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रविवार, 5 मार्च 2017

मुझ से


   मैं उन्हें ’मैल नोट्स’ कहता हूँ - छोटी टिप्पणियाँ जो हमारी बेटी मैलिस्सा ने अपनी बाइबल में लिखीं जिससे वह उस पद या परिच्छेद को अपने जीवन में लागू कर सके। जैसे कि उसने मत्ती 7 के पहले दो पदों के चारों ओर एक रेखा खींची थी। परमेश्वर के वचन बाइबल के इस खण्ड में प्रभु यीशु मसीह ने औरों का न्याय करने से संबंधित शिक्षा दी है; प्रभु ने यहाँ सिखाया है कि हम जिस नाप से औरों के लिए नापते हैं उसी नाप से हमारे लिए भी नापा जाएगा। इस खण्ड के चारों ओर रेखा खींचने के बाद मैल ने अपने नोट में लिखा: "इससे पहले कि दूसरे क्या कर रहे हैं देखो, यह देखो कि तुम क्या कर रहे हो।"

   मैलिस्सा औरों के प्रति ध्यान रखने वाली किशोरी थी। वह परमेश्वर के वचन बाइबल के फिलिप्पियों 2:4 के निर्देष को जीया करती थी। उसके सहपाठी मैट ने, जो मैलिस्सा के साथ छोटी आयु से लेकर ग्यारहवीं कक्षा के उस समय तक रहा था जब एक कार दुर्घटना में मैलिस्सा की मृत्यु हुई, मैलिस्सा की मृत्योपरांत रखी गई यादगार सभा कहा: "मुझे कोई ऐसा समय याद नहीं आता है जब मैंने तुम्हें मुस्कुराते हुए या किसी के लिए कुछ ऐसा करते हुए नहीं देखा जिससे उनका दिन आनन्दपूर्ण हो जाए।" उसकी सहेली तारा ने कहा: "मेरी सहेली होने के लिए धन्यवाद, उस समय में भी जब कोई तुम्हारे समान भला और हँसमुख नहीं होता था।"

   ऐसे समय में जब औरों के प्रति कर्कश रवैया रखते हुए उनका आँकलन करना सामान्यतः देखा जाता है, यह ध्यान करना भला है कि प्रेम का आरंभ हम से ही होता है। प्रेरित पौलुस ने लिखा, "पर अब विश्वास, आशा, प्रेम ये तीनों स्थाई है, पर इन में सब से बड़ा प्रेम है" (1 कुरिन्थियों 13:13)। यह कितना प्रभावी होगा जब हम औरों को देखें और तो विचार करें कि उनके प्रति प्रेम का आरंभ मुझ से ही होगा। क्या यह प्रभु यीशु द्वारा हम से किए गए प्रेम को प्रतिबिंबित करना नहीं होगा? - डेव ब्रैनन


हमारे प्रति परमेश्वर के प्रेम को स्वीकार करना ही 
औरों से प्रेम प्रदर्शित करने का आधार है।

हर एक अपनी ही हित की नहीं, वरन दूसरों की हित की भी चिन्‍ता करे। - फिलिप्पियों 2:4

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 13
1 Corinthians 13:1 यदि मैं मनुष्यों, और सवर्गदूतों की बोलियां बोलूं, और प्रेम न रखूं, तो मैं ठनठनाता हुआ पीतल, और झंझनाती हुई झांझ हूं। 
1 Corinthians 13:2 और यदि मैं भविष्यद्वाणी कर सकूं, और सब भेदों और सब प्रकार के ज्ञान को समझूं, और मुझे यहां तक पूरा विश्वास हो, कि मैं पहाड़ों को हटा दूं, परन्तु प्रेम न रखूं, तो मैं कुछ भी नहीं। 
1 Corinthians 13:3 और यदि मैं अपनी सम्पूर्ण संपत्ति कंगालों को खिला दूं, या अपनी देह जलाने के लिये दे दूं, और प्रेम न रखूं, तो मुझे कुछ भी लाभ नहीं। 
1 Corinthians 13:4 प्रेम धीरजवन्‍त है, और कृपाल है; प्रेम डाह नहीं करता; प्रेम अपनी बड़ाई नहीं करता, और फूलता नहीं। 
1 Corinthians 13:5 वह अनरीति नहीं चलता, वह अपनी भलाई नहीं चाहता, झुंझलाता नहीं, बुरा नहीं मानता। 
1 Corinthians 13:6 कुकर्म से आनन्‍दित नहीं होता, परन्तु सत्य से आनन्‍दित होता है। 
1 Corinthians 13:7 वह सब बातें सह लेता है, सब बातों की प्रतीति करता है, सब बातों की आशा रखता है, सब बातों में धीरज धरता है। 
1 Corinthians 13:8 प्रेम कभी टलता नहीं; भविष्यद्वाणियां हों, तो समाप्‍त हो जाएंगी, भाषाएं हो तो जाती रहेंगी; ज्ञान हो, तो मिट जाएगा। 
1 Corinthians 13:9 क्योंकि हमारा ज्ञान अधूरा है, और हमारी भविष्यद्वाणी अधूरी। 
1 Corinthians 13:10 परन्तु जब सवर्सिद्ध आएगा, तो अधूरा मिट जाएगा। 
1 Corinthians 13:11 जब मैं बालक था, तो मैं बालकों की नाईं बोलता था, बालकों का सा मन था बालकों की सी समझ थी; परन्तु सियाना हो गया, तो बालकों की बातें छोड़ दी। 
1 Corinthians 13:12 अब हमें दर्पण में धुंधला सा दिखाई देता है; परन्तु उस समय आमने साम्हने देखेंगे, इस समय मेरा ज्ञान अधूरा है; परन्तु उस समय ऐसी पूरी रीति से पहिचानूंगा, जैसा मैं पहिचाना गया हूं। 
1 Corinthians 13:13 पर अब विश्वास, आशा, प्रेम थे तीनों स्थाई है, पर इन में सब से बड़ा प्रेम है।

एक साल में बाइबल: 

  • गिनती 34-36
  • मरकुस 9:30-50


शनिवार, 4 मार्च 2017

आश्वस्त


   ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के अनुसार, यूरोप की चट्टानों मे रहने वाली चीटियाँ अपने निवास स्थान संबंधित माप-दण्डों और उनका विश्लेषण करने में संभवतः हम मनुष्यों से बेहतर हैं। उन शोधकर्ताओं ने पाया कि वे चीटियाँ अपने रहने के स्थान के बारे में जानकारी एकत्रित करने के लिए विशेष गुप्तचर चीटियों का उपयोग करती रहती हैं। वैज्ञानिकों को भी स्तब्ध कर देने वाले सामाजिक जीवन कौशल का उपयोग करके वे चट्टानी चीटियाँ साथ-साथ मिलकर कार्य करती हैं जिससे कि वे रहने के लिए सही स्थान, अन्धकार और आवश्यक सुरक्षा का पता लगा सकें और रानी चींटी को और उसके अँडों-लार्वों को सबसे उपयुक्त रहने का स्थान दे सकें।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि मूसा के समय में, इस्त्राएल को रहने-बसने के लिए एक नया स्थान चाहिए था। मिस्त्र में उन्हें कठोर दास्तव का सामना करना पड़ा था जिससे निकलकर वे अब सिनै के बियाबान से होकर यात्रा कर रहे थे, और यह भी बसने के लिए उपयुक्त नहीं था। परमेश्वर उन्हें अपने वायदे के अनुसार एक ऐसे देश में ले कर जा रहा था जहाँ दूध और मधु की नदियाँ बहती थीं; परन्तु उस स्थान से संबंधित, उनकी नज़रों में, एक गंभीर समस्या आ गई थी - इस्त्राएल को जो लोग उस देश के बारे में पता लगाने के लिए गए थे, उन्होंने आकर इस बात की तो पुष्टि की कि वह देश बहुत ही मनोहर, उपजाऊ और संपन्न है; लेकिन साथ ही यह भी बताया कि उस देश में गढ़वाले नगर और दैत्याकार अनाकवंशी भी रहते थे, जिनके समक्ष उन इस्त्राएली भेदियों ने अपने आप को टिड्डियों के समान पाया (गिनती 13:28, 33)। उनकी इस बात से निराश होकर इस्त्राएलियों ने परमेश्वर की कही बात पर अविश्वास किया और उस देश में जाने से इन्कार कर दिया, जो उन्हें फिर बहुत भारी पड़ गया।

   अपनी तुलना परमेश्वर द्वारा बनाए गए अन्य जीवों से करना कभी कभी लभदायक हो सकता है, परन्तु यह तुलना केवल आकार तक ही सीमित नहीं रहनी चाहिए; उन जीवों द्वारा परमेश्वर की आज्ञाकारिता का भी वैसा ही पालन होना चाहिए। यूरोपीय चट्टानी चीटियाँ अपने सृष्टिकर्ता द्वारा उन्हें दिए गए नैसर्गिक गुणों और सहजबुद्धि का पालन करती हैं, और अद्भुत कार्य कर लेती हैं। हम अपने भय और अविश्वास के कारण परमेश्वर की मानने और करने से कतराते रहते हैं और परेशानियों में जीवन व्यतीत करते हैं। जब भी हम आश्वस्त होकर परमेश्वर के प्रेम और हमारी भलाई ही के लिए उसके प्रत्येक कार्य को स्वीकार करके उसकी इच्छा के अनुसार चलते और कार्य करते हैं, हम भी अपने जीवनों में सफल, समृद्ध और उन्नत होते जाते हैं; और हम सच्चे मन से कह सकते हैं, "हे प्रभु, तू पीढ़ी से पीढ़ी तक हमारे लिये धाम बना है" (भजन 90:1)। - मार्ट डी हॉन


अपने आप को परमेश्वर में सुरक्षित और बसा हुआ देखना,
 जीवन के सही स्थान पर होना है।

मेरे लिये सनातन काल की चट्टान का धाम बन, जिस में मैं नित्य जा सकूं; तू ने मेरे उद्धार की आज्ञा तो दी है, क्योंकि तू मेरी चट्टान और मेरा गढ़ ठहरा है। हे मेरे परमेश्वर दुष्ट के, और कुटिल और क्रूर मनुष्य के हाथ से मेरी रक्षा कर। - भजन 71:3-4

बाइबल पाठ: गिनती 13:17-33
Numbers 13:17 उन को कनान देश के भेद लेने को भेजते समय मूसा ने कहा, इधर से, अर्थात दक्षिण देश हो कर जाओ, 
Numbers 13:18 और पहाड़ी देश में जा कर उस देश को देख लो कि कैसा है, और उस में बसे हुए लोगों को भी देखो कि वे बलवान्‌ हैं वा निर्बल, थोड़े हैं वा बहुत, 
Numbers 13:19 और जिस देश में वे बसे हुए हैं सो कैसा है, अच्छा वा बुरा, और वे कैसी कैसी बस्तियों में बसे हुए हैं, और तम्बुओं में रहते हैं वा गढ़ वा किलों में रहते हैं, 
Numbers 13:20 और वह देश कैसा है, उपजाऊ है वा बंजर है, और उस में वृक्ष हैं वा नहीं। और तुम हियाव बान्धे चलो, और उस देश की उपज में से कुछ लेते भी आना। वह समय पहली पक्की दाखों का था। 
Numbers 13:21 सो वे चल दिए, और सीन नाम जंगल से ले रहोब तक, जो हमात के मार्ग में है, सारे देश को देखभाल कर उसका भेद लिया। 
Numbers 13:22 सो वे दक्षिण देश हो कर चले, और हेब्रोन तक गए; वहां अहीमन, शेशै, और तल्मै नाम अनाकवंशी रहते थे। हेब्रोन तो मिस्र के सोअन से सात वर्ष पहिले बसाया गया था। 
Numbers 13:23 तब वे एशकोल नाम नाले तक गए, और वहां से एक डाली दाखों के गुच्छे समेत तोड़ ली, और दो मनुष्य उस एक लाठी पर लटकाए हुए उठा ले चले गए; और वे अनारों और अंजीरों में से भी कुछ कुछ ले आए। 
Numbers 13:24 इस्त्राएली वहां से जो दाखों का गुच्छा तोड़ ले आए थे, इस कारण उस स्थान का नाम एशकोल नाला रखा गया। 
Numbers 13:25 चालीस दिन के बाद वे उस देश का भेद ले कर लौट आए। 
Numbers 13:26 और पारान जंगल के कादेश नाम स्थान में मूसा और हारून और इस्त्राएलियों की सारी मण्डली के पास पहुंचे; और उन को और सारी मण्डली को संदेशा दिया, और उस देश के फल उन को दिखाए। 
Numbers 13:27 उन्होंने मूसा से यह कहकर वर्णन किया, कि जिस देश में तू ने हम को भेजा था उस में हम गए; उस में सचमुच दूध और मधु की धाराएं बहती हैं, और उसकी उपज में से यही है। 
Numbers 13:28 परन्तु उस देश के निवासी बलवान हैं, और उसके नगर गढ़ वाले हैं और बहुत बड़े हैं; और फिर हम ने वहां अनाकवंशियों को भी देखा। 
Numbers 13:29 दक्षिण देश में तो अमालेकी बसे हुए हैं; और पहाड़ी देश में हित्ती, यबूसी, और एमोरी रहते हैं; और समुद्र के किनारे किनारे और यरदन नदी के तट पर कनानी बसे हुए हैं। 
Numbers 13:30 पर कालेब ने मूसा के साम्हने प्रजा के लोगों को चुप कराने की मनसा से कहा, हम अभी चढ़ के उस देश को अपना कर लें; क्योंकि नि:सन्देह हम में ऐसा करने की शक्ति है। 
Numbers 13:31 पर जो पुरूष उसके संग गए थे उन्होंने कहा, उन लोगों पर चढ़ने की शक्ति हम में नहीं है; क्योंकि वे हम से बलवान हैं। 
Numbers 13:32 और उन्होंने इस्त्राएलियों के साम्हने उस देश की जिसका भेद उन्होंने लिया था यह कहकर निन्दा भी की, कि वह देश जिसका भेद लेने को हम गये थे ऐसा है, जो अपने निवासियों निगल जाता है; और जितने पुरूष हम ने उस में देखे वे सब के सब बड़े डील डौल के हैं। 
Numbers 13:33 फिर हम ने वहां नपीलों को, अर्थात नपीली जाति वाले अनाकवंशियों को देखा; और हम अपनी दृष्टि में तो उनके साम्हने टिड्डे के सामान दिखाई पड़ते थे, और ऐसे ही उनकी दृष्टि में मालूम पड़ते थे।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती 31-33
  • मरकुस 9:1-29


शुक्रवार, 3 मार्च 2017

बदलाव


   यदि आप मेरे समान हैं तो आपने ने भी कोई नई ज़िम्मेदारी को निभाना स्वीकार करने के लिए संघर्ष किया होगा - विशेषकर तब जब वह किसी भले कार्य तथा औरों की सहायाता करने से संबंधित हो। निभाने के लिए इन्कार करने या अपनी प्राथमिकताओं का ध्यानपूर्वक चयन करने के हमारे पास उचित कारण हो सकते हैं। परन्तु फिर भी कई बार, और अधिक कुछ करने के लिए सहमत नहीं होने के कारण हम दोषी अनुभव कर सकते हैं या हमें प्रतीत हो सकता है कि हम अपने मसीही विश्वास में कम हो गए हैं।

   परन्तु परमेश्वर के वचन बाइबल में सभोपदेशक 3:1-8 के अनुसार, बुद्धि पहचानती है कि जीवन में प्रत्येक बात का अपना समय होता है - मानवीय गतिविधियों में भी तथा प्रकृति के कार्यों में भी: "हर एक बात का एक अवसर और प्रत्येक काम का, जो आकाश के नीचे होता है, एक समय है" (सभोपदेशक 3:1)।

   हो सकता है कि आप का विवाह होने वाला हो, या आप पहली बार माता या पिता बनने वाले हैं। हो सकता है कि आपके लिए पढ़ाई पूरी कर के अब नौकरी में जाने का समय आ रहा है, या अपनी कार्य अवधि पूरी करके आप की सेवानिवृति होने वाली है। जैसे जैसे हमारे समय बदलते हैं, हमारी प्राथमिकताएं भी बदलती हैं। हमें जो हम करते आ रहे हैं उसे छोड़कर अपनी शक्तियों को किसी अन्य ओर लगाने के बारे में विचार करना पड़ता है।

   जब जीवन हमारी परिस्थितियों तथा ज़िम्मेदारियों में बदलाव लाता है, तो उन नई परिस्थितियों में हमें बुद्धिमता तथा ज़िम्मेदारी के साथ चुनाव करना होता है कि हम किन बातों को स्वीकार करें या निभाएं, और किन को नहीं। ऐसे समय में निर्णय लेने में सहायक बातों में से एक है, "जो कुछ भी करो परमेश्वर कि महिमा के लिए करो" (1 कुरिन्थियों 10:31)। बाइबल में नीतिवचन 3:5-6 हमें आश्वस्त करता है कि जब हम सब बातों में परमेश्वर को प्राथमिकता देते हैं, तो वह जिस मार्ग पर हमें जाना चाहिए उसके लिए हमारा मार्गदर्शन भी करता है; हमारे जीवन के हर बदलाव और हर परिस्थिति में। - पो फैंग चिया


मसीह यीशु के प्रति समर्पण का जीवन विचार करके 
सही कार्य करने की हमारी प्रतिदिन की बुलाहट है।

तू अपनी समझ का सहारा न लेना, वरन सम्पूर्ण मन से यहोवा पर भरोसा रखना। उसी को स्मरण कर के सब काम करना, तब वह तेरे लिये सीधा मार्ग निकालेगा। - नीतिवचन 3:5-6

बाइबल पाठ: सभोपदेशक 3:1-13
Ecclesiastes 3:1 हर एक बात का एक अवसर और प्रत्येक काम का, जो आकाश के नीचे होता है, एक समय है। 
Ecclesiastes 3:2 जन्म का समय, और मरण का भी समय; बोने का समय; और बोए हुए को उखाड़ने का भी समय है; 
Ecclesiastes 3:3 घात करने का समय, और चंगा करने का भी समय; ढा देने का समय, और बनाने का भी समय है; 
Ecclesiastes 3:4 रोने का समय, और हंसने का भी समय; छाती पीटने का समय, और नाचने का भी समय है; 
Ecclesiastes 3:5 पत्थर फेंकने का समय, और पत्थर बटोरने का भी समय; गल लगाने का समय, और गल लगाने से रूकने का भी समय है; 
Ecclesiastes 3:6 ढूंढ़ने का समय, और खो देने का भी समय; बचा रखने का समय, और फेंक देने का भी समय है; 
Ecclesiastes 3:7 फाड़ने का समय, और सीने का भी समय; चुप रहने का समय, और बोलने का भी समय है; 
Ecclesiastes 3:8 प्रेम का समय, और बैर करने का भी समय; लड़ाई का समय, और मेल का भी समय है। 
Ecclesiastes 3:9 काम करने वाले को अधिक परिश्रम से क्या लाभ होता है? 
Ecclesiastes 3:10 मैं ने उस दु:खभरे काम को देखा है जो परमेश्वर ने मनुष्यों के लिये ठहराया है कि वे उस में लगे रहें। 
Ecclesiastes 3:11 उसने सब कुछ ऐसा बनाया कि अपने अपने समय पर वे सुन्दर होते है; फिर उसने मनुष्यों के मन में अनादि-अनन्त काल का ज्ञान उत्पन्न किया है, तौभी काल का ज्ञान उत्पन्न किया है, वह आदि से अन्त तक मनुष्य बूझ नहीं सकता। 
Ecclesiastes 3:12 मैं ने जान लिया है कि मनुष्यों के लिये आनन्द करने और जीवन भर भलाई करने के सिवाय, और कुछ भी अच्छा नहीं; 
Ecclesiastes 3:13 और यह भी परमेश्वर का दान है कि मनुष्य खाए-पीए और अपने सब परिश्रम में सुखी रहे। 

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती 28-30
  • मरकुस 8:22-38


गुरुवार, 2 मार्च 2017

घातक हथियार


   बॉक्सिंग के दिग्गज मुहम्मद अली अपने प्रतिपक्षी को पराजित करने के लिए कई युक्त्तियों का प्रयोग करता था; जिनमें से एक थी ताने मारना या निन्दा करना। जॉर्ज फोरमैन के साथ 1974 में हुए अपने मुकाबले में अली ने फोरमैन को ताने मारे, "जरा ज़ोर से मारो! मुझे कुछ करके तो दिखाओ, जॉर्ज। इससे तो कोई चोट नहीं पहुँची; मैंने सुना था कि तुम बहुत ज़ोरावर हो।" अली की इन बातों को सुनकर फोरमैन क्रोधावेश में आकर इधर-उधर अपने मुक्के चलाता रहा, अपनी ताकत गँवाता रहा, और उसका आत्मविश्वास कम होता चला गया।

   तानों और निन्दा द्वारा इस प्रकार कमज़ोर करना शैतान द्वारा परमेश्वर के लोगों के विरुद्ध प्रयोग किए जाने वाला एक पुराना हथियार भी है। परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि यरुशालेम की टूटी हुई दीवार को पुनः बनाने के लिए नेहम्याह द्वारा किए जाने वाले प्रयासों का तोबियाह ने यह कहकर उपहास किया कि यदि गीदड़ भी उस बनाई जाने वाली दीवार पर चढ़ गए तो वह टूट जाएगी (नहेम्याह 4:3)। तोबियाह निराश कर देने वाले कटु शब्दों के द्वारा उन्हें कमज़ोर कर देना चाह रहा था। यही बात गोलियत ने दाऊद पर भी आज़माई जब दाऊद उसे मारने के लिए आगे बढ़ा; गोलियत ने दाऊद के लड़कपन का और उसके गोफन तथा पत्थर लेकर उसके साथ युद्ध करने आने का मज़ाक उड़ाया (1 शमूएल 17:41-44)।

   उपहास या निराश करने वाली टिप्पणी घातक हथियार हो सकती है। परन्तु ना ही नहेमयाह ने तोबियाह की बात पर कोई ध्यान दिया, और ना ही दाऊद ने गोलियत के उपहास को गंभीरता से लिया। दोनों ने ही अपने प्रतिद्वन्दियों की बातों की बजाए परमेश्वर और उसके वायदों पर अपना ध्यान केंद्रित रखा, और परमेश्वर पर भरोसा रखने के द्वारा अपने विरोधियों पर प्रबल तथा जयवन्त हुए।

   ताने मारना, निन्दा करना किसी के द्वारा भी आ सकता है। उन लोगों की बातों पर ध्यान करके उसका प्रत्युत्तर देने के प्रयास हमारे बल को क्षीण कर सकते हैं; परन्तु परमेश्वर अपने वायदों, अपने वचन के द्वारा हमें प्रोत्साहित करता है। उसने हम से वायदा किया है कि वह हमें ना तो कभी छोड़ेगा और ना हि कभी त्यागेगा (भजन 9:10; इब्रानियों 13:5), और वह चाहता है कि हम सदा उस पर निर्भर होकर चलते रहें: "इसलिये आओ, हम अनुग्रह के सिंहासन के निकट हियाव बान्‍धकर चलें, कि हम पर दया हो, और वह अनुग्रह पाएं, जो आवश्यकता के समय हमारी सहायता करे" (इब्रानियों 4:16)। - लॉरेंस दरमानी


यदि आप निराशा की सुरंग में हैं तो ज्योति की ओर चलते रहें।

वह थके हुए को बल देता है और शक्तिहीन को बहुत सामर्थ देता है। तरूण तो थकते और श्रमित हो जाते हैं, और जवान ठोकर खाकर गिरते हैं; परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएंगे, वे उकाबों की नाईं उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे। - यशायाह 40:29-31

बाइबल पाठ: नहेम्याह 4:1-9
Nehemiah 4:1 जब सम्बल्लत ने सुना कि यहूदी लोग शहरपनाह को बना रहे हैं, तब उसने बुरा माना, और बहुत रिसियाकर यहूदियों को ठट्ठों में उड़ाने लगा। 
Nehemiah 4:2 वह अपने भाइयों के और शोमरोन की सेना के साम्हने यों कहने लगा, वे निर्बल यहूदी क्या किया चाहते हैं? क्या वे वह काम अपने बल से करेंगे? क्या वे अपना स्थान दृढ़ करेंगे? क्या वे यज्ञ करेंगे? क्या वे आज ही सब काम निपटा डालेंगे? क्या वे मिट्टी के ढेरों में के जले हुए पत्थरों को फिर नये सिरे से बनाएंगे? 
Nehemiah 4:3 उसके पास तो अम्मोनी तोबियाह था, और वह कहने लगा, जो कुछ वे बना रहे हैं, यदि कोई गीदड़ भी उस पर चढ़े, तो वह उनकी बनाई हुई पत्थर की शहरपनाह को तोड़ देगा। 
Nehemiah 4:4 हे हमारे परमेश्वर सुन ले, कि हमारा अपमान हो रहा है; और उनका किया हुआ अपमान उन्हीं के सिर पर लौटा दे, और उन्हें बन्धुआई के देश में लुटवा दे। 
Nehemiah 4:5 और उनका अधर्म तू न ढांप, और न उनका पाप तेरे सम्मुख से मिटाया जाए; क्योंकि उन्होंने तुझे शहरपनाह बनाने वालों के साम्हने क्रोध दिलाया है। 
Nehemiah 4:6 और हम लोगों ने शहरपनाह को बनाया; और सारी शहरपनाह आधी ऊंचाई तक जुड़ गई। क्योंकि लोगों का मन उस काम में नित लगा रहा। 
Nehemiah 4:7 जब सम्बल्लत और तोबियाह और अरबियों, अम्मोनियों और अशदोदियों ने सुना, कि यरूशलेम की शहरपनाह की मरम्मत होती जाती है, और उस में के नाके बन्द होने लगे हैं, तब उन्होंने बहुत ही बुरा माना; 
Nehemiah 4:8 और सभों ने एक मन से गोष्ठी की, कि जा कर यरूशलेम से लड़ें, और उस में गड़बड़ी डालें। 
Nehemiah 4:9 परन्तु हम लोगों ने अपने परमेश्वर से प्रार्थना की, और उनके डर के मारे उनके विरुद्ध दिन रात के पहरुए ठहरा दिए। 

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती 26-27
  • मरकुस 8:1-21


बुधवार, 1 मार्च 2017

कीमत


   हाल ही में हमने अपने दो-वर्षीय बेटे के लिए नए जूते खरीदे; उन्हें पाकर वह इतना प्रसन्न हुआ कि रात को सोने के लिए जाते समय तक उसने उन्हें नहीं उतारा। लेकिन अगली प्रातः वह उनके बारे में भूल गया और उसने अपने पुराने जूते ही पहन लिए। यह देखकर मेरे पति ने टिप्पणी की, "काश कि उसे ध्यान होता कि चीज़ों की कीमत क्या होती है।" उसके नए जूते महंगे थे लेकिन एक छोटा बच्चा वेतन के लिए काम करने के घंटों, मेहनत और चुकाए गए करों के बारे में नहीं जानता है। उसे जो उपहार मिलते हैं उन्हें वह खुले हाथों से स्वीकार तो कर लेता है, लेकिन उससे यह अपेक्षा नहीं की जा सकती है कि वह उन महंगे उपहारों को खरीदने और देने में माता-पिता द्वारा चुकाई गई कीमत और किए गए बलिदान के बारे में ध्यान करे या उसकी सराहना करे।

   कभी कभी मैं भी एक बच्चे के समान व्यवहार करती हूँ। खुले हाथों से मैं परमेश्वर द्वारा मुझे उपहार के रूप में दी गई असीम करुणा और अनुग्रह को स्वीकार तो कर लेती हूँ, परन्तु क्या मैं उस सब के लिए सदा उसके प्रति धन्यवादी रहती हूँ? मेरे प्रति रखी गई परमेश्वर की यह करुणा और अनुग्रह बेशकीमती है, अमूल्य है। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस इसकी कीमत के विषय में लिखता है: "क्योंकि तुम जानते हो, कि तुम्हारा निकम्मा चाल-चलन जो बाप दादों से चला आता है उस से तुम्हारा छुटकारा चान्दी सोने अर्थात नाशमान वस्‍तुओं के द्वारा नहीं हुआ। पर निर्दोष और निष्‍कलंक मेम्ने अर्थात मसीह के बहुमूल्य लोहू के द्वारा हुआ" (1 पतरस 1:18-19)। प्रभु यीशु ने अपने लहू, अपने प्राण के बलिदान के द्वारा इस कीमत को हमारे लिए चुकाया है; और परमेश्वर ने उसे मृतकों में से जिला उठाया (पद 21), जिससे हम उसके परिवार में सम्मिलित हो सकें।

   जब हम सेंत-मेंत में, हमें उपहारास्वरूप मिले इस उद्धार की कीमत समझने लगते हैं, तब ही हम उसके लिए परमेश्वर के प्रति कृतज्ञ और धन्यवादी भी रहने लगते हैं। - कीला ओकोआ


हमारा उद्धार बेशकीमती है, अमूल्य है, 
परन्तु हमें सेंत-मेंत उपलब्ध करवाया गया है।

क्या तुम नहीं जानते, कि तुम्हारी देह पवित्रात्मा का मन्दिर है; जो तुम में बसा हुआ है और तुम्हें परमेश्वर की ओर से मिला है, और तुम अपने नहीं हो? क्योंकि दाम देकर मोल लिये गए हो, इसलिये अपनी देह के द्वारा परमेश्वर की महिमा करो। - 1 कुरिन्थियों 6:19-20

बाइबल पाठ: 1 पतरस 1:15-23
1 Peter 1:15 पर जैसा तुम्हारा बुलाने वाला पवित्र है, वैसे ही तुम भी अपने सारे चाल चलन में पवित्र बनो। 
1 Peter 1:16 क्योंकि लिखा है, कि पवित्र बनो, क्योंकि मैं पवित्र हूं। 
1 Peter 1:17 और जब कि तुम, हे पिता, कह कर उस से प्रार्थना करते हो, जो बिना पक्षपात हर एक के काम के अनुसार न्याय करता है, तो अपने परदेशी होने का समय भय से बिताओ। 
1 Peter 1:18 क्योंकि तुम जानते हो, कि तुम्हारा निकम्मा चाल-चलन जो बाप दादों से चला आता है उस से तुम्हारा छुटकारा चान्दी सोने अर्थात नाशमान वस्‍तुओं के द्वारा नहीं हुआ। 
1 Peter 1:19 पर निर्दोष और निष्‍कलंक मेम्ने अर्थात मसीह के बहुमूल्य लोहू के द्वारा हुआ। 
1 Peter 1:20 उसका ज्ञान तो जगत की उत्‍पत्ति के पहिले ही से जाना गया था, पर अब इस अन्‍तिम युग में तुम्हारे लिये प्रगट हुआ। 
1 Peter 1:21 जो उसके द्वारा उस परमेश्वर पर विश्वास करते हो, जिसने उसे मरे हुओं में से जिलाया, और महिमा दी; कि तुम्हारा विश्वास और आशा परमेश्वर पर हो। 
1 Peter 1:22 सो जब कि तुम ने भाईचारे की निष्‍कपट प्रीति के निमित्त सत्य के मानने से अपने मनों को पवित्र किया है, तो तन मन लगा कर एक दूसरे से अधिक प्रेम रखो। 
1 Peter 1:23 क्योंकि तुम ने नाशमान नहीं पर अविनाशी बीज से परमेश्वर के जीवते और सदा ठहरने वाले वचन के द्वारा नया जन्म पाया है।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती 23-25
  • मरकुस 7:14-37


मंगलवार, 28 फ़रवरी 2017

स्वीकार


   एक स्थानीय अखबार में एक पास्टर ने अपने जीवन से संबंधित एक घटना बताई। उस पास्टर का परिचय एक बुज़ुर्ग व्यक्ति से करवाया गया और वे दोनों बातचीत कर रहे थे; पास्टर ने एक कंपनी का नाम लेते हुए कहा, "तो आप दैनिक जीवन की वस्तुओं से संबम्धित कंपनी में कार्य करते थे।" बुज़ुर्ग व्यक्ति ने सहमति जताते हुए कहा, "जी हाँ, अवश्य।" पास्टर ने बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि जब यह बालक था तो उसके माता-पिता की भूमि से होकर उस कंपनी द्वारा बिछाए गए केबल जाया करते थे। बुज़ुर्ग ने पूछा, "आप कहाँ रहा करते थे?" जब पास्टर ने अपने बचपन के घर का पता बताया, तो बुज़ुर्ग ने उत्तर दिया, "मुझे वह स्थान अच्छे से याद है; उस जगह केबल संबंधित चेतावनी के चिन्ह लगाए रखना मेरे लिए बड़ी कठिनाई का कार्य हुआ करता था क्योंकि वहाँ के बच्चे अवसर मिलते ही उन चिन्हों को तोड़ डालते थे।" यह सुनकर जब बुज़ुर्ग ने पास्टर के चेहरे को शर्म से लाल होते देखा, तो पूछा, "तो क्या आप भी उन दंगा करते रहने वाले बच्चों में से एक थे?" पास्टर को स्वीकार करना पड़ा कि उन बच्चों में वह भी हुआ करता था।

   पास्टर ने अपनी इस कहानी का शीर्षक रखा था, "आपके चिन्ह आपको ढूँढ़ लेंगे" जो परमेश्वर के वचन बाइबल में परमेश्वर द्वारा मूसा को कही गई बात तुम्हारे पाप तुम्हें ढूँढ़ लेंगे (गिनती 32:23) पर आधारित था।

   हमारी पुरानी गलतियों और पापों में हमें ढूँढ़ निकालने और पिछला हिसाब चुकता करने की क्षमता रहती है; और वे पाप जिनका निवारण नहीं किया गया है हमारे जीवनों में बड़े गंभीर परिणाम ला सकते हैं। इस बात को अनुभव करते हुए दाऊद ने भजन 32 में लिखा, "जब मैं चुप रहा तब दिन भर कराहते कराहते मेरी हडि्डयां पिघल गईं" (भजन 32:3); फिर उसने आगे पापों को स्वीकार कर लेने से मिलने वाली क्षमा के विषय लिखा, "जब मैं ने अपना पाप तुझ पर प्रगट किया और अपना अधर्म न छिपाया, और कहा, मैं यहोवा के साम्हने अपने अपराधों को मान लूंगा; तब तू ने मेरे अधर्म और पाप को क्षमा कर दिया" (भजन 32:5)। परमेश्वर के आगे गलतियों, बुराईयों और पापों को स्वीकार करके उनके लिए उससे क्षमा माँग लेना हमारे लिए परमेश्वर से आशीषों का मार्ग खोल देता है। - डेव ब्रैनन


जो पाप परमेश्वर हमारे लेखे से मिटा देता है, 
हम मसीही विश्वासियों को उसे अपने स्मरण से भी मिटा देना चाहिए।

यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है। - 1 यूहन्ना 1:9

बाइबल पाठ: भजन 32
Psalms 32:1 क्या ही धन्य है वह जिसका अपराध क्षमा किया गया, और जिसका पाप ढ़ाँपा गया हो। 
Psalms 32:2 क्या ही धन्य है वह मनुष्य जिसके अधर्म का यहोवा लेखा न ले, और जिसकी आत्मा में कपट न हो।
Psalms 32:3 जब मैं चुप रहा तब दिन भर कराहते कराहते मेरी हडि्डयां पिघल गईं। 
Psalms 32:4 क्योंकि रात दिन मैं तेरे हाथ के नीचे दबा रहा; और मेरी तरावट धूप काल की सी झुर्राहट बनती गई।
Psalms 32:5 जब मैं ने अपना पाप तुझ पर प्रगट किया और अपना अधर्म न छिपाया, और कहा, मैं यहोवा के साम्हने अपने अपराधों को मान लूंगा; तब तू ने मेरे अधर्म और पाप को क्षमा कर दिया।
Psalms 32:6 इस कारण हर एक भक्त तुझ से ऐसे समय में प्रार्थना करे जब कि तू मिल सकता है। निश्चय जब जल की बड़ी बाढ़ आए तौभी उस भक्त के पास न पहुंचेगी। 
Psalms 32:7 तू मेरे छिपने का स्थान है; तू संकट से मेरी रक्षा करेगा; तू मुझे चारों ओर से छुटकारे के गीतों से घेर लेगा।
Psalms 32:8 मैं तुझे बुद्धि दूंगा, और जिस मार्ग में तुझे चलना होगा उस में तेरी अगुवाई करूंगा; मैं तुझ पर कृपा दृष्टि रखूंगा और सम्मत्ति दिया करूंगा। 
Psalms 32:9 तुम घोड़े और खच्चर के समान न बनो जो समझ नहीं रखते, उनकी उमंग लगाम और बाग से रोकनी पड़ती है, नहीं तो वे तेरे वश में नहीं आने के।
Psalms 32:10 दुष्ट को तो बहुत पीड़ा होगी; परन्तु जो यहोवा पर भरोसा रखता है वह करूणा से घिरा रहेगा। 
Psalms 32:11 हे धर्मियों यहोवा के कारण आनन्दित और मगन हो, और हे सब सीधे मन वालों आनन्द से जयजयकार करो!

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती 20-22
  • मरकुस 7:1-13


सोमवार, 27 फ़रवरी 2017

समर्पित जीवन


   परमेश्वर के वचन बाइबल के अपने अध्ययन में दानिय्येल की पुस्तक का अध्ययन करते समय मेरा ध्यान इस बात पर गया कि दानिय्येल के लिए शेरों की माँद में फेंके जाने से बचना कितना सरल हो सकता था। दानिय्येल बेबिलौन के राजा के नीचे कार्य करने वाले मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों में से एक था, और उसके साथ के अन्य अधिकारी उससे ईर्ष्या करते थे। परमेश्वर के प्रति समर्पित और परमेश्वर से प्रार्थना करने की दैनिक दिनचर्या के आधार पर उन ईर्ष्या करने वाले अधिकारियों ने दानिय्येल के विरुद्ध षड़यंत्र रचा, कि एक महीने तक राजा को छोड़ किसी और की आराधना ना की जाए (दानिय्येल 6:1-9)। दानिय्येल उनके इस षड़यंत्र से भलि-भांति परिचित था, और वह एक महीने तक, जब तक कि हालात फिर से सामान्य ना हो जाएं, छुप कर परमेश्वर से प्रार्थना, उसकी आराधना कर सकता था। परन्तु दानिय्येल ऐसे समझौते के समर्पण वाला व्यक्ति नहीं था।

   बाइबल बताती है कि, "जब दानिय्येल को मालूम हुआ कि उस पत्र पर हस्ताक्षर किया गया है, तब वह अपने घर में गया जिसकी उपरौठी कोठरी की खिड़कियां यरूशलेम के सामने खुली रहती थीं, और अपनी रीति के अनुसार जैसा वह दिन में तीन बार अपने परमेश्वर के साम्हने घुटने टेक कर प्रार्थना और धन्यवाद करता था, वैसा ही तब भी करता रहा" (दानिय्येल 6:10)। विपरीत परिस्थिति को आया देख कर दानिय्येल घबराया नहीं, सताव की लगभग निश्चित संभावना से वह अभिभूत नहीं हुआ, उसने परमेश्वर के साथ सौदा करने या परिस्थितियों के साथ समझौता करने का विचार भी नहीं किया, वरन जैसे वह पहले परमेश्वर के साथ समय बिताता था, इस षड़यंत्र के समय में भी वह परमेश्वर के साथ वैसे ही समय बिताता रहा।

   मेरे लिए सीखने के बात थी दानिय्येल के जीवन में परमेश्वर के प्रति दृढ़ समर्पण और प्रतिदिन उस समर्पण को निभाने का जीवन। दानिय्येल जानता था कि उसकी सामर्थ और सुरक्षा परमेश्वर ही से है, और वह प्रतिदिन परमेश्वर को ही प्रसन्न करने का जीवन व्यतीत करने में लगा रहा। जब परिस्थितियाँ विपरीत हो गईं, दानिय्येल ने अपनी दिनचर्या में कोई परिवर्तन नहीं किया; वह परमेश्वर के प्रति अपने समर्पित जीवन को पहले ही के समान व्यतीत करता रहा और परमेश्वर ने उसे बचाया भी तथा शिरोमणि भी कर दिया। - डेविड मैक्कैसलैंड


जब हम प्रार्थना और आराधना में परमेश्वर के सामने झुक जाते हैं, 
तो परमेश्वर हमें अपनी महिमा के लिए खड़े होने वाला बना देता है।

तब दारा राजा ने सारी पृथ्वी के रहने वाले देश-देश और जाति-जाति के सब लोगों, और भिन्न-भिन्न भाषा बोलने वालों के पास यह लिखा, तुम्हारा बहुत कुशल हो। मैं यह आज्ञा देता हूं कि जहां जहां मेरे राज्य का अधिकार है, वहां के लोग दानिय्येल के परमेश्वर के सम्मुख कांपते और थरथराते रहें, क्योंकि जीवता और युगानयुग तक रहने वाला परमेश्वर वही है; उसका राज्य अविनाशी और उसकी प्रभुता सदा स्थिर रहेगी। जिसने दानिय्येल को सिंहों से बचाया है, वही बचाने और छुड़ाने वाला है; और स्वर्ग में और पृथ्वी पर चिन्हों और चमत्कारों का प्रगट करने वाला है। और दानिय्येल, दारा और कुस्रू फारसी, दोनों के राज्य के दिनों में भाग्यवान्‌ रहा। - दानिय्येल 6:25-28

बाइबल पाठ: दानिय्येल 6:1-16
Daniel 6:1 दारा को यह अच्छा लगा कि अपने राज्य के ऊपर एक सौ बीस ऐसे अधिपति ठहराए, जो पूरे राज्य में अधिकार रखें। 
Daniel 6:2 और उनके ऊपर उसने तीन अध्यक्ष, जिन में से दानिय्येल एक था, इसलिये ठहराए, कि वे उन अधिपतियों से लेखा लिया करें, और इस रीति राजा की कुछ हानि न होने पाए। 
Daniel 6:3 जब यह देखा गया कि दानिय्येल में उत्तम आत्मा रहती है, तब उसको उन अध्यक्षों और अधिपतियों से अधिक प्रतिष्ठा मिली; वरन राजा यह भी सोचता था कि उसको सारे राज्य के ऊपर ठहराए। 
Daniel 6:4 तब अध्यक्ष और अधिपति राजकार्य के विषय में दानिय्येल के विरुद्ध दोष ढूंढ़ने लगे; परन्तु वह विश्वासयोग्य था, और उसके काम में कोई भूल वा दोष न निकला, और वे ऐसा कोई अपराध वा दोष न पा सके। 
Daniel 6:5 तब वे लोग कहने लगे, हम उस दानिय्येल के परमेश्वर की व्यवस्था को छोड़ और किसी विषय में उसके विरुद्ध कोई दोष न पा सकेंगे।
Daniel 6:6 तब वे अध्यक्ष और अधिपति राजा के पास उतावली से आए, और उस से कहा, हे राजा दारा, तू युगयुग जीवित रहे। 
Daniel 6:7 राज्य के सारे अध्यक्षों ने, और हाकिमों, अधिपतियों, न्यायियों, और गवर्नरों ने भी आपास में सम्मति की है, कि राजा ऐसी आज्ञा दे और ऐसी कड़ी आज्ञा निकाले, कि तीस दिन तक जो कोई, हे राजा, तुझे छोड़ किसी और मनुष्य वा देवता से बिनती करे, वह सिंहों की मान्द में डाल दिया जाए। 
Daniel 6:8 इसलिये अब हे राजा, ऐसी आज्ञा दे, और इस पत्र पर हस्ताक्षर कर, जिस से यह बात मादियों और फारसियों की अटल व्यवस्था के अनुसार अदल-बदल न हो सके। 
Daniel 6:9 तब दारा राजा ने उस आज्ञा पत्र पर हस्ताक्षर कर दिया।
Daniel 6:10 जब दानिय्येल को मालूम हुआ कि उस पत्र पर हस्ताक्षर किया गया है, तब वह अपने घर में गया जिसकी उपरौठी कोठरी की खिड़कियां यरूशलेम के सामने खुली रहती थीं, और अपनी रीति के अनुसार जैसा वह दिन में तीन बार अपने परमेश्वर के साम्हने घुटने टेक कर प्रार्थना और धन्यवाद करता था, वैसा ही तब भी करता रहा। 
Daniel 6:11 तब उन पुरूषों ने उतावली से आकर दानिय्येल को अपने परमेश्वर के सामने बिनती करते और गिड़गिड़ाते हुए पाया। 
Daniel 6:12 सो वे राजा के पास जा कर, उसकी राजआज्ञा के विषय में उस से कहने लगे, हे राजा, क्या तू ने ऐसे आज्ञापत्र पर हस्ताक्षर नहीं किया कि तीस दिन तक जो कोई तुझे छोड़ किसी मनुष्य वा देवता से बिनती करेगा, वह सिंहों की मान्द में डाल दिया जाएगा? राजा ने उत्तर दिया, हां, मादियों और फारसियों की अटल व्यवस्था के अनुसार यह बात स्थिर है। 
Daniel 6:13 तब उन्होंने राजा से कहा, यहूदी बंधुओं में से जो दानिय्येल है, उसने, हे राजा, न तो तेरी ओर कुछ ध्यान दिया, और न तेरे हस्ताक्षर किए हुए आज्ञापत्र की ओर; वह दिन में तीन बार बिनती किया करता है।
Daniel 6:14 यह वचन सुनकर, राजा बहुत उदास हुआ, और दानिय्येल के बचाने के उपाय सोचने लगा; और सूर्य के अस्त होने तक उसके बचाने का यत्न करता रहा। 
Daniel 6:15 तब वे पुरूष राजा के पास उतावली से आकर कहने लगे, हे राजा, यह जान रख, कि मादियों और फारसियों में यह व्यवस्था है कि जो जो मनाही वा आज्ञा राजा ठहराए, वह नहीं बदल सकती।
Daniel 6:16 तब राजा ने आज्ञा दी, और दानिय्येल लाकर सिंहों की मान्द में डाल दिया गया। उस समय राजा ने दानिय्येल से कहा, तेरा परमेश्वर जिसकी तू नित्य उपासना करता है, वही तुझे बचाए!

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती 17-19
  • मरकुस 6:30-56