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सोमवार, 13 मार्च 2017

संवारना


   परमेश्वर के वचन बाइबल में जब मूसा ने परमेश्वर के मण्डप, उसके निवास-स्थान, के बनाने का कार्य आरंभ किया तो सारे इस्त्राएलियों को बुलाया (निर्गमन 35-39), और परमेश्वर द्वारा तैयार कर के नियुक्त किए गए कुशल कारीगर बसलेल को यह कार्य करने की ज़िम्मेदारी सौंपी। इस्त्राएल के लोगों से कहा गया कि वे इस कार्य के लिए अपने पास उपलब्ध सामान में से वे स्वेच्छा से दें; और कुछ स्त्रियों ने अपने पीतल के बहुमूल्य दर्पण भी परमेश्वर की उपस्थिति के स्थान का सामान बनाने के लिए दिए (निर्गमन 38:8)।

   अपने दर्पण दान कर दिए? हम में से अनेकों के लिए यह करना कठिन होगा कि कोई ऐसी वस्तु दान कर दें जिसके द्वारा हम अपने आप को देखने संवारने पाते हैं। हमें ऐसा करने के लिए कहा तो नहीं जाता है, परन्तु यह मुझे विचारने पर विवश करता है कि हम अपने आप को देखने, संवारने और अपने स्वरूप की जाँच करते रहने में कितना समय बिताते हैं? ऐसा करना हमें अपने बारे में अधिक और दूसरों के बारे कम सोचने वाला बना देता है।

   लेकिन जब हम बाइबल की इस शिक्षा पर ध्यान देते हैं कि हम जैसे भी हैं, हमारी खामियों और अधूरेपन के बावजूद, परमेश्वर हम से ऐसे में भी प्रेम करता है, तो यह हमें अपने चेहरों या स्वरूप के बारे में चिंतित होने की बजाए परमेश्वर तथा अन्य लोगों के बारे में सोचने के लिए प्रेरित करता है (फिलिप्पियों 2:4)।

   ऑगस्टीन ने कहा, हम अपने आप से प्रेम करने से तो खो जाते हैं, परन्तु दूसरों से प्रेम करने में पाए जाते हैं। दूसरे शब्दों में, आनन्दित रहने का रहस्य अपने चेहरों को संवारने में नहीं वरन अपने हृदय, अपने जीवन, अपने आप को दूसरों को संवारने के लिए दे देने में है, जैसा कि हमारे प्रभु यीशु ने हमारे लिए किया और हमारे सामने अनुसरण करने के लिए उदाहरण रखा। - डेविड रोपर


वह हृदय जो दूसरों को संवारने पर केंद्रित है, 
स्वार्थ द्वारा कभी नाश नहीं हो सकता।

निदान हम बलवानों को चाहिए, कि निर्बलों की निर्बलताओं को सहें; न कि अपने आप को प्रसन्न करें। हम में से हर एक अपने पड़ोसी को उस की भलाई के लिये सुधारने के निमित प्रसन्न करे। - रोमियों 15:1-2

बाइबल पाठ: फिलिप्पियों 2:1-11
Philippians 2:1 सो यदि मसीह में कुछ शान्‍ति और प्रेम से ढाढ़स और आत्मा की सहभागिता, और कुछ करूणा और दया है। 
Philippians 2:2 तो मेरा यह आनन्द पूरा करो कि एक मन रहो और एक ही प्रेम, एक ही चित्त, और एक ही मनसा रखो। 
Philippians 2:3 विरोध या झूठी बड़ाई के लिये कुछ न करो पर दीनता से एक दूसरे को अपने से अच्छा समझो। 
Philippians 2:4 हर एक अपनी ही हित की नहीं, वरन दूसरों के हित की भी चिन्‍ता करे। 
Philippians 2:5 जैसा मसीह यीशु का स्‍वभाव था वैसा ही तुम्हारा भी स्‍वभाव हो। 
Philippians 2:6 जिसने परमेश्वर के स्‍वरूप में हो कर भी परमेश्वर के तुल्य होने को अपने वश में रखने की वस्तु न समझा। 
Philippians 2:7 वरन अपने आप को ऐसा शून्य कर दिया, और दास का स्‍वरूप धारण किया, और मनुष्य की समानता में हो गया। 
Philippians 2:8 और मनुष्य के रूप में प्रगट हो कर अपने आप को दीन किया, और यहां तक आज्ञाकारी रहा, कि मृत्यु, हां, क्रूस की मृत्यु भी सह ली। 
Philippians 2:9 इस कारण परमेश्वर ने उसको अति महान भी किया, और उसको वह नाम दिया जो सब नामों में श्रेष्ठ है। 
Philippians 2:10 कि जो स्वर्ग में और पृथ्वी पर और जो पृथ्वी के नीचे है; वे सब यीशु के नाम पर घुटना टेकें। 
Philippians 2:11 और परमेश्वर पिता की महिमा के लिये हर एक जीभ अंगीकार कर ले कि यीशु मसीह ही प्रभु है।

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 20-22
  • मरकुस 13:21-37


रविवार, 12 मार्च 2017

आकाशमण्डल


   अपने प्राथमिक विद्यालय के छात्र होने के दिनों में, मैं और मेरा मित्र केन्ट अकसर रात्रि के आकाशमण्डल को दूरबीन द्वारा देखने में बिताते थे। हम सितारों को, चन्द्रमा के पहाड़ों को, देखकर चकित होते। सारी शाम हम बारी बारी आकाशमण्डल को निहारने के लिए एक दुसरे से कहते रहते थे, "ज़रा दूरबीन मुझे देना!"

   हम से कई सदियाँ पहले एक अन्य यहूदी चरवाहा युवक भी रात्रि के आकाशमण्डल को देख कर विस्मित होता था। उसके पास आकाशमण्डल की भव्यता को देखने और निहारने के लिए दूरबीन नहीं थी। परन्तु उसके पास कुछ और था, जो दूरबीन से भी अधिक महत्वपूर्ण था - जीवते परमेश्वर के साथ व्यक्तिगत संबंध। मैं कल्पना कर सकता हूँ कि दाऊद मैदान में बैठा आकाशमण्डल को निहार रहा है, परमेश्वर के बारे में मनन कर रहा है, और उसकी भेड़ें आस-पास हैं, मिमिया रही हैं। बाद में दाऊद ने परमेश्वर की प्रेरणा द्वारा अपने एक भजन में लिखा, "आकाश ईश्वर की महिमा वर्णन कर रहा है; और आकशमण्डल उसकी हस्तकला को प्रगट कर रहा है। दिन से दिन बातें करता है, और रात को रात ज्ञान सिखाती है" (भजन 19:1-2)।

   अपनी व्यस्त दिनचर्या में हमारे आनन्द तथा उसकी सामर्थ एवं महिमा प्रकट करने के लिए हमारे परमेश्वर पिता द्वारा आकाशमण्डल में रचि गई आश्चर्यचकित कर देने वाली उसकी अद्भुत कारीगरी एवं सुन्दरता को हम निहारना भूल जाते हैं। जब भी हम समय निकाल कर रात्रि के आकाशमण्डल को देखते हैं, परमेश्वर की सृष्टि पर मनन करते हैं तो अपने स्वर्गीय प्रेमी पिता की हस्ती, असीम सामर्थ एवं महिमा की गहरी समझ प्राप्त करते हैं, उसकी निकटता में बढ़ते हैं। - डेनिस फिशर


परमेश्वर की सृष्टि के अजूबों से हम उसकी महिमा, गौरव और चरित्र का दर्शन पाते हैं।

इसलिये कि परमेश्वर के विषय का ज्ञान उन के मनों में प्रगट है, क्योंकि परमेश्वर ने उन पर प्रगट किया है। क्योंकि उसके अनदेखे गुण, अर्थात उस की सनातन सामर्थ, और परमेश्वरत्व जगत की सृष्टि के समय से उसके कामों के द्वारा देखने में आते है, यहां तक कि वे निरुत्तर हैं। - रोमियों 1:19-20

बाइबल पाठ: भजन 19
Psalms 19:1 आकाश ईश्वर की महिमा वर्णन कर रहा है; और आकशमण्डल उसकी हस्तकला को प्रगट कर रहा है। 
Psalms 19:2 दिन से दिन बातें करता है, और रात को रात ज्ञान सिखाती है। 
Psalms 19:3 न तो कोई बोली है और न कोई भाषा जहां उनका शब्द सुनाई नहीं देता है। 
Psalms 19:4 उनका स्वर सारी पृथ्वी पर गूंज गया है, और उनके वचन जगत की छोर तक पहुंच गए हैं। उन में उसने सूर्य के लिये एक मण्डप खड़ा किया है, 
Psalms 19:5 जो दुल्हे के समान अपने महल से निकलता है। वह शूरवीर की नाईं अपनी दौड़ दौड़ने को हर्षित होता है। 
Psalms 19:6 वह आकाश की एक छोर से निकलता है, और वह उसकी दूसरी छोर तक चक्कर मारता है; और उसकी गर्मी सब को पहुंचती है।
Psalms 19:7 यहोवा की व्यवस्था खरी है, वह प्राण को बहाल कर देती है; यहोवा के नियम विश्वासयोग्य हैं, साधारण लोगों को बुद्धिमान बना देते हैं; 
Psalms 19:8 यहोवा के उपदेश सिद्ध हैं, हृदय को आनन्दित कर देते हैं; यहोवा की आज्ञा निर्मल है, वह आंखों में ज्योति ले आती है; 
Psalms 19:9 यहोवा का भय पवित्र है, वह अनन्तकाल तक स्थिर रहता है; यहोवा के नियम सत्य और पूरी रीति से धर्ममय हैं। 
Psalms 19:10 वे तो सोने से और बहुत कुन्दन से भी बढ़कर मनोहर हैं; वे मधु से और टपकने वाले छत्ते से भी बढ़कर मधुर हैं। 
Psalms 19:11 और उन्हीं से तेरा दास चिताया जाता है; उनके पालन करने से बड़ा ही प्रतिफल मिलता है। 
Psalms 19:12 अपनी भूलचूक को कौन समझ सकता है? मेरे गुप्त पापों से तू मुझे पवित्र कर। 
Psalms 19:13 तू अपने दास को ढिठाई के पापों से भी बचाए रख; वह मुझ पर प्रभुता करने न पाएं! तब मैं सिद्ध हो जाऊंगा, और बड़े अपराधों से बचा रहूंगा।
Psalms 19:14 मेरे मुंह के वचन और मेरे हृदय का ध्यान तेरे सम्मुख ग्रहण योग्य हों, हे यहोवा परमेश्वर, मेरी चट्टान और मेरे उद्धार करने वाले!

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 17-19
  • मरकुस 13:1-20


शनिवार, 11 मार्च 2017

सुलभ


   जब जॉन एफ़. केनेडी अमेरिका के राष्ट्रपति थे तो उनके कार्यकाल में फोटोग्राफरों को कभी कभी उनके दफ्तर का एक चित्ताकर्षक दृश्य फोटो खींचने के लिए मिल जाता था - अपने ओवल दफ्तर में राष्ट्रपति केनेडी अपने मन्त्रीमण्डल के सदस्यों के साथ बैठे हुए सारे संसार को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं, और एक दो वर्षीय बालक, राष्ट्रपति भवन के नियमों और शिष्टाचार की चिंता किए बिना उनके आस-पास घुम-फिर रहा है, या उनकी मेज़ के पास या नीचे रेंग रहा है। वह उनका दो वर्षीय बेटा था, जो राज्यों के गंभीर विषयों एवं उनसे संबंधित चर्चा से बेपरवाह, केवल अपने पिता से मिलने आया था, और पिता के समीप होने का आनन्द उठा रहा था।

   चौंका देने वाली इस प्रकार की अत्यंत सरल सुलभता ’अब्बा’ शब्द में मिलती है। जब प्रभु यीशु ने कहा, "...हे अब्‍बा, हे पिता, तुझ से सब कुछ हो सकता है..." (मरकुस 14:36), तो उनका यही अभिप्राय था। निःसन्देह, परमेश्वर इस सारी सृष्टि का सार्वभौमिक प्रभु है, परन्तु प्रभु यीशु में लाए गए विश्वास के द्वारा उसके पास जाना प्रत्येक मसीही विश्वासी के लिए वैसा ही सुलभ हो गया है जैसा एक बालक के लिए अपने प्रेमी पिता के समीप जाना होता है। परमेश्वर के वचन बाइबल में रोमियों 8 में प्रेरित पौलुस इस करीबी के चित्रण को और भी निकट का बना देता है। पौलुस कहता है, परमेश्वर का पवित्र आत्मा हम में निवास करता है, और जब हम यह नहीं समझ पाते हैं कि क्या और कैसे प्रार्थना करें, तब "इसी रीति से आत्मा भी हमारी दुर्बलता में सहायता करता है, क्योंकि हम नहीं जानते, कि प्रार्थना किस रीति से करना चाहिए; परन्तु आत्मा आप ही ऐसी आहें भर भरकर जो बयान से बाहर है, हमारे लिये बिनती करता है" (रोमियों 8:26)।

   प्रभु यीशु हमारा मेल-मिलाप परमेश्वर पिता के साथ करवाने के लिए आए थे, और उन्होंने हमें दिखाया कि चाहे दो दमड़ी वाली निर्धन विधवा हो, या रोमी सूबेदार हो अथवा अभागा चुँगी लेने वाला, या क्रूस पर टांगा गया डाकू हो - चाहे कोई भी हो, जो भी उसे सच्चे मन से पुकारता है, वह सिद्ध और पवित्र परमेश्वर पिता उसकी सहायता के लिए आता है और उसे बचाता है।

   प्रभु यीशु के कलवरी के क्रूस पर दिए गए बलिदान के द्वारा परमेश्वर पिता हमारे इतना निकट आ गया है, उस तक पहुँचना हमारे लिए इतना सुलभ हो गया है कि हमें बस सच्चे और समर्पित मन से उसे पुकाराना भर है, अपने पापों का अंगीकार कर के उनके लिए पश्चातापी होकर आत्मा में आहें ही भरना है, और उसकी सहायता हमारे लिए उपलब्ध हो जाएगी।

   परमेश्वर पिता आपसे मिलने के लिए आतुर है; उसके द्वारा प्रभु यीशु में होकर उपलब्ध करवाए गए सुलभ मार्ग को अपनाएं और परमेश्वर से मेल-मिलाप कर लें। - फिलिप यैंसी


प्रार्थना परमेश्वर के साथ घनिष्टता से संवाद करना है।

सो जब हम विश्वास से धर्मी ठहरे, तो अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर के साथ मेल रखें। - रोमियों 5:1

बाइबल पाठ: रोमियों 8:13-28
Romans 8:13 क्योंकि यदि तुम शरीर के अनुसार दिन काटोगे, तो मरोगे, यदि आत्मा से देह की क्रीयाओं को मारोगे, तो जीवित रहोगे। 
Romans 8:14 इसलिये कि जितने लोग परमेश्वर के आत्मा के चलाए चलते हैं, वे ही परमेश्वर के पुत्र हैं। 
Romans 8:15 क्योंकि तुम को दासत्व की आत्मा नहीं मिली, कि फिर भयभीत हो परन्तु लेपालकपन की आत्मा मिली है, जिस से हम हे अब्बा, हे पिता कह कर पुकारते हैं। 
Romans 8:16 आत्मा आप ही हमारी आत्मा के साथ गवाही देता है, कि हम परमेश्वर की सन्तान हैं। 
Romans 8:17 और यदि सन्तान हैं, तो वारिस भी, वरन परमेश्वर के वारिस और मसीह के संगी वारिस हैं, जब कि हम उसके साथ दुख उठाएं कि उसके साथ महिमा भी पाएं।
Romans 8:18 क्योंकि मैं समझता हूं, कि इस समय के दु:ख और क्लेश उस महिमा के साम्हने, जो हम पर प्रगट होने वाली है, कुछ भी नहीं हैं। 
Romans 8:19 क्योंकि सृष्टि बड़ी आशाभरी दृष्टि से परमेश्वर के पुत्रों के प्रगट होने की बाट जोह रही है। 
Romans 8:20 क्योंकि सृष्टि अपनी इच्छा से नहीं पर आधीन करने वाले की ओर से व्यर्थता के आधीन इस आशा से की गई। 
Romans 8:21 कि सृष्टि भी आप ही विनाश के दासत्व से छुटकारा पाकर, परमेश्वर की सन्तानों की महिमा की स्वतंत्रता प्राप्त करेगी। 
Romans 8:22 क्योंकि हम जानते हैं, कि सारी सृष्टि अब तक मिलकर कराहती और पीड़ाओं में पड़ी तड़पती है। 
Romans 8:23 और केवल वही नहीं पर हम भी जिन के पास आत्मा का पहिला फल है, आप ही अपने में कराहते हैं; और लेपालक होने की, अर्थात अपनी देह के छुटकारे की बाट जोहते हैं। 
Romans 8:24 आशा के द्वारा तो हमारा उद्धार हुआ है परन्तु जिस वस्तु की आशा की जाती है जब वह देखने में आए, तो फिर आशा कहां रही? क्योंकि जिस वस्तु को कोई देख रहा है उस की आशा क्या करेगा? 
Romans 8:25 परन्तु जिस वस्तु को हम नहीं देखते, यदि उस की आशा रखते हैं, तो धीरज से उस की बाट जोहते भी हैं। 
Romans 8:26 इसी रीति से आत्मा भी हमारी दुर्बलता में सहायता करता है, क्योंकि हम नहीं जानते, कि प्रार्थना किस रीति से करना चाहिए; परन्तु आत्मा आप ही ऐसी आहें भर भरकर जो बयान से बाहर है, हमारे लिये बिनती करता है। 
Romans 8:27 और मनों का जांचने वाला जानता है, कि आत्मा की मनसा क्या है क्योंकि वह पवित्र लोगों के लिये परमेश्वर की इच्छा के अनुसार बिनती करता है। 
Romans 8:28 और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 14-16
  • मरकुस 12:28-44


शुक्रवार, 10 मार्च 2017

अनपेक्षित


   युवा एवं उत्साही ड्रू, उस बड़े चर्च में पहली बार चर्च की स्तुति-गान गाने वाली गायन मण्डली की अगुवाई कर रहा था। लोइस, जो लंबे समय से उस चर्च में आती थी, उसे प्रोत्साहित करना चाहती थी, परन्तु लोगों की भीड़ के कारण उसे लगा कि चर्च में आगे तक जाकर ड्रू के चले जाने से पहले उससे मिलकर कुछ कह पाना कठिन होगा। परन्तु फिर उसे भीड़ से निकलकर ड्रू तक पहुँचने का एक मार्ग दिखा, और वह आगे ड्रू तक पहुँच गई, तथा उससे कहा, "आराधना के लिए मैं तुम्हारे उत्साह की सराहना करती हूँ। प्रभु की सेवा करते रहो!"

   जब लोइस बाहर निकल रही थी, उसकी मुलाकात शैरॉन से हो गई, जिससे वह लंबे समय से नहीं मिली थी। थोड़ी देर बातचीत के पश्चत शैरॉन ने लोइस से कहा, "तुम जो प्रभु के लिए कर रही हो उसके लिए धन्यवाद। प्रभु की सेवा करती रहो!" क्योंकि लोइस ने सराहना तथा प्रोत्साहन देने के लिए मार्ग निकाला था, इसलिए अब वह भी अनपेक्षित सराहना एवं प्रोत्साहन पाने की स्थिति में थी, और उसे यह मिला भी।

   परमेश्वर के वचन बाइबल के पुराने नियम खण्ड में एक छोटी पुस्तक है "रूत" की पुस्तक, जो रूत नामक एक महिला की कहानी बताती है, कैसे परमेश्वर ने उस परदेशी स्त्री को, उसकी वफादारी के कारण, इस्त्राएल में शिरोमणी बना दिया। रूत और उसकी सास नाओमी के मोआब से वापस इस्त्राएल लौट आने के कुछ समय पश्चात उन्हें एक अनपेक्षित आशीष मिली। वे दोनों ही स्त्रियाँ विधवाएं थीं और उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं था; इसलिए घर के लिए अनाज जुटाने के लिए रूत एक खेत में अनाज बीनने के लिए गई (रूत 2:2-3)। वह खेत बोअज़ नामक एक पुरुष का था जो नाओमी का दूर का संबंधी था। बोआज़ ने रूत को देखा, उसकी सहायता की और आगे चलकर उससे विवाह भी किया (रूत 2:20; 4:13)। बोअज़ और रूत की सन्तान से राजा दाऊद आया और फिर दाऊद के वंशजों से आगे चलकर प्रभु यीशु मसीह का जन्म हुआ। परदेशी रूत ने उस समय सांसारिक आशीषे पाईं, और भविष्य के लिए प्रभु यीशु की पूर्वज बन गई। परमेश्वर ने रूत की अपनी सास और उसके लोगों के प्रति वफादारी के लिए उसे अनपेक्षित आशीषों से भर दिया।

   कभी कभी परमेश्वर अनपेक्षित लोगों, मुलाकातों, परिस्थितियों को हमारे लिए हमारे सोचने समझने से बढ़कर अनपेक्षित आशीषें देने के लिए प्रयोग करता है। - ऐनी सेटास


जब दूसरों की सहायता करने की बात आती है
 तो कुछ ना करने पर आकर ठहर ना जाएं।

परन्तु जैसा लिखा है, कि जो आंख ने नहीं देखी, और कान ने नहीं सुना, और जो बातें मनुष्य के चित्त में नहीं चढ़ीं, वे ही हैं जो परमेश्वर ने अपने प्रेम रखने वालों के लिये तैयार की हैं। - 1 कुरिन्थियों 2:9

बाइबल पाठ: रूत 2:1-17
Ruth 2:1 नाओमी के पति एलीमेलेक के कुल में उसका एक बड़ा धनी कुटुम्बी था, जिसका नाम बोअज था। 
Ruth 2:2 और मोआबिन रूत ने नाओमी से कहा, मुझे किसी खेत में जाने दे, कि जो मुझ पर अनुग्रह की दृष्टि करे, उसके पीछे पीछे मैं सिला बीनती जाऊं। उसने कहा, चली जा, बेटी। 
Ruth 2:3 सो वह जा कर एक खेत में लवने वालों के पीछे बीनने लगी, और जिस खेत में वह संयोग से गई थी वह एलीमेलेक के कुटुम्बी बोअज का था। 
Ruth 2:4 और बोअज बेतलेहेम से आकर लवने वालों से कहने लगा, यहोवा तुम्हारे संग रहे, और वे उस से बोले, यहोवा तुझे आशीष दे। 
Ruth 2:5 तब बोअज ने अपने उस सेवक से जो लवने वालों के ऊपर ठहराया गया था पूछा, वह किस की कन्या है। 
Ruth 2:6 जो सेवक लवने वालों के ऊपर ठहराया गया था उसने उत्तर दिया, वह मोआबिन कन्या है, जो नाओमी के संग मोआब देश से लौट आई है। 
Ruth 2:7 उसने कहा था, मुझे लवने वालों के पीछे पीछे पूलों के बीच बीनने और बालें बटोरने दे। तो वह आई, और भोर से अब तक यहीं है, केवल थोड़ी देर तक घर में रही थी। 
Ruth 2:8 तब बोअज ने रूत से कहा, हे मेरी बेटी, क्या तू सुनती है? किसी दूसरे के खेत में बीनने को न जाना, मेरी ही दासियों के संग यहीं रहना। 
Ruth 2:9 जिस खेत को वे लवतीं हों उसी पर तेरा ध्यान बन्धा रहे, और उन्हीं के पीछे पीछे चला करना। क्या मैं ने जवानों को आज्ञा नहीं दी, कि तुझ से न बोलें? और जब जब तुझे प्यास लगे, तब तब तू बरतनों के पास जा कर जवानों का भरा हुआ पानी पीना। 
Ruth 2:10 तब वह भूमि तक झुककर मुंह के बल गिरी, और उस से कहने लगी, क्या कारण है कि तू ने मुझ परदेशिन पर अनुग्रह की दृष्टि कर के मेरी सुधि ली है? 
Ruth 2:11 बोअज ने उत्तर दिया, जो कुछ तू ने पति मरने के पीछे अपनी सास से किया है, और तू किस रीति अपने माता पिता और जन्मभूमि को छोड़कर ऐसे लोगों में आई है जिन को पहिले तू ने जानती थी, यह सब मुझे विस्तार के साथ बताया गया है। 
Ruth 2:12 यहोवा तेरी करनी का फल दे, और इस्राएल का परमेश्वर यहोवा जिसके पंखों के तले तू शरण लेने आई है तुझे पूरा बदला दे। 
Ruth 2:13 उसने कहा, हे मेरे प्रभु, तेरे अनुग्रह की दृष्टि मुझ पर बनी रहे, क्योंकि यद्यपि मैं तेरी दासियों में से किसी के भी बराबर नहीं हूं, तौभी तू ने अपनी दासी के मन में पैठनेवाली बातें कहकर मुझे शान्ति दी है। 
Ruth 2:14 फिर खाने के समय बोअज ने उस से कहा, यहीं आकर रोटी खा, और अपना कौर सिरके में बोर। तो वह लवने वालों के पास बैठ गई; और उसने उसको भुनी हुई बालें दी; और वह खाकर तृप्त हुई, वरन कुछ बचा भी रखा। 
Ruth 2:15 जब वह बीनने को उठी, तब बोअज ने अपने जवानों को आज्ञा दी, कि उसको पूलों के बीच बीच में भी बीनने दो, और दोष मत लगाओ। 
Ruth 2:16 वरन मुट्ठी भर जाने पर कुछ कुछ निकाल कर गिरा भी दिया करो, और उसके बीनने के लिये छोड़ दो, और उसे घुड़को मत। 
Ruth 2:17 सो वह सांझ तक खेत में बीनती रही; तब जो कुछ बीन चुकी उसे फटका, और वह कोई एपा भर जौ निकला।

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 11-13
  • मरकुस 12:1-27


गुरुवार, 9 मार्च 2017

द्वार


   मेरे पति जे और मैंने परिवार में एक नया सदस्य लिया है - 2 माह का बिल्ली का बच्चा, जैस्पर। जैस्पर को सुरक्षित रखने के लिए हमें अपनी कुछ पुरानी आदतें, जैसे कि घर के द्वार खुले छोड़ना, बदलनी पड़ी हैं। परन्तु एक बात हमारे लिए अभी भी चुनौती बनी हुई है: खुली सीढ़ी। बिल्लियों को ऊँचाई पर चढ़ना अच्छा लगता है। बिल्ली के बच्चों को भी पता रहता है कि जब आप ऊपर से नीचे संसार को देखते हैं तो वह अधिक अच्छा दिखता है। इसलिए जब भी जैस्पर मेरे साथ नीचे होती है, उसका प्रयास रहता है कि वह ऊपर चढ़ जाए। उसे अपने पास सुरक्षित बैठाए रखना मेरी चतुराई के लिए चुनौती बना हुआ है। वे द्वार जो बच्चों और कुत्तों के लिए कार्य करते हैं, बिल्लियों के लिए कार्य नहीं करते।

   द्वार को लेकर मेरी यह दुविधा मुझे प्रभु यीशु द्वारा अपने लिए प्रयुक्त उपमा स्मरण करवाती है। प्रभु यीशु ने अपने विषय में कहा, "...मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि भेड़ों का द्वार मैं हूं" (यूहन्ना 10:7)। उन दिनों में मध्य-पूर्व की भेड़शालाएं चारदीवारी से घिरा एक स्थान होती थीं जिसका एक ही द्वार होता था, जिससे भेड़ें अन्दर या बाहर आती-जाती थीं। रात को सभी भेड़ों को अन्दर सुरक्षित करके उनका चरवाहा स्वयं द्वार के सामने लेट जाता था जिससे ना तो भेड़ बाहर जा सके और ना ही उन्हें हानि पहुँचाने वाला कोई अन्दर उन तक जा सके।

   यद्यपि मैं जैस्पर को सुरक्षित रखना चाहती हूँ, परन्तु मैं अपने आप को वैसा ’द्वार’ बनाने के लिए तैयार नहीं हूँ; मेरे पास करने के लिए और भी बहुत काम हैं। परन्तु प्रभु यीशु मसीह हमारे लिए यही करते हैं; वे हमारे तथा हमारे शत्रु शैतान के बीच बने रहते हैं, जिससे वह हमारी कोई आत्मिक हानी ना करने पाए। प्रभु यीशु रूपी इस द्वार के भीतर मैं और सभी मसीही विश्वासी शैतान की हर चाल से सुरक्षित बने रहते हैं। क्या आपने भी इस द्वार, प्रभु यीशु मसीह के पीछे अपने आप को सुरक्षित कर लिया है? - जूली ऐकरमैन लिंक


आप जितना चरवाहे के निकट रहेंगे, भेड़िया आप से उतना ही दूर रहेगा।

अच्छा चरवाहा मैं हूं; जिस तरह पिता मुझे जानता है, और मैं पिता को जानता हूं। इसी तरह मैं अपनी भेड़ों को जानता हूं, और मेरी भेड़ें मुझे जानती हैं, और मैं भेड़ों के लिये अपना प्राण देता हूं। - यूहन्ना 10:14-15

बाइबल पाठ: यूहन्ना 10:1-10
John 10:1 मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि जो कोई द्वार से भेड़शाला में प्रवेश नहीं करता, परन्तु और किसी ओर से चढ़ जाता है, वह चोर और डाकू है। 
John 10:2 परन्तु जो द्वार से भीतर प्रवेश करता है वह भेड़ों का चरवाहा है। 
John 10:3 उसके लिये द्वारपाल द्वार खोल देता है, और भेंड़ें उसका शब्द सुनती हैं, और वह अपनी भेड़ों को नाम ले ले कर बुलाता है और बाहर ले जाता है। 
John 10:4 और जब वह अपनी सब भेड़ों को बाहर निकाल चुकता है, तो उन के आगे आगे चलता है, और भेड़ें उसके पीछे पीछे हो लेती हैं; क्योंकि वे उसका शब्द पहचानती हैं। 
John 10:5 परन्तु वे पराये के पीछे नहीं जाएंगी, परन्तु उस से भागेंगी, क्योंकि वे परायों का शब्द नहीं पहचानती। 
John 10:6 यीशु ने उन से यह दृष्‍टान्‍त कहा, परन्तु वे न समझे कि ये क्या बातें हैं जो वह हम से कहता है।
John 10:7 तब यीशु ने उन से फिर कहा, मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि भेड़ों का द्वार मैं हूं। 
John 10:8 जितने मुझ से पहिले आए; वे सब चोर और डाकू हैं परन्तु भेड़ों ने उन की न सुनी। 
John 10:9 द्वार मैं हूं: यदि कोई मेरे द्वारा भीतर प्रवेश करे तो उद्धार पाएगा और भीतर बाहर आया जाया करेगा और चारा पाएगा। 
John 10:10 चोर किसी और काम के लिये नहीं परन्तु केवल चोरी करने और घात करने और नष्‍ट करने को आता है। मैं इसलिये आया कि वे जीवन पाएं, और बहुतायत से पाएं।

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 8-10
  • मरकुस 11:19-33


बुधवार, 8 मार्च 2017

पवित्रता


   हम बहुधा ऐसे सर्वेक्षण देखते हैं जिनमें लोगों से पूछा जाता है कि क्या वे प्रसन्न हैं, या अपने काम से संतुष्ट हैं, या क्या जीवन का आनन्द ले रहे हैं, इत्यादि। परन्तु मैंने आज तक कभी कोई ऐसा सर्वेक्षण नहीं देखा है जिसमें पूछा गया हो "क्या आप पवित्रता का जीवन व्यतीत कर रहे हैं?" यदि आप से यह प्रश्न किया जाए तो अपने विषय में आप इस प्रश्न का क्या उत्तर देंगे?

   परमेश्वर के वचन बाइबल के शब्दों के एक शब्दकोष के अनुसार पवित्रता की परिभाषा है, "परमेश्वर के लिए पृथक होना और इस पृथक होने के अनुसार जीवन व्यतीत करना।" लेखक फ्रेड्रिक ब्युकनर ने कहा कि किसी व्यक्ति के चरित्र के बारे में लिखते समय, "उसमें पवित्रता को सजीव बनाने से कठिन और कुछ भी नहीं है।" उन्होंने आगे लिखा, "भलाई के सदगुण के समान, पवित्रता मनुष्यों का गुण है ही नहीं। पवित्रता ऐसा कुछ भी नहीं है जो मनुष्य कर सकें, वरन वह है जो परमेश्वर उनके अन्दर करता है।"

   बाइबल में रोमियों 6 में उस अद्भुत उपहार -’नए जीवन’ का चित्रण है जो परमेश्वर हमें मसीह यीशु में विश्वास लाने के द्वारा प्रदान करता है: "सो उस मृत्यु का बपतिस्मा पाने से हम उसके साथ गाड़े गए, ताकि जैसे मसीह पिता की महिमा के द्वारा मरे हुओं में से जिलाया गया, वैसे ही हम भी नए जीवन की सी चाल चलें" (रोमियों 6:4)। पवित्रता के अनुसरण का प्रयास प्रतिदिन तब ही होता है जब हम अपने पुराने चरित्र के अनुसार अपनी स्वार्थ-सिद्धी तथा आत्म-संतुष्टि के स्थान पर अपने आप को परमेश्वर का आज्ञाकारी बनाते हैं: "...परन्तु अब पाप से स्वतंत्र हो कर और परमेश्वर के दास बनकर तुम को फल मिला जिस से पवित्रता प्राप्त होती है, और उसका अन्त अनन्त जीवन है" (रोमियों 6:22)।

   क्या आप प्रतिदिन पवित्रता में बढ़ते जा रहे हैं? यदि आपने प्रभु यीशु में विश्वास से परमेश्वर के अनुग्रह और सामर्थ को अपना लिया है तो उसके द्वारा आपका भी गुंजायामान उत्तर हो सकता है, "हाँ! प्रतिदिन और अधिक।" - डेविड मैक्कैसलैण्ड


पवित्रता के खोजी होकर उसका अनुसरण करना जीवन अथवा मृत्यु का मामला है।

सब से मेल मिलाप रखने, और उस पवित्रता के खोजी हो जिस के बिना कोई प्रभु को कदापि न देखेगा। - इब्रानियों 12:14

बाइबल पाठ: रोमियों 6:12-23
Romans 6:12 इसलिये पाप तुम्हारे मरनहार शरीर में राज्य न करे, कि तुम उस की लालसाओं के आधीन रहो। 
Romans 6:13 और न अपने अंगो को अधर्म के हथियार होने के लिये पाप को सौंपो, पर अपने आप को मरे हुओं में से जी उठा हुआ जानकर परमेश्वर को सौंपो, और अपने अंगो को धर्म के हथियार होने के लिये परमेश्वर को सौंपो। 
Romans 6:14 और तुम पर पाप की प्रभुता न होगी, क्योंकि तुम व्यवस्था के आधीन नहीं वरन अनुग्रह के आधीन हो। 
Romans 6:15 तो क्या हुआ क्या हम इसलिये पाप करें, कि हम व्यवस्था के आधीन नहीं वरन अनुग्रह के आधीन हैं? कदापि नहीं। 
Romans 6:16 क्या तुम नहीं जानते, कि जिस की आज्ञा मानने के लिये तुम अपने आप को दासों की नाईं सौंप देते हो, उसी के दास हो: और जिस की मानते हो, चाहे पाप के, जिस का अन्त मृत्यु है, चाहे आज्ञा मानने के, जिस का अन्त धामिर्कता है।
Romans 6:17 परन्तु परमेश्वर का धन्यवाद हो, कि तुम जो पाप के दास थे तौभी मन से उस उपदेश के मानने वाले हो गए, जिस के सांचे में ढाले गए थे। 
Romans 6:18 और पाप से छुड़ाए जा कर धर्म के दास हो गए। 
Romans 6:19 मैं तुम्हारी शारीरिक दुर्बलता के कारण मनुष्यों की रीति पर कहता हूं, जैसे तुम ने अपने अंगो को कुकर्म के लिये अशुद्धता और कुकर्म के दास कर के सौंपा था, वैसे ही अब अपने अंगों को पवित्रता के लिये धर्म के दास कर के सौंप दो। 
Romans 6:20 जब तुम पाप के दास थे, तो धर्म की ओर से स्वतंत्र थे। 
Romans 6:21 सो जिन बातों से अब तुम लज्ज़ित होते हो, उन से उस समय तुम क्या फल पाते थे? 
Romans 6:22 क्योंकि उन का अन्त तो मृत्यु है परन्तु अब पाप से स्वतंत्र हो कर और परमेश्वर के दास बनकर तुम को फल मिला जिस से पवित्रता प्राप्त होती है, और उसका अन्त अनन्त जीवन है। 
Romans 6:23 क्योंकि पाप की मजदूरी तो मृत्यु है, परन्तु परमेश्वर का वरदान हमारे प्रभु मसीह यीशु में अनन्त जीवन है।

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 5-7
  • मरकुस 11:1-18


मंगलवार, 7 मार्च 2017

स्थिरता


   बचपन में मेरे पास मुस्कुराते हुए चेहरे और गोलाकार पेंदे वाला प्लास्टिक से बना एक गुड्डा था जिसमें हवा भरकर उसे खड़ा किया जाता था। फुला कर खड़ा करने के बाद उसकी ऊँचाई मेरे बराबर हो जाती थी। मेरे लिए चुनौती थी कि उसे मुक्कों से मारकर नीचे धरती पर लेटा दूँ। परन्तु मैं चाहे जितनी भी ज़ोर से उसे क्यों ना मारूँ, वह तुरंत उठकर खड़ा हो जाता था। इसका रहस्य? उसके गोलाकार पेंदे में लगाया गया सीसे का एक वज़नी टुकड़ा, जो उसे सदा ही खड़ा रखता था।

   पाल नौकाएं भी इसी सिद्धांत द्वारा काम करती हैं - उनके पेंदों में पानी में नीचे की ओर ’कील’ नामक वज़न लगा होता है जिससे उनका पेंदा सदा पानी में नीचे की ओर स्थिर रहता है। पाल पर लगने वाली तेज़ हवाएं यदि पाल नौका को ऊपर से इधर-उधर टेढ़ा भी करें, तो भी उनकी कील का वह वज़न उन्हें वापस सीधा कर देता है, और नौका तेज़ हवाओं में भी स्थिर बनी रहती है।

   मसीही विश्वासी के जीवन में भी ऐसा ही होता है। चुनौतियों का सामना करने की हमारी सामर्थ हमारी अपनी नहीं है, वरन हम में बसने वाले परमेश्वर से है। हम जीवन के थपेड़ों और तूफानों से अछूते तो नहीं हैं, परन्तु सुरक्षित किए गए हैं, क्योंकि हमें स्थिर करने वाला हमारा परमेश्वर हम में रहता है। इसीलिए प्रेरित पौलुस ने लिखा, "हम चारों ओर से क्‍लेश तो भोगते हैं, पर संकट में नहीं पड़ते; निरूपाय तो हैं, पर निराश नहीं होते। सताए तो जाते हैं; पर त्यागे नहीं जाते; गिराए तो जाते हैं, पर नाश नहीं होते" (2 कुरिन्थियों 4:8-9)।

   जीवन मार्ग के उन अनेकों यात्रियों के साथ हो कर चलिए जिन्होंने दुःख और क्लेश के गहरे जल में भी इस तथ्य को थामे रखा कि उन्हें स्थिर रखने वाले परमेश्वर का अनुग्रह हर परिस्थिति में उनके लिए पर्याप्त है; और पौलुस के समान इस विश्वास में बने रहे कि जब हम अपने आप में दुर्बल होते हैं, तब ही परमेश्वर के अनुग्रह द्वारा बलवान होते हैं: "और उसने मुझ से कहा, मेरा अनुग्रह तेरे लिये बहुत है; क्योंकि मेरी सामर्थ निर्बलता में सिद्ध होती है; इसलिये मैं बड़े आनन्द से अपनी निर्बलताओं पर घमण्‍ड करूंगा, कि मसीह की सामर्थ मुझ पर छाया करती रहे" (2 कुरिन्थियों 12:9)। इस विचार को थामे रखना, इसमें दृढ़ रहना हमारे जीवनों को हर परिस्थिति में स्थिरता देगा। - जो स्टोवैल


आपके अन्दर विद्यमान परमेश्वर की सामर्थ, 
आपके चारों ओर की समस्याओं के तनाव और दबाव से कहीं अधिक बढ़कर है।

हे बालको, तुम परमेश्वर के हो: और तुम ने उन पर जय पाई है; क्योंकि जो तुम में है, वह उस से जो संसार में है, बड़ा है। - 1 यूहन्ना 4:4

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 4:7-14
2 Corinthians 4:7 परन्तु हमारे पास यह धन मिट्ठी के बरतनों में रखा है, कि यह असीम सामर्थ हमारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर ही की ओर से ठहरे। 
2 Corinthians 4:8 हम चारों ओर से क्‍लेश तो भोगते हैं, पर संकट में नहीं पड़ते; निरूपाय तो हैं, पर निराश नहीं होते। 
2 Corinthians 4:9 सताए तो जाते हैं; पर त्यागे नहीं जाते; गिराए तो जाते हैं, पर नाश नहीं होते। 
2 Corinthians 4:10 हम यीशु की मृत्यु को अपनी देह में हर समय लिये फिरते हैं; कि यीशु का जीवन भी हमारी देह में प्रगट हो। 
2 Corinthians 4:11 क्योंकि हम जीते जी सर्वदा यीशु के कारण मृत्यु के हाथ में सौंपे जाते हैं कि यीशु का जीवन भी हमारे मरनहार शरीर में प्रगट हो। 
2 Corinthians 4:12 सो मृत्यु तो हम पर प्रभाव डालती है और जीवन तुम पर। 
2 Corinthians 4:13 और इसलिये कि हम में वही विश्वास की आत्मा है, (जिस के विषय मे लिखा है, कि मैं ने विश्वास किया, इसलिये मैं बोला) सो हम भी विश्वास करते हैं, इसी लिये बोलते हैं। 
2 Corinthians 4:14 क्योंकि हम जानते हैं, जिसने प्रभु यीशु को जिलाया, वही हमें भी यीशु में भागी जानकर जिलाएगा, और तुम्हारे साथ अपने साम्हने उपस्थित करेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 3-4
  • मरकुस 10:32-52