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बुधवार, 28 अगस्त 2013

अनुशासन

   हमारा घर घने वृक्षों से घिरा हुआ है, इसलिए ग्रीष्म ऋतु में भी हमें धूप दिन भर में थोड़े से समय के लिए ही मिल पाती है। हमें ताज़े टमाटर भी बहुत पसन्द हैं, इसलिए मैं ने सोचा कि हम टमाटर गमलों में उगाएंगे और उन गमलों को उन स्थानों पर रख देंगे जहाँ धूप पड़ती है। हमने ऐसा ही किया और टमाटर के पौधे तेज़ी से बढ़ने लगे। मैं उनकी यह तीव्र बढ़ोतरी देख कर बहुत प्रसन्न थी, लेकिन मेरी यह प्रसन्नता थोड़े ही समय की थी, क्योंकि मुझे मालुम पड़ा के टमाटर के वे पौधे अधिक से अधिक धूप पाने के लिए तेज़ी से लंबे तो होते जा रहे हैं, लेकिन उन पौधों के तनों मे उन्हें और उनके वज़न को संभाल पाने की ताकत नहीं है इस कारण वे एक लता के समान टेढ़े मेढ़े होकर ज़मीन पर भी बिछते जा रहे हैं। मैंने कुछ सीधी डंडीयाँ लीं और उन लता रूपी तनों को सहारा देने के लिए उनके साथ लगाया और उन्हें आपस में बांध  कर सीधा करने का प्रयास करने लगी, जिससे पौधे खड़े रहें और अच्छा फल ला सकें। मैंने प्रयास किया कि मैं पौधों को सीधा करने में हाथ हलका ही रखूँ, लेकिन फिर भी एक पौधे का तना टूट ही गया, और अन्य सभी पौधों के तने भी पूरी तरह से सीधे नहीं हो पाए, वे तने टेढ़े ही रहे।

   इस अनुभव से मैंने एक महत्वपूर्ण आत्मिक शिक्षा भी पाई - चरित्र के टेढ़े-मेढ़े होने से पहले ही अनुशासन रखना आवश्यक है, अन्यथा एक बार चरित्र में स्थाई विकृति और इधर-उधर का झुकाव आ गया तो फिर उसे वापस सीधा कर पाना बहुत कठिन हो जाएगा।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में एली नामक एक याजक (पुरोहित) का वृतांत है। एली के दो पुत्र थे, दोनों ही पथ-भ्रष्ट हो गए और एली ने उन्हें समय रहते अनुशासित नहीं किया। जब उन दोनों पुत्रों की दुष्टता इतनी बढ़ गई कि एली उनके दुषकर्मों की और उपेक्षा नहीं कर सका, तो एली ने केवल हलकी सी डाँट लगाकर ही काम चलाना चाहा (1 शमूएल 2:24-25), लेकिन अब बहुत देर हो चुकी थी, वे नहीं सुधरे और अन्ततः परमेश्वर ने उनके विषय में अपना निर्णय सुना दिया: "क्योंकि मैं तो उसको यह कहकर जता चुका हूं, कि मैं उस अधर्म का दण्ड जिसे वह जानता है सदा के लिये उसके घर का न्याय करूंगा, क्योंकि उसके पुत्र आप शापित हुए हैं, और उसने उन्हें नहीं रोका। इस कारण मैं ने एली के घराने के विषय यह शपथ खाई, कि एली के घराने के अधर्म का प्रायश्चित न तो मेलबलि से कभी होगा, और न अन्नबलि से" (1 शमूएल 3:13-14)।

   टेढ़े को सीधा करना पीड़ादायक और कठिन होता है, लेकिन टेढ़ा बने रहना ना केवल अपने लिए वरन दूसरों के लिए भी पीड़ादायक होता है और साथ ही विनाशकारी भी होता है। भला है कि अनुशासन के द्वारा आरंभ से ही चरित्र और चाल-चलन सुधार कर रखा जाए, अन्यथा परिणाम बहुत दुखदायी होंगे। - जूली ऐकैरमैन लिंक


परमेश्वर का प्रेम सामना भी करता है और सुधारता भी है।

और वर्तमान में हर प्रकार की ताड़ना आनन्द की नहीं, पर शोक ही की बात दिखाई पड़ती है, तौभी जो उसको सहते सहते पक्के हो गए हैं, पीछे उन्हें चैन के साथ धर्म का प्रतिफल मिलता है। - इब्रानियों 12:11 

बाइबल पाठ: इब्रानियों 12:5-15
Hebrews 12:5 और तुम उस उपदेश को जो तुम को पुत्रों की नाईं दिया जाता है, भूल गए हो, कि हे मेरे पुत्र, प्रभु की ताड़ना को हलकी बात न जान, और जब वह तुझे घुड़के तो हियाव न छोड़।
Hebrews 12:6 क्योंकि प्रभु, जिस से प्रेम करता है, उस की ताड़ना भी करता है; और जिसे पुत्र बना लेता है, उसको कोड़े भी लगाता है।
Hebrews 12:7 तुम दुख को ताड़ना समझकर सह लो: परमेश्वर तुम्हें पुत्र जान कर तुम्हारे साथ बर्ताव करता है, वह कौन सा पुत्र है, जिस की ताड़ना पिता नहीं करता?
Hebrews 12:8 यदि वह ताड़ना जिस के भागी सब होते हैं, तुम्हारी नहीं हुई, तो तुम पुत्र नहीं, पर व्यभिचार की सन्तान ठहरे!
Hebrews 12:9 फिर जब कि हमारे शारीरिक पिता भी हमारी ताड़ना किया करते थे, तो क्या आत्माओं के पिता के और भी आधीन न रहें जिस से जीवित रहें?
Hebrews 12:10 वे तो अपनी अपनी समझ के अनुसार थोड़े दिनों के लिये ताड़ना करते थे, पर यह तो हमारे लाभ के लिये करता है, कि हम भी उस की पवित्रता के भागी हो जाएं।
Hebrews 12:11 और वर्तमान में हर प्रकार की ताड़ना आनन्द की नहीं, पर शोक ही की बात दिखाई पड़ती है, तौभी जो उसको सहते सहते पक्के हो गए हैं, पीछे उन्हें चैन के साथ धर्म का प्रतिफल मिलता है।
Hebrews 12:12 इसलिये ढीले हाथों और निर्बल घुटनों को सीधे करो।
Hebrews 12:13 और अपने पांवों के लिये सीधे मार्ग बनाओ, कि लंगड़ा भटक न जाए, पर भला चंगा हो जाए।
Hebrews 12:14 सब से मेल मिलाप रखने, और उस पवित्रता के खोजी हो जिस के बिना कोई प्रभु को कदापि न देखेगा।
Hebrews 12:15 और ध्यान से देखते रहो, ऐसा न हो, कि कोई परमेश्वर के अनुग्रह से वंचित रह जाए, या कोई कड़वी जड़ फूट कर कष्‍ट दे, और उसके द्वारा बहुत से लोग अशुद्ध हो जाएं।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 123-125 
  • 1 कुरिन्थियों 10:1-18


मंगलवार, 27 अगस्त 2013

विनम्रता

   अपने कॉलेज छात्र होने के दिनों में मैंने जोड़े बनने की अनेकों कहानियाँ सुनी थीं। किसी कन्या के प्रति प्रेम भाव से भरे मेरे मित्रों ने अपने उस प्रेम को व्यक्त करने के लिए चकाचौंध कर देने वाले रेस्टोरेन्ट, पहाड़ की चोटी से सूर्यास्त के मनोहर दृश्य, घोड़ा गाड़ी की सवारी आदि अनेक माध्यमों का उपयोग करा। मुझे एक युवक की विलक्षण कहानी अभी तक स्मरण है, जिसने अपने प्रेम को व्यक्त करने के लिए अपनी प्रेमिका के पैर धोए! उसकी यह ’विनम्रता’ यह दर्शाने के लिए थी कि वह आजीवन वचनबद्धता में विनम्रता के महत्व को समझता था।

   प्रेरित पौलुस ने भी विनम्रता के महत्व को समझा और यह भी कि कैसे विनम्रता ही हमें आपस में जोड़ कर रख सकती है। यह बात विवाह संबंध में विशेष रूप से लागू होती है। पौलुस ने चिताया कि संबंधों को प्रगाढ़ बनाए रखने के लिए सबसे पहले निज स्वार्थ की भावनाओं को त्याग देना है: "विरोध या झूठी बड़ाई के लिये कुछ न करो पर दीनता से एक दूसरे को अपने से अच्छा समझो" (फिलिप्पियों 2:3)। स्वार्थ तथा निज हित के स्थान पर हमें अपने जोड़ीदार को अपने से अधिक महत्व देना चाहिए और उनकी इच्छाओं का ध्यान रखना चाहिए।

   विनम्रता को कार्यकारी रूप में दिखाने का अर्थ है अपने जोड़ीदार की सेवा करना, और कोई भी सेवा छोटी या बड़ी नहीं होती। आखिरकर प्रभु यीशु ने भी "मनुष्य के रूप में प्रगट हो कर अपने आप को दीन किया, और यहां तक आज्ञाकारी रहा, कि मृत्यु, हां, क्रूस की मृत्यु भी सह ली" (फिलिप्पियों 2:8)। प्रभु यीशु का निस्वार्थ स्वभाव हमारे प्रति उसके प्रेम का सूचक है।

   आज अपने किसी प्रीय के लिए आप विनम्रता सहित क्या सेवा कर सकते हैं? हो सकता है कि यह एक साधारण सी बात ही हो, जैसे खाने में परोसे जाने वाली वस्तुओं की सूची से उसको नापसन्द भोजन वस्तुओं को हटा देना; या कोई कठिन बात जैसे किसी लंबी बिमारी के समय उसके पूर्ण स्वास्थ लाभ होने तक उस के साथ बने रहना, उसकी सेवा करते रहना। कार्य कुछ भी हो, लेकिन अपनी आवश्यकताओं से बढ़कर अपने जोड़ीदार की आवश्यकताओं का ध्यान रखना दिखाता है कि हम उसके प्रति वैसी ही विनम्रता सहित वचनबद्ध हैं जैसे हमारा तथा समस्त संसार का उद्धारकर्ता मसीह यीशु अपनी विनम्रता सहित हमारे प्रति वचनबद्ध है। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


यदि आप यह विचार रखते हैं कि किसी प्रीय के प्रति प्रेम अत्याधिक भी हो सकता है, तो संभवतः आपने उससे कभी पर्याप्त प्रेम करा ही नहीं है।

और मनुष्य के रूप में प्रगट हो कर अपने आप को दीन किया, और यहां तक आज्ञाकारी रहा, कि मृत्यु, हां, क्रूस की मृत्यु भी सह ली। - फिलिप्पियों 2:8

बाइबल पाठ: फिलिप्पियों 2:1-11
Philippians 2:1 सो यदि मसीह में कुछ शान्‍ति और प्रेम से ढाढ़स और आत्मा की सहभागिता, और कुछ करूणा और दया है।
Philippians 2:2 तो मेरा यह आनन्द पूरा करो कि एक मन रहो और एक ही प्रेम, एक ही चित्त, और एक ही मनसा रखो।
Philippians 2:3 विरोध या झूठी बड़ाई के लिये कुछ न करो पर दीनता से एक दूसरे को अपने से अच्छा समझो।
Philippians 2:4 हर एक अपनी ही हित की नहीं, वरन दूसरों की हित की भी चिन्‍ता करे।
Philippians 2:5 जैसा मसीह यीशु का स्‍वभाव था वैसा ही तुम्हारा भी स्‍वभाव हो।
Philippians 2:6 जिसने परमेश्वर के स्‍वरूप में हो कर भी परमेश्वर के तुल्य होने को अपने वश में रखने की वस्तु न समझा।
Philippians 2:7 वरन अपने आप को ऐसा शून्य कर दिया, और दास का स्‍वरूप धारण किया, और मनुष्य की समानता में हो गया।
Philippians 2:8 और मनुष्य के रूप में प्रगट हो कर अपने आप को दीन किया, और यहां तक आज्ञाकारी रहा, कि मृत्यु, हां, क्रूस की मृत्यु भी सह ली।
Philippians 2:9 इस कारण परमेश्वर ने उसको अति महान भी किया, और उसको वह नाम दिया जो सब नामों में श्रेष्ठ है।
Philippians 2:10 कि जो स्वर्ग में और पृथ्वी पर और जो पृथ्वी के नीचे है; वे सब यीशु के नाम पर घुटना टेकें।
Philippians 2:11 और परमेश्वर पिता की महिमा के लिये हर एक जीभ अंगीकार कर ले कि यीशु मसीह ही प्रभु है।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 120-122 
  • 1 कुरिन्थियों 9


सोमवार, 26 अगस्त 2013

भलाई का स्वाद

   कुछ वर्ष पहले मैंने एक अंग्रेज़ नवाब सर जेम्स बैरी द्वारा लिखित लघु निबंध पढ़ा। उस निबंध में सर जेम्स ने अपनी माँ की, जो परमेश्वर से और परमेश्वर के वचन बाइबल से बहुत प्रेम करती थीं, एक अन्तरंग तस्वीर प्रस्तुत करी। सर जेम्स की माँ की बाइबल पढ़ते पढ़ते पुरानी और तार तार हो गई थी, और उनकी माँ ने उस बाइबल को काले धागे से सी रखा था। सर जेम्स ने लिखा, "वह बाइबल अब मेरी है, और मेरे लिए वो काले धागे जिनसे उन्होंने उसे सीया है, उस बाइबल का ही एक अभिन्न भाग हैं।"

   मेरी अपनी माँ भी बाइबल से बहुत प्रेम करती थीं; 60 वर्ष से भी अधिक समय तक वे बाइबल को पढ़ती रहीं और उसके लिखे पर मनन करती रहीं। मैंने भी अपनी माँ की वह बाइबल अपनी किताबों की शेल्फ में एक प्रमुख स्थान पर रखी हुई है। उनकी वह बाइबल बहुत जीर्ण-शीर्ण हो चुकी है, पन्ने फट गए हैं, हर पन्ना धब्बेदार है, लेकिन हर पन्ने पर मेरी माँ की लिखी टिप्पणियाँ और मनन में मिले विचार लिखे हैं। अपने बचपन और लड़कपन में मैं प्रातः जब भी उनके कमरे में जाता था, तो उन्हें उस बाइबल को अपनी गोदी में रखकर खोले बैठे और उसे ध्यान से पढ़ते तथा उसके लेखों पर मनन करते हुए पाता था। वे ऐसा उस दिन तक करती रहीं जब तक उन्हें बाइबल के पन्नों पर लिखे शब्द दिखने बन्द नहीं हो गए, लेकिन तब भी वह बाइबल उनकी सबसे बहुमूल्य और प्रीय चीज़ बनी रही थी।

   सर जेम्स की माँ भी, अपनी वृद्धावस्था में अपनी बाइबल के शब्दों को पढ़ने में असमर्थ हो गईं थीं, लेकिन फिर भी उनके पति नियमित रूप में वह बाइबल उन्हें थमा देते थे और वे उसे बड़े चाव से पकड़ कर बैठी रहती थीं।

   भजनकार ने लिखा, "तेरे वचन मुझ को कैसे मीठे लगते हैं, वे मेरे मुंह में मधु से भी मीठे हैं!" (भजन 119:103 ) क्या आपने परमेश्वर की भलाई का स्वाद चखा है? आज ही अपनी बाइबल खोलिए और उसे अपने जीवन तथा दिनचर्या का अभिन्न अंग बना लीजिए। परमेश्वर की भलाई का स्वाद ना केवल आपको प्राप्त होगा, वरन आप में होकर अन्य अनेकों लोगों को भी मिलेगा। - डेविड रोपर


एक भली भांति पढ़ी गई बाइबल आत्मिक भोजन से तृप्त आत्मा की ओर संकेत करती है।

अहा! मैं तेरी व्यवस्था में कैसी प्रीति रखता हूं! दिन भर मेरा ध्यान उसी पर लगा रहता है। - भजन 119:97

बाइबल पाठ: भजन 119:97-104
Psalms 119:97 अहा! मैं तेरी व्यवस्था में कैसी प्रीति रखता हूं! दिन भर मेरा ध्यान उसी पर लगा रहता है।
Psalms 119:98 तू अपनी आज्ञाओं के द्वारा मुझे अपने शत्रुओं से अधिक बुद्धिमान करता है, क्योंकि वे सदा मेरे मन में रहती हैं।
Psalms 119:99 मैं अपने सब शिक्षकों से भी अधिक समझ रखता हूं, क्योंकि मेरा ध्यान तेरी चितौनियों पर लगा है।
Psalms 119:100 मैं पुरनियों से भी समझदार हूं, क्योंकि मैं तेरे उपदेशों को पकड़े हुए हूं।
Psalms 119:101 मैं ने अपने पांवों को हर एक बुरे रास्ते से रोक रखा है, जिस से मैं तेरे वचन के अनुसार चलूं।
Psalms 119:102 मैं तेरे नियमों से नहीं हटा, क्योंकि तू ही ने मुझे शिक्षा दी है।
Psalms 119:103 तेरे वचन मुझ को कैसे मीठे लगते हैं, वे मेरे मुंह में मधु से भी मीठे हैं!
Psalms 119:104 तेरे उपदेशों के कारण मैं समझदार हो जाता हूं, इसलिये मैं सब मिथ्या मार्गों से बैर रखता हूं।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 119:89-176 
  • 1 कुरिन्थियों 8


रविवार, 25 अगस्त 2013

आने दो!

   टेलिविज़न पर दिखाए जाने वाले हिस्ट्री चैनल में एक बार संसार के सबसे दुर्गम हवाई अड्डों पर एक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। जिस हवाई आड्डे ने मेरा ध्यान सबसे अधिक आकर्षित किया वह था हौंग कौंग का काई ताक हवाई अड्डा, जो अब बन्द हो चुका है। मैं उस हवाई अड्डे से होकर यात्रा कर चुका हूँ और यह जानता हूँ कि वह हवाई अड्डा यात्रियों के लिए बहुत रोमाँचक और वायु-यान चालकों के लिए बहुत चुनौती पूर्ण रहा है। उस हवाई अड्डे के एक छोर पर हवाई पट्टी समुद्र के अन्दर को बनी हुई है और वहाँ उसके तीन ओर समुद्र था, और दूसरे छोर पर एक पहाड़ और उस पहाड़ के बाद ऊँची गगन चुँबी इमारतें। उस हवाई अड्डे पर यदि आप का विमान एक ओर से उतरने को आता तो उसे गगन-चुँबी इमारतों को बचाते हुए उतरने का मार्ग लेना होता और विमान के समुद्र में जा गिरने से पहले ही रुक जाने की आशा रखनी होती थी; और यदि दूसरी छोर से उतरने को आता तो बजाए समुद्र के पानी के, समुद्र में को बनी हवाई पट्टी पर सुरक्षित उतरने और फिर पहाड़ से टकरा जाने से पहले ही रुक जाने की कामना करनी होती थी।

   मुझे सुनकर आश्चर्य हुआ जब एक वायुयान चालक ने, जो पहले काई ताक हवाई आड्डे से नियमित रूप से उड़ान भरता रहता था, यह कहा कि "मुझे उस हवाई अड्डे की कमी खलती है"; लेकिन मैं समझ सकता हूँ कि वह क्या कहना चाहता था, उसे उस हवाई अड्डे से उड़ान भरने की चुनौती रोमांचित करती थी। उस विमान चालक को अपनी क्षमता पर भरोसा और हवाई अड्डे पर विमान उतारने-चढ़ाने में सहायता करने वाले संचालकों पर विश्वास था।

   अनेक बार हम चुनौतियों का सामना करना नहीं चाहते। लेकिन परमेश्वर के वचन बाइबल के जिन नायकों के बारे में पढ़कर हम प्रोत्साहित होते हैं, उनके चरित्र और जीवनियाँ प्रभावी इसीलिए हैं क्योंकि उन्होंने चुनौतियों को स्वीकार किया और उन से जूझे। प्रेरित पौलुस ही का उदाहरण लीजिए - परमेश्वर की सहायता में विश्वास रखकर उसने हर प्रकार की कठिनाई का दृढ़ता से सामना किया और उन सभी पर जयवंत रहा। परमेश्वर प्रभु यीशु का जो आश्वासन तब पौलुस के लिए था, वही आज हमारे लिए भी वैसा ही है: "और उसने मुझ से कहा, मेरा अनुग्रह तेरे लिये बहुत है; क्योंकि मेरी सामर्थ निर्बलता में सिद्ध होती है; इसलिये मैं बड़े आनन्द से अपनी निर्बलताओं पर घमण्‍ड करूंगा, कि मसीह की सामर्थ मुझ पर छाया करती रहे" (2 कुरिन्थियों 12:9)।

   पौलुस के समान ही प्रत्येक मसीही विश्वासी, परमेश्वर प्रभु यीशु मसीह पर अपने विश्वास के कारण, हर चुनौती के लिए सहर्ष और निर्भय हो कर कह सकता है - "आने दो!" - डेव ब्रैनन


यदि परमेश्वर आपको पथरीले मार्गों पर भेजेगा तो वह उन मार्गों के लिए आपको मज़बूत जूते भी प्रदान करेगा।

और उसने मुझ से कहा, मेरा अनुग्रह तेरे लिये बहुत है; क्योंकि मेरी सामर्थ निर्बलता में सिद्ध होती है; इसलिये मैं बड़े आनन्द से अपनी निर्बलताओं पर घमण्‍ड करूंगा, कि मसीह की सामर्थ मुझ पर छाया करती रहे।
 इस कारण मैं मसीह के लिये निर्बलताओं, और निन्‍दाओं में, और दरिद्रता में, और उपद्रवों में, और संकटों में, प्रसन्न हूं; क्योंकि जब मैं निर्बल होता हूं, तभी बलवन्‍त होता हूं। - 2 कुरिन्थियों 12:9-10

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 6:1-10; 11:22-31
2 Corinthians 6:1 और हम जो उसके सहकर्मी हैं यह भी समझाते हैं, कि परमेश्वर का अनुग्रह जो तुम पर हुआ, व्यर्थ न रहने दो।
2 Corinthians 6:2 क्योंकि वह तो कहता है, कि अपनी प्रसन्नता के समय मैं ने तेरी सुन ली, और उद्धार के दिन मैं ने तेरी सहायता की: देखो, अभी वह प्रसन्नता का समय है; देखो, अभी उद्धार का दिन है।
2 Corinthians 6:3 हम किसी बात में ठोकर खाने का कोई भी अवसर नहीं देते, कि हमारी सेवा पर कोई दोष न आए।
2 Corinthians 6:4 परन्तु हर बात से परमेश्वर के सेवकों की नाईं अपने सद्गुणों को प्रगट करते हैं, बड़े धैर्य से, क्‍लेशों से, दरिद्रता से, संकटो से।
2 Corinthians 6:5 कोड़े खाने से, कैद होने से, हुल्लड़ों से, परिश्रम से, जागते रहने से, उपवास करने से।
2 Corinthians 6:6 पवित्रता से, ज्ञान से, धीरज से, कृपालुता से, पवित्र आत्मा से।
2 Corinthians 6:7 सच्चे प्रेम से, सत्य के वचन से, परमेश्वर की सामर्थ से; धामिर्कता के हथियारों से जो दाहिने, बाएं हैं।
2 Corinthians 6:8 आदर और निरादर से, दुरनाम और सुनाम से, यद्यपि भरमाने वालों के जैसे मालूम होते हैं तौभी सच्चे हैं।
2 Corinthians 6:9 अनजानों के सदृश्य हैं; तौभी प्रसिद्ध हैं; मरते हुओं के जैसे हैं और देखो जीवित हैं; मार खाने वालों के सदृश हैं परन्तु प्राण से मारे नहीं जाते।
2 Corinthians 6:10 शोक करने वालों के समान हैं, परन्तु सर्वदा आनन्द करते हैं, कंगालों के जैसे हैं, परन्तु बहुतों को धनवान बना देते हैं; ऐसे हैं जैसे हमारे पास कुछ नहीं तौभी सब कुछ रखते हैं।

2 Corinthians 11:22 क्या वे ही इब्रानी हैं? मैं भी हूं: क्या वे ही इस्त्राएली हैं? मैं भी हूँ: क्या वे ही इब्राहीम के वंश के हैं? मैं भी हूं: क्या वे ही मसीह के सेवक हैं?
2 Corinthians 11:23 (मैं पागल की नाईं कहता हूं) मैं उन से बढ़कर हूं! अधिक परिश्रम करने में; बार बार कैद होने में; कोड़े खाने में; बार बार मृत्यु के जोखिमों में।
2 Corinthians 11:24 पांच बार मैं ने यहूदियों के हाथ से उन्‍तालीस उन्‍तालीस कोड़े खाए।
2 Corinthians 11:25 तीन बार मैं ने बेंतें खाई; एक बार पत्थरवाह किया गया; तीन बार जहाज जिन पर मैं चढ़ा था, टूट गए; एक रात दिन मैं ने समुद्र में काटा।
2 Corinthians 11:26 मैं बार बार यात्राओं में; नदियों के जोखिमों में; डाकुओं के जोखिमों में; अपने जाति वालों से जोखिमों में; अन्यजातियों से जोखिमों में; नगरों में के जाखिमों में; जंगल के जोखिमों में; समुद्र के जाखिमों में; झूठे भाइयों के बीच जोखिमों में;
2 Corinthians 11:27 परिश्रम और कष्‍ट में; बार बार जागते रहने में; भूख-प्यास में; बार बार उपवास करने में; जाड़े में; उघाड़े रहने में।
2 Corinthians 11:28 और और बातों को छोड़कर जिन का वर्णन मैं नहीं करता सब कलीसियाओं की चिन्‍ता प्रति दिन मुझे दबाती है।
2 Corinthians 11:29 किस की निर्बलता से मैं निर्बल नहीं होता? किस के ठोकर खाने से मेरा जी नहीं दुखता?
2 Corinthians 11:30 यदि घमण्ड करना अवश्य है, तो मैं अपनी निर्बलता की बातों पर करूंगा।
2 Corinthians 11:31 प्रभु यीशु का परमेश्वर और पिता जो सदा धन्य है, जानता है, कि मैं झूठ नहीं बोलता।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 119:1-88 
  • 1 कुरिन्थियों 7:20-40


शनिवार, 24 अगस्त 2013

चिंता

   टेलिविज़न पर दिखाए जाने वाले एक पुराने क्रमिक कार्यक्रम में एक प्रौढ़ और अनुभवी पुलिस अधिकारी अपने आधीनस्त युवा पुलिस वालों को, जब वे सौंपा गया दिन भर का कार्य करने निकल रहे होते थे, सदा ही यह कह कर विदा करता था: "अब देखो वहाँ बाहर जाकर बहुत ही सावधान रहना"। यह ना केवल एक अच्छी सलाह थी वरन उस अधिकारी की उनके प्रति चिंता को भी दिखाता था, अर्थात वह पुलिस अधिकारी उन युवा पुलिस वालों के कार्य से संबंधित जोखिमों और उनकी भलाई के प्रति संवेदनशील रहता था, और जानता-समझता था कि दिन भर में उनके साथ क्या कुछ हो सकता है।

   प्रभु यीशु ने भी अपने चेलों को कुछ ऐसी ही चेतावनी दी लेकिन और भी दृढ़ शब्दों में। लूका रचित सुसमाचार के 11वें अध्याय का अन्त एक चिंतित करने वाली घटना के साथ होता है: "जब वह वहां से निकला, तो शास्त्री और फरीसी बहुत पीछे पड़ गए और छेड़ने लगे, कि वह बहुत सी बातों की चर्चा करे। और उस की घात में लगे रहे, कि उसके मुंह की कोई बात पकड़ें" (लूका 11:53-54)। इसी वृतांत को ज़ारी रखते हुए, 12वें अध्याय में आकर प्रभु यीशु अपने चेलों से कहते हैं कि वे उन धमकाने वाले धर्मगुरू शास्त्री और फरीसियों से "सावधान" तो रहें (पद 1) परन्तु उनसे डरें नहीं, घबराएं नहीं (पद 4-7, 22)।

   प्रभु यीशु का अपने चेलों से वायदा रहा है कि जब वे संसार में उसके नाम और कार्य के लिए निकलेंगे तो वह उनके साथ रहेगा, उनकी रक्षा करेगा और उनकी देखभाल करता रहेगा। प्रभु ने चेलों को आश्वस्त किया कि जैसे वह पक्षियों और जंगली फूलों की देखभाल करता रहता है, वैसे ही वह उनकी भी करता रहेगा जो उसके विश्वासी हैं, उसका "झुण्ड" हैं (पद 24-32)।

   हम भविष्य तो नहीं जानते, लेकिन हम मसीही विश्वासी इतना अवश्य जानते हैं कि हम उस परमेश्वर के संरक्षण में रहते हैं जो समय और काल की सीमाओं से बंधा नहीं है, जिसकी नज़रों से कोई बात छिपी नहीं है और कुछ ऐसा नहीं है जिसे वह पहले से जानता ना हो। हम सदा ही अपने उस महान चरवाहे की सतर्क दृष्टि और प्रेम भरी देखभाल में बने रहते हैं, जो परमेश्वर का पुत्र भी है। - डेव एगनर


यदि प्रभु यीशु पक्षियों और फूलों की देखभाल करता है तो निश्चय ही वह मेरी और आपकी भी करेगा।

फिर उसने अपने चेलों से कहा; इसलिये मैं तुम से कहता हूं, अपने प्राण की चिन्‍ता न करो, कि हम क्या खाएंगे; न अपने शरीर की कि क्या पहिनेंगे। - लूका 12:22

बाइबल पाठ: लूका 12:22-34
Luke 12:22 फिर उसने अपने चेलों से कहा; इसलिये मैं तुम से कहता हूं, अपने प्राण की चिन्‍ता न करो, कि हम क्या खाएंगे; न अपने शरीर की कि क्या पहिनेंगे।
Luke 12:23 क्योंकि भोजन से प्राण, और वस्‍त्र से शरीर बढ़कर है।
Luke 12:24 कौवों पर ध्यान दो; वे न बोते हैं, न काटते; न उन के भण्‍डार और न खत्ता होता है; तौभी परमेश्वर उन्हें पालता है; तुम्हारा मूल्य पक्षियों से कहीं अधिक है।
Luke 12:25 तुम में से ऐसा कौन है, जो चिन्‍ता करने से अपनी अवस्था में एक घड़ी भी बढ़ा सकता है?
Luke 12:26 इसलिये यदि तुम सब से छोटा काम भी नहीं कर सकते, तो और बातों के लिये क्यों चिन्‍ता करते हो?
Luke 12:27 सोसनों के पेड़ों पर ध्यान करो कि वे कैसे बढ़ते हैं; वे न परिश्रम करते, न कातते हैं: तौभी मैं तुम से कहता हूं, कि सुलैमान भी, अपने सारे वैभव में, उन में से किसी एक के समान वस्‍त्र पहिने हुए न था।
Luke 12:28 इसलिये यदि परमेश्वर मैदान की घास को जो आज है, और कल भाड़ में झोंकी जाएगी, ऐसा पहिनाता है; तो हे अल्प विश्वासियों, वह तुम्हें क्यों न पहिनाएगा?
Luke 12:29 और तुम इस बात की खोज में न रहो, कि क्या खाएंगे और क्या पीएंगे, और न सन्‍देह करो।
Luke 12:30 क्योंकि संसार की जातियां इन सब वस्‍तुओं की खोज में रहती हैं: और तुम्हारा पिता जानता है, कि तुम्हें इन वस्‍तुओं की आवश्यकता है।
Luke 12:31 परन्तु उसके राज्य की खोज में रहो, तो ये वस्‍तुऐं भी तुम्हें मिल जाएंगी।
Luke 12:32 हे छोटे झुण्ड, मत डर; क्योंकि तुम्हारे पिता को यह भाया है, कि तुम्हें राज्य दे।
Luke 12:33 अपनी संपत्ति बेचकर दान कर दो; और अपने लिये ऐसे बटुए बनाओ, जो पुराने नहीं होते, अर्थात स्वर्ग पर ऐसा धन इकट्ठा करो जो घटता नहीं और जिस के निकट चोर नहीं जाता, और कीड़ा नहीं बिगाड़ता।
Luke 12:34 क्योंकि जहां तुम्हारा धन है, वहां तुम्हारा मन भी लगा रहेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 116-118 
  • 1 कुरिन्थियों 7:1-19


शुक्रवार, 23 अगस्त 2013

पुनःआगमन

   कुछ वर्ष पहले की बात है, तब मेरे बच्चे उम्र मे छोटे ही थे; मैं मिशन सेवकाई के अपने 10 दिनों के दौरे से वापस घर लौटा तो हवाई-अड्डे पर मेरी पत्नि और मेरे बच्चे मुझे लेने के लिए आए। मेरे बाहर आते ही बच्चे मुझे देखकर खुशी के मारे चिल्लाने लगे, रोने लगे, और मैंने देखा कि मेरी पत्नि की आँखों में भी आँसू। मैं भी भावावेश में कुछ बोलने की स्थिति में नहीं था, और हमारा यह हाल देखकर वहाँ उपस्थित कई अन्य अपिरिचित लोगों की आँखें भी नम हो गईं। वह एक बहुत भावुक और अद्भुत अवसर था।

   उस घटना के भावावेश की तीव्रता की यादें मेरी प्राथमिकताओं के बारे में मेरे हृदय की भावनाओं के लिए हल्की सी फटकार का कार्य करती हैं। प्रेरित यूहन्ना ने, प्रभु यीशु के पुनःआगमन की लालसा रखते हुए लिखा "जो इन बातों की गवाही देता है, वह यह कहता है, हां मैं शीघ्र आने वाला हूं। आमीन। हे प्रभु यीशु आ" (प्रकाशितवाक्य 22:20)। एक अन्य खण्ड में प्रेरित पौलुस ने भी इसी भाव को व्यक्त करते हुए यह भी लिखा कि जो प्रभु यीशु के पुनःआगमन को प्रीय जानते हैं, उनके लिए एक मुकुट प्रतीक्षा कर रहा है (2 तिमुथियुस 4:8)। लेकिन कई बार मैं प्रभु यीशु के पुनःआगमन की प्रतीक्षा उतनी लालसा से भी नहीं करता जितनी लालसा से मेरे बच्चे और पत्नि तब मेरे लौट आने की कर रहे थे।

   प्रभु यीशु हमारे सर्वोत्तम प्रेम और भक्ति के योग्य है - और उसे आमने-सामने देखने के विचार से बढ़कर हमारे लिए और कुछ इस संसार में नहीं होना चाहिए। जैसे जैसे हम अपने और समस्त जगत के उद्धारकर्ता के पुनःआगमन की प्रतीक्षा में रहते हैं और उसके आने का समय और निकट आता जाता है, उसके प्रति हमारा प्रेम और उससे मिलने की हमारी लालसा भी बढ़ती जाए। - बिल क्राउडर


जो मसीह यीशु के हैं उन्हें उससे मिलने की लालसा भी रहनी चाहिए।

तो जब कि ये सब वस्तुएं, इस रीति से पिघलने वाली हैं, तो तुम्हें पवित्र चाल चलन और भक्ति में कैसे मनुष्य होना चाहिए। और परमेश्वर के उस दिन की बाट किस रीति से जोहना चाहिए और उसके जल्द आने के लिये कैसा यत्‍न करना चाहिए; जिस के कारण आकाश आग से पिघल जाएंगे, और आकाश के गण बहुत ही तप्‍त हो कर गल जाएंगे। - 2 पतरस 3:11-12

बाइबल पाठ: 2 तिमुथियुस 4:1-8
2 Timothy 4:1 परमेश्वर और मसीह यीशु को गवाह कर के, जो जीवतों और मरे हुओं का न्याय करेगा, उसे और उसके प्रगट होने, और राज्य को सुधि दिलाकर मैं तुझे चिताता हूं।
2 Timothy 4:2 कि तू वचन को प्रचार कर; समय और असमय तैयार रह, सब प्रकार की सहनशीलता, और शिक्षा के साथ उलाहना दे, और डांट, और समझा।
2 Timothy 4:3 क्योंकि ऐसा समय आएगा, कि लोग खरा उपदेश न सह सकेंगे पर कानों की खुजली के कारण अपनी अभिलाषाओं के अनुसार अपने लिये बहुतेरे उपदेशक बटोर लेंगे।
2 Timothy 4:4 और अपने कान सत्य से फेरकर कथा-कहानियों पर लगाएंगे।
2 Timothy 4:5 पर तू सब बातों में सावधान रह, दुख उठा, सुसमाचार प्रचार का काम कर और अपनी सेवा को पूरा कर।
2 Timothy 4:6 क्योंकि अब मैं अर्घ की नाईं उंडेला जाता हूं, और मेरे कूच का समय आ पहुंचा है।
2 Timothy 4:7 मैं अच्छी कुश्‍ती लड़ चुका हूं मैं ने अपनी दौड़ पूरी कर ली है, मैं ने विश्वास की रखवाली की है।
2 Timothy 4:8 भविष्य में मेरे लिये धर्म का वह मुकुट रखा हुआ है, जिसे प्रभु, जो धर्मी, और न्यायी है, मुझे उस दिन देगा और मुझे ही नहीं, वरन उन सब को भी, जो उसके प्रगट होने को प्रिय जानते हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 113-115 
  • 1 कुरिन्थियों 6


गुरुवार, 22 अगस्त 2013

विचार और मूल्याँकन

   ऑसट्रिया के एक 47 वर्षीय व्यक्ति, कार्ल रैबेडेर ने, अपनी सारी संपत्ति, जो लगभग 47 लाख अमेरीकी डॉलर की थी, दान कर दी क्योंकि उसका निष्कर्ष था कि उसकी संपत्ति और मन खोल कर खर्च करना उसे जीवन की वास्तविकता और आनन्द से वंचित कर रहे हैं। कार्ल ने लंडन शहर के एक अखबार डेली टेलिग्राफ को एक साक्षात्कार में कहा, "मुझे लगने लगा था कि मैं एक दास के समान उन वस्तुओं के लिए कार्य किए जा रहा हूँ जिनकी ना तो मुझे आवश्यकता है और ना ही इच्छा। मेरे जीवन का सबसे बड़ा सदमा था यह एहसास करना कि वह ’पाँच-सितारा’ जीवन शैली जो मैं जी रहा हूँ कितनी निरर्थक, आत्माविहीन और भावशून्य है।" कार्ल ने दक्षिणी अमेरिका के देशों में धर्माथ सेवा के कार्य आरंभ किए और अपनी सारी संपत्ति उन में लगा दी।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में नीतिवचन 4 अध्याय में हम से अपने जीवन मार्ग के बारे में सावधानी पूर्वक विचार करने को कहा गया है। यहाँ धर्मियों के मुक्त, बाधारहित जीवन की तुलना दुष्टों के अन्धकारमय और उलझन भरे मार्गों से करी गई है (पद 19)। "और मेरा पिता मुझे यह कह कर सिखाता था, कि तेरा मन मेरे वचन पर लगा रहे; तू मेरी आज्ञाओं का पालन कर, तब जीवित रहेगा" (नीतिवचन 4:4); "सब से अधिक अपने मन की रक्षा कर; क्योंकि जीवन का मूल स्रोत वही है" (नीतिवचन 4:23); "अपने पांव धरने के लिये मार्ग को समथर कर, और तेरे सब मार्ग ठीक रहें" (नीतिवचन 4:26)। प्रत्येक पद हमें उकसाता है कि हम मूल्याँकन करें कि हम जीवन में कहाँ खड़े हैं।

   कोई भी व्यक्ति अपना जीवन एक स्वार्थी और निर्दयी मार्ग से होकर तय नहीं करना चाहता। लेकिन यदि हम रुक कर विचार और मूल्याँकन नहीं करेंगे, और परमेश्वर पिता से मार्गदर्शन नहीं लेंगे तो यही होगा। परमेश्वर पिता से प्रार्थना करें कि वह अपने वचन के प्रति प्रेम और तथा समझ-बूझ का अनुग्रह आपको प्रदान करे तथा आप उसके साथ उसके मार्गों पर सदा चलने वाले बन सकें। - डेविड मैक्कैसलैंड


जब आप परमेश्वर के साथ चलेंगे तो आप सही दिशा में आगे बढ़ेंगे।

मैं ने तुझे बुद्धि का मार्ग बताया है; और सीधाई के पथ पर चलाया है। शिक्षा को पकड़े रह, उसे छोड़ न दे; उसकी रक्षा कर, क्योंकि वही तेरा जीवन है। - नीतिवचन 4:11, 13

बाइबल पाठ: नीतिवचन 4:14-23
Proverbs 4:14 दुष्टों की बाट में पांव न धरना, और न बुरे लोगों के मार्ग पर चलना।
Proverbs 4:15 उसे छोड़ दे, उसके पास से भी न चल, उसके निकट से मुड़ कर आगे बढ़ जा।
Proverbs 4:16 क्योंकि दुष्ट लोग यदि बुराई न करें, तो उन को नींद नहीं आती; और जब तक वे किसी को ठोकर न खिलाएं, तब तक उन्हें नींद नहीं मिलती।
Proverbs 4:17 वे तो दुष्टता से कमाई हुई रोटी खाते, और उपद्रव के द्वारा पाया हुआ दाखमधु पीते हैं।
Proverbs 4:18 परन्तु धर्मियों की चाल उस चमकती हुई ज्योति के समान है, जिसका प्रकाश दोपहर तक अधिक अधिक बढ़ता रहता है।
Proverbs 4:19 दुष्टों का मार्ग घोर अन्धकारमय है; वे नहीं जानते कि वे किस से ठोकर खाते हैं।
Proverbs 4:20 हे मेरे पुत्र मेरे वचन ध्यान धरके सुन, और अपना कान मेरी बातों पर लगा।
Proverbs 4:21 इन को अपनी आंखों की ओट न होने दे; वरन अपने मन में धारण कर।
Proverbs 4:22 क्योंकि जिनको वे प्राप्त होती हैं, वे उनके जीवित रहने का, और उनके सारे शरीर के चंगे रहने का कारण होती हैं।
Proverbs 4:23 सब से अधिक अपने मन की रक्षा कर; क्योंकि जीवन का मूल स्रोत वही है।
Proverbs 4:24 टेढ़ी बात अपने मुंह से मत बोल, और चालबाजी की बातें कहना तुझ से दूर रहे।
Proverbs 4:25 तेरी आंखें साम्हने ही की ओर लगी रहें, और तेरी पलकें आगे की ओर खुली रहें।
Proverbs 4:26 अपने पांव धरने के लिये मार्ग को समथर कर, और तेरे सब मार्ग ठीक रहें।
Proverbs 4:27 न तो दाहिनी ओर मुढ़ना, और न बाईं ओर; अपने पांव को बुराई के मार्ग पर चलने से हटा ले।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 110-112 
  • 1 कुरिन्थियों 5