वायुयान की यात्रा का सबसे अधिक जोखिम भरा समय होता है वायुयान को सुरक्षित धरती पर उतारने का। जैसे जैसे वायुयान उतरने के लिए धरती के समीप आता जाता है, उसके आस-पास अन्य वायुयानों की संख्या बढ़ती जाती है, उसके उड़ने की सामान्य ऊँचाई 30,000 फीट के मौसम की अपेक्षा नीचे का मौसम अधिक खराब हो सकता है, तथा जहाँ उसे उतरना है उस हवाई अड्डे की हवाई पट्टी पर अन्य वायुयान हो सकते हैं। इसलिए वायुयान के चालक हवाई अड्डे पर रहने वाले वायुयान संचालकों पर निर्भर रहते हैं कि उन्हें सुरक्षित उतार लाएं। यदि वे संचालक ना हों तो उन वायुयानों का सुरक्षित उतर पाना संभव नहीं है और अव्यवस्था तथा हादसों का होना अवश्यंभावी है। इसलिए ज़रा उस समय की घबराहट की कल्पना कीजिए जब यात्रियों से भरे एक वायुयान के चालक ने यान उतारते समय हवाई अड्डे पर संचालक से संपर्क साधने का प्रयास किया और उसे कोई उत्तर नहीं मिला। अन्ततः मालुम पड़ा कि वह संचालक उपस्थित तो था परन्तु सो गया था, जिससे उस वायुयान और उसके यात्रियों की जान बहुत जोखिम में आ गई थी। अच्छा समाचार यह है कि वह वायुयान बिना किसी प्रकार के कोई नुकसान के सुरक्षित उतारा जा सका।
हम मसीही विश्वासियों के लिए इससे भी बेहतर और अच्छी खबर यह है कि हमारा परमेश्वर प्रभु यीशु, जो समस्त सृष्टि की प्रत्येक बात को संचालित करता है, वह ना कभी ऊँघता है और ना सोता है। अपने स्वर्गीय स्थान से वह संसार के प्रत्येक जन एवं उनकी हर एक बात, हर एक परिस्थिति पर नज़र बनाए रखता है; हमारे साथ क्या हो रहा है और क्या होने जा रहा है, उससे कुछ छुपा नहीं है। इसीलिए परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार ने कहा है: "मुझे सहायता यहोवा की ओर से मिलती है, जो आकाश और पृथ्वी का कर्ता है वह तेरे पांव को टलने न देगा, तेरा रक्षक कभी न ऊंघेगा" (भजन 121:2-3)।
आप परमेश्वर प्रभु यीशु पर भरोसा रख सकते हैं - वह आपके जीवन की हर बात, हर परिस्थिति, हर घटना, हर आवश्यकता को भली-भांति जानता है। वह ही आपके जीवन की सभी बातों को बिना रुके या थके संचालित करता रहता है जिससे सब बातें मिलकर आपके लिए भलाई उत्पन्न करें तथा परमेश्वर कि महिमा होने पाए। अपने जीवन को उसे पूर्णतयः समर्पित कर दें, तथा निश्चिंत होकर अपने जीवन का संचालन उसके हाथों में छोड़ दीजिए। - जो स्टोवैल
क्योंकि हमारा प्रभु यीशु कभी ऊँघता या सोता नहीं, इसलिए हम निश्चिंत रह सकते हैं।
और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं। - रोमियों 8:28
बाइबल पाठ: भजन 121
Psalms 121:1 मैं अपनी आंखें पर्वतों की ओर लगाऊंगा। मुझे सहायता कहां से मिलेगी?
Psalms 121:2 मुझे सहायता यहोवा की ओर से मिलती है, जो आकाश और पृथ्वी का कर्ता है।
Psalms 121:3 वह तेरे पांव को टलने न देगा, तेरा रक्षक कभी न ऊंघेगा।
Psalms 121:4 सुन, इस्राएल का रक्षक, न ऊंघेगा और न सोएगा।
Psalms 121:5 यहोवा तेरा रक्षक है; यहोवा तेरी दाहिनी ओर तेरी आड़ है।
Psalms 121:6 न तो दिन को धूप से, और न रात को चांदनी से तेरी कुछ हानि होगी।
Psalms 121:7 यहोवा सारी विपत्ति से तेरी रक्षा करेगा; वह तेरे प्राण की रक्षा करेगा।
Psalms 121:8 यहोवा तेरे आने जाने में तेरी रक्षा अब से ले कर सदा तक करता रहेगा।
एक साल में बाइबल:
- यिर्मयाह 24-26
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