जबसे उसने मुझे यह बताया थी कि वह माँ बनने
वाली है, मैं अपनी सहेली के लिए बहुत प्रसन्न थी! हम दोनों ने साथ-साथ मिलकर बच्चे
के जन्म होने तक दिनों की गिनती की थी। परन्तु जब प्रसव के समय बच्चे को दिमागी
क्षति हुई तो मेरा हृदय टूट गया, और मुझे समझ नहीं आ रहा था कि कैसे प्रार्थना
करूँ। मैं बस इतना जानती थी कि मुझे किस से प्रार्थना करनी है – अपने पिता
परमेश्वर से, क्योंकि जब हम उसे पुकारते हैं तब वह हमारी सुनता है।
मैं जानती थी कि परमेश्वर आश्चर्यकर्म कर सकता
है। उसने याईर की बेटी को मुर्दों में से जिलाया था (लूका 8:49-55) और ऐसा करते
समय उसने उस लड़की के शरीर से उस रोग को भी चँगा किया था जिस के कारण उसकी मृत्यु
हुई थी। इसलिए मैं ने प्रार्थना की कि वह मेरी सहेली के बच्चे को भी चंगाई प्रदान
करे।
परन्तु यदि परमेश्वर चंगाई न दे तो?
मैं सोच में थी। चंगाई देने के लिए वह सक्षम तो है। क्या वह परवाह भी करता है?
मुझे क्रूस पर प्रभु यीशु द्वारा उठाए गए दुःख और पीड़ा का स्मरण आया, और उसका
स्पष्टीकरण कि “परन्तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट
करता है,
कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा”
(रोमियों 5:8)। फिर मुझे अय्यूब के प्रश्न स्मरण आए और कैसे उसने अपने आस-पास की
सृष्टि में परमेश्वर की बुद्धिमता को देखना सीखा था (अय्यूब 38-39)।
धीरे-धीरे मुझे एहसास हुआ कि परमेश्वर कैसे
हमारे जीवनों की बारीकियों में हमें अपने निकट बुलाता है। परमेश्वर के अनुग्रह
में, मैंने और मेरी सहेली ने साथ-साथ यह सीखा कि प्रभु को पुकारना और उस पर भरोसा
रखना क्या होता है – चाहे परिणाम जो कुछ भी हो। - पो फैंग चिया
जब जीवन
आपको नीचे धकेल दे,
तब आप प्रार्थना करने की सर्वोत्तम स्थिति में होते हैं।
और हम
जानते हैं,
कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के
लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात
उन्हीं के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं। - रोमियों 8:28
बाइबल पाठ:
इब्रानियों 4:14-16
Hebrews 4:14 सो जब हमारा ऐसा बड़ा महायाजक है, जो स्वर्गों
से हो कर गया है, अर्थात परमेश्वर का पुत्र यीशु; तो आओ, हम अपने अंगीकार को दृढ़ता से थामें रहे।
Hebrews 4:15 क्योंकि हमारा ऐसा महायाजक नहीं, जो हमारी
निर्बलताओं में हमारे साथ दुखी न हो सके; वरन वह सब बातों
में हमारे समान परखा तो गया, तौभी निष्पाप निकला।
Hebrews 4:16 इसलिये आओ, हम अनुग्रह के सिंहासन के निकट
हियाव बान्धकर चलें, कि हम पर दया हो, और वह अनुग्रह पाएं, जो आवश्यकता के समय हमारी
सहायता करे।
एक साल में
बाइबल:
- 2 इतिहास 17-18
- यूहन्ना 13:1-20
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