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शुक्रवार, 13 जनवरी 2017

विश्राम


   मैं नहीं जानता कि परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार आसप किस निराशाजनक स्थिति में आ गया था जब उसने भजन 77 लिखा; लेकिन मैंने वैसे ही विलाप सुने भी हैं और करे भी हैं। मेरी युवा पुत्री की आकस्मिक मृत्यु को लगभग बारह वर्ष हुए हैं, इस दौरान अनेकों ऐसे लोगों ने जिन्होंने किसी प्रीय जन के जाने के दुःख को अनुभव किया है, मेरे साथ अपने दुःख भरे अनुभवों को बाँटा है। उन लोगों के विलाप में भी, आसप के विलाप के समान ही:
परमेश्वर की दोहाई देना (पद 1); आकाश की ओर खाली हाथों को फैलाना (पद 2); हताश कर देने वाली परिस्थितियों के कारण परमेश्वर के विषय परेशान करने वाले विचारों का सामना करना (पद 3); वर्णन से बाहर परेशानी उठाना (पद 4); त्याग दिए जाने, या अकेले छोड़ दिए जाने की भावना से आतंकित होना (पद 7); की गई प्रतिज्ञाओं को ना निभाने, तथा करुणा, दया, अनुकंपा आदि का अभाव होने के भय (पद 8) सम्मिलित थे।

   लेकिन आसप के लिए पद 10 से एक परिवर्तन आता है, जब वह परमेश्वर के महान कार्यों को स्मरण करना आरंभ करता है। उसके विचार परमेश्वर के प्रेम की ओर मुड़ते हैं; जो परमेश्वर ने किया है उनकी यादों की ओर जाते हैं। प्राचीन समय में परमेश्वर के द्वारा किए गए अद्भुत कार्यों, उसकी सदा बनी रहने वाली विश्वासयोग्यता, दया और करुणा की ओर जाते हैं। वह परमेश्वर की सृष्टि और सृष्टि में विदित उसकी महानता, उसकी सामर्थ पर और उसके द्वारा हमारे छुटकारे के कार्य पर विचार केंद्रित करता है; और इन सब बातों के द्वारा उसका दृष्टिकोण परिवर्तित हो जाता है।

   इस जीवन में हताशा वास्तविक है, और उस से संबंधित प्रश्नों के उत्तर सरलता से नहीं आते। लेकिन, जब हम परमेश्वर की महिमा, वैभव और गौरव, सामर्थ तथा महान एवं वर्णन से बाहर प्रेम पर विचार करते हैं, तो अभिभूत कर देने वाले उस अन्धकार में भी जीवन की ज्योति स्पष्ट चमकती हुई दिखाई देती है, हताशा बैठ जाती है। अपने कठिन समय में, आसप के समान ही, हमें भी परमेश्वर के गुणों और कार्यों पर मनन करना चाहिए, विशेषकर प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास लाने से मिलने वाले सेंत-मेंत उद्धार पर; और यह हमें पुनः उसके प्रेम और संगति में विश्राम प्रदान कर देगा। - डेव ब्रैनन

बीते समय में परमेश्वर की विश्वासयोग्यता एवं सहायता को स्मरण करने से 
हम आज की परिस्थितियों में विश्राम पा सकते हैं।

तू सम्मति देता हुआ, मेरी अगुवाई करेगा, और तब मेरी महिमा कर के मुझ को अपने पास रखेगा। - भजन 73:24

बाइबल पाठ: भजन 77:1-15
Psalms 77:1 मैं परमेश्वर की दोहाई चिल्ला चिल्लाकर दूंगा, मैं परमेश्वर की दोहाई दूंगा, और वह मेरी ओर कान लगाएगा। 
Psalms 77:2 संकट के दिन मैं प्रभु की खोज में लगा रहा; रात को मेरा हाथ फैला रहा, और ढीला न हुआ, मुझ में शांति आई ही नहीं। 
Psalms 77:3 मैं परमेश्वर का स्मरण कर कर के करहाता हूं; मैं चिन्ता करते करते मूर्छित हो चला हूं। (सेला) 
Psalms 77:4 तू मुझे झपक्की लगने नहीं देता; मैं ऐसा घबराया हूं कि मेरे मुंह से बात नहीं निकलती।
Psalms 77:5 मैंने प्राचीन काल के दिनों को, और युग युग के वर्षों को सोचा है। 
Psalms 77:6 मैं रात के समय अपने गीत को स्मरण करता; और मन में ध्यान करता हूं, और मन में भली भांति विचार करता हूं: 
Psalms 77:7 क्या प्रभु युग युग के लिये छोड़ देगा; और फिर कभी प्रसन्न न होगा? 
Psalms 77:8 क्या उसकी करूणा सदा के लिये जाती रही? क्या उसका वचन पीढ़ी पीढ़ी के लिये निष्फल हो गया है? 
Psalms 77:9 क्या ईश्वर अनुग्रह करना भूल गया? क्या उसने क्रोध कर के अपनी सब दया को रोक रखा है? (सेला) 
Psalms 77:10 मैने कहा यह तो मेरी दुर्बलता ही है, परन्तु मैं परमप्रधान के दाहिने हाथ के वर्षों को विचारता हूं।
Psalms 77:11 मैं याह के बड़े कामों की चर्चा करूंगा; निश्चय मैं तेरे प्राचीन काल वाले अद्भुत कामों को स्मरण करूंगा। 
Psalms 77:12 मैं तेरे सब कामों पर ध्यान करूंगा, और तेरे बड़े कामों को सोचूंगा। 
Psalms 77:13 हे परमेश्वर तेरी गति पवित्रता की है। कौन सा देवता परमेश्वर के तुल्य बड़ा है? 
Psalms 77:14 अद्भुत काम करने वाला ईश्वर तू ही है, तू ने अपने देश देश के लोगों पर अपनी शक्ति प्रगट की है। 
Psalms 77:15 तू ने अपने भुजबल से अपनी प्रजा, याकूब और यूसुफ के वंश को छुड़ा लिया है। (सेला)

एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति 31-32
  • मत्ती 9:18-38


गुरुवार, 12 जनवरी 2017

कथा-वाचक


   अमेरिका के गृह-युद्ध (1861-1865) के बाद के वर्षों में मेजर जनरल ल्यु वॉलेस न्यू-मेक्सिको इलाके के; जो अभी तक अन्य संयुक्त राज्यों के साथ जोड़ा नहीं गया था, राज्यपाल थे। उस इलाके में उनके कार्य ने उन्हें उस समय के उन जाने-माने चरित्रों के साथ संपर्क करवाया, जिनके किस्सों को आज हम अमेरिका के ’वाइल्ड वेस्ट’ (प्रशासनिक नियंत्रण-विहीन पश्चिमी क्षेत्र) की कहानियों, कुछ सच्ची और अनेकों काल्पनिक, में पढ़ते हैं; जैसे कि ’बिल्ली द किड’ और ’शेरिफ़ पैट गैरट’। इसी समय में वॉलेस ने अपना सुप्रसिद्ध उपन्यास, ’बेन-हर: ए टेल ऑफ़ क्राईस्ट’ भी लिखा, जिसे उन्नीसवीं सदी की सबसे प्रभावशाली मसीही पुस्तक कहा गया है।

   गृह-युद्ध और ’वाइल्ड वेस्ट’ के समय की हिंसा में वॉलेस ने पाप का मानव जाति पर बहुत बुरा और भयानक प्रभाव देखा था। अपने जीवन काल के अनुभवों से ल्यु वॉलेस ने समझा कि केवल मसीह यीशु ही में पापों से मुक्ति और परमेश्वर के साथ मिल-मिलाप की सामर्थ है, और अपने लिखे लोक प्रीय उपन्यास में इस बात को दिखाया और समझाया।

   मसीह यीशु के अनुयायी के लिए, जीवन का सबसे उत्कृष्ट पल वह होता है जब, "उसी ने हमें अन्धकार के वश से छुड़ाकर अपने प्रिय पुत्र के राज्य में प्रवेश कराया। जिस में हमें छुटकारा अर्थात पापों की क्षमा प्राप्त होती है" (कुलुस्सियों 1:13-14)। यह क्षमा और छुटकारा पा लेने के पश्चात हम परमेश्वर द्वारा हमारे जीवन में किए गए इस अद्भुत कार्य के गवाह, उस कार्य से जीवन में आए परिवर्तन की कहानी को औरों को बताने वाले ’कथा-वाचक’ हो जाते हैं। - रैंडी किलगोर


मसीह यीशु द्वारा आपके जीवन में लाए परिवर्तन की कहानी, 
पाप से परेशान संसार को आप को अवश्य सुनानी चाहिए।

और वे मेम्ने के लोहू के कारण, और अपनी गवाही के वचन के कारण, उस पर जयवन्‍त हुए, और उन्होंने अपने प्राणों को प्रिय न जाना, यहां तक कि मृत्यु भी सह ली। - प्रकाशितवाक्य 12:11

बाइबल पाठ: कुलुस्सियों 1:13-23
Colossians 1:13 उसी ने हमें अन्धकार के वश से छुड़ाकर अपने प्रिय पुत्र के राज्य में प्रवेश कराया। 
Colossians 1:14 जिस में हमें छुटकारा अर्थात पापों की क्षमा प्राप्त होती है। 
Colossians 1:15 वह तो अदृश्य परमेश्वर का प्रतिरूप और सारी सृष्‍टि में पहिलौठा है। 
Colossians 1:16 क्योंकि उसी में सारी वस्‍तुओं की सृष्‍टि हुई, स्वर्ग की हो अथवा पृथ्वी की, देखी या अनदेखी, क्या सिंहासन, क्या प्रभुतांए, क्या प्रधानताएं, क्या अधिकार, सारी वस्तुएं उसी के द्वारा और उसी के लिये सृजी गई हैं। 
Colossians 1:17 और वही सब वस्‍तुओं में प्रथम है, और सब वस्तुएं उसी में स्थिर रहती हैं।
Colossians 1:18 और वही देह, अर्थात कलीसिया का सिर है; वही आदि है और मरे हुओं में से जी उठने वालों में पहिलौठा कि सब बातों में वही प्रधान ठहरे। 
Colossians 1:19 क्योंकि पिता की प्रसन्नता इसी में है कि उस में सारी परिपूर्णता वास करे। 
Colossians 1:20 और उसके क्रूस पर बहे हुए लोहू के द्वारा मेल मिलाप कर के, सब वस्‍तुओं का उसी के द्वारा से अपने साथ मेल कर ले चाहे वे पृथ्वी पर की हों, चाहे स्वर्ग में की। 
Colossians 1:21 और उसने अब उसकी शारीरिक देह में मृत्यु के द्वारा तुम्हारा भी मेल कर लिया जो पहिले निकाले हुए थे और बुरे कामों के कारण मन से बैरी थे। 
Colossians 1:22 ताकि तुम्हें अपने सम्मुख पवित्र और निष्‍कलंक, और निर्दोष बनाकर उपस्थित करे। 
Colossians 1:23 यदि तुम विश्वास की नेव पर दृढ़ बने रहो, और उस सुसमाचार की आशा को जिसे तुम ने सुना है न छोड़ो, जिस का प्रचार आकाश के नीचे की सारी सृष्‍टि में किया गया; और जिस का मैं पौलुस सेवक बना।

एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति 29-30
  • मत्ती 9:1-17


बुधवार, 11 जनवरी 2017

भय


   गुफाओं में रहने वाले प्राचीन लोगों को लेकर बनाए गए एक चलचित्र में, ग्रग क्रूड नामक एक परिवार का मुख्या यह मान कर रहता है कि उसकी गुफा के बाहर और कोई सुरक्षित स्थान नहीं है; रात के समय वे सब एक साथ सिमट कर रहते हैं जिससे ग्रग उन्हें सुरक्षा प्रदान कर सके। ग्रग चाहता है कि उसकी युवा पुत्री इधर-उधर घूमने और नई चीज़ें देखने की अपनी प्रवृत्ति बदल ले क्योंकि इस से खतरा ही हो सकता है। अपने परिवार से ग्रग का कहना है, "सदा भयभीत रहो।"

   प्रभु यीशु ने अपने चेलों से सदा ही कहा कि वे भयभीत नहीं हों। यह बात प्रभु ने शिमोन से कही (लूका 5:10) जब प्रभु ने उसे अपने पीछे हो लेने के लिए बुलाया। जब अराधनालय का सरदार, याईर, अपनी मरणासन पुत्री के जीवन की माँग लेकर प्रभु यीशु के पास आया तो प्रभु ने उसे भी इन्हीं शब्दों के साथ आश्वस्त किया (लूका 8:50)।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में लूका द्वारा लिखित प्रभु यीशु के जीवन-वृतान्त में लूका 12 अध्याय में प्रभु ने अपने चेलों को सिखाया कि कैसे परमेश्वर उनकी चिंता एवं देख-भाल करता है, इसलिए उन्हें भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है (लूका 12:7)। मृतकों में से अपने पुनरुत्थान के बाद कब्र पर आई हुई स्त्रियों से भी उसने यही कहा, "मत डरो! (मत्ती 28:10)।

   भयभीत होना एक सर्वव्यापी भावना है। हम अपने प्रीय जनों को लेकर चिंतित होते हैं; अपनी आवश्यकताओं तथा अज्ञात भविष्य के लिए आशंकित होते हैं। संसार की दुविधाओं, परिस्थितियों और परेशानियों में हम कैसे विश्वास में बने रहना तथा भयभीत ना होना सीख सकते हैं? प्रभु परमेश्वर ने स्वयं ही हमें इसका आधार दिया है, जिससे हम उस पर अपना भरोसा बनाए रख सकें: "तुम्हारा स्‍वभाव लोभरहित हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्योंकि उसने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा। इसलिये हम बेधड़क हो कर कहते हैं, कि प्रभु, मेरा सहायक है; मैं न डरूंगा; मनुष्य मेरा क्या कर सकता है" (इब्रानियों 13:5-6)। - ऐनी सेटास


परमेश्वर का प्रेम हमें हर एक भय की कैद से स्वतंत्र करता है।

इसलिये जब कि लड़के मांस और लोहू के भागी हैं, तो वह आप भी उन के समान उन का सहभागी हो गया; ताकि मृत्यु के द्वारा उसे जिसे मृत्यु पर शक्ति मिली थी, अर्थात शैतान को निकम्मा कर दे। और जितने मृत्यु के भय के मारे जीवन भर दासत्‍व में फंसे थे, उन्हें छुड़ा ले। - इब्रानियों 2:14-15

बाइबल पाठ: लूका 12:4-7, 12:22-32
Luke 12:4 परन्तु मैं तुम से जो मेरे मित्र हो कहता हूं, कि जो शरीर को घात करते हैं परन्तु उसके पीछे और कुछ नहीं कर सकते उन से मत डरो। 
Luke 12:5 मैं तुम्हें चिताता हूं कि तुम्हें किस से डरना चाहिए, घात करने के बाद जिस को नरक में डालने का अधिकार है, उसी से डरो: वरन मैं तुम से कहता हूं उसी से डरो। 
Luke 12:6 क्या दो पैसे की पांच गौरैयां नहीं बिकतीं? तौभी परमेश्वर उन में से एक को भी नहीं भूलता। 
Luke 12:7 वरन तुम्हारे सिर के सब बाल भी गिने हुए हैं, सो डरो नहीं, तुम बहुत गौरैयों से बढ़कर हो। 
Luke 12:22 फिर उसने अपने चेलों से कहा; इसलिये मैं तुम से कहता हूं, अपने प्राण की चिन्‍ता न करो, कि हम क्या खाएंगे; न अपने शरीर की कि क्या पहिनेंगे। 
Luke 12:23 क्योंकि भोजन से प्राण, और वस्‍त्र से शरीर बढ़कर है। 
Luke 12:24 कौवों पर ध्यान दो; वे न बोते हैं, न काटते; न उन के भण्‍डार और न खत्ता होता है; तौभी परमेश्वर उन्हें पालता है; तुम्हारा मूल्य पक्षियों से कहीं अधिक है। 
Luke 12:25 तुम में से ऐसा कौन है, जो चिन्‍ता करने से अपनी अवस्था में एक घड़ी भी बढ़ा सकता है? 
Luke 12:26 इसलिये यदि तुम सब से छोटा काम भी नहीं कर सकते, तो और बातों के लिये क्यों चिन्‍ता करते हो? 
Luke 12:27 सोसनों के पेड़ों पर ध्यान करो कि वे कैसे बढ़ते हैं; वे न परिश्रम करते, न कातते हैं: तौभी मैं तुम से कहता हूं, कि सुलैमान भी, अपने सारे वैभव में, उन में से किसी एक के समान वस्‍त्र पहने हुए न था। 
Luke 12:28 इसलिये यदि परमेश्वर मैदान की घास को जो आज है, और कल भाड़ में झोंकी जाएगी, ऐसा पहिनाता है; तो हे अल्प विश्वासियों, वह तुम्हें क्यों न पहिनाएगा? 
Luke 12:29 और तुम इस बात की खोज में न रहो, कि क्या खाएंगे और क्या पीएँगे, और न सन्‍देह करो। 
Luke 12:30 क्योंकि संसार की जातियां इन सब वस्‍तुओं की खोज में रहती हैं: और तुम्हारा पिता जानता है, कि तुम्हें इन वस्‍तुओं की आवश्यकता है। 
Luke 12:31 परन्तु उसके राज्य की खोज में रहो, तो ये वस्‍तुऐं भी तुम्हें मिल जाएंगी। 
Luke 12:32 हे छोटे झुण्ड, मत डर; क्योंकि तुम्हारे पिता को यह भाया है, कि तुम्हें राज्य दे।

एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति 27-28
  • मत्ती 8:18-34


मंगलवार, 10 जनवरी 2017

परिवर्तन


   पुरानी आदतों को छोड़ पाना बहुत कठिन होता है जताने के लिए भिन्न भाषाओं में भिन्न कहावतें हैं; जैसे कि अंग्रेज़ी में कहावत है: "बूढ़े कुत्ते को नए करतब नहीं सिखाए जा सकते।" फ्रेंच में कहावत है: "बूढ़े बन्दर को मसखरी करना सिखाया नहीं जा सकता है।" स्पैनिश की कहावत है: "बूढ़ा तोता नई बोली नहीं सीख सकता है।"

   जब प्रभु यीशु ने यहूदी धर्म के अगुवों के एक सरदार नीकुदेमस से, जो अपनी शंकाओं के समाधान के लिए प्रभु यीशु के पास आया था, कहा कि परमेश्वर का राज्य देखने और उसमें प्रवेश करने के लिए उसे नया जन्म लेना अनिवार्य है, तो निकुदेमस का उत्तर था, "...मनुष्य जब बूढ़ा हो गया, तो क्योंकर जन्म ले सकता है? क्या वह अपनी माता के गर्भ में दूसरी बार प्रवेश कर के जन्म ले सकता है?" (यूहन्ना 3:4)। लेखक और प्रोफेसर मेरिल टेन्नी ने परमेश्वर के वचन बाइबल के इस खण्ड की व्याखया करते हुए कहा है कि नीकुदेमस के कहने का तात्पर्य था कि "मैं स्वीकार करता हूँ कि नया जन्म पाना अनिवार्य है, परन्तु बदलने के लिए अब मैं बहुत बूढ़ा हो चुका हूँ; जीवन की मेरी शैली नियमित हो चुकी है। शारीरिक रीति से दोबारा जन्म लेना असम्भव है, और मानसिक रीति से ऐसा हो पाने की संभावना बहुत कम है....क्या इस विषय को लेकर मेरी स्थिति असंभव नहीं है?"

   परन्तु प्रभु यीशु के उत्तर में कोई परिवर्तन नहीं हुआ, और उन्होंने नीकुदेमस को समझाते हुए प्रभु पर विश्वास करने पर ज़ोर दिया। निकुदेमस को दिए प्रभु यीशु के उत्तर में बाइबल का सबसे अधिक उध्दत किया जाने वाला पद भी था: "क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए" (यूहन्ना 3:16)। प्रभु की ओर से नया जन्म पाने और परमेश्वर के साथ एक नया आरंभ करने की आवश्यकता सारे संसार को, अर्थात सभी को है, और नया जन्म पाने का उसका यह प्रस्ताव सभी के लिए खुला है, वह सबको स्वीकार करने को तैयार है, यदि वे विश्वास और पश्चाताप के साथ उसके पास आते हैं।

   आज हमारी आयु या परिस्थिति कैसी भी क्यों ना हो, प्रभु परमेश्वर की सामर्थ तथा मार्गदर्शन द्वारा हमारे लिए नया जन्म पाना संभव है, हमारे लिए परमेश्वर के राज्य में प्रवेश संभव है, हमारे लिए परिवर्तन संभव है। - डेविड मैक्कैसलैंड


क्योंकि परमेश्वर सर्वसामर्थी है, इसलिए परिवर्तन संभव है।

जो कुछ पिता मुझे देता है वह सब मेरे पास आएगा, उसे मैं कभी न निकालूंगा। - यूहन्ना 6:37

बाइबल पाठ: यूहन्ना 3:1-16
John 3:1 फरीसियों में से नीकुदेमुस नाम एक मनुष्य था, जो यहूदियों का सरदार था। 
John 3:2 उसने रात को यीशु के पास आकर उस से कहा, हे रब्बी, हम जानते हैं, कि तू परमेश्वर की ओर से गुरू हो कर आया है; क्योंकि कोई इन चिन्हों को जो तू दिखाता है, यदि परमेश्वर उसके साथ न हो, तो नहीं दिखा सकता। 
John 3:3 यीशु ने उसको उत्तर दिया; कि मैं तुझ से सच सच कहता हूं, यदि कोई नये सिरे से न जन्मे तो परमेश्वर का राज्य देख नहीं सकता। 
John 3:4 नीकुदेमुस ने उस से कहा, मनुष्य जब बूढ़ा हो गया, तो क्योंकर जन्म ले सकता है? क्या वह अपनी माता के गर्भ में दूसरी बार प्रवेश कर के जन्म ले सकता है? 
John 3:5 यीशु ने उत्तर दिया, कि मैं तुझ से सच सच कहता हूं; जब तक कोई मनुष्य जल और आत्मा से न जन्मे तो वह परमेश्वर के राज्य में प्रवेश नहीं कर सकता। 
John 3:6 क्योंकि जो शरीर से जन्मा है, वह शरीर है; और जो आत्मा से जन्मा है, वह आत्मा है। 
John 3:7 अचम्भा न कर, कि मैं ने तुझ से कहा; कि तुम्हें नये सिरे से जन्म लेना अवश्य है। 
John 3:8 हवा जिधर चाहती है उधर चलती है, और तू उसका शब्द सुनता है, परन्तु नहीं जानता, कि वह कहां से आती और किधर को जाती है? जो कोई आत्मा से जन्मा है वह ऐसा ही है। 
John 3:9 नीकुदेमुस ने उसको उत्तर दिया; कि ये बातें क्योंकर हो सकती हैं? 
John 3:10 यह सुनकर यीशु ने उस से कहा; तू इस्त्राएलियों का गुरू हो कर भी क्या इन बातों को नहीं समझता? 
John 3:11 मैं तुझ से सच सच कहता हूं कि हम जो जानते हैं, वह कहते हैं, और जिसे हम ने देखा है उस की गवाही देते हैं, और तुम हमारी गवाही ग्रहण नहीं करते। 
John 3:12 जब मैं ने तुम से पृथ्वी की बातें कहीं, और तुम प्रतीति नहीं करते, तो यदि मैं तुम से स्वर्ग की बातें कहूं, तो फिर क्योंकर प्रतीति करोगे? 
John 3:13 और कोई स्वर्ग पर नहीं चढ़ा, केवल वही जो स्वर्ग से उतरा, अर्थात मनुष्य का पुत्र जो स्वर्ग में है। 
John 3:14 और जिस रीति से मूसा ने जंगल में सांप को ऊँचे पर चढ़ाया, उसी रीति से अवश्य है कि मनुष्य का पुत्र भी ऊँचे पर चढ़ाया जाए। 
John 3:15 ताकि जो कोई विश्वास करे उस में अनन्त जीवन पाए।
John 3:16 क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए।

एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति 25-26
  • मत्ती 8:1-17


सोमवार, 9 जनवरी 2017

प्रेम पत्र


   मेरी आदत है कि प्रति प्रातः जब मैं अपने दफतर पहुँचता हूँ, मैं अपने ई-मेल देखता हूँ। अधिकांशतः उन्हें देखना रुचि की नहीं परन्तु एक औपचारिकता ही होती है, परन्तु कुछ ई-मेल ऐसे भी होते हैं जिन्हें देखकर उन्हें खोलने और पढ़ने का मैं बहुत इच्छुक हो जाता हूँ; आप ने सही समझा - मेरे प्रीय जनों से आए हुए ई-मेल!

   किसी ने कहा है कि परमेश्वर का वचन बाइबल, परमेश्वर द्वारा हमें लिखा गया प्रेम पत्र है। हो सकता है कि, मेरे समान ही, किसी दिन आपका भी उस पवित्र शास्त्र को खोलने और पढ़ने का मन ना हो; और आपका मन भी भजन 119 लिखने वाले भजनकार के इन शब्दों के साथ ना गूँज रहा हो: "आहा! मैं तेरी व्यवस्था में कैसी प्रीति रखता हूं!" (पद 97); बाइबल की बातें परमेश्वर की "आज्ञाएं" (पद 98), "चितौनियाँ" (पद 99), और "उपदेश" (पद 100) हैं।

   वेस्ट मिनिस्टर ऐबे में प्राख्यात रहे थॉमस मैन्टन (1620-1677) द्वारा कही गई बात आज भी समकालीन तथा महत्वपूर्ण है। उन्होंने प्रश्नोत्तर में कहा: "पवित्र शास्त्र का लेखक कौन है? परमेश्वर। पवित्र शास्त्र का अन्त क्या है? परमेश्वर। पवित्र शास्त्र और क्यों लिखा गया सिवाए इसके कि हम धन्य परमेश्वर का आनन्द सर्वदा लेते रहें।"

   कुछ लोगों के लिए कहा जाता है कि आप उन्हें जितना अधिक निकटता से जानेंगे, आप उतना कम आदर उन्हें देंगे; परन्तु परमेश्वर के विषय सत्य इसका विपरीत है। परमेश्वर के वचन से घनिष्ठता, वरन वचन के परमेश्वर से घनिष्ठता, उसके प्रति प्रेम को, उसके प्रति आदर एवं श्रद्धा को बढ़ाती है; और यह स्नेह हमें उसके साथ और भी अधिक घनिष्ठता बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है।

   जब भी आप अपनी बाइबल को खोलें, तो इस ध्यान के साथ खोलें कि परमेश्वर आपको अपने प्रेम का कोई सन्देश देना चाहता; क्योंकि वह आप से बहुत प्रेम करता है इसलिए अपना प्रेम पत्र आपको दिया है। - पोह फ़ैंग चिया

बाइबल को जानने से हम बाइबल के परमेश्वर को जान पाते हैं।

मैं ने तेरे वचन को अपने हृदय में रख छोड़ा है, कि तेरे विरुद्ध पाप न करूँ। - भजन 119:11

बाइबल पाठ: भजन 119:97-104
Psalms 119:97 आहा! मैं तेरी व्यवस्था में कैसी प्रीति रखता हूं! दिन भर मेरा ध्यान उसी पर लगा रहता है। 
Psalms 119:98 तू अपनी आज्ञाओं के द्वारा मुझे अपने शत्रुओं से अधिक बुद्धिमान करता है, क्योंकि वे सदा मेरे मन में रहती हैं। 
Psalms 119:99 मैं अपने सब शिक्षकों से भी अधिक समझ रखता हूं, क्योंकि मेरा ध्यान तेरी चितौनियों पर लगा है। 
Psalms 119:100 मैं पुरनियों से भी समझदार हूं, क्योंकि मैं तेरे उपदेशों को पकड़े हुए हूं। 
Psalms 119:101 मैं ने अपने पांवों को हर एक बुरे रास्ते से रोक रखा है, जिस से मैं तेरे वचन के अनुसार चलूं। 
Psalms 119:102 मैं तेरे नियमों से नहीं हटा, क्योंकि तू ही ने मुझे शिक्षा दी है। 
Psalms 119:103 तेरे वचन मुझ को कैसे मीठे लगते हैं, वे मेरे मुंह में मधु से भी मीठे हैं! 
Psalms 119:104 तेरे उपदेशों के कारण मैं समझदार हो जाता हूं, इसलिये मैं सब मिथ्या मार्गों से बैर रखता हूं।

एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति 23-24
  • मत्ती 7


रविवार, 8 जनवरी 2017

आशीष की वर्षा


   मछलियों, मेंढ़कों के बच्चों और मकड़ियों में क्या समान है? पृथ्वी के भिन्न भागों में, ये तीनों ही आकाश से बारिश के समान गिरे हैं! मछलियाँ ऑस्ट्रेलिया के नगर लाजामनु पर गिरीं; मेंढ़क के बच्चे मध्य जापान के इलाकों पर अनेकों अवसरों पर गिरते रहे हैं; और मकड़ियाँ आरजेनटीना के सैन बरनाडो पहाड़ों पर बरसीं। यद्यपि वैज्ञानिकों का मानना है कि इन चकराने वाली बारिशों में हवा की कोई भूमिका है, परन्तु कोई भी आज तक इन्हें पूरी रीति से समझा नहीं पाया है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में एक अन्य प्रकार की असाधारण वर्षा का उल्लेख है - आशीष की वर्षा (यहेजकेल 34:26)। परमेश्वर के भविष्यद्वक्ता यहेजकेल ने एक ऐसे समय के बारे में लिखा जब अपने लोगों, इसत्राएल, को तर-ओ-ताज़ा करने के लिए परमेश्वर वर्षा के समान आशीषों को भेजेगा। तब इसत्राएल शत्रु देशों से पूर्णतः सुरक्षित होगा। उनके पास भोजन प्रचुर मात्रा में होगा, वे दासत्व में नहीं होंगे, और निंदा से मुक्त होंगे (पद 27-29)। इन आशीषों से परमेश्वर के साथ इस्त्राएल का संबंध पुनर्जीवित होगा। लोग जानेंगे कि परमेश्वर उनके साथ है, और "वे जो इस्त्राएल का घराना हैं, [परमेश्वर की] प्रजा हैं (पद 30)।

   बाइबल यह भी बताती है कि हम मसीही विश्वासी भी "परमेश्वर का इस्त्राएल" हैं (गलतियों 3:7-9, 29)। आज भी परमेश्वर अपने इस्त्राएल, अपने लोगों को आशीषित करता है (याकूब 1:17)। वर्षा के समान ही, आशीषें भी कभी बहुतायत से, तो कभी हलके हलके एक एक करके आती हैं; परन्तु मात्रा में चाहे वे थोड़ी हों या बहुत, आशीष की वर्षा प्रत्येक बूँद परमेश्वर की ओर से इस सन्देश के साथ आती है: मुझे तुम्हारी आवश्यकताएं पता हैं; तुम मेरे हो और मैं तुम्हारी देख-भाल करता हूँ। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


प्रतिदिन की आशीषें, प्रतिदिन परमेश्वर की देखभाल को स्मरण कराती हैं।

क्योंकि हर एक अच्छा वरदान और हर एक उत्तम दान ऊपर ही से है, और ज्योतियों के पिता की ओर से मिलता है, जिस में न तो कोई परिवर्तन हो सकता है, ओर न अदल बदल के कारण उस पर छाया पड़ती है। - याकूब 1:17 

बाइबल पाठ: यहेजकेल 34:25-31
Ezekiel 34:25 मैं उनके साथ शान्ति की वाचा बान्धूंगा, और दुष्ट जन्तुओं को देश में न रहने दूंगा; सो वे जंगल में निडर रहेंगे, और वन में सोएंगे। 
Ezekiel 34:26 और मैं उन्हें और अपनी पहाड़ी के आस पास के स्थानों को आशीष का कारण बना दूंगा; और मेंह को मैं ठीक समय में बरसाया करूंगा; और वे आशीषों की वर्षा होंगी। 
Ezekiel 34:27 और मैदान के वृक्ष फलेंगे और भूमि अपनी उपज उपजाएंगी, और वे अपने देश में निडर रहेंगे; जब मैं उनके जूए को तोड़ कर उन लोगों के हाथ से छुड़ाऊंगा, जो उन से सेवा कराते हैं, तब वे जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ। 
Ezekiel 34:28 वे फिर जाति-जाति से लूटे न जाएंगे, और न वन पशु उन्हें फाड़ खाएंगे; वे निडर रहेंगे, और उन को कोई न डराएगा। 
Ezekiel 34:29 और मैं उनके लिये महान बारियां उपजाऊंगा, और वे देश में फिर भूखों न मरेंगे, और न जाति-जाति के लोग फिर उनकी निन्दा करेंगे। 
Ezekiel 34:30 और वे जानेंगे कि मैं परमेश्वर यहोवा, उनके संग हूँ, और वे जो इस्राएल का घराना है, वे मेरी प्रजा हैं, मुझ परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है। 
Ezekiel 34:31 तुम तो मेरी भेड़-बकरियां, मेरी चराई की भेड़-बकरियां हो, तुम तो मनुष्य हो, और मैं तुम्हारा परमेश्वर हूँ, परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।

एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति 20-22
  • मत्ती 6:19-34


शनिवार, 7 जनवरी 2017

सेवक एवं सहायक


   पिछली शरद ऋतु में हमारा शहर एक बर्फ के भीषण तूफान की चपेट में आ गया। बर्फ के बोझ से पेड़ों की डालियों के टूट या झुक कर बिजली के तारों पर आ जाने के कारण हज़ारों घरों और व्यवसायों में कई दिनों तक बिजली आनी बन्द हो गई। हमारे परिवार ने घर की बुनियादी आवश्यकताओं के लिए एक जेनेरेटर द्वारा बिजली तो प्राप्त कर ली परन्तु फिर भी खाना पकाने लायक बिजली हमारे घर में नहीं थी। हम घर से बाहर खाने का कोई स्थान ढ़ूँढ़ने के लिए निकले, और मीलों तक हमें केवल बन्द व्यवसाय और दुकानें ही मिले। अन्ततः हम एक नाश्ता परोसने वाले रेस्टोरॉन्ट पहुँचे जहाँ बिजली की आपूर्ति बाधित नहीं हुई थी, किंतु वह स्थान हमारे समान ही अन्य भूखे और परेशान ग्राहकों से भरा हुआ था।

   कुछ समय में एक स्त्री हमारे पास भोजन का हमारा ऑर्डर लेने आई, और कहा, "वास्तव में मैं इस रेस्टोरॉन्ट की कर्मचारी नहीं हूँ। हमारे चर्च का गुट यहाँ नाश्ता कर रहा था और हमने देखा कि इस रेस्टोरॉन्ट के कर्मचारी आने वाले ग्राहकों की भीड़ के कारण कितने अभिभूत एवं परेशान हो गए थे। हमने रेस्टोरॉन्ट के प्रबंधक से कहा कि यदि इससे कर्मचारियों की सहायता और ग्राहकों को भोजन मिलने में सुविधा होती है, तो हम लोगों तथा कर्मचारियों की सहायता के लिए ग्राहकों से ऑर्डर लेने तथा भोजन परोसने में सहायक होंगे।"

   उस महिला और उसके साथियों द्वारा स्वेच्छा से सहायता देने के इस उदाहरण ने मुझे परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस द्वारा लिखी बात का स्मरण दिलाया: "इसलिये जहां तक अवसर मिले हम सब के साथ भलाई करें; विशेष कर के विश्वासी भाइयों के साथ" (गलतियों 6:10)। हमारे आस-पास के लोगों की अनेकों आवश्यकताओं के संदर्भ में, मैं सोचता हूँ कि क्या हो यदि हम सब परमेश्वर से प्रार्थना करें कि वह उस दिन में उसकी सेवा तथा लोगों की सहायता करने के अवसर देखने तथा पहचानने, और भले सेवक एवं सहायक बनने की सदबुद्धि तथा सामर्थ हमें प्रदान करे। - डेनिस फिशर


जब हम ज़रूरतमन्द लोगों की सहायता करते हैं, 
हम मसीह यीशु के उदाहरण को प्रदर्शित करते हैं।

जिनका भला करना चाहिये, यदि तुझ में शक्ति रहे, तो उनका भला करने से न रुकना। - नीतिवचन 3:27

बाइबल पाठ: गलतियों 6:1-10
Galatians 6:1 हे भाइयों, यदि कोई मनुष्य किसी अपराध में पकड़ा भी जाए, तो तुम जो आत्मिक हो, नम्रता के साथ ऐसे को संभालो, और अपनी भी चौकसी रखो, कि तुम भी परीक्षा में न पड़ो। 
Galatians 6:2 तुम एक दूसरे के भार उठाओ, और इस प्रकार मसीह की व्यवस्था को पूरी करो। 
Galatians 6:3 क्योंकि यदि कोई कुछ न होने पर भी अपने आप को कुछ समझता है, तो अपने आप को धोखा देता है। 
Galatians 6:4 पर हर एक अपने ही काम को जांच ले, और तब दूसरे के विषय में नहीं परन्तु अपने ही विषय में उसको घमण्‍ड करने का अवसर होगा। 
Galatians 6:5 क्योंकि हर एक व्यक्ति अपना ही बोझ उठाएगा।
Galatians 6:6 जो वचन की शिक्षा पाता है, वह सब अच्छी वस्‍तुओं में सिखाने वाले को भागी करे। 
Galatians 6:7 धोखा न खाओ, परमेश्वर ठट्ठों में नहीं उड़ाया जाता, क्योंकि मनुष्य जो कुछ बोता है, वही काटेगा। 
Galatians 6:8 क्योंकि जो अपने शरीर के लिये बोता है, वह शरीर के द्वारा विनाश की कटनी काटेगा; और जो आत्मा के लिये बोता है, वह आत्मा के द्वारा अनन्त जीवन की कटनी काटेगा। 
Galatians 6:9 हम भले काम करने में हियाव न छोड़े, क्योंकि यदि हम ढीले न हों, तो ठीक समय पर कटनी काटेंगे। 
Galatians 6:10 इसलिये जहां तक अवसर मिले हम सब के साथ भलाई करें; विशेष कर के विश्वासी भाइयों के साथ।

एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति 18-19
  • मत्ती 6:1-18