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रविवार, 14 सितंबर 2014

परिवार


   हमारे परिवार में एक आनन्द दायक परंपरा है; जब हम सब घर पर होते हैं और हम में से कोई पुकारता है, "पारिवारिक आलिंगन" तो हम सब एक ही स्थान पर एक साथ जमा हो जाते हैं, सामान्यतः यह हमारे रसोई घर में होता है; मैं बच्चों को अपने से चिपका लेती हूँ और मेरे पति हम सबको आलिंगन में भर लेते हैं। पारिवारिक प्रेम और निकटता का आनन्द लेने का यह हमारा तरीका है।

   यद्यपि हम कभी कभी इस सामूहिक आलिंगन का आनन्द लेते रहते हैं, परन्तु इस एकमनता के भाव को बनाए रखना इतना सरल भी नहीं है क्योंकि हम सब अलग अलग व्यक्तित्व वाले अलग अलग व्यक्ति हैं और हम सब की भिन्न आवश्यकताएं, योग्यताएं और दृष्टिकोण हैं। यही बात परमेश्वर पिता के परिवार अर्थात मसीही विश्वासियों की मण्डली में भी सत्य है। इस मसीही परिवार में भी सभी का अपना अपना व्यक्तित्व है, इसलिए सब एक दूसरे से भिन्न हैं; तो भी प्रेरित पौलुस हमें कहते हैं कि, "और मेल के बन्ध में आत्मा की एकता रखने का यत्‍न करो" (इफिसियों 4:3)। अन्य मसीही विश्वासियों के साथ तालमेल तथा एकमनता बना कर रहना बहुत आवश्यक है क्योंकि यह प्रभु यीशु की हमारे साथ तथा परमेश्वर पिता के साथ की एकमनता का सूचक है: "जैसा तू हे पिता मुझ में हैं, और मैं तुझ में हूं, वैसे ही वे भी हम में हों, इसलिये कि जगत प्रतीति करे, कि तू ही ने मुझे भेजा" (यूहन्ना 17:21)।

   जब परमेश्वर के परिवार में परस्पर समस्याएं हों तो परमेश्वर का वचन बाइबल हमें बताती है कि "सारी दीनता और नम्रता सहित, और धीरज धर कर प्रेम से एक दूसरे की सह लो" (इफिसियों 4:2)। यही विधि है मसीही विश्वासियों के परिवार में पारिवारिक सहभागिता और एकता का आनन्द लेने की। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


हम मसीही विश्वासियों के हृदय मसीह के प्रेम द्वार परस्पर जुड़े हुए हैं।

और इन सब के ऊपर प्रेम को जो सिद्धता का कटिबन्‍ध है बान्‍ध लो। - कुलुस्सियों 3:14

बाइबल पाठ: इफिसियों 4:1-16
Ephesians 4:1 सो मैं जो प्रभु में बन्‍धुआ हूं तुम से बिनती करता हूं, कि जिस बुलाहट से तुम बुलाए गए थे, उसके योग्य चाल चलो। 
Ephesians 4:2 अर्थात सारी दीनता और नम्रता सहित, और धीरज धरकर प्रेम से एक दूसरे की सह लो। 
Ephesians 4:3 और मेल के बन्ध में आत्मा की एकता रखने का यत्‍न करो। 
Ephesians 4:4 एक ही देह है, और एक ही आत्मा; जैसे तुम्हें जो बुलाए गए थे अपने बुलाए जाने से एक ही आशा है। 
Ephesians 4:5 एक ही प्रभु है, एक ही विश्वास, एक ही बपतिस्मा। 
Ephesians 4:6 और सब का एक ही परमेश्वर और पिता है, जो सब के ऊपर और सब के मध्य में, और सब में है।
Ephesians 4:7 पर हम में से हर एक को मसीह के दान के परिमाण से अनुग्रह मिला है। 
Ephesians 4:8 इसलिये वह कहता है, कि वह ऊंचे पर चढ़ा, और बन्‍धुवाई को बान्‍ध ले गया, और मनुष्यों को दान दिए। 
Ephesians 4:9 (उसके चढ़ने से, और क्या पाया जाता है केवल यह, कि वह पृथ्वी की निचली जगहों में उतरा भी था। 
Ephesians 4:10 और जो उतर गया यह वही है जो सारे आकाश से ऊपर चढ़ भी गया, कि सब कुछ परिपूर्ण करे)। 
Ephesians 4:11 और उसने कितनों को भविष्यद्वक्ता नियुक्त कर के, और कितनों को सुसमाचार सुनाने वाले नियुक्त कर के, और कितनों को रखवाले और उपदेशक नियुक्त कर के दे दिया। 
Ephesians 4:12 जिस से पवित्र लोग सिद्ध हों जाएं, और सेवा का काम किया जाए, और मसीह की देह उन्नति पाए। 
Ephesians 4:13 जब तक कि हम सब के सब विश्वास, और परमेश्वर के पुत्र की पहिचान में एक न हो जाएं, और एक सिद्ध मनुष्य न बन जाएं और मसीह के पूरे डील डौल तक न बढ़ जाएं। 
Ephesians 4:14 ताकि हम आगे को बालक न रहें, जो मनुष्यों की ठग-विद्या और चतुराई से उन के भ्रम की युक्तियों की, और उपदेश की, हर एक बयार से उछाले, और इधर-उधर घुमाए जाते हों। 
Ephesians 4:15 वरन प्रेम में सच्चाई से चलते हुए, सब बातों में उस में जो सिर है, अर्थात मसीह में बढ़ते जाएं। 
Ephesians 4:16 जिस से सारी देह हर एक जोड़ की सहायता से एक साथ मिलकर, और एक साथ गठकर उस प्रभाव के अनुसार जो हर एक भाग के परिमाण से उस में होता है, अपने आप को बढ़ाती है, कि वह प्रेम में उन्नति करती जाए।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 34-36