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सोमवार, 3 दिसंबर 2012

परमेश्वर के हस्ताक्षर


   मेरे एक मित्र का घर झील के किनारे बना है; घर का एक भाग झील तक जाता है। घर के अन्दर की दीवारों पर कई फोटो टंगे हैं, प्रत्येक फोटो भिन्न ऋतुओं में झील तक जाने वाले भाग से सूर्यास्त के समय झील और उसके आस-पास के इलाके की ली गई है। सभी फोटो बहुत सुन्दर हैं किंतु कोई भी दो फोटो एक समान नहीं हैं। उन फोटो को देखकर मुझे मेरे एक अन्य मित्र द्वारा सूर्यास्त के बारे में कही गई बात स्मरण हो आती है; सूर्यास्त को परिभाषित करते हुए उस मित्र ने कहा था: "दिन के अन्त पर परमेश्वर के सुन्दर हस्ताक्षर!"

   परमेश्वर के अनुपम हस्ताक्षर ना केवल प्रत्येक सूर्यास्त पर होते हैं वरन उस की प्रत्येक संतान पर भी होते हैं। मुझे सदा ही यह देखकर आनन्द होता है कि कैसे प्रत्येक व्यक्ति अन्य किसी भी व्यक्ति से भिन्न होता है। परमेश्वर असीम रूप से रचनात्मक है और उसकी यह रचनात्मक प्रतिभा हमारे शरीर की भिन्नता, भिन्न व्यक्तित्वों, योग्यताओं, पसन्द-नापसन्द, जीवन के प्रति रवैये, परिस्थितियों के प्रति प्रतिक्रीया आदि में दिखाई देती है; प्रत्येक जन एक अनुपम सृष्टि है, कोई किसी की प्रतिलिपि नहीं है।

   यही विलक्षण अनुपमता हम मण्डली अर्थात मसीह यीशु की देह में भी देखते हैं। उस देह में हम देखते हैं कि कैसे भिन्न आत्मिक वरदान आपस में संबंधित होते हैं और मिलकर एक साथ परमेश्वर के उद्देश्यों की पूर्ति और उस की महिमा के लिए कार्य कर सकते हैं। परमेश्वर के वचन बाइबल में १ कुरिन्थियों १२:४-६ में हम पढ़ते हैं: "वरदान तो कई प्रकार के हैं, परन्‍तु आत्मा एक ही है। और सेवा भी कई प्रकार की है, परन्‍तु प्रभु एक ही है। और प्रभावशाली कार्य कई प्रकार के हैं, परन्‍तु परमेश्वर एक ही है, जो सब में हर प्रकार का प्रभाव उत्‍पन्न करता है।"

   परमेश्वर के हस्ताक्षर जो उसकी रचि प्रकृति में इतने स्पष्ट विदित हैं, उसके लोगों में भी पाए जाते हैं। इस विविधता में होकर भी एक ही लक्ष्य और कार्य को संपन्न कराने वाला अद्भुत परमेश्वर हम मसीही विश्वासियों का प्रेमी पिता भी है जो हमारी हर आवश्यकता को जानता है और उसे पूरा करता है। उसकी विलक्षण सामर्थ पर विश्वास रखें और उसके द्वारा दिए गए वरदानों को उस की महिमा के लिए उपयोग करते रहें। - सिंडी हैस कैसपर


परमेश्वर के हस्ताक्षर उसकी सृष्टि में दिखाई देते हैं।

तब परमेश्वर ने जो कुछ बनाया था, सब को देखा, तो क्या देखा, कि वह बहुत ही अच्छा है। - उत्पत्ति १:३१

बाइबल पाठ: उत्पत्ति १:२७-३१
Gen 1:27  तब परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार उत्पन्न किया, अपने ही स्वरूप के अनुसार परमेश्वर ने उसको उत्पन्न किया, नर और नारी करके उस ने मनुष्यों की सृष्टि की। 
Gen 1:28  और परमेश्वर ने उनको आशीष दी : और उन से कहा, फूलो-फलो, और पृथ्वी में भर जाओ, और उसको अपने वश में कर लो; और समुद्र की मछलियों, तथा आकाश के पक्षियों, और पृथ्वी पर रेंगने वाले सब जन्तुओं पर अधिकार रखो। 
Gen 1:29  फिर परमेश्वर ने उन से कहा, सुनो, जितने बीज वाले छोटे छोटे पेड़ सारी पृथ्वी के ऊपर हैं और जितने वृक्षों में बीज वाले फल होते हैं, वे सब मैं ने तुम को दिए हैं, वे तुम्हारे भोजन के लिये हैं : 
Gen 1:30  और जितने पृथ्वी के पशु, और आकाश के पक्षी, और पृथ्वी पर रेंगने वाले जन्तु हैं, जिन में जीवन के प्राण हैं, उन सब के खाने के लिये मैं ने सब हरे हरे छोटे पेड़ दिए हैं; और वैसा ही हो गया। 
Gen 1:31  तब परमेश्वर ने जो कुछ बनाया था, सब को देखा, तो क्या देखा, कि वह बहुत ही अच्छा है। तया सांझ हुई फिर भोर हुआ। इस प्रकार छठवां दिन हो गया।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल ४५-४६ 
  • १ यूहन्ना २


रविवार, 2 दिसंबर 2012

ताज़गी के समय


   आपको सबसे अधिक ताज़गी किस से प्राप्त होती है? किसी गर्म दिन में कुछ ठंडा पीने से? दोपहर में नींद लेने से? स्तुति और आराधना के गीत सुनने से?

   परमेश्वर के वचन बाइबल में ताज़गी के अर्थ को अनेक शारीरिक और आत्मिक बातों के साथ जोड़ा गया है। वचन में हम सबत के दिन विश्राम द्वारा ताज़गी पाने के बारे में पढ़ते हैं (निर्गमन २३:१२); शारीरिक परिश्रम के बाद ठंडे पानी से मिलने वाली ताज़गी के बारे में पढ़ते हैं (न्यायियों १५:१८-१९); मनमोहक संगीत द्वारा शांति पाने के विषय में पढ़ते हैं (१ शमूएल १६:२३); प्रोत्साहित करने वाली संगति के बारे में पढ़ते हैं (२ तिमुथियुस १:१६)।

   प्रेरित पतरस ने पिन्तेकुस्त के दिन आई आत्मिक शांति के बारे में अपने श्रोताओं को बताते हुए कहा "इसलिये, मन फिराओ और लौट आओ कि तुम्हारे पाप मिटाए जाएं, जिस से प्रभु के सम्मुख से विश्रान्‍ति के दिन आएं" (प्रेरितों ३:१९)। पतरस का यह कथन उसके यहूदी श्रोताओं के लिए विशेषकर अर्थपूर्ण था क्योंकि वह भविष्य में मसीह यीशु के आने वाले शासन तथा शांति से संबंधित था। इसी आत्मिक शांति और नए जीवन का सुसमाचार ग़ैर-यहूदी अन्य-जातियों को भी इसी आशय से दिया गया (प्रेरितों १०)।

   आज हम मसीही विश्वासी इसी ताज़गी का अनुभव अपने मनों को शांत और स्थिर कर के परमेश्वर के वचन बाइबल के अध्ययन और प्रार्थना में बिताए गए समय द्वारा कर सकते हैं। जब हम एकांत में परमेश्वर के साथ समय बिताते हैं तो उसकी शांति और आनन्द हमारे मनों को भर देती है और हमारी आत्मा ताज़गी पाती है।

   परमेश्वर से संपर्क और आत्मिक ताज़गी पाने की इस सहज विधि के लिए परमेश्वर का धन्यवाद करें और इसका भरपूरी से लाभ उठाएं। - डेनिस फिशर


जब हम परमेश्वर के निकट आते हैं तो हमारे मन ताज़गी पाते हैं और हमारी सामर्थ बहाल हो जाती है।

इसलिये, मन फिराओ और लौट आओ कि तुम्हारे पाप मिटाए जाएं, जिस से प्रभु के सम्मुख से विश्रान्‍ति के दिन आएं। - प्रेरितों ३:१९

बाइबल पाठ: फिलिप्पियों ४:४-९
Php 4:4 प्रभु में सदा आनन्‍दित रहो; मैं फिर कहता हूं, आनन्‍दित रहो। 
Php 4:5  तुम्हारी कोमलता सब मनुष्यों पर प्रगट हो: प्रभु निकट है। 
Php 4:6 किसी भी बात की चिन्‍ता मत करो: परन्‍तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख अपस्थित किए जाएं। 
Php 4:7 तब परमेश्वर की शान्‍ति, जो समझ से बिलकुल परे है, तुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरिक्षित रखेगी।
Php 4:8  निदान, हे भाइयों, जो जो बातें सत्य हैं, और जो जो बातें आदरणीय हैं, और जो जो बातें उचित हैं, और जो जो बातें पवित्र हैं, और जो जो बातें सुहावनी हैं, और जो जो बातें मनभावनी हैं, निदान, जो जो सदगुण और प्रशंसा की बातें हैं, उन्‍हीं पर ध्यान लगया करो। 
Php 4:9  जो बातें तुम ने मुझ से सीखीं, और ग्रहण की, और सुनी, और मुझ में देखीं, उन्‍हीं का पालन किया करो, तब परमेश्वर जो शान्‍ति का सोता है तुम्हारे साथ रहेगा।

एक साल में बाइबल: 

  • यहेजकेल ४२-४४ 
  • १ यूहन्ना १

शनिवार, 1 दिसंबर 2012

बैसाखी?


   मसीही विश्वास का उपहास करने वाले कहते हैं कि यह किसी बैसाखी के समान ही है - प्रभु यीशु में लोग केवल इसलिए विश्वास रखते हैं क्योंकि वे अपने आप में कमज़ोर होते हैं और उनके लिए धर्म की बैसाखी के बिना जीवन व्यतीत करना संभव नहीं। संभवतः इन उपहास करने वाले लोगों ने मसीही विश्वास के लिए यात्नाएं सहने और भारी दुख तथा पीड़ा उठाने वाले लोगों के बारे में नहीं सुना है, जिन्होंने भीष्ण अत्याचारों का सामना करने और सहने पर भी अपने विश्वास से मुँह नहीं मोड़ा। इतना सब सहने पर भी स्थिर बने रहने की शक्ति किसी कमज़ोर व्यक्ति के बस की बात नहीं है।

   सुदूर पुर्व के एक देश में, अपने मसीही विश्वास के कारण, एक डॉक्टर को ढाई वर्ष जेल में रख कर उसे ’पुनःशिक्षित’ किया गया जिससे वह इस विश्वास से निकल जाए। जेल से छोड़े जाने के कुछ समय बाद ही उसे फिर हिरासत में लेना पड़ा क्योंकि अब वह अपने चर्च में मसीही विश्वास की उन्नति और स्थिरता के लिए और भी बढ़-चढ़ कर कार्य कर रहा था।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस के जीवन के बारे में विचार कीजिए, जिसने मसीही विश्वास में आने के बाद अपना रुतबा, हैसियत, पद सब कुछ गंवा दिया; उसके मित्र और साथी उसके शत्रु बन गए और मसीही विश्वास के प्रचार के कारण उसे जेल, कोड़े, उपहास और मृत्यु के जोखिम बार-बार उठाने पड़े (२ कुरिन्थियों ११:१६-२९)।

   ये मसीही विश्वासी किसी बैसाखी का सहारा नहीं ढूँढ रहे थे; इनके मनों में कुछ गंभीर और अति-आवश्यक था जिसे संसार के लोगों में हर कीमत पर पहुँचाना इनकी ज़िम्मेदारी थी, और वे उस ज़िम्मेदारी को हर कीमत चुका कर ही निभा रहे थे। परमेश्वर के साथ उनका एक व्यक्तिगत रिश्ता था, एक ऐसा रिश्ता जो मसीह यीशु के क्रूस पर दिए बलिदान पर लाए विश्वास से बना था। अपने इस विश्वास के कारण अब वे सृष्टिकर्ता परमेश्वर की सन्तान बन गए थे और अपने इस राजपद पाने को संसार के सामने घोषित करने के सौभाग्य के लिए वे कुछ भी सहने और बलिदान करने के लिए तैयार थे।

   इनमें से कोई भी व्यर्थ बातों में फंसा अपाहिज नहीं था जिसे किसी बैसाखी की आवश्यकता हो; इनकी सामर्थ और शक्ति संसार कि किसी भी सामर्थ और शक्ति से बढ़कर थी।

   मसीही विश्वास एक बैसाखी? कदापि नहीं! प्रभु यीशु मसीह में विश्वास संसार की कठिनाईयों से बचकर सुरक्षा में रहने का माध्यम नहीं है, वरन यह संसार में अन्धकार कि शक्तियों को खुली चुनौती देकर उनसे जूझने का निमंत्रण है, जिसके लिए प्रत्येक विश्वासी को एक भारी कीमत चुकाने को सदा तैयार रहना चाहिए। यह अपने उद्धारकर्ता के समान ही प्रतिदिन अपना क्रूस उठाकर (लूका ९:२३) उसके पीछे पीछे चलने और दुख उठाने का नाम है। - डेव ब्रैनन


क्योंकि मसीह यीशु ने हमारे लिए क्रूस सह लिया इसलिए हम उसके लिए क्रूस उठाए फिरते हैं।

उस ने सब से कहा, यदि कोई मेरे पीछे आना चाहे, तो अपने आप से इन्‍कार करे और प्रति दिन अपना क्रूस उठाए हुए मेरे पीछे हो ले। क्‍योंकि जो कोई अपना प्राण बचाना चाहेगा वह उसे खोएगा, परन्‍तु जो कोई मेरे लिय अपना प्राण खोएगा वही उसे बचाएगा। - लूका ९:२३-२४

बाइबल पाठ: २ कुरिन्थियों ४:८-१८
2Co 4:8  हम चारों ओर से क्‍लेश तो भोगते हैं, पर संकट में नहीं पड़ते; निरूपाय तो हैं, पर निराश नहीं होते। 
2Co 4:9  सताए तो जाते हैं, पर त्यागे नहीं जाते; गिराए तो जाते हैं, पर नाश नहीं होते। 
2Co 4:10  हम यीशु की मृत्यु को अपनी देह में हर समय लिये फिरते हैं; कि यीशु का जीवन भी हमारी देह में प्रगट हो। 
2Co 4:11 क्‍योंकि हम जीते जी सर्वदा यीशु के कारण मृत्यु के हाथ में सौंपे जाते हैं कि यीशु का जीवन भी हमारे मरणहार शरीर में प्रगट हो। 
2Co 4:12  सो मृत्यु तो हम पर प्रभाव डालती है और जीवन तुम पर। 
2Co 4:13  और इसलिये कि हम में वही विश्वास की आत्मा है, (जिस के विषय में लिखा है, कि मैं ने विश्वास किया, इसलिये मैं बोला) सो हम भी विश्वास करते हैं, इसी लिये बोलते हैं। 
2Co 4:14 क्‍योंकि हम जानते हैं, जिस ने प्रभु यीशु को जिलाया, वही हमें भी यीशु में भागी जानकर जिलाएगा, और तुम्हारे साथ अपने साम्हने उपस्थित करेगा। 
2Co 4:15 क्‍योंकि सब वस्‍तुएं तुम्हारे लिये हैं, ताकि अनुग्रह बहुतों के द्वारा अधिक होकर परमेश्वर की महिमा के लिये धन्यवाद भी बढ़ाए।
2Co 4:16 इसलिये हम हियाव नहीं छोड़ते; यद्यपि हमारा बाहरी मनुष्यत्‍व नाश भी होता जाता है, तौभी हमारा भीतरी मनुष्यत्‍व दिन प्रतिदिन नया होता जाता है। 
2Co 4:17 क्‍योंकि हमारा पल भर का हल्का सा क्‍लेश हमारे लिये बहुत ही महत्‍वपूर्ण और अनन्‍त महिमा उत्‍पन्न करता जाता है। 
2Co 4:18 और हम तो देखी हुई वस्‍तुओं को नहीं परन्‍तु अनदेखी वस्‍तुओं को देखते रहते हैं, क्‍योंकि देखी हुई वस्‍तुएं थोड़े ही दिन की हैं, परन्‍तु अनदेखी वस्‍तुएं सदा बनी रहती हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल ४०-४१ 
  • २ पतरस ३

शुक्रवार, 30 नवंबर 2012

किया; करेंगे


   कुछ अधिक पुरानी बात नहीं है, जब संसार भर में इसाई समाज में "WWJD - What Would Jesus Do"  अर्थात "यीशु ऐसे में क्या करते" का नारा बहुत प्रचलित हुआ। लोग यह नारा लिखे हुए कड़े पहने रहते थे, इस आशय से कि वह कड़ा और उस पर लिखा नारा उनके लिए एक स्मरण कराने का माध्यम होगा - जब वे कठिन परिस्थितियों में या किसी दुविधा में हों तो कोई भी निर्णय लेने से पहले विचार कर लें कि यदि प्रभु यीशु उस परिस्थित में होते तो क्या करते, और फिर उसी के अनुसार अपना निर्णय लें। जब हम अपने उद्धाकर्ता प्रभु को आदर और महिमा देने वाला जीवन जीने के प्रयत्नशील रहते हैं तो हमारे लिए यह भी आवश्यक है कि हम अपने निर्णयों और प्रवृतियों को अपने प्रभु द्वारा दिए गए उदाहरणों के अनुकूल रखें।

   हाल ही में मैं एक चर्च में था जहां मुझे इस नारे से मिलता-जुलता किंतु कुछ भिन्न संदेश लिखा मिला। वहां लिखा था "WDJD - What Did Jesus Do?" अर्थात, "यीशु ने क्या करके दिया है?" यह वास्तव में अधिक महत्वपुर्ण प्रश्न है, क्योंकि इस प्रश्न के उत्तर के प्रति गंभीरता और समझदारी में ही हमारा भविष्य निहित है। अपने संसार के जीवन काल में जो कुछ प्रभु यीशु ने किया, उसमें से सबसे महत्वपुर्ण और उसके संसारमें आने का एकमात्र उद्देश्य वह है जिसके बारे में हम १ कुरिन्थियों १५:३-४ में लिखा पाते हैं: "...पवित्र शास्‍त्र के वचन के अनुसार यीशु मसीह हमारे पापों के लिये मर गया। और गाड़ा गया, और पवित्र शास्‍त्र के अनुसार तीसरे दिन जी भी उठा।"

   प्रभु यीशु ने क्या करके दिया है? उसने हमारे पापों और अपराधों का दोष अपने ऊपर लेकर हमारे स्थान पर उनका दण्ड सहा; वह हमारे स्थान पर मारा गया और फिर मुर्दों में से जी उठा; वह हमारे लिए पाप और मृत्यु पर जयवन्त हुआ जिससे अब हम जो उस पर विश्वास करते और स्वेच्छा से उसे अपना जीवन समर्पित करते हैं उसकी धार्मिकता और उसके जीवन के भागी हो जाएं। सच्चाई यही है कि जब तक प्रभु यीशु ने हमारे लिए जो करके दे दिया है हम उसे स्वीकार ना कर लें,  तब तक हम कभी वह समझ नहीं पाएंगे जो वह हमारे जीवनों में कर सकता है और करेगा।

   हम सब के जीवनों में "WWJD" तथा "WDJD" दोनो ही महत्वपूर्ण हैं, किंतु सबसे महत्वपूर्ण है प्रभु यीशु के प्रति हमारा रवैया और उसके साथ हमारा संबंध। प्रभु के प्रति सही रवैये और उससे सही संबंध के बाद ही हम जो प्रभु ने किया और जो वह करेगा उसके यथार्त एवं महत्व को वास्तव में जान सकते हैं। - बिल क्राउडर


हमारा उद्धार हमारे द्वारा करे गए कार्यों से नहीं वरन प्रभु यीशु द्वारा करे गए कार्य से है।

इसी कारण मैं ने सब से पहिले तुम्हें वही बात पहुंचा दी, जो मुझे पहुंची थी, कि पवित्र शास्‍त्र के वचन के अनुसार यीशु मसीह हमारे पापों के लिये मर गया। और गाड़ा गया, और पवित्र शास्‍त्र के अनुसार तीसरे दिन जी भी उठा। - १ कुरिन्थियों १५:३-४

बाइबल पाठ: १ कुरिन्थियों १५:१-११
1Co 15:1  हे भाइयों, मैं तुम्हें वही सुसमाचार बताता हूं जो पहिले सुना चुका हूं, जिसे तुम ने अंगीकार भी किया था और जिस में तुम स्थिर भी हो। 
1Co 15:2  उसी के द्वारा तुम्हारा उद्धार भी होता है, यदि उस सुसमाचार को जो मैं ने तुम्हें सुनाया था स्मरण रखते हो; नहीं तो तुम्हारा विश्वास करना व्यर्थ हुआ। 
1Co 15:3 इसी कारण मैं ने सब से पहिले तुम्हें वही बात पहुंचा दी, जो मुझे पहुंची थी, कि पवित्र शास्‍त्र के वचन के अनुसार यीशु मसीह हमारे पापों के लिये मर गया। 
1Co 15:4 और गाड़ा गया, और पवित्र शास्‍त्र के अनुसार तीसरे दिन जी भी उठा। 
1Co 15:5  और कैफा को तब बारहों को दिखलाई दिया। 
1Co 15:6  फिर पांच सौ से अधिक भाइयों को एक साथ दिखाई दिया, जिन में से बहुतेरे अब तक वर्तमान हैं पर कितने सो गए। 
1Co 15:7  फिर याकूब को दिखाई दिया तब सब प्रेरितों को दिखाई दिया। 
1Co 15:8  और सब के बाद मुझ को भी दिखाई दिया, जो मानो अधूरे दिनों का जन्मा हूं। 
1Co 15:9  क्‍योंकि मैं प्ररितों में सब से छोटा हूं, वरन प्ररित कहलाने के योग्य भी नहीं, क्‍योंकि मैं ने परमेश्वर की कलीसिया को सताया था। 
1Co 15:10 परन्‍तु मैं जो कुछ भी हूं, परमेश्वर के अनुग्रह से हूं: और उसका अनुग्रह जो मुझ पर हुआ, वह व्यर्थ नहीं हुआ परन्तु मैं ने उन सब से बढ़कर परिश्रम भी किया: तौभी यह मेरी ओर से नहीं हुआ परन्‍तु परमेश्वर के अनुग्रह से जो मुझ पर था। 
1Co 15:11  सो चाहे मैं हूं, चाहे वे हों, हम यही प्रचार करते हैं, और इसी पर तुम ने विश्वास भी किया।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल ३७-३९ 
  • २ पतरस २


गुरुवार, 29 नवंबर 2012

वर्तमान


   यदि आपकी प्रवृति अपने खोए हुए अवसरों के बारे में, या फिर भविष्य के बारे में आकुल रहने की है तो अपने आप से एक प्रश्न पूछिए - "मेरे समक्ष इस समय क्या है?" दूसरे शब्दों में, अब इस समय मुझे क्या अवसर और विकल्प उपलब्ध हैं? इस प्रश्न के द्वारा आप अपना ध्यान किसी बीते समय के पछतावे या आते समय की अनिश्चितता के भय से हटा कर, वर्तमान और वर्तमान में परमेश्वर द्वारा संभव बातों पर केंद्रित कर सकते हैं।

   यह वही प्रश्न है जो परमेश्वर ने बाइबल के एक नायक मूसा से पूछा था। मूसा परेशान था; वह अपनी कमज़ोरियों से अवगत था, उसने इस्त्राएल को मिस्त्र की बन्धुवाई से निकाल कर लाने की परमेश्वर द्वारा दी गई बुलाहट के लिए अपना भय और अयोग्यता परमेश्वर के सामने व्यक्त करी। तब परमेश्वर ने मूसा से एक प्रश्न किया: "...तेरे हाथ में वह क्या है?" (निर्गमन ४:२)। परमेश्वर ने मूसा का ध्यान उसकी अपनी अयोग्यताओं, असमर्थताओं तथा भविष्य को लेकर उसकी चिंताओं से हटा कर वह जो उसके पास अभी था - चरवाहे की लाठी, उसी पर केंद्रित किया। मूसा को परमेश्वर ने दिखाया कि यदि उसके द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन हो तो वह एक साधारण लाठी में हो कर भी अपनी सामर्थ और आश्चर्यकर्म प्रगट कर सकता है, जिससे अविश्वासी लोग विश्वास कर सकें। आगे चलकर हम देखते हैं कि जैसे जैसे मूसा का विश्वास परमेश्वर में बढ़ता गया, वैसे वैसे ही परमेश्वर की सामर्थ द्वारा मूसा और भी अधिक बड़े बड़े आश्चर्यकर्म करता गया।

   क्या आप पिछली असफलताओं के बारे में चिंतित और विचारमग्न रहते हैं? क्या भविश्य को लेकर आपके मन में चिंताएं रहती हैं? परमेश्वर द्वारा मूसा से किए गए प्रश्न पर विचार कीजिए - "...तेरे हाथ में वह क्या है?" आपको विचलित करने वाली अपनी प्रत्येक परिस्थिति और बात को परमेश्वर के हाथों में सौंप दीजिए और उसके निर्देषों का पालन कीजिए जिससे वह आपके भले और अपनी महिमा के लिए आपके वर्तमान का प्रयोग कर सके। उसकी सामर्थ पर विश्वास किजिए, उसे अपने जीवन में अवसर दीजिए। बीते और आने वाले कल के कारण अपने वर्तमान को मत बिगाड़िए। - डेनिस फिशर


ना बदले जा सकने वाले भूतकाल और अनजाने भविष्य की चिंता कर के आप अपने वर्तमान को केवल बरबाद ही कर सकते हैं।

यहोवा ने उस से कहा, तेरे हाथ में वह क्या है? वह बोला, लाठी। - निर्गमन ४:२

बाइबल पाठ: निर्गमन ४:१-१२
Exo 4:1  तब मूसा ने उतर दिया, कि वे मेरी प्रतीति न करेंगे और न मेरी सुनेंगे, वरन कहेंगे, कि यहोवा ने तुझ को दर्शन नहीं दिया। 
Exo 4:2  यहोवा ने उस से कहा, तेरे हाथ में वह क्या है? वह बोला, लाठी। 
Exo 4:3  उस ने कहा, उसे भूमि पर डाल दे? जब उस ने उसे भूमि पर डाला तब वह सर्प बन गई, और मूसा उसके साम्हने से भागा। 
Exo 4:4  तब यहोवा ने मूसा से कहा, हाथ बढ़ाकर उसकी पूंछ पकड़ ले कि वे लोग प्रतीति करें कि तुम्हारे पितरों के परमेश्वर अर्थात इब्राहीम के परमेश्वर, इसहाक के परमेश्वर, और याकूब के परमेश्वर, यहोवा ने तुझ को दर्शन दिया है। 
Exo 4:5  तब उस ने हाथ बढ़ाकर उसको पकड़ा तब वह उसके हाथ में फिर लाठी बन गई। 
Exo 4:6  फिर यहोवा ने उस से यह भी कहा, कि अपना हाथ छाती पर रखकर ढांप। सो उस ने अपना हाथ छाती पर रखकर ढांप लिया; फिर जब उसे निकाला तब क्या देखा, कि उसका हाथ कोढ़ के कारण हिम के समान श्वेत हो गया है। 
Exo 4:7  तब उस ने कहा, अपना हाथ छाती पर फिर रखकर ढांप। और उस ने अपना हाथ छाती पर रखकर ढांप लिया; और जब उस ने उसको छाती पर से निकाला तब क्या देखता है, कि वह फिर सारी देह के समान हो गया। 
Exo 4:8  तब यहोवा ने कहा, यदि वे तेरी बात की प्रतीति न करें, और पहिले चिन्ह को न मानें, तो दूसरे चिन्ह की प्रतीति करेंगे। 
Exo 4:9  और यदि वे इन दोनों चिन्हों की प्रतीति न करें और तेरी बात को न मानें, तब तू नील नदी से कुछ जल लेकर सूखी भूमि पर डालना; और जो जल तू नदी से निकालेगा वह सूखी भूमि पर लोहू बन जाथेगा। 
Exo 4:10  मूसा ने यहोवा से कहा, हे मेरे प्रभु, मैं बोलने में निपुण नहीं, न तो पहिले था, और न जब से तू अपने दास से बातें करने लगा; मैं तो मुंह और जीभ का भद्दा हूं। 
Exo 4:11  यहोवा ने उस से कहा, मनुष्य का मुंह किस ने बनाया है? और मनुष्य को गूंगा, वा बहिरा, वा देखने वाला, वा अन्धा, मुझ यहोवा को छोड़ कौन बनाता है? 
Exo 4:12  अब जा, मैं तेरे मुख के संग होकर जो तुझे कहना होगा वह तुझे सिखलाता जाऊंगा।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल ३५-३६ 
  • २ पतरस १

बुधवार, 28 नवंबर 2012

स्वर्ग में अर्जन

   लोगों को विभिन्न प्रकार की वस्तुएं एकत्रित करने के शौक होते हैं - सिक्के, डाकटिकट, बेसबॉल कार्ड इत्यादि। यह एकत्रित करने की रुचि एक अच्छा शौक हो सकती है, किंतु गंभीरता की बात यह है कि जब हम इस पृथ्वी से कूच करेंगे तो हमारे ये सभी संग्रह यहीं रह जाएंगे, अन्य किसी की संपत्ति हो जाएंगे। ऐसे संग्रह का क्या महत्व और क्या मूल्य जिसकी कीमत केवल पृथ्वी पर ही हो परन्तु स्वर्ग में जिसकी कोई कीमत ना हो?

   प्रभु यीशु ने ऐसे संचय के विषय में अपने चेलों से कहा: "अपने लिये पृथ्वी पर धन इकट्ठा न करो जहां कीड़ा और काई बिगाड़ते हैं, और जहां चोर सेंध लगाते और चुराते हैं। परन्‍तु अपने लिये स्‍वर्ग में धन इकट्ठा करो, जहां न तो कीड़ा, और न काई बिगाड़ते हैं, और जहां चोर न सेंध लगाते और न चुराते हैं" (मत्ती ६:१९, २०)।

   अनन्त धन का मूल्य ही असल मूल्य है क्योंकि वह कभी बदलता या घटता नहीं है; ना वह चुराया जा सकता है और ना ही नष्ट हो सकता है। यह स्वर्गीय धन जमा करने वाले के नाम पर ही सदा के लिए रखा रहता है। विचारने की बात यह है कि उस अवश्यंभावी आते स्वर्गीय समय और स्थान के लिए हम केवल अभी पृथ्वी के अपने वर्तमान जीवन में ही उस धन का संचय कर सकते हैं। यह संचय कैसे किया जाता है? हमारे परमेश्वर की आज्ञाकारिता में किए गए सेवा कार्यों द्वारा; प्रभु यीशु के द्वारा पापों की क्षमा के सुसमाचार को दूसरों तक पहुंचाने के द्वारा; दुखी और बोझ से दबे लोगों को प्रभु यीशु में मिलने वाले आराम और शांति तक लाने के द्वारा; दूसरों पर प्रभु यीशु के समान दया और प्रेम के व्यवहार के द्वारा; प्रभु यीशु द्वारा सिखाए तथा बताए जीवन को संसार के सामने जी कर दिखाने के द्वारा।

   मरकुस रचित सुसमाचार में एक वृतांत है जिसमें एक धनी जवान ने प्रभु यीशु के पास आकर अनन्त जीवन का मार्ग जानना चाहा। प्रभु ने उससे कहा कि जो कुछ तेरे पास है उसे बेच कर कंगालों में बांट दे और मेरे पीछे हो ले। यह सुनकर वह धनी जवान अपना मुंह लटकाए दुखी होकर लौट गया (मरकुस १०:१७-२३)। उस धनी जवान की प्रतिक्रीया ने दिखा दिया कि उसके जीवन में वास्तविक महत्व किस चीज़ का था - धन-संपत्ति का या स्वर्गीय जीवन का।

   पार्थिव वस्तुओं और नाशमान धन-संपत्ति पर मन लगाना और उनको अर्जित करने के प्रयास में लगे रहना बहुत सहज तथा सामान्य है। परन्तु जब आप प्रभु यीशु को अपना जीवन स्वेच्छा से समर्पित करके उसका अनुसरण करने का निर्णय ले लेते हैं तो वह अनन्त कालीन धन-संपत्ति को स्वर्ग में अर्जित करने के आनन्द से आपको परिचित कराता है। स्वर्ग में अर्जन के उस आनन्द के समान संसार का कोई आनन्द नहीं और स्वर्गीय धन के समान संसार के किसी धन का कोई मूल्य नहीं।

   आज ही से स्वर्ग में अर्जन आरंभ कर दीजिए - केवल यही अनन्त काल तक काम आएगा। - जो स्टोवैल


पार्थिव को ढीले और स्वर्गीय को दृढ़ता से थामे रहें।

अपने लिये पृथ्वी पर धन इकट्ठा न करो जहां कीड़ा और काई बिगाड़ते हैं, और जहां चोर सेंध लगाते और चुराते हैं। परन्‍तु अपने लिये स्‍वर्ग में धन इकट्ठा करो, जहां न तो कीड़ा, और न काई बिगाड़ते हैं, और जहां चोर न सेंध लगाते और न चुराते हैं। - मत्ती ६:१९, २०

बाइबल पाठ: मत्ती ६:१९-३४
Mat 6:19  अपने लिये पृथ्वी पर धन इकट्ठा न करो जहां कीड़ा और काई बिगाड़ते हैं, और जहां चोर सेंध लगाते और चुराते हैं। 
Mat 6:20 परन्‍तु अपने लिये स्‍वर्ग में धन इकट्ठा करो, जहां न तो कीड़ा, और न काई बिगाड़ते हैं, और जहां चोर न सेंध लगाते और न चुराते हैं। 
Mat 6:21 क्‍योंकि जहां तेरा धन है वहां तेरा मन भी लगा रहेगा। 
Mat 6:22  शरीर का दिया आंख है: इसलिये यदि तेरी आंख निर्मल हो, तो तेरा सारा शरीर भी उजियाला होगा। 
Mat 6:23 परन्‍तु यदि तेरी आंख बुरी हो, तो तेरा सारा शरीर भी अन्‍धि्यारा होगा; इस कारण वह उजियाला जो तुझ में है यदि अन्‍धकार हो तो वह अन्‍धकार कैसा बड़ा होगा। 
Mat 6:24 कोई मनुष्य दो स्‍वामियों की सेवा नहीं कर सकता, क्‍योंकि वह एक से बैर ओर दूसरे से प्रेम रखेगा, वा एक से मिला रहेगा और दूसरे को तुच्‍छ जानेगा; तुम परमेश्वर और धन दोनो की सेवा नहीं कर सकते। 
Mat 6:25  इसलिये मैं तुम से कहता हूं, कि अपने प्राण के लिये यह चिन्‍ता न करना कि हम क्‍या खाएंगे और क्‍या पीएंगे और न अपने शरीर के लिये कि क्‍या पहिनेंगे क्‍या प्राण भोजन से, और शरीर वस्‍त्र से बढ़कर नहीं? 
Mat 6:26  आकाश के पक्षियों को देखो! वे न बोते हैं, न काटते हैं, और न खत्तों में बटोरते हैं; तौभी तुम्हारा स्‍वर्गीय पिता उन को खिलाता है; क्‍या तुम उन से अधिक मूल्य नहीं रखते? 
Mat 6:27  तुम में कौन है, जो चिन्‍ता करके अपनी अवस्था में एक घड़ी भी बढ़ा सकता है? 
Mat 6:28  और वस्‍त्र के लिये क्‍यों चिन्‍ता करते हो; जंगली सोसनों पर ध्यान करो, कि वै कैसे बढ़ते हैं, वे न तो परिश्रम करते हैं, न कातते हैं। 
Mat 6:29  तौभी मैं तुम से कहता हूं, कि सुलैमान भी, अपने सारे वैभव में उन में से किसी के समान वस्‍त्र पहिने हुए न था। 
Mat 6:30  इसलिये जब परमेश्वर मैदान की घास को, जो आज है, और कल भाड़ में झोंकी जाएगी, ऐसा वस्‍त्र पहिनाता है, तो हे अल्पविश्वासियों, तुम को वह क्‍योंकर न पहिनाएगा? 
Mat 6:31  इसलिये तुम चिन्‍ता करके यह न कहना, कि हम क्‍या खाएंगे, या क्‍या पीएंगे, या क्‍या पहिनेंगे? 
Mat 6:32  क्‍योंकि अन्यजाति इन सब वस्‍तुओं की खोज में रहते हैं, और तुम्हारा स्‍वर्गीय पिता जानता है, कि तुम्हें ये सब वस्‍तुएं चाहिए। 
Mat 6:33  इसलिये पहिले तुम उसे राज्य और धर्म की खोज करो तो ये सब वस्‍तुएं तुम्हें मिल जाएंगी। 
Mat 6:34  सो कल के लिये चिन्‍ता न करो, क्‍योंकि कल का दिन अपनी चिन्‍ता आप कर लेगा; आज के लिये आज ही का दुख बहुत है।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल ३३-३४ 
  • १ पतरस ५

मंगलवार, 27 नवंबर 2012

एबेनेज़र


   एक पुराना स्तुति गीत है "हे प्रभु आशीष के सोते" जो परमेश्वर के साथ मसीही विश्वासी की जीवन यात्रा के अनुभवों पर आधारित है। इस गीत में एक शब्द प्रयुक्त हुआ है ’एबेनेज़र’; यह शब्द परमेश्वर की प्रजा इस्त्राएल के उस अनुभव से लिया गया जब वे लोग अपने परमेश्वर के साथ के उनके निकट संबंध पूर्वसमान बनाने के प्रयास कर रहे थे। उनके आत्मिक अगुवे शमूएल ने उन्हें कहा कि यदि वे उन पराए देवताओं को, जिन्हें उन्होंने अपना लिया है, तज कर पूरे मन और सच्चे समर्पण के साथ परमेश्वर के पास वापस लौट आएंगे, तो वह उन्हें उनके आताताई पलिश्ति लोगों के आतंक से बचा लेगा (१ शमूएल ७:३)।

   जब उन लोगों ने ऐसा किया और अपने पापों से पश्चाताप किया, तब परमेश्वर ने उन्हें विजय दी।  इस विजय के उपलक्ष्य में "तब शमूएल ने एक पत्थर लेकर मिस्पा और शेन के बीच में खड़ा किया, और यह कहकर उसका नाम एबेनेजेर रखा, कि यहां तक यहोवा ने हमारी सहायता की है (१ शमूएल ७:१२)।"

   आज जब स्तुति गीत में हम गाते हैं कि, "एबेनेज़र तू मसीहा, हुआ मेरा तारणहार; इससे मैं भी पार उतरूँगा, शोक समुन्दर के उस पार" तो हम स्मरण करते हैं कि अपनी कमी घटी और आवश्यक्ता के समय में
हम भी पश्चाताप और समर्पण के साथ परमेश्वर की ओर लौट सकते हैं और वह हमारी सहायता करेगा। हमने चाहे जो भी किया हो, हम चाहे कहीं भी भटक गए हों, उसका अनुग्रह हमारे लिए उपलब्ध है और वह हमें, जो उसकी सन्तान हैं, सदा ही बहाल करने की चाह रखता है।

   अपने मनों में परमेश्वर के वचन को बसा लें, उसे अपना एबेनेज़र बना लें, और सदा स्मरण रखें कि जिस परमेश्वर ने आज तक और यहां तक आपको संभाला है, आपकी हर परिस्थिति में वह केवल एक प्रार्थना भर की दूरी पर आपकी प्रतीक्षा कर रहा है। - डेविड मैक्कैसलैंड


क्योंकि परमेश्वर हमारे साथ है, इसलिए हमें भविष्य का भय नहीं।

...यहां तक यहोवा ने हमारी सहायता की है। - १ शमूएल ७:१२

बाइबल पाठ: १ शमूएल ७:३-१४
1Sa 7:3  तब शमूएल ने इस्राएल के सारे घराने से कहा, यदि तुम अपने पूर्ण मन से यहोवा की ओर फिरे हो, तो पराए देवताओं और अश्तोरेत देवियों को अपने बीच में से दूर करो, और यहोवा की ओर अपना मन लगाकर केवल उसी की उपासना करो, तब वह तुम्हें पलिश्तियों के हाथ से छुड़ाएगा। 
1Sa 7:4  तब इस्राएलियों ने बाल देवताओं और अशतोरेत देवियों को दूर किया, और केवल यहोवा ही की उपासना करने लगे।
1Sa 7:5  फिर शमूएल ने कहा, सब इस्राएलियों को मिस्पा में इकट्ठा करो, और मैं तुम्हारे लिये यहोवा से प्रार्थना करूंगा। 
1Sa 7:6  तब वे मिस्पा में इकट्ठे हुए, और जल भरके यहोवा के साम्हने उंडेल दिया, और उस दिन उपवास किया, और वहां कहने लगे, कि हम ने यहोवा के विरूद्ध पाप किया है। और शमूएल ने मिस्पा में इस्राएलियों का न्याय किया। 
1Sa 7:7  जब पलिश्तियों ने सुना कि इस्राएली मिस्पा में इकट्ठे हुए हैं, तब उनके सरदारों ने इस्राएलियों पर चढ़ाई की। यह सुनकर इस्राएली पलिश्तियों से भयभीत हुए। 
1Sa 7:8  और इस्राएलियों ने शमूएल से कहा, हमारे लिये हमारे परमेश्वर यहोवा की दोहाई देना न छोड़, जिस से वह हम को पलिश्तियों के हाथ से बचाए। 
1Sa 7:9  तब शमूएल ने एक दूधपिउवा मेम्ना ले सर्वांग होमबलि करके यहोवा को चढ़ाया; और शमूएल ने इस्राएलियों के लिये यहोवा की दोहाई दी, और यहोवा ने उसकी सुन ली। 
1Sa 7:10  और जिस समय शमूएल होमबलि हो चढ़ा रहा था उस समय पलिश्ती इस्राएलियों के संग युद्ध करने के लिये निकट आ गए, तब उसी दिन यहोवा ने पलिश्तियों के ऊपर बादल को बड़े कड़क के साथ गरजाकर उन्हें घबरा दिया, और वे इस्राएलियों से हार गए। 
1Sa 7:11  तब इस्राएली पुरूषों ने मिस्पा से निकल कर पलिश्तियों को खदेड़ा, और उन्हें बेतकर के नीचे तक मारते चले गए। 
1Sa 7:12  तब शमूएल ने एक पत्थर लेकर मिस्पा और शेन के बीच में खड़ा किया, और यह कहकर उसका नाम एबेनेजेर रखा, कि यहां तक यहोवा ने हमारी सहायता की है। 
1Sa 7:13  तब पलिश्ती दब गए, और इस्राएलियों के देश में फिर न आए, और शमूएल के जीवन भर यहोवा का हाथ पलिश्तियों के विरूद्ध बना रहा। 
1Sa 7:14  और एक्रोन और गत तक जितने नगर पलिश्तियों ने इस्राएलियों के हाथ से छीन लिए थे, वे फिर इस्राएलियों के वश में आ गए; और उनका देश भी इस्राएलियों ने पलिश्तियों के हाथ से छुड़ाया। और इस्राएलियों और एमोरियों के बीच भी सन्धि हो गई।

एक साल में बाइबल: 

  • सभोपदेशक १-३ 
  • २ कुरिन्थियों ११:१६-३३