जब हमारे बच्चे छोटे ही थे, तो उन में से एक ने, रात्रि के खाने के समय जब उसे मटर की सबज़ी परोसी गई, दृढ़ आवाज़ में कहा "नहीं"। उसके यह कहने पर हमने उससे पूछा, "क्या नहीं?" हमारी अपेक्षा थी कि वह कहेगा, "नहीं चाहिए; धन्यवाद"; परन्तु उसने कहा, "नहीं मटर नहीं चाहिएं!" उसके इस प्रत्युत्तर से अच्छे आचरण पर एक चर्चा आरंभ हो गई। इसी प्रकार, अच्छे व्यवहार के विषय में अनेकों बार चर्चाएं हमारे परिवार में हो चुकी हैं।
हमारा प्रभु परमेश्वर हमें स्मरण करवाता है कि अच्छे आचरण के अतिरिकत - जो कि बाह्य होता है, हमारे अन्दर एक धन्यवादी हृदय भी होना चाहिए। परमेश्वर के वचन बाइबल में दर्जनों बार स्मरण करवाया गया है कि परमेश्वर से हमारे संबंध में धन्यवादी होना हमारे लाभ के लिए अति महत्वपूर्ण होता है। भजन 118 का आरंभ तथा अन्त इस आग्रह से होता है, "यहोवा का धन्यवाद करो" (पद 1, 29)। जब भी हम प्रभु परमेश्वर की उपस्थिति में आएं, हम धन्यवादी हृदय के साथ आएं (भजन 100:4)। जो निवेदन हम उससे करें, उन्हें भी धन्यवाद के साथ प्रस्तुत करें (फिलिप्पियों 4:6)। यह धन्यवादी रवैया हमें प्रभु परमेश्वर से मिलती रहने वाली अनगिनित आशीषों को स्मरण करवाता रहेगा, उसमें हमारे विश्वास को सुदृढ़ बनाए रखेगा, और हमें स्मरण करवाता रहेगा कि हमारी समस्याओं और कष्टों के समय में भी परमेश्वर की उपस्थिति सदा हमारे साथ बनी रहती है।
इसीलिए भजनकार हम से कहता है, "यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है; और उसकी करूणा सदा की है" (भजन 118:1)। - जो स्टोवैल
केवल परमेश्वर के प्रति धन्यवादी हृदय से ही जीवन समृद्ध बनता है। - डीट्रीश बॉनहोफर
किसी भी बात की चिन्ता मत करो: परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख अपस्थित किए जाएं। - फिलिप्पियों 4:6
बाइबल पाठ: भजन 118:1-14
Psalms 118:1 यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है; और उसकी करूणा सदा की है!
Psalms 118:2 इस्राएल कहे, उसकी करूणा सदा की है।
Psalms 118:3 हारून का घराना कहे, उसकी करूणा सदा की है।
Psalms 118:4 यहोवा के डरवैये कहें, उसकी करूणा सदा की है।
Psalms 118:5 मैं ने सकेती में परमेश्वर को पुकारा, परमेश्वर ने मेरी सुन कर, मुझे चौड़े स्थान में पहुंचाया।
Psalms 118:6 यहोवा मेरी ओर है, मैं न डरूंगा। मनुष्य मेरा क्या कर सकता है?
Psalms 118:7 यहोवा मेरी ओर मेरे सहायकों में है; मैं अपने बैरियों पर दृष्टि कर सन्तुष्ट हूंगा।
Psalms 118:8 यहोवा की शरण लेनी, मनुष्य पर भरोसा रखने से उत्तम है।
Psalms 118:9 यहोवा की शरण लेनी, प्रधानों पर भी भरोसा रखने से उत्तम है।
Psalms 118:10 सब जातियों ने मुझ को घेर लिया है; परन्तु यहोवा के नाम से मैं निश्चय उन्हें नाश कर डालूंगा!
Psalms 118:11 उन्होंने मुझ को घेर लिया है, नि:सन्देह घेर लिया है; परन्तु यहोवा के नाम से मैं निश्चय उन्हें नाश कर डालूंगा!
Psalms 118:12 उन्होंने मुझे मधुमक्खियों के समान घेर लिया है, परन्तु कांटों की आग के समान वे बुझ गए; यहोवा के नाम से मैं निश्चय उन्हें नाश कर डालूंगा!
Psalms 118:13 तू ने मुझे बड़ा धक्का दिया तो था, कि मैं गिर पडूं परन्तु यहोवा ने मेरी सहायता की।
Psalms 118:14 परमेश्वर मेरा बल और भजन का विषय है; वह मेरा उद्धार ठहरा है।
एक साल में बाइबल:
- यहेजकेल 27-29
- 1 पतरस 3
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