मैंने
अपने घर के पीछे के आँगन के बाड़े के ऊपर से झाँक कर देखा; हमारे घर के पीछे बने
पार्क और उसमें बने दौड़ने के ट्रैक पर कई लोग चल, भाग, और टहल रहे थे।
मेरे मन में विचार आया, जब मेरे शरीर में शक्ति थी तब मैं भी वहाँ यही किया करता
था; और तुरंत मुझे निराशा की एक लहर ने घेर लिया।
बाद
में जब मैं परमेश्वर के वचन बाइबल में से पढ़ रहा था, मेरा ध्यान यशायाह 55:1 “अहो
सब प्यासे लोगों,
पानी के पास आओ” पर गया और मुझे एहसास हुआ कि प्यास – असंतुष्टि जीवन का
नियम है, अपवाद नहीं। इस संसार की कोई भी बात, चाहे वह कोई भली वस्तु ही
क्यों न हो, हमें पूर्णतः संतुष्ट कर नहीं सकती है। चाहे मेरे शरीर में भरपूर शक्ति भी
होती, और मैं उन लोगों के साथ उन बातों में सम्मिलित हो जाता, फिर भी जीवन में और
भी कुछ होता जिसे लेकर मैं असंतुष्ट अनुभव करता।
हमें
संसार की संस्कृति निरंतर कहती रहती है कि हमारे कुछ करने, खरीदने, पहनने, शरीर पर लगाने, कुछ देखने, कहीं जाने, कुछ चलाने, आदि से हमें पूरी
संतुष्टि और अमिट आनन्द मिलेगा। परन्तु यह झूठ है। इस संसार में ऐसा कुछ भी नहीं
है, और न ही हम कुछ ऐसा कर सकते हैं जो हमें पूर्ण और स्थाई संतुष्टि प्रदान करे।
वरन
यशायाह में होकर परमेश्वर हमें निमंत्रण देता है कि हर बात के लिए, बारंबार परमेश्वर
के पास आते रहें, हर बात के बारे में परमेश्वर से सुनते रहें कि वह उसके बारे में हम
से क्या कहना चाहता है। परमेश्वर की इच्छा और योजनाओं में ही पूर्ण शान्ति और
संतुष्टि है। - डेविड एच. रोपर
प्रभु केवल आप ही हमारी प्यास को तृप्त कर सकते हैं।
हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा।
- मत्ती 11:28
बाइबल पाठ: यशायाह 55:1-6
यशायाह 55:1 अहो सब प्यासे लोगों, पानी के पास आओ; और जिनके पास रुपया न हो, तुम भी आकर मोल लो और खाओ! दाखमधु
और दूध बिन रुपए और बिना दाम ही आकर ले लो।
यशायाह 55:2 जो भोजन वस्तु नहीं है, उसके लिये तुम क्यों रुपया लगाते
हो, और, जिस से पेट नहीं भरता उसके लिये
क्यों परिश्रम करते हो? मेरी ओर मन लगाकर सुनो, तब उत्तम वस्तुएं खाने पाओगे
और चिकनी चिकनी वस्तुएं खाकर सन्तुष्ट हो जाओगे।
यशायाह 55:3 कान लगाओ, और मेरे पास आओ; सुनो, तब तुम जीवित रहोगे;
और मैं
तुम्हारे साथ सदा की वाचा बान्धूंगा अर्थात दाऊद पर की अटल करुणा की वाचा।
यशायाह 55:4 सुनो, मैं ने उसको राज्य राज्य के लोगों के लिये साक्षी और प्रधान
और आज्ञा देने वाला ठहराया है।
यशायाह 55:5 सुन, तू ऐसी जाति को जिसे तू नहीं जानता बुलाएगा, और ऐसी जातियां जो तुझे नहीं
जानतीं तेरे पास दौड़ी आएंगी, वे तेरे परमेश्वर यहोवा और इस्राएल के पवित्र के निमित्त यह करेंगी, क्योंकि उसने तुझे शोभायमान
किया है।
यशायाह 55:6 जब तक यहोवा मिल सकता है तब तक उसकी खोज में
रहो, जब तक वह निकट है तब
तक उसे पुकारो;
एक साल में बाइबल:
- 1 राजाओं 21-22
- लूका 23:26-56
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