कुछ महीने बीत जाने के बाद ही मुझे पता चला कि जिसे मैं एक संयोगात्मक मुलाकात का परिणाम समझे बैठी थी, वास्तव में वह मेरे होने वाले पति के द्वारा सही समय का प्रयोग था। हमारी पहली औपचारिक मुलाकात होने से पहले उन्होंने मुझे चर्च की बॉलकनी से देखा, अन्दाज़ा लगाया कि मैं किस ओर से बाहर निकलूँगी, दौड़ कर दो मंज़िल सीढ़ियाँ नीचे उतरे और मेरे पहुँचने से कुछ सेकेंड पहले ही पहुँच कर दरवाज़ा पकड़ कर खड़े हो गए और फिर बहाने से मुझ से वार्तालाप आरंभ कर लिया। मुझे बाद में ही यह भी पता चला कि जो उस समय मुझे भोजन के लिए बाहर मिलने का एक आकस्मिक निमंत्रण प्रतीत हुआ था, वह भी उनके द्वारा सही समय का प्रयोग था जो उन्होंने बड़े विचार और योजना के साथ मेरे सामने उस "आकस्मिक" रीति से रखा था। उस "सही समय" के प्रयोग से मुलाकातों का सिलसिला बना और बढ़ा और सही समय पर फिर हम पति-पत्नि भी हो गए।
हम मनुष्यों के लिए सही समय की प्रतीक्षा और उपयोग की अपेक्षा, अधीरता तथा जल्दबाज़ी अधिक सामान्य व्यवहार रहता है। लेकिन परमेश्वर के हमारे लिए विशेष उद्देश्य और योजनाएं रहती हैं, और उसका समय सर्वदा सही समय होता है। जो हमें संयोग लगता है, वह परमेश्वर की योजना और निर्धारण होता है।
परमेश्वर के वचन बाइबल में हम अनेक उदाहरण पाते हैं जहाँ प्रतीत होने वाला संयोग वास्तव में परमेश्वर द्वारा निर्धारित सही समय पर पूरा हुआ कार्य था; जैसे कि: अब्राहम के सेवक ने अपने स्वामी की आज्ञानुसार सही पुत्रवधु से मिलवाने के लिए परमेश्वर से प्रार्थना करी और उसकी मुलाकात रिबका से हो गई (उत्पत्ति 24); यूसुफ को उसके भाईयों ने दास बनाकर बेच दिया, फिर वह निर्दोष होने पर भी कैदखाने में डाला गया, लेकिन एक समय ऐसा आया जब परमेश्वर ने उसे लाकर मिस्त्र के राजा के सामने खड़ा कर दिया और यूसुफ वहाँ का प्रधानमंत्री और राजा के बाद सबसे अधिक अधिकार रखने वाला बना, और उसकी सलाह तथा कार्य से लाखों लोगों का जीवन अकाल में नाश होने से बचा, उसके अपने उन कुटिल भाईयों का भी (उत्पत्ति 45:5-8; 50:20); मोर्देकै के "क्योंकि जो तू इस समय चुपचाप रहे, तो और किसी न किसी उपाय से यहूदियों का छुटकारा और उद्धार हो जाएगा, परन्तु तू अपने पिता के घराने समेत नाश होगी। फिर क्या जाने तुझे ऐसे ही कठिन समय के लिये राजपद मिल गया हो?" (एस्तेर 4:14) कहने पर एस्तेर रानी ने अपनी जान जोखिम में डालकर राजा के सामने जाना स्वीकार किया और उसके प्रयास से यहूदीयों की जान बच सकी।
क्या आज आप अपने जीवन में परमेश्वर की योजना की गति को लेकर निराश हैं? क्या आपको लग रहा है कि परमेश्वर ने आपको छोड़ दिया है, आपको भूल गया है या आपकी परवाह नहीं करता है? परमेश्वर पर भरोसा रखिए (भजन 37:3); सही समय पर वह आपके लिए सही कार्य करने के सही दरवाज़े भी खोलेगा और अपनी योजनाओं को आपके जीवन में पूरा भी करेगा, और उसकी योजना से बेहतर आपके लिए और कुछ हो नहीं सकता। - सिंडी हैस कैस्पर
परमेश्वर का समय ही सिद्ध तथा सही समय है - सर्वदा।
यद्यपि तुम लोगों ने मेरे लिये बुराई का विचार किया था; परन्तु परमेश्वर ने उसी बात में भलाई का विचार किया, जिस से वह ऐसा करे, जैसा आज के दिन प्रगट है, कि बहुत से लोगों के प्राण बचे हैं। - उत्पत्ति 50:20
बाइबल पाठ: भजन 37:3-11
Psalms 37:3 यहोवा पर भरोसा रख, और भला कर; देश में बसा रह, और सच्चाई में मन लगाए रह।
Psalms 37:4 यहोवा को अपने सुख का मूल जान, और वह तेरे मनोरथों को पूरा करेगा।
Psalms 37:5 अपने मार्ग की चिन्ता यहोवा पर छोड़; और उस पर भरोसा रख, वही पूरा करेगा।
Psalms 37:6 और वह तेरा धर्म ज्योति की नाईं, और तेरा न्याय दोपहर के उजियाले की नाईं प्रगट करेगा।
Psalms 37:7 यहोवा के साम्हने चुपचाप रह, और धीरज से उसका आसरा रख; उस मनुष्य के कारण न कुढ़, जिसके काम सफल होते हैं, और वह बुरी युक्तियों को निकालता है!
Psalms 37:8 क्रोध से परे रह, और जलजलाहट को छोड़ दे! मत कुढ़, उस से बुराई ही निकलेगी।
Psalms 37:9 क्योंकि कुकर्मी लोग काट डाले जाएंगे; और जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वही पृथ्वी के अधिकारी होंगे।
Psalms 37:10 थोड़े दिन के बीतने पर दुष्ट रहेगा ही नहीं; और तू उसके स्थान को भलीं भांति देखने पर भी उसको न पाएगा।
Psalms 37:11 परन्तु नम्र लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे, और बड़ी शान्ति के कारण आनन्द मनाएंगे।
एक साल में बाइबल:
- नहूम 1-3
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