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शुक्रवार, 21 अक्टूबर 2016

सहायक


   स्वतः साफ हो जाने वाले तन्दूर के आने से बहुत पहले से ही मेरा तन्दूर बहुत साफ रहता था। जब भी घर पर मेहमान खाने के लिए आते तो वे मेरे तन्दूर की सफाई को देखकर प्रशंसा करते और कहते, "तुम्हारा तन्दूर कितना साफ है; बिलकुल नए जैसा लगता है।" मैं इस प्रशंसा को ग्रहण कर लेती यद्यपि मैं जानती थी कि मैं इस प्रशंसा की भागी नहीं हूँ। मेरे तन्दूर के साफ-सुथरे रहने का कारण मेरी उसको रगड़ कर, मांझ कर रखने वाली कोई आदत नहीं थी; वह साफ-सुथरा और नए समान केवल इसलिए रहता था क्योंकि मैं शायद ही कभी उसका उपयोग करती थी!

   मैं विचार करती हूँ कि ऐसे ही ना जाने कितनी बार मैंने अपने "साफ-सुथरे" जीवन के लिए प्रशंसा को ग्रहण तो किया है लेकिन वास्तव में मैं उस प्रशंसा की भागी नहीं रही हूँ। लोगों के सामने यह छवि प्रस्तुत करना कि हम बड़े सदाचारी तथा अच्छे चरित्र के हैं कोई कठिन कार्य नहीं है; इसके लिए केवल इतना ही करना होता है कि आप ऐसा कुछ भी जो कठिन, विवादास्पद, या लोगों को पसन्द ना आने वाला हो कदापि नहीं करें। अपने आप को लोगों से थोड़ा पृथक रखें, और आपकी छवि कभी खराब नहीं होगी।

   लेकिन हम मसीही विश्वासियों से हमारे प्रभु परमेश्वर ने कहा है कि हम उन से भी प्रेम करें जो हम से सहमत नहीं हैं, जो हमारे मानकों को नहीं मानते हैं, जो हमें पसन्द नहीं करते हैं। व्यावाहरिक एवं प्रगट प्रेम की यह माँग है कि हम लोगों के जीवन में सम्मिलित हों, उनकी परेशानियों और अस्त-व्यस्त परिस्थितियों में भी। प्रभु यीशु की अपने समय के धार्मिक अगुवों के साथ अकसर तकरार रहती थी क्योंकि वे अगुवे संसार के सामने अपने आप को स्वच्छ और न्याय-संगत दिखाने के प्रयासों में अधिक संलग्न रहते थे बजाए इसके कि वे उन लोगों की आत्मिक आवश्यकताओं का ध्यान करें जिनके लिए वे ज़िम्मेदार थे। क्योंकि प्रभु यीशु और उसके चेले ऐसे लोगों से मिलते-जुलते और उनके साथ भोजन करते थे जिन्हें ये अगुवे पापी और तुच्छ समझते थे, इसलिए वे प्रभु और उसके चेलों को भी अशुद्ध और नीच मानते थे; जबकि प्रभु और उसके चेले तो केवल विनाश के मार्ग पर चल रहे लोगों को बचाने, सुधारने के प्रयास कर रहे थे (लूका 5:30-31)।

   मसीही विश्वासी, अर्थात मसीह यीशु के सच्चे अनुयायी, वे लोग होने चाहिएं जो पाप में फंसे दूसरे लोगों की सहायता के लिए अपनी प्रतिष्ठा को दाँव पर लगाने को तैयार हों; परेशानियों और परिस्थितियों में पड़े लोगों की सहायता के लिए संसार की धारणाओं के विमुख चलने को तैयार हों। - जूली ऐकैरमैन लिंक


मसीह यीशु ने हमें भेजा है ताकि हम औरों को ले आएं।

क्योंकि मनुष्य का पुत्र खोए हुओं को ढूंढ़ने और उन का उद्धार करने आया है। - लूका 19:10

बाइबल पाठ: लूका 5:27-32
Luke 5:27 और इसके बाद वह बाहर गया, और लेवी नाम एक चुंगी लेने वाले को चुंगी की चौकी पर बैठे देखा, और उस से कहा, मेरे पीछे हो ले। 
Luke 5:28 तब वह सब कुछ छोड़कर उठा, और उसके पीछे हो लिया। 
Luke 5:29 और लेवी ने अपने घर में उसके लिये बड़ी जेवनार की; और चुंगी लेने वालों की और औरों की जो उसके साथ भोजन करने बैठे थे एक बड़ी भीड़ थी। 
Luke 5:30 और फरीसी और उन के शास्त्री उस के चेलों से यह कहकर कुड़कुड़ाने लगे, कि तुम चुंगी लेने वालों और पापियों के साथ क्यों खाते-पीते हो? 
Luke 5:31 यीशु ने उन को उत्तर दिया; कि वैद्य भले चंगों के लिये नहीं, परन्तु बीमारों के लिये अवश्य है। 
Luke 5:32 मैं धर्मियों को नहीं, परन्तु पापियों को मन फिराने के लिये बुलाने आया हूं।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 62-64
  • 1 तिमुथियुस 1


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