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शुक्रवार, 17 जनवरी 2014

नेक सलाहकार


   हम में से कई लोग बहुत व्यस्त जीवन व्यतीत करते हैं, इसलिए परमेश्वर के वचन बाइबल के निर्गमन 18 अध्याय में दिए मूसा की व्यस्तता के वर्णन को समझ सकते हैं, उसके साथ सहानुभूति रख सकते हैं। उन लाखों इस्त्राएलियों के मध्य, जिन्हें वह मिस्त्र के दासत्व से निकालकर कनान देश को लिए जा रहा था, मूसा ही एक मात्र न्यायी था। इस लिए प्रातः से सन्धया तक मूसा ज़रूरतमन्द लोगों की भीड़ से घिरा रहता था (निर्गमन 18:3)।

   मेरे पास आकर कई लोगों ने, विशेषकर जवान माता-पिता ने कहा है कि वे मूसा की परिस्थिति समझते हैं और उससे सहानुभूति रखते हैं। मुझे लगता है कि ऐसी व्यस्त परिस्थितियों में जीवन निर्वाह के लिए हमें मूसा के समान दो गुणों को विकसित कर लेना चाहिए; पहला तो सुनने में प्रवीण होना (पद 24) तथा दूसरा अन्य लोगों की सहायता स्वीकार करना (पद 25)। कई बार तो हमारा अहम हमें दूसरों से सहायता लेना स्वीकार करने से रोकता है, लेकिन यह सदा ही होने वाली बात नहीं है।

   जैसा मूसा के साथ हुआ, वैसे ही हमारे साथ भी होता है कि जीवन इतनी तेज़ी से चल रहा होता है और हमारे समय पर इतनी माँगें बनी रहती हैं (पद 13-15) कि हमारे पास उन माँगों को ही उचित प्रतिक्रीया देने का ही समय नहीं होता, किसी के पास परामर्श या सहायता की माँग लेकर जाना तो बहुत दूर की बात है। संभवतः इसीलिए परमेश्वर का वचन बाइबल हमें सलाह देती है कि हमारे साथ और हमारे संपर्क में अच्छे सलाहकार रहने चाहिएं जो अपने अनुभव और भली समझ-बूझ के आधार पर हमें आवश्यकतानुसार स्वयं ही सही सलाह दे सकें, चाहे हमारे पास सलाह माँगने का अवसर हो या ना हो। हम यही बात मूसा के जीवन की इस घटना में भी देखते हैं जहाँ उसके ससुर येत्रो ने मूसा की हालत देखकर उसे समझाया कि वह अपनी कुछ ज़िम्मेदारियाँ अन्य योग्य लोगों में बाँट दे जो साधारण और हलके मामले सुलझा सकें और मूसा को केवल कठिन मामलों के लिए ही समय देना पड़े (पद 17-23)।

   कार्य करने की ज़िम्मेदारी परमेश्वर ने सब को दी है, लेकिन वह हमें कुछ ही कार्यों द्वारा अभिभूत होकर अन्य ज़िम्मेदारियों से मूँह मोड़ते हुए नहीं देखना चाहता। इसलिए परमेश्वर का भय मानने वाले भले सलाहकारों के साथ संगति रखें, आवश्यकतानुसार उनसे परामर्श लें और फिर उस परामर्श का पालन भी करें। - रैण्डी किलगोर


जो सलाह नहीं लेता वह सहायता से भी वंचित रहता है।

जहां बुद्धि की युक्ति नहीं, वहां प्रजा विपत्ति में पड़ती है; परन्तु सम्मति देने वालों की बहुतायत के कारण बचाव होता है। - नीतिवचन 11:14

बाइबल पाठ: निर्गमन 18:13-24
Exodus 18:13 दूसरे दिन मूसा लोगों का न्याय करने को बैठा, और भोर से सांझ तक लोग मूसा के आसपास खड़े रहे। 
Exodus 18:14 यह देखकर कि मूसा लोगों के लिये क्या क्या करता है, उसके ससुर ने कहा, यह क्या काम है जो तू लोगों के लिये करता है? क्या कारण है कि तू अकेला बैठा रहता है, और लोग भोर से सांझ तक तेरे आसपास खड़े रहते हैं? 
Exodus 18:15 मूसा ने अपने ससुर से कहा, इसका कारण यह है कि लोग मेरे पास परमेश्वर से पूछने आते है। 
Exodus 18:16 जब जब उनका कोई मुकद्दमा होता है तब तब वे मेरे पास आते हैं और मैं उनके बीच न्याय करता, और परमेश्वर की विधि और व्यवस्था उन्हें जताता हूं। 
Exodus 18:17 मूसा के ससुर ने उस से कहा, जो काम तू करता है वह अच्छा नहीं। 
Exodus 18:18 और इस से तू क्या, वरन ये लोग भी जो तेरे संग हैं निश्चय हार जाएंगे, क्योंकि यह काम तेरे लिये बहुत भारी है; तू इसे अकेला नहीं कर सकता। 
Exodus 18:19 इसलिये अब मेरी सुन ले, मैं तुझ को सम्मति देता हूं, और परमेश्वर तेरे संग रहे। तू तो इन लोगों के लिये परमेश्वर के सम्मुख जाया कर, और इनके मुकद्दमों को परमेश्वर के पास तू पहुंचा दिया कर। 
Exodus 18:20 इन्हें विधि और व्यवस्था प्रगट कर कर के, जिस मार्ग पर इन्हें चलना, और जो जो काम इन्हें करना हो, वह इन को जता दिया कर। 
Exodus 18:21 फिर तू इन सब लोगों में से ऐसे पुरूषों को छांट ले, जो गुणी, और परमेश्वर का भय मानने वाले, सच्चे, और अन्याय के लाभ से घृणा करने वाले हों; और उन को हज़ार-हज़ार, सौ-सौ, पचास-पचास, और दस-दस मनुष्यों पर प्रधान नियुक्त कर दे। 
Exodus 18:22 और वे सब समय इन लोगों का न्याय किया करें; और सब बड़े बड़े मुकद्दमों को तो तेरे पास ले आया करें, और छोटे छोटे मुकद्दमों का न्याय आप ही किया करें; तब तेरा बोझ हलका होगा, क्योंकि इस बोझ को वे भी तेरे साथ उठाएंगे। 
Exodus 18:23 यदि तू यह उपाय करे, और परमेश्वर तुझ को ऐसी आज्ञा दे, तो तू ठहर सकेगा, और ये सब लोग अपने स्थान को कुशल से पहुंच सकेंगें। 
Exodus 18:24 अपने ससुर की यह बात मान कर मूसा ने उसके सब वचनों के अनुसार किया।

एक साल में बाइबल: 

  • निर्गमन 5-7


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