
है। लेकिन परमेश्वर हमारे दुखों और सम्बन्धित अनुभवों का प्रयोग अनपेक्षित तरीकों
से कर सकता है। जब हम अपने परीक्षाओं और परेशानियों के मध्य में परमेश्वर की ओर
उसके ढाढ़स, शान्ति, और प्रेम के लिए मुड़ते हैं, तो यह हमें
औरों की सहायता करने के लिए भी सक्षम कर सकता है। इसीलिए परमेश्वर के वचन बाइबल
में हम देखते हैं कि पौलुस ने भी अपने दुखों में एक उद्देश्य देखा; उन दुखों से उसे अवसर मिला कि वह परमेश्वर के ढाढ़स और शान्ति को प्राप्त
करे, जिसे वह फिर औरों को आशीष देने के लिए प्रयोग कर सकता था (2 कुरिन्थियों
1:3-5)।
हमें
अपने दुखों और परेशानियों की अवहेलना करने के लिए नहीं कहा गया है, परन्तु उनमें परमेश्वर के उद्देश्यों को समझने के लिए कहा गया है; उन
उद्देश्यों को जिनसे परमेश्वर औरों की भलाई करवा सकता है। - लेस्ली कोह
हे प्रभु मैं हर परिस्थिति में आपके प्रति भरोसे को बनाए रखूँ;
और हर परिस्थिति का उपयोग आपके उद्देश्यों
की पूर्ति के लिए करूं।
और हम जानते हैं, कि जो लोग
परमेश्वर से प्रेम रखते हैं,
उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं
के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं। - रोमियों 8:28
बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 1:3-7
2 कुरिन्थियों 1:3 हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर, और पिता
का धन्यवाद हो, जो दया का पिता,
और सब प्रकार की शान्ति का परमेश्वर है।
2 कुरिन्थियों 1:4 वह हमारे सब क्लेशों में शान्ति देता है; ताकि हम
उस शान्ति के कारण जो परमेश्वर हमें देता है, उन्हें भी शान्ति दे सकें, जो किसी प्रकार के क्लेश में हों।
2 कुरिन्थियों 1:5 क्योंकि जैसे मसीह के दुख हम को अधिक होते
हैं, वैसे ही हमारी शान्ति भी मसीह के द्वारा अधिक होती है।
2 कुरिन्थियों 1:6 यदि हम क्लेश पाते हैं, तो यह तुम्हारी
शान्ति और उद्धार के लिये है और यदि शान्ति पाते हैं, तो यह तुम्हारी
शान्ति के लिये है;
जिस के प्रभाव से तुम धीरज के साथ उन क्लेशों को सह लेते हो, जिन्हें
हम भी सहते हैं।
2 कुरिन्थियों 1:7 और हमारी आशा तुम्हारे विषय में दृढ़ है; क्योंकि
हम जानते हैं, कि तुम जैसे दुखों के वैसे ही शान्ति के भी सहभागी हो।
एक साल में बाइबल:
- गिनती 28-30
- मरकुस 8:22-38
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