जब मैं युवा थी तो मुझे लगता था कि अपने माता-पिता के साथ उनके घर में रहने की मुझे एक बड़ी कीमत देनी पड़ रही है। आज, जब मैं उन बातों के बारे में सोचती हूँ तो अपने पर हँसी आती है कि उस समय मेरा शिकायत करना कितना बचकाना था। ऐसा नहीं है कि मेरे माता-पिता ने मुझ से अपने साथ घर में रहने के लिए कभी एक भी पैसा लिया हो; जिस "कीमत" की मैं बात कर रही हूँ वह थी आज्ञाकारिता। वे तो बस इतना ही चाहते थे कि मैं बस कुछ नियमों का पालन करती रहूँ, जैसे कि अपने पीछे कोई गन्दगी ना छोड़ूँ सब कुछ साफ-सफाई से रखूँ, सब के साथ शालीनता तथा नम्रता से व्यवहार करूँ, नियमित रूप से चर्च जाया करूँ इत्यादि। ये नियम ना तो कठिन थे और ना ही इनके पालन से मेरा कुछ नुकसान होता था, परन्तु फिर भी उनका पालन करना मुझे कठिन लगता था और मुझसे अनाज्ञाकारिता होती रहती थी। कभी-कभी, आवश्यकतानुसार नियम और उनका पालन और कड़ा भी कर दिया जाता था; किन्तु सदा ही मेरे माता-पिता मुझे बस स्मरण दिलाते रहते थे कि ये नियम मेरी भलाई के लिए हैं, मेरी सुरक्षा के लिए हैं, मुझे कोई नुक्सान पहुँचाने के लिए नहीं। ऐसा कभी नहीं हुआ कि कभी किसी अनाज्ञाकारिता के कारण मुझे घर से निकाला गया हो, या मुझे किसी बात से वंचित रखा गया हो। लेकिन आज्ञाकारिता की माँग और नियमों का स्मरण कराना लगा रहता था।
परमेश्वर के वचन बाइबल में भी हम यही स्थिति परमेश्वर के लोगों के लिए परमेश्वर की ओर से लिए पाते हैं। इस्त्राएली समाज को वाचा किए हुए देश, कनान में बने रहने की भी यही "कीमत" चुकानी थी - आज्ञाकारिता। कनान देश में इस्त्राएल के प्रवेश से पहले जब मूसा ने उन्हें संबोधित किया, तब भी उन्हें यही स्मरण कराया कि उस देश में परमेश्वर की आशीषों में बने रहने का केवल एक ही मार्ग है, उनका परमेश्वर के प्रति आज्ञाकारी रहना (व्यवस्थाविवरण 30:16)। इससे पहले भी जब इस्त्राएली मिस्त्र की गुलामी से निकलकर कनान की ओर कूच कर रहे थे, तब भी मूसा में होकर परमेश्वर ने उन्हें समझाया था कि, "इन बातों को जिनकी आज्ञा मैं तुझे सुनाता हूं चित्त लगाकर सुन, कि जब तू वह काम करे जो तेरे परमेश्वर यहोवा की दृष्टि में भला और ठीक है, तब तेरा और तेरे बाद तेरे वंश का भी सदा भला होता रहे" (व्यवस्थाविवरण 12:28)।
कुछ लोगों को लगता है कि बाइबल में पालन करने के लिए बहुत नियम हैं और उनका पालन करना बड़ा कठिन कार्य है; परन्तु स्थिति इससे बिलकुल विपरीत है: "और परमेश्वर का प्रेम यह है, कि हम उस की आज्ञाओं को मानें; और उस की आज्ञाएं कठिन नहीं" (1 यूहन्ना 5:3)। लेकिन साथ ही ऐसी धारणा रखने वालों को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि परमेश्वर ने जो आज्ञाएं हमारे पालन के लिए दी हैं वे हमारी भलाई के लिए और हमें परस्पर शान्ति तथा समृद्धि से रखने के लिए ही हैं।
परमेश्वर की आज्ञाकारिता, परमेश्वर के परिवार का सदस्य होने तथा उसकी आशीषों के संभागी होने की "कीमत" है; और जो इस "कीमत" को चुकाने के लाभ पहिचान गए हैं, आत्मिक जीवन में परिपक्व हो गए हैं वे अब भली-भांति समझते हैं कि इस आज्ञाकारिता की "कीमत" चुकाने के लिए शिकायत करना कितना बचकाना है। परमेश्वर की आज्ञाकारिता ही परमेश्वर से मिलने वाली हमारी समृद्धि, सुरक्षा तथा सहायता का आधार है। - जूली ऐकैरमैन लिंक
बाइबल जीवन के लिए बोझिल नहीं वरन आनन्दमय जीवन की मार्गदर्शक है।
भला होता कि उनका मन सदैव ऐसा ही बना रहे, कि वे मेरा भय मानते हुए मेरी सब आज्ञाओं पर चलते रहें, जिस से उनकी और उनके वंश की सदैव भलाई होती रहे! - व्यवस्थाविवरण 5:29
बाइबल पाठ: व्यवस्थाविवरण 30:15-20
Deuteronomy 30:15 सुन, आज मैं ने तुझ को जीवन और मरण, हानि और लाभ दिखाया है।
Deuteronomy 30:16 क्योंकि मैं आज तुझे आज्ञा देता हूं, कि अपने परमेश्वर यहोवा से प्रेम करना, और उसके मार्गों पर चलना, और उसकी आज्ञाओं, विधियों, और नियमों को मानना, जिस से तू जीवित रहे, और बढ़ता जाए, और तेरा परमेश्वर यहोवा उस देश में जिसका अधिकारी होने को तू जा रहा है, तुझे आशीष दे।
Deuteronomy 30:17 परन्तु यदि तेरा मन भटक जाए, और तू न सुने, और भटककर पराए देवताओं को दण्डवत करे और उनकी उपासना करने लगे,
Deuteronomy 30:18 तो मैं तुम्हें आज यह चितौनी दिए देता हूं कि तुम नि:सन्देह नष्ट हो जाओगे; और जिस देश का अधिकारी होने के लिये तू यरदन पार जा रहा है, उस देश में तुम बहुत दिनों के लिये रहने न पाओगे।
Deuteronomy 30:19 मैं आज आकाश और पृथ्वी दोनों को तुम्हारे साम्हने इस बात की साक्षी बनाता हूं, कि मैं ने जीवन और मरण, आशीष और शाप को तुम्हारे आगे रखा है; इसलिये तू जीवन ही को अपना ले, कि तू और तेरा वंश दोनों जीवित रहें;
Deuteronomy 30:20 इसलिये अपने परमेश्वर यहोवा से प्रेम करो, और उसकी बात मानों, और उस से लिपटे रहो; क्योंकि तेरा जीवन और दीर्घ जीवन यही है, और ऐसा करने से जिस देश को यहोवा ने इब्राहीम, इसहाक, और याकूब, तेरे पूर्वजों को देने की शपथ खाई थी उस देश में तू बसा रहेगा।
एक साल में बाइबल:
- मीका 5-7
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