1980 के दशक में, मृत्यु या तलाक के कारण अकेले हो गए लोगों में से बहुतेरों के लिए, हमारे चर्च में अयोजित की जाने वाली कक्षा ने एक करीबी संगठित परिवार का रूप ले लिया। यदि किसी का स्थानान्तरण होता तो कक्षा के सदस्य मिलकर उसका सामान बक्सों में बाँधते, उसके मेज़-कुर्सी उठाते और उसे भोजन सामग्री उपलब्ध कराते। जन्मदिन और छुट्टियाँ अब अकेले मनाए जाने के लिए नहीं रह गए थे, क्योंकि मसीही विश्वास और मित्रता में एक साथ मिलकर चलने ने प्रोत्साहित करने वाले घनिष्ठ संबंध बना दिए थे। उन अकेलेपन और परेशानी के दिनों में जो संबंध तीन दशक पहले बने थे, वे आज भी फल-फूल रहे हैं, तथा उन व्यक्तियों और उनके परिवारों को संभाल रहे हैं।
परमेश्वर के वचन बाइबल में, थिस्सलुनीकिया में मसीह यीशु का अनुसरण करने वालों को पौलुस द्वारा लिखी गई पत्री में, परमेश्वर के परिवार के सदस्य होने के कारण उनमें परस्पर बनने वाले जीवन-दायक संबंधों के बारे में लिखा गया है: "परन्तु जिस तरह माता अपने बालकों का पालन-पोषण करती है, वैसे ही हम ने भी तुम्हारे बीच में रह कर कोमलता दिखाई है" (1 थिस्सलुनीकियों 2:7)। "क्योंकि, हे भाइयों, तुम हमारे परिश्रम और कष्ट को स्मरण रखते हो" (1 थिस्सलुनीकियों 2:9)। "जैसा पिता अपने बालकों के साथ बर्ताव करता है, वैसे ही हम तुम में से हर एक को भी उपदेश करते, और शान्ति देते, और समझाते थे" (1 थिस्सलुनीकियों 2:11)। क्योंकि थिस्सलुनीकिया के मसीही विश्वासी पौलुस और उसके साथियों को "प्यारे हो गए थे" इसलिए उनके साथ वे ना केवल सुसमाचार वरन अपना जीवन भी माता-पिता, भाई-बहन के समान साझा करने के लिए तैयार थे (1 थिस्सलुनीकियों 2:8)।
मसीही विश्वास से बने परमेश्वर के परिवार में वह हमें माँ, बाप, बहिनें और भाई; अर्थात संपूर्ण परिवार उपलब्ध करवाता है। जब हम परमेश्वर के अनुग्रह और प्रेम में होकर, उसके परिवार में अपने जीवन एक दूसरे के साथ साझा करते हैं, तो परमेश्वर अपना आनन्द हमारे जीवनों में भर देता है। - डेविड मैक्कैसलैण्ड
परमेश्वर आपसे और मुझसे प्रेम करता है;
आईए हम भी एक दूसरे से प्रेम करें।
पर अब तो मसीह यीशु में तुम जो पहिले दूर थे, मसीह के लोहू के द्वारा निकट हो गए हो। क्योंकि वही हमारा मेल है, जिसने दोनों को एक कर लिया: और अलग करने वाली दीवार को जो बीच में थी, ढा दिया। - इफिसियों 2:13-14
बाइबल पाठ: 1 थिस्सलुनीकियों 2:1-14
1 Thessalonians 2:1 हे भाइयों, तुम आप ही जानते हो कि हमारा तुम्हारे पास आना व्यर्थ न हुआ।
1 Thessalonians 2:2 वरन तुम आप ही जानते हो, कि पहिले पहल फिलिप्पी में दुख उठाने और उपद्रव सहने पर भी हमारे परमेश्वर ने हमें ऐसा हियाव दिया, कि हम परमेश्वर का सुसमाचार भारी विरोधों के होते हुए भी तुम्हें सुनाएं।
1 Thessalonians 2:3 क्योंकि हमारा उपदेश न भ्रम से है और न अशुद्धता से, और न छल के साथ है।
1 Thessalonians 2:4 पर जैसा परमेश्वर ने हमें योग्य ठहराकर सुसमाचार सौंपा, हम वैसा ही वर्णन करते हैं; और इस में मनुष्यों को नहीं, परन्तु परमेश्वर को, जो हमारे मनों को जांचता है, प्रसन्न करते हैं।
1 Thessalonians 2:5 क्योंकि तुम जानते हो, कि हम न तो कभी लल्लोपत्तो की बातें किया करते थे, और न लोभ के लिये बहाना करते थे, परमेश्वर गवाह है।
1 Thessalonians 2:6 और यद्यपि हम मसीह के प्रेरित होने के कारण तुम पर बोझ डाल सकते थे, तौभी हम मनुष्यों से आदर नहीं चाहते थे, और न तुम से, न और किसी से।
1 Thessalonians 2:7 परन्तु जिस तरह माता अपने बालकों का पालन-पोषण करती है, वैसे ही हम ने भी तुम्हारे बीच में रह कर कोमलता दिखाई है।
1 Thessalonians 2:8 और वैसे ही हम तुम्हारी लालसा करते हुए, न केवल परमेश्वर का सुसमाचार, पर अपना अपना प्राण भी तुम्हें देने को तैयार थे, इसलिये कि तुम हमारे प्यारे हो गए थे।
1 Thessalonians 2:9 क्योंकि, हे भाइयों, तुम हमारे परिश्रम और कष्ट को स्मरण रखते हो, कि हम ने इसलिये रात दिन काम धन्धा करते हुए तुम में परमेश्वर का सुसमाचार प्रचार किया, कि तुम में से किसी पर भार न हों।
1 Thessalonians 2:10 तुम आप ही गवाह हो: और परमेश्वर भी, कि तुम्हारे बीच में जो विश्वास रखते हो हम कैसी पवित्रता और धामिर्कता और निर्दोषता से रहे।
1 Thessalonians 2:11 जैसे तुम जानते हो, कि जैसा पिता अपने बालकों के साथ बर्ताव करता है, वैसे ही हम तुम में से हर एक को भी उपदेश करते, और शान्ति देते, और समझाते थे।
1 Thessalonians 2:12 कि तुम्हारा चाल चलन परमेश्वर के योग्य हो, जो तुम्हें अपने राज्य और महिमा में बुलाता है।
1 Thessalonians 2:13 इसलिये हम भी परमेश्वर का धन्यवाद निरन्तर करते हैं; कि जब हमारे द्वारा परमेश्वर के सुसमाचार का वचन तुम्हारे पास पहुंचा, तो तुम ने उसे मनुष्यों का नहीं, परन्तु परमेश्वर का वचन समझकर (और सचमुच यह ऐसा ही है) ग्रहण किया: और वह तुम में जो विश्वास रखते हो, प्रभावशाली है।
1 Thessalonians 2:14 इसलिये कि तुम, हे भाइयो, परमेश्वर की उन कलीसियाओं की सी चाल चलने लगे, जो यहूदिया में मसीह यीशु में हैं, क्योंकि तुम ने भी अपने लोगों से वैसा ही दुख पाया, जैसा उन्होंने यहूदियों से पाया था।
एक साल में बाइबल:
- यहोशू 10-12
- लूका 1:39-56
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