परंपरागत सांसारिक ज्ञान प्रश्न करता है कि थोड़े से कैसे कुछ किया जा सकता है? यह आम धारणा है कि कुछ करने के लिए संसाधनों का बहुतायत में होना आवश्यक है, जैसे वित्तीय संसाधन, योग्यतापूर्ण मानव संसाधन, अच्छे और कारगर विचार आदि का अच्छी मात्रा में उपलब्ध होना। लेकिन परमेश्वर इन मानवीय विचारों की सीमाओं से बंधा हुआ नहीं है और उसे हमारे संसाधन नहीं केवल हमारा समर्पण चाहिए। परमेश्वर के वचन बाइबल से कुछ उदाहरणों को लीजिए:
न्यायियों की पुस्तक में उल्लेख है एक अनजान से व्यक्ति का जिसने अकेले ही इस्त्राएलियों को आताताई पलिश्तियों से छुड़ाया, इसके लिए उसने मात्र एक पशु हांकने वाले पैने का प्रयोग किया और 600 पलिश्तियों को मार डाला (न्यायियों 3:31)। जब परमेश्वर की सामर्थ साथ हो तो बड़ी उपलब्धि के लिए एक छोटी सी छड़ी भी अनेक हथियारों से बढ़कर होती है तथा संख्या का कोई महत्व नहीं होता।
इसी प्रकार निर्गमन कि पुस्तक में मूसा के विषय में हम पाते हैं कि जब परमेश्वर ने उसे इस्त्राएलियों को मिस्त्र के दासत्व से छुड़ाने के लिए भेजना चाहा तो मूसा ने बहुत आनाकानी करी। तब परमेश्वर ने मूसा से पूछा, यह तेरे हाथ में क्या है? मूसा ने, जो इस वार्तालाप के समय तक भेड़ों का चरवाहा बन चुका था, उत्तर दिया लाठी है। और फिर परमेश्वर ने मूसा के हाथ की लाठी को आश्चर्यकर्म करने की लाठी बना दिया जिसके चमत्कारों से फिर मूसा भी मान गया, इस्त्राएलियों ने भी उसे अपना छुड़ाने वाला स्वीकार कर लिया। मूसा ने उसी लाठी के द्वारा मिस्त्र पर बड़े बड़े आश्चर्यकर्म किए, इस्त्राएलियों को दासत्व से छुड़ाया, लाल समुद्र को दो भाग किया, और कनान देश की यात्रा में इस्त्राएलियों के लिए अनेक कार्य संपन्न किए।
शामगार के हाथों का पैना, और मूसा के हाथ की लाठी, जब परमेश्वर के लिए समर्पित हो गईं तो परमेश्वर के उद्देश्य पूरे करने के लिए सामर्थी हथियार बन गईं। यह दिखाता है कि परमेश्वर के लिए कुछ तुच्छ या गौण नहीं है; जो उसे समर्पित है वह अद्भुत करने के लिए सामर्थी है। परमेश्वर विलक्षण प्रतिभा वाले लोगों को नहीं खोज रहा है, उसे आवश्यकता है उन साधारण लोगों की जो उसपर विश्वास कर के उसकी आज्ञाकारिता में चलने और उसकी इच्छा की पूर्ति के लिए कार्य करने को तैयार हों; उनका मार्गदर्शन, उनके कार्य के लिए संसाधन और आवश्यक क्षमता उन्हें वह प्रदान करेगा।
क्या आप परमेश्वर के हाथ में समर्पित और सामर्थी जीवन बिताना चाहेंगे? - एल्बर्ट ली
यदि उसमें परमेश्वर है तो थोड़ा भी बहुत होता है।
उसके बाद अनात का पुत्र शमगर हुआ, उसने छ: सौ पलिश्ती पुरूषों को बैल के पैने से मार डाला; इस कारण वह भी इस्राएल का छुड़ाने वाला हुआ। - न्यायियों 3:31
बाइबल पाठ: निर्गमन 4:1-9,17
Exodus 4:1 तब मूसा ने उतर दिया, कि वे मेरी प्रतीति न करेंगे और न मेरी सुनेंगे, वरन कहेंगे, कि यहोवा ने तुझ को दर्शन नहीं दिया।
Exodus 4:2 यहोवा ने उस से कहा, तेरे हाथ में वह क्या है? वह बोला, लाठी।
Exodus 4:3 उसने कहा, उसे भूमि पर डाल दे; जब उसने उसे भूमि पर डाला तब वह सर्प बन गई, और मूसा उसके साम्हने से भागा।
Exodus 4:4 तब यहोवा ने मूसा से कहा, हाथ बढ़ाकर उसकी पूंछ पकड़ ले कि वे लोग प्रतीति करें कि तुम्हारे पितरों के परमेश्वर अर्थात इब्राहीम के परमेश्वर, इसहाक के परमेश्वर, और याकूब के परमेश्वर, यहोवा ने तुझ को दर्शन दिया है।
Exodus 4:5 तब उसने हाथ बढ़ाकर उसको पकड़ा तब वह उसके हाथ में फिर लाठी बन गई।
Exodus 4:6 फिर यहोवा ने उस से यह भी कहा, कि अपना हाथ छाती पर रखकर ढांप। सो उसने अपना हाथ छाती पर रखकर ढांप लिया; फिर जब उसे निकाला तब क्या देखा, कि उसका हाथ कोढ़ के कारण हिम के समान श्वेत हो गया है।
Exodus 4:7 तब उसने कहा, अपना हाथ छाती पर फिर रखकर ढांप। और उसने अपना हाथ छाती पर रखकर ढांप लिया; और जब उसने उसको छाती पर से निकाला तब क्या देखता है, कि वह फिर सारी देह के समान हो गया।
Exodus 4:8 तब यहोवा ने कहा, यदि वे तेरी बात की प्रतीति न करें, और पहिले चिन्ह को न मानें, तो दूसरे चिन्ह की प्रतीति करेंगे।
Exodus 4:9 और यदि वे इन दोनों चिन्हों की प्रतीति न करें और तेरी बात को न मानें, तब तू नील नदी से कुछ जल ले कर सूखी भूमि पर डालना; और जो जल तू नदी से निकालेगा वह सूखी भूमि पर लोहू बन जायेगा।
Exodus 4:17 और तू इस लाठी को हाथ में लिये जा, और इसी से इन चिन्हों को दिखाना।
एक साल में बाइबल:
- यशायाह 3-4
- गलतियों 6
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