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शनिवार, 16 मई 2020

अनुसरण



     हाई-स्कूल के दिनों में लंबी दौड़ के मेरे प्रशिक्षक ने एक बार मुझे सलाह दी, “सबसे आगे रहने का प्रयास मत करो। जो सबसे आगे दौड़ते रहने का प्रयास करते हैं, वे शीघ्र ही थक कर पीछे छुट जाते हैं।” इसके स्थान पर, उनका सुझाव था कि सब से तेज़ दौड़ने वाले धावकों के निकट रहने का प्रयास करूं। उन धावकों द्वारा बनाई गई गति के अनुसार दौड़ते रहने से मैं अपने मानसिक और शारीरिक शक्ति उस समय के लिए बचाए रखूँगी, जब दौड़ को समाप्त करने के लिए मुझे सब से अधिक आवश्यकता होगी।

     आगे रहना, अगुवाई करना, थका देने वाला हो सकता है; किन्तु पीछे रह कर अनुसरण करना स्वतंत्र करता है। अपने प्रशिक्षक की इस बात का पालन करने से मैंने देखा की मेरे दौड़ने में सुधार आया; परन्तु इसी बात को अपने मसीही जीवन में लागू करने में मुझे बहुत समय लगा। मेरे अपने जीवन में मैं यह सोचा करती थी कि मसीही जीवन जीने का अर्थ है बहुत प्रयास करना। मैंने अपनी ही धारणाएं बना लीं थीं कि मसीही विश्वासी को क्या करना और क्या नहीं करना चाहिए और उन्हीं को पूरा करने के थका देने वाले प्रयासों में मैं मसीह यीशु में पाए जाने वाले आनंद और स्वतंत्रता (यूहन्ना 8:32, 36) को खो दे रही थी।

     परन्तु परमेश्वर का वचन बाइबल हमें यह नहीं सिखाती है कि हमें अपने जीवनों को स्वयं ही निर्देशित करना होगा; और न ही प्रभु यीशु  ने कोई ‘स्वयं-का-सुधार’ अभियान आरम्भ किया था। वरन उन्होंने यही प्रतिज्ञा दी थी कि उन का अनुसरण करने से हमें वह विश्राम मिलेगा जिसके हम खोजी हैं (मट्टी 11:25-28)। उस समय के अन्य अनेकों धर्म-शिक्षकों की शिक्षाओं के विपरीत कि पवित्र शास्त्र का अध्ययन और उन शिक्षकों के द्वारा प्रचलित किए गए अनेकों नियमों का पालन कठोर अनुशासन और प्रयास से करें, प्रभु यीशु ने एक बहुत सहज और सीधी से बात अपने शिष्यों को सिखाई – उन्हें जान लेने से ही परमेश्वर को जाना जा सकता है (पद 27)। जब हम सच्चे और समर्पित मन से प्रभु यीशु के खोजी होते हैं, तो हम पाते हैं कि वह हमारे बोझ उठा लेता है, और हमें विश्राम देता है, हमारे जीवन बदल देता है (पद 28-30)।

     हमारे विनम्र और दीन अगुवे का अनुसरण करना कभी बोझिल नहीं होता है (पद 29); क्योंकि वही अनंत आशा और पापों से चंगाई का मार्ग है। उस का अनुसरण करने से ही हम उसके प्रेम में विश्राम और शैतान की युक्तिओं से स्वतंत्रता पाते हैं। - मोनिका ब्रैंड्स

मसीह यीशु का अनुसरण करने में ही वास्तविक स्वतंत्रता है।

और सत्य को जानोगे, और सत्य तुम्हें स्‍वतंत्र करेगा। सो यदि पुत्र तुम्हें स्‍वतंत्र करेगा, तो सचमुच तुम स्‍वतंत्र हो जाओगे। - यूहन्ना 8:32, 36

बाइबल पाठ: मत्ती 11:25-30
मत्ती 11:25 उसी समय यीशु ने कहा, हे पिता, स्वर्ग और पृथ्वी के प्रभु; मैं तेरा धन्यवाद करता हूं, कि तू ने इन बातों को ज्ञानियों और समझदारों से छिपा रखा, और बालकों पर प्रगट किया है।
मत्ती 11:26 हां, हे पिता, क्योंकि तुझे यही अच्छा लगा।
मत्ती 11:27 मेरे पिता ने मुझे सब कुछ सौंपा है, और कोई पुत्र को नहीं जानता, केवल पिता; और कोई पिता को नहीं जानता, केवल पुत्र और वह जिस पर पुत्र उसे प्रगट करना चाहे।
मत्ती 11:28 हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा।
मत्ती 11:29 मेरा जूआ अपने ऊपर उठा लो; और मुझ से सीखो; क्योंकि मैं नम्र और मन में दीन हूं: और तुम अपने मन में विश्राम पाओगे।
मत्ती 11:30 क्योंकि मेरा जूआ सहज और मेरा बोझ हल्का है।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 राजाओं 24-25
  • यूहन्ना 5:1-24



शुक्रवार, 15 मई 2020

कार्य



     मैंने अपने कुछ मित्रों से पूछा, “आप ने हाल ही में परमेश्वर को कैसे कार्य करते हुए देखा है?” एक का उत्तर था, “मैं उसे प्रति प्रातः कार्य करते हुए देखता हूँ जब मैं उस के वचन को पढ़ता हूँ; जिस प्रकार से वह मुझे प्रति दिन का सामना करने की सामर्थ्य और मार्गदर्शन देता है, उस में मैं उसे कार्य करते हुए देखता हूँ; जब मुझे यह एहसास रहता है कि वह हर पल मेरे साथ बना रहता है, मैं उसे कार्य करते हुए देखता हूँ; जब मुझे चुनैतियों का सामना करने की सामर्थ्य मिलती है, मैं आनन्दित रहने पाता हूँ, मैं उसे कार्य करते हुए देखता हूँ।” मुझे उस का उत्तर अच्छा लगा क्योंकि इस से प्रतिबिंबित होता है कि कैसे परमेश्वर के वचन और हमारे अन्दर बनी हुई पवित्र आत्मा की सामर्थ्य के द्वारा, परमेश्वर उन के निकट रहता है, और उन से प्रेम अपना व्यक्त करता है, जो उस से प्रेम करते हैं।

     परमेश्वर का अपने लोगों में हो कर कार्य करना एक अद्भुत रहस्य है जिसका उल्लेख परमेश्वर के वचन बाइबल में इब्रानियों का लेखक अपनी पत्री को समाप्त करते हुए, अपने आशीष वचन में करता है; वह कहता है, “...जो कुछ उसको भाता है, उसे यीशु मसीह के द्वारा हम में उत्पन्न करे...” (इब्रानियों 13:21)। इस उपसंहार के साथ, लेखक अपने सन्देश की महत्वपूर्ण बात पर पुनः बल देता है – कि परमेश्वर अपने लोगों को उस का अनुसरण करने के लिए योग्य करेगा, और उन में हो कर कार्य भी करेगा, अपनी महिमा के लिए।

     परमेश्वर का हमारे लिए कार्य करने का उपहार हमें चकित कर सकता है; इस के द्वारा हो सकता है कि हम किसी ऐसे को क्षमा कर दें जिस ने हमारी हानि की है; किसी ऐसे के प्रति धैर्य दिखाएँ जिसे सहन करना हमारे लिए कठिन होता है। हमारा “शान्तिदाता परमेश्वर” (पद 20) अपने प्रेम और शान्ति को हम में, और हमारे द्वारा फैलता है।

     तो आपने हाल ही में परमेश्वर को कैसे कार्य करते हुए देखा है? – एमी बाउचर पाई

परमेश्वर अपने अनुयायियों से, और उन में हो कर कार्य करता है।

जिस में तुम भी आत्मा के द्वारा परमेश्वर का निवास स्थान होने के लिये एक साथ बनाए जाते हो। - इफिसियों 2:22

बाइबल पाठ: इब्रानियों 13:20-21
इब्रानियों 13:20 अब शान्‍तिदाता परमेश्वर जो हमारे प्रभु यीशु को जो भेड़ों का महान रखवाला है सनातन वाचा के लोहू के गुण से मरे हुओं में से जिला कर ले आया।
इब्रानियों 13:21 तुम्हें हर एक भली बात में सिद्ध करे, जिस से तुम उस की इच्छा पूरी करो, और जो कुछ उसको भाता है, उसे यीशु मसीह के द्वारा हम में उत्पन्न करे, जिस की बड़ाई युगानुयुग होती रहे। आमीन।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 राजाओं 22-23
  • यूहन्ना 4:31-54



गुरुवार, 14 मई 2020

विश्वासयोग्य



     मेरी पत्नी ने मुझे फोन पर कहा, “सुनो, लगता है हमारे घर के आंगन में बन्दर आ गया है” और उस ने फोन को बाहर की ओर किया जिस से मैं उन आवाज़ों को सुन सकूँ। सुन कर मुझे भी लगा कि सच में बन्दर है; लेकिन बहुत विचित्र भी लगा क्योंकि सब से निकट के जंगली बन्दर हमारे स्थान से 2000 मील दूर थे! बाद में मेरे ससुर ने हमारे भ्रम को तोड़ा; उन्होंने बताया कि वह उस इलाके में पाए जाने वाले एक विशेष जाति के उल्लू की आवाज़ थी। जो लग रहा था, वास्तव में वह था नहीं।

     परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि राजा सन्हेरिब की सेनाओं ने यहूदा के राजा हिजकिय्याह को यरूशलेम की चार-दीवारी में घेरा बंदी कर के फंसा लिया था। अब अश्शूरियों को लग रहा था कि निःसंदेह विजय उन ही की होना तय है। परन्तु अंततः वास्तविकता बिलकुल भिन्न निकली। यद्यपि अश्शूरी सेना के सेनापति ने परमेश्वर के नाम से बातें करने का ढोंग रचा कर इस्राएलियों को भरमाना चाहा, किन्तु परमेश्वर ने अपने लोगों को संभाले रखा। उस सेनापति ने कहा, “क्या मैं ने यहोवा के बिना कहे, इस स्थान को उजाड़ने के लिये चढ़ाई की है? यहोवा ने मुझ से कहा है, कि उस देश पर चढ़ाई कर के उसे उजाड़ दे” (2 राजाओं 18:25), और यरूशलेम को हथियार डाल कर समर्पण करने के लिए उकसाया, उन से यह भी कहा कि “...तुम मरोगे नहीं, जीवित रहोगे” (पद 32)।

     यह लगता तो है की कुछ ऐसा होगा जैसा परमेश्वर कहेगा; परन्तु यशायाह भविष्यद्वक्ता ने लोगों से परमेश्वर के वास्तविक वचन कहे: “[सन्हेरिब] इस नगर में प्रवेश करने, वरन यहाँ एक तीर भी मारने न पाएगा...मैं इस नगर की रक्षा कर के इसे बचाऊँगा”; और उसी रात “यहोवा के दूत ने” अश्शूरियों का नाश कर दिया (19:32-35)।

     समय-समय पर हमारा सामना चिकनी-चुपड़ी बातें करने वाले लोगों से होगा, जो हमें “सलाह” देंगे, हो सकता है कि परमेश्वर के नाम में दें, किन्तु वे स्वयं परमेश्वर के नहीं होते हैं, वे उसकी सामर्थ्य में विश्वास ही नहीं करते हैं। परमेश्वर ऐसे लोगों में होकर बात नहीं करता है। परमेश्वर हम से अपने वचन में होकर बोलता है, अपने पवित्र आत्मा के द्वारा हमारा मार्गदर्शन करता है। जो वास्तव में उस के अनुयायी हैं, वह उनकी देखभाल करता रहता है, और अपने लोगों को कभी नहीं छोड़ता है। - टिम गुस्ताफासन

परमेश्वर हमेशा विश्वासयोग्य है।

हे प्रियों, हर एक आत्मा की प्रतीति न करो: वरन आत्माओं को परखो, कि वे परमेश्वर की ओर से हैं कि नहीं; क्योंकि बहुत से झूठे भविष्यद्वक्ता जगत में निकल खड़े हुए हैं। - 1 यूहन्ना 4:1

बाइबल पाठ: 2 राजा 19:29-37
2 राजा 19:29 और तेरे लिये यह चिन्ह होगा, कि इस वर्ष तो तुम उसे खाओगे जो आप से आप उगे, और दूसरे वर्ष उसे जो उत्पन्न हो वह खाओगे; और तीसरे वर्ष बीज बोने और उसे लवने पाओगे, और दाख की बारियां लगाने और उनका फल खाने पाओगे।
2 राजा 19:30 और यहूदा के घराने के बचे हुए लोग फिर जड़ पकड़ेंगे, और फलेंगे भी।
2 राजा 19:31 क्योंकि यरूशलेम में से बचे हुए और सिय्योन पर्वत के भागे हुए लोग निकलेंगे। यहोवा यह काम अपनी जलन के कारण करेगा।
2 राजा 19:32 इसलिये यहोवा अश्शूर के राजा के विषय में यों कहता है कि वह इस नगर में प्रवेश करने, वरन इस पर एक तीर भी मारने न पाएगा, और न वह ढाल ले कर इसके साम्हने आने, वा इसके विरुद्ध दमदमा बनाने पाएगा।
2 राजा 19:33 जिस मार्ग से वह आया, उसी से वह लौट भी जाएगा, और इस नगर में प्रवेश न करने पाएगा, यहोवा की यही वाणी है।
2 राजा 19:34 और मैं अपने निमित्त और अपने दास दाऊद के निमित्त इस नगर की रक्षा कर के इसे बचाऊंगा।
2 राजा 19:35 उसी रात में क्या हुआ, कि यहोवा के दूत ने निकल कर अश्शूरियों की छावनी में एक लाख पचासी हजार पुरुषों को मारा, और भोर को जब लोग सबेरे उठे, तब देखा, कि लोथ ही लोथ पड़ी है।
2 राजा 19:36 तब अश्शूर का राजा सन्हेरीब चल दिया, और लौट कर नीनवे में रहने लगा।
2 राजा 19:37 वहां वह अपने देवता निस्रोक के मन्दिर में दण्डवत कर रहा था, कि अदेम्मेलेक और सरेसेर ने उसको तलवार से मारा, और अरारात देश में भाग गए। और उसी का पुत्र एसर्हद्दोन उसके स्थान पर राज्य करने लगा।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 राजाओं 19-21
  • यूहन्ना 4:1-30



बुधवार, 13 मई 2020

खज़ाना



     मेरे बचपन में, मुझे और मेरी दोनो बहनों को साथ बैठ कर बातें करना अच्छा लगता था; और इसके लिए हमारा सबसे मनपसंद स्थान था हमारी माँ की बड़ी से देवदार की लकड़ी से बनी अलमारी, जिसके ऊपर हम चढ़ कर बैठ जाते और बातें किया करते थे। माँ उस अलमारी में हमारे ऊनी कपड़े, और हमारी नानी के द्वारा हाथ से की गई कढ़ाई और क्रोशिया से बनाई गई वस्तुएं रखा करती थीं। उनके लिए उस अलमारी में रखे सामान की बहुत कीमत थी, और वे देवदार की तीखी महक पर, उस सामान को कीड़ों से बचाए रखने के लिए भरोसा करती थीं।

     अधिकाँश सांसारिक वस्तुएं कीड़ों या जंक से ख़राब हो जाती हैं। परमेश्वर के वचन बाइबल में मत्ती 6 अध्याय में प्रभु यीशु ने अपने शिष्यों से कहा कि वे उन बातों पर ध्यान न लगाएं जो नाश्मान हैं, परन्तु उन पर ध्यान करें जो अविनाशी हैं। जब सत्तावन वर्ष की आयु में मेरी माँ की मृत्यु हुई, तो उन्होंने बहुत ही कम सांसारिक वस्तुएं एकत्रित कर के रखी हुई थीं; परन्तु मुझे उस खज़ाने के बारे में सोचना अच्छा लगता है जो उन्होंने स्वर्ग में एकत्रित किया हुआ था (मत्ती 6:19-20)।

मुझे स्मरण आता है कि वे परमेश्वर से कितना प्रेम करती थीं, और शांत तरीकों से भी उस की सेवा करती रहती थीं; जैसे कि: विश्वासयोग्यता से अपने परिवार की देखभाल करना, सन्डे स्कूल में बच्चों को सिखाना, एक ऐसी महिला के साथ मित्रता करना और निभाना जिसे उस के पति ने छोड़ दिया था, एक ऐसी युवा माँ को तसल्ली देना जिसका बच्चा जाता रहा था, और प्रार्थना में लगे रहना। जब उन्हें दिखाई देना बंद हो गया और वे चलने फिरने से भी मजबूर होकर पहिए वाली कुर्सी के आश्रय पर ही आ गईं, तब भी वे औरों के लिए प्रार्थनाएँ करते रहती थीं, उनके प्रति अपने प्रेम को व्यक्त करती रहती थीं।

     हमारा वास्तविक खज़ाना वह नहीं है जो हम इस धरती पर अपने लिए एकत्रित कर लेते हैं; वरन वो बातें हैं जिन में हम अपने समय और योग्यताओं का निवेश करते हैं। आज, प्रभु यीशु मसीह के अनुयायी होने के नाते, उस के नाम में सेवकाई करने वाले होने के द्वारा, हम स्वर्ग में अपने लिए क्या खज़ाने एकत्रित कर रहे हैं? – सिंडी हैस कैस्पर

हमारा वास्तविक खज़ाना अनंतकाल के लिए हमारे द्वारा एकत्रित किया गया स्वर्गीय धन है।

कोप के दिन धन से तो कुछ लाभ नहीं होता, परन्तु धर्म मृत्यु से भी बचाता है। - नीतिवचन 11:4

बाइबल पाठ: मत्ती 6:19-21
मत्ती 6:19 अपने लिये पृथ्वी पर धन इकट्ठा न करो; जहां कीड़ा और काई बिगाड़ते हैं, और जहां चोर सेंध लगाते और चुराते हैं।
मत्ती 6:20 परन्तु अपने लिये स्वर्ग में धन इकट्ठा करो, जहां न तो कीड़ा, और न काई बिगाड़ते हैं, और जहां चोर न सेंध लगाते और न चुराते हैं।
मत्ती 6:21 क्योंकि जहां तेरा धन है वहां तेरा मन भी लगा रहेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 राजाओं 17-18
  • यूहन्ना 3:19-36



मंगलवार, 12 मई 2020

समय



     हाल ही में सीरिया से आई एक महिला, रीमा, अपनी सीमित अंग्रेज़ी और हाथ के संकेतों के द्वारा अपने शिक्षक को समझाने का प्रयास कर रही थी की वह क्यों दुखी थी। उस की आँखों से आँसू बह रहे थे, और उसने अपने हाथ में उस के द्वारा बनाए गए भोजन से भरी एक तश्तरी उठा रखी थी, जिस पर रखा भोजन बहुत आकर्षक लग रहा था। उसने रोते हुए कहा, “एक आदमी”, और फिर मुंह से दरवाज़ा खुलने की आवाज़ निकालते हुए हाथ के संकेत से तेज़ी से अन्दर आने और फिर तुरंत ही वापस बाहर निकल जाने को दिखाया। उस के शिक्षक ने समझ लिया कि वह क्या कहना चाह रही थी और क्यों दुखी थी। उन के निकट के चर्च से कई लोगों के उन के घर आकर, उस के परिवार से मिलना था; और साथ ही वे लोग अपने समुदाय में उन के स्वागत के लिए कुछ उपहार भी देने वाले थे। परन्तु अंततः केवल एक ही आदमी आया, वह भी तेज़ी से अन्दर आया, उस ने अपने उपहार को वहां रखा, और तुरंत ही मुड़कर वापस बाहर चला गया। उस ने केवल एक औपचारिकता का निर्वाह किया, जब कि रीमा और उस का परिवार, जो अपने आप को अकेला अनुभव कर रहे थे, और स्थानीय लोगों के साथ सहभागिता चाहते थे, आशा कर रहे थे कि वे चर्च के लोगों के साथ नए मित्र बनाएंगे, उन के साथ भोजन करेंगे।

     परमेश्वर के वचन बाइबल में हम प्रभु यीशु के लिए देखते हैं कि वे लोगों के साथ समय बिताया करते थे। वे भोजन के लिए निमंत्रणों को स्वीकार करते थे और लोगों के साथ बैठ कर भोजन किया करते थे, लोगों की भीड़ को सिखाया करते थे, और लोगों के साथ व्यक्तिगत रीति से भी समय बिताया करते थे। प्रभु ने अपने आप को एक आदमी के घर में आमंत्रित भी कर लिया; नाटे कद का ज़क्कई जब उन्हें देखने के लिए एक पेड़ पर चढ़ गया, तो प्रभु ने उसी पेड़ के नीचे रुक कर ऊपर उस की ओर देखा और उस से कहा कि वह तुरंत नीचे उतर आए क्योंकि प्रभु उस के घर में जा कर उस के साथ भोजन करना चाहता था (लूका 19:1-9)। और प्रभु के द्वारा उसे इस प्रकार समय देने से ज़क्कई का जीवन सदा के लिए बदला गया।

     हमारे अन्य दायित्वों के कारण हो सकता है कि हमें सदा ही समय उपलब्ध न हो सके; परन्तु जब भी हो, तो यह हमारे लिए एक अद्भुत आदर और विशेषाधिकार की बात है कि हम औरों के साथ बैठें, उन्हें प्रोत्साहित करें और उन के द्वारा प्रोत्साहित हों, और समय देने के द्वारा प्रभु को लोगों के जीवन बदलते हुए देखें। - ऐनी सेटास

औरों को जो सबसे उत्तम उपहार आप दे सकते हैं, हो सकता है कि वह आपका समय हो।

अवसर को बहुमूल्य समझ कर बाहर वालों के साथ बुद्धिमानी से बर्ताव करो। तुम्हारा वचन सदा अनुग्रह सहित और सलोना हो, कि तुम्हें हर मनुष्य को उचित रीति से उत्तर देना आ जाए। - कुलुस्सियों 4:5-6

बाइबल पाठ: लूका 19:1-10
लूका 19:1 वह यरीहो में प्रवेश कर के जा रहा था।
लूका 19:2 और देखो, ज़क्कई नाम एक मनुष्य था जो चुंगी लेने वालों का सरदार और धनी था।
लूका 19:3 वह यीशु को देखना चाहता था कि वह कौन सा है परन्तु भीड़ के कारण देख न सकता था। क्योंकि वह नाटा था।
लूका 19:4 तब उस को देखने के लिये वह आगे दौड़ कर एक गूलर के पेड़ पर चढ़ गया, क्योंकि वह उसी मार्ग से जाने वाला था।
लूका 19:5 जब यीशु उस जगह पहुंचा, तो ऊपर दृष्टि कर के उस से कहा; हे ज़क्कई झट उतर आ; क्योंकि आज मुझे तेरे घर में रहना अवश्य है।
लूका 19:6 वह तुरन्त उतर कर आनन्द से उसे अपने घर को ले गया।
लूका 19:7 यह देख कर सब लोगे कुड़कुड़ा कर कहने लगे, वह तो एक पापी मनुष्य के यहां जा उतरा है।
लूका 19:8 ज़क्कई ने खड़े हो कर प्रभु से कहा; हे प्रभु, देख मैं अपनी आधी सम्पत्ति कंगालों को देता हूं, और यदि किसी का कुछ भी अन्याय कर के ले लिया है तो उसे चौगुना फेर देता हूं।
लूका 19:9 तब यीशु ने उस से कहा; आज इस घर में उद्धार आया है, इसलिये कि यह भी इब्राहीम का एक पुत्र है।
लूका 19:10 क्योंकि मनुष्य का पुत्र खोए हुओं को ढूंढ़ने और उन का उद्धार करने आया है।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 राजाओं 15-16
  • यूहन्ना 3:1-18



सोमवार, 11 मई 2020

शान्ति



     मेरे शरीर में लम्बे समय से उठते रहने वाले दर्दों के साथ संघर्ष करते हुए मैं उन्हें सहन कर पाने के लिए परमेश्वर पर भरोसा बनाए रखती हूं। उन पीड़ाओं के कारण आने वाली छोटी सी परेशानी भी शत्रु का बड़ा हमला प्रतीत हो सकती है। एक समस्या मुझ पर दाहिनी ओर से हमला करती है, तो दूसरी मुझे पीछे से धक्का देती है, और तीसरी समस्या सीधे मेरी नाक पर मुक्का मारती है। ऐसे समयों में जब मेरे अपने शरीर में बल नहीं रहता है और तुरंत आराम देने वाला कोई भी समाधान मुझे नहीं मिल पाता है, तो मन करता है कि इन सब से बच कर कहीं भाग जाऊँ और छिप जाऊँ। परन्तु क्योंकि मैं अपने दर्द से कहीं भाग नहीं सकती हूँ, न अपनी परिस्थितियों को बदल सकती हूँ, और न अपनी भावनाओं को अनदेखा कर सकती हूँ, मैं धीरे-धीरे अपनी समस्याओं से हो कर निकल पाने के लिए परमेश्वर पर ही भरोसा रखना सीखती जा रही हूँ।

     जब भी मुझे प्रोत्साहन, आराम, और साहस की आवश्यकता होती है, मैं परमेश्वर के वचन बाइबल में से भजनकारों द्वारा लिखे भजनों को पढ़ती हूँ, उन पर मनन करती हूँ; उन भजनों के लिखने वालों ने भी अपनी परिस्थितियों, परेशानियों, और उन से संबंधित अपनी भावनाओं को बड़ी ईमानदारी के साथ परमेश्वर के सामने खुलकर बयान किया है। मेरे प्रिय भजनों में से एक है दाऊद का भजन जो उसने तब लिखा था जब वह अपने पुत्र अबशालोम से बच कर भाग रहा था, जो उसे मार कर उस के राज्य को हथियाना चाहता था। यद्यपि दाऊद अपनी दुखदायी परिस्थिति से व्यथित था (भजन 3:1-2), किन्तु फिर भी उसका भरोसा परमेश्वर की सुरक्षा पर था और उसे आशा थी कि वह उस की प्रार्थनाओं का उत्तर देगा (पद 3-4)। राजा दाऊद इस बात को लेकर परेशान या भयभीत नहीं हुआ कि आगे उस का क्या होगा, क्योंकि उसका विश्वास था कि परमेश्वर उस की रक्षा करेगा और उसे बचाए रखेगा (पद 5-8)।

     शारीरिक और भावनात्मक पीड़ा अत्यंत क्रूर शत्रुओं के समान प्रतीत हो सकती है, और हमें हार मान कर बैठ जाने के लिए उकसा सकती है। या जब हम थक जाते हैं, और हमें अपने संघर्ष का कोई अंत दिखाई नहीं देता है, हम में यह भावना जागृत कर सकती है कि हम कहीं भाग कर चले जाएं। परन्तु ऐसे में भी हमें दाऊद के समान ही परमेश्वर पर भरोसा बनाए रखना चाहिए, कि वह हमें थामे रहेगा, और हमारे साथ उस की लगातार बनी रहने वाली उपस्थिति में, अपने प्रेम में, हमें आराम देगा, हमें शान्ति प्रदान करेगा। - होकिटिल डिक्सन

हमारी हर परेशानी और परीक्षा में परमेश्वर हमें थामे रहता है 
और अपनी शान्ति प्रदान करता है।

और उसने मुझ से कहा, मेरा अनुग्रह तेरे लिये बहुत है; क्योंकि मेरी सामर्थ निर्बलता में सिद्ध होती है; इसलिये मैं बड़े आनन्द से अपनी निर्बलताओं पर घमण्‍ड करूंगा, कि मसीह की सामर्थ मुझ पर छाया करती रहे। इस कारण मैं मसीह के लिये निर्बलताओं, और निन्‍दाओं में, और दरिद्रता में, और उपद्रवों में, और संकटों में, प्रसन्न हूं; क्योंकि जब मैं निर्बल होता हूं, तभी बलवन्‍त होता हूं। - 2 कुरिन्थियों 12:9-10

बाइबल पाठ: भजन संहिता 3
भजन संहिता 3:1 हे यहोवा मेरे सताने वाले कितने बढ़ गए हैं! वह जो मेरे विरुद्ध उठते हैं बहुत हैं।
भजन संहिता 3:2 बहुत से मेरे प्राण के विषय में कहते हैं, कि उसका बचाव परमेश्वर की ओर से नहीं हो सकता।
भजन संहिता 3:3 परन्तु हे यहोवा, तू तो मेरे चारों ओर मेरी ढ़ाल है, तू मेरी महिमा और मेरे मस्तिष्क का ऊंचा करने वाला है।
भजन संहिता 3:4 मैं ऊंचे शब्द से यहोवा को पुकारता हूं, और वह अपने पवित्र पर्वत पर से मुझे उत्तर देता है।
भजन संहिता 3:5 मैं लेटकर सो गया; फिर जाग उठा, क्योंकि यहोवा मुझे सम्हालता है।
भजन संहिता 3:6 मैं उन दस हजार मनुष्यों से नहीं डरता, जो मेरे विरुद्ध चारों ओर पांति बान्धे खड़े हैं।
भजन संहिता 3:7 उठ, हे यहोवा! हे मेरे परमेश्वर मुझे बचा ले! क्योंकि तू ने मेरे सब शत्रुओं के जबड़ों पर मारा है और तू ने दुष्टों के दांत तोड़ डाले हैं।
भजन संहिता 3:8 उद्धार यहोवा ही की ओर से होता है; हे यहोवा तेरी आशीष तेरी प्रजा पर हो।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 राजाओं 13-14
  • यूहन्ना 2



रविवार, 10 मई 2020

दृष्टि



     एमी कार्माईकल (1867-1951) भारत में अनाथ लड़कियों को देवदासी बनाए जाने से बचाने और उन्हें नया जीवन देने के लिए सुविख्यात हैं। इस कठिन और थका देने वाले कार्य के मध्य में उनके पास कुछ समय ऐसे होते थे जिन्हें उन्होंने अपनी पुस्तक, ‘गोल्ड बाय मून्लाईट’ में “दर्शन के पल” कहा है। उन्होंने लिखा, “किसी व्यस्त दिन के मध्य में, हमें दूर स्थित एक देश की एक झलक दी जाती है और हम उस झलक भर को देख कर मार्ग में ही स्तब्ध खड़े रह जाते हैं।”

     परमेश्वर के वचन बाइबल में यशायाह भविष्यद्वक्ता ने एक ऐसे समय के विषय लिखा जब परमेश्वर के बलवाई लोग वापस उस की ओर मुड़ेंगे, “तू अपनी आंखों से राजा को उसकी शोभा सहित देखेगा; और लम्बे चौड़े देश पर दृष्टि करेगा” (यशायाह 33:17)। इस दूर स्थित देश को देखना, अपनी वर्तमान परिस्थितियों से ऊपर उठ कर अनन्त का दृष्टिकोण प्राप्त करना है। हमारी कठिनाईयों के समयों में परमेश्वर हमें हमारे जीवनों को उस के दृष्टिकोण से देखने और आशा रखने के लिए सक्षम करता है, “क्योंकि यहोवा हमारा न्यायी, यहोवा हमारा हाकिम, यहोवा हमारा राजा है; वही हमारा उद्धार करेगा” (पद 22)।

     हर दिन, हम चुन सकते हैं कि निराश हो कर नीचे देखेंगे, या अपनी आँखें उस दूर स्थित देश की ओर, उस प्रभु परमेश्वर की ओर जो हमारा “महाप्रतापी यहोवा” (पद 21) है लगाएंगे।

     एमी कार्माईकल ने भारत में पचासे से भी अधिक वर्ष व्यतीत किए, उन युवतियों और जवान स्त्रियों की सहायता करने के लिए जिन्हें इसकी बहुत आवश्यकता थी। वह यह कैसे कर सकीं? उनका मन्त्र था, प्रति दिन अपनी दृष्टि प्रभु यीशु पर लगाए रखें और अपना जीवन उनकी देखभाल के सुपुर्द कर दें। यही हम भी कर सकते हैं – सदा, हर बात के लिए ,अपनी दृष्टि प्रभु यीशु पर लगाए रखो। - डेविड सी. मैक्कैसलैंड

अपनी दृष्टि और ध्यान प्रभु यीशु पर केन्द्रित रखो।

उठ, प्रकाशमान हो; क्योंकि तेरा प्रकाश आ गया है, और यहोवा का तेज तेरे ऊपर उदय हुआ है। देख, पृथ्वी पर तो अन्धियारा और राज्य राज्य के लोगों पर घोर अन्धकार छाया हुआ है; परन्तु तेरे ऊपर यहोवा उदय होगा, और उसका तेज तुझ पर प्रगट होगा। - यशायाह 60:1-2

बाइबल पाठ: यशायाह 33:17-22
यशायाह 33:17 तू अपनी आंखों से राजा को उसकी शोभा सहित देखेगा; और लम्बे चौड़े देश पर दृष्टि करेगा।
यशायाह 33:18 तू भय के दिनों को स्मरण करेगा: लेखा लेने वाला और कर तौल कर लेने वाला कहां रहा? गुम्मटों का गिनने वाला कहां रहा?
यशायाह 33:19 जिनकी कठिन भाषा तू नहीं समझता, और जिनकी लड़खड़ाती जीभ की बात तू नहीं बूझ सकता उन निर्दय लोगों को तू फिर न देखेगा।
यशायाह 33:20 हमारे पर्व के नगर सिय्योन पर दृष्टि कर! तू अपनी आंखों से यरूशेलम को देखेगा, वह विश्राम का स्थान, और ऐसा तम्बू है जो कभी गिराया नहीं जाएगा, जिसका कोई खूंटा कभी उखाड़ा न जाएगा, और न कोई रस्सी कभी टूटेगी।
यशायाह 33:21 वहां महाप्रतापी यहोवा हमारे लिये रहेगा, वह बहुत बड़ी बड़ी नदियों और नहरों का स्थान होगा, जिस में डाँडवाली नाव न चलेगी और न शोभायमान जहाज उस में हो कर जाएगा।
यशायाह 33:22 क्योंकि यहोवा हमारा न्यायी, यहोवा हमारा हाकिम, यहोवा हमारा राजा है; वही हमारा उद्धार करेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 राजाओं 10-12
  • यूहन्ना 1:29-51