ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

मंगलवार, 19 जुलाई 2011

परमेश्वर के अन्तिम वचन

बाइबल में मलाकी भविष्यद्वक्ता की पुस्तक पुराने नियम की अन्तिम पुस्तक है और पुराने नियम के अन्तर्गत इसमें लिखित वचन परमेश्वर के इस्त्राएल को दिए अन्तिम वचन हैं। इसके बाद परमेश्वर ४०० साल तब तक खामोश रहा जब तक प्रभु यीशु के आगमन के समय प्रभु के मार्ग बनाने वाले कि लिए न कहा गया: "जंगल में एक पुकारने वाले का शब्‍द हो रहा है, कि प्रभु का मार्ग तैयार करो, उस की सड़कें सीधी करो" (मत्ती ३:३)। मलाकी की पुस्तक में केवल चार अध्याय ही हैं और चौथे अध्याय में केवल ६ पद हैं। इन अन्तिम पदों को पढ़ने से ऐसा प्रतीत होता है कि छठा पद जैसे क्रोध में कहा गया हो, लेकिन वास्तव में यह परमेश्वर के हृदय से निकली प्रेम की चेतावनी है जिसमें वह ’ऐसा न हो’ कह कर अनाज्ञाकारिता के एक स्वाभाविक गंभीर प्रतिफल को टालने का प्रयास कर रहा है।

महान बाइबल शिक्षक और ज्ञाता जी. कैम्पबेल मॉर्गन ने इन पदों की व्याख्या में बताया कि मलाकी के समय से ले कर मसीह यीशु के आगमन तक जब यहूदी धर्मोपदेशक इस खंड को सभा में पढ़ते थे तो वे चौथे पद के बाद छठा पद पढ़ते और फिर पलटकर पाँचवे पद पर आते जिसमें लिखा है, "देखो, यहोवा के उस बड़े और भयानक दिन के आने से पहिले, मैं तुम्हारे पास एलिय्याह नबी को भेजूंगा" (मलाकी ४:५)। अर्थात वे पुराने नियम की अन्तिम पुस्तक के अन्तिम वचन भविष्य की आशा को रखते थे जो इस बात का सूचक था कि छटे पद को वे परमेश्वर द्वारा क्रोध में कहे गए नहीं मानते थे वरन उसके प्रेम की पुकार के रूप में लेते थे; उन्हें परमेश्वर से भविष्य की आशा थी।

नए नियम में भी परमेश्वर के अन्तिम वचन विश्वासियों को भविष्य की आशा बंधाने वाले ही हैं: "जो इन बातों की गवाही देता है, वह यह कहता है, हां शीघ्र आने वाला हूं। आमीन। हे प्रभु यीशु आ। प्रभु यीशु का अनुग्रह पवित्र लोगों के साथ रहे। आमीन" (प्रकाशितवाक्य २२:२०, २१)।

परमेश्वर की प्रजा इस्त्राएल और परमेश्वर के विश्वासियों की मण्डली, दोनो ही से कहे गए परमेश्वर के अन्तिम वचन भविष्य की आशा और शांति के हैं। परमेश्वर के हमारे प्रति प्रेम के कारण उसकी दी गई चेतावानियाँ और हमारे प्रति उसका सहनशील, विलंब से कोप करने वाला स्वभाव तथा उसकी क्षमाशीलता के अनुग्रह, यह सब हमें प्रेरित करते हैं कि उस भविष्य की महिमामयी आशा पर अपनी नज़रें टिकाए हुए हम उसकी निकटता एवं आज्ञाकारिता में अपने जीवनों को बिताएं। - डेनिस डी हॉन


मसीही विश्वासी का भविष्य परमेश्वर के वायदों के समान दृढ़ और रौशन है।

...ऐसा न हो कि मैं आकर पृथ्वी को सत्यानाश करूं। - मलाकी ४:६


बाइबल पाठ: मलाकी ४:१-६

Mal 4:1 क्योंकि देखो, वह धधकते भट्ठे का सा दिन आता है, जब सब अभिमानी और सब दुराचारी लोग अनाज की खूंटी बन जाएंगे और उस आने वाले दिन में वे ऐसे भस्म हो जाएंगे कि उनका पता तक न रहेगा, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।
Mal 4:2 परन्तु तुम्हारे लिये जो मेरे नाम का भय मानते हो, धर्म का सूर्य उदय होगा, और उसकी किरणों के द्वारा तुम चंगे हो जाओगे और तुम निकल कर पाले हुए बछड़ों की नाई कूदोगे और फांदोगे।
Mal 4:3 तब तुम दुष्टों को लताड़ डालोगे, अर्थात मेरे उस ठहराए हुए दिन में वे तुम्हारे पांवों के नीचे की राख बन जाएंगे, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।
Mal 4:4 मेरे दास मूसा की व्यवस्था अर्थात जो जो विधि और नियम मैं ने सारे इस्रएलियों के लिये उसको होरेब में दिए थे, उनको स्मरण रखो।
Mal 4:5 देखो, यहोवा के उस बड़े और भयानक दिन के आने से पहिले, मैं तुम्हारे पास एलिय्याह नबी को भेजूंगा।
Mal 4:6 और वह माता पिता के मन को उनके पुत्रों की ओर, और पुत्रों के मन को उनके माता-पिता की ओर फेरेगा; ऐसा न हो कि मैं आकर पृथ्वी को सत्यानाश करूं।

एक साल में बाइबल:
  • भजन २३-२५
  • प्रेरितों २१:१८-४०

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें