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सोमवार, 3 मई 2010

स्मृति चिन्ह

हमारी बेटी जब स्कूल दिनों में पढ़ाने जाती है तो मेरी पत्नी हमारी नातिन एलियाना की देखभाल करती है। उसके लिये हम कई ऐसे कार्य करते थे जिनसे एलियाना को हमारे घर में स्वाभाविक लगे। जैसे, उसके कद की उंचाई पर उसके माता -पिता और उनके साथ उसकी कुछ तसवीरों को रख देते, ताकि वह उन्हें देखे और तस्वीरों को उठा कर घर में घूमें। हम चाहते थे कि वह अपने माता-पिता के बारे में अक्सर सोचे।

हमें ऐसा करने की क्या आवश्यक्ता थी? क्या यह संभव था कि वह उन्हें भूल जाती? कदापि नहीं। परन्तु उनको निरंतर स्मरण करने से उसे मन में शांति मिलती।

अब इसके बारे में सोचें। अपने क्रूस पर चढ़ाए जाने से पहले, यीशु ने अपनी एक यादगार चेलों के लिये दी। उसने अपने चेलों से कहा (और हमारे लिये भी), कि "मेरे स्मरण के लिये यही किया करो" (उसकी देह और लहु के प्रतीक, एक रोटी और एक प्याले में हिस्सा लेना) (लूका २२:१९)। क्या यह इसलिये किया कि हम यीशु को भूल न जाएं? कभी नहीं। हम उसे कैसे भूल सकते हैं जो हमारे पापों के लिये मरा? उसने यह यादगार इस लिये स्थापित करी जिससे उसके महान बलिदान, उसकी उपस्थिति, उसकी सामर्थ और उसकी वाचाओं की याद द्वारा उसकी शांति हममें बनी रहे।

जैसे एलियाना को वे फोटो उसके माता-पिता के प्रेम की याद दिलाते रहते थे, वैसे ही प्रभु भोज एक बहुमूल्य स्मृति चिन्ह है हममें उसकी याद बनाए रखने के लिये, जो हमारे सदा के घर में हमें ले जाने के लिये फिर आएगा। - डेव ब्रैनन


जो अपने पाप का सच्चा पछतावा करते हैं, वे बहुत कृतज्ञता के साथ मसीह के क्रूस को स्मरण रखते हैं।


बाइबल पाठ: लूका २२:७-२०


मेरे स्मरण के लिये यही किया करो - लूका २२:१९


एक साल में बाइबल: १ राजा १४, १५ लूका २२:२१-४६

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