ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

मंगलवार, 28 फ़रवरी 2017

स्वीकार


   एक स्थानीय अखबार में एक पास्टर ने अपने जीवन से संबंधित एक घटना बताई। उस पास्टर का परिचय एक बुज़ुर्ग व्यक्ति से करवाया गया और वे दोनों बातचीत कर रहे थे; पास्टर ने एक कंपनी का नाम लेते हुए कहा, "तो आप दैनिक जीवन की वस्तुओं से संबम्धित कंपनी में कार्य करते थे।" बुज़ुर्ग व्यक्ति ने सहमति जताते हुए कहा, "जी हाँ, अवश्य।" पास्टर ने बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि जब यह बालक था तो उसके माता-पिता की भूमि से होकर उस कंपनी द्वारा बिछाए गए केबल जाया करते थे। बुज़ुर्ग ने पूछा, "आप कहाँ रहा करते थे?" जब पास्टर ने अपने बचपन के घर का पता बताया, तो बुज़ुर्ग ने उत्तर दिया, "मुझे वह स्थान अच्छे से याद है; उस जगह केबल संबंधित चेतावनी के चिन्ह लगाए रखना मेरे लिए बड़ी कठिनाई का कार्य हुआ करता था क्योंकि वहाँ के बच्चे अवसर मिलते ही उन चिन्हों को तोड़ डालते थे।" यह सुनकर जब बुज़ुर्ग ने पास्टर के चेहरे को शर्म से लाल होते देखा, तो पूछा, "तो क्या आप भी उन दंगा करते रहने वाले बच्चों में से एक थे?" पास्टर को स्वीकार करना पड़ा कि उन बच्चों में वह भी हुआ करता था।

   पास्टर ने अपनी इस कहानी का शीर्षक रखा था, "आपके चिन्ह आपको ढूँढ़ लेंगे" जो परमेश्वर के वचन बाइबल में परमेश्वर द्वारा मूसा को कही गई बात तुम्हारे पाप तुम्हें ढूँढ़ लेंगे (गिनती 32:23) पर आधारित था।

   हमारी पुरानी गलतियों और पापों में हमें ढूँढ़ निकालने और पिछला हिसाब चुकता करने की क्षमता रहती है; और वे पाप जिनका निवारण नहीं किया गया है हमारे जीवनों में बड़े गंभीर परिणाम ला सकते हैं। इस बात को अनुभव करते हुए दाऊद ने भजन 32 में लिखा, "जब मैं चुप रहा तब दिन भर कराहते कराहते मेरी हडि्डयां पिघल गईं" (भजन 32:3); फिर उसने आगे पापों को स्वीकार कर लेने से मिलने वाली क्षमा के विषय लिखा, "जब मैं ने अपना पाप तुझ पर प्रगट किया और अपना अधर्म न छिपाया, और कहा, मैं यहोवा के साम्हने अपने अपराधों को मान लूंगा; तब तू ने मेरे अधर्म और पाप को क्षमा कर दिया" (भजन 32:5)। परमेश्वर के आगे गलतियों, बुराईयों और पापों को स्वीकार करके उनके लिए उससे क्षमा माँग लेना हमारे लिए परमेश्वर से आशीषों का मार्ग खोल देता है। - डेव ब्रैनन


जो पाप परमेश्वर हमारे लेखे से मिटा देता है, 
हम मसीही विश्वासियों को उसे अपने स्मरण से भी मिटा देना चाहिए।

यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है। - 1 यूहन्ना 1:9

बाइबल पाठ: भजन 32
Psalms 32:1 क्या ही धन्य है वह जिसका अपराध क्षमा किया गया, और जिसका पाप ढ़ाँपा गया हो। 
Psalms 32:2 क्या ही धन्य है वह मनुष्य जिसके अधर्म का यहोवा लेखा न ले, और जिसकी आत्मा में कपट न हो।
Psalms 32:3 जब मैं चुप रहा तब दिन भर कराहते कराहते मेरी हडि्डयां पिघल गईं। 
Psalms 32:4 क्योंकि रात दिन मैं तेरे हाथ के नीचे दबा रहा; और मेरी तरावट धूप काल की सी झुर्राहट बनती गई।
Psalms 32:5 जब मैं ने अपना पाप तुझ पर प्रगट किया और अपना अधर्म न छिपाया, और कहा, मैं यहोवा के साम्हने अपने अपराधों को मान लूंगा; तब तू ने मेरे अधर्म और पाप को क्षमा कर दिया।
Psalms 32:6 इस कारण हर एक भक्त तुझ से ऐसे समय में प्रार्थना करे जब कि तू मिल सकता है। निश्चय जब जल की बड़ी बाढ़ आए तौभी उस भक्त के पास न पहुंचेगी। 
Psalms 32:7 तू मेरे छिपने का स्थान है; तू संकट से मेरी रक्षा करेगा; तू मुझे चारों ओर से छुटकारे के गीतों से घेर लेगा।
Psalms 32:8 मैं तुझे बुद्धि दूंगा, और जिस मार्ग में तुझे चलना होगा उस में तेरी अगुवाई करूंगा; मैं तुझ पर कृपा दृष्टि रखूंगा और सम्मत्ति दिया करूंगा। 
Psalms 32:9 तुम घोड़े और खच्चर के समान न बनो जो समझ नहीं रखते, उनकी उमंग लगाम और बाग से रोकनी पड़ती है, नहीं तो वे तेरे वश में नहीं आने के।
Psalms 32:10 दुष्ट को तो बहुत पीड़ा होगी; परन्तु जो यहोवा पर भरोसा रखता है वह करूणा से घिरा रहेगा। 
Psalms 32:11 हे धर्मियों यहोवा के कारण आनन्दित और मगन हो, और हे सब सीधे मन वालों आनन्द से जयजयकार करो!

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती 20-22
  • मरकुस 7:1-13


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें