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सोमवार, 3 नवंबर 2014

थमें और देखें


   आज के समय में यात्रा करने वालों के लिए अपने गन्तव्य पर पहुँचने का सबसे सरल और उपयोगी तरीका है जीपीएस का प्रयोग करना, लेकिन मैं और मेरे पति जे अभी भी पुराने तरीके के अनुसार, अर्थात नक्शे के सहारे ही यात्रा करते हैं। क्योंकि गाड़ी अधिकतर जे ही चलाते हैं, इसलिए नक्शे पर ध्यान रखने और उन्हें सही दिशा तथा मार्ग बताते रहने का कार्य मेरा होता है। यद्यपि मैं नक्शा पढ़ने और देखने में बुरी भी नहीं हूँ, तो भी चलती हुई गाड़ी में नक्शे पर सबसे अच्छा और छोटा मार्ग चुन पाना और फिर अपने पति को समय पर सही मोड़ मुड़ने या दिशा का निर्देश देना कई बार कठिन हो जाता है। इसलिए यह करने के लिए मुझे उनसे गाड़ी रुकवाकर अपनी स्थिति और दिशा निश्चित करने की आवश्यकता होती है। यात्रा में थोड़ी देर थम जाने के ये समय हमारी आने वाले यात्रा को सुगम और सरल बनाने के लिए सहायक और आवश्यक होते हैं। थोड़ा सा थम कर अपनी स्थिति और दिशा सुनिश्चित कर लेने से हम आगे कहीं भटक कर और भी अधिक समय गंवाने से बच जाते हैं।

   यही बात हमारे आत्मिक जीवन में भी लागू होती है। जब हम परमेश्वर द्वारा दिए गए कार्य की पूर्ति में उसके मार्ग पर चल रहे होते हैं तो यह भला होता है कि हम समय समय पर रुककर उससे सुनिश्चित कर लें कि हम सही दिशा में जा रहे हैं कि नहीं और हमारी वर्तमान स्थिति सही है कि नहीं। यदि हम ऐसा नहीं करेंगे तो बहुत संभव है कि हम अनचाहे स्थानों, परिस्थितियों और संबंधों में पड़कर मार्ग से भटक जाएंगे और अपने कार्य को भली भांति पूरा नहीं कर सकेंगे।

   संसार के फन्दों और प्रलभनों में पड़कर भटक जाने से बचने के लिए प्रभु यीशु ने अपने चेलों से कई बार जो वे कर रहे हैं उससे थम जाने को कहा - "मत कुड़कुड़ाओ", "मूँह देखा न्याय मत करो", "शक मत करो विश्वास करो" (यूहन्ना 6:43; 7:24; 20:27) आदि। प्रभु यीशु का अनुसरण करने और उसकी सेवा को पूरा करते हुए हमें कई बार थम कर देख लेना चाहिए कि हम सही मार्ग पर हैं कि नहीं, क्योंकि शैतान अनेक रीति से हमें बहकाने, भटकाने और गिराने के प्रयासों में लगा रहता है, यहाँ तक कि ज्योतिर्मय स्वर्गदूत का रुप धारण करके भी (2 कुरिन्थियों 11:13-14)। जब जब हम अपने विचारों के अनुसार सही मार्ग पर चलते हुए थोड़ा थम कर प्रभु यीशु से अपने कार्य, अपनी स्थिति और दिशा के बारे में निर्देश लेते रहते हैं, तब ही हम सुनिश्चित रहते हैं कि हम सही मार्ग और सही दिशा में ही बढ़ रहे हैं। थोड़ी देर थमना और पुनःअवलोकन करना सीखें, आप भटकने और समय तथा सामर्थ बरबाद करने से बचे रहेंगे। - जूली ऐकैरमैन लिंक


परमेश्वर का मार्ग ही सही मार्ग है; अपने मार्ग को सुनिश्चित करते रहिए।

क्योंकि ऐसे लोग झूठे प्रेरित, और छल से काम करने वाले, और मसीह के प्रेरितों का रूप धरने वाले हैं। और यह कुछ अचम्भे की बात नहीं क्योंकि शैतान आप भी ज्योतिमर्य स्वर्गदूत का रूप धारण करता है। - 2 कुरिन्थियों 11:13-14

बाइबल पाठ: प्रेरितों 16:4-10
Acts 16:4 और नगर नगर जाते हुए वे उन विधियों को जो यरूशलेम के प्रेरितों और प्राचीनों ने ठहराई थीं, मानने के लिये उन्हें पहुंचाते जाते थे। 
Acts 16:5 इस प्रकार कलीसिया विश्वास में स्थिर होती गई और गिनती में प्रति दिन बढ़ती गई। 
Acts 16:6 और वे फ्रूगिया और गलतिया देशों में से हो कर गए, और पवित्र आत्मा ने उन्हें ऐशिया में वचन सुनाने से मना किया। 
Acts 16:7 और उन्होंने मूसिया के निकट पहुंचकर, बितूनिया में जाना चाहा; परन्तु यीशु के आत्मा ने उन्हें जाने न दिया। 
Acts 16:8 सो मूसिया से हो कर वे त्रोआस में आए। 
Acts 16:9 और पौलुस ने रात को एक दर्शन देखा कि एक मकिदुनी पुरूष खड़ा हुआ, उस से बिनती कर के कहता है, कि पार उतरकर मकिदुनिया में आ; और हमारी सहायता कर। 
Acts 16:10 उसके यह दर्शन देखते ही हम ने तुरन्त मकिदुनिया जाना चाहा, यह समझकर, कि परमेश्वर ने हमें उन्हें सुसमाचार सुनाने के लिये बुलाया है।

एक साल में बाइबल: 
  • यूहन्ना 4-6


रविवार, 2 नवंबर 2014

सचेत


   एक प्रातः मैं मूँह-अंधेरे ही अपनी कार चला कर अपने काम पर जा रहा था, मैं अपने सामने अचानक ही आई एक बड़ी सी भूरी चीज़ से चौंक गया और फिर साथ ही मेरी गाड़ी के किसी चीज़ से टकराने की आवाज़ आई। उस समय मैं खाली सड़क पर 70 मील प्रति घंटे की रफतार से गाड़ी चला रहा था और मेरी गाड़ी की साईड किसी बड़े से जानवर से लगी थी; सौभाग्यवश, ना मेरी गाड़ी और संभवतः ना ही उस जानवर को कोई नुकसान पहुँचा था, क्योंकि पीछे का दृश्य दिखाने वाले दर्पण में सड़क पर कोई ना तो कोई खून और ना ही कोई गिरा हुआ जानवर दिखाई दिया। लेकिन इस घटना ने मुझे हिला दिया; मैं तो अपनी कार हमेशा की तरह खाली सड़क पर निश्चिंत होकर चला रहा था, यह जानते हुए कि इस समय पर सड़क पर बहुत ही कम यात्री होते हैं। लेकिन उस बात ने मेरा ध्यान गाड़ी चलाने पर केंद्रित कर दिया और मैं बिलकुल सचेत होकर गाड़ी चलाने लगा तथा बहुत देर तक अपने दिल की बढ़ी हुई धड़कन को काबू में लाने का प्रयास करता रहा। एक दो पल का ही अन्तर था, वरना मेरी गाड़ी की साईड नहीं सामने का हिस्सा उस जानवर से टकराता और दोनों के ही लिए तब परिणाम बहुत भिन्न हो सकता था। उस दिन सचेत होकर गाड़ी चलाने की वह वास्तव में बहुत अप्रीय चेतावनी थी।

   संसार भी अपनी रफतार में अपने चुने हुए मार्ग पर निश्चिंत दौड़ा जा रहा है, इस बात से बेपरवाह कि उसके न्याय का एक दिन निर्धारित है और प्रतिपल निकट आता जा रहा है। क्योंकि जीवन वैसा ही चल रहा है जैसा रोज़ चलता है, इसलिए लोग सोचते हैं कि कभी कुछ भिन्न होगा ही नहीं। लेकिन अचानक ही वह दिन उनके सामने आकर खड़ा हो जाएगा और तब निर्णय बदलने का समय भी नहीं रहेगा। परमेश्वर के वचन बाइबल में दिए गए अन्त के दिनों के चिन्ह एक एक करके पूरे होते जा रहे हैं, जो हमारे लिए प्रमाण है कि उस न्याय के दिन का समय बहुत निकट है। सारे संसार में मसीह यीशु और मसीही विश्वासियों के प्रति बढ़ता हुआ विरोध और सताव भी इन पूरे होने वाले चिन्हों में से एक है। संसार जाने या ना जाने, बाईबल की बात माने या ना माने, परन्तु शैतान जानता और मानता है कि उसका समय पूरा होने को है और वह पूरे जी-जान से सच्चे जीवते परमेश्वर प्रभु यीशु मसीह के प्रति विरोध को बढ़ाने और उसके अनुयायियों को गिराने, फंसाने, सताने में लगा हुआ है।

   प्रभु यीशु ने अपने चेलों को सचेत किया कि वे जब इन बातों तथा घटनाओं को होते हुए देखें तो समझ जाएं कि अन्त का समय निकट है (मत्ती 24)। यह समय हम मसीही विश्वासियों के लिए अपने प्रभु यीशु की निकटता में बढ़ने, उसके वचन बाइबल को दृढ़ता और विश्वास से थामे रहने एवं उसे अपने मन-मस्तिष्क में बसा लेने तथा अपने प्रभु के निर्देशों के अनुसार प्रभु यीशु में संसार के लिए पापों की क्षमा और उद्धार के सुसमाचार का भरपूरी से प्रचार करने का समय है। इन अन्त के दिनों में हमारी सुरक्षा तथा आशीष सचेत रहने तथा प्रभु यीशु की निकटता में बने रहने और उसकी आज्ञाओं के पालन में ही है।


मसीही जीवन आत्मिक युद्ध का जीवन है - तैयार रहें।

इसी रीति से जब तुम इन सब बातों को देखो, तो जान लो, कि वह निकट है, वरन द्वार ही पर है। - मत्ती 24:33

बाइबल पाठ: मत्ती 24:4-14
Matthew 24:4 यीशु ने उन को उत्तर दिया, सावधान रहो! कोई तुम्हें न भरमाने पाए। 
Matthew 24:5 क्योंकि बहुत से ऐसे होंगे जो मेरे नाम से आकर कहेंगे, कि मैं मसीह हूं: और बहुतों को भरमाएंगे। 
Matthew 24:6 तुम लड़ाइयों और लड़ाइयों की चर्चा सुनोगे; देखो घबरा न जाना क्योंकि इन का होना अवश्य है, परन्तु उस समय अन्‍त न होगा। 
Matthew 24:7 क्योंकि जाति पर जाति, और राज्य पर राज्य चढ़ाई करेगा, और जगह जगह अकाल पड़ेंगे, और भुईंडोल होंगे। 
Matthew 24:8 ये सब बातें पीड़ाओं का आरम्भ होंगी। 
Matthew 24:9 तब वे क्‍लेश दिलाने के लिये तुम्हें पकड़वाएंगे, और तुम्हें मार डालेंगे और मेरे नाम के कारण सब जातियों के लोग तुम से बैर रखेंगे। 
Matthew 24:10 तब बहुतेरे ठोकर खाएंगे, और एक दूसरे से बैर रखेंगे। 
Matthew 24:11 और बहुत से झूठे भविष्यद्वक्ता उठ खड़े होंगे, और बहुतों को भरमाएंगे। 
Matthew 24:12 और अधर्म के बढ़ने से बहुतों का प्रेम ठण्‍डा हो जाएगा। 
Matthew 24:13 परन्तु जो अन्‍त तक धीरज धरे रहेगा, उसी का उद्धार होगा। 
Matthew 24:14 और राज्य का यह सुसमाचार सारे जगत में प्रचार किया जाएगा, कि सब जातियों पर गवाही हो, तब अन्‍त आ जाएगा।

एक साल में बाइबल: 
  • यूहन्ना 1-3


शनिवार, 1 नवंबर 2014

त्यागा हुआ?


   क्या आप जानते हैं कि परमेश्वर के वचन बाइबल के नए नियम खण्ड में कौन से भजन का सबसे अधिक बार उद्धरण हुआ है? शायद आपने भजन 23 सोचा होगा जो बहुत लोकप्रीय और अकसर प्रयोग किया जाने वाला भजन है; लेकिन नए नियम में सबसे अधिक उद्धरण भजन 22 का हुआ है। भजन 22 आरंभ होता है भजन के लेखक दाऊद के मार्मिक तथा हृदयविदारक शब्दों से जिन्हें प्रभु यीशु मसीह ने क्रूस पर उद्धरित किया, "हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तू ने मुझे क्यों छोड़ दिया?" (मत्ती 27:46; मरकुस 15:34); दाऊद ने अनुभव किया कि वह त्यागा हुआ है, अकेला पड़ गया है, क्योंकि वह आगे कहता है: "तू मेरी पुकार से और मेरी सहायता करने से क्यों दूर रहता है?" (भजन 22:1)। साथ ही दाऊद ने यह भी अनुभव किया कि वह नज़रन्दाज़ किया हुआ है: "हे मेरे परमेश्वर, मैं दिन को पुकारता हूं परन्तु तू उत्तर नहीं देता" (भजन 22:2)।

   ज़रा उस परिस्थिति की कल्पना कीजिए जिस में दाऊद ने अपने आप को पाया होगा और उसके मन से परमेश्वर को संबोधित यह वेदना की पुकार निकली होगी। लेकिन इस भजन में एक और विलक्षण बात है, इस में वर्णित बातें प्रभु यीशु के जीवन और क्रूस पर चढ़ाए जाने और वहाँ उनके अनुभवों की भविष्यवाणी भी हैं जो प्रभु यीशु के जन्म से लगभग 1000 वर्ष पूर्व दाऊद ने लिखीं, वह भी तब जब क्रूस पर चढ़ाकर दीया जाने वाला मृत्युदण्ड आरंभ भी नहीं हुआ था, और प्रभु यीशु के क्रूस पर चढ़ाए जाने के समय पूरी हुईं!

   क्या आप भी कभी ऐसी किसी परिस्थिति और अनुभव से होकर निकले हैं? क्या आपने भी कभी आकाश की ओर देखकर यह सोचा है कि क्यों परमेश्वर आपकी नहीं सुन रहा है, आपको नज़रन्दाज़ कर रहा है? यदि ऐसा है तो दाऊद के अनुभवों के संसार में आपका भी स्वागत है! लेकिन इस भजन में एक और बात है - दाऊद की प्रत्येक दुखभरी फरियाद के साथ, परमेश्वर का एक गुण भी दिया गया है जो दाऊद को निराशा से निकालकर लाता है। अपने इस अनुभव में होकर दाऊद ने जाना कि परमेश्वर पवित्र है (पद 3), भरोसेमन्द है (पद 4-5), छुड़ाने और बचानेवाला है (पद 8, 20-21), और उसका सामर्थी सहायक है (पद 19)।

   क्या आप भी अपने आपको त्यागा हुआ और अकेला पड़ा हुआ समझते हैं? परमेश्वर पर भरोसा रखिए, दाऊद के समान उसे पुकारिए और उसके गुणों को दोहराईए, और फिर दाउद के समान ही आप भी उसकी स्तुति करने लगेंगे (पद 26)। - डेव ब्रैनन


चाहे हम परमेश्वर की उपस्थिति महसूस ना भी करें, उसकी प्रेम भरी देखभाल हमें सदा ढाँपे रहती है।

क्योंकि वह अभिलाषी जीव को सन्तुष्ट करता है, और भूखे को उत्तम पदार्थों से तृप्त करता है। - भजन 107:9

बाइबल पाठ: भजन 22
Psalms 22:1 हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तू ने मुझे क्यों छोड़ दिया? तू मेरी पुकार से और मेरी सहायता करने से क्यों दूर रहता है? मेरा उद्धार कहां है? 
Psalms 22:2 हे मेरे परमेश्वर, मैं दिन को पुकारता हूं परन्तु तू उत्तर नहीं देता; और रात को भी मैं चुप नहीं रहता। 
Psalms 22:3 परन्तु हे तू जो इस्राएल की स्तुति के सिहांसन पर विराजमान है, तू तो पवित्र है। 
Psalms 22:4 हमारे पुरखा तुझी पर भरोसा रखते थे; वे भरोसा रखते थे, और तू उन्हें छुड़ाता था। 
Psalms 22:5 उन्होंने तेरी दोहाई दी और तू ने उन को छुड़ाया वे तुझी पर भरोसा रखते थे और कभी लज्जित न हुए।
Psalms 22:6 परन्तु मैं तो कीड़ा हूं, मनुष्य नहीं; मनुष्यों में मेरी नामधराई है, और लोगों में मेरा अपमान होता है। 
Psalms 22:7 वह सब जो मुझे देखते हैं मेरा ठट्ठा करते हैं, और ओंठ बिचकाते और यह कहते हुए सिर हिलाते हैं, 
Psalms 22:8 कि अपने को यहोवा के वश में कर दे वही उसको छुड़ाए, वह उसको उबारे क्योंकि वह उस से प्रसन्न है। 
Psalms 22:9 परन्तु तू ही ने मुझे गर्भ से निकाला; जब मैं दूधपिउवा बच्च था, तब ही से तू ने मुझे भरोसा रखना सिखलाया। 
Psalms 22:10 मैं जन्मते ही तुझी पर छोड़ दिया गया, माता के गर्भ ही से तू मेरा ईश्वर है। 
Psalms 22:11 मुझ से दूर न हो क्योंकि संकट निकट है, और कोई सहायक नहीं। 
Psalms 22:12 बहुत से सांढ़ों ने मुझे घेर लिया है, बाशान के बलवन्त सांढ़ मेरे चारों ओर मुझे घेरे हुए हैं। 
Psalms 22:13 वह फाड़ने और गरजने वाले सिंह की नाईं मुझ पर अपना मुंह पसारे हुए है।
Psalms 22:14 मैं जल की नाईं बह गया, और मेरी सब हडि्डयों के जोड़ उखड़ गए: मेरा हृदय मोम हो गया, वह मेरी देह के भीतर पिघल गया। 
Psalms 22:15 मेरा बल टूट गया, मैं ठीकरा हो गया; और मेरी जीभ मेरे तालू से चिपक गई; और तू मुझे मारकर मिट्टी में मिला देता है। 
Psalms 22:16 क्योंकि कुत्तों ने मुझे घेर लिया है; कुकर्मियों की मण्डली मेरी चारों ओर मुझे घेरे हुए है; वह मेरे हाथ और मेरे पैर छेदते हैं। 
Psalms 22:17 मैं अपनी सब हडि्डयां गिन सकता हूं; वे मुझे देखते और निहारते हैं; 
Psalms 22:18 वे मेरे वस्त्र आपस में बांटते हैं, और मेरे पहिरावे पर चिट्ठी डालते हैं। 
Psalms 22:19 परन्तु हे यहोवा तू दूर न रह! हे मेरे सहायक, मेरी सहायता के लिये फुर्ती कर! 
Psalms 22:20 मेरे प्राण को तलवार से बचा, मेरे प्राण को कुत्ते के पंजे से बचा ले! 
Psalms 22:21 मुझे सिंह के मुंह से बचा, हां, जंगली सांढ़ों के सींगो में से तू ने मुझे बचा लिया है।
Psalms 22:22 मैं अपने भाइयों के साम्हने तेरे नाम का प्रचार करूंगा; सभा के बीच में तेरी प्रशंसा करूंगा। 
Psalms 22:23 हे यहोवा के डरवैयों उसकी स्तुति करो! हे याकूब के वंश, तुम सब उसकी महिमा करो! हे इस्त्राएल के वंश, तुम उसका भय मानो! 
Psalms 22:24 क्योंकि उसने दु:खी को तुच्छ नहीं जाना और न उस से घृणा करता है, ओर न उस से अपना मुख छिपाता है; पर जब उसने उसकी दोहाई दी, तब उसकी सुन ली।
Psalms 22:25 बड़ी सभा में मेरा स्तुति करना तेरी ही ओर से होता है; मैं अपने प्रण को उस से भय रखने वालों के साम्हने पूरा करूंगा 
Psalms 22:26 नम्र लोग भोजन कर के तृप्त होंगे; जो यहोवा के खोजी हैं, वे उसकी स्तुति करेंगे। तुम्हारे प्राण सर्वदा जीवित रहें! 
Psalms 22:27 पृथ्वी के सब दूर दूर देशों के लोग उसको स्मरण करेंगे और उसकी ओर फिरेंगे; और जाति जाति के सब कुल तेरे साम्हने दण्डवत करेंगे। 
Psalms 22:28 क्योंकि राज्य यहोवा की का है, और सब जातियों पर वही प्रभुता करता है।
Psalms 22:29 पृथ्वी के सब हृष्टपुष्ट लोग भोजन कर के दण्डवत करेंगे; वह सब जितने मिट्टी में मिल जाते हैं और अपना अपना प्राण नहीं बचा सकते, वे सब उसी के साम्हने घुटने टेकेंगे। 
Psalms 22:30 एक वंश उसकी सेवा करेगा; दूसरा पीढ़ी से प्रभु का वर्णन किया जाएगा। 
Psalms 22:31 वह आएंगे और उसके धर्म के कामों को एक वंश पर जो उत्पन्न होगा यह कहकर प्रगट करेंगे कि उसने ऐसे ऐसे अद्भुत काम किए।

एक साल में बाइबल: 
  • लूका 22-24


शुक्रवार, 31 अक्टूबर 2014

विश्वासयोग्य और धर्मी


   यदि आपको कुछ छुपाने की आवश्यकता है तो माईक स्लैट्री के पास आपके लिए समाधान हो सकता है। कोलारैडो स्प्रिंग्स से प्रकाशित होने वाले अखबार द गैज़ट में एक खबर छपी थी कि बहुत वर्ष पहले एक सेल-फोन कंपनी ने उस इलाके में अपने फोन के प्रयोग के लिए माईक की ज़मीन पर एन्टिना लगाना चाहा और उसे एक देवदार के पेड़ का स्वरूप देकर लोगों से छुपाए रखना चाहा। माईक को उस एन्टिना के छुपाने के लिए और बेहतर विचार आया - उसने उस ज़मीन पर एक बनावटी खलिहान खड़ा कर दिया जिसकी दीवारें ऐसे प्लास्टिक से बनी थीं जिन में से होकर रेडियो तरेंगे सरलता से जा सकती थीं। आगे चलकर माईक ने इसी विचार को लेकर अपनी कंपनी स्थापित कर ली जो एन्टिना छुपाने और उन्हें सुरक्षित रखने के लिए तरह तरह के आकर्षक ढाँचे बनाती है। माईक का मानना है कि आज भी उसके अधिकांश पड़ौसी यह नहीं जानते कि उसके खलिहान में वास्तव में है क्या!

   हम में से शायद ही कोई होगा जिसके पास छुपाए रखने के लिए कुछ नहीं हो। जो हम संसार और लोगों से छुपाए रखना चाहते हैं वह हमारे तहखाने या अटारी में जमा हो रही बेकार चीज़ों जैसी हानिरहित वस्तुएं हो सकती हैं, या फिर हमारे व्यक्तिगत जीवन के नैतिक और आत्मिक विफलताएं और दुष्कर्म जैसी हानिकारक बातें, जिन्हें हम ना केवल अन्य लोगों से वरन अपने आप से और परमेश्वर से भी छुपाए रखना चाहते हैं। हम इन्सानों से तो बातों को छुपाए रख सकते हैं, परन्तु परमेश्वर से नहीं; वह हमें और हमारी हर बात को पूरी रीति से भली-भांति जानता और समझता है।

   राजा दाऊद ने परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन 32:3-5 में परमेश्वर से अपने पाप छुपाने के प्रयास कि व्यर्थता तथा उन पापों का परमेश्वर के आगे अंगीकार करने से मिलने वाली शान्ति का वर्णन किया है। परमेश्वर हम से बस इतना ही तो चाहता है कि उससे कुछ भी छुपाए रखने या किसी दलील के सहारे किसी अनुचित अथवा गलत बात को सही या न्यायसंगत ठहराने की बजाए हम उसे स्वीकार कर लें, पश्चाताप के साथ उसके लिए परमेश्वर से क्षमा माँग लें "यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है" (1 यूहन्ना 1:9)। हमारा अंगीकार, पश्चाताप और क्षमा याचना ही परमेश्वर के साथ हमारे संबंध की बहाली का मार्ग है। हमारे जीवन में ऐसा कुछ नहीं है जो परमेश्वर से छुपा है, इसलिए उससे कुछ छुपाए रखने के व्यर्थ प्रयत्न करके अपने लिए अशान्ति अर्जित करने की बजाए अंगीकार, पश्चाताप और क्षमा द्वारा शान्ति पा लेने में क्या बुराई है? परमेश्वर पर विश्वास रखें, वह अपने वचन के अनुसार आपके पापों को क्षमा करने और आपको सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है। - डेविड मैक्कैसलैंड


जब भी हम अपने पापों को प्रगट करने को तैयार हो जाते हैं, परमेश्वर, प्रभु यीशु में होकर उन्हें क्षमा करने तथा ढ़ाँपने को तैयार हो जाता है।

जो अपने अपराध छिपा रखता है, उसका कार्य सफल नहीं होता, परन्तु जो उन को मान लेता और छोड़ भी देता है, उस पर दया की जायेगी। - नीतिवचन 28:13

बाइबल पाठ: भजन 32
Psalms 32:1 क्या ही धन्य है वह जिसका अपराध क्षमा किया गया, और जिसका पाप ढ़ाँपा गया हो। 
Psalms 32:2 क्या ही धन्य है वह मनुष्य जिसके अधर्म का यहोवा लेखा न ले, और जिसकी आत्मा में कपट न हो।
Psalms 32:3 जब मैं चुप रहा तब दिन भर कराहते कराहते मेरी हडि्डयां पिघल गई। 
Psalms 32:4 क्योंकि रात दिन मैं तेरे हाथ के नीचे दबा रहा; और मेरी तरावट धूप काल की सी झुर्राहट बनती गई।
Psalms 32:5 जब मैं ने अपना पाप तुझ पर प्रगट किया और अपना अधर्म न छिपाया, और कहा, मैं यहोवा के साम्हने अपने अपराधों को मान लूंगा; तब तू ने मेरे अधर्म और पाप को क्षमा कर दिया।
Psalms 32:6 इस कारण हर एक भक्त तुझ से ऐसे समय में प्रार्थना करे जब कि तू मिल सकता है। निश्चय जब जल की बड़ी बाढ़ आए तौभी उस भक्त के पास न पहुंचेगी। 
Psalms 32:7 तू मेरे छिपने का स्थान है; तू संकट से मेरी रक्षा करेगा; तू मुझे चारों ओर से छुटकारे के गीतों से घेर लेगा।
Psalms 32:8 मैं तुझे बुद्धि दूंगा, और जिस मार्ग में तुझे चलना होगा उस में तेरी अगुवाई करूंगा; मैं तुझ पर कृपा दृष्टि रखूंगा और सम्मत्ति दिया करूंगा। 
Psalms 32:9 तुम घोड़े और खच्चर के समान न बनो जो समझ नहीं रखते, उनकी उमंग लगाम और बाग से रोकनी पड़ती है, नहीं तो वे तेरे वश में नहीं आने के।
Psalms 32:10 दुष्ट को तो बहुत पीड़ा होगी; परन्तु जो यहोवा पर भरोसा रखता है वह करूणा से घिरा रहेगा। 
Psalms 32:11 हे धर्मियों यहोवा के कारण आनन्दित और मगन हो, और हे सब सीधे मन वालों आनन्द से जयजयकार करो!

एक साल में बाइबल: 
  • लूका 18-21


गुरुवार, 30 अक्टूबर 2014

डटे रहें


   मैं एक व्यस्त चौराहे पर अपनी कार में रुकी हुई थी और मोड़ मुड़ने के संकेत की प्रतीक्षा कर रही थी। मुझे एंब्यूलैंस के साइरन की धव्नि सुनाई दी और मैंने पीछे का दृश्य दिखाने वाले दर्पण में देखा कि एक एंब्यूलैंस तेज़ी से मेरी ही ओर आ रही है। इतने में बत्ती का रंग बदला और मोड़ मुड़ने का संकेत हो गया, मेरे पीछे खड़ी कार के चालक ने हॉर्न बजा कर मुझे मोड़ मुड़ने के लिए दबाव दिया, लेकिन मैंने देख लिया था कि एंब्यूलैंस तेज़ी से आ रही है यदि मैंने गाड़ी मोड़ी तो मैं उसके रास्ते में आ जाऊँगी और परिणाम सबके लिए बहुत दुखदाई होगा, इसलिए मैं उस चालक के दबाव के बावजूद अपने स्थान पर डटी रही, और जब एंब्यूलैंस निकल गई मैंने तब ही मोड़ मुड़ा।

   आत्मिक बातों के लिए भी हमें अनेक बार ऐसे ही अनुभव से होकर निकलना पड़ता है, जब संसार तथा संसार के लोगों के दबाव के बावजूद, जो सही है हम उस पर ही डट कर खड़े रहें। परमेश्वर के वचन बाइबल के एक प्रमुख पात्र राजा सुलेमान को यह पाठ कठिन रीति से सीखना पड़ा। राजा सुलेमान का राज्यकाल बहुत अच्छे से आरंभ हुआ था और अपने शासन के आरंभ ही में उसने परमेश्वर से दर्शन पाया तथा परमेश्वर से मांगा कि उसे राज्य करने की बुद्धिमता मिल जाए (1 राजा 3:9); परमेश्वर ने सुलेमान की प्रार्थना सुनी और उसे सदबुद्धि प्रदान करी। परमेश्वर ने सुलेमान द्वारा ही अपने लिए मन्दिर का निर्माण भी करवाया। मन्दिर का निर्माण पूरा होने के बाद मन्दिर के समर्पण के समय सुलेमान द्वारा करी गई प्रार्थना परमेश्वर के प्रति उसके समर्पण और निष्ठा को दिखाती है (1 राजा 8:23, 61)। लेकिन सुलेमान ज़्यादा दिन तक परमेश्वर के प्रति समर्पित और वफादार नहीं रहा; परमेश्वर के निर्देशों के विरुद्ध उसने अनेक अन्यजाति स्त्रियों से विवाह कर लिए और उन्हें अपने घर ले आया; उन स्त्रियों ने उसके मन को बदल डाला और सुलेमान जीवते सच्चे परमेश्वर की उपासना के अलावा अन्य देवी-देवताओं की उपासना तथा मूर्ति-पूजा में पड़ गया, और उसके जीवन का अन्त समय आने तक "उसका हृदय परमेश्वर की ओर सच्चा ना रहा" (1 राजा 11:1-6; नहेमियाह 13:26), और इसके बहुत विनाशकारी परिणाम ना केवल उसके अपने परिवार में वरन पूरे इस्त्राएल में देखने को मिले।

   जैसा सुलेमान के साथ हुआ, वैसा ही आज हमारे साथ भी हो सकता है - संसार के लोग विभिन्न रीतियों से हम मसीही विश्वासियों पर दबाव डाल सकते हैं कि हम अपने प्रभु परमेश्वर यीशु मसीह और उसके जीवते सच्चे वचन बाइबल के प्रति अपने समर्पण और वफादारी को छोड़ कर संसार द्वारा दिखाए जा रहे मार्ग पर मुड़ जाएं। लेकिन यदि हम सत्य को जानते तथा पहचानते हैं तो हम गलत मोड़ लेकर नुकसान उठाने की बजाए परमेश्वर की सहायता से सही स्थान पर डटे रहेंगे (फिलिप्पियों 2:16)। जब कभी आप अपने मसीही विश्वास में अपने आप को निर्णय के किसी चौराहे पर खड़ा पाएं और सही मार्ग चुनना कठिन लगे तो परमेश्वर के वचन बाइबल का अध्ययन करें, वह आपके पाँव के लिए दीपक और मार्ग के लिए उजियाले का कार्य करेगी (भजन 119:105)।

   आत्मिक बातों तथा उनसे संबंधित निर्णयों में असमंजस से बचने के लिए सदा ही परमेश्वर के सारे आत्मिक हथियारों को धारण करे रहें (इफिसियों 6:10-18), सब बातों के लिए परमेश्वर पवित्र आत्मा से मार्गदर्शन तथा सहायता लें (1 कुरिन्थियों 2:10-12) और अन्य मसीही विश्वासियों के साथ संगति एवं प्रार्थना में बने रहें। गलत मोड़ मुड़ने के लिए संसार चाहे कितना भी दबाव डाले, कैसा भी प्रलोभन दे, सच्चे परमेश्वर के सच्चे मार्ग पर डटे रहने में ही भलाई तथा आशीष है। - जैनिफर बेन्सन शुल्ट


गलतियों में पड़ने से बचने के लिए सच्चाई को दृढ़ता से थामे रहें।

तेरा वचन मेरे पांव के लिये दीपक, और मेरे मार्ग के लिये उजियाला है। - भजन 119:105

बाइबल पाठ: 1 राजा 11:1-13
1 Kings 11:1 परन्तु राजा सुलैमान फ़िरौन की बेटी, और बहुतेरी और पराई स्त्रियों से, जो मोआबी, अम्मोनी, एदोमी, सीदोनी, और हित्ती थीं, प्रीति करने लगा। 
1 Kings 11:2 वे उन जातियों की थीं, जिनके विषय में यहोवा ने इस्राएलियों से कहा था, कि तुम उनके मध्य में न जाना, और न वे तुम्हारे मध्य में आने पाएं, वे तुम्हारा मन अपने देवताओं की ओर नि:सन्देह फेरेंगी; उन्हीं की प्रीति में सुलैमान लिप्त हो गया। 
1 Kings 11:3 और उसके सात सौ रानियां, और तीन सौ रखेलियां हो गई थीं और उसकी इन स्त्रियों ने उसका मन बहका दिया। 
1 Kings 11:4 सो जब सुलैमान बूढ़ा हुआ, तब उसकी स्त्रियों ने उसका मन पराये देवताओं की ओर बहका दिया, और उसका मन अपने पिता दाऊद की नाईं अपने परमेश्वर यहोवा पर पूरी रीति से लगा न रहा। 
1 Kings 11:5 सुलैमान तो सीदोनियों की अशतोरेत नाम देवी, और अम्मोनियों के मिल्कोम नाम घृणित देवता के पीछे चला। 
1 Kings 11:6 और सुलैमान ने वह किया जो यहोवा की दृष्टि में बुरा है, और यहोवा के पीछे अपने पिता दाऊद की नाईं पूरी रीति से न चला। 
1 Kings 11:7 उन दिनों सुलैमान ने यरूशलेम के साम्हने के पहाड़ पर मोआबियों के कमोश नाम घृणित देवता के लिये और अम्मोनियों के मोलेक नाम घृणित देवता के लिये एक एक ऊंचा स्थान बनाया। 
1 Kings 11:8 और अपनी सब पराये स्त्रियों के लिये भी जो अपने अपने देवताओं को धूप जलातीं और बलिदान करती थीं, उसने ऐसा ही किया। 
1 Kings 11:9 तब यहोवा ने सुलैमान पर क्रोध किया, क्योंकि उसका मन इस्राएल के परमेश्वर यहोवा से फिर गया था जिसने दो बार उसको दर्शन दिया था। 
1 Kings 11:10 और उसने इसी बात के विषय में आज्ञा दी थी, कि पराये देवताओं के पीछे न हो लेना, तौभी उसने यहोवा की आज्ञा न मानी। 
1 Kings 11:11 और यहोवा ने सुलैमान से कहा, तुझ से जो ऐसा काम हुआ है, और मेरी बन्धाई हुई वाचा और दी हुई वीधि तू ने पूरी नहीं की, इस कारण मैं राज्य को निश्चय तूझ से छीन कर तेरे एक कर्मचारी को दे दूंगा। 
1 Kings 11:12 तौभी तेरे पिता दाऊद के कारण तेरे दिनो में तो ऐसा न करूंगा; परन्तु तेरे पुत्र के हाथ से राज्य छीन लूंगा। 
1 Kings 11:13 फिर भी मैं पूर्ण राज्य तो न छीन लूंगा, परन्तु अपने दास दाऊद के कारण, और अपने चुने हुए यरूशलेम के कारण, मैं तेरे पुत्र के हाथ में एक गोत्र छोड़ दूंगा।

एक साल में बाइबल: 
  • लूका 14-17


बुधवार, 29 अक्टूबर 2014

अनुकंपा


   एलिज़ाबेथ की कहानी मार्मिक थी। उसे अपने स्थान मैसाच्यूसेट्स में एक बहुत अपमानजनक अनुभव से होकर निकलना पड़ा, और उस बात की अन्य शर्मिन्दगी से बचने के लिए वह बस में बैठ कर न्यूजर्सी को चल दी। उस अनुभव की कटुताके कारण यात्रा में वह बेकाबू रोती ही रही, उसे पता भी नहीं चला कब बस एक स्थान पर थोड़ी देर के लिए रुक गई है। बस के यात्री नीचे उतरने लगे, उनमें से एक यात्री ने उसे रोते हुए देखा और लौट कर उसके पास आया और एलिज़ाबेथ को परमेश्वर के वचन बाइबल की अपनी प्रति पकड़ाई और कहा कि तुम्हें इसकी आवश्यकता है। एलिज़ाबेथ का वह अजनबी सह-यात्री बिलकुल सही था; ना केवल एलिज़ाबेथ को बाइबल की आवश्यकता थी वरन उसे बाइबल के प्रभु, यीशु मसीह की भी आवश्यकता थी। उस अजनबी द्वारा मसीही अनुकंपा में एक उपहार देने के छोटे से कार्य के कारण एलिज़ाबेथ ने प्रभु यीशु मसीह को जाना और उसे अपने उद्धारकर्ता के रूप में ग्रहण कर लिया।

   प्रभु यीशु मसीह हमारे लिए अनुकंपा का सजीव उदाहरण हैं। मत्ती के 9 अध्याय में उसके विषय में हम पढ़ते हैं कि "जब उसने भीड़ को देखा तो उसको लोगों पर तरस आया, क्योंकि वे उन भेड़ों की नाईं जिनका कोई रखवाला न हो, व्याकुल और भटके हुए से थे" (मत्ती 9:36)। हमारे प्रभु ने ना केवल लोगों के टूटे मन, दुख और पीड़ा को देखा, वरन उन्होंने अपने अनुयायियों को उभारा के वे उन लोगों के लिए परमेश्वर से प्रार्थना करें कि वह ऐसों को उन के मध्य भेजे जो नाश की ओर जा रहे इस संसार के दुखी लोगों की आवश्यकताओं और समस्याओं के समाधान के लिए काम आ सकें (पद 38)।

   आज भी संसार को ऐसे कार्यकर्ताओं की आवश्यकता है जो प्रभु यीशु की अनुकंपा को दुखी संसार में दिखा सकें। हम मसीही विश्वासियों का यह कर्तव्य है कि अपने प्रभु के मार्गदर्शन और निर्देशों का पालन करें और पाप के दुख को झेल रहे संसार के लोगों को प्रभु यीशु में विश्वास द्वारा पापों से मुक्ति, चिरस्थाई आनन्द एवं अनन्त जीवन का मार्ग दिखाएं, उन्हें प्रभु यीशु की अनुकंपा का अनुभव कराएं। - बिल क्राउडर


आवश्यकता है - दुख और निराशा में पड़े संसार को मसीह यीशु में आनन्द और आशा पहुँचाने वाले मसीही विश्वासियों की।

क्योंकि गृहदेवता अनर्थ बात कहते और भावी कहने वाले झूठा दर्शन देखते और झूठे स्वपन सुनाते, और व्यर्थ शान्ति देते हैं। इस कारण लोग भेड़-बकरियों की नाईं भटक गए; और चरवाहे न होने के कारण दुर्दशा में पड़े हैं। - ज़कर्याह 10:2

बाइबल पाठ: मत्ती 9:27-38
Matthew 9:27 जब यीशु वहां से आगे बढ़ा, तो दो अन्धे उसके पीछे यह पुकारते हुए चले, कि हे दाऊद की सन्तान, हम पर दया कर। 
Matthew 9:28 जब वह घर में पहुंचा, तो वे अन्धे उस के पास आए; और यीशु ने उन से कहा; क्या तुम्हें विश्वास है, कि मैं यह कर सकता हूं उन्होंने उस से कहा; हां प्रभु। 
Matthew 9:29 तब उसने उन की आंखे छूकर कहा, तुम्हारे विश्वास के अनुसार तुम्हारे लिये हो। 
Matthew 9:30 और उन की आंखे खुल गईं और यीशु ने उन्हें चिताकर कहा; सावधान, कोई इस बात को न जाने। 
Matthew 9:31 पर उन्होंने निकलकर सारे देश में उसका यश फैला दिया।
Matthew 9:32 जब वे बाहर जा रहे थे, तो देखो, लोग एक गूंगे को जिस में दुष्टात्मा थी उस के पास लाए। 
Matthew 9:33 और जब दुष्टात्मा निकाल दी गई, तो गूंगा बोलने लगा; और भीड़ ने अचम्भा कर के कहा कि इस्राएल में ऐसा कभी नहीं देखा गया। 
Matthew 9:34 परन्तु फरीसियों ने कहा, यह तो दुष्टात्माओं के सरदार की सहायता से दुष्टात्माओं को निकालता है।
Matthew 9:35 और यीशु सब नगरों और गांवों में फिरता रहा और उन की सभाओं में उपदेश करता, और राज्य का सुसमाचार प्रचार करता, और हर प्रकार की बीमारी और दुर्बलता को दूर करता रहा। 
Matthew 9:36 जब उसने भीड़ को देखा तो उसको लोगों पर तरस आया, क्योंकि वे उन भेड़ों की नाईं जिनका कोई रखवाला न हो, व्याकुल और भटके हुए से थे। 
Matthew 9:37 तब उसने अपने चेलों से कहा, पक्के खेत तो बहुत हैं पर मजदूर थोड़े हैं। 
Matthew 9:38 इसलिये खेत के स्‍वामी से बिनती करो कि वह अपने खेत काटने के लिये मजदूर भेज दे।

एक साल में बाइबल: 
  • लूका 10-13


मंगलवार, 28 अक्टूबर 2014

निकट


   बहुत वर्ष पुराना एक लोकप्रीय गीत था From a Distance (दूर से), इस गीत का प्रसंग था शान्ति और प्रेम से भरा हुआ संसार और परमेश्वर हमें दूर से देख रहा है। परमेश्वर हमें, हम सब को, देख अवश्य रहा है, लेकिन दूर से नहीं; वह सदैव ही हमारे आस-पास विद्यमान है, अभी कमरे में आपके साथ है, आपको देख रहा है, वह आपसे प्रेम करता है, आपकी भलाई चाहता है।

   मुझे ब्रदर लॉरेंस का उदाहरण स्मरण आता है। वे एक मठ में रहने वाले भिक्षु थे और उन्हें मठ के रसोई में बर्तन साफ करने तथा मठ के अन्य भिक्षुओं के जूते मरम्मत करने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई थी जिसे वे कई वर्ष तक निभाते रहे। अपने इसी काम में लगे, वे परमेश्वर तथा उसकी बातों पर भी मनन करते रहते थे। उन्होंने लिखा, "जहाँ तक मुझ से हो सका, मैं अपने आप को परमेश्वर के सम्मुख एक अराधक के रूप में रखता रहा, मेरे साथ बनी रहने वाली उसकी पवित्र उपस्थिति पर अपना ध्यान केंद्रित करता रहा।"

   यही हमारा भी कार्य होना चाहिए, लेकिन हम इसे भूल जाते हैं और हमें इसका स्मरण दिलाने की आवश्यकता पड़ती रहती है। इसे स्मरण रखने में सहायतार्थ मैंने लुहार द्वारा हाथ से बनाई गई एक पुरानी बड़ी सी कील को, जैसी कील का प्रयोग प्रभु यीशु को क्रूस पर ठोकने के लिए भी किया गया था, अपनी मेज़ के ऊपर बनी शेल्फ पर ठोक दिया है। यह हमारा कार्य है कि हम परमेश्वर को सदा अपने सम्मुख रखें (भजन 16:8), सदैव स्मरण रखें कि वह जगत के अन्त तक हमारे साथ बना रहेगा (मत्ती 28:20) और वह हम में से किसी से भी दूर नहीं है (प्रेरितों 17:27)।

   अपने साथ बनी रहने वाली परमेश्वर कि उपस्थिति को स्मरण रखना कोई कठिन कार्य नहीं है, बस यह ध्यान रखिए कि उसने वायदा किया है कि वह आपके साथ सदैव बना रहेगा और उसे परिस्थिति तथा समयानुसार "धन्यवाद", "सहायता या मार्गदर्शन चाहिए", "मैं आपसे प्रेम करता हूँ", "शुभ प्रभात/दोपहर/सन्ध्या/रात्रि" आदि कहते रहिए और उसकी उपस्थिति का एहसास बना रहेगा। - डेविड रोपर


हमारे जितना निकट परमेश्वर रहता है, उससे निकट और कोई रह नहीं सकता।

तब याकूब जाग उठा, और कहने लगा; निश्चय इस स्थान में यहोवा है; और मैं इस बात को न जानता था। - उत्पत्ति 28:16

बाइबल पाठ: प्रेरितों 17:22-31
Acts 17:22 तब पौलुस ने अरियुपगुस के बीच में खड़ा हो कर कहा; हे अथेने के लोगों मैं देखता हूं, कि तुम हर बात में देवताओं के बड़े मानने वाले हो। 
Acts 17:23 क्योंकि मैं फिरते हुए तुम्हारी पूजने की वस्‍तुओं को देख रहा था, तो एक ऐसी वेदी भी पाई, जिस पर लिखा था, कि अनजाने ईश्वर के लिये। सो जिसे तुम बिना जाने पूजते हो, मैं तुम्हें उसका समाचार सुनाता हूं। 
Acts 17:24 जिस परमेश्वर ने पृथ्वी और उस की सब वस्‍तुओं को बनाया, वह स्वर्ग और पृथ्वी का स्‍वामी हो कर हाथ के बनाए हुए मन्‍दिरों में नहीं रहता। 
Acts 17:25 न किसी वस्तु का प्रयोजन रखकर मनुष्यों के हाथों की सेवा लेता है, क्योंकि वह तो आप ही सब को जीवन और स्‍वास और सब कुछ देता है। 
Acts 17:26 उसने एक ही मूल से मनुष्यों की सब जातियां सारी पृथ्वी पर रहने के लिये बनाईं हैं; और उन के ठहराए हुए समय, और निवास के सिवानों को इसलिये बान्‍धा है। 
Acts 17:27 कि वे परमेश्वर को ढूंढ़ें, कदाचित उसे टटोल कर पा जाएं तौभी वह हम में से किसी से दूर नहीं! 
Acts 17:28 क्योंकि हम उसी में जीवित रहते, और चलते-फिरते, और स्थिर रहते हैं; जैसे तुम्हारे कितने कवियों ने भी कहा है, कि हम तो उसी के वंश भी हैं। 
Acts 17:29 सो परमेश्वर का वंश हो कर हमें यह समझना उचित नहीं, कि ईश्वरत्‍व, सोने या रूपे या पत्थर के समान है, जो मनुष्य की कारीगरी और कल्पना से गढ़े गए हों। 
Acts 17:30 इसलिये परमेश्वर आज्ञानता के समयों में अनाकानी कर के, अब हर जगह सब मनुष्यों को मन फिराने की आज्ञा देता है। 
Acts 17:31 क्योंकि उसने एक दिन ठहराया है, जिस में वह उस मनुष्य के द्वारा धर्म से जगत का न्याय करेगा, जिसे उसने ठहराया है और उसे मरे हुओं में से जिलाकर, यह बात सब पर प्रामाणित कर दी है।

एक साल में बाइबल: 
  • लूका 7-9