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बुधवार, 14 दिसंबर 2016

विशिषिट जन्म


   परमेश्वर के वचन बाइबल के पृष्ठों में अनेकों बालकों के जन्म का उल्लेख है। कैन, सृष्टि के पश्चात जन्म लेने वाला पहला मानव। इसहाक, इस्त्राएल के भविष्य की आशा। शमूएल, एक माँ की लालसा के साथ की गई प्रार्थना का उत्तर। ये सभी, और इनके समान अन्य बालकों के जन्म बहुत महत्वपूर्ण थे; उन सभी के लिए आनन्दपूर्वक आशा रखी गई थी; और इन बालकों के जन्मों को पवित्रशास्त्र में दर्ज करने वाले लेखकों ने सभी के लिए एक ही समान बात लिखी है, कि उनकी माता गर्भवती हुई और बालक को जन्म दिया (उत्पत्ति 4:1; 21:2-3; 1 शमूएल 1:20)।

   अब बाइबल में दर्ज एक अन्य बालक, प्रभु यीशु मसीह, के जन्म के वर्णन पर ध्यान कीजिए। उस के आने के वर्णन में उस से संबंधित अनेकों बातों को बहुत विस्तार से लिखा गया है - केवल कुछ ही शब्द प्रभु यीशु के जन्म के बारे में बताने के लिए काफी नहीं थे; उस के जन्म के सैंकड़ों वर्ष पूर्व से ही उस के बारे में भविष्यवाणियाँ की गईं। मीका भविष्यद्वक्ता ने बताया कि वह बैतलहम में जन्म लेगा (मीका 5:2)। यशायाह भविष्यद्वक्ता ने लिखा कि वह कुँवारी से जन्म लेगा (यशायाह 7:14), और वह अपने लोगों को उनके पापों से छुड़ाने के लिए आएगा (यशायाह 53)।

   बाइबल के नए नियम खण्ड में उसके बारे में कुछ और आवश्यक जानकारी दी गई, जैसे कि कैसे उसे जन्म देने वाली माता और उसके दत्तक पिता परमेश्वर की योजना का भाग थे (मत्ती 1:16), जन्म के पश्चात उसका नाम क्या रखा जाना था और क्यों (मत्ती 1:21), वह भविष्यवाणी की पूर्ति के लिए कहाँ पैदा हुआ (मत्ती 2:6)।

   प्रभु यीशु का जन्म अन्य सभी बच्चों के जन्म से बढ़कर और भिन्न है; समस्त संसार के इतिहास में अभूतपूर्व तथा अति विशिष्ट है। उनके जन्म ने सारे संसार के इतिहास को दो भागों में बाँट दिया - ईसवीं पूर्व (BC) और ईसवीं पश्चात (AD)। उन के जन्म का उत्सव समस्त संसार के लिए है। - डेव ब्रैनन


मसीह यीशु समस्त मानव जाति के लिए परमेश्वर का सर्वोत्तम उपहार हैं।

क्योंकि हमारे लिये एक बालक उत्पन्न हुआ, हमें एक पुत्र दिया गया है; और प्रभुता उसके कांधे पर होगी, और उसका नाम अद्‌भुत, युक्ति करने वाला, पराक्रमी परमेश्वर, अनन्तकाल का पिता, और शान्ति का राजकुमार रखा जाएगा। उसकी प्रभुता सर्वदा बढ़ती रहेगी, और उसकी शान्ति का अन्त न होगा, इसलिये वे उसको दाऊद की राजगद्दी पर इस समय से ले कर सर्वदा के लिये न्याय और धर्म के द्वारा स्थिर किए ओर संभाले रहेगा। सेनाओं के यहोवा की धुन के द्वारा यह हो जाएगा। - यशायाह 9:6-7

बाइबल पाठ: मत्ती 2:1-15
Matthew 2:1 हेरोदेस राजा के दिनों में जब यहूदिया के बैतलहम में यीशु का जन्म हुआ, तो देखो, पूर्व से कई ज्योतिषी यरूशलेम में आकर पूछने लगे। 
Matthew 2:2 कि यहूदियों का राजा जिस का जन्म हुआ है, कहां है? क्योंकि हम ने पूर्व में उसका तारा देखा है और उसको प्रणाम करने आए हैं। 
Matthew 2:3 यह सुनकर हेरोदेस राजा और उसके साथ सारा यरूशलेम घबरा गया। 
Matthew 2:4 और उसने लोगों के सब महायाजकों और शास्‍त्रियों को इकट्ठे कर के उन से पूछा, कि मसीह का जन्म कहाँ होना चाहिए? 
Matthew 2:5 उन्होंने उस से कहा, यहूदिया के बैतलहम में; क्योंकि भविष्यद्वक्ता के द्वारा यों लिखा है। 
Matthew 2:6 कि हे बैतलहम, जो यहूदा के देश में है, तू किसी रीति से यहूदा के अधिकारियों में सब से छोटा नहीं; क्योंकि तुझ में से एक अधिपति निकलेगा, जो मेरी प्रजा इस्राएल की रखवाली करेगा। 
Matthew 2:7 तब हेरोदेस ने ज्योतिषियों को चुपके से बुलाकर उन से पूछा, कि तारा ठीक किस समय दिखाई दिया था। 
Matthew 2:8 और उसने यह कहकर उन्हें बैतलहम भेजा, कि जा कर उस बालक के विषय में ठीक ठीक मालूम करो और जब वह मिल जाए तो मुझे समाचार दो ताकि मैं भी आकर उसको प्रणाम करूं। 
Matthew 2:9 वे राजा की बात सुनकर चले गए, और देखो, जो तारा उन्होंने पूर्व में देखा था, वह उन के आगे आगे चला, और जंहा बालक था, उस जगह के ऊपर पंहुचकर ठहर गया।
Matthew 2:10 उस तारे को देखकर वे अति आनन्‍दित हुए। 
Matthew 2:11 और उस घर में पहुंचकर उस बालक को उस की माता मरियम के साथ देखा, और मुंह के बल गिरकर उसे प्रणाम किया; और अपना अपना थैला खोल कर उसे सोना, और लोहबान, और गन्‍धरस की भेंट चढ़ाई। 
Matthew 2:12 और स्‍वप्‍न में यह चितौनी पाकर कि हेरोदेस के पास फिर न जाना, वे दूसरे मार्ग से हो कर अपने देश को चले गए।
Matthew 2:13 उन के चले जाने के बाद देखो, प्रभु के एक दूत ने स्‍वप्‍न में यूसुफ को दिखाई देकर कहा, उठ; उस बालक को और उस की माता को ले कर मिस्र देश को भाग जा; और जब तक मैं तुझ से न कहूं, तब तक वहीं रहना; क्योंकि हेरोदेस इस बालक को ढूंढ़ने पर है कि उसे मरवा डाले। 
Matthew 2:14 वह रात ही को उठ कर बालक और उस की माता को ले कर मिस्र को चल दिया। 
Matthew 2:15 और हेरोदेस के मरने तक वहीं रहा; इसलिये कि वह वचन जो प्रभु ने भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा था कि मैं ने अपने पुत्र को मिस्र से बुलाया पूरा हो। 

एक साल में बाइबल: 
  • योएल 1-3
  • प्रकाशितवाक्य 5


मंगलवार, 13 दिसंबर 2016

युसुफ


   अपने अधिकांश जीवन मैंने क्रिसमस की कहानी में प्रभु यीशु के सांसारिक पिता यूसुफ की भूमिका के महत्व को नज़रंदाज़ किया। लेकिन जब मैं स्वयं पति और फिर पिता बना, तब मैं यूसुफ के कोमल चरित्र को बेहतर समझ और पहचान सका, उसकी प्रशंसा कर सका। यह जानने से पूर्व ही कि उसकी मंगेतर मरियम गर्भवती कैसे हो गई, उसने यह ठान लिया था कि उस प्रतीत होने वाली बेवफाई के लिए वह मरियम को शर्मिंदा या दण्डित नहीं करेगा (मत्ती 1:19), जबकि ऐसा करना उसका नैतिक और कानूनी अधिकार था।

   मुझे उसकी नम्रता और आज्ञाकारिता पर अचंभा होता है, क्योंकि उसने, किसी के कुछ भी कहने की संभावना की परवाह किए बिना, ना केवल वह किया जो कि स्वर्गदूत ने उसे करने को कहा (24), वरन जब तक कि मरियम से प्रभु यीशु का जन्म नहीं हो गया, उसने मरियम से कोई शारीरिक संबंध भी नहीं रखे (25)। इसके बाद हम देखते हैं कि शिशु यीशु के प्राणों की रक्षा के लिए वह अपना घर-बार छोड़कर मिस्त्र को चले जाने को भी राज़ी हो गया (मत्ती 2:13-23)।

   ज़रा कल्पना कीजिए उस तनाव और दबाव की जो यूसुफ और मरियम ने अनुभव किया होगा जब उन्हें पता चला कि प्रभु यीशु के रूप में सदेह आने वाले, सारी सृष्टि का संचालन और पालन करने वाले परमेश्वर कोीक बच्चे के रूप में उन्हें पालना-पोसना होगा, उसका ध्यान रखना होगा। ज़रा विचार कीजिए उनके जीवन में रहने वाली उस जटिलता और तनाव पर, पवित्रता का जीवन जीने के उनके उस अविरल प्रयास पर जो परमेश्वर के पुत्र की लगातार उपस्थिति में रहने के कारण उन्होंने अपने जीवनों में अनुभव किया होगा। यूसुफ कैसा चरित्रवान पुरुष रहा होगा कि परमेश्वर ने उसे इस कार्य के लिए चुना! हमारे अनुसरण के लिए कैसा अद्भुत उदाहरण है, चाहे हम अपने बच्चों, या अन्य किसी के बच्चों का पालन-पोषण करने की ज़िम्मेदारी निभा रहे हों।

   परमेश्वर हमें सामर्थ दे कि चाहे हम परमेश्वर की योजना को समझ ना पाएं फिर भी हम युसुफ के समान परमेश्वर और उसके निर्देशों के प्रति विश्वासयोग्य रहें। - रैंडी किलगोर


सच्ची सेवकाई का रहस्य पूर्ण विश्वासयोग्यता के साथ वहाँ रहना तथा वह करना है, 
जहाँ रहने और जिसे करने के लिए हमारे लिए परमेश्वर ने ठहराया है।

जो थोड़े से थोड़े में सच्चा है, वह बहुत में भी सच्चा है: और जो थोड़े से थोड़े में अधर्मी है, वह बहुत में भी अधर्मी है। - लूका 16:10

बाइबल पाठ: मत्ती 1:18-25
Matthew 1:18 अब यीशु मसीह का जन्म इस प्रकार से हुआ, कि जब उस की माता मरियम की मंगनी यूसुफ के साथ हो गई, तो उन के इकट्ठे होने के पहिले से वह पवित्र आत्मा की ओर से गर्भवती पाई गई। 
Matthew 1:19 सो उसके पति यूसुफ ने जो धर्मी था और उसे बदनाम करना नहीं चाहता था, उसे चुपके से त्याग देने की मनसा की। 
Matthew 1:20 जब वह इन बातों के सोच ही में था तो प्रभु का स्वर्गदूत उसे स्‍वप्‍न में दिखाई देकर कहने लगा; हे यूसुफ दाऊद की सन्तान, तू अपनी पत्‍नी मरियम को अपने यहां ले आने से मत डर; क्योंकि जो उसके गर्भ में है, वह पवित्र आत्मा की ओर से है। 
Matthew 1:21 वह पुत्र जनेगी और तू उसका नाम यीशु रखना; क्योंकि वह अपने लोगों का उन के पापों से उद्धार करेगा। 
Matthew 1:22 यह सब कुछ इसलिये हुआ कि जो वचन प्रभु ने भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा था; वह पूरा हो। 
Matthew 1:23 कि, देखो एक कुंवारी गर्भवती होगी और एक पुत्र जनेगी और उसका नाम इम्मानुएल रखा जाएगा जिस का अर्थ यह है “परमेश्वर हमारे साथ”। 
Matthew 1:24 सो यूसुफ नींद से जागकर प्रभु के दूत की आज्ञा अनुसार अपनी पत्‍नी को अपने यहां ले आया। 
Matthew 1:25 और जब तक वह पुत्र न जनी तब तक वह उसके पास न गया: और उसने उसका नाम यीशु रखा।

एक साल में बाइबल: 
  • होशे 12-14
  • प्रकाशितवाक्य 4


सोमवार, 12 दिसंबर 2016

सुरक्षित


   जब मैं बच्चा था, मेरा परिवार मेरे पिता द्वारा डनकनविले, टेक्सस में देवदार के जंगल के किनारे देवदार के लट्ठों से बनाए गए घर में रहा करते थे। हमारे घर में एक छोटा सा रसोई और खाने का स्थान था, दो श्यनकक्ष और एक बड़ा कमरा था जहाँ आग जलाने का बड़ा सा स्थान था जिसमें हम दो फुट लंबे देवदार के लट्ठे जलाया करते थे। वह आग जलाने का स्थान हमारे घर की गर्माहट का केंद्र था। हमारे परिवार में पाँच लोग थे, मेरे माता-पिता, मेरी बहिन, मेरी चचेरी बहिन और मैं। घर के बाहर बरामदा था जिसके बाहरी किनारे पर मोटे तिरपाल के परदे लगे थे जो खोलने पर नीचे ज़मीन तक आ जाते थे और बरामदे को सब तरफ से ढक कर कमरे जैसा बना देते थे। क्योंकि हमारे पास केवल दो ही श्यनकक्ष थे इसलिए सारे साल मैं बाहर बरामदे में तिरपाल के परदे गिरा कर सोया करता था। गर्मियाँ तो बरामदे में अच्छे से निकल जाती थीं, लेकिन शरद ऋतु में बहुत ठंडा हो जाता था।

   मुझे याद है कि सोने का समय होने पर मैं गरम कमरे से भाग कर बरामदे में जाता, नंगे पाँव पाले से ढके बरामदे पर चलता हुआ पलंग तक जाता और कूदकर कंबलों के अंबार के नीचे घुस जाता। फिर यदि बारिश, तूफान या बर्फ हमारे घर पर थपेड़े मारती, या तेज़ हवाएं लकड़ी के बीच से सीटी बजाती हुई निकलतीं, मैं बस उन कंबलों के अन्दर दुबक कर सोया रहता। मुझे नहीं लगता कि कोई भी बच्चा वैसा गर्म और सुरक्षित अनुभव करता होगा जैसा मैं वहाँ करता था।

   लेकिन अब मैं उस सबसे उत्तम सुरक्षा को जानता हूँ: परमेश्वर की सुरक्षा। अब मैं जीवन की प्रत्येक परिस्थिति में मैं "शान्ति से लेटकर सो जाऊँगा" (भजन 4:8) क्योंकि मैं जानता हूँ कि जीवन के हर तूफान में परमेश्वर मेरा शरणस्थान है। उसके प्रेम और सुरक्षा में लिपट कर मैं हर समय, हर बात में, हर आशंका से ऐसा सुरक्षित रहता हूँ जैसा और कहीं नहीं, और कभी नहीं रहा या रह सकता। - डेविड रोपर


जो परमेश्वर के हाथों में हैं, उनसे अधिक सुरक्षित कभी कोई और नहीं हो सकता।

यहोवा मेरी चट्टान, और मेरा गढ़ और मेरा छुड़ाने वाला है; मेरा ईश्वर, मेरी चट्टान है, जिसका मैं शरणागत हूं, वह मेरी ढ़ाल और मेरी मुक्ति का सींग, और मेरा ऊँचा गढ़ है। - भजन 18:2 

बाइबल पाठ: भजन 91:9-16
Psalms 91:9 हे यहोवा, तू मेरा शरण स्थान ठहरा है। तू ने जो परमप्रधान को अपना धाम मान लिया है, 
Psalms 91:10 इसलिये कोई विपत्ति तुझ पर न पड़ेगी, न कोई दु:ख तेरे डेरे के निकट आएगा।
Psalms 91:11 क्योंकि वह अपने दूतों को तेरे निमित्त आज्ञा देगा, कि जहां कहीं तू जाए वे तेरी रक्षा करें। 
Psalms 91:12 वे तुझ को हाथों हाथ उठा लेंगे, ऐसा न हो कि तेरे पांवों में पत्थर से ठेस लगे। 
Psalms 91:13 तू सिंह और नाग को कुचलेगा, तू जवान सिंह और अजगर को लताड़ेगा। 
Psalms 91:14 उसने जो मुझ से स्नेह किया है, इसलिये मैं उसको छुड़ाऊंगा; मैं उसको ऊंचे स्थान पर रखूंगा, क्योंकि उसने मेरे नाम को जान लिया है। 
Psalms 91:15 जब वह मुझ को पुकारे, तब मैं उसकी सुनूंगा; संकट में मैं उसके संग रहूंगा, मैं उसको बचा कर उसकी महिमा बढ़ाऊंगा। 
Psalms 91:16 मैं उसको दीर्घायु से तृप्त करूंगा, और अपने किए हुए उद्धार का दर्शन दिखाऊंगा।

एक साल में बाइबल: 
  • होशे 9-11
  • प्रकाशितवाक्य 3


रविवार, 11 दिसंबर 2016

राज्य


   मैं अपनी सहेली के साथ एक प्राकृतिक विहार घूमने के लिए गई। आयोजकों ने वहाँ पाए जाने वाले जीव-जन्तुओं को लोगों को देखने और उनके बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए रखा हुआ था। मेरी सहेली के छोटे बच्चे ने वहाँ काँच के डब्बे में बन्द करके रखे गए मोटे से साँप को देखकर उस काँच के डिब्बे को हाथ से थपथपाया, और वह साँप जो मेरी बाँह के बराबर मोटा था, धीरे से सरकता हुआ दूसरी ओर खिसक गया। यद्यपि मैं भली-भांति जानती था कि वह साँप उस डिब्बे के बाहर नहीं आ सकता है, तो भी उस खतरनाक जन्तु को एक छोटे बच्चे के इतना समीप देखकर मैं सिहर उठी, मेरे रोंगटे खड़े हो गए।

   परमेश्वर का वचन बाइबल, एक ऐसे समय के बारे में बताती है जब खतरनाक और घातक जानवर भी एक दूसरे के लिए और हम मनुष्यों के लिए कोई खतरा नहीं रहेंगे: "तब भेडिय़ा भेड़ के बच्चे के संग रहा करेगा, और चीता बकरी के बच्चे के साथ बैठा रहेगा, और बछड़ा और जवान सिंह और पाला पोसा हुआ बैल तीनों इकट्ठे रहेंगे, और एक छोटा लड़का उनकी अगुवाई करेगा। गाय और रीछनी मिलकर चरेंगी, और उनके बच्चे इकट्ठे बैठेंगे; और सिंह बैल की नाईं भूसा खाया करेगा। दूधपिउवा बच्चा करैत के बिल पर खेलेगा, और दूध छुड़ाया हुआ लड़का नाग के बिल में हाथ डालेगा" (यशायाह 11:6-8)। संसार मे रहने वाले सभी प्राणी पूर्ण शांति और सामंजस्य का अनुभव करेंगे।

   प्रभु सब के साथ रहने के लिए सुरक्षित वातावरण स्थापित, कर के देगा जब वह अपनी बुद्धिमता, सामर्थ और ज्ञान से संसार को बहाल कर देगा। उस समय वह धार्मिकता तथा खराई से संसार का न्याय करेगा (यशायाह 11:4), और सभी उसकी महानता का अंगीकार करेंगे: "...पृथ्वी यहोवा के ज्ञान से ऐसी भर जाएगी जैसा जल समुद्र में भरा रहता है" (यशायाह 11:9)।

   हम पाप और बुराई के कारण टूटे और बिगड़े हुए संसार में रहते हैं। अन्याय, मनमुटाव, भय, पीड़ा आदि हमारे व्यावाहरिक दैनिक जीवन के वास्तविक अंग हैं। लेकिन एक दिन परमेश्वर सब कुछ बदल देगा, और "परन्तु तुम्हारे लिये जो मेरे नाम का भय मानते हो, धर्म का सूर्य उदय होगा, और उसकी किरणों के द्वारा तुम चंगे हो जाओगे; और तुम निकल कर पाले हुए बछड़ों की नाईं कूदोगे और फांदोगे" (मलाकी 4:2)। वह प्रभु यीशु के धार्मिकता के अनन्त राज्य का समय होगा। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


अन्तिम न्याय को उस न्यायी परमेश्वर के हाथों में छोड़ दें।

फिर मैं ने सिंहासन में से किसी को ऊंचे शब्द से यह कहते सुना, कि देख, परमेश्वर का डेरा मनुष्यों के बीच में है; वह उन के साथ डेरा करेगा, और वे उसके लोग होंगे, और परमेश्वर आप उन के साथ रहेगा; और उन का परमेश्वर होगा। और वह उन की आंखों से सब आंसू पोंछ डालेगा; और इस के बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहिली बातें जाती रहीं। - प्रकाशितवाक्य 21:3-4

बाइबल पाठ: यशायाह 11:1-9
Isaiah 11:1 तब यिशै के ठूंठ में से एक डाली फूट निकलेगी और उसकी जड़ में से एक शाखा निकल कर फलवन्त होगी। 
Isaiah 11:2 और यहोवा की आत्मा, बुद्धि और समझ की आत्मा, युक्ति और पराक्रम की आत्मा, और ज्ञान और यहोवा के भय की आत्मा उस पर ठहरी रहेगी। 
Isaiah 11:3 ओर उसको यहोवा का भय सुगन्ध सा भाएगा।। वह मुंह देखा न्याय न करेगा और न अपने कानों के सुनने के अनुसार निर्णय करेगा; 
Isaiah 11:4 परन्तु वह कंगालों का न्याय धर्म से, और पृथ्वी के नम्र लोगों का निर्णय खराई से करेगा; और वह पृथ्वी को अपने वचन के सोंटे से मारेगा, और अपने फूंक के झोंके से दुष्ट को मिटा डालेगा। 
Isaiah 11:5 उसकी कटि का फेंटा धर्म और उसकी कमर का फेंटा सच्चाई होगी।
Isaiah 11:6 तब भेडिय़ा भेड़ के बच्चे के संग रहा करेगा, और चीता बकरी के बच्चे के साथ बैठा रहेगा, और बछड़ा और जवान सिंह और पाला पोसा हुआ बैल तीनों इकट्ठे रहेंगे, और एक छोटा लड़का उनकी अगुवाई करेगा। 
Isaiah 11:7 गाय और रीछनी मिलकर चरेंगी, और उनके बच्चे इकट्ठे बैठेंगे; और सिंह बैल की नाईं भूसा खाया करेगा। 
Isaiah 11:8 दूधपिउवा बच्चा करैत के बिल पर खेलेगा, और दूध छुड़ाया हुआ लड़का नाग के बिल में हाथ डालेगा। 
Isaiah 11:9 मेरे सारे पवित्र पर्वत पर न तो कोई दु:ख देगा और न हानि करेगा; क्योंकि पृथ्वी यहोवा के ज्ञान से ऐसी भर जाएगी जैसा जल समुद्र में भरा रहता है।

एक साल में बाइबल: 
  • होशे 5-8
  • प्रकाशितवाक्य 2


शनिवार, 10 दिसंबर 2016

शिक्षक


   सारे शरीर की प्रत्येक कोशिका तक रक्त और पोशाण पहुँचाने के लिए हमारा हृदय प्रतिदिन लगभग 100,000 बार धड़कता है। यदि इसका योग लगाया जाए तो यह एक वर्ष में लगभग 3 करोड़ 50 लाख बार और एक सामान्य जीवनकाल में लगभग 2.5 अरब बार धडकना होता है। चिकित्सा विज्ञान हमें बताता है कि हृदय की प्रत्येक धड़कन लगभग उतना ही बल होता है जितना बल एक टेनिस की गेंद को मुट्ठी में पकड़ कर ज़ोर से दबाने में लगता है। हमारा हृदय और उसका कार्य कितना भी आश्चर्यजनक क्यों ना हो, यह प्राकृतिक संसार की विलक्षण बातों का केवल एक नमूना ही है जो हमारे सृष्टिकर्ता परमेश्वर ने रचा और अपने बारे में हमें समझाने के लिए रखा है। परमेश्वर के वचन बाइबल में अय्युब के जीवन की कहानी का, हमें यही सिखाना उद्देश्य है।

   अय्युब परमेश्वर का भय मानने वाला और उसकी आराधना में लगे रहने वाला ऐसा व्यक्ति था जिसकी धार्मिकता की गवाही स्वयं परमेश्वर ने दी। लेकिन उस पर और उसके परिवार पर शैतान के हमलों से विपत्तियों के पहाड़ टूट पड़े, उसका सब कुछ जाता रहा, उसके बेटे-बहुएं मर गए, संपत्ति लुट गई और शरीर घावों से भर गया। लेकिन इतना सब होने पर भी अय्युब परमेश्वर के विरुद्ध नहीं बोला; वह खिन्न अवश्य हुआ, उसने अपना विसमय और इन विपरीत परिस्थितियों के आने  के कारण को समझ ना पाने की बात अवश्य की, परन्तु परमेश्वर की निन्दा या बुराई कदापि नहीं की। अपनी इन घोर मुसीबतों और दुःखों के कारण को जानने के लिए उसने परमेश्वर से प्रश्न भी किया, लेकिन परमेश्वर ने उसे इस बात का कोई उत्तर नहीं दिया; और ना ही सृष्टिकर्ता परमेश्वर ने उसे यह बताया कि भविष्य में वह यीशु के रूप में समस्त मानव जाति के पापों से बचने का मार्ग बनाने के लिए कैसी-कैसी पीड़ाओं को सहेगा, अपना प्राण भी बलिदान कर देगा। अन्ततः जब परमेश्वर ने अय्युब से बोलना आरंभ किया, तो उसने अय्युब को उसकी पीड़ाओं के लिए कोई स्पष्टिकरण नहीं दिया, वरन अय्युब का ध्यान प्रकृति में विद्यमान उसकी आश्चर्यजनक रचनाओं की ओर खींचा, जो सदा ही मनुष्य के बयान और समझ से बाहर परमेश्वर की बुद्धिमता और सामर्थ की गवाही देती रहती हैं (अय्युब 38:1-11)।

   तो आज हमारे लिए हमारे हृदय की क्या शिक्षा है? हमारा हृदय हमारे लिए वैसा ही शिक्षक है जैसा तट पर आने वाली लहरें, रात में चमकने वाले सितारे हैं। हमारे सृष्टिकर्ता परमेश्वर की सामर्थ और बुद्धिमता हमें वाजिब कारण प्रदान करती हैं कि हम उसमें विश्वास करें, उसकी आज्ञाकारिता में बने रहें और चलें, और संसार के सामने उसके इन विलक्षण गुणों के गवाह बनें। - मार्ट डीहॉन


जब हम सृष्टि में विदित परमेश्वर की बुद्धिमता पर मनन करते हैं, 
तो हमारे प्रति उसकी चिंता और देखभाल की सामर्थ को समझने पाते हैं।

इसलिये कि परमेश्वर के विषय का ज्ञान उन के मनों में प्रगट है, क्योंकि परमेश्वर ने उन पर प्रगट किया है। क्योंकि उसके अनदेखे गुण, अर्थात उस की सनातन सामर्थ, और परमेश्वरत्व जगत की सृष्टि के समय से उसके कामों के द्वारा देखने में आते है, यहां तक कि वे निरुत्तर हैं। - रोमियों 1:19-20

बाइबल पाठ: अय्युब 38:1-11
Job 38:1 तब यहोवा ने अय्यूब को आँधी में से यूं उत्तर दिया, 
Job 38:2 यह कौन है जो अज्ञानता की बातें कहकर युक्ति को बिगाड़ना चाहता है? 
Job 38:3 पुरुष की नाईं अपनी कमर बान्ध ले, क्योंकि मैं तुझ से प्रश्न करता हूँ, और तू मुझे उत्तर दे। 
Job 38:4 जब मैं ने पृथ्वी की नेव डाली, तब तू कहां था? यदि तू समझदार हो तो उत्तर दे। 
Job 38:5 उसकी नाप किस ने ठहराई, क्या तू जानता है उस पर किस ने सूत खींचा? 
Job 38:6 उसकी नेव कौन सी वस्तु पर रखी गई, वा किस ने उसके कोने का पत्थर बिठाया, 
Job 38:7 जब कि भोर के तारे एक संग आनन्द से गाते थे और परमेश्वर के सब पुत्र जयजयकार करते थे? 
Job 38:8 फिर जब समुद्र ऐसा फूट निकला मानो वह गर्भ से फूट निकला, तब किस ने द्वार मूंदकर उसको रोक दिया; 
Job 38:9 जब कि मैं ने उसको बादल पहिनाया और घोर अन्धकार में लपेट दिया, 
Job 38:10 और उसके लिये सिवाना बान्धा और यह कहकर बेंड़े और किवाड़े लगा दिए, कि 
Job 38:11 यहीं तक आ, और आगे न बढ़, और तेरी उमंडने वाली लहरें यहीं थम जाएं?

एक साल में बाइबल: 
  • होशे 1-4
  • प्रकाशितवाक्य 1


शुक्रवार, 9 दिसंबर 2016

पाठ्यपुस्तक


   द न्यू इंगलैंड प्राइमर नामक आरंभिक पाठ्यपुस्तिका सर्वप्रथम सन 1600 के अन्त के समय में प्रकाशित हुई थी। उन सभी उपनिवेशों में, जो बाद में संगठित होकर ’संयुकत राज्य अमेरिका’ बने यह पुस्तक आरंभिक पढ़ना-लिखना सीखने के लिए बहुतायत से उपयोग होने वाला स्त्रोत बनी। यह प्राचीन अमेरिकी पाठ्यपुस्तक मुख्यतः परमेश्वर के वचन बाइबल पर आधारित थी, और इसमें बाइबल की घटनाओं को आधार बना कर चित्र और बच्चों की कविताएं थीं जिनके द्वारा बच्चे पढ़ना-लिखना सीखते थे। इसमें स्मरण करने के लिए प्रार्थनाएं भी थीं, जैसे कि वर्तमान में भी बच्चों को बहुधा सिखाई जाने वाली यह प्रार्थना: "सोने अब मैं जाता हूँ, प्रार्थना यह मैं करता हूँ; मेरी आत्मा का रखवाला हो, जो मैं जागूँ तो, मेरी आत्मा स्वीकार करना तू।"

   उपनिवेशिक अमेरिका में एक से दूसरी पीढ़ी को अपने मसीही विश्वास की बातें पहुँचाने का यह एक कारगर तरीका बन गया। यह उस बात के साथ बहुत मेल खाता है जो परमेश्वर अपनी प्रजा प्राचीन इस्त्राएलियों से चाहता था, जैसा कि व्यवस्थाविवरण 6:6-7 में लिखा है: "और ये आज्ञाएं जो मैं आज तुझ को सुनाता हूं वे तेरे मन में बनी रहें;और तू इन्हें अपने बाल-बच्चों को समझाकर सिखाया करना, और घर में बैठे, मार्ग पर चलते, लेटते, उठते, इनकी चर्चा किया करना।"

   जब हम अपनी अगली पीढ़ी से परमेश्वर की हस्ती, अस्तित्व और कार्यों के बारे में बातचीत करते हैं, उन्हें हमारे प्रति उसके प्रेम, देखभाल, प्रावधान और चिंता के बारे में बताते हैं और उन्हें उस आज्ञाकारिता तथा समर्पण को समझाते हैं जो वह हम से चाहता है, तो हम अपनी अगली पीढ़ी के लिए वह आरंभिक पाठ्यपुस्तक बन जाते हैं जिसके द्वारा वह पीढ़ी परमेश्वर के साथ चलने और उसके कार्यों को करने के लिए तैयार होती है। परमेश्वर हमें औरों को सिखाने के लिए इस्तेमाल करता है। - डेनिस फिशर


हम जब औरों को मसीह यीशु के बारे में सिखाते हैं तो 
हम केवल समय व्यतीत नहीं करते हैं, हम समय का निवेश करते हैं।

व्यवस्था की यह पुस्तक तेरे चित्त से कभी न उतरने पाए, इसी में दिन रात ध्यान दिए रहना, इसलिये कि जो कुछ उस में लिखा है उसके अनुसार करने की तू चौकसी करे; क्योंकि ऐसा ही करने से तेरे सब काम सफल होंगे, और तू प्रभावशाली होगा। - यहोशु 1:8

बाइबल पाठ: व्यवस्थाविवरण 6:1-9
Deuteronomy 6:1 यह वह आज्ञा, और वे विधियां और नियम हैं जो तुम्हें सिखाने की तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने आज्ञा दी है, कि तुम उन्हें उस देश में मानो जिसके अधिकारी होने को पार जाने पर हो; 
Deuteronomy 6:2 और तू और तेरा बेटा और तेरा पोता यहोवा का भय मानते हुए उसकी उन सब विधियों और आज्ञाओं पर, जो मैं तुझे सुनाता हूं, अपने जीवन भर चलते रहें, जिस से तू बहुत दिन तक बना रहे। 
Deuteronomy 6:3 हे इस्राएल, सुन, और ऐसा ही करने की चौकसी कर; इसलिये कि तेरा भला हो, और तेरे पितरों के परमेश्वर यहोवा के वचन के अनुसार उस देश में जहां दूध और मधु की धाराएं बहती हैं तुम बहुत हो जाओ। 
Deuteronomy 6:4 हे इस्राएल, सुन, यहोवा हमारा परमेश्वर है, यहोवा एक ही है; 
Deuteronomy 6:5 तू अपने परमेश्वर यहोवा से अपने सारे मन, और सारे जीव, और सारी शक्ति के साथ प्रेम रखना। 
Deuteronomy 6:6 और ये आज्ञाएं जो मैं आज तुझ को सुनाता हूं वे तेरे मन में बनी रहें; 
Deuteronomy 6:7 और तू इन्हें अपने बाल-बच्चों को समझाकर सिखाया करना, और घर में बैठे, मार्ग पर चलते, लेटते, उठते, इनकी चर्चा किया करना। 
Deuteronomy 6:8 और इन्हें अपने हाथ पर चिन्हानी कर के बान्धना, और ये तेरी आंखों के बीच टीके का काम दें। 
Deuteronomy 6:9 और इन्हें अपने अपने घर के चौखट की बाजुओं और अपने फाटकों पर लिखना।

एक साल में बाइबल: 
  • दान्नियेल 11-12
  • यहूदा


गुरुवार, 8 दिसंबर 2016

पुकार


   प्रत्येक बीतते वर्ष के साथ, प्रतीत होता है कि क्रिसमस और अधिक व्यवसायिक होता चला जा रहा है। उन देशों में भी जिनमें अधिकांश लोग अपने आप को इसाई कहते हैं, यह समय प्रभु यीशु की आराधना का कम और व्यक्तिगत खरीददारी का अधिक होता चला जा रहा है। उपहार खरीदने और बड़ी तथा सुनियोजित पार्टियों का आयोजन करने का दबाव इस अवकाश-समय के असल उद्देश्य - परमेश्वर के एकलौते पुत्र, और सारे संसार का उद्धारकर्ता, प्रभु यीशु के जन्म के महत्व पर नज़रें जमाए रखने और उसे निभाने को कठिन कर देता है।

   परन्तु प्रत्येक वर्ष इस अवकाश-समय में मैं सुसमाचार को अचंभित कर देने वाले स्थानों से प्रचार होता देखती हूँ - उन ही शॉपिंग मॉल्स से जो क्रिसमस को ऐसा व्यवसायिक बना रही हैं। जब मैं उन स्थानों के लाउडस्पीकरों से क्रिसमस और प्रभु यीशु के जन्म के गीतों को, जैसे कि "खुश हो खुदावन्द आया है! उसको कुबूल कर लो", बजते सुनती हूँ तो मुझे उन फरीसियों का ध्यान आता है जिन्होंने प्रभु यीशु से कहा था कि वे उन लोगों की भीड़ को जो उसकी स्तुति और प्रशंसा कर रहे थे, खामोश रहने को कहें। प्रभु यीशु ने उन्हें उत्तर दिया था, "यदि वे चुप रहे तो पत्थर चिल्ला उठेंगे" (लूका 19:40)।

   क्रिसमस पर हम "पत्थरों" को पुकारते हुए ही तो सुनते हैं। आत्मिक रीति से मरे हुए लोग, प्रभु यीशु और परमेश्वर में विश्वास ना रखने वाले लोग, प्रभु यीशु और उनके अनुयायियों से बैर रखने वाले लोग भी इस उत्सव का आनन्द मनाते हैं, इस उत्सव के उपलक्ष में उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं, उसके लिए एक दूसरे का अभिनदन करते हैं, क्रिसमिस की सभाओं में सम्मिलित होते हैं और प्रभु यीशु के जन्म की स्तुति के गीत गाते हैं जिन्हें प्रभु के लोगों ने अनेकों वर्ष पहले लिखा था, और लिखने वाले अब इस संसार में भी नहीं रहे लेकिन उनकी रचनाएं आज भी लोगों को आनन्दित करती हैं, प्रभु की आराधना करवाती हैं। यह सब हमें बताता है कि लोग प्रभु यीशु के जन्म के उद्देश्य को दबाने और छिपाने का चाहे जितना प्रयास कर लें, वो सफल कभी नहीं होने पाएंगे।

  उस व्यवसायिकता के बावजूद जो मसीह यीशु के जन्म के सन्देश को बिगाड़ देना चाहती है, परमेश्वर अपने पुत्र और जगत के उद्धारकर्ता के जन्म के सुसमाचार को संसार के प्रत्येक स्थान पर पहुँचा रहा है; कई बार तो उन ही को सुसमाचार वाहक बना रहा है जो इस सुसमाचार पर विश्वास भी नहीं करते। वास्तव में, परमेश्वर जब चाहता है तो पत्थर भी उसकी स्तुति में पुकार उठते हैं। - जूली ऐकैरमैन लिंक


मसीह को क्रिसमस से पृथक करना वैसा ही व्यर्थ है 
जैसा समुद्र की लहरों को थाम देने का प्रयास करना।

परन्तु जब पवित्र आत्मा तुम पर आएगा तब तुम सामर्थ पाओगे; और यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में, और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह होगे। - प्रेरितों 1:8

बाइबल पाठ: लूका 19:28-40
Luke 19:28 ये बातें कहकर वह यरूशलेम की ओर उन के आगे आगे चला।
Luke 19:29 और जब वह जैतून नाम पहाड़ पर बैतफगे और बैतनियाह के पास पहुंचा, तो उसने अपने चेलों में से दो को यह कहके भेजा। 
Luke 19:30 कि साम्हने के गांव में जाओ, और उस में पहुंचते ही एक गदही का बच्‍चा जिस पर कभी कोई सवार नहीं हुआ, बन्‍धा हुआ तुम्हें मिलेगा, उसे खोल कर लाओ। 
Luke 19:31 और यदि कोई तुम से पूछे, कि क्यों खोलते हो, तो यह कह देना, कि प्रभु को इस का प्रयोजन है। 
Luke 19:32 जो भेजे गए थे; उन्होंने जा कर जैसा उसने उन से कहा था, वैसा ही पाया। 
Luke 19:33 जब वे गदहे के बच्‍चे को खोल रहे थे, तो उसके मालिकों ने उन से पूछा; इस बच्‍चे को क्यों खोलते हो? 
Luke 19:34 उन्होंने कहा, प्रभु को इस का प्रयोजन है। 
Luke 19:35 वे उसको यीशु के पास ले आए और अपने कपड़े उस बच्‍चे पर डालकर यीशु को उस पर सवार किया। 
Luke 19:36 जब वह जा रहा था, तो वे अपने कपड़े मार्ग में बिछाते जाते थे। 
Luke 19:37 और निकट आते हुए जब वह जैतून पहाड़ की ढलान पर पहुंचा, तो चेलों की सारी मण्‍डली उन सब सामर्थ के कामों के कारण जो उन्होंने देखे थे, आनन्‍दित हो कर बड़े शब्द से परमेश्वर की स्‍तुति करने लगी। 
Luke 19:38 कि धन्य है वह राजा, जो प्रभु के नाम से आता है; स्वर्ग में शान्‍ति और आकाश मण्‍डल में महिमा हो। 
Luke 19:39 तब भीड़ में से कितने फरीसी उस से कहने लगे, हे गुरू अपने चेलों को डांट। 
Luke 19:40 उसने उत्तर दिया, कि तुम से कहता हूं, यदि ये चुप रहें, तो पत्थर चिल्ला उठेंगे।

एक साल में बाइबल: 
  • दान्नियेल 8-10
  • 3 यूहन्ना 1