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शनिवार, 3 दिसंबर 2016

किसकी ओर?


   अमेरिका के गृहयुद्ध के समय में, राष्ट्रपति लिंकन के सलाहकारों में से एक ने कहा कि वह कृतज्ञ है कि परमेश्वर उनकी ओर है। लिंकन ने उत्तर दिया, "श्रीमान, मेरी चिन्ता यह नहीं है कि क्या परमेश्वर मेरी ओर है; मेरी सबसे बड़ी चिन्ता तो यह है कि क्या मैं परमेश्वर की ओर हूँ; क्योंकि केवल परमेश्वर ही सर्वदा सही होता है।"

   हमारे लिए जो यह मान के चलते हैं परमेश्वर हमारी योजनाओं, दृष्टिकोण, निर्णयों और लालसाओं का समर्थन करता है, लिंकन का यह कथन अपना आँकलन करने की बड़ी चुनौती प्रस्तुत करता है। लिंकन की यह बात हमें स्मरण करवाती है कि यह बहुत संभव है कि हमारी अच्छी से अच्छी योजनाएं भी परमेश्वर की इच्छा के अनुरूप ना हों।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार स्पष्टतः परमेश्वर की ओर होना चाहता है, तभी उसने लिखा: "हे ईश्वर, मुझे जांच कर जान ले! मुझे परख कर मेरी चिन्ताओं को जान ले! और देख कि मुझ में कोई बुरी चाल है कि नहीं, और अनन्त के मार्ग में मेरी अगुवाई कर!" (भजन 139:23-24)। जब हम परमेश्वर के निकट आने के लिए (भजन 73:28) भजनकार के उदाहरण का अनुसरण करते हैं तो हम निश्चित रह सकते हैं कि हम उसकी ओर हैं, क्योंकि उसका पवित्र आत्मा हमें अपने प्रत्येक विचार और कार्य का आँकलन उसके मापदण्ड से, जो सर्वदा सही होता है, करने में सहायता करता है।

   इसलिए आईये हम अपने आप से प्रश्न करें, क्या हम प्रभु की ओर हैं? उसकी ओर होने का अर्थ है उसके स्वभाव को अपने जीवन से दिखाना; हम जब लोगों से संपर्क रखते हैं तो प्रभु के प्रेम को उन लोगों के समक्ष प्रतिबिंबित करेंगे, हम उन्हें क्षमा करेंगे, उनके साथ सही व्यवहार करेंगे और शान्ति के खोजी रहेंगे। क्योंकि परमेश्वर के मार्ग सर्वदा सही होते हैं; इसलिए विचार करें कि हम किसकी ओर हैं? - जो स्टोवैल


यदि आप परमेश्वर की निकटता में आते हैं, तो अवश्य ही आप उसकी ओर भी होंगे।

इसलिये परमेश्वर के आधीन हो जाओ; और शैतान का साम्हना करो, तो वह तुम्हारे पास से भाग निकलेगा। परमेश्वर के निकट आओ, तो वह भी तुम्हारे निकट आएगा: हे पापियों, अपने हाथ शुद्ध करो; और हे दुचित्ते लोगों अपने हृदय को पवित्र करो। - याकूब 4:7-8

बाइबल पाठ: भजन 73
Psalms 73:1 सचमुच इस्त्राएल के लिये अर्थात शुद्ध मन वालों के लिये परमेश्वर भला है। 
Psalms 73:2 मेरे डग तो उखड़ना चाहते थे, मेरे डग फिसलने ही पर थे। 
Psalms 73:3 क्योंकि जब मैं दुष्टों का कुशल देखता था, तब उन घमण्डियों के विषय डाह करता था।
Psalms 73:4 क्योंकि उनकी मृत्यु में वेदनाएं नहीं होतीं, परन्तु उनका बल अटूट रहता है। 
Psalms 73:5 उन को दूसरे मनुष्यों की नाईं कष्ट नहीं होता; और और मनुष्यों के समान उन पर विपत्ति नहीं पड़ती। 
Psalms 73:6 इस कारण अहंकार उनके गले का हार बना है; उनका ओढ़ना उपद्रव है। 
Psalms 73:7 उनकी आंखें चर्बी से झलकती हैं, उनके मन की भवनाएं उमण्डती हैं। 
Psalms 73:8 वे ठट्ठा मारते हैं, और दुष्टता से अन्धेर की बात बोलते हैं; 
Psalms 73:9 वे डींग मारते हैं। वे मानों स्वर्ग में बैठे हुए बोलते हैं, और वे पृथ्वी में बोलते फिरते हैं।
Psalms 73:10 तौभी उसकी प्रजा इधर लौट आएगी, और उन को भरे हुए प्याले का जल मिलेगा। 
Psalms 73:11 फिर वे कहते हैं, ईश्वर कैसे जानता है? क्या परमप्रधान को कुछ ज्ञान है? 
Psalms 73:12 देखो, ये तो दुष्ट लोग हैं; तौभी सदा सुभागी रहकर, धन सम्पत्ति बटोरते रहते हैं। 
Psalms 73:13 निश्चय, मैं ने अपने हृदय को व्यर्थ शुद्ध किया और अपने हाथों को निर्दोषता में धोया है; 
Psalms 73:14 क्योंकि मैं दिन भर मार खाता आया हूं और प्रति भोर को मेरी ताड़ना होती आई है।
Psalms 73:15 यदि मैं ने कहा होता कि मैं ऐसा ही कहूंगा, तो देख मैं तेरे लड़कों की सन्तान के साथ क्रूरता का व्यवहार करता, 
Psalms 73:16 जब मैं सोचने लगा कि इसे मैं कैसे समझूं, तो यह मेरी दृष्टि में अति कठिन समस्या थी, 
Psalms 73:17 जब तक कि मैं ने ईश्वर के पवित्र स्थान में जा कर उन लोगों के परिणाम को न सोचा। 
Psalms 73:18 निश्चय तू उन्हें फिसलने वाले स्थानों में रखता है; और गिराकर सत्यानाश कर देता है। 
Psalms 73:19 अहा, वे क्षण भर में कैसे उजड़ गए हैं! वे मिट गए, वे घबराते घबराते नाश हो गए हैं। 
Psalms 73:20 जैसे जागने हारा स्वप्न को तुच्छ जानता है, वैसे ही हे प्रभु जब तू उठेगा, तब उन को छाया सा समझ कर तुच्छ जानेगा।
Psalms 73:21 मेरा मन तो चिड़चिड़ा हो गया, मेरा अन्त:करण छिद गया था, 
Psalms 73:22 मैं तो पशु सरीखा था, और समझता न था, मैं तेरे संग रह कर भी, पशु बन गया था। 
Psalms 73:23 तौभी मैं निरन्तर तेरे संग ही था; तू ने मेरे दाहिने हाथ को पकड़ रखा। 
Psalms 73:24 तू सम्मति देता हुआ, मेरी अगुवाई करेगा, और तब मेरी महिमा कर के मुझ को अपने पास रखेगा। 
Psalms 73:25 स्वर्ग में मेरा और कौन है? तेरे संग रहते हुए मैं पृथ्वी पर और कुछ नहीं चाहता। 
Psalms 73:26 मेरे हृदय और मन दोनों तो हार गए हैं, परन्तु परमेश्वर सर्वदा के लिये मेरा भाग और मेरे हृदय की चट्टान बना है।
Psalms 73:27 जो तुझ से दूर रहते हैं वे तो नाश होंगे; जो कोई तेरे विरुद्ध व्यभिचार करता है, उसको तू विनाश करता है। 
Psalms 73:28 परन्तु परमेश्वर के समीप रहना, यही मेरे लिये भला है; मैं ने प्रभु यहोवा को अपना शरणस्थान माना है, जिस से मैं तेरे सब कामों का वर्णन करूं।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजेकल 45-46
  • 1 यूहन्ना 2


शुक्रवार, 2 दिसंबर 2016

चिंता और संतुष्टि


   न्यू यॉर्क के एक कानूनी व्यवसायसंघ द्वारा करवाए गए ऑन-लाईन सर्वेक्षण से पता चला कि वॉल स्ट्रीट से कार्य करने वाले व्यवसायियों, दलालों, निवेश बैंकरों और अन्य आर्थिक सेवाओं में लगे व्यवसायियों में से 52% मानते हैं कि अपने व्यवसाय में सफल होने के लिए या तो वे गैर-कानूनी कार्यविधि में संलग्न रहें हैं अथवा यदि आवश्यक लगा तो हो जाएंगे। सर्वेक्षण का निष्कर्ष था कि आर्थिक सेवाओं से संबंधित ये अगुवे अपना नैतिक दिशासूचक खो चुके हैं और उन्होंने व्यावसायिक समुदाय में गैर कानूनी कार्यों को आवश्यक बुराई स्वीकार कर लिया है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में, जवान तिमुथियुस को मसीही विश्वास से संबंधित परामर्श देते हुए प्रेरित पौलुस ने उसे चिताया कि धन के लोभ और धनवान हो जाने के आकर्षण ने अनेकों को पथभ्रष्ट कर दिया है। उन्होंने प्रलोभनों और परीक्षाओं के सामने घुटने टेक दिए और अनेक हानिकारक और व्यर्थ लालसाओं को अपना लिया (1 तिमुथियुस 6:9)। पौलुस ने धन के लोभ को (धन को नहीं) सब प्रकार की बुराईयों की जड़ कहा है (पद 10); विशेषकर प्रभु यीशु पर निर्भर होने की बजाए धन पर निर्भर होने को।

   जैसे जैसे हम यह सीखते और पहचानते हैं कि जो कुछ भी हमारे पास है उसका स्त्रोत मसीह यीशु ही है, वैसे वैसे हम भौतिक संपत्ति में नहीं वरन प्रभु में संतुष्टि ढूँढ़ने लगेंगे। जब हम धन-संपत्ति की बजाए परमेश्वर भक्ति के खोजी बनेंगे, तो जो भी हमारे पास है उसमें ही परमेश्वर के प्रति विश्वासयोग्य बने रहने की अभिलाषा हमारे अन्दर बढ़ने लगेगी।

   हम मसीही विश्वासियों को चाहिए कि हम अपने अन्दर परमेश्वर में संतुष्टि और उसको पूर्ण समर्पण का रवैया विकसित करें, क्योंकि हमारा प्रभु ही हमारे लिए प्रत्येक प्रावधान करने वाला है, उसे हमारी आवश्यकताओं की चिंता है। - मार्विन विलियम्स


धन से प्रेम जीवन के स्त्रोत प्रभु को नज़रन्दाज़ करवा देता है।

इसलिये परमेश्वर के बलवन्‍त हाथ के नीचे दीनता से रहो, जिस से वह तुम्हें उचित समय पर बढ़ाए। और अपनी सारी चिन्‍ता उसी पर डाल दो, क्योंकि उसको तुम्हारा ध्यान है। - 1 पतरस 5:6-7

बाइबल पाठ: 1 तिमुथियुस 6:6-10
1 Timothy 6:6 पर सन्‍तोष सहित भक्ति बड़ी कमाई है। 
1 Timothy 6:7 क्योंकि न हम जगत में कुछ लाए हैं और न कुछ ले जा सकते हैं। 
1 Timothy 6:8 और यदि हमारे पास खाने और पहिनने को हो, तो इन्‍हीं पर सन्‍तोष करना चाहिए। 
1 Timothy 6:9 पर जो धनी होना चाहते हैं, वे ऐसी परीक्षा, और फंदे और बहुतेरे व्यर्थ और हानिकारक लालसाओं में फंसते हैं, जो मनुष्यों को बिगाड़ देती हैं और विनाश के समुद्र में डूबा देती हैं। 
1 Timothy 6:10 क्योंकि रूपये का लोभ सब प्रकार की बुराइयों की जड़ है, जिसे प्राप्त करने का प्रयत्न करते हुए कितनों ने विश्वास से भटक कर अपने आप को नाना प्रकार के दुखों से छलनी बना लिया है।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजेकल 42-44
  • 1 यूहन्ना 1


गुरुवार, 1 दिसंबर 2016

लत


   एरिक जानता था कि वह एक बुरी लत से संघर्ष कर रहा है। उसके मित्रों और परिवार जनों ने उसे प्रेरित किया कि वह उस लत को छोड़ सके; एरिक ने भी माना कि उस लत को छोड़ना ही उसके स्वास्थ्य और संबंधों के लिए भला होगा, परन्तु वह अपने आप को उस लत के सामने असहाय अनुभव कर रहा था। जब और लोग उसे बताते कि कैसे उन्होंने अपनी लत को छोड़ा, तो वह उत्तर देता, "मैं आपके लिए प्रसन्न हूँ, पर स्वयं इस लत को छोड़ नहीं पा रहा हूँ! काश कि मैं कभी इसे आरंभ करने के प्रलोभन में पड़ा ही ना होता। मैं तो चाहता हूँ कि परमेश्वर इस लत की इच्छा को मेरे अन्दर से अभी, तुरंत हटा दे।"

   तुरंत ही किसी व्यसन से छुटकारा पाना कुछ ही लोगों के लिए संभव होने पाता है, अधिकांश को प्रतिदिन के संघर्ष का सामना करना पड़ता है। चाहे हम यह समझ नहीं पाएं कि लत हमसे दूर क्यों नहीं हो जाती, परन्तु हम जिस भी स्थिति में हों, परमेश्वर की ओर मुड़ सकते हैं, उसकी सहायता प्राप्त कर सकते हैं। शायद यही हमारे संघर्ष का सबसे महत्वपूर्ण भाग है - अपने व्यर्थ प्रयासों के स्थान पर पूर्णतया परमेश्वर पर विश्वास करके उसके मार्गों और विधियों पर भरोसा करना, उन्हें स्वीकार करना, उनका पालन करना, पूर्णतया परमेश्वर पर निर्भर होना सीखना।

   हमारे समान ही हमारे और जगत के उद्धारकर्ता की भी परीक्षा हुई थी: "और जंगल में चालीस दिन तक शैतान ने उस की परीक्षा की; और वह वन पशुओं के साथ रहा; और स्वर्गदूत उस की सेवा करते रहे" (मरकुस 1:13), इसलिए वह हमारी भावनाओं को भली-भांति समझता है, हमारे साथ सहानुभूति रखता है, "क्योंकि हमारा ऐसा महायाजक नहीं, जो हमारी निर्बलताओं में हमारे साथ दुखी न हो सके; वरन वह सब बातों में हमारी नाईं परखा तो गया, तौभी निष्‍पाप निकला। इसलिये आओ, हम अनुग्रह के सिंहासन के निकट हियाव बान्‍धकर चलें, कि हम पर दया हो, और वह अनुग्रह पाएं, जो आवश्यकता के समय हमारी सहायता करे" (इब्रानियों 4:15-16)। वह हमारी सहायता के लिए और लोगों को, जैसे कि इस कार्य के लिए प्रशिक्षित लोग, तथा अन्य सहायकों का भी प्रयोग करता है, जिससे कि आअवश्यकतानुसार हमारी सहायता और सहारे के लिए लोग उपलब्ध हों।

   आज हम चाहे जिस संघर्ष का सामना कर रहे हों, हम यह जानते हैं कि हमारे प्रति परमेश्वर का प्रेम हमारी कल्पना से भी कहीं अधिक बढ़कर है, और परमेश्वर हमारे प्रति विश्वासयोग्य बना रहता है, हमारी सहायता के लिए जो कुछ आवश्यक है वह करता है। - ऐनी सेटास


हमारी परीक्षा इसलिए नहीं होती है क्योंकि हम बुरे हैं; 
हमारी परीक्षा इसलिए होती है क्योंकि हम मनुष्य हैं।

तुम किसी ऐसी परीक्षा में नहीं पड़े, जो मनुष्य के सहने से बाहर है: और परमेश्वर सच्चा है: वह तुम्हें सामर्थ से बाहर परीक्षा में न पड़ने देगा, वरन परीक्षा के साथ निकास भी करेगा; कि तुम सह सको। - 1 कुरिन्थियों 10:13

बाइबल पाठ: इब्रानियों 4:9-16
Hebrews 4:9 सो जान लो कि परमेश्वर के लोगों के लिये सब्त का विश्राम बाकी है। 
Hebrews 4:10 क्योंकि जिसने उसके विश्राम में प्रवेश किया है, उसने भी परमेश्वर की नाईं अपने कामों को पूरा कर के विश्राम किया है। 
Hebrews 4:11 सो हम उस विश्राम में प्रवेश करने का प्रयत्न करें, ऐसा न हो, कि कोई जन उन की नाईं आज्ञा न मान कर गिर पड़े। 
Hebrews 4:12 क्योंकि परमेश्वर का वचन जीवित, और प्रबल, और हर एक दोधारी तलवार से भी बहुत चोखा है, और जीव, और आत्मा को, और गांठ गांठ, और गूदे गूदे को अलग कर के, वार पार छेदता है; और मन की भावनाओं और विचारों को जांचता है। 
Hebrews 4:13 और सृष्‍टि की कोई वस्तु उस से छिपी नहीं है वरन जिस से हमें काम है, उस की आंखों के साम्हने सब वस्तुएं खुली और बेपरदा हैं।
Hebrews 4:14 सो जब हमारा ऐसा बड़ा महायाजक है, जो स्‍वर्गों से हो कर गया है, अर्थात परमेश्वर का पुत्र यीशु; तो आओ, हम अपने अंगीकार को दृढ़ता से थामें रहे। 
Hebrews 4:15 क्योंकि हमारा ऐसा महायाजक नहीं, जो हमारी निर्बलताओं में हमारे साथ दुखी न हो सके; वरन वह सब बातों में हमारी नाईं परखा तो गया, तौभी निष्‍पाप निकला। 
Hebrews 4:16 इसलिये आओ, हम अनुग्रह के सिंहासन के निकट हियाव बान्‍धकर चलें, कि हम पर दया हो, और वह अनुग्रह पाएं, जो आवश्यकता के समय हमारी सहायता करे।

एक साल में बाइबल: 

  • यहेजेकल 40-41
  • 2 पतरस 3


बुधवार, 30 नवंबर 2016

"जैसा है"


   यदि बिक्री के लिए रखे गए घर के साथ कहा जाता है "जैसा है" तो इसका तात्पर्य है कि विक्रेता उस घर की मरम्मात करवा पाने में या तो असमर्थ है या फिर उस पर कोई खर्च करना नहीं चाहता है। उस घर के लिए आवश्यक जो भी मरम्मत की आवश्यकता होगी वह खरीदने वाला सौदा पूरा और पक्का हो जाने के पश्चात अपने आप और अपनी ज़िम्मेदारी पर करवाएगा। किसी अचल संपत्ति पर "जैसा है" की सूचना के लगे होने का तात्पर्य है, "खरीद्दार सतर्क रहे; मकान पर काफी खर्चा करने की संभावना है।"

   कितना विलक्षण है कि जब प्रभु यीशु ने समस्त संसार के सभी मनुष्यों के लिए अपने प्राणों का बलिदान किया, तो उन्होंने हमारी पापमय दशा और उसके कारण हम में आने वाली विकृतियों के बावजूद हमारे लिए सर्वोच्च कीमत चुकाई। परमेश्वर के वचन बाइबल की अन्तिम पुस्तक, प्रकाशितवाक्य के पाँचवें अध्याय में स्वर्ग के एक दृश्य को दिखाया गया है जहाँ "न स्वर्ग में, न पृथ्वी पर, न पृथ्वी के नीचे कोई उस पुस्‍तक को खोलने या उस पर दृष्टि डालने के योग्य निकला। और मैं फूट फूटकर रोने लगा, क्योंकि उस पुस्‍तक के खोलने, या उस पर दृष्टि करने के योग्य कोई न मिला। तब उन प्राचीनों में से एक ने मुझे से कहा, मत रो; देख, यहूदा के गोत्र का वह सिंह, जो दाऊद का मूल है, उस पुस्‍तक को खोलने और उसकी सातों मुहरें तोड़ने के लिये जयवन्‍त हुआ है" (प्रकाशितवाक्य 5:3-5)। वह मेमना बनकर आता है और एक नए गीत में स्तुति का विषय बन जाता है: "और वे यह नया गीत गाने लगे, कि तू इस पुस्‍तक के लेने, और उसकी मुहरें खोलने के योग्य है; क्योंकि तू ने वध हो कर अपने लोहू से हर एक कुल, और भाषा, और लोग, और जाति में से परमेश्वर के लिये लोगों को मोल लिया है। और उन्हें हमारे परमेश्वर के लिये एक राज्य और याजक बनाया; और वे पृथ्वी पर राज्य करते हैं" (प्रकाशितवाक्य 5:9-10)।

   प्रभु यीशु मसीह ने हमारे उद्धार और हमारे परमेश्वर से मेल-मिलाप के लिए स्वेच्छा से अपने लहू द्वारा हमारी कीमत चुका दी है; उसने हमारी "जैसे हैं" दशा में, हमारी त्रुटियों, अपूर्णताओं, और अनिवार्य सुधार-संवार आवश्यकता होने की स्थिति के बावजूद हमारे लिए अपनी जान से कीमत चुका दी है। अब साधारण विश्वास के द्वारा स्वेच्छा से हम उसके स्वामित्व को, उसके द्वारा किए जाने वाले हमारे सुधार-संवार को स्वीकार कर सकते हैं, अपने आप को परमेश्वर की महिमा के लिए प्रयोग होने वाले पात्र बना सकते हैं।

   कैसी अद्भुत बात है कि परमेश्वर ने हमारे बारे में सब कुछ भली-भांति जानने के बावजूद भी, हमारी "जैसे हैं" दशा में भी, हम से प्रेम किया और हमें संवारने के लिए अपने पुत्र की कीमत पर हमें अपने पास बुला लिया। - डेविड मैक्कैसलैंड


परमेश्वर हमें अन्दर-बाहर भली-भांति जानता है; 
उसके लिए कोई भी सुधारे-संवारे जाने की सीमा से बाहर नहीं है।

सो यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्‍टि है: पुरानी बातें बीत गई हैं; देखो, वे सब नई हो गईं। - 2 कुरिन्थियों 5:17

बाइबल पाठ: प्रकाशितवाक्य 5:1-12
Revelation 5:1 और जो सिंहासन पर बैठा था, मैं ने उसके दाहिने हाथ में एक पुस्‍तक देखी, जो भीतर और बाहर लिखी हुई भी, और वह सात मुहर लगा कर बन्‍द की गई थी। 
Revelation 5:2 फिर मैं ने एक बलवन्‍त स्वर्गदूत को देखा जो ऊंचे शब्द से यह प्रचार करता था कि इस पुस्‍तक के खोलने और उस की मुहरें तोड़ने के योग्य कौन है? 
Revelation 5:3 और न स्वर्ग में, न पृथ्वी पर, न पृथ्वी के नीचे कोई उस पुस्‍तक को खोलने या उस पर दृष्टि डालने के योग्य निकला। 
Revelation 5:4 और मैं फूट फूटकर रोने लगा, क्योंकि उस पुस्‍तक के खोलने, या उस पर दृष्टि करने के योग्य कोई न मिला। 
Revelation 5:5 तब उन प्राचीनों में से एक ने मुझे से कहा, मत रो; देख, यहूदा के गोत्र का वह सिंह, जो दाऊद का मूल है, उस पुस्‍तक को खोलने और उसकी सातों मुहरें तोड़ने के लिये जयवन्‍त हुआ है। 
Revelation 5:6 और मैं ने उस सिंहासन और चारों प्राणियों और उन प्राचीनों के बीच में, मानों एक वध किया हुआ मेम्ना खड़ा देखा: उसके सात सींग और सात आंखे थीं; ये परमेश्वर की सातों आत्माएं हैं, जो सारी पृथ्वी पर भेजी गई हैं। 
Revelation 5:7 उसने आ कर उसके दाहिने हाथ से जो सिंहासन पर बैठा था, वह पुस्‍तक ले ली, 
Revelation 5:8 और जब उसने पुस्‍तक ले ली, तो वे चारों प्राणी और चौबीसों प्राचीन उस मेम्ने के साम्हने गिर पड़े; और हर एक के हाथ में वीणा और धूप से भरे हुए सोने के कटोरे थे, ये तो पवित्र लोगों की प्रार्थनाएं हैं। 
Revelation 5:9 और वे यह नया गीत गाने लगे, कि तू इस पुस्‍तक के लेने, और उसकी मुहरें खोलने के योग्य है; क्योंकि तू ने वध हो कर अपने लोहू से हर एक कुल, और भाषा, और लोग, और जाति में से परमेश्वर के लिये लोगों को मोल लिया है। 
Revelation 5:10 और उन्हें हमारे परमेश्वर के लिये एक राज्य और याजक बनाया; और वे पृथ्वी पर राज्य करते हैं। 
Revelation 5:11 और जब मैं ने देखा, तो उस सिंहासन और उन प्राणियों और उन प्राचीनों के चारों ओर बहुत से स्‍वर्गदूतों का शब्द सुना, जिन की गिनती लाखों और करोड़ों की थी। 
Revelation 5:12 और वे ऊंचे शब्द से कहते थे, कि वध किया हुआ मेम्ना ही सामर्थ, और धन, और ज्ञान, और शक्ति, और आदर, और महिमा, और धन्यवाद के योग्य है।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजेकल 37-39
  • 2 पतरस 2


मंगलवार, 29 नवंबर 2016

अन्त


   परमेश्वर के वचन बाइबल के कथानक का अन्त वहीं पर होता है जहाँ से वह आरंभ हुआ था। उस अन्त में परमेश्वर और मनुष्य के बीच का टूटा हुआ रिश्ता अन्ततः ठीक होकर पुनःस्थापित हो जाता है, और उत्पत्ति 3 में आया श्राप मिट जाता है। आरंभ के अदन की वाटिका के दृश्य से ली गई छवियों के समान, अन्तिम पुस्तक प्रकाशितवाक्य में एक नदी और जीवन के वृक्ष का चित्रण है (प्रकाशितवाक्य 22:1-2); लेकिन यहाँ वाटिका के स्थान पर एक बड़ा शहर है जो परमेश्वर के आराधकों से भरा हुआ है, और जहाँ मृत्यु या किसी भी प्रकार की उदासी वहाँ के दृश्य पर कभी कोई अन्धकार नहीं लाने पाएंगे। जब हम मसीही विश्वासी उस नए आकाश और नई पृथ्वी में अपनी आँखें खोलेंगे वह इस कथानक का सुखद अन्त होगा।

   स्वर्ग कोई वैकलपिक विश्वास या बाद में जोड़ा गया विचार नहीं है; वह समस्त सृष्टि की अन्तिम दोषमुक्ति है। बाइबल कभी मानव त्रासदी और निराशाओं को छोटा या महत्वहीन करके नहीं आंकती; बाइबल के समान कष्टप्रद होने तक खरी और सच्ची पुस्तक और कोई नहीं है। लेकिन इन सब के वास्तविक होने के अंगीकार के साथ बाइबल इनके बारे में एक शब्द और जोड़ देती है: अस्थायी। जो हम अब अनुभव कर रहे हैं वह सदा नहीं रहेगा (2 कुरिन्थियों 4:17-18); सृष्टि के सुखद पुनःनिर्माण का समय भी आएगा।

   जो मसीही विश्वासी अपने आप को किसी दुःख या टूटे हुए घर-परिवारों, या आर्थिक तंगी, या किसी भय में फंसा हुआ अनुभव करते हैं, हम सब के लिए, हमारे प्रभु परमेश्वर की ओर से स्वर्ग में स्वास्थ्य, आनन्द और शान्ति से परिपूर्ण अनन्त भविष्य का वायदा है। बाइबल का आरंभ उत्पत्ति की पुस्तक में एक मुक्तिदाता के वायदे (उत्पत्ति 3:15) के साथ होता है, और अन्त भी उसी मुक्तिदाता के वायदे - अनन्त सुखद भविष्य के साथ होता है (प्रकाशितवाक्य 21:1-7), जब अन्त एक नया आरंभ होगा। - फिलिप यैन्सी


स्वर्ग के लाभ पृथ्वी की हानियों की पूर्ति से कहीं अधिक बढ़कर होंगे।

क्योंकि हमारा पल भर का हल्का सा क्‍लेश हमारे लिये बहुत ही महत्‍वपूर्ण और अनन्त महिमा उत्पन्न करता जाता है। और हम तो देखी हुई वस्‍तुओं को नहीं परन्तु अनदेखी वस्‍तुओं को देखते रहते हैं, क्योंकि देखी हुई वस्तुएं थोड़े ही दिन की हैं, परन्तु अनदेखी वस्तुएं सदा बनी रहती हैं। - 2 कुरिन्थियों 4:17-18

बाइबल पाठ: प्रकाशितवाक्य 21:1-7
Revelation 21:1 फिर मैं ने नये आकाश और नयी पृथ्वी को देखा, क्योंकि पहिला आकाश और पहिली पृथ्वी जाती रही थी, और समुद्र भी न रहा। 
Revelation 21:2 फिर मैं ने पवित्र नगर नये यरूशलेम को स्वर्ग पर से परमेश्वर के पास से उतरते देखा, और वह उस दुल्हिन के समान थी, जो अपने पति के लिये सिंगार किए हो। 
Revelation 21:3 फिर मैं ने सिंहासन में से किसी को ऊंचे शब्द से यह कहते सुना, कि देख, परमेश्वर का डेरा मनुष्यों के बीच में है; वह उन के साथ डेरा करेगा, और वे उसके लोग होंगे, और परमेश्वर आप उन के साथ रहेगा; और उन का परमेश्वर होगा। 
Revelation 21:4 और वह उन की आंखों से सब आंसू पोंछ डालेगा; और इस के बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहिली बातें जाती रहीं। 
Revelation 21:5 और जो सिंहासन पर बैठा था, उसने कहा, कि देख, मैं सब कुछ नया कर देता हूं: फिर उसने कहा, कि लिख ले, क्योंकि ये वचन विश्वास के योग्य और सत्य हैं। 
Revelation 21:6 फिर उसने मुझ से कहा, ये बातें पूरी हो गई हैं, मैं अलफा और ओमिगा, आदि और अन्‍त हूं: मैं प्यासे को जीवन के जल के सोते में से सेंतमेंत पिलाऊंगा। 
Revelation 21:7 जो जय पाए, वही इन वस्‍तुओं का वारिस होगा; और मैं उसका परमेश्वर होऊंगा, और वह मेरा पुत्र होगा।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजेकल 35-36
  • 2 पतरस 1


सोमवार, 28 नवंबर 2016

शान्तिदायक


   अफ्रिका की स्वाहीलि भाषा में "अमानी" का अर्थ होता है "शान्ति"; और यह नाम है एक लैब्राडोर रिट्रीवर जाति के पिल्ले का, जिसके कुछ विशेष मित्र हैं। इस पिल्ले, अमानी, को डैलस के चिड़ियाघर में चीते के दो शावकों के साथ रखा गया है। प्राणी शस्त्रियों ने इन्हें एक साथ इसलिए रखा है क्योंकि कुत्ते सार्वजनिक स्थितियों में भी अकसर शान्त ही रहते हैं; इसलिए उन विशेषज्ञों का मानना है कि अमानी की उपस्थिति साथ साथ बढ़ते हुए उन चीतों को भी शान्त बनाए रखेगी।

   परमेश्वर के वचन बाइबल का एक प्रमुख पात्र, दाऊद, इस्त्राएल के पहले राजा शाऊल के लिए शान्तिदायक होता था, जब भी शाऊल पर उसे अशान्त कर देने वाला दुष्ट-आत्मा आता था (1 शमूएल 16:14)। जब शाऊल के सेवकों ने शाऊल के अशान्त होने जाने के बारे में जाना, तो उन्हें लगा कि संगीत उसकी समस्या का समाधान हो सकता है। इसलिए शाऊल का एक सेवक दाऊद को, जो कुशल हार्प (तारों वाला एक संगीत वाद्य) वादक था, बुला लाया। जब भी राजा परेशान होता, दाऊद उसके लिए हार्प बजाता, और "शाऊल चैन पाकर अच्छा हो जाता था, और वह दुष्ट आत्मा उस में से हट जाता था" (1 शमूएल 16:23)।

   जब भी हम क्रोध, आवेश, भय, उदासी या अन्य किसी कारणवश परेशान हों, तब हम सभी तरोताज़ा और स्वच्छानन्दित होना चाहते हैं। बाइबल का परमेश्वर "शान्ति का परमेश्वर" है (इब्रानियों १३:२०-२१); जो कोई भी स्वेच्छा से उस प्रभु परमेश्वर पर विश्वास लाता है और उससे अपने पापों की क्षमा माँग कर अपना जीवन उसे समर्पित कर देता है, उसे वह अपना पवित्र आत्मा देता है जो उसके अन्दर निवास करता है, उसका मार्ग-दर्शन करता है उसे शान्ति में बनाए रखता है। जब कभी हम विचलित, या चिंतित हों, हमें स्मरण कर लेना चाहिए कि परमेश्वर का आत्मा हमें सामर्थ, प्रेम और आत्मसंयम के लिए दिया गया है: "क्योंकि परमेश्वर ने हमें भय की नहीं पर सामर्थ, और प्रेम, और संयम की आत्मा दी है" (2 तिमुथियुस 1:7)।

   हमारे जीवनों में परमेश्वर का प्रभाव हमें शान्त बनाता है, जिससे हम स्वयं भी शान्त रहें और दूसरों के लिए भी शान्तिदायक बने रहें (2 कुरिन्थियों 1:3-4)। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट

प्रभु यीशु ने कहा: "मैं तुम्हें शान्‍ति दिए जाता हूं, अपनी शान्‍ति तुम्हें देता हूं; 
जैसे संसार देता है, मैं तुम्हें नहीं देता: तुम्हारा मन न घबराए और न डरे" (यूहन्ना 14:27)।

हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर, और पिता का धन्यवाद हो, जो दया का पिता, और सब प्रकार की शान्‍ति का परमेश्वर है। वह हमारे सब क्‍लेशों में शान्‍ति देता है; ताकि हम उस शान्‍ति के कारण जो परमेश्वर हमें देता है, उन्हें भी शान्‍ति दे सकें, जो किसी प्रकार के क्‍लेश में हों। - 2 कुरिन्थियों 1:3-4

बाइबल पाठ: 1 शमूएल 16:14-23
1 Samuel 16:14 और यहोवा का आत्मा शाऊल पर से उठ गया, और यहोवा की ओर से एक दुष्ट आत्मा उसे घबराने लगा। 
1 Samuel 16:15 और शाऊल के कर्मचारियों ने उस से कहा, सुन, परमेश्वर की ओर से एक दुष्ट आत्मा तुझे घबराता है। 
1 Samuel 16:16 हमारा प्रभु अपने कर्मचारियों को जो उपस्थित हैं आज्ञा दे, कि वे किसी अच्छे वीणा बजाने वाले को ढूंढ़ ले आएं; और जब जब परमेश्वर की ओर से दुष्ट आत्मा तुझ पर चढ़े, तब तब वह अपने हाथ से बजाए, और तू अच्छा हो जाए। 
1 Samuel 16:17 शाऊल ने अपने कर्मचारियों से कहा, अच्छा, एक उत्तम बजवैया देखो, और उसे मेरे पास लाओ। 
1 Samuel 16:18 तब एक जवान ने उत्तर देके कहा, सुन, मैं ने बेतलहमी यिशै के एक पुत्र को देखा जो वीणा बजाना जानता है, और वह वीर योद्धा भी है, और बात करने में बुद्धिमान और रूपवान भी है; और यहोवा उसके साथ रहता है। 
1 Samuel 16:19 तब शाऊल ने दूतों के हाथ यिशै के पास कहला भेजा, कि अपने पुत्र दाऊद को जो भेड़-बकरियों के साथ रहता है मेरे पास भेज दे। 
1 Samuel 16:20 तब यिशै ने रोटी से लदा हुआ एक गदहा, और कुप्पा भर दाखमधु, और बकरी का एक बच्चा ले कर अपने पुत्र दाऊद के हाथ से शाऊल के पास भेज दिया। 
1 Samuel 16:21 और दाऊद शाऊल के पास जा कर उसके साम्हने उपस्थित रहने लगा। और शाऊल उस से बहुत प्रीति करने लगा, और वह उसका हथियार ढोने वाला हो गया। 
1 Samuel 16:22 तब शाऊल ने यिशै के पास कहला भेजा, कि दाऊद को मेरे साम्हने उपस्थित रहने दे, क्योंकि मैं उस से बहुत प्रसन्न हूं। 
1 Samuel 16:23 और जब जब परमेश्वर की ओर से वह आत्मा शाऊल पर चढ़ता था, तब तब दाऊद वीणा ले कर बजाता; और शाऊल चैन पाकर अच्छा हो जाता था, और वह दुष्ट आत्मा उस में से हट जाता था।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजेकल 33-34
  • 1 पतरस 5


रविवार, 27 नवंबर 2016

आराधना


   परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन 150 आराधना का ना केवल एक सुन्दर उदाहरण है, वरन आराधना करने का एक सुन्दर पाठ भी है। इस भजन से हम सीखते हैं कि परमेश्वर की आराधना कहाँ करनी है, क्यों करनी है, कैसे करनी है, और किसे करनी है। इन्हीं बिन्दुओं को थोड़ा विस्तार से देखते हैं:

   हम आराधना कहाँ करें? परमेश्वर के पवित्रस्थान में और उसकी सामर्थ्य से भरे आकाशमण्डल में (पद 1)। हम संसार में जहाँ कही भी हों, वही हमारे लिए सृष्टिकर्ता प्रभु परमेश्वर की आराधना करने का उपयुक्त स्थान है।

   हम आराधना क्यों करें? सर्व प्रथम परमेश्वर के पराक्रम के कार्यों के लिए। दूसरा, परमेश्वर की हस्ती के कारण; भजनकार उसकी आराधना उसकी अत्यन्त बड़ाई के कारण करता है (पद 2)। सर्वशक्तिमान सृष्टिकर्ता परमेश्वर सारी सृष्टि पालनहार भी है।

   हम आराधना कैसे करें? ऊँचे स्वर के साथ; धीमी आवाज़ में; शान्तिदायक रीति से; उत्साहपूर्वक; लयबद्ध होकर; हिम्मत के साथ; अनायास भी; बेधड़क भी। दूसरे शब्दों में हम परमेश्वर की आराधना अनेकों प्रकार से और अनेकों अवसरों पर कर सकते हैं (पद 3-5)।

   आराधना कौन करे? "जितने प्राणी हैं सब के सब" (पद 6)। जवान और बुज़ुर्ग; अमीर और ग़रीब; निर्बल और बलवान; प्रत्येक जीवता प्राणी। परमेश्वर की इच्छा है कि जितनों को उसने जीवन का श्वास दिया है, वे उस श्वास का उपयोग उसकी सामर्थ और महानता के अंगीकार के लिए करें।

   आराधना परमेश्वर के प्रति, जो सर्वदा महिमा में राज्य करता है, कृतज्ञता की हमारी उत्साहपूर्ण अभिव्यक्ति है। - जूली ऐकैरमैन लिंक


आराधना परमेश्वर द्वारा आनन्दित किए गए हृदय से निकलने वाले उद्गारों का प्रवाह है।

याह की स्तुति करो। हे मेरे मन यहोवा की स्तुति कर! मैं जीवन भर यहोवा की स्तुति करता रहूंगा; जब तक मैं बना रहूंगा, तब तक मैं अपने परमेश्वर का भजन गाता रहूंगा। - भजन 146:1-2

बाइबल पाठ: भजन 150
Psalms 150:1 याह की स्तुति करो! ईश्वर के पवित्रस्थान में उसकी स्तुति करो; उसकी सामर्थ्य से भरे हुए आकाशमण्डल में उसी की स्तुति करो! 
Psalms 150:2 उसके पराक्रम के कामों के कारण उसकी स्तुति करो; उसकी अत्यन्त बड़ाई के अनुसार उसकी स्तुति करो! 
Psalms 150:3 नरसिंगा फूंकते हुए उसकी स्तुति करो; सारंगी और वीणा बजाते हुए उसकी स्तुति करो! 
Psalms 150:4 डफ बजाते और नाचते हुए उसकी स्तुति करो; तार वाले बाजे और बांसुली बजाते हुए उसकी स्तुति करो! 
Psalms 150:5 ऊंचे शब्द वाली झांझ बजाते हुए उसकी स्तुति करो; आनन्द के महाशब्द वाली झांझ बजाते हुए उसकी स्तुति करो! 
Psalms 150:6 जितने प्राणी हैं सब के सब याह की स्तुति करें! याह की स्तुति करो!

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजेकल 30-32
  • 1 पतरस 4