ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें : rozkiroti@gmail.com / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

शुक्रवार, 25 नवंबर 2016

आश्वस्त


   परिवार के रूप में एकसाथ होने का यह छुट्टी का हमारा आखिरी समय था; इसके पश्चात हमारे सबसे बड़े बेटे ने कॉलेज चले जाना था। समुद्र तट के निकट के उस चर्च में हम एक साथ एक पंक्ति में अन्तिम बेन्च पर बैठे हुए थे, और अपने पाँचों बच्चों को सुव्यवस्थित बैठा देख कर मेरा हृदय प्रेम से भर उठा। आते समय में उन पर आने वाले दबावों और जिन चुनौतियों का उन्हें सामना करना पड़ेगा, उसका विचार करके मैंने मन ही में प्रार्थना करी, "प्रभु, कृपया इन्हें अपने निकट बनाए रखना और इनके आत्मिक जीवन की रक्षा करना।

   चर्च सभा में गाए गए अन्तिम स्तुति-गीत का कोरस बहुत उत्साहवर्धक था, वह परमेश्वर के वचन बाइबल के 2 तिमुथियुस 1:12 पर आधारित था जहाँ लिखा है: "इस कारण मैं इन दुखों को भी उठाता हूं, पर लजाता नहीं, क्योंकि मैं उसे जिस की मैं ने प्रतीति की है, जानता हूं; और मुझे निश्‍चय है, कि वह मेरी थाती की उस दिन तक रखवाली कर सकता है" इस से मुझे बहुत शांति मिली क्योंकि मैं आश्वस्त हुई कि परमेश्वर उनकी आत्माओं की रक्षा करेगा।

   इस बात को कई वर्ष बीत चुके हैं। इस समय में मेरे कुछ बच्चों के लिए इधर-उधर भटकने के, और कुछ के लिए पूर्णतया विद्रोह कर देने के अवसर हुए हैं। कभी कभी परमेश्वर की विश्वासयोग्यता को लेकर मन में संदेह भी आए हैं। ऐसे में मुझे बाइबल का प्रमुख पात्र अब्राहम स्मरण हो आता है; वह परिस्थितियों में पड़कर लड़खड़ाया तो परन्तु परमेश्वर से उसे मिली प्रतिज्ञाओं (उत्पत्ति 15:5-6; रोमियों 4:20-21) में विश्वास को लेकर कभी भी गिरा नहीं। वर्षों की प्रतीक्षा और अपने ही तरीके से परमेश्वर के कार्य को आगे बढ़ाने के असफल प्रयत्नों के बावजूद, अब्राहम परमेश्वर की प्रतिज्ञा को थाम कर चलता रहा जब तक कि इसहाक का जन्म नहीं हो गया।

   भरोसा रखने का स्मरण दिलाने वाली यह बात मुझे प्रोत्साहित करती है। हम प्रार्थना में परमेश्वर के सामने अपने निवेदन रखते हैं। हम स्मरण रखते हैं कि उसे हमारी चिंता रहती है। हम जानते हैं कि वह सर्वसामर्थी है। उसमें भरोसा रखकर हम आश्वस्त रहते हैं कि वह जो भी करेगा हमारी भलाई ही के लिए करेगा। - मेरियन स्ट्राउड


धैर्य के कुछ पाठ सीखने में लंबा समय लगता है।

किसी भी बात की चिन्‍ता मत करो: परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख अपस्थित किए जाएं। तब परमेश्वर की शान्‍ति, जो समझ से बिलकुल परे है, तुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरिक्षत रखेगी। - फिलिप्पियों 4:6-7

बाइबल पाठ: रोमियों 4:16-22
Romans 4:16 इसी कारण वह विश्वास के द्वारा मिलती है, कि अनुग्रह की रीति पर हो, कि प्रतिज्ञा सब वंश के लिये दृढ़ हो, न कि केवल उसके लिये जो व्यवस्था वाला है, वरन उन के लिये भी जो इब्राहीम के समान विश्वास वाले हैं: वही तो हम सब का पिता है। 
Romans 4:17 जैसा लिखा है, कि मैं ने तुझे बहुत सी जातियों का पिता ठहराया है उस परमेश्वर के साम्हने जिस पर उसने विश्वास किया और जो मरे हुओं को जिलाता है, और जो बातें हैं ही नहीं, उन का नाम ऐसा लेता है, कि मानो वे हैं। 
Romans 4:18 उसने निराशा में भी आशा रखकर विश्वास किया, इसलिये कि उस वचन के अनुसार कि तेरा वंश ऐसा होगा वह बहुत सी जातियों का पिता हो। 
Romans 4:19 और वह जो एक सौ वर्ष का था, अपने मरे हुए से शरीर और सारा के गर्भ की मरी हुई की सी दशा जानकर भी विश्वास में निर्बल न हुआ। 
Romans 4:20 और न अविश्वासी हो कर परमेश्वर की प्रतिज्ञा पर संदेह किया, पर विश्वास में दृढ़ हो कर परमेश्वर की महिमा की। 
Romans 4:21 और निश्चय जाना, कि जिस बात की उसने प्रतिज्ञा की है, वह उसे पूरी करने को भी सामर्थी है। 
Romans 4:22 इस कारण, यह उसके लिये धामिर्कता गिना गया।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजेकल 24-26
  • 1 पतरस 2


गुरुवार, 24 नवंबर 2016

उपस्थिति और आशा


   जब मैंने परमेश्वर के वचन बाइबल से यिर्मयाह 1 से 4 का खण्ड पढ़ने के लिए खोला तो उस खण्ड के शीर्षक: "विलाप के समय में आशा" ने मुझे चकित किया; मैं लगभग रो ही पड़ी। मेरे लिए इस शीर्षक का समय बिलकुल उचित था, क्योंकि उन दिनों मैं अपनी माँ के देहाँत के बाद शोक के समय से निकल रही थी।

   उससे पहले दिन भी, अपने पास्टर द्वारा दिए गए प्रवचन को सुनकर भी मैंने कुछ ऐसा ही अनुभव किया। उस प्रवचन का शीर्षक था "सताव में आनन्दित होना"; उसे उन्होंने 1 पतरस 1:3-9 से लिया था। उस प्रवचन के दौरान उन्होंने अपने जीवन से एक उदाहरण दिया: उनके पिता के देहाँत की पहली बरसी का। वह प्रवचन अनेकों के लिए बहुत अर्थपूर्ण तो था ही, परन्तु मेरे लिए तो जैसे यह परमेश्वर से आने वाला उपहार था। यह और अन्य ऐसी घटनाएं, तथा परमेश्वर के वचन की बातें, इस बात का संकेत थे कि मेरे शोक के समय में भी परमेश्वर ने मुझे अकेला नहीं छोड़ा है।

   यद्यपि शोक का मार्ग कठिन होता है, लेकिन उस में भी परमेश्वर हमारे साथ अपनी अटल उपस्थिति के संकेत पहुँचाता रहता है। जब इस्त्राएलियों को ढिठाई और परमेश्वर की अनाज्ञाकारिता के करण वाचा किए हुए देश से निकलने का दण्ड सहना पड़ा, तब भी परमेश्वर ने यिर्मयाह जैसे भविष्यद्वक्ताओं को उनके पास भेज कर उन्हें आशा दी कि पश्चाताप द्वारा परमेश्वर के साथ उनका मेल-मिलाप फिर से हो सकता है। और उन्हें, जिन्हें वह परीक्षा के समय में से होकर लिए चलता है, वह अपनी उपस्थिति का एहसास अपने विश्वासियों के समुदाय से मिलने वाले प्रेम और देखभाल में होकर करवाता है: "सो जब कि तुम ने भाईचारे की निष्‍कपट प्रीति के निमित्त सत्य के मानने से अपने मनों को पवित्र किया है, तो तन मन लगा कर एक दूसरे से अधिक प्रेम रखो" (1 पतरस 1:22)।

   पृथ्वी पर आने वाली परीक्षाओं के समय में परमेश्वर की उपस्थिति के ये संकेत परमेश्वर के इस वायदे की खराई को दर्शाते हैं कि प्रभु यीशु के पुनरुत्थान के समान जब हम मसीही विश्वासियों का भी वैसा ही पुनरुत्थान होगा, तो प्रभु परमेश्वर की अनन्तकाल की उपस्थिति में परम आनन्द से परिपूर्ण अनन्त जीवन की भव्य आशा हमारी प्रतीक्षा कर रही है। - जूली ऐकैरमैन लिंक


हमें अपने आँसुओं के लिए कभी शर्मिंदा नहीं होना चाहिए। - डिकिन्स

हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर, और पिता का धन्यवाद हो, जो दया का पिता, और सब प्रकार की शान्‍ति का परमेश्वर है। वह हमारे सब क्‍लेशों में शान्‍ति देता है; ताकि हम उस शान्‍ति के कारण जो परमेश्वर हमें देता है, उन्हें भी शान्‍ति दे सकें, जो किसी प्रकार के क्‍लेश में हों। - 2 कुरिन्थियों 1:3-4

बाइबल पाठ: 1 पतरस 1:1-9
1 Peter 1:1 पतरस की ओर से जो यीशु मसीह का प्रेरित है, उन परदेशियों के नाम, जो पुन्‍तुस, गलतिया, कप्‍पदुकिया, आसिया, और बिथुनिया में तित्तर बित्तर हो कर रहते हैं। 
1 Peter 1:2 और परमेश्वर पिता के भविष्य ज्ञान के अनुसार, आत्मा के पवित्र करने के द्वारा आज्ञा मानने, और यीशु मसीह के लोहू के छिड़के जाने के लिये चुने गए हैं। तुम्हें अत्यन्‍त अनुग्रह और शान्‍ति मिलती रहे।
1 Peter 1:3 हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर और पिता का धन्यवाद दो, जिसने यीशु मसीह के मरे हुओं में से जी उठने के द्वारा, अपनी बड़ी दया से हमें जीवित आशा के लिये नया जन्म दिया। 
1 Peter 1:4 अर्थात एक अविनाशी और निर्मल, और अजर मीरास के लिये। 
1 Peter 1:5 जो तुम्हारे लिये स्वर्ग में रखी है, जिस की रक्षा परमेश्वर की सामर्थ से, विश्वास के द्वारा उस उद्धार के लिये, जो आने वाले समय में प्रगट होने वाली है, की जाती है। 
1 Peter 1:6 और इस कारण तुम मगन होते हो, यद्यपि अवश्य है कि अब कुछ दिन तक नाना प्रकार की परीक्षाओं के कारण उदास हो। 
1 Peter 1:7 और यह इसलिये है कि तुम्हारा परखा हुआ विश्वास, जो आग से ताए हुए नाशमान सोने से भी कहीं, अधिक बहुमूल्य है, यीशु मसीह के प्रगट होने पर प्रशंसा, और महिमा, और आदर का कारण ठहरे। 
1 Peter 1:8 उस से तुम बिन देखे प्रेम रखते हो, और अब तो उस पर बिन देखे भी विश्वास कर के ऐसे आनन्‍दित और मगन होते हो, जो वर्णन से बाहर और महिमा से भरा हुआ है। 
1 Peter 1:9 और अपने विश्वास का प्रतिफल अर्थात आत्माओं का उद्धार प्राप्त करते हो।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजेकल 22-23
  • 1 पतरस 1


बुधवार, 23 नवंबर 2016

क्षमा


   दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान, नेदेरलैन्डस में रहने वाला कोरी टेन बूम का परिवार घड़ियाँ बनाने का कार्य करता था, और वे यहूदी परिवारों को नाट्ज़ी आताताईयों से बचाने में सक्रीय भूमिका निभा रहे थे। यहूदियों के लिए उनकी इस सहायता के कारण अन्ततः उन सब को कैद करके नज़रबन्दी-शिविर में डाल दिया गया, जहाँ 10 दिन बाद कोरी के पिता का देहान्त हो गया। कोरी कि बहन बेट्सी का भी उसी शिविर में देहांत हुआ। जब बेट्सी और कोरी शिविर में साथ थे, तो बेट्सी के मसीही विश्वास ने कोरी के मसीही विश्वास को और दृढ़ किया।

   कोरी के इसी विश्वास ने उसे योग्य किया कि वह उन निर्मम आताताई शिविर के पहरेदारों को क्षमा कर सके। जबकि उन शिविरों के बन्द होने के बाद उन सताने वालों के प्रति नफरत और बदले की भावना अनेकों जीवनों को बरबाद कर रही थी, कोरी ने सत्य को पहचाना: नफरत उसे ही अधिक हानि पहुँचाती है जो नफरत अपने अन्दर पलने देता है, चाहे उस नफरत का कारण कितना ही जायज़ क्यों ना हो।

   कोरी के समान, हम में से प्रत्येक के पास यह अवसर होता है कि अपने बैरियों तथा शत्रुओं को क्षमा करें, उनसे प्रेम करें। क्षमा करना उस अपराध का ना तो इन्कार करता है और ना ही उसे सही होने का बहाना देता है, परन्तु जब हम क्षमा करते हैं तो हम संसार के सामने अपने प्रभु परमेश्वर और उस में हमारे विश्वास को व्यावाहरिक रूप में दिखाते हैं; क्योंकि हमारे प्रभु ने हम से कहा है: "और एक दूसरे पर कृपाल, और करूणामय हो, और जैसे परमेश्वर ने मसीह में तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी एक दूसरे के अपराध क्षमा करो" (इफिसियों 4:32)।

   यदि आप उसे अपने जीवन में यह करने दें तो परमेश्वर आपकी सहायता करेगा कि प्रत्येक क्रोधपूर्ण दुर्भावना आपके जीवन से दूर हो जाए तथा उसके पवित्रात्मा का गहरा कार्य आपके जीवन को संवार एवं सुधार दे, जिससे आप में होकर हमारा तथा समस्त जगत का उद्धाकर्ता मसीह यीशु दूसरों को व्यावाहरिक रूप में दिखाई दे। - रैंडी किलगोर


जब हम किसी को क्षमा करते हैं तब उस समय हम अपने जीवन के 
किसी भी अन्य पल की अपेक्षा मसीह यीशु की समानता में अधिक होते हैं।

परन्तु मैं तुम से यह कहता हूं, कि अपने बैरियों से प्रेम रखो और अपने सताने वालों के लिये प्रार्थना करो। जिस से तुम अपने स्‍वर्गीय पिता की सन्तान ठहरोगे क्योंकि वह भलों और बुरों दोनों पर अपना सूर्य उदय करता है, और धर्मियों और अधर्मियों दोनों पर मेंह बरसाता है। - मत्ती 5:44-45

बाइबल पाठ: कुलुस्सियों 3:12-17
Colossians 3:12 इसलिये परमेश्वर के चुने हुओं की नाईं जो पवित्र और प्रिय हैं, बड़ी करूणा, और भलाई, और दीनता, और नम्रता, और सहनशीलता धारण करो। 
Colossians 3:13 और यदि किसी को किसी पर दोष देने को कोई कारण हो, तो एक दूसरे की सह लो, और एक दूसरे के अपराध क्षमा करो: जैसे प्रभु ने तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी करो। 
Colossians 3:14 और इन सब के ऊपर प्रेम को जो सिद्धता का कटिबन्‍ध है बान्‍ध लो। 
Colossians 3:15 और मसीह की शान्‍ति जिस के लिये तुम एक देह हो कर बुलाए भी गए हो, तुम्हारे हृदय में राज्य करे, और तुम धन्यवादी बने रहो। 
Colossians 3:16 मसीह के वचन को अपने हृदय में अधिकाई से बसने दो; और सिद्ध ज्ञान सहित एक दूसरे को सिखाओ, और चिताओ, और अपने अपने मन में अनुग्रह के साथ परमेश्वर के लिये भजन और स्‍तुतिगान और आत्मिक गीत गाओ। 
Colossians 3:17 और वचन से या काम से जो कुछ भी करो सब प्रभु यीशु के नाम से करो, और उसके द्वारा परमेश्वर पिता का धन्यवाद करो।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजेकल 20-21
  • याकूब 5


मंगलवार, 22 नवंबर 2016

शोक


   बीच बॉयज़ बैण्ड के दो सदस्यों, ब्रायन विलसन और माईक लव ने नवंबर 1963 में एक अनूठा प्रेम-गीत लिखा जो उनकी विशिष्ट आशावादी शैली से बिलकुल भिन्न था; वह खोए हुए प्रेम के बारे में लिखा गया शोकपूर्ण गीत था। बाद में माईक ने कहा, "ऐसी हानि चाहे जितनी भी कठिन क्यों ना हो, जो एक भली बात उस से निकल कर आती है वह है कि आपको प्रेम करने का अनुभव तो हुआ।" उन्होंने उस गीत का शीर्षक रखा "The Warmth of the Sun." गीत लिखने के लिए शोक का उत्प्रेरक होना कोई नई बात नहीं है; अनेकों कवियों और गीतकारों ने दुःख भरे अनुभवों में होकर अति उत्तम कविताएं और गीत लिखें हैं।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भी हम देखते हैं कि दाऊद के सबसे मर्मस्पर्शी भजनों में से कुछ गहरी व्यक्तिगत हानि के समय में लिखे गए, जैसे कि भजन 6, जिसके शब्द शोक से भरे हैं। यद्यपि हमें यह नहीं बताया गया है कि इस भजन को लिखते समय दाऊद किस परिस्थिति से होकर निकल रहा था, परन्तु उसका शोक प्रकट है: "मैं कराहते कराहते थक गया; मैं अपनी खाट आंसुओं से भिगोता हूं; प्रति रात मेरा बिछौना भीगता है। मेरी आंखें शोक से बैठी जाती हैं, और मेरे सब सताने वालों के कारण वे धुन्धला गई हैं" (पद 6-7)।

   लेकिन यह भजन का अन्त नहीं है। दाऊद ने दर्द और हानि को सहा, परन्तु साथ ही उसने परमेश्वर की सांत्वना का भी अनुभव किया; इसलिए उसने आगे, भजन के अन्त में लिखा: "यहोवा ने मेरा गिड़गिड़ाना सुना है; यहोवा मेरी प्रार्थना को ग्रहण भी करेगा" (पद 9)।

   अपने शोक में ना केवल दाऊद ने एक भजन पाया, उसने परमेश्वर पर विश्वास रखने का कारण, जिसकी विश्वासयोग्यता जीवन की हर कठिन परिस्थिति में भी साथ बनी रहती है, भी पाया। परमेश्वर की उपस्थिति की गरमाहट में, हमारे शोक को भी आशा का परिपेक्ष मिल जाता है। - बिल क्राउडर


दुःख भरा गीत हमारे हृदयों को परमेश्वर की ओर मोड़ सकता है; 
जिसका आनन्द अनन्तकाल का है।

तू ने मेरे लिये विलाप को नृत्य में बदल डाला, तू ने मेरा टाट उतरवाकर मेरी कमर में आनन्द का पटुका बान्धा है; ताकि मेरी आत्मा तेरा भजन गाती रहे और कभी चुप न हो। हे मेरे परमेश्वर यहोवा, मैं सर्वदा तेरा धन्यवाद करता रहूंगा। - भजन 30:11-12

बाइबल पाठ: भजन 6
Psalms 6:1 हे यहोवा, तू मुझे अपने क्रोध में न डांट, और न झुंझलाहट में मुझे ताड़ना दे। 
Psalms 6:2 हे यहोवा, मुझ पर अनुग्रह कर, क्योंकि मैं कुम्हला गया हूं; हे यहोवा, मुझे चंगा कर, क्योंकि मेरी हडि्डयों में बेचैनी है। 
Psalms 6:3 मेरा प्राण भी बहुत खेदित है। और तू, हे यहोवा, कब तक? 
Psalms 6:4 लौट आ, हे यहोवा, और मेरे प्राण बचा अपनी करूणा के निमित्त मेरा उद्धार कर। 
Psalms 6:5 क्योंकि मृत्यु के बाद तेरा स्मरण नहीं होता; अधोलोक में कौन तेरा धन्यवाद करेगा? 
Psalms 6:6 मैं कराहते कराहते थक गया; मैं अपनी खाट आंसुओं से भिगोता हूं; प्रति रात मेरा बिछौना भीगता है। 
Psalms 6:7 मेरी आंखें शोक से बैठी जाती हैं, और मेरे सब सताने वालों के कारण वे धुन्धला गई हैं।
Psalms 6:8 हे सब अनर्थकारियों मेरे पास से दूर हो; क्योंकि यहोवा ने मेरे रोने का शब्द सुन लिया है। 
Psalms 6:9 यहोवा ने मेरा गिड़गिड़ाना सुना है; यहोवा मेरी प्रार्थना को ग्रहण भी करेगा। 
Psalms 6:10 मेरे सब शत्रु लज्जित होंगे और बहुत घबराएंगे; वे लौट जाएंगे, और एकाएक लज्जित होंगे।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजेकल 18-19
  • याकूब 4


सोमवार, 21 नवंबर 2016

ध्यान


   यरूशालेम के निकट स्थित अबु घोष नामक गाँव के एक रेस्ट्रॉन्ट के मालिक, जॉदत इब्राहिम, ने अपने ग्राहकों को 50% छूट देने की घोषणा करी यदि वे जितने समय उसके रेस्ट्रॉन्ट में बैठते हैं, उतने समय तक अपने मोबाइल फोन बन्द रखें। जॉदत का मानना है कि स्मार्टफोन के कारण भोजन करते समय का वातावरण संगति और संवाद से हटकर फोन पर सर्फिंग, टेक्सटिंग, और व्यावसायिक बातचीत करते रहने का हो गया है। जॉदत कहते हैं, "टेक्नॉलॉजी बहुत अच्छी चीज़ है; परन्तु जब आप परिवार और मित्र जनों के साथ होते हैं, तो आधा घण्टा थम कर भोजन तथा संगति का आनन्द लें।"

   हमारे लिए, संसार की कितनी ही बातों के द्वारा, दूसरों के या प्रभु यीशु के प्रति अपने संबंधों में, उन पर से अपना ध्यान हटा लेना कितना सरल हो गया है। प्रभु यीशु ने अपने अनुयायियों से कहा कि आत्मिक ध्यान के भंग होने का आरंभ मन के संवेदनहीन हो जाने, कानों के कम सुनने, और आँखों से कम दिखने के साथ होता है (मत्ती 13:15)। बीज बोने वाले व्यक्ति के उदाहरण के द्वारा, प्रभु यीशु ने उन बीजों की, जो झाड़ियों में गिरे थे, तुलना ऐसे व्यक्ति से करी जो परमेश्वर का वचन सुनता तो है परन्तु जिसका मन और ही बातों पर केन्द्रित होता है; जिस कारण वह: "...वचन को सुनता है, पर इस संसार की चिन्‍ता और धन का धोखा वचन को दबाता है, और वह फल नहीं लाता" (मत्ती 13:22)।

   प्रतिदिन ऐसा समय निकालना, जिस में हम संसार और संसार की बातों से ध्यान हटा कर, अपना मन और ध्यान प्रभु यीशु और उसकी बातों पर लगाएं, हमारे लिए बहुत लाभदायक होगा। - डेविड मैक्कैसलैंड


मसीह यीशु पर ध्यान केंद्रित करने से बाकी सब कुछ स्वतः ही सही परिपेक्ष में आ जाता है।

इसलिये पहिले तुम उस [परमेश्वर] के राज्य और धर्म की खोज करो तो ये सब वस्तुएं भी तुम्हें मिल जाएंगी। - मत्ती 6:33

बाइबल पाठ: मत्ती 13:13-23
Matthew 13:13 मैं उन से दृष्‍टान्‍तों में इसलिये बातें करता हूं, कि वे देखते हुए नहीं देखते; और सुनते हुए नहीं सुनते; और नहीं समझते। 
Matthew 13:14 और उन के विषय में यशायाह की यह भविष्यद्ववाणी पूरी होती है, कि तुम कानों से तो सुनोगे, पर समझोगे नहीं; और आंखों से तो देखोगे, पर तुम्हें न सूझेगा। 
Matthew 13:15 क्योंकि इन लोगों का मन मोटा हो गया है, और वे कानों से ऊंचा सुनते हैं और उन्होंने अपनी आंखें मूंद लीं हैं; कहीं ऐसा न हो कि वे आंखों से देखें, और कानों से सुनें और मन से समझें, और फिर जाएं, और मैं उन्हें चंगा करूं। 
Matthew 13:16 पर धन्य है तुम्हारी आंखें, कि वे देखती हैं; और तुम्हारे कान, कि वे सुनते हैं। 
Matthew 13:17 क्योंकि मैं तुम से सच कहता हूं, कि बहुत से भविष्यद्वक्ताओं ने और धर्मियों ने चाहा कि जो बातें तुम देखते हो, देखें पर न देखीं; और जो बातें तुम सुनते हो, सुनें, पर न सुनीं। 
Matthew 13:18 सो तुम बोने वाले का दृष्‍टान्‍त सुनो। 
Matthew 13:19 जो कोई राज्य का वचन सुनकर नहीं समझता, उसके मन में जो कुछ बोया गया था, उसे वह दुष्‍ट आकर छीन ले जाता है; यह वही है, जो मार्ग के किनारे बोया गया था। 
Matthew 13:20 और जो पत्थरीली भूमि पर बोया गया, यह वह है, जो वचन सुनकर तुरन्त आनन्द के साथ मान लेता है। 
Matthew 13:21 पर अपने में जड़ न रखने के कारण वह थोड़े ही दिन का है, और जब वचन के कारण क्‍लेश या उपद्रव होता है, तो तुरन्त ठोकर खाता है। 
Matthew 13:22 जो झाड़ियों में बोया गया, यह वह है, जो वचन को सुनता है, पर इस संसार की चिन्‍ता और धन का धोखा वचन को दबाता है, और वह फल नहीं लाता। 
Matthew 13:23 जो अच्छी भूमि में बोया गया, यह वह है, जो वचन को सुनकर समझता है, और फल लाता है कोई सौ गुना, कोई साठ गुना, कोई तीस गुना।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजेकल 16-17
  • याकूब 3


रविवार, 20 नवंबर 2016

सहायक


   अलास्का के बैरो शहर के हाई स्कूल के प्रबन्धक यह देख देख कर थक चुके थे कि उनके छात्रों में से लगभग 50 प्रतिशत किसी ना किसी समस्या में पड़कर स्कूल छोड़ देते हैं। छात्रों की स्कूल में रुचि बनाए रखने और समस्याओं में पड़ने से बचाने के प्रयास में उन्होंने स्कूल की फुटबॉल टीम बनाई, जिसमें भाग लेने के द्वारा छात्रों को व्यक्तिगत कौशल विकसित करने, परस्पर सहयोग के साथ कार्य करने और जीवन के पाठ सीखने का अवसर मिले। बैरो में फुटबॉल खेलने के साथ समस्या यह है कि बैरो आई्सलैंड से भी अधिक उत्तर में है, इसलिए वहाँ घास का मैदान नहीं बन सकता क्योंकि वहाँ की ठंड के कारण वहाँ घास उगती ही नहीं है। इसलिए उन्हें फूटबॉल कंकर भरे मिट्टी के मैदान पर खेलनी पड़ती थी।

   वहाँ से चार हज़ार मील दक्षिण में, अमेरिका एक अन्य शहर फ्लोरिडा में कैथी पारकर ने इस फुटबॉल टीम और उन के खेलने के खतरनाक स्थान, और उस फुटबॉल टीम द्वारा उन छात्रों में आने वाले सकारात्मक परिवर्तनों के बारे में सुना। कैथी को लगा कि परमेश्वर उसे सहायता करने के लिए उकसा रहा है, और उसने उनके लिए कुछ करने की ठानी। इसके लगभग एक वर्ष पश्चात, उन्होंने बैरो में फुटबॉल खेलने के एक नए कृत्रिम घास के मैदान का समर्पण समारोह किया। कैथी ने बैरो के उन छात्रों की सहायता के लिए, जिन्हें वह जानती भी नहीं थी, हज़ारों डॉलर एकत्रित करके यह संभव कर दिया।

   बात फुटबॉल की नहीं है, और ना ही पैसे की है; बात है परमेश्वर के वचन बाइबल में दिए गए परमेश्वर के निर्देश "पर भलाई करना, और उदारता न भूलो; क्योंकि परमेश्वर ऐसे बलिदानों से प्रसन्न होता है" (इब्रानियों 13:16) के पालन करने की। प्रेरित याकूब हमें स्मरण कराता है कि हम अपना विश्वास अपने कार्यों से प्रमाणित करते हैं (याकूब 2:18)। हमारे संसार में अनेकों लोगों की भिन्न भिन्न तथा अभिभूत कर देने वाली आवश्यकताएं हैं; परन्तु जब हम, तब, जैसा कि प्रभु यीशु ने कहा है (मरकुस 12:31) अपने पड़ौसी से अपने समान प्रेम रखते हैं, जब हम उन के सहायक बनते हैं, तब हम परमेश्वर के प्रेम को लोगों तक पहुँचाते हैं। - डेव ब्रैनन


परमेश्वर के लिए अपने हृदय को खोलें जिससे अनुकंपा सीखें; 
अपने हाथों को औरों के लिए खोलें जिससे सहायता करने पाएं।

यीशु ने उसे उत्तर दिया, सब आज्ञाओं में से यह मुख्य है; हे इस्राएल सुन; प्रभु हमारा परमेश्वर एक ही प्रभु है। और तू प्रभु अपने परमेश्वर से अपने सारे मन से और अपने सारे प्राण से, और अपनी सारी बुद्धि से, और अपनी सारी शक्ति से प्रेम रखना। और दूसरी यह है, कि तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रखना: इस से बड़ी और कोई आज्ञा नहीं। - मरकुस 12:29-31

बाइबल पाठ: याकूब 2:14-20
James 2:14 हे मेरे भाइयों, यदि कोई कहे कि मुझे विश्वास है पर वह कर्म न करता हो, तो उस से क्या लाभ? क्या ऐसा विश्वास कभी उसका उद्धार कर सकता है? 
James 2:15 यदि कोई भाई या बहिन नगें उघाड़े हों, और उन्हें प्रति दिन भोजन की घटी हो। 
James 2:16 और तुम में से कोई उन से कहे, कुशल से जाओ, तुम गरम रहो और तृप्‍त रहो; पर जो वस्तुएं देह के लिये आवश्यक हैं वह उन्हें न दे, तो क्या लाभ? 
James 2:17 वैसे ही विश्वास भी, यदि कर्म सहित न हो तो अपने स्‍वभाव में मरा हुआ है। 
James 2:18 वरन कोई कह सकता है कि तुझे विश्वास है, और मैं कर्म करता हूं: तू अपना विश्वास मुझे कर्म बिना तो दिखा; और मैं अपना विश्वास अपने कर्मों के द्वारा तुझे दिखाऊंगा। 
James 2:19 तुझे विश्वास है कि एक ही परमेश्वर है: तू अच्छा करता है: दुष्टात्मा भी विश्वास रखते, और थरथराते हैं। 
James 2:20 पर हे निकम्मे मनुष्य क्या तू यह भी नहीं जानता, कि कर्म बिना विश्वास व्यर्थ है?

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजेकल 14-15
  • याकूब 2


शनिवार, 19 नवंबर 2016

अलविदा


   मैक्स लुकाडो ने जब हाफ-आयरनमैन प्रतियोगिता में भाग लिया तो उसके अन्तर्गत उन्होंने शिकायत करने के नकारात्मक प्रभाव की सामर्थ का एहसास किया। उन्होंने कहा, "1.2 मील तैरने और 56 मील साइकिल चलाने के बाद, मुझे लग रहा था कि 13.1 मील पैदल दौड़ने के लायक शक्ति अब मुझ में नहीं है। ऐसा ही मेरे साथ दौड़ने वाले एक और प्रतियोगी को लग रहा था; वह कहने लगा, ’क्या बेकार बात है, इस दौड़ में भाग लेना मेरे जीवन का सबसे मूर्खतापूर्ण निर्णय था।’ मैंने तुरंत उससे कहा ’अलविदा’ और आगे बढ़ गया।" मैक्स जानते थे कि यदि वे अधिक देर तक उसकी यह शिकायत सुनते रहेंगे, तो वे भी उसके साथ नकारात्मक विचारों में सहमत होना आरंभ कर देंगे, जिसका गलत फिर प्रभाव उनके भाग लेने पर पड़ेगा। इसलिए उन्होंने उसे अलविदा कहकर अपनी दौड़ ज़ारी रखी।

   जब परमेश्वर इस्त्राएल को मिस्त्र के दासत्व से निकालकर कनान देश में बसाने के लिए ले जा रहा था तो बहुत से ग़ैर-इस्त्राएलियों की एक मिली-जुली भीड़ मिस्त्र से निकलकर उनके साथ चल दी। उनके बियाबान के मार्ग में परमेश्वर उनका मार्गदर्शक था, उनके साथ-साथ चलता था, उनकी रक्षा करता था और वह उन्हें प्रतिदिन भोजन के लिए मन्ना और पीने का पानी प्रदान करता था। लेकिन वे इस्त्राएली उस मिली-जुली भीड़ की बातों में आकर परमेश्वर के विरूद्ध कुड़कुड़ाने लगे, परमेश्वर के प्रावधान को तुच्छ कहने लगे (गिनती 11:6); वे भूल गए कि मन्ना उन्हें परमेश्वर की ओर से मिलने वाली प्रेम भरी भेंट है। क्योंकि इस प्रकार शिकायत करना और कुड़कुड़ाना हृदय को कृतघ्नता से विषैला बना देता है, इसलिए परमेश्वर को उनके अन्दर पनपने वाले इस विष का न्याय करना पड़ा।

   शिकायत और कृतघ्नता से बचने, उसे अलविदा कहने का सटीक उपाय है हृदय को परमेश्वर की आराधना, स्तुति और धन्यवाद से भर लेना; प्रतिदिन परमेश्वर की भलाई और विश्वासयोग्यता के स्मरण को दोहराते रहना। - मार्विन विलियम्स


परमेश्वर की विश्वासयोग्यता का प्रचार करना 
असन्तोष की आवाज़ को मूक कर देता है।

विपत्ति और कल्याण, क्या दोनों परमप्रधान की आज्ञा से नहीं होते? सो जीवित मनुष्य क्यों कुड़कुड़ाए? और पुरुष अपने पाप के दण्ड को क्यों बुरा माने? - विलापगीत 3:38-39

बाइबल पाठ: गिनती 11:1-10
Numbers 11:1 फिर वे लोग बुड़बुड़ाने और यहोवा के सुनते बुरा कहने लगे; निदान यहोवा ने सुना, और उसका कोप भड़क उठा, और यहोवा की आग उनके मध्य जल उठी, और छावनी के एक किनारे से भस्म करने लगी। 
Numbers 11:2 तब मूसा के पास आकर चिल्लाए; और मूसा ने यहोवा से प्रार्थना की, तब वह आग बुझ गई, 
Numbers 11:3 और उस स्थान का नाम तबेरा पड़ा, क्योंकि यहोवा की आग उन में जल उठी थी।
Numbers 11:4 फिर जो मिली-जुली भीड़ उनके साथ थी वह कामुकता करने लगी; और इस्त्राएली भी फिर रोने और कहने लगे, कि हमें मांस खाने को कौन देगा। 
Numbers 11:5 हमें वे मछलियां स्मरण हैं जो हम मिस्र में सेंतमेंत खाया करते थे, और वे खीरे, और खरबूजे, और गन्दने, और प्याज, और लहसुन भी; 
Numbers 11:6 परन्तु अब हमारा जी घबरा गया है, यहां पर इस मन्ना को छोड़ और कुछ भी देख नहीं पड़ता। 
Numbers 11:7 मन्ना तो धनिये के समान था, और उसका रंग रूप मोती का सा था। 
Numbers 11:8 लोग इधर उधर जा कर उसे बटोरते, और चक्की में पीसते वा ओखली में कूटते थे, फिर तसले में पकाते, और उसके फुलके बनाते थे; और उसका स्वाद तेल में बने हुए पुए का सा था। 
Numbers 11:9 और रात को छावनी में ओस पड़ती थी तब उसके साथ मन्ना भी गिरता था। 
Numbers 11:10 और मूसा ने सब घरानों के आदमियों को अपने अपने डेरे के द्वार पर रोते सुना; और यहोवा का कोप अत्यन्त भड़का, और मूसा को भी बुरा मालूम हुआ।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजेकल 11-13
  • याकूब 1