कहा जाता है कि वर्तमान इतोपिया देश में लाल सागर के तट पर स्थित प्राचीन देश अक्सुम के निवासियों ने खोज करी कि वर्षा ऋतु की तूफानी हवाओं के वेग को नाव में लगे पाल द्वारा वश में लेकर तेज़ी से नौकावाहन किया जा सकता है। इससे उन्होंने तेज़ हवाओं और ऊँची लहरों से डर कर रहने की बजाए, उन तूफानी परिस्थितियों को अपने लाभ के लिए उपयोग करना सीख लिया।
परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन 107 भी हमारे लिए जीवन में तूफानों की भूमिका का एक उत्तम शब्दचित्र प्रस्तुत करता है। इस भजन में भजनकार वर्णन करता है कि कैसे परमेश्वर हमारे जीवन में तूफानों को आने देता है और फिर उनमें हमें सुरक्षित निकाल कर ले आता है जिससे हम हर परिस्थिति में उस पर विश्वास रखना सीख सकें।
परेशान परिस्थितियों में परमेश्वर पर भरोसा बनाए रखना बाइबल में अनेक बार दोहराया गया विषय है। इब्रानियों के नाम लिखी पत्री के 11वें अध्याय में लेखक उन अनेक परमेश्वर के विश्वासी जनों का उल्लेख करता है जिन्होंने अपनी समस्याओं तथा विकट परिस्थितियों को परमेश्वर के प्रति अपने विश्वास को व्यक्त करने का अवसर बनाया और परमेश्वर के अनुग्रह, प्रावाधान तथा छुटकारे का अनुभव किया (इब्रानियों 11:33-34)।
जीवन में अनेकों तूफानों का आना तो अवश्यंभावी हैं; उन तूफानों के प्रति चाहे हमारी प्रथम प्रतिक्रीया उन से बचकर भाग निकल पाने के प्रयास की हो, फिर भी हम परमेश्वर से प्रार्थना में माँग सकते हैं कि वह हमें उन तूफानों में उस पर अपने विश्वास को बनाए रखना सिखाए और उन तूफानों का उपयोग उसकी निकटता में बढ़ने तथा उस से आशीषें प्राप्त करने के लिए करना सिखाए। - डेनिस फिशर
मसीह यीशु के साथ तूफान से होकर निकलना मसीह यीशु के बिना आरामदायक जीवन जीने से बेहतर है।
इन्होंने विश्वास ही के द्वारा राज्य जीते; धर्म के काम किए; प्रतिज्ञा की हुई वस्तुएं प्राप्त की, सिंहों के मुंह बन्द किए। आग की ज्वाला को ठंडा किया; तलवार की धार से बच निकले, निर्बलता में बलवन्त हुए; लड़ाई में वीर निकले; विदेशियों की फौजों को मार भगाया। - इब्रानियों 11:33-34
बाइबल पाठ: भजन 107:23-32
Psalms 107:23 जो लोग जहाजों में समुद्र पर चलते हैं, और महासागर पर हो कर व्यापार करते हैं;
Psalms 107:24 वे यहोवा के कामों को, और उन आश्चर्यकर्मों को जो वह गहिरे समुद्र में करता है, देखते हैं।
Psalms 107:25 क्योंकि वह आज्ञा देता है, वह प्रचण्ड बयार उठ कर तरंगों को उठाती है।
Psalms 107:26 वे आकाश तक चढ़ जाते, फिर गहराई में उतर आते हैं; और क्लेश के मारे उनके जी में जी नहीं रहता;
Psalms 107:27 वे चक्कर खाते, और मतवाले की नाईं लड़खड़ाते हैं, और उनकी सारी बुद्धि मारी जाती है।
Psalms 107:28 तब वे संकट में यहोवा की दोहाई देते हैं, और वह उन को सकेती से निकालता है।
Psalms 107:29 वह आंधी को थाम देता है और तरंगें बैठ जाती हैं।
Psalms 107:30 तब वे उनके बैठने से आनन्दित होते हैं, और वह उन को मन चाहे बन्दर स्थान में पहुंचा देता है।
Psalms 107:31 लोग यहोवा की करूणा के कारण, और उन आश्चर्यकर्मों के कारण जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें।
Psalms 107:32 और सभा में उसको सराहें, और पुरनियों के बैठक में उसकी स्तुति करें।
एक साल में बाइबल:
- 2 इतिहास 1-3
- यूहन्ना 10:1-23
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