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बुधवार, 10 फ़रवरी 2010

भोजन के लिये क्या है?

मैं अपने निकट मित्रों को खाने का न्यौता देकर उन्हें कुछ बची हुई और बासी भोजन वस्तुएं गरम करके परोसने की कलपना भी नहीं कर सकता। मैं ऐसा करूं भी तो यह उनके प्रति मेरी भावना के रूप में देखा जायेगा।

यदि हम परमेश्वर को अपने जीवन की कुछ पुरानी, बची हुई वस्तुएं दें तो वह प्रकट करेगा कि हमारे जीवन में परमेश्वर का क्या मूल्य है। परमेश्वर ने इब्राहिम से उसके पुत्र इसहाक को अपनी उपासना की भेंट स्वरूप मांगा। उत्पत्ति २१:१ उसे परिक्षा कहता है; एक परीक्षा, यह देखने को कि इब्राहिम के जीवन में परमेश्वर से बढ़कर मूल्यवान कोई और है या नहीं।

हमारे जीवन में भी ऐसा ही है। ऐसे अवसर आते हैं, जब परमेश्वर अपना कोई मुख्य कार्य करने के लिये हमसे कुछ मांगता है। वह हमसे मांग कर सकता है कि बदला लेने की हमारी स्वभाविक प्रवृत्ति को छोड़ दें और अपने दुश्मनों को क्षमा करके उसके क्षमा करने वाले प्रेम को उनमें बांट दें। वह अपना कोई कार्य हमसे करवाने के लिये हमारे समय, धन और सुविधा की मांग कर सकता है। वह हमारे पुत्र-पुत्रियों को मांग सकता है, कि वे उसके प्रेम का प्रचार करने दूर देशों में जाएं। परमेश्वर की मांगों के प्रति हमारी प्रतिक्रिया उसके प्रति हमारी भावना को प्रकट करती है।

बची-कुची या कम उपयोगी वस्तुएं तो कोई भी दे सकता है, परन्तु बढ़कर परमेश्वर से सब से बढ़कर प्रेम करने वाले ही उसे सबसे उत्तम भेंट दे सकते हैं। - जो स्टोवेल


जिसने अपना सब कुछ हमारे लिये बलिदान कर दिया, उसके लिये हमारा कोई भी त्याग बड़ा नहीं है।



बाइबल पाठ: उत्पत्ति २२:१-१२


ऐसा हुआ कि परमेश्वर ने इब्राहिम से यह कहकर उसकी परीक्षा की, कि "हे इब्राहिम"; उसने कहा देख, मैं यहां हूँ।



एक साल में बाइबल:
  • लैव्यवस्था ८-१०
  • मत्ती२५:३१-४६

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