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रविवार, 12 दिसंबर 2010

प्रार्थना का बोझ

अपने बाइबल अध्ययन में हम इफिसियों ४:१७-२४ ऊंची आवाज़ में पढ़ रहे थे, कि अलीसा रोने लगी। हम उसके रोने से विसमित थे और उसके रोने का कारण जानना चाहते। जब उसका रोना बंद हुआ तो उसने बताया कि "मैं रोई क्योंकि इस खंड को ऊंची आवाज़ में सुनने से मुझे पाप की दशा में खोए हुए लोगों की दशा समझ में आई। वे न केवल परमेश्वर से दूर हैं, वरन उसके बारे में अंधे भी हैं! इससे मेरा दिल टूट गया।

बाद में एक अन्य व्यक्ति ने लज्जित होकर कहा कि उसे ग्लानि हुई क्योंकि मसीह पर विश्वास न रखने वालों के विषय में सोच कर वह कभी उदास नहीं हुआ, अपितु हाल ही में वह उन पर परमेश्वर के आने वाले न्याय को लेकर उत्तेजित था।

प्रेरित पौलुस ने पाप और अविश्वास में खोए हुओं की दशा के बारे में लिखा: "... उनकी बुद्धि अन्‍धेरी हो गई है और उस अज्ञानता के कारण जो उन में है और उनके मन की कठोरता के कारण वे परमेश्वर के जीवन से अलग किए हुए हैं।" (इफिसियों ४:१८) एक अन्य स्थान पर पौलुस ने अपने अविश्वासी देशवासियों के लिये, क्योंकि उन्होंने मसीह के प्रेम को नहीं जाना था, लिखा: "मैं मसीह में सच कहता हूं, झूठ नहीं बोलता और मेरा विवेक भी पवित्र आत्मा में गवाही देता है कि मुझे बड़ा शोक है, और मेरा मन सदा दुखता रहता है। क्‍योंकि मैं यहां तक चाहता था, कि अपने भाईयों, के लिये जो शरीर के भाव से मेरे कुटुम्बी हैं, आप ही मसीह से शापित हो जाता।" (रोमियों ९:१-३)

मसीह के प्रति अविश्वासियों की दशा के बारे में सोचने से यदि हम दुखी हो सकते हैं, तो हमें उनके संबंध में परमेश्वर के हृदय पर भी ध्यान करना चाहिये, जिसने कहा: " सो तू ने उन से यह कह, परमेश्वर यहोवा की यह वाणी है, मेरे जीवन की सौगन्ध, मैं दुष्ट के मरने से कुछ भी प्रसन्न नहीं होता, परन्तु इस से कि दुष्ट अपने मार्ग से फिरकर जीवित रहे। हे इस्राएल के घराने, तुम अपने अपने बुरे मार्ग से फिर जाओ; तुम क्यों मरो?" (यहेजेकेल ३३:११)

लोगों को दुष्टों के प्रति परमेश्वर के न्याय में विलम्ब समझ में नहीं आता; उसका यह विलम्ब अन्याय का विलम्ब नहीं वरन उनके प्रति भी उसके प्रेम, धीरज और मनफिराव का यथासंभव अवसर देने का विलम्ब है - " प्रभु अपनी प्रतिज्ञा के विषय में देर नहीं करता, जैसी देर कितने लोग समझते हैं, पर तुम्हारे विषय में धीरज धरता है, और नहीं चाहता, कि कोई नाश हो, वरन यह कि सब को मन फिराव का अवसर मिले।" (२ पतरस ३:९)

जब हम सच्चे और बोझिल मन से पाप और अविश्वास में खोए हुओं के लिये प्रार्थनाएं करेंगे, तो उनकी आंखें भी परमेश्वर के प्रेम के प्रति खुल जाएंगी। - एनी सेटास


अपना मन प्रभु के लिये खोलिये; वह आपकी आंखें खोए हुओं के लिये खोल देगा।

मुझे बड़ा शोक है, और मेरा मन सदा दुखता रहता है। - रोमियों ९:२


बाइबल पाठ: इफिसियों ४:१७-२४

इसलिये मैं यह कहता हूं, और प्रभु में जताए देता हूं कि जैसे अन्यजातीय लोग अप्ने मन की अनर्थ की रीति पर चलते हैं, तुम अब से फिर ऐसे न चलो।
क्‍योंकि उनकी बुद्धि अन्‍धेरी हो गई है और उस अज्ञानता के कारण जो उन में है और उनके मन की कठोरता के कारण वे परमेश्वर के जीवन से अलग किए हुए हैं।
और वे सुन्न हो कर, लुचपन में लग गए हैं, कि सब प्रकार के गन्‍दे काम लालसा से किया करें।
पर तुम ने मसीह की ऐसी शिक्षा नहीं पाई।
वरन तुम ने सचमुच उसी की सुनी, और जैसा यीशु में सत्य है, उसी में सिखाए भी गए।
कि तुम पिछले चाल चलन के पुराने मनुष्यत्‍व को जो भरमाने वाली अभिलाषाओं के अनुसार भ्रष्‍ट होता जाता है, उतार डालो।
और अपने मन के आत्मिक स्‍वभाव में नये बनते जाओ।
और नये मनुष्यत्‍व को पहिन लो, जो परमेश्वर के अनुसार सत्य की धामिर्कता, और पवित्रता में सृजा गया है।

एक साल में बाइबल:
  • होशै ९-११
  • प्रकाशितवाक्य ३

शनिवार, 11 दिसंबर 2010

पश्चाताप के आंसू

मेरे पति ने, जो कंप्यूटर के इस्तेमाल से बिलकुल अन्जान थे, अपने व्यवसाय में सहायता के लिये एक कंप्यूटर खरीदा। उनको उसके उपयोग करने के बारे में कुछ सिखाने के बाद मैंने उन्हें खुद प्रयोग करने के लिये अकेला छोड़ दिया। कुछ देर बाद मुझे उनकी घबराई हुई आवाज़ सुनाई दी, "अरे इसमें वह ’अह-हो’ वाला बटन कहां है?"

जिसे वे ढूंढ रहे थे वह कंप्यूटर में कुछ गलत करने के बाद उसे वापस पलट कर ठीक करने वाली कुंजी थी। क्या आपने जीवन में ऐसी किसी कुंजी की इच्छा करी है - किसी ऐसे उपाय की जो पाप द्वारा टूटे या बिगड़े संबंधों को बहाल करने, जोड़ने या ठीक करने के काम आ सके?

प्रभु यीशु के पकड़वाए जाने के बाद, उनके प्रिय शिष्यों में से एक - पतरस ने, तीन बार इस बात से इंकार किया कि वह उन्हें जानता है। उसके बाद हम पढ़ते हैं कि प्रभु यीशु ने मुड़ कर उसकी ओर देखा, और पतरस बाहर जा कर फूट फूट कर रोने लगा। (लूका २२:६१, ६२) निसन्देह ये ग्लानि और पश्चाताप के आंसू थे, और पतरस उस समय सोच रहा होगा कि कोई ज़रिया होता जिससे वह अपने किये को पलट सकता। लेकिन पतरस को प्रभु ने उसकी ग्लानि की इस दुर्दशा में नहीं छोड़ दिया। मृतकों में से अपने पुनरुत्थान के बाद प्रभु यीशु ने पतरस को मौका दिया कि वह अपने प्रेम को प्रदर्शित करे, और उसे बहाल कर दिया। (यूहन्ना२१:१५-१७)

जब आप अपने जीवन में पाप के लिये दुखी होते हैं तो स्मरण रखिये कि परमेश्वर ने बहाल होने का तरीका भी दिया है "यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है।" (१ युहन्ना १:९) - "क्योंकि वह हमारी सृष्टि जानता है, और उसको स्मरण रहता है कि मनुष्य मिट्टी ही है।" (भजन १०३:१४)

परमेश्वर का प्रभु यीशु में होकर पाप क्षमा का यह प्रस्ताव समस्त मानव जाति के लिये है। जैसे ही आप सच्चे पश्चाताप के साथ उसके सन्मुख आएंगे और उससे क्षमा मांगेंगे, वह आपके जीवन की आशीशों को बहाल कर देगा। - सिंडी हैस कैसपर


परमेश्वर के पास लौट आने का मार्ग टूटे और पश्चतापी हृदय से आरंभ होता है।

और पतरस बाहर निकलकर फूट फूट कर रोने लगा। - लूका २२:६२


बाइबल पाठ: लूका २२:५४-६२

फिर वे उसे पकड़ कर ले चले, और महायाजक के घर में लाए और पतरस दूर ही दूर उसके पीछे पीछे चलता था।
और जब वे आंगन में आग सुलगा कर इकट्ठे बैठे, तो पतरस भी उन के बीच में बैठ गया।
और एक लौंडी उसे आग के उजियाले में बैठे देख कर और उस की ओर ताक कर कहने लगी, यह भी तो उसके साथ था।
परन्तु उस ने यह कह कर इन्‍कार किया, कि हे नारी, मैं उसे नहीं जानता।
थोड़ी देर बाद किसी और ने उसे देख कर कहा, तू भी तो उन्‍हीं में से है: पतरस ने कहा, हे मनुष्य मैं नहीं हूं।
कोई घंटे भर के बाद एक और मनुष्य दृढ़ता से कहने लगा, निश्‍चय यह भी तो उसके साथ था, क्‍योंकि यह गलीली है।
पतरस ने कहा, हे मनुष्य, मैं नहीं जानता कि तू क्‍या कहता है वह कह ही रहा था कि तुरन्‍त मुर्ग ने बांग दी।
तब प्रभु ने घूम कर पतरस की ओर देखा, और पतरस को प्रभु की वह बात याद आई जो उस ने कही थी, कि आज मुर्ग के बांग देने से पहिले, तू तीन बार मेरा इन्‍कार करेगा।
और पतरस बाहर निकल कर फूट फूट कर रोने लगा।

एक साल में बाइबल:
  • होशै ५-८
  • प्रकाशितवाक्य २

शुक्रवार, 10 दिसंबर 2010

संयोग मात्र?

चीन से आया हुआंग, जो १९९४ में मिनिसोटा विश्वविद्यालय में अतिथी वैज्ञानिक था, प्रभु यीशु पर विश्वास नहीं करता था। वहां उसकी भेंट कुछ मसीही विश्वासियों से हुई और उसे उनकी संगति पसन्द आई। जब वह वापस अपने देश जाने लगा और उसके मसीही मित्रों को पता चला कि वह बेजिंग में रहेगा, तो उन्होंने उसे बेजिंग जाने वाले एक और मसीही विश्वासी का पता दिया, जिससे वह संपर्क कर सकता था।

बेजिंग वापसी की उड़ान में वायु यान में कुछ खराबी आई और यात्रियों को एक रात सीएटल में गुज़ारनी पड़ी। हवाई यात्रा वाली कम्पनी ने यात्रियों के लिये रात बिताने का प्रबंध एक होटल में किया, और हुआंग को मालुम हुआ कि उसे उसी व्यक्ति के संग कमरा मिला है जिसके साथ उसे बेजिंग में संपर्क करना था! बेजिंग वापस पहुंचने के बाद वे दोनो प्रति सप्ताह बाइबल अध्ययन के लिये मिलने लगे। इसके लगभग एक वर्ष पश्चात हुआंग ने प्रभु यीशु को अपना हृदय समर्पण कर दिया। यह सारी घटना महज़ संयोग नहीं थी, यह परमेश्वर का इंतज़ाम था।

बाइबल में रूत की पुस्तक में हम विध्वा होकर इस्त्राएल में आई रूत की कहानी में पढ़ते हैं " सो वह जाकर एक खेत में लवने वालों के पीछे बीनने लगी, और जिस खेत में वह संयोग से गई थी वह एलीमेलेक के कुटुम्बी बोअज का था।" (रूत २:३) बोअज़ ने अपने मज़दूरों से पूछा कि वह कौन थी और उसके बारे में जानने के बाद फिर उसने अपने मज़दूरों को उसका विशेष ध्यान रखने को कहा। जब विध्वा रूत ने बोअज़ से इस विशेष कृपा का कारण पूछा तो "बोअज ने उत्तर दिया, जो कुछ तू ने पति मरने के पीछे अपनी सास से किया है, और तू किस रीति अपने माता पिता और जन्म भूमि को छोड़ कर ऐसे लोगों में आई है जिनको पहिले तू न जानती थी, यह सब मुझे विस्तार के साथ बताया गया है। यहोवा तेरी करनी का फल दे, और इस्राएल का परमेश्वर यहोवा जिसके पंखों के तले तू शरण लेने आई है तुझे पूरा बदला दे।" (रूत २:११, १२) आगे चलकर बोअज़ और रूत की शादी हुई और उनका पड़पोता राजा दाऊद हुआ, जिसके वंश मे प्रभु यीशु मसीह का जन्म हुआ।

क्या हुआंग और रूत के जीवन की घटनाएं मात्र संयोग हैं? नहीं, परमेश्वर का कोई जन ऐसा नहीं जिसके जीवन में परमेश्वर का मार्गदर्शन और प्रबन्ध नहीं होता। पौलुस रोमियों की पत्री में लिखता है "और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिल कर भलाई ही को उत्‍पन्न करती है; अर्थात उन्‍हीं के लिये जो उस की इच्‍छा के अनुसार बुलाए हुए हैं। क्‍योंकि जिन्‍हें उस ने पहिले से जान लिया है उन्‍हें पहिले से ठहराया भी है कि उसके पुत्र के स्‍वरूप में होंता कि वह बहुत भाइयों में पहिलौठा ठहरे। फिर जिन्‍हें उस ने पहिले से ठहराया, उन्‍हें बुलाया भी, और जिन्‍हें बुलाया, उन्‍हें धर्मी भी ठहराया है, और जिन्‍हें धर्मी ठहराया, उन्‍हें महिमा भी दी है। सो हम इन बातों के विषय में क्‍या कहें यदि परमेश्वर हमारी ओर है, तो हमारा विरोधी कौन हो सकता है?" (रोमियों ८:२८-३१)

क्या आपने परमेश्वर की इस बुलाहट पर ध्यान दिया? - एलबर्ट ली


जो मात्र संयोग लगता है वह परमेश्वर की योजना भी हो सकती है।

तू अपनी समझ का सहारा न लेना, वरन सम्पूर्ण मन से यहोवा पर भरोसा रखना। उसी को स्मरण करके सब काम करना, तब वह तेरे लिये सीधा मार्ग निकालेगा। - नीतिवचन ३:५, ६


बाइबल पाठ: रूत २:१-१२

नाओमी के पति एलीमेलेक के कुल में उसका एक बड़ा धनी कुटुम्बी था, जिसका नाम बोअज था।
और मोआबिन रूत ने नाओमी से कहा, मुझे किसी खेत में जाने दे, कि जो मुझ पर अनुग्रह की दृष्टि करे, उसके पीछे पीछे मैं सिला बीनती जाऊं। उस ने कहा, चली जा, बेटी।
सो वह जाकर एक खेत में लवने वालों के पीछे बीनने लगी, और जिस खेत में वह संयोग से गई थी वह एलीमेलेक के कुटुम्बी बोअज का था।
और बोअज बेतलेहेम से आकर लवने वालों से कहने लगा, यहोवा तुम्हारे संग रहे, और वे उस से बोले, यहोवा तुझे आशीष दे।
तब बोअज ने अपने उस सेवक से जो लवने वालों के ऊपर ठहराया गया था पूछा, वह किस की कन्या है?
जो सेवक लवने वालों के ऊपर ठहराया गया था उस ने उत्तर दिया, वह मोआबिन कन्या है, जो नाओमी के संग मोआब देश से लौट आई है।
उस ने कहा था, मुझे लवने वालों के पीछे पीछे पूलों के बीच बीनने और बालें बटोरने दे। तो वह आई, और भोर से अब तक यहीं है, केवल थोड़ी देर तक घर में रही थी।
तब बोअज ने रूत से कहा, हे मेरी बेटी, क्या तू सुनती है? किसी दूसरे के खेत में बीनने को न जाना, मेरी ही दासियों के संग यहीं रहना।
जिस खेत को वे लवतीं हों उसी पर तेरा ध्यान बन्धा रहे, और उन्हीं के पीछे पीछे चला करना। क्या मैं ने जवानों को आज्ञा नहीं दी, कि तुझ से न बोलें? और जब जब तुझे प्यास लगे, तब तब तू बरतनों के पास जाकर जवानों का भरा हुआ पानी पीना।
तब वह भूमि तक झुक कर मुंह के बल गिरी, और उस से कहने लगी, क्या कारण है कि तू ने मुझ परदेशिन पर अनुग्रह की दृष्टि कर के मेरी सुधि ली है?
बोअज ने उत्तर दिया, जो कुछ तू ने पति मरने के पीछे अपनी सास से किया है, और तू किस रीति अपने माता पिता और जन्म भूमि को छोड़ कर ऐसे लोगों में आई है जिनको पहिले तू ने जानती थी, यह सब मुझे विस्तार के साथ बताया गया है।
यहोवा तेरी करनी का फल दे, और इस्राएल का परमेश्वर यहोवा जिसके पंखों के तले तू शरण लेने आई है तुझे पूरा बदला दे।

एक साल में बाइबल:
  • होशै १-४
  • प्रकाशितवाक्य १

गुरुवार, 9 दिसंबर 2010

जटिल जीवन

जिम्मी कारटर अपनी युवावस्था में अमेरीकी नौसेना में एक कनिष्ठ अफसर था। अपने नौसेना के काल में वह अमेरीकी नौसेना के परमाणु पनडुबि बेड़े के सर्वोच्च अधिकारी एडमिरल हैमएन रिकोवर की प्रखर बुद्धिमता और क्षमता से बहुत प्रभावित हुआ।

कारटर के अमेरिका का राष्ट्रपति चुने जाने के थोड़े समय बाद उन्होंने एडमिरल रिकोवर को अपने राष्ट्रपति भवन "व्हाईट हाउस" में अपने साथ भोजन के लिये आमंत्रित किया। भोजन पर आए एडमिरल ने राष्ट्रपति को एक अलंक्रण पटिया भेंट करी जिस पर प्रार्थना का एक छोटा वाक्य लिखा था "हे परमेश्वर, आपका समुद्र इतना विशाल है और मेरी नाव बहुत छोटी है।" यह प्रार्थना का वाक्य जीवन के विस्तार और जटिलताओं, और उसके समक्ष हमारी अपनी छोटी सी क्षमताओं को परिपेक्ष में रखता है।

राजा सुलेमान भी जानता था कि जीवन की जटिलताएं उसकी क्षमता से बाहर हो सकती हैं। जब अपने पिता दाऊद के उत्तराधिकारी के रूप में उसने इस्त्राएल की बागडोर संभाली, तब उसने अपनी यह असमर्थता परमेश्वर के सन्मुख स्वीकार करी "और अब हे मेरे परमेश्वर यहोवा ! तू ने अपने दास को मेरे पिता दाऊद के स्थान पर राजा किया है, परन्तु मैं छोटा लड़का सा हूँ जो भीतर बाहर आना जाना नहीं जानता।" (१ राजा ३:७)

तब सुलेमान ने परमेश्वर से मांगा कि वह उसे ऐसी बुद्धि दे जिससे वह परमेश्वर की प्रजा के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी को परमेश्वर की सामर्थ से भली भांति निभा सके " तू अपने दास को अपनी प्रजा का न्याय करने के लिये समझने की ऐसी शक्ति दे, कि मैं भले बुरे को परख सकूं; क्योंकि कौन ऐसा है कि तेरी इतनी बड़ी प्रजा का न्याय कर सके?" (१ राजा ३:९) और परमेश्वर उसकी इस प्रार्थना से प्रसन्न हुआ और उसे न केवल बुद्धि वरन धन संपत्ति के अपार खज़ाने दिये। (१ राजा ३:१०-१४)

क्या आप जीवन की जटिलताओं से अपने को अभिभूत पाते हैं? हो सकता है कि आप की समस्याओं का कोई आसान समाधान न हो, लेकिन कोई भी समस्या परमेश्वर के सामर्थ और समाधान से बाहर नहीं है। परमेश्वर ने अपने बच्चों से वायदा किया है " पर यदि तुम में से किसी को बुद्धि की घटी हो, तो परमेश्वर से मांगे, जो बिना उलाहना दिए सब को उदारता से देता है, और उस को दी जाएगी। पर विश्वास से मांगे, और कुछ सन्‍देह न करे..." (याकूब १:५, ६)

जीवन की परिस्थितियों और परेशानियों में प्रभु आपके साथ चलना और आपकी सहायता करना चाहता है; उसे केवल आपके निमंत्रण का इंतिज़ार है। - बिल क्राउडर


परमेश्वर के सन्मुख अपनी क्षमताओं की गौणता को अंगीकार करना हमारे जीवन में परमेश्वर की महान सामर्थ को उपलब्ध करा देता है।

हे मेरे परमेश्वर यहोवा ! तू ने अपने दास को मेरे पिता दाऊद के स्थान पर राजा किया है, परन्तु मैं छोटा लड़का सा हूँ जो भीतर बाहर आना जाना नहीं जानता। - १ राजा ३:७


बाइबल पाठ: १ राजा ३:३-१४

सुलैमान यहोवा से प्रेम रखता था और अपने पिता दाऊद की विधियों पर चलता तो रहा, परन्तु वह ऊंचे स्थानों पर भी बलि चढ़ाया और धूप जलाया करता था।
और राजा गिबोन को बलि चढ़ाने गया, क्योंकि मुख्य ऊंचा स्थान वही था, तब वहां की वेदी पर सुलैमान ने एक हज़ार होमबलि चढ़ाए।
गिबोन में यहोवा ने रात को स्वप्न के द्वारा सुलैमान को दर्शन देकर कहा, जो कुछ तू चाहे कि मैं तुझे दूं, वह मांग।
सुलैमान ने कहा, तू अपने दास मेरे पिता दाऊद पर बड़ी करुणा करता रहा, क्योंकि वह अपने को तेरे सम्मुख जान कर तेरे साथ सच्चाई और धर्म और मन की सीधाई से चलता रहा। और तू ने यहां तक उस पर करुणा की, कि उसे उसकी गद्दी पर विराजने वाला एक पुत्र दिया है, जैसा कि आज वर्तमान है।
और अब हे मेरे परमेश्वर यहोवा ! तू ने अपने दास को मेरे पिता दाऊद के स्थान पर राजा किया है, परन्तु मैं छोटा लड़का सा हूँ जो भीतर बाहर आना जाना नहीं जानता।
फिर तेरा दास तेरी चुनी हुई प्रजा के बहुत से लोगों के मध्य में है, जिनकी गिनती बहुतायत के मारे नहीं हो सकती।
तू अपने दास को अपनी प्रजा का न्याय करने के लिये समझने की ऐसी शक्ति दे, कि मैं भले बुरे को परख सकूं; क्योंकि कौन ऐसा है कि तेरी इतनी बड़ी प्रजा का न्याय कर सके?
इस बात से प्रभु प्रसन्न हुआ, कि सुलैमान ने ऐसा वरदान मांगा है।
तब परमेश्वर ने उस से कहा, इसलिये कि तू ने यह वरदान मांगा है, और न तो दीर्घायु और न धन और न अपने शत्रुओं का नाश मांगा है, परन्तु समझने के विवेक का वरदान मांगा है इसलिये सुन,
मैं तेरे वचन के अनुसार करता हूँ, तुझे बुद्धि और विवेक से भरा मन देता हूँ, यहा तक कि तेरे समान न तो तुझ से पहिले कोई कभी हुआ, और न बाद में कोई कभी होगा।
फिर जो तू ने नहीं मांगा, अर्थात धन और महिमा, वह भी मैं तुझे यहां तक देता हूँ, कि तेरे जीवन भर कोई राजा तेरे तुल्य न होगा।
फिर यदि तू अपने पिता दाऊद की नाई मेरे मार्गों में चलता हुआ, मेरी विधियों और आज्ञाओं को मानता रहेगा तो मैं तेरी आयु को बढ़ाऊंगा।

एक साल में बाइबल:
  • दानियेल ११-१२
  • यहूदा

बुधवार, 8 दिसंबर 2010

पश्चाताप की विरासत

सब धर्म ग्रंथों के अपने अपने नायक होते हैं जिनके कार्य और शौर्य को उदाहरण के लिये याद किया जाता है। परन्तु शायद बाइबल ही एक ऐसा धर्म ग्रंथ होगा जिसमें अपने एक महान नायक के पतन पर भजन रचा और स्मरणीय बनाया गया है। बाइबल के भजन संहिता में भजन ५१ एक ऐसा भजन जो इस्त्राएल के महानतम राजा और प्रभु यीशु मसीह के पूर्वज दाऊद का, उसके पाप में पड़ने, पश्चाताप, परमेश्वर के प्रति भक्ति और फिर बहाल किये जाने को दिखाता है। यह बाइबल का एक अनूठा गुण है कि उसमें उसके पात्रों के चरित्र को उसकी वास्तविकता में दिखाया गया है। उनके जीवन के पाप या कमज़ोरियों को ना छुपाया गया, न नज़रंदाज़ किया गया और न उसे किसी अन्य रूप से उचित अथवा न्यायसंगत ठहराने का प्रयास किया गया है।

भजन ५१ में हम देखते हैं कि कैसे अपने पाप के कारण दाऊद के मन में अशांति थी, उसका दोष उसे कैसे अन्दर ही अन्दर खाए जा रहा था, फिर परमेश्वर के सन्मुख उसका पाप स्वीकार करने से मिले पाप क्षमा और बहाल होने के आनन्द को देखते हैं। यह भजन उदहारण है पाप के प्रभाव का भी और साथ ही पश्चाताप के प्रभाव का भी।

इस भजन से पाप की वास्तविकता सामने आती है - परमेश्वर से टूटा संबंध। दाऊद दुखी मन से परमेश्वर के सामने गिड़गिड़ाता है " मैं ने केवल तेरे ही विरूद्ध पाप किया, और जो तेरी दृष्टि में बुरा है, वही किया है" (पद ४) और यह भी दिखाता है कि परमेश्वर पापी जन से प्रायश्चित नहीं पश्चाताप चाहता है " क्योकि तू मेलबलि में प्रसन्न नहीं होता, नहीं तो मैं देता; होमबलि से भी तू प्रसन्न नहीं होता। टूटा मन परमेश्वर के योग्य बलिदान है; हे परमेश्वर, तू टूटे और पिसे हुए मन को तुच्छ नहीं जानता।" (पद १६, १७)

अपनी इस प्रार्थना में दाऊद ज्योति की एक किरण देखने पाता है कि उसके पाप और पश्चाताप से दूसरों को सीख मिलने का अवसर है "तब मैं अपराधियों को तेरा मार्ग सिखाऊंगा, और पापी तेरी ओर फिरेंगे।" (पद १३) दाऊद की यह प्रार्थना सार्थक हुई और पाप अंगीकार तथा पश्चाताप का उसका यह भजन अनन्त काल के लिये परमेश्वर के वचन का भाग बन गया जिससे इसे पढ़ने वाले दाउद की गलतियों से सबक लें और स्वयं उनमें न पड़ें; और जो पाप में पड़े हैं वे परमेश्वर के साथ अपने संबंध की बहाली का मार्ग सीख सकें।

इस्त्राएल का सबसे अच्छा राजा पतन की गहराई तक गिर गया था, परन्तु न तो वो न और कोई कभी परमेश्वर के प्रेम और क्षमा की सीमा के बाहर गिर सकता है। यह भजन, राजा दाऊद की ’आप बीती’, प्रमाण है कि परमेश्वर पाप से घृणा करता है, पापी से नहीं तथा सच्चे पश्चाताप की एक प्रार्थना घोर पापी के लिये भी सब बदल देती है।

दाऊद का यह भजन संसार के हर जन के लिये पश्चाताप की विरासत है। - फिलिप यैनसी


पश्चाताप वह भूमी है जिसमें क्षमा फूलती फलती है।

टूटा मन परमेश्वर के योग्य बलिदान है; हे परमेश्वर, तू टूटे और पिसे हुए मन को तुच्छ नहीं जानता। - भजन ५१:१७


बाइबल पाठ: भजन ५१

हे परमेश्वर, अपनी करूणा के अनुसार मुझ पर अनुग्रह कर, अपनी बड़ी दया के अनुसार मेरे अपराधों को मिटा दे।
मुझे भलीं भांति धो कर मेरा अधर्म दूर कर, और मेरा पाप छुड़ा कर मुझे शुद्ध कर!
मैं तो अपने अपराधों को जानता हूं, और मेरा पाप निरन्तर मेरी दृष्टि में रहता है।
मैं ने केवल तेरे ही विरूद्ध पाप किया, और जो तेरी दृष्टि में बुरा है, वही किया है, ताकि तू बोलने में धर्मी और न्याय करने में निष्कलंक ठहरे।
देख, मैं अधर्म के साथ उत्पन्न हुआ, और पाप के साथ अपनी माता के गर्भ में पड़ा।
देख, तू हृदय की सच्चाई से प्रसन्न होता है, और मेरे मन ही में ज्ञान सिखाएगा।
जूफा से मुझे शुद्ध कर, तो मैं पवित्र हो जाऊंगा; मुझे धो, और मैं हिम से भी अधिक श्वेत बनूंगा।
मुझे हर्ष और आनन्द की बातें सुना, जिस से जो हडि्डयां तू ने तोड़ डाली हैं वह मगन हो जाएं।
अपना मुख मेरे पापों की ओर से फेर ले, और मेरे सारे अधर्म के कामों को मिटा डाल।
हे परमेश्वर, मेरे अन्दर शुद्ध मन उत्पन्न कर, और मेरे भीतर स्थिर आत्मा नये सिरे से उत्पन्न कर।
मुझे अपने साम्हने से निकाल न दे, और अपने पवित्र आत्मा को मुझ से अलग न कर।
अपने किए हुए उद्धार का हर्ष मुझे फिर से दे, और उदार आत्मा दे कर मुझे सम्भाल।
तब मैं अपराधियों को तेरा मार्ग सिखाऊंगा, और पापी तेरी ओर फिरेंगे।
हे परमेश्वर, हे मेरे उद्धारकर्ता परमेश्वर, मुझे हत्या के अपराध से छुड़ा ले, तब मैं तेरे धर्म का जयजयकार करने पाऊंगा।
हे प्रभु, मेरा मुंह खोल दे तब मैं तेरा गुणानुवाद कर सकूंगा।
क्योकि तू मेलबलि में प्रसन्न नहीं होता, नहीं तो मैं देता, होमबलि से भी तू प्रसन्न नहीं होता।
टूटा मन परमेश्वर के योग्य बलिदान है; हे परमेश्वर, तू टूटे और पिसे हुए मन को तुच्छ नहीं जानता।
प्रसन्न हो कर सिय्योन की भलाई कर, यरूशलेम की शहरपनाह को तू बना,
तब तू धर्म के बलिदानों से अर्थात् सर्वांग पशुओं के होमबलि से प्रसन्न होगा, तब लोग तेरी वेदी पर बैल चढ़ाएंगे।

एक साल में बाइबल:
  • दानियेल ८-१०
  • ३ युहन्ना

मंगलवार, 7 दिसंबर 2010

कलह और सच्ची शांति

दिसंबर ७, १९४१ को एक जापानी युद्धपोत ’अकागी’ से मित्सुओ फ़ुचीदा ने जंगी वायुयान में उड़ान भरी। फ़ुचीदा ने अमेरिका के पर्ल हारबर पर आकस्मात किये गये जापानी हवाई हमले का नेतृत्व किया, जिसके बाद अमेरिका द्वितीय विश्वयुद्ध में शामिल हो गया।

इसके बाद के युद्ध के वर्षों में फ़ुचीदा जंगी जहाज़ों में उड़ान भरता रहा और कई दफा मौत से बाल बाल बचा। युद्ध के अन्त होने तक फ़ुचीदा निराशा और कटुता से भर गया था।

कुछ वर्षों पश्चात उसने एक सच्ची कहानी पढ़ी जिसने उसकी आत्मिक जिज्ञासा को जागृत किया। एक जवान मसीही युवती ने, जिसके माता पिता युद्ध में जापानीयों द्वारा मारे गये थे, निर्ण्य लिया कि वह जापानी युद्ध बंदीयों की सेवा करेगी। इससे प्रभावित फ़ूचिदा ने बाइबल पढ़ना आरंभ किया।

जब उसने क्रूस पर से अपने सताने वालों के लिये प्रभु यीशु मसीह द्वारा कहे गए शब्द पढ़े "हे पिता, इन्‍हें क्षमा कर, क्‍योंकि ये जानते नहीं कि क्‍या कर रहें हैं।" (लूका २३:३४), तब वह समझ सका कि वह युवती अपने दुशमनों को दया कैसे दिखा सकी। उस दिन फ़ुचिदा ने प्रभु यीशु को अपना हृदय समर्पित कर दिया।

यह भूतपूर्व सैनिक अपने सहनागरिकों के लिये सुसमाचार प्रचारक बन गया और उसका जीवन उस शांति का उदहरण बन गया जो मसीह पर विश्वास लाने वालों के जीवन में काम करती है, और उसने अपने जीवन से दिखाया कि कैसे "तब परमेश्वर की शान्‍ति, जो समझ से बिलकुल परे है, तुम्हारे ह्रृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरिक्षित रखेगी।" (फिलिप्पियों ४:१७)।

क्या आपने यह शांति पाई है? आप चाहे जैसी भी परिस्थितियों से होकर निकले हों, परमेश्वर का वायदा है कि "किसी भी बात की चिन्‍ता मत करो: परन्‍तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख अपस्थित किए जाएं" (फिलिप्पियों ४:१६) और वह अवश्य अपनी शांति आपको उपलब्ध करायेगा। - डेनिस फिशर


सच्ची शांति जीवन में कलह की अनुपस्थिति नहीं, वरन जीवन में सच्चे परमेश्वर की उपस्थिति है।

तब परमेश्वर की शान्‍ति, जो समझ से बिलकुल परे है, तुम्हारे ह्रृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरिक्षित रखेगी। - फिलिप्पियों ४:१७


बाइबल पाठ: लूका २३:३२-४३

वे और दो मनुष्यों को भी जो कुकर्मी थे उसके साथ घात करने को ले चले।
जब वे उस जगह जिसे खोपड़ी कहते हैं पहुंचे, तो उन्‍होंने वहां उसे और उन कुकिर्मयों को भी एक को दाहिनी ओर और दूसरे को बाईं ओर क्रूसों पर चढ़ाया।
तब यीशु ने कहा हे पिता, इन्‍हें क्षमा कर, क्‍योंकि ये जानते नहीं कि क्‍या कर रहें हैं; और उन्‍होंने चिट्ठियां डाल कर उसके कपड़े बांट लिए।
लोग खड़े खड़े देख रहे थे, और सरदार भी ठट्ठा कर करके कहते थे, कि इस ने औरों को बचाया, यदि यह परमेश्वर का मसीह है, और उसका चुना हुआ है, तो अपने आप को बचा ले।
सिपाही भी पास आकर और सिरका दे कर उसका ठट्ठा करके कहते थे।
यदि तू यहूदियों का राजा है, तो अपने आप को बचा।
और उसके ऊपर एक पत्र भी लगाया, कि यह यहूदियों का राजा है।
जो कुकर्मी लटकाए गए थे, उन में से एक ने उस की निन्‍दा करके कहा "क्‍या तू मसीह नहीं? तो फिर अपके आप को और हमें बचा।"
इस पर दूसरे ने उसे डांट कर कहा, "क्‍या तू परमेश्वर से भी नहीं डरता? तू भी तो वही दण्‍ड पा रहा है।"
"और हम तो न्यायानुसार दण्‍ड पा रहे हैं, क्‍योंकि हम अपने कामों का ठीक फल पा रहे हैं; पर इस ने कोई अनुचित काम नहीं किया।"
तब उस ने कहा "हे यीशु, जब तू अपने राज्य में आए, तो मेरी सुधि लेना।"
उस ने उस से कहा, मैं तुझ से सच कहता हूं कि आज ही तू मेरे साथ स्वर्गलोक में होगा।

एक साल में बाइबल:
  • दानियेल ५-७
  • २ युहन्ना

सोमवार, 6 दिसंबर 2010

कानाफूसी

मसीही उद्योगपति और अविष्कारक ला टूर्नियो अपनी बनाई मिट्टी खोदने और ढोने वाली विशाल मशीनों के लिये जाने जाते हैं। उनकी बनाई एक मशीन का विचित्र नाम था - Model G [नमूना जी.]। एक खरीददार ने मशीन विक्रेता को चकराने के उद्देश्य से उससे पूछा "इस G का क्या तात्पर्य है?"

विक्रेता ने तुरंत उत्तर दिया "मेरे विचार से G रखा गया है Gossip, यानि कानाफूसी के लिये। क्योंकि यह मशीन कानाफूसी जैसी व्यर्थ मिट्टी बड़े कौशल से और बहुत शीघ्रता से फेंकने को ले जाती है।"

बाइबल में मूल इब्रानी भाषा में जो शब्द कानाफूसी के लिये प्रयोग हुआ है उसका अर्थ होता है नाशकारी बातों को फुसफुसाना, और नीतिवचन की पुस्तक में कानाफूसी के विष्य में बहुत कुछ लिखा है: कानाफूसी करने वाले विश्वासयोग्य नहीं होते (नीतिवचन ११:१३) और उनसे दूर रहना चाहिये (नीतिवचन २०:१९)। कानाफूसी से अच्छे मित्रों में भी फूट और मतभेद हो जाते हैं (नीतिवचन १६:२८) और इसके द्वारा रिश्तों की दरारें बनी रहती है (नीतिवचन १८:८)। इससे परस्पर विरोध के अंगारों को हवा मिलती है और गलतफहमीयां तथा ठेस की अग्नि की लपटें तेज़ होतीं हैं (नीतिवचन २६:२१-२२)।

यदि हम सोचते हैं कि कुछ मज़ेदार, रसीली, चटपटी बातों को इधर उधर फुसफुसाने से कुछ नुकसान नहीं होता, तो हम अपने आप को धोखा देते हैं। कानाफूसी सदा अपने पीछे विनाश का मंज़र छोड़ती है और यह वह अपराध है जिसका शिकार का कोई न कोई अवश्य ही होता है। कानाफूसी से किसी न किसी को तो नुकसान अवश्य ही होता है। इसलिये अकलमंदों के लिये एक सलाह है: "...जहां कानाफूसी करने वाला नहीं वहां झगड़ा मिट जाता है।" (नीतिवचन २६:२०)

भला होगा कि हम कानाफूसी को अपने जीवन में कोई स्थान न दें और आपसी प्रेम तथा सदभाव से रिशतों को निभाएं और बढ़ाएं। - जो स्टोवैल


कानाफूसी को खत्म करना है तो उसे बिलकुल नज़रांदाज़ करना आरंभ कर दीजिये।

जैसे लकड़ी न होने से आग बुझती है, उसी प्रकार जहां कानाफूसी करने वाला नहीं वहां झगड़ा मिट जाता है। - नीतिवचन २६:२०


बाइबल पाठ: नीतिवचन २६:२०-२८

जैसे लकड़ी न होने से आग बुझती है, उसी प्रकार जहां कानाफूसी करने वाला नहीं वहां झगड़ा मिट जाता है।
जैसा अंगारों में कोयला और आग में लकड़ी होती है, वैसा ही झगड़े के बढ़ाने के लिये झगड़ालू होता है।
कानाफूसी करने वाले के वचन, स्वादिष्ट भोजन के समान भीतर उतर जाते हैं।
जैसा कोई चान्दी का पानी चढ़ाया हुआ मिट्टी का बर्तन हो, वैसा ही बुरे मन वाले के प्रेम भरे वचन होते हैं।
जो बैरी बात से तो अपने को भोला बनाता है, परन्तु अपने भीतर छल रखता है,
उसकी मीठी-मीठी बात प्रतीति न करना, क्योंकि उसके मन में सात घिनौनी वस्तुएं रहती हैं;
चाहे उसका बैर छल के कारण छिप भी जाए, तौभी उसकी बुराई सभा के बीच प्रगट हो जाएगी।
जो गड़हा खोदे, वही उसी में गिरेगा, और जो पत्थर लुढ़काए, वह उलट कर उसी पर लुढ़क आएगा।
जिस ने किसी को झूठी बातों से घायल किया हो वह उस से बैर रखता है, और चिकनी चुपड़ी बात बोलने वाला विनाश का कारण होता है।

एक साल में बाइबल:
  • दानियेल १, २
  • १ युहन्ना ५