खेलों में से मुझे बचपन से ही बेसबॉल बहुत पसन्द रहा है और मैं इस खेल का शौकीन रहा हूँ। बेसबॉल खेलने वाली टीमों में से मेरी पसन्दीदा टीम रही है डेट्रौइट टाइगर्स। लेकिन हाल ही में खेल की एक श्रंखला में खराब खेल के कारण इस टीम को कई बार हार का सामना करना पड़ा जिससे मुझे बड़ी निराशा हुई। इसलिए अपनी भलाई के लिए मैंने निर्णय किया कि मैं अवकाश लूँगा और अपनी मन-पसन्द टीम से संबंधित किसी भी बात में मैंने चार दिन तक कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। उन चार दिनों में मैं मनन करने लगा कि किसी ऐसी बात को छोड़ना, जिसके हम अभ्यस्त हो चुके हैं, कितना कठिन होता है।
लेकिन हमारे निज जीवनों में भी कभी कभी ऐसे समय आते हैं जहाँ परमेश्वर हमें दिखाता है कि हम कुछ बातों को छोड़ दें। यह तब हो सकता है जब हम किसी ऐसे कार्य में संलग्न हो रखे हैं जो हमें किसी अन्य बात के लिए समय नहीं निकालने देती, और हम यह एहसास करने लगते हैं कि उस कार्य को सीमित कर देना ही भला होगा (1 कुरिन्थियों 6:12)। या फिर हमारे अन्दर कोई आदत या पसन्द है जिस के बारे में हम जानते हैं कि उस से परमेश्वर को प्रसन्ना नहीं हो सकता। क्योंकि हम मसीही विश्वासी परमेश्वर से प्रेम रखते हैं तथा अपने जीवनों से परमेश्वर को महिमा देना चाहते हैं, इसलिए हमें यह आभास भी होता है कि अपनी उस आदत या पसन्द को हमें छोड़ देना चाहिए।
जब परमेश्वर की सहायता से हम उन बातों को पहचानने लगते हैं जो परमेश्वर के साथ हमारे संबंध में आड़े आती हैं, तो परमेश्वर की ही सहायता से हमें उन्हें छोड़ भी देना चाहिए। इसके लिए परमेश्वर ने हमें उचित प्रावधान दिए भी हैं (1 कुरिन्थियों 10:13), और हमारे अन्दर निवास करने वाला परमेश्वर का पवित्र आत्मा इसके लिए हमें सामर्थ भी देता है (रोमियों 8:5)।
हम मसीही विश्वासियों का कर्तव्य और उद्देश्य है कि हम अपने जीवनों से परमेश्वर की महिमा करें (1 कुरिन्थियों 6:19-20); हम कुछ भी ऐसा ना करें जिससे संसार के सामने परमेश्वर की महिमा धूमिल होने पाए। - डेव ब्रैनन
मसीह यीशु के निकट बने रहने से हम मसीह यीशु की समानता में ढलते जाते हैं।
क्या तुम नहीं जानते, कि तुम्हारी देह पवित्रात्मा का मन्दिर है; जो तुम में बसा हुआ है और तुम्हें परमेश्वर की ओर से मिला है, और तुम अपने नहीं हो? क्योंकि दाम देकर मोल लिये गए हो, इसलिये अपनी देह के द्वारा परमेश्वर की महिमा करो। - 1 कुरिन्थियों 6:19-20
बाइबल पाठ: रोमियों 8:1-10
Romans 8:1 सो अब जो मसीह यीशु में हैं, उन पर दण्ड की आज्ञा नहीं: क्योंकि वे शरीर के अनुसार नहीं वरन आत्मा के अनुसार चलते हैं।
Romans 8:2 क्योंकि जीवन की आत्मा की व्यवस्था ने मसीह यीशु में मुझे पाप की, और मृत्यु की व्यवस्था से स्वतंत्र कर दिया।
Romans 8:3 क्योंकि जो काम व्यवस्था शरीर के कारण दुर्बल हो कर न कर सकी, उसको परमेश्वर ने किया, अर्थात अपने ही पुत्र को पापमय शरीर की समानता में, और पाप के बलिदान होने के लिये भेज कर, शरीर में पाप पर दण्ड की आज्ञा दी।
Romans 8:4 इसलिये कि व्यवस्था की विधि हम में जो शरीर के अनुसार नहीं वरन आत्मा के अनुसार चलते हैं, पूरी की जाए।
Romans 8:5 क्योंकि शरीरिक व्यक्ति शरीर की बातों पर मन लगाते हैं; परन्तु आध्यात्मिक आत्मा की बातों पर मन लगाते हैं।
Romans 8:6 शरीर पर मन लगाना तो मृत्यु है, परन्तु आत्मा पर मन लगाना जीवन और शान्ति है।
Romans 8:7 क्योंकि शरीर पर मन लगाना तो परमेश्वर से बैर रखना है, क्योंकि न तो परमेश्वर की व्यवस्था के आधीन है, और न हो सकता है।
Romans 8:8 और जो शारीरिक दशा में है, वे परमेश्वर को प्रसन्न नहीं कर सकते।
Romans 8:9 परन्तु जब कि परमेश्वर का आत्मा तुम में बसता है, तो तुम शारीरिक दशा में नहीं, परन्तु आत्मिक दशा में हो। यदि किसी में मसीह का आत्मा नहीं तो वह उसका जन नहीं।
Romans 8:10 और यदि मसीह तुम में है, तो देह पाप के कारण मरी हुई है; परन्तु आत्मा धर्म के कारण जीवित है।
एक साल में बाइबल:
- 2 इतिहास 4-6
- यूहन्ना 10:24-42
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें