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मंगलवार, 18 सितंबर 2018

तैयारी



      हम अंत्येष्टि गृह में मेरे ससुर की देह के पास खड़े उन्हें ताबूत में रखा हुआ देख रहे थे; उनके एक पुत्र ने आकर उनके हाथों के नीचे उनकी काम करने वाली हथौड़ी रख दी। वर्षों बाद, जब मेरी सास का देहांत हुआ, उनके बच्चों में से एक ने बुनाई करने वाली सलाईयाँ उनके हाथों के नीचे रख दीं। इन प्रेम भरे कार्यों द्वारा हमें थोड़ी शान्ति मिली, जब हमने स्मरण किया कि उन लोगों ने अपने जीवन में उन उपकरणों को कैसे उपयोग किया था।

      निःसंदेह, हम भली-भांति जानते थे कि अपने अनन्त जीवन में उन्हें इन वस्तुओं का कोई प्रयोजन नहीं है। प्राचीन मिस्त्रियों के समान, हमें कोई भ्रम हीं था कि किसी व्यक्ति के साथ दफनाए गए औज़ार, या धन, या हथियार उनको पृथ्वी के बाद के जीवन के लिए बेहतर तैयार करेंगे। हम अच्छे से जानते थे कि हम में से कोई भी व्यक्ति अपने साथ कोई भी पार्थिव वस्तु लेकर परलोक नहीं जा सकते है (भजन 49:16-17; 1 तिमुथियुस 6:7)।

      परन्तु उस अवश्यंभावी अनन्त जीवन के लिए मेरे सास-ससुर को कुछ तैयारी करनी अनिवार्य थी। उन्होंने अपनी यह तैयारी, अपने देहांत से वर्षों पहले कर ली थी जब उन्होंने अपने पापों से पश्चाताप किया और प्रभु यीशु को अपना जीवन समर्पित कर दिया, उसे अपना प्रभु स्वीकार कर लिया। उस पल, उस दिन से उनका अनन्त भविष्य स्वर्ग में प्रभु के साथ व्यतीत होना निर्धारित हो गया था। इसी प्रकार हम में से प्रत्येक को परलोक के उस अनन्त के लिए अपनी निज तैयारी करनी है।

      हमारी यह तैयारी, हमारी मृत्यु के समय आरंभ नहीं की जा सकती है। हम में से प्रत्येक को अपने अनन्त काल को सुनिश्चित करने के लिए, प्रभु यीशु मसीह के क्रूस पर दिए गए बलिदान और मृतकों में से पुनरुत्थान द्वारा उपलब्ध कराई गई पापों की क्षमा और उद्धार के उपहार को अभी, समय रहते, ग्रहण करना है; यही उस अवश्यंभावी समय के लिए हमारी सबसे महत्वपूर्ण तैयारी है।

      साथ ही प्रभु यीशु ने भी अपने विश्वासियों के लिए एक तैयारी कर के रखी है; प्रभु ने अपने शिष्यों को आश्वस्त किया: “और यदि मैं जा कर तुम्हारे लिये जगह तैयार करूं, तो फिर आकर तुम्हें अपने यहां ले जाऊंगा, कि जहां मैं रहूं वहां तुम भी रहो” (यूहन्ना 14:3)। उसने हमें अनन्तकाल तक अपने साथ रखने की तैयारी कर के रख ली है। - सिंडी हैस कैस्पर


परमेश्वर हमें समय प्रदान करता है कि हम अपने अनन्त समय की तैयारी कर सकें।

यदि कोई मेरी सेवा करे, तो मेरे पीछे हो ले; और जहां मैं हूं वहां मेरा सेवक भी होगा; यदि कोई मेरी सेवा करे, तो पिता उसका आदर करेगा। - यूहन्ना 12:26

बाइबल पाठ: यूहन्ना 14:1-6
John 14:1 तुम्हारा मन व्याकुल न हो, तुम परमेश्वर पर विश्वास रखते हो मुझ पर भी विश्वास रखो।
John 14:2 मेरे पिता के घर में बहुत से रहने के स्थान हैं, यदि न होते, तो मैं तुम से कह देता क्योंकि मैं तुम्हारे लिये जगह तैयार करने जाता हूं।
John 14:3 और यदि मैं जा कर तुम्हारे लिये जगह तैयार करूं, तो फिर आकर तुम्हें अपने यहां ले जाऊंगा, कि जहां मैं रहूं वहां तुम भी रहो।
John 14:4 और जहां मैं जाता हूं तुम वहां का मार्ग जानते हो।
John 14:5 थोमा ने उस से कहा, हे प्रभु, हम नहीं जानते कि तू कहां जाता है तो मार्ग कैसे जानें?
John 14:6 यीशु ने उस से कहा, मार्ग और सच्चाई और जीवन मैं ही हूं; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुंच सकता।


एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 30-31
  • 2 कुरिन्थियों 11:1-15



सोमवार, 17 सितंबर 2018

संभाल



      मैं स्विमिंग पूल के पास खड़ी थी; मैंने तैराकी प्रशिक्षक को एक प्रशिक्षणार्थी को, जो बहुत देर से पानी में था और थका हुआ सा लग रहा था, एक निर्देश देते हुए सुना। उसने कहा, “लगता है कि तुम थकने लगे हो। जब बिलकुल थक जाओ, और गहरे पानी में हो, तो तैरने की जीवन-रक्षा शैली का अभ्यास करना।”

      जीवन की कुछ परिस्थितियाँ ऐसी होती हैं जिनमें हमें अपनी मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक सामार्थ्य इतनी व्यय करनी पड़ जाती है कि हम अपने आपको संभाले नहीं रख पाते हैं। परमेश्वर के वचन बाइबल में दाऊद ने अपने जीवन के एक ऐसे समय के बारे में लिखा जब उसके शत्रु उसपर हावी होने के प्रयास कर रहे थे और वह उनके क्रोध के भावनात्मक दबाव को अनुभव कर पा रहा था। जिस कष्ट से होकर वह निकल रहा था, उसे उससे से बच निकलने की आवश्यकता थी।

      उसने अपनी भावनाओं का विश्लेषण किया, और अपनी कठिनाई के इस समय से उसे बचने का मार्ग दिखाई दिया। उस ने अपने इस अनुभव के आधार पर कहा, “अपना बोझ यहोवा पर डाल दे वह तुझे सम्भालेगा; वह धर्मी को कभी टलने न देगा” (भजन 55:22)। उसने पहचाना कि यदि हम अपनी परेशानियां प्रभु पर छोड़ दें, तो उनके निवारण में परमेश्वर हमारी सहायता करता है। हमें अपने जीवन की प्रत्येक परिस्थिति का नियंत्राण अपने ही हाथों में रखकर, स्वयं ही उसके निवारण का प्रयास नहीं करना चाहिए – इससे थकान ही उत्पन्न होती है। क्योंकि परमेश्वर हमारे जीवन की हर बात पर नियंत्रण रखता है, इसलिए, हमें हर बात उस ही के हाथों में छोड़ देनी चाहिए।

      हर बात, हर कार्य को अपने ही प्रयास द्वारा करने का प्रयास करने के स्थान पर, हम प्रभु परमेश्वर में विश्राम पा सकते हैं; वह हमें इस विश्राम के लिए आमंत्रित भी करता है (मत्ती 11:28)। बस हम अपनी हर बात को उसके सक्षम हाथों में समर्पित कर के, थका देने वाले अपने प्रयासों से थम जाएँ, उसमें पूर्ण भरोसे के साथ विश्राम करें, और इस बात का आनन्द लें कि वह हमें संभाले हुए है। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


प्रभु परमेश्वर सुरक्षित विश्राम-स्थान है।

प्रभु यीशु ने कहा: “हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा।” (मत्ती 11:28)

बाइबल पाठ: भजन 55:4-23
Psalms 55:4 मेरा मन भीतर ही भीतर संकट में है, और मृत्यु का भय मुझ में समा गया है।
Psalms 55:5 भय और कंपकपी ने मुझे पकड़ लिया है, और भय के कारण मेरे रोंए रोंए खड़े हो गए हैं।
Psalms 55:6 और मैं ने कहा, भला होता कि मेरे कबूतर के से पंख होते तो मैं उड़ जाता और विश्राम पाता!
Psalms 55:7 देखो, फिर तो मैं उड़ते उड़ते दूर निकल जाता और जंगल में बसेरा लेता,
Psalms 55:8 मैं प्रचण्ड बयार और आन्धी के झोंके से बचकर किसी शरण स्थान में भाग जाता।
Psalms 55:9 हे प्रभु, उन को सत्यानाश कर, और उनकी भाषा में गड़बड़ी डाल दे; क्योंकि मैं ने नगर में उपद्रव और झगड़ा देखा है।
Psalms 55:10 रात दिन वे उसकी शहरपनाह पर चढ़कर चारों ओर घूमते हैं; और उसके भीतर दुष्टता और उत्पात होता है।
Psalms 55:11 उसके भीतर दुष्टता ने बसेरा डाला है; और अन्धेर, अत्याचार और छल उसके चौक से दूर नहीं होते।
Psalms 55:12 जो मेरी नामधराई करता है वह शत्रु नहीं था, नहीं तो मैं उसको सह लेता; जो मेरे विरुद्ध बड़ाई मारता है वह मेरा बैरी नहीं है, नहीं तो मैं उस से छिप जाता।
Psalms 55:13 परन्तु वह तो तू ही था जो मेरी बराबरी का मनुष्य मेरा परममित्र और मेरी जान पहचान का था।
Psalms 55:14 हम दोनों आपस में कैसी मीठी मीठी बातें करते थे; हम भीड़ के साथ परमेश्वर के भवन को जाते थे।
Psalms 55:15 उन को मृत्यु अचानक आ दबाए; वे जीवित ही अधोलोक में उतर जाएं; क्योंकि उनके घर और मन दोनों में बुराइयां और उत्पात भरा है।
Psalms 55:16 परन्तु मैं तो परमेश्वर को पुकारूंगा; और यहोवा मुझे बचा लेगा।
Psalms 55:17 सांझ को, भोर को, दोपहर को, तीनों पहर मैं दोहाई दूंगा और कराहता रहूंगा। और वह मेरा शब्द सुन लेगा।
Psalms 55:18 जो लड़ाई मेरे विरुद्ध मची थी उस से उसने मुझे कुशल के साथ बचा लिया है। उन्होंने तो बहुतों को संग ले कर मेरा साम्हना किया था।
Psalms 55:19 ईश्वर जो आदि से विराजमान है यह सुनकर उन को उत्तर देगा। ये वे हैं जिन में कोई परिवर्तन नहीं और उन में परमेश्वर का भय है ही नहीं।
Psalms 55:20 उसने अपने मेल रखने वालों पर भी हाथ छोड़ा है, उसने अपनी वाचा को तोड़ दिया है।
Psalms 55:21 उसके मुंह की बातें तो मक्खन सी चिकनी थी परन्तु उसके मन में लड़ाई की बातें थीं; उसके वचन तेल से अधिक नरम तो थे परन्तु नंगी तलवारें थीं।
Psalms 55:22 अपना बोझ यहोवा पर डाल दे वह तुझे सम्भालेगा; वह धर्मी को कभी टलने न देगा।
Psalms 55:23 परन्तु हे परमेश्वर, तू उन लोगों को विनाश के गड़हे में गिरा देगा; हत्यारे और छली मनुष्य अपनी आधी आयु तक भी जीवित न रहेंगे। परन्तु मैं तुझ पर भरोसा रखे रहूंगा।


एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 27-29
  • 2 कुरिन्थियों 10



रविवार, 16 सितंबर 2018

सुगंध



      न्यू यॉर्क में इत्रों तथा सुगन्धित द्रव्यों का कार्य करने वाली एक महिला का दावा है कि वह कुछ सुगंधों के मिश्रण को पहचान सकती है और उस मिश्रण को बनाने वाले के नाम को बता सकती है। एक बार सूंघ कर वह  बता सकती है, “इसे जेनी ने बनाया है।”

      कोरिन्थ में मसीही विश्वासियों को लिखते समय  पौलुस ने एक ऐसे उदाहरण का प्रयोग किया जो उन्हें किसी जीते हुए नगर में विजयी रोमी सेना के प्रवेश के याद दिलाता (2 कुरिन्थियों 2:14)। नगर के मार्ग पर सुगन्धित द्रव्य जलाए जाते, और सबसे पहले रोमी सेना का सेनापति प्रवेश करता, उसके पीछे-पीछे उसकी सेना आती, और सबसे अन्त में पराजित सेना के कैदी लाए जाते। रोमी सैनिकों के लिए उस सुगंध का अर्थ था विजय का उत्सव, जबकि पराजित कैदियों के लिए उसी सुगंध का अर्थ था मृत्यु।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में पौलुस ने कहा कि परमेश्वर के लिए हम वह सुगंध हैं जो पाप पर मसीह की विजय की सूचक है। परमेश्वर ने हम मसीही विश्वासियों को स्वयं मसीह यीशु ही की सुगंध प्रदान की है, जिससे हम उसके बलिदान की सुगंध बन सकें। किन्तु हम कैसे इस सुखद सुगंध को औरों के जीवनों में ला सकते हैं? हम उन्हें मसीह यीशु के समान उदारता और प्रेम प्रदर्शित कर सकते हैं, उनके साथ प्रभु यीशु में उपलब्ध पापों की क्षमा और उद्धार का सुसमाचार बाँट सकते हैं। हम परमेश्वर पवित्र-आत्मा को अपने अन्दर आत्मा के फलों, प्रेम, आनन्द, दयालुता आदि को प्रगट करने दे सकते हैं (गलतियों 5:22-23)।

      जब लोग हमें देखते हैं तो क्या वे कह सकते हैं, “यह यीशु का कार्य है”? क्या हम प्रभु को अनुमति और अवसर दे रहे हैं कि वह हम में होकर अपनी सुगंध सँसार के लोगों के मध्य फैला सके? क्या हम उसके उद्धार के सुसमाचार को बाँट रहे हैं? प्रभु यीशु सर्वोत्तम सुगंध है; ऐसी सुगंध जिसकी सब को आवश्यकता है। - केला ओकोआ


प्रभु यीशु में धार्मिकता का जीवन, 
औरों को भी प्रभु की ओर आकर्षित करता है।

क्योंकि क्रूस की कथा नाश होने वालों के निकट मूर्खता है, परन्तु हम उद्धार पाने वालों के निकट परमेश्वर की सामर्थ है। - 1 कुरिन्थियों 1:18

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 2:12-17
2 Corinthians 2:12 और जब मैं मसीह का सुसमाचार, सुनाने को त्रोआस में आया, और प्रभु ने मेरे लिये एक द्वार खोल दिया।
2 Corinthians 2:13 तो मेरे मन में चैन न मिला, इसलिये कि मैं ने अपने भाई तितुस को नहीं पाया; सो उन से विदा हो कर मैं मकिदुनिया को चला गया।
2 Corinthians 2:14 परन्तु परमेश्वर का धन्यवाद हो, जो मसीह में सदा हम को जय के उत्‍सव में लिये फिरता है, और अपने ज्ञान का सुगन्‍ध हमारे द्वारा हर जगह फैलाता है।
2 Corinthians 2:15 क्योंकि हम परमेश्वर के निकट उद्धार पाने वालों, और नाश होने वालों, दोनों के लिये मसीह के सुगन्‍ध हैं।
2 Corinthians 2:16 कितनो के लिये तो मरने के निमित्त मृन्यु की गन्‍ध, और कितनो के लिये जीवन के निमित्त जीवन की सुगन्‍ध, और इन बातों के योग्य कौन है?
2 Corinthians 2:17 क्योंकि हम उन बहुतों के समान नहीं, जो परमेश्वर के वचन में मिलावट करते हैं; परन्तु मन की सच्चाई से, और परमेश्वर की ओर से परमेश्वर को उपस्थित जानकर मसीह में बोलते हैं।


एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 25-26
  • 2 कुरिन्थियों 9



शनिवार, 15 सितंबर 2018

सहायक



      परमेश्वर के वचन बाइबल के नए नियम खण्ड में 30  से भे अधिक बार प्रयुक्त हुआ का एक रहस्यमय वाक्याँश है “मसीह की देह।” प्रेरित पौलुस ने विशेषकर चर्च, अर्थात कलीसिया के लिए इस वाक्याँश को प्रयोग किया है। प्रभु यीशु के स्वर्गारोहण के पश्चात, उन्होंने पृथ्वी पर अपने कार्य को हम जैसे गलतियां करने वाले, अनाड़ी पुरुषों और महिलाओं को  सौंप दिया। उन्होंने स्वयं कलीसिया के सिर की भूमिका अपना ली, और हमें उस देह के अन्य अंगों, जैसे कि हाथ, पैर, कान, आँखें, और आवाज़ आदि के कार्य करने का दायित्व सौंप दिया।

      प्रभु यीशु का निर्णय कि वह इस विशाल देह के अदृश्य सिर का कार्य करेगा, हम पर यह जिम्मेदारी डाल देता है कि आवश्यकता के अनुसार, हम विभिन्न “अंग” एक दूसरे की सहयाता करेंगे, एक दूसरे को संभालेंगे। प्रेरित पौलुस के मन में यही बात रही होगी जब उन्होंने लिखा: “वह हमारे सब क्‍लेशों में शान्‍ति देता है; ताकि हम उस शान्‍ति के कारण जो परमेश्वर हमें देता है, उन्हें भी शान्‍ति दे सकें, जो किसी प्रकार के क्‍लेश में हों। क्योंकि जैसे मसीह के दुख हम को अधिक होते हैं, वैसे ही हमारी शान्‍ति भी मसीह के द्वारा अधिक होती है” (2 कुरिन्थियों 1:4-5)। अपनी सारी सेवकाई के दौरान, पौलुस इसी सिद्धान्त का निर्वाह करता रहा; उसकी सेवकाई के भाग थे: अकाल-पीड़ितों के लिए दाने एकत्रित करना, परेशानियों के क्षेत्रों में सहायकों को भेजना, विश्वासियों द्वारा उसे दी गई भेंटों को परमेश्वर की ओर से मिली हुई भेंटें मानना, आदि।

      वाक्याँश, “मसीह की देह” उस कार्य को भली-भांति व्यक्त करता है जिसे करने के लिए हमें बुलाया गया है: अपनी देह में सँसार के लोगों के समक्ष मसीह के कार्य को प्रकट करना, उन्हें प्रभु यीशु मसीह में पापों से छुटकारे और उद्धार के मार्ग को पाने के लिए उनका सहायक बनना। - फिलिप यैन्सी


परमेश्वर की उपस्थिति हमें शान्ति देता है, 
हमें औरों को शान्ति का यह मार्ग दिखाना है।

तुम्हारा परमेश्वर यह कहता है, मेरी प्रजा को शान्ति दो, शान्ति! – यशायाह 40:1

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 1: 2-7
2 Corinthians 1:2 हमारे पिता परमेश्वर और प्रभु यीशु मसीह की ओर से तुम्हें अनुग्रह और शान्‍ति मिलती रहे।।
2 Corinthians 1:3 हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर, और पिता का धन्यवाद हो, जो दया का पिता, और सब प्रकार की शान्‍ति का परमेश्वर है।
2 Corinthians 1:4 वह हमारे सब क्‍लेशों में शान्‍ति देता है; ताकि हम उस शान्‍ति के कारण जो परमेश्वर हमें देता है, उन्हें भी शान्‍ति दे सकें, जो किसी प्रकार के क्‍लेश में हों।
2 Corinthians 1:5 क्योंकि जैसे मसीह के दुख हम को अधिक होते हैं, वैसे ही हमारी शान्‍ति भी मसीह के द्वारा अधिक होती है।
2 Corinthians 1:6 यदि हम क्‍लेश पाते हैं, तो यह तुम्हारी शान्‍ति और उद्धार के लिये है और यदि शान्‍ति पाते हैं, तो यह तुम्हारी शान्‍ति के लिये है; जिस के प्रभाव से तुम धीरज के साथ उन क्‍लेशों को सह लेते हो, जिन्हें हम भी सहते हैं।
2 Corinthians 1:7 और हमारी आशा तुम्हारे विषय में दृढ़ है; क्योंकि हम जानते हैं, कि तुम जैसे दुखों के वैसे ही शान्‍ति के भी सहभागी हो।


एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 22-24
  • 2 कुरिन्थियों 8



शुक्रवार, 14 सितंबर 2018

समय से परे



      सन 2016 में ब्रिटेन और सारे विश्व में थियेटर कंपनियों ने कुछ विशेष प्रस्तुतीकरणों द्वारा विलियम शेक्सपीयर के देहांत की 400वीं बरसी मनाई। उन्होंने संगीत-समारोहों, व्याख्यानों, और उत्सवों का आयोजन किया जिनमें लोगों की भीड़ सम्मिलित हुई, अंग्रेज़ी भाषा के सबसे महान नाटककार माने जाने वाले व्यक्ति की अभी तक लोकप्रिय बनी हुई कृतियों का उत्सव मनाने के लिए। शेक्सपीयर के एक समकालिक व्यक्ति, बेन जॉनसन ने उनके विषय में लिखा, “वे किसी काल के नहीं थे, वे हर काल के लिए थे।”

      कुछ कलाकारों, लेखकों, और दार्शनिकों का प्रभाव कुछ सदियों तक बना रह सकता है, परन्तु प्रभु यीशु मसीह ही सँसार के इतिहास में एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं जिनका प्रभाव न केवल सदियों से सारे विश्व में बना हुआ है, वरन समय के बाद भी बना रहेगा। प्रभु यीशु मसीह ने परमेश्वर के वचन बाइबल में, अपने विषय दावा किया, “जो रोटी स्वर्ग से उतरी यही है, बाप दादों के समान नहीं कि खाया, और मर गए: जो कोई यह रोटी खाएगा, वह सर्वदा जीवित रहेगा” (यूहन्ना 6:58)। जब प्रभु यीशु की शिक्षाओं को सुनने वाले अनेकों लोगों ने उनकी यह बातें सुनकर अप्रसन्नता व्यक्त की और आगे से उसके पीछे न चलने का निर्णय लिया, तो प्रभु यीशु ने अपने शिष्यों से पूछा, कि क्या वे भी उन लोगों के समान उसे छोड़ देना चाहते हैं (पद 67)? तब प्रभु यीशु के एक शिष्य ने उत्तर दिया, “शमौन पतरस ने उसको उत्तर दिया, कि हे प्रभु हम किस के पास जाएं? अनन्त जीवन की बातें तो तेरे ही पास हैं। और हम ने विश्वास किया, और जान गए हैं, कि परमेश्वर का पवित्र जन तू ही है” (पद 68-69)?

      जब हम अपने पापों के लिए क्षमा माँग कर अपने जीवन प्रभु यीशु को समर्पित करते हैं, उसे अपने जीवन का उद्धारकर्ता स्वीकार करके उसे अपने जीवन में आने का निमंत्रण देते हैं, तो हम उसके उन आरंभिक शिष्यों और उनके बाद के अन्य सभी शिष्यों में सम्मिलित हो जाते हैं जिन्होंने एक नए और अनंतकालीन जीवन के लिए उसके साथ, उसके पीछे चलने का निर्णय ले लिया है, ऐसे जीवन के लिए जो समय से परे भी बना रहेगा और अवर्णनीय आनन्द से भरा रहेगा। - डेविड मैक्कैस्लैंड


प्रभु यीशु परमेश्वर का पुत्र है, 
समय की सीमाओं से परे है, 
अपने शिष्यों को अनन्त जीवन परदान करता है।

जिस के पास पुत्र है, उसके पास जीवन है; और जिस के पास परमेश्वर का पुत्र नहीं, उसके पास जीवन भी नहीं है। - 1 यूहन्ना 5:12

बाइबल पाठ: यूहन्ना 6:51-69
John 6:51 जीवन की रोटी जो स्वर्ग से उतरी मैं हूं। यदि कोई इस रोटी में से खाए, तो सर्वदा जीवित रहेगा और जो रोटी मैं जगत के जीवन के लिये दूंगा, वह मेरा मांस है।
John 6:52 इस पर यहूदी यह कहकर आपस में झगड़ने लगे, कि यह मनुष्य क्योंकर हमें अपना मांस खाने को दे सकता है?
John 6:53 यीशु ने उन से कहा; मैं तुम से सच सच कहता हूं जब तक मनुष्य के पुत्र का मांस न खाओ, और उसका लोहू न पीओ, तुम में जीवन नहीं।
John 6:54 जो मेरा मांस खाता, और मेरा लोहू पीता है, अनन्त जीवन उसी का है, और मैं अंतिम दिन फिर उसे जिला उठाऊंगा।
John 6:55 क्योंकि मेरा मांस वास्‍तव में खाने की वस्तु है और मेरा लोहू वास्‍तव में पीने की वस्तु है।
John 6:56 जो मेरा मांस खाता और मेरा लोहू पीता है, वह मुझ में स्थिर बना रहता है, और मैं उस में।
John 6:57 जैसा जीवते पिता ने मुझे भेजा और मैं पिता के कारण जीवित हूं वैसा ही वह भी जो मुझे खाएगा मेरे कारण जीवित रहेगा।
John 6:58 जो रोटी स्वर्ग से उतरी यही है, बाप दादों के समान नहीं कि खाया, और मर गए: जो कोई यह रोटी खाएगा, वह सर्वदा जीवित रहेगा।
John 6:59 ये बातें उसने कफरनहूम के एक आराधनालय में उपदेश देते समय कहीं।
John 6:60 इसलिये उसके चेलों में से बहुतों ने यह सुनकर कहा, कि यह बात नागवार है; इसे कौन सुन सकता है?
John 6:61 यीशु ने अपने मन में यह जान कर कि मेरे चेले आपस में इस बात पर कुड़कुड़ाते हैं, उन से पूछा, क्या इस बात से तुम्हें ठोकर लगती है?
John 6:62 और यदि तुम मनुष्य के पुत्र को जहां वह पहिले था, वहां ऊपर जाते देखोगे, तो क्या होगा?
John 6:63 आत्मा तो जीवनदायक है, शरीर से कुछ लाभ नहीं: जो बातें मैं ने तुम से कहीं हैं वे आत्मा है, और जीवन भी हैं।
John 6:64 परन्तु तुम में से कितने ऐसे हैं जो विश्वास नहीं करते: क्योंकि यीशु तो पहिले ही से जानता था कि जो विश्वास नहीं करते, वे कौन हैं और कौन मुझे पकड़वाएगा।
John 6:65 और उसने कहा, इसी लिये मैं ने तुम से कहा था कि जब तक किसी को पिता की ओर यह वरदान न दिया जाए तक तक वह मेरे पास नहीं आ सकता।
John 6:66 इस पर उसके चेलों में से बहुतेरे उल्टे फिर गए और उसके बाद उसके साथ न चले।
John 6:67 तब यीशु ने उन बारहों से कहा, क्या तुम भी चले जाना चाहते हो?
John 6:68 शमौन पतरस ने उसको उत्तर दिया, कि हे प्रभु हम किस के पास जाएं? अनन्त जीवन की बातें तो तेरे ही पास हैं।
John 6:69 और हम ने विश्वास किया, और जान गए हैं, कि परमेश्वर का पवित्र जन तू ही है।


एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 19-21
  • 2 कुरिन्थियों 7



गुरुवार, 13 सितंबर 2018

समर्पण



      संभवतः आत्म-संयम निभाना सबसे कठिन व्यवहार होता है। कितनी ही बार हम किसी बुरी आदत, किसी घटिया आचरण, या गलत विचार द्वारा पराजित हो चुके हैं। हम सुधरने के वायदे करते हैं। हम लोगों से कहते हैं कि हमें उत्तरदायी ठहराएं। परन्तु अपने अन्दर हम जानते हैं कि हमारे अन्दर अपने आप को बदलने की पर्याप्त इच्छा-शक्ति और क्षमता नहीं है। बदलने के लिए हम बातें कर सकते हैं, योजनाएं बना सकते हैं, अपनी सहायता स्वयँ करना सिखाने वाली पुस्तकें पढ़ सकते हैं, परन्तु अपने अन्दर की अनेकों बातों को नियंत्रित करने या उनपर विजयी होने की व्यवाहारिक कठिनाई से हम भली-भांति अवगत हैं।

      हमें धन्यवादी होना चाहिए कि परमेश्वर हमारी इस दुर्बलता को न केवल जानता है और समझता है, वरन उसके पास इसका समाधान भी है। परमेश्वर का वचन बाइबल बताती है  कि “आत्मा के अनुसार चलो, तो तुम शरीर की लालसा किसी रीति से पूरी न करोगे” (गलतियों 5:16)। आत्म-संयम प्राप्त करने का एकमात्र तरीका है परमेश्वर के हाथों में आत्म-समर्पण कर देना।

      दूसरे शब्दों में, आत्म-संयम के लिए हमारा ध्यान अपने प्रयास पर नहीं, वरन परमेश्वर के प्रति अपने समर्पण  पर होना चाहिए, जिससे हम प्रतिपल अपने ऊपर, अपनी योग्यताओं, क्षमताओं, कार्यों आदि पर नहीं वरन परमेश्वर पर और उसके वचन के मार्गदर्शन, उसकी विधियों पर भरोसा बनाए रखें। पौलुस द्वारा कहे “आत्मा के अनुसार चलने” का यही तात्पर्य है। जब हम परमेश्वर के आत्मा के अनुसार चलेंगे, तो परमेश्वर के आत्मा के फल, “पर आत्मा का फल प्रेम, आनन्द, मेल, धीरज, और कृपा, भलाई, विश्वास, नम्रता, और संयम हैं” (गलतियों 5: 22-23) भी हमारे जीवनों में दिखाए देने लगेंगे।

      क्या आप अपने जीवन में यह परिवर्तन चाहते हैं? क्या आप अपनी बुराईयों से छूटकर शरीर और उसकी लालसाओं पर विजयी जीवन जीना चाहते हैं; अपने जीवन में आत्मा के फल देखना चाहते हैं? अपने आप को परमेश्वर के हाथों में पूर्णतः समर्पित कर दीजिए; उसके आज्ञाकारी हो जाईये, और वह आप में अपनी समानता के फल उत्पन्न करने में सहायता करता जाएगा। - जैम फेर्नानडेज़ गैरिडो


हमारा भला करने के लिए, 
परमेश्वर को हमारी योग्यताओं की नहीं हमारे समर्पण की आवश्यकता है।

सो अब जो मसीह यीशु में हैं, उन पर दण्ड की आज्ञा नहीं: क्योंकि वे शरीर के अनुसार नहीं वरन आत्मा के अनुसार चलते हैं। - रोमियों 8:1

बाइबल पाठ: गलतियों 5:16-25
Galatians 5:16 पर मैं कहता हूं, आत्मा के अनुसार चलो, तो तुम शरीर की लालसा किसी रीति से पूरी न करोगे।
Galatians 5:17 क्योंकि शरीर आत्मा के विरोध में, और आत्मा शरीर के विरोध में लालसा करती है, और ये एक दूसरे के विरोधी हैं; इसलिये कि जो तुम करना चाहते हो वह न करने पाओ।
Galatians 5:18 और यदि तुम आत्मा के चलाए चलते हो तो व्यवस्था के आधीन न रहे।
Galatians 5:19 शरीर के काम तो प्रगट हैं, अर्थात व्यभिचार, गन्‍दे काम, लुचपन।
Galatians 5:20 मूर्ति पूजा, टोना, बैर, झगड़ा, ईर्ष्या, क्रोध, विरोध, फूट, विधर्म।
Galatians 5:21 डाह, मतवालापन, लीलाक्रीड़ा, और इन के जैसे और और काम हैं, इन के विषय में मैं तुम को पहिले से कह देता हूं जैसा पहिले कह भी चुका हूं, कि ऐसे ऐसे काम करने वाले परमेश्वर के राज्य के वारिस न होंगे।
Galatians 5:22 पर आत्मा का फल प्रेम, आनन्द, मेल, धीरज,
Galatians 5:23 और कृपा, भलाई, विश्वास, नम्रता, और संयम हैं; ऐसे ऐसे कामों के विरोध में कोई भी व्यवस्था नहीं।
Galatians 5:24 और जो मसीह यीशु के हैं, उन्होंने शरीर को उस की लालसाओं और अभिलाषाओं समेत क्रूस पर चढ़ा दिया है।
Galatians 5:25 यदि हम आत्मा के द्वारा जीवित हैं, तो आत्मा के अनुसार चलें भी।


एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 16-18
  • 2 कुरिन्थियों 6



बुधवार, 12 सितंबर 2018

तैयार



      मेरी आठ वर्षीय पुत्री ने कहा, “मुझे भूख लगी है।” मैंने उत्तर दिया, “मुझे क्षमा करो, मेरे पास खाने के लिए कुछ भी नहीं है। आओ हम एक खेल खेलते हैं।” हम दोपहर के समय होने के लिए निर्धारित विवाह में दुलहन के आगमन की एक घंटे से भी अधिक से प्रतीक्षा कर रहे थे। यह विचार करते हुए कि न जाने और कितनी देर लगेगी, मैं सोचने लगी कि क्या मैं अपनी बेटी को विवाह के आरंभ होने तक व्यस्त रखने पाऊँगी?

      प्रतीक्षा करते हुए, मुझे लगा कि मानो हम प्रभु यीशु द्वारा परमेश्वर के वचन बाइबल में दिए गए एक दृष्टांत का साक्षात अभिनय कर रहे हैं। यद्यपि हमारे रहने का स्थान, चर्च के पास ही था, मुझे लग रहा था कि घर से खाने के लिए कुछ बिस्किट लेने मैं जैसे ही जाऊँगी, दुल्हन आ जाएगी, और मैं उसके आगमन तथा स्वागत को देखने से रह जाऊँगी। इसलिए मैं अपने भूखी बेटी के ध्यान को बंटाने के अपने तरीके आज़माती रही, और प्रभु यीशु द्वारा दिए गए दस कुँवारियों के दृष्टांत (मत्ती 25:1-13) के बारे में विचार करती रही।

      उस दृष्टांत में प्रभु ने बताया था कि कैसे पाँच कुंवारियां अपने दीपकों के लिए पर्याप्त अतिरिक्त तेल लेकर आईं थी, जिससे दूल्हे के आने तक उनके दीपक जलते रहें, परन्तु शेष पाँच तेल लेकर नहीं आईं थीं। और जब वे अपने दीपकों के लिए और तेल मोल लेने के लिए गईं, दूल्हा आ गया और वे उसके साथ विवाह के समारोह में नहीं जा सकीं। जैसे मेरे लिए बिस्किट लेने जाने का अब समय नहीं बचा था, उन पाँच कुँवारियों के लिए भी तेल मोल लेकर आने का समय बीत चुका था।

      प्रभु यीशु ने इस दृष्टांत को हमें यह सिखाने के लिए बताया कि हमें उसके पुनःआगमन के लिए सदैव तैयार रहना चाहिए। क्योंकि जब वह आएगा तो हमें उसे अपने जीवनों का हिसाब देना होगा। क्या हम यह हिसाब देने को तैयार हैं? – एमी बाउचर पाई


प्रभु यीशु के पुनःआगमन के लिए सदैव तैयार रहना चाहिए।

क्योंकि तुम आप ठीक जानते हो कि जैसा रात को चोर आता है, वैसा ही प्रभु का दिन आने वाला है। जब लोग कहते होंगे, कि कुशल है, और कुछ भय नहीं, तो उन पर एकाएक विनाश आ पड़ेगा, जिस प्रकार गर्भवती पर पीड़ा; और वे किसी रीति से न बचेंगे। - 1 थिस्सलुनीकियों 5:2

बाइबल पाठ: मत्ती 25:1-13
Matthew 25:1 तब स्वर्ग का राज्य उन दस कुंवारियों के समान होगा जो अपनी मशालें ले कर दूल्हे से भेंट करने को निकलीं।
Matthew 25:2 उन में पांच मूर्ख और पांच समझदार थीं।
Matthew 25:3 मूर्खों ने अपनी मशालें तो लीं, परन्तु अपने साथ तेल नहीं लिया।
Matthew 25:4 परन्तु समझदारों ने अपनी मशालों के साथ अपनी कुप्‍पियों में तेल भी भर लिया।
Matthew 25:5 जब दुल्हे के आने में देर हुई, तो वे सब ऊंघने लगीं, और सो गई।
Matthew 25:6 आधी रात को धूम मची, कि देखो, दूल्हा आ रहा है, उस से भेंट करने के लिये चलो।
Matthew 25:7 तब वे सब कुंवारियां उठ कर अपनी मशालें ठीक करने लगीं।
Matthew 25:8 और मूर्खों ने समझदारों से कहा, अपने तेल में से कुछ हमें भी दो, क्योंकि हमारी मशालें बुझी जाती हैं।
Matthew 25:9 परन्तु समझदारों ने उत्तर दिया कि कदाचित हमारे और तुम्हारे लिये पूरा न हो; भला तो यह है, कि तुम बेचने वालों के पास जा कर अपने लिये मोल ले लो।
Matthew 25:10 जब वे मोल लेने को जा रही थीं, तो दूल्हा आ पहुंचा, और जो तैयार थीं, वे उसके साथ ब्याह के घर में चलीं गई और द्वार बन्‍द किया गया।
Matthew 25:11 इसके बाद वे दूसरी कुंवारियां भी आकर कहने लगीं, हे स्‍वामी, हे स्‍वामी, हमारे लिये द्वार खोल दे।
Matthew 25:12 उसने उत्तर दिया, कि मैं तुम से सच कहता हूं, मैं तुम्हें नहीं जानता।
Matthew 25:13 इसलिये जागते रहो, क्योंकि तुम न उस दिन को जानते हो, न उस घड़ी को।


एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 13-15
  • 2 कुरिन्थियों 5