ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

सोमवार, 2 नवंबर 2015

जाँच


   अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव अभियानों में प्रत्याशियों के बीच बहस और भाषणों में अनेक प्रकार के दावे करना चलता रहता है, जो रेडियो और टेलिविज़न पर व्यापक रीति से दिखाया जाता है। बहस में कही गई बातों और भाषणों में किए गए दावों की सत्यता की जाँच करने के लिए विशलेषण करने वालों का दल भी होता है जो यह बताता रहता है कि कौन सा प्रत्याशी कितना सच बोल रहा है और कौन तथ्यों को अपने लाभ के लिए तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत कर रहा है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित युहन्ना ने प्रभु यीशु और कुछ लोगों के बीच, जो यह माने बैठे थे कि प्रभु यीशु झूठ बोल रहा है, हुई एक बहस को दर्ज किया है। प्रभु यीशु ने उन लोगों से कहा, "...यदि तुम मेरे वचन में बने रहोगे, तो सचमुच मेरे चेले ठहरोगे। और सत्य को जानोगे, और सत्य तुम्हें स्‍वतंत्र करेगा" (यूहन्ना 8:31-32)। लेकिन उन लोगों का कहना था कि "...हम तो इब्राहीम के वंश से हैं और कभी किसी के दास नहीं हुए; फिर तू क्योंकर कहता है, कि तुम स्‍वतंत्र हो जाओगे?" (यूहन्ना 8:33)। बहस होती रही और प्रभु यीशु ने बार बार यह दोहराया कि वह सच कह रहा है (पद 34, 40, 45-46, 51); कुछ ने उनकी बात पर विश्वास किया, परन्तु अन्य उनसे क्रोधित रहे, उनकी बातों पर विश्वास नहीं किया।

   एक तरह से यही बहस आज भी ज़ारी है। जो प्रभु यीशु का विरोध करते हैं वे उनकी बातों को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत करते हैं, उनके अर्थ बिगाड़ कर बताते हैं, उनके कथनों पर सन्देह करते और लाते हैं। लेकिन प्रभु यीशु का आज भी वही दावा है कि वो सच कह रहे हैं और उन पर विश्वास करने वाले सभी लोगों को एक ऐसी अद्भुत स्वतंत्रता देते हैं जो कहीं और कदापि नहीं मिल सकती।

   बाइबल में दी गई प्रभु यीशु की जीवनी, शिक्षाएं और कथन वास्तव में जाँचे जाने के योग्य हैं। परमेश्वर स्वयं हमें कहता है, "सब बातों को परखो: जो अच्छी है उसे पकड़े रहो" (1 थिस्सुलुनीकियों 5:21); अब फैसला हमारे हाथों में है। - डेविड मैक्कैसलैंड


परमेश्वर का सत्य हर जाँच पर खरा उतरता है।

परखकर देखो कि यहोवा कैसा भला है! क्या ही धन्य है वह पुरूष जो उसकी शरण लेता है। - भजन 34:8

बाइबल पाठ: यूहन्ना 8:31-47
John 8:31 तब यीशु ने उन यहूदियों से जिन्हों ने उन की प्रतीति की थी, कहा, यदि तुम मेरे वचन में बने रहोगे, तो सचमुच मेरे चेले ठहरोगे। 
John 8:32 और सत्य को जानोगे, और सत्य तुम्हें स्‍वतंत्र करेगा। 
John 8:33 उन्होंने उसको उत्तर दिया; कि हम तो इब्राहीम के वंश से हैं और कभी किसी के दास नहीं हुए; फिर तू क्योंकर कहता है, कि तुम स्‍वतंत्र हो जाओगे? 
John 8:34 यीशु ने उन को उत्तर दिया; मैं तुम से सच सच कहता हूं कि जो कोई पाप करता है, वह पाप का दास है। 
John 8:35 और दास सदा घर में नहीं रहता; पुत्र सदा रहता है। 
John 8:36 सो यदि पुत्र तुम्हें स्‍वतंत्र करेगा, तो सचमुच तुम स्‍वतंत्र हो जाओगे। 
John 8:37 मैं जानता हूं कि तुम इब्राहीम के वंश से हो; तौभी मेरा वचन तुम्हारे हृदय में जगह नहीं पाता, इसलिये तुम मुझे मार डालना चाहते हो। 
John 8:38 मैं वही कहता हूं, जो अपने पिता के यहां देखा है; और तुम वही करते रहते हो जो तुमने अपने पिता से सुना है। 
John 8:39 उन्होंने उन को उत्तर दिया, कि हमारा पिता तो इब्राहीम है: यीशु ने उन से कहा; यदि तुम इब्राहीम के सन्तान होते, तो इब्राहीम के समान काम करते। 
John 8:40 परन्तु अब तुम मुझ ऐसे मनुष्य को मार डालना चाहते हो, जिसने तुम्हें वह सत्य वचन बताया जो परमेश्वर से सुना, यह तो इब्राहीम ने नहीं किया था। 
John 8:41 तुम अपने पिता के समान काम करते हो: उन्होंने उस से कहा, हम व्यभिचार से नहीं जन्मे; हमारा एक पिता है अर्थात परमेश्वर। 
John 8:42 यीशु ने उन से कहा; यदि परमेश्वर तुम्हारा पिता होता, तो तुम मुझ से प्रेम रखते; क्योंकि मैं परमेश्वर में से निकल कर आया हूं; मैं आप से नहीं आया, परन्तु उसी ने मुझे भेजा। 
John 8:43 तुम मेरी बात क्यों नहीं समझते? इसलिये कि मेरा वचन सुन नहीं सकते। 
John 8:44 तुम अपने पिता शैतान से हो, और अपने पिता की लालसाओं को पूरा करना चाहते हो। वह तो आरम्भ से हत्यारा है, और सत्य पर स्थिर न रहा, क्योंकि सत्य उस में है ही नहीं: जब वह झूठ बोलता, तो अपने स्‍वभाव ही से बोलता है; क्योंकि वह झूठा है, वरन झूठ का पिता है। 
John 8:45 परन्तु मैं जो सच बोलता हूं, इसीलिये तुम मेरी प्रतीति नहीं करते। 
John 8:46 तुम में से कौन मुझे पापी ठहराता है? और यदि मैं सच बोलता हूं, तो तुम मेरी प्रतीति क्यों नहीं करते? 
John 8:47 जो परमेश्वर से होता है, वह परमेश्वर की बातें सुनता है; और तुम इसलिये नहीं सुनते कि परमेश्वर की ओर से नहीं हो।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 27-29
  • तीतुस 3


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें