मुझे चर्च के बाहर लिख कर लगाए गए वाक्य पढ़ने में दिलचस्पी है। हाल ही में मैंने एक वाक्य पढ़ा जो मुझे काफी रोचक लगा; लिखा था "अन्दर आईये और परमेश्वर की उपस्थिति अनुभव कीजिए।" मुझे यह रोचक इसलिए लगा क्योंकि ऐसा कहना एक ऐसी महत्वपूर्ण प्रतिज्ञा करना है जिसको निभाना सरल नहीं है। सरल इसलिए नहीं है क्योंकि इस संदर्भ में चर्च के सदस्यों की ज़रा सी लापरवाही चर्च में परमेश्वर की उपस्थिति प्रतिबिंबित करने की बजाए चर्च के लोगों को ही प्रतिबिंबित करने लगती है।
इसलिए, परमेश्वर की उपस्थिति दिखाने के लिए चर्च के लोगों को परमेश्वर प्रभु यीशु के समान जीवन जीकर दिखाना चाहिए, अर्थात उनमें ऐसे सक्रीय गुण होने चाहिऐं जैसे प्रभु यीशु में थे - सेवा, हर प्रकार के लोगों को सहर्ष स्वीकार करना, सहायता करने को सदा तत्पर, लोगों से ऐसा प्रत्यक्ष सच्चा प्रेम जो बिना किसी रंग या जाति या अन्य किसी बात का भेद किए सबको समान आदर देता है और उन्हें सुरक्षित अनुभव करवाता है, दूसरों की कमज़ोरीयों के प्रति सहिष्णुता आदि।
प्रेरित पौलुस ने कहा "...तुम्हारा चाल-चलन प्रभु के योग्य हो..." (कुलुस्सियों १:१०); और इस योग्य चाल-चलन के विषय में लिखा: "सो मैं जो प्रभु में बन्धुआ हूं तुम से बिनती करता हूं, कि जिस बुलाहट से तुम बुलाए गए थे, उसके योग्य चाल चलो। अर्थात सारी दीनता और नम्रता सहित, और धीरज धर कर प्रेम से एक दूसरे को सह लो। और मेल के बन्ध में आत्मा की एकता रखने का यत्न करो" (इफीसियों ४:१-३)।
यही हम मसीही विश्वासियों को जी कर दिखाना है जिससे हमारे तथा जगत के उद्धारकर्ता प्रभु यीशु की उपस्थिति हमारे व्यक्तिगत जीवनों में और चर्च में संसार को स्पष्ट दिखाई दे और संसार प्रभु यीशु की वास्तविकता को जान सके। - जो स्टोवैल
जो मसीह के साथ चलते हैं, वे अपने आस-पास वालों को अपने जीवनों से उसकी उपस्थिति का एहसास भी कराते हैं।
...तुम्हारा चाल-चलन प्रभु के योग्य हो... - कुलुस्सियों १:१०
बाइबल पाठ: कुलुस्सियों १:९-१४
Col 1:9 इसी लिये जिस दिन से यह सुना है, हम भी तुम्हारे लिये यह प्रार्थना करने और बिनती करने से नहीं चूकते कि तुम सारे आत्मिक ज्ञान और समझ सहित परमेश्वर की इच्छा की पहिचान में परिपूर्ण हो जाओ।
Col 1:10 ताकि तुम्हारा चाल-चलन प्रभु के योग्य हो, और वह सब प्रकार से प्रसन्न हो, और तुम में हर प्रकार के भले कामों का फल लगे, और परमेश्वर की पहिचान में बढ़ते जाओ।
Col 1:11 और उस की महिमा की शक्ति के अनुसार सब प्रकार की सामर्थ से बलवन्त होते जाओ, यहां तक कि आनन्द के साथ हर प्रकार से धीरज और सहनशीलता दिखा सको।
Col 1:12 और पिता का धन्यवाद करते रहो, जिस ने हमें इस योग्य बनाया कि ज्योति में पवित्र लोगों के साथ मीरास में समभागी हों।
Col 1:13 उसी ने हमें अन्धकार के वश से छुड़ा कर अपने प्रिय पुत्र के राज्य में प्रवेश कराया।
Col 1:14 जिस से हमें छुटकारा अर्थात पापों की क्षमा प्राप्त होती है।
एक साल में बाइबल:
- यर्मियाह ४०-४२
- इब्रानियों ४
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