एक मसीही कॉलेज के छात्रावास के कुछ लड़कों ने शरारत करी और छात्रावास की दीवारों को तरह तरह की चीज़ें पोत कर गंदा कर दिया। जब कॉलेज के अध्यक्ष को इस बात का पता चला तो वह सोच में पड़ गया कि इस बात की क्या प्रतिक्रिया करे। वह छात्रावास के उन छात्रों को दिवारें साफ करने के लिए बाध्य कर सकता था, वह यह कार्य सफाई कर्मचारियों द्वार भी करवा सकता था। किंतु उसने ऐसा नहीं किया, वरन स्वयं ही सफाई करने का सामान लिया और दीवारें साफ करने लगा। थोड़ी ही देर में छात्रावास के कमरों के बन्द दरवाज़े खुलने लगे और शरारती युवकों ने बाहर आकर स्वयं सफाई करना आरंभ कर दिया। क्योंकि अध्यक्ष ने सेवक की भूमिका अपनाई इसी कारण वह उन युवकों को एक महत्वपूर्ण शिक्षा दे सका।
मुझे कभी कभी प्रतीत होता है कि आज के मसीही समाज में सही नेतृत्व की कमी होती जा रही है। ऐसा नहीं है कि समाज में अगुवे नहीं हैं, अगुवे तो बहुत हैं और बहुत लोग अगुवे बनना भी चाहते हैं, लेकिन बहुत ही थोड़े हैं जो परमेश्वर के वचन बाइबल में दिये अगुवे के नमूने को अपनाने और उसको निभाने की इच्छा रखते हैं या प्रयास करते हैं। अगुवे बनने की इच्छा रखने वाले ये नेतागण मत्ती के २० अध्याय और अन्य ऐसे खंडों में दी गई नेतृत्व की मूल शिक्षाओं का पालन बहुत कम किंतु उनकी अवहेलना बहुत अधिक करते हैं।
प्रभु यीशु द्वारा उनकी मण्डली में नेतृत्व के उदाहरण को एक शब्द में बयान किया जा सकता है - सेवक; प्रभु यीशु ने स्वयं इसे कर के दिखाया जब उसने अपने चेलों के पांव धोये और उन से इस उदाहरण का अनुसरण करने को कहा ( युहन्ना १३:२-१६)।
जब हम नेतृत्व की स्थिति में हों तो हमें सेवक होने के संबंध में अपने रवैये को मत्ती २० और युहन्ना १३ की शिक्षाओं के परिपेक्ष में जांच लेना चाहिए। शायद नेतृत्व की ज़िम्मेदरी संभालने से पहले हमें सेवक होने का अभ्यास करने की अधिक आवश्यक्ता हो। - डेव एग्नर
सच्चे नेता सदा अपनी सेवा को सुधारते रहते हैं।
और जो तुम में प्रधान होना चाहे वह तुम्हारा दास बने। - मत्ती २०:२७
बाइबल पाठ: मत्ती २०:२०-२८
Mat 20:20 जब जब्दी के पुत्रों की माता ने अपने पुत्रों के साथ उसके पास आकर प्रणाम किया, और उस से कुछ मांगने लगी।
Mat 20:21 उस ने उस से कहा, तू क्या चाहती है? वह उस से बोली, यह कह, कि मेरे ये दो पुत्र तेरे राज्य में एक तेरे दहिने और एक तेरे बाएं बैठें।
Mat 20:22 यीशु ने उत्तर दिया, तुम नहीं जानते कि क्या मांगते हो जो कटोरा मैं पीने पर हूं, क्या तुम पी सकते हो उन्होंने उस से कहा, पी सकते हैं।
Mat 20:23 उस ने उन से कहा, तुम मेरा कटोरा तो पीओगे पर अपने दाहिने बाएं किसी को बिठाना मेरा काम नहीं, पर जिन के लिये मेरे पिता की ओर से तैयार किया गया, उन्हीं के लिये है।
Mat 20:24 यह सुनकर, दसों चेले उन दोनों भाइयों पर क्रुद्ध हुए।
Mat 20:25 यीशु ने उन्हें पास बुलाकर कहा, तुम जानते हो, कि अन्य जातियों के हाकिम उन पर प्रभुता करते हैं; और जो बड़े हैं, वे उन पर अधिकार जताते हैं।
Mat 20:26 परन्तु तुम में ऐसा न होगा; परन्तु जो कोई तुम में बड़ा होना चाहे, वह तुम्हारा सेवक बने।
Mat 20:27 और जो तुम में प्रधान होना चाहे वह तुम्हारा दास बने।
Mat 20:28 जैसे कि मनुष्य का पुत्र, वह इसलिये नहीं आया कि उस की सेवा टहल की जाए, परन्तु इसलिये आया कि आप सेवा टहल करे और बहुतों की छुडौती के लिये अपने प्राण दे।
Mat 20:20 जब जब्दी के पुत्रों की माता ने अपने पुत्रों के साथ उसके पास आकर प्रणाम किया, और उस से कुछ मांगने लगी।
Mat 20:21 उस ने उस से कहा, तू क्या चाहती है? वह उस से बोली, यह कह, कि मेरे ये दो पुत्र तेरे राज्य में एक तेरे दहिने और एक तेरे बाएं बैठें।
Mat 20:22 यीशु ने उत्तर दिया, तुम नहीं जानते कि क्या मांगते हो जो कटोरा मैं पीने पर हूं, क्या तुम पी सकते हो उन्होंने उस से कहा, पी सकते हैं।
Mat 20:23 उस ने उन से कहा, तुम मेरा कटोरा तो पीओगे पर अपने दाहिने बाएं किसी को बिठाना मेरा काम नहीं, पर जिन के लिये मेरे पिता की ओर से तैयार किया गया, उन्हीं के लिये है।
Mat 20:24 यह सुनकर, दसों चेले उन दोनों भाइयों पर क्रुद्ध हुए।
Mat 20:25 यीशु ने उन्हें पास बुलाकर कहा, तुम जानते हो, कि अन्य जातियों के हाकिम उन पर प्रभुता करते हैं; और जो बड़े हैं, वे उन पर अधिकार जताते हैं।
Mat 20:26 परन्तु तुम में ऐसा न होगा; परन्तु जो कोई तुम में बड़ा होना चाहे, वह तुम्हारा सेवक बने।
Mat 20:27 और जो तुम में प्रधान होना चाहे वह तुम्हारा दास बने।
Mat 20:28 जैसे कि मनुष्य का पुत्र, वह इसलिये नहीं आया कि उस की सेवा टहल की जाए, परन्तु इसलिये आया कि आप सेवा टहल करे और बहुतों की छुडौती के लिये अपने प्राण दे।
एक साल में बाइबल:
- यर्मियाह २४-२६
- तीतुस २
प्रेरक प्रसंग है... "सच्चे नेता सदा अपनी सेवा को सुधारते रहते हैं।" एक सत्य जिसे आज कोई समझना नही चाहता.
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