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गुरुवार, 10 सितंबर 2015

सराहना और आलोचना


   हाल ही में हुए एक अध्ययन में 200,000 लोगों से साक्षात्कार में पूछा गया कि उनको और बेहतर कार्य करने से क्या रोकता है और अध्ययन के नतीजों से पता चला कि इस प्रश्न के उत्तरों की सूचि में सबसे ऊपर था कार्यकर्ताओं के अधिकारियों द्वारा उनके कार्य की सराहना एवं उनमें अधिकारियों के विश्वास की कमी। इस शोध ने दिखाया कि सराहना पाना एक बुनियादी मानवीय आवश्यकता है।

   प्रेरित पौलुस भी संभवतः कुरिन्थियों के मसीही विश्वासियों कि इस मूलभूत आवश्यकता को जानता था, इसीलिए उन्हें सुधारने के लिए लिखी गई पत्री का आरंभ, उनका आत्मिक अगुवा होने के कारण पौलुस ने परमेश्वर द्वारा उनके जीवन में दिखाए जाने वाले अनुग्रह के लिए धन्यवाद करने के साथ किया, फिर पौलुस ने कुरिन्थुस के मसीही विश्वासियों की सराहना करी, उसके बाद ही उसने अनुशासन के लिए कठोर शब्दों का प्रयोग किया।

   कभी कुरिन्थुस के ये मसीही विश्वासी परमेश्वर से दूर थे, लेकिन अब प्रभु यीशु के बलिदान और पुनरुत्थान द्वारा समस्त संसार को उपलब्ध पापों की क्षमा को परमेश्वर के अनुग्रह द्वारा प्राप्त करके वे परमेश्वर की निकटता में बढ़ रहे थे। प्रभु यीशु के साथ बने संबंध में हो कर वे उससे अपने आत्मिक जीवन के लिए सामर्थ प्राप्त कर रहे थे जिससे उनका आध्यात्मिक विकास हो रहा था (1 कुरिन्थियों 1:4-7)। कुरिन्थुस के मसीही विश्वासियों के जीवन में किए जा रहे परमेश्वर के कार्य के लिए पौलुस लगातार और विचारपूर्वक परमेश्वर का धन्यवादी रहता था। क्योंकि कुरिन्थुस के वे विश्वासी उनके लिए पौलुस के इस प्रेम, विश्वास और सराहना को भली-भांति जानते थे, इसलिए उन्होंने उससे आलोचना के कठोर शब्द भी स्वीकार कर लिए।

   जब भी हम परमेश्वर के आज्ञाकारी लोगों के संपर्क में आते हैं, और हमें उनके जीवन में कुछ कमियों का आभास होता है तो आलोचना से पहले उनके लिए परमेश्वर का धन्यवाद करें, उनके द्वारा परमेश्वर के लिए हो रहे कार्यों की सराहना करें, और उसके बाद ही किसी आलोचना के लिए कोई कठोर शब्द प्रयोग करें। - मारविन विलियम्स


प्रशंसा ऊँची आवाज़ में करें; आलोचना धीमी आवाज़ में मृदुता के साथ करें।

वह वहां पहुंचकर, और परमेश्वर के अनुग्रह को देखकर आनन्‍दित हुआ; और सब को उपदेश दिया कि तन मन लगाकर प्रभु से लिपटे रहो। - प्रेरितों 11:23

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 1:1-9
1 Corinthians 1:1 पौलुस की ओर से जो परमेश्वर की इच्छा से यीशु मसीह का प्रेरित होने के लिये बुलाया गया और भाई सोस्थिनेस की ओर से। 
1 Corinthians 1:2 परमेश्वर की उस कलीसिया के नामि जो कुरिन्थुस में है, अर्थात उन के नाम जो मसीह यीशु में पवित्र किए गए, और पवित्र होने के लिये बुलाए गए हैं; और उन सब के नाम भी जो हर जगह हमारे और अपने प्रभु यीशु मसीह के नाम की प्रार्थना करते हैं।
1 Corinthians 1:3 हमारे पिता परमेश्वर और प्रभु यीशु मसीह की ओर से तुम्हें अनुग्रह और शान्‍ति मिलती रहे।
1 Corinthians 1:4 मैं तुम्हारे विषय में अपने परमेश्वर का धन्यवाद सदा करता हूं, इसलिये कि परमेश्वर का यह अनुग्रह तुम पर मसीह यीशु में हुआ। 
1 Corinthians 1:5 कि उस में हो कर तुम हर बात में अर्थात सारे वचन और सारे ज्ञान में धनी किए गए। 
1 Corinthians 1:6 कि मसीह की गवाही तुम में पक्की निकली। 
1 Corinthians 1:7 यहां तक कि किसी वरदान में तुम्हें घटी नहीं, और तुम हमारे प्रभु यीशु मसीह के प्रगट होने की बाट जोहते रहते हो। 
1 Corinthians 1:8 वह तुम्हें अन्‍त तक दृढ़ भी करेगा, कि तुम हमारे प्रभु यीशु मसीह के दिन में निर्दोष ठहरो। 
1 Corinthians 1:9 परमेश्वर सच्चा है; जिसने तुम को अपने पुत्र हमारे प्रभु यीशु मसीह की संगति में बुलाया है।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 8-9
  • 2 कुरिन्थियों 3


बुधवार, 9 सितंबर 2015

मार्गदर्शक


   लन्डन के वेस्टमिनिस्टर में स्थित तथा आम तौर से बिगबैन के नाम से विख्यात विशाल घड़ी के घण्टों के शानदार स्वरों से बहुत से लोग परिचित हैं। हम में से कितनों के घरों में ऐसी घड़ियाँ होंगी जो प्रत्येक घण्टे पर उन्ही स्वरों को बजाती हैं। यह माना जाता है कि बिगबैन के वे स्वर संगीतकार जॉर्ज फ्रेड्रिक हैन्डल द्वारा परमेश्वर की स्तुति के लिए लिखे गए संकीर्तन Messaih में से लिए गए हैं। बिगबैन घड़ी से जुड़ी एक अन्य विशेषता है उसके अन्दर के कमरे में खुदे हुए समय की विशेषता के सूचक ये शब्द:
इस पूरे घण्टे भर,
प्रभु मेरा मार्गदर्शक रह;
क्योंकि आपकी सामर्थ से संभाला गया,
कोई पग कभी फिसल नहीं सकता।
ये शब्द हमारे जीवनों के लिए परमेश्वर के मार्गदर्शन की निरन्तर आवश्यकता का एक अच्छा अनुस्मारक हैं।

   परमेश्वर के वचन बाइबल के एक प्रमुख पात्र राजा दाऊद ने इस बात को पहिचाना कि उसे जीवन की चुनौतियों का सामना करने में निरन्तर परमेश्वर के मार्गदर्शन की आवश्यकता है। दाऊद ने भजन 25 में लिखा, "मुझे अपने सत्य पर चला और शिक्षा दे, क्योंकि तू मेरा उद्धार करने वाला परमेश्वर है; मैं दिन भर तेरी ही बाट जोहता रहता हूं" (भजन 25:5)। दाऊद परमेश्वर से निरन्तर सीखते रहने वाला उसका अनुयायी था, और हर बात में उसकी ओर देखता रहता था। उसके मन की यही इच्छा रहती थी कि वह पूरे भरोसे के साथ सदा परमेश्वर पर निर्भर बना रहे।

   प्रभु परमेश्वर के प्रति ऐसी ही भावना हमारी भी होनी चाहिए। हम अपने दिन का आरंभ तो दिन के लिए परमेश्वर की सहायता माँगकर करते हैं, लेकिन दिन के कार्य आरंभ होने के साथ ही हमारा ध्यान परमेश्वर से हटकर अन्य बातों पर लग जाता है, और फिर हम परमेश्वर के मार्गदर्शन के अनुसार नहीं वरन अपनी या किसी अन्य मनुष्य की समझ के अनुसार निर्णय लेने और कार्य करने लग जाते हैं।

   प्रभु हमारी विनती है आप हमारी सहायता करें जिससे हम सदैव इस बात में बने रहें कि, "प्रभु मेरा मार्गदर्शक रह"। - डेनिस फिशर


प्रातः के आरंभ से लेकर रात्रि के अन्त तक मसीह यीशु को अपने विचारों में प्रथम एवं अन्तिम बनाए रखें।

यहोवा मेरा बल और भजन का विषय है, और वही मेरा उद्धार भी ठहरा है; मेरा ईश्वर वही है, मैं उसी की स्तुति करूंगा, (मैं उसके लिये निवासस्थान बनाऊंगा ), मेरे पूर्वजों का परमेश्वर वही है, मैं उसको सराहूंगा। - निर्गमन 15:2

बाइबल पाठ: भजन 25:1-11
Psalms 25:1 हे यहोवा मैं अपने मन को तेरी ओर उठाता हूं। 
Psalms 25:2 हे मेरे परमेश्वर, मैं ने तुझी पर भरोसा रखा है, मुझे लज्जित होने न दे; मेरे शत्रु मुझ पर जयजयकार करने न पाएं। 
Psalms 25:3 वरन जितने तेरी बाट जोहते हैं उन में से कोई लज्जित न होगा; परन्तु जो अकारण विश्वासघाती हैं वे ही लज्जित होंगे।
Psalms 25:4 हे यहोवा अपने मार्ग मुझ को दिखला; अपना पथ मुझे बता दे। 
Psalms 25:5 मुझे अपने सत्य पर चला और शिक्षा दे, क्योंकि तू मेरा उद्धार करने वाला परमेश्वर है; मैं दिन भर तेरी ही बाट जोहता रहता हूं। 
Psalms 25:6 हे यहोवा अपनी दया और करूणा के कामों को स्मरण कर; क्योंकि वे तो अनन्तकाल से होते आए हैं। 
Psalms 25:7 हे यहोवा अपनी भलाई के कारण मेरी जवानी के पापों और मेरे अपराधों को स्मरण न कर; अपनी करूणा ही के अनुसार तू मुझे स्मरण कर।
Psalms 25:8 यहोवा भला और सीधा है; इसलिये वह पापियों को अपना मार्ग दिखलाएगा। 
Psalms 25:9 वह नम्र लोगों को न्याय की शिक्षा देगा, हां वह नम्र लोगों को अपना मार्ग दिखलाएगा। 
Psalms 25:10 जो यहोवा की वाचा और चितौनियों को मानते हैं, उनके लिये उसके सब मार्ग करूणा और सच्चाई हैं।
Psalms 25:11 हे यहोवा अपने नाम के निमित्त मेरे अधर्म को जो बहुत हैं क्षमा कर।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 6-7
  • 2 कुरिन्थियों 2


मंगलवार, 8 सितंबर 2015

ज्योतिर्मय


   पतझड़ ऋतु की एक संध्या को जब आकाश अंधियारा था और पूर्णिमा का चाँद निकलने वाला था, मेरे शहर ग्रैंड रैपिड्स में नदी के किनारे हज़ारों लोग एकत्रित हुए और उन्होंने आकाश को रौशन करती हुई हज़ारों कन्दीलें उड़ाईं, जिन्होंने उगते हुए चाँद के साथ मिलकर उस संध्या के अन्धेरे आकाश को एक ज्योतिर्मय कलाकृति का रूप दे दिया। उन उड़ती हुई कन्दीलों और उगते हुए चाँद से बना दृश्य देखते ही बनता था।

   जब मैंने उस घटना के चित्र देखे तो मुझे अफसोस हुआ कि मैं उस संध्या अपने शहर ग्रैंड रैपिड्स में नहीं थी वरन न्यू यॉर्क में एक सभा में भाग लेने गई हुई थी। लेकिन कुछ दिन पश्चात मैंने यह एहसास किया कि जो घटना ग्रैंड रपिड्स में हुई थी वही तो सांकितेक रूप में न्यू यॉर्क की उस सभा में भी हुई थी, जहां संसार के 100 से भी अधिक शहरों से आए 1000 से अधिक लोग यह सीखने के लिए एकत्रित हुए थे कि संसार भर के लोगों के जीवनों में विद्यमान पाप के अन्धकार को कैसे प्रभु यीशु में उपलब्ध पापों की क्षमा और उद्धार के सुसमाचार के प्रचार तथा प्रसार द्वारा ज्योतिर्मय करा जाता है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भविष्यद्वक्ता दानिय्येल ने एक ऐसे समय की भविष्यवाणी की थी जब वे लोग जो दूसरों को प्रभु की ओर मोड़ेंगे वे सदाकाल तक आकाश के सितारों के समान चमकेंगे (दानिय्येल 12:3)। हम मसीही विश्वासी जब अपने आस-पास के स्थानों में विद्यमान पाप के अन्धकार से भरे जीवनों में प्रभु यीशु के सुसमाचार की ज्योति को प्रज्वलित करते हैं, उनके जीवनों को ज्योतिर्मय करते हैं, तो हम भी परमेश्वर के राज्य में सदाकाल तक चमकते रहने वाले लोग बन जाते हैं। - जूली ऐकैरमैन लिंक


जब जगत की ज्योति संसार के लोगों को ज्योतिर्मय करती है तो उससे सारे संसार के लोग आकर्षित होते हैं।

तब यीशु ने फिर लोगों से कहा, जगत की ज्योति मैं हूं; जो मेरे पीछे हो लेगा, वह अन्धकार में न चलेगा, परन्तु जीवन की ज्योति पाएगा। - यूहन्ना 8:12

बाइबल पाठ: दानिय्येल 12:1-3
Daniel 12:1 उसी समय मीकाएल नाम बड़ा प्रधान, जो तेरे जाति-भाइयों का पक्ष करने को खड़ा रहता है, वह उठेगा। तब ऐसे संकट का समय होगा, जैसा किसी जाति के उत्पन्न होने के समय से ले कर अब तक कभी न हुआ होगा; परन्तु उस समय तेरे लोगों में से जितनों के नाम परमेश्वर की पुस्तक में लिखे हुए हैं, वे बच निकलेंगे। 
Daniel 12:2 और जो भूमि के नीचे सोए रहेंगे उन में से बहुत से लोग जाग उठेंगे, कितने तो सदा के जीवन के लिये, और कितने अपनी नामधराई और सदा तक अत्यन्त घिनौने ठहरने के लिये। 
Daniel 12:3 तब सिखाने वालों की चमक आकाशमण्डल की सी होगी, और जो बहुतों को धर्मी बनाते हैं, वे सर्वदा की नाईं प्रकाशमान रहेंगे।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 3-5
  • 2 कुरिन्थियों 1


सोमवार, 7 सितंबर 2015

अगम्य ज्ञान


   इंटरनैट की एक वेबसाईट FlightAware पर कैथी अपने पति चक द्वारा शिकागो जाने के लिए उड़ाए जा रहे छोटे वायुयान की प्रगति को देख रही थी। कंप्यूटर पर बैठकर, कुछ बटन दबाने के द्वारा उसे लगातार जानकारी मिल रही थी कि कब चक के वायुयान ने उड़ान भरी, उस समय वह वायुयान कहाँ पर था तथा वह कब उतर जाएगा। कुछ दशक पहले जब चक पश्चिमी अफ्रीका में वायुयान चालक था तो कैथी का उससे संपर्क केवल रेडियों के माध्यम से ही हो पाता था। कैथी को स्मरण है कि कैसे एक बार उसे तीन दिन तक पता ही नहीं चल पाया कि चक के क्या हाल हैं; वह जान नहीं सकी कि चक का वायुयान बिगड़ गया था और उड़ पाने के योग्य नहीं था, किंतु चक सुरक्षित था।

   हम चाहे एक-दूसरे के बारे में जानकारी रख पाएं अथवा ना रख पाएं, परमेश्वर हर समय और हर बात के लिए हमारे बारे में सारी जानकारी रखता है (अय्युब 34:21)। परमेश्वर की नज़रों से कुछ छिपा नहीं है (इब्रानियों 4:13), वह हमारे विचारों और मुँह से निकलने वाले शब्दों को भी अच्छे से जानता है (1 इतिहास 28:9; भजन 139:4)। परमेश्वर यह भी जानता है कि आने वाले समय में क्या होने वाला है (यशायाह 46:10)। परमेश्वर सब कुछ जानता है (1 यूहन्ना 3:20) और वह मुझे तथा आपको बड़ी बारीकी से जानता है (भजन 139:1-10)। वह हमारी प्रत्येक परीक्षा, पीड़ा, बीमारी, चिंता, दुख इत्यादि सब कुछ भली-भांति जानता है।

   यह बात कि हमारा परमेश्वर पिता हमारे बारे में सब कुछ बड़ी बारीकी से जानता है, ही प्रेरित पतरस द्वारा दिए गए निर्देश, "और अपनी सारी चिन्‍ता उसी पर डाल दो, क्योंकि उसको तुम्हारा ध्यान है" (1 पतरस 5:7) का आधार है। परमेश्वर का ज्ञान तथा बुद्धिमता कैसे अगम्य है (रोमियों 11:33)। - सिंडी हैस कैस्पर


हम सदैव अपने सर्वज्ञानी परमेश्वर पिता पर पूरा भरोसा रख सकते हैं।

आहा! परमेश्वर का धन और बुद्धि और ज्ञान क्या ही गंभीर है! उसके विचार कैसे अथाह, और उसके मार्ग कैसे अगम्य हैं! - रोमियों 11:33

बाइबल पाठ: भजन 139:1-10
Psalms 139:1 हे यहोवा, तू ने मुझे जांच कर जान लिया है।
Psalms 139:2 तू मेरा उठना बैठना जानता है; और मेरे विचारों को दूर ही से समझ लेता है। 
Psalms 139:3 मेरे चलने और लेटने की तू भली भांति छानबीन करता है, और मेरी पूरी चालचलन का भेद जानता है। 
Psalms 139:4 हे यहोवा, मेरे मुंह में ऐसी कोई बात नहीं जिसे तू पूरी रीति से न जानता हो। 
Psalms 139:5 तू ने मुझे आगे पीछे घेर रखा है, और अपना हाथ मुझ पर रखे रहता है। 
Psalms 139:6 यह ज्ञान मेरे लिये बहुत कठिन है; यह गम्भीर और मेरी समझ से बाहर है।
Psalms 139:7 मैं तेरे आत्मा से भाग कर किधर जाऊं? वा तेरे साम्हने से किधर भागूं? 
Psalms 139:8 यदि मैं आकाश पर चढूं, तो तू वहां है! यदि मैं अपना बिछौना अधोलोक में बिछाऊं तो वहां भी तू है! 
Psalms 139:9 यदि मैं भोर की किरणों पर चढ़ कर समुद्र के पार जा बसूं, 
Psalms 139:10 तो वहां भी तू अपने हाथ से मेरी अगुवाई करेगा, और अपने दाहिने हाथ से मुझे पकड़े रहेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 1-2
  • 1 कुरिन्थियों 16


रविवार, 6 सितंबर 2015

बढ़ते जाएं


   2010 का एक वृतचित्र Babies चार नवजात शिशुओं पर बना है जो भिन्न स्थानों और परिस्थितियों में नमीबिया, मंगोलिया, टोक्यो और सैन फ्रांसिस्को में पैदा हुए तथा बढ़े। इस फिल्म में किसी भी व्यस्क द्वारा कहा गया कोई वर्णन अथवा संवाद नहीं है, केवल उन चार बच्चों की आवाज़ें हैं जो वे अपने चारों ओर के संसार को देख तथा अनुभव कर के निकालते हैं। वे खुश होने पर हंसते हैं, भूखे या परेशान होने पर रोते हैं और अन्य समयों पर मूँह से अपनी उम्र एवं परिस्थिति के अनुसार आवाज़ें निकालते रहते हैं; और वे चारों दूध पीना पसन्द करते हैं! इस वृतचित्र में उन चारों को बढ़ते हुए देखना बड़ा रोमांचक है।

   जैसे शिशु दूध के लिए लालायित रहते हैं, वैसे ही परमेश्वर के वचन बाइबल में मसीही विश्वासियों के लिए लिखा गया है कि वे "निर्मल आत्मिक दूध की लालसा रखें" जिससे उनकी आत्मिक बढ़ोतरी हो सके। प्रेरित पतरस ने अपनी पत्री में लिखा, "नये जन्मे हुए बच्‍चों की नाईं निर्मल आत्मिक दूध की लालसा करो, ताकि उसके द्वारा उद्धार पाने के लिये बढ़ते जाओ" (1 पतरस 2:2)। पतरस ने यह पत्री उन मसीही विश्वासियों को प्रोत्साहित करने के लिए लिखी थी जो सताव के कारण दुख उठा रहे थे और इधर-उधर तितर-बितर हो कर रह रहे थे। पतरस ने उनसे आग्रह किया कि वे द्वेष, क्रोध और डाह की भावनाओं को त्यागकर प्रेम तथा एकमनता के साथ एक दूसरे के साथ रहें और बढ़ें, और यह बढ़ोतरी उन्हें परमेश्वर के वचन की लालसा रखने तथा उसकी शिक्षाओं के पालन में बढ़ते जाने से मिलेगी।

   आज भी यही बात हम सब मसीही विश्वासियों के लिए उतनी ही आवश्यक और उपयोगी है जितनी उस समय उन सताव झेल रहे मसीही विश्वासियों के लिए थी। प्रभु चाहता है कि उसके लोग उसके वचन में तथा अपने आत्मिक जीवन में लगातार बढ़ते जाएं। - डेविड मैक्कैसलैंड


हम जितना अधिक परमेश्वर के वचन की गहराईयों में उतरते जाते हैं, उतना ही अधिक हम जीवन में बढ़ते जाते हैं।

हर एक पवित्रशास्‍त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है और उपदेश, और समझाने, और सुधारने, और धर्म की शिक्षा के लिये लाभदायक है। ताकि परमेश्वर का जन सिद्ध बने, और हर एक भले काम के लिये तत्‍पर हो जाए। - 2 तिमुथियुस 3:16-17

बाइबल पाठ: 1 पतरस 1:22-2:3
1 Peter 1:22 सो जब कि तुम ने भाईचारे की निष्‍कपट प्रीति के निमित्त सत्य के मानने से अपने मनों को पवित्र किया है, तो तन मन लगा कर एक दूसरे से अधिक प्रेम रखो। 
1 Peter 1:23 क्योंकि तुम ने नाशमान नहीं पर अविनाशी बीज से परमेश्वर के जीवते और सदा ठहरने वाले वचन के द्वारा नया जन्म पाया है। 
1 Peter 1:24 क्योंकि हर एक प्राणी घास की नाईं है, और उस की सारी शोभा घास के फूल की नाईं है: घास सूख जाती है, और फूल झड़ जाता है। 
1 Peter 1:25 परन्तु प्रभु का वचन युगानुयुग स्थिर रहेगा: और यह ही सुसमाचार का वचन है जो तुम्हें सुनाया गया था।
1 Peter 2:1 इसलिये सब प्रकार का बैर भाव और छल और कपट और डाह और बदनामी को दूर करके। 
1 Peter 2:2 नये जन्मे हुए बच्‍चों की नाईं निर्मल आत्मिक दूध की लालसा करो, ताकि उसके द्वारा उद्धार पाने के लिये बढ़ते जाओ। 
1 Peter 2:3 यदि तुम ने प्रभु की कृपा का स्‍वाद चख लिया है।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 148-150
  • 1 कुरिन्थियों 15:29-58


शनिवार, 5 सितंबर 2015

संतुष्ट


   भोजन करने के पश्चात जब मैंने रेस्टरॉन्ट के गाड़ी खड़ी करने के स्थल में प्रवेश किया तो देखा कि वहां खड़ी गाड़ियों के बीच में से होकर एक छोटा ट्रक तेज़ी से जा रहा है। उस ट्रक के चालक की लापरवाही पर ध्यान करते हुए मेरा ध्यान ट्रक के आगे लगे स्टिकर पर भी गया जिस पर लिखा था, "लगभग संतुष्ट"। कुछ देर उस स्टिकर के सन्देश पर विचार करने के बाद मैं इस निषकर्ष पर पहुँचा कि "लगभग संतुष्ट" होना संभव नहीं है क्योंकि आप किसी भी बात को लेकर या तो संतुष्ट होंगे अन्यथा असंतुष्ट।

   इसमें कोई दो राय नहीं कि संतुष्ट होना सरल नहीं है। हम ऐसे संसार में रहते हैं जो हमारी इच्छाओं को लगातार और अधिक बढ़ाता रहता है, यहाँ तक कि हम कितना भी पा लें फिर भी असंतुष्ट ही रहते हैं। लेकिन यह कोई नई या आज के समय ही की बात नहीं है। परमेश्वर के वचन बाइबल में इब्रानियों नामक पुस्तक में इस असंतुष्टि का उपाय दिया गया है; इब्रानियों के लेखक द्वारा परमेश्वर के पवित्र आत्मा ने लिखवाया, "तुम्हारा स्‍वभाव लोभरिहत हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्योंकि उसने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा" (इब्रानियों 13:5)। जो लोग संसार से सब कुछ पाने की इच्छा में एक मृगतृषणा के पीछे भागे चले जा रहे हैं, उनकी संतुष्टि का एक ही उपाय है, सच्चे और जीवते प्रभु परमेश्वर की उपस्थिति में मिलने वाली संतुष्टि। प्रभु परमेश्वर ही हमारी प्रत्येक आवश्यकता और अभिलाषा के लिए काफी है; केवल वही हमें शान्ति और संतुष्टि प्रदान कर सकता है; ऐसी संतुष्टि जो हमें इस जीवन और संसार की बातों के पीछे भागने से कभी नहीं प्राप्त हो सकती।

  लगभग संतुष्ट? ऐसी कोई चीज़ नहीं है; केवल प्रभु यीशु मसीह में होकर हमें सच्ची संतुष्टि मिल सकती है। - बिल क्राउडर

संतुष्टि का अर्थ यह नहीं है कि हम जो चाहें वह हमें मिल जाए, 
वरन यह है कि हमारे पास जो है हम उसी में संतोष के साथ रहना सीख सकें।

धर्मी का थोड़ा से माल दुष्टों के बहुत से धन से उत्तम है। - भजन 37:16

बाइबल पाठ: 1 तिमुथियुस 6:6-12
1 Timothy 6:6 पर सन्‍तोष सहित भक्ति बड़ी कमाई है। 
1 Timothy 6:7 क्योंकि न हम जगत में कुछ लाए हैं और न कुछ ले जा सकते हैं। 
1 Timothy 6:8 और यदि हमारे पास खाने और पहिनने को हो, तो इन्‍हीं पर सन्‍तोष करना चाहिए। 
1 Timothy 6:9 पर जो धनी होना चाहते हैं, वे ऐसी परीक्षा, और फंदे और बहुतेरे व्यर्थ और हानिकारक लालसाओं में फंसते हैं, जो मनुष्यों को बिगाड़ देती हैं और विनाश के समुद्र में डूबा देती हैं। 
1 Timothy 6:10 क्योंकि रूपये का लोभ सब प्रकार की बुराइयों की जड़ है, जिसे प्राप्त करने का प्रयत्न करते हुए कितनों ने विश्वास से भटक कर अपने आप को नाना प्रकार के दुखों से छलनी बना लिया है। 
1 Timothy 6:11 पर हे परमेश्वर के जन, तू इन बातों से भाग; और धर्म, भक्ति, विश्वास, प्रेम, धीरज, और नम्रता का पीछा कर। 
1 Timothy 6:12 विश्वास की अच्छी कुश्‍ती लड़; और उस अनन्त जीवन को धर ले, जिस के लिये तू बुलाया, गया, और बहुत गवाहों के साम्हने अच्छा अंगीकार किया था।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 146-147
  • 1 कुरिन्थियों 15:1-28


शुक्रवार, 4 सितंबर 2015

विशेष दिन


   आज के दिन, सितंबर 4, में क्या विशेष है? हो सकता है कि यह दिन आपका या आपके किसी प्रीय जन का जन्मदिन हो, या शादी की वर्षगांठ हो, जो इसे विशेष बनाए, और उन बातों का आप उत्सव मनाएं। या फिर चाहे यह आपके साथ जुड़ा हुआ ना हो परन्तु जो ऐतिहासिक घटनाएं इस दिन के साथ जुड़ी हैं, आप उन से आनन्दित हों, जैसे कि इसी दिन सन 1781 में कैलिफोर्निया में लॉस एन्जेलेस शहर की स्थापना हुई; या फिर यदि आप बेसबॉल के खेल में रुचि रखते हैं तो 1993 की वह ऐतिहासिक घटना जब न्यू यॉर्क यैंकीस के गेंदबाज़ जिम ऐबट द्वारा फेंकी गई किसी भी गेंद को प्रतिद्वन्दी टीम का कोई भी खिलाड़ी मार नहीं सका, जबकि जिम ऐबट बिना दाहिने हाथ के पैदा हुआ था। या फिर, यदि आप टी.वी. में रुचि रखते हैं तो इसी दिन सन 1951 में सैन-फ्रांसिस्को से अमेरिका के एक छोर से दूसरे छोर तक दिखाया जाने वाला पहला प्रसारण हुआ था।

   लेकिन यदि इनमें से कोई भी बात आपके लिए 4 सितंबर को विशेष नहीं बनाते, तो परमेश्वर के वचन बाइबल में से इस दिन से संबंधित कुछ बातों पर विचार कीजिए:
  • आज के दिन परमेश्वर आपको उसमें मगन और आनन्दित रहने के नए अवसर प्रदान करता है - "आज वह दिन है जो यहोवा ने बनाया है; हम इस में मगन और आनन्दित हों" (भजन 118:24)।
  • आज के दिन परमेश्वर आपसे विश्वास चाहता है क्योंकि आज वह आपकी आवश्यकताओं को पूरा करेगा - "हमारी दिन भर की रोटी हर दिन हमें दिया कर" (लूका 11:3)।
  • आज के दिन परमेश्वर आपसे अपने वचन बाइबल का अध्ययन चाहता है जिससे वह आप से बातें कर सके - बेरिया के मसीही विश्वासी प्रतिदिन पवित्र शास्त्र से ढूंढ़ते थे (प्रेरितों 17:11)।
  • आज के दिन परमेश्वर आपके भीतरी मनुष्य को नूतन करना चाहता है - "इसलिये हम हियाव नहीं छोड़ते; यद्यपि हमारा बाहरी मनुष्यत्‍व नाश भी होता जाता है, तौभी हमारा भीतरी मनुष्यत्‍व दिन प्रतिदिन नया होता जाता है" (2 कुरिन्थियों 4:16)।

   यदि परमेश्वर आपका मार्गदर्शक और साथी है, तो ना केवल आज का यह दिन वरन आने वाला हर दिन एक आपके लिए विशेष दिन होगा। - डेव ब्रैनन


हर नया दिन हमारे लिए परमेश्वर की स्तुति आराधना करने के नए अवसर प्रदान करता है।

फिर उसने उन से कहा, कि जा कर चिकना चिकना भोजन करो और मीठा मीठा रस पियो, और जिनके लिये कुछ तैयार नहीं हुआ उनके पास बैना भेजो; क्योंकि आज का दिन हमारे प्रभु के लिये पवित्र है; और उदास मत रहो, क्योंकि यहोवा का आनन्द तुम्हारा दृढ़ गढ़ है। - नहेम्याह 8:10

बाइबल पाठ: लूका 11:1-4
Luke 11:1 फिर वह किसी जगह प्रार्थना कर रहा था: और जब वह प्रार्थना कर चुका, तो उसके चेलों में से एक ने उस से कहा; हे प्रभु, जैसे यूहन्ना ने अपने चेलों को प्रार्थना करना सिखलाया वैसे ही हमें भी तू सिखा दे। 
Luke 11:2 उसने उन से कहा; जब तुम प्रार्थना करो, तो कहो; हे पिता, तेरा नाम पवित्र माना जाए, तेरा राज्य आए। 
Luke 11:3 हमारी दिन भर की रोटी हर दिन हमें दिया कर। 
Luke 11:4 और हमारे पापों को क्षमा कर, क्योंकि हम भी अपने हर एक अपराधी को क्षमा करते हैं, और हमें परीक्षा में न ला।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 143-145
  • 1 कुरिन्थियों 14:21-40