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शुक्रवार, 25 सितंबर 2020

भलाई


         उनके देहांत से ठीक पहले, चित्रकार और मिशनरी लिलिअस ट्रौटर ने अपनी खिड़की के बाहर देखा, और स्वर्गीय रथ का दर्शन पाया। उनकी जीवनी लिखने वाले के अनुसार, एक मित्र ने पूछा, “क्या तुम बहुत सी सुन्दर वस्तुएं देख रही हो?” तो उसने उत्तर दिया, “हाँ, बहुत सी सुन्दर वस्तुएं।”

         ट्रौटर के अंतिम शब्द, उसके जीवन में परमेश्वर के कार्य को प्रतिबिंबित करते हैं। न केवल उनकी मृत्यु में, वरन उनके जीवन भर, परमेश्वर ने उन्हें और उन में होकर अपनी बहुत सी सुन्दरता को प्रकट किया। वे एक कुशल चित्रकार थीं, परन्तु उन्होंने एल्जीरिया में मिशनरी होकर परमेश्वर की सेवा करने को चुना। कहा जाता है कि प्रसिद्ध चित्रकार, जॉन रस्किन, जिन्होंने उन्हें प्रशिक्षण दिया था, ने उनके चित्रकारी में आजीविका कमाने के स्थान पर मिशनरी होने के इस निर्णय के लिए कहा, “कितना कुछ व्यर्थ हो गया।”

         इसी प्रकार परमेश्वर के वचन बाइबल में, नए नियम में, जब एक स्त्री शमौन कोढ़ी के घर संगमरमर के पात्र में बहुमूल्य इत्र लेकर आई, और उसे प्रभु यीशु के सिर पर उंडेला, तो वहाँ उपस्थित लोगों को लगा कि यह व्यर्थ किया गया। उस बहुमूल्य इत्र की कीमत उस समय के एक सामान्य मजदूर की साल भर की मजदूरी के बराबर थी, इसलिए उपस्थित लोगों में से कुछ ने सोचा कि ऐसे करने के स्थान पर यदि उसे निर्धनों की सहायता करने के लिए प्रयोग किया जाता तो अधिक अच्छा होता। किन्तु प्रभु यीशु ने उसके इस कार्य की सराहना की, और उसकी व्यक्त की गई गहरी भक्ति के विषय कहा, उसे छोड़ दो; उसे क्यों सताते हो? उसने तो मेरे साथ भलाई की है” (मरकुस 14:6)।

         हम प्रतिदिन प्रभु यीशु मसीह की ज्योति को अपने में होकर चमकने देने, और उसकी भलाइयों को संसार को दिखाने का चुनाव कर सकते हैं। हो सकता है कि यह कुछ लोगों को व्यर्थ लगे, परन्तु फिर भी हम उसकी सेवा के लिए इच्छुक मन रखें। प्रभु यीशु हमारे लिए भी कहने पाएं कि हमने उसके लिए भलाई की है। - कीला ओकोआ

 

हमारे जीवन परमेश्वर की भलाइयों को दिखाने वाले हों।


और परमेश्वर सब प्रकार का अनुग्रह तुम्हें बहुतायत से दे सकता है जिस से हर बात में और हर समय, सब कुछ, जो तुम्हें आवश्यक हो, तुम्हारे पास रहे, और हर एक भले काम के लिये तुम्हारे पास बहुत कुछ हो। -  2 कुरिन्थियों 9:8

बाइबल पाठ: मरकुस 14:1-9

मरकुस 14:1 दो दिन के बाद फसह और अखमीरी रोटी का पर्व होनेवाला था: और महायाजक और शास्त्री इस बात की खोज में थे कि उसे क्योंकर छल से पकड़ कर मार डालें।

मरकुस 14:2 परन्तु कहते थे, कि पर्व के दिन नहीं, कहीं ऐसा न हो कि लोगों में बलवा मचे।

मरकुस 14:3 जब वह बैतनिय्याह में शमौन कोढ़ी के घर भोजन करने बैठा हुआ था तब एक स्त्री संगमरमर के पात्र में जटामांसी का बहुमूल्य शुद्ध इत्र ले कर आई; और पात्र तोड़ कर इत्र को उसके सिर पर उण्डेला।

मरकुस 14:4 परन्तु कोई कोई अपने मन में रिसियाकर कहने लगे, इस इत्र को क्यों सत्यानाश किया गया?

मरकुस 14:5 क्योंकि यह इत्र तो तीन सौ दीनार से अधिक मूल्य में बेचकर कंगालों को बांटा जा सकता था, ओर वे उसको झिड़कने लगे।

मरकुस 14:6 यीशु ने कहा; उसे छोड़ दो; उसे क्यों सताते हो? उसने तो मेरे साथ भलाई की है।

मरकुस 14:7 कंगाल तुम्हारे साथ सदा रहते हैं: और तुम जब चाहो तब उन से भलाई कर सकते हो; पर मैं तुम्हारे साथ सदा न रहूंगा।

मरकुस 14:8 जो कुछ वह कर सकी, उसने किया; उसने मेरे गाड़े जाने की तैयारी में पहिले से मेरी देह पर इत्र मला है।

मरकुस 14:9 मैं तुम से सच कहता हूं, कि सारे जगत में जहां कहीं सुसमाचार प्रचार किया जाएगा, वहां उसके इस काम की चर्चा भी उसके स्मरण में की जाएगी।

 

एक साल में बाइबल: 

  • श्रेष्ठगीत 6-8
  • गलातियों 4

गुरुवार, 24 सितंबर 2020

मार्गदर्शन


         हम सपरिवार एक मनोरंजन पार्क में गए थे, और वहाँ के आकर्षण देखते हुए, एक से दूसरे स्थल को जा रहे थे। मैंने अपने बेटे के कंधे पर हाथ रखकर उससे कहा, “हम इस ओर जा रहे हैं” और भीड़ में उसे सही दिशा में चलने के लिए निर्देश दिए, उसे दिखाया कि वह अपनी माँ और बहनों के पीछे-पीछे चले, जो हमारे आगे चल रही थीं। मुझे उस शेष दिन में यही कई बार करना पड़ा। मेरे बेटे का ध्यान बहुत जल्दी इधर-उधर हो जा रहा था, और वह हम से अलग ओर चलने लग जाता था। मैं मन में सोचने लगा, यह हमारे साथ, या हमारे पीछे क्यों नहीं चलने पा रहा है?

         और फिर मुझे ध्यान आया, और धक्का सा लगा – कितनी ही बार मैं भी तो यही करता रहता हूँ! कितनी ही बार परमेश्वर के पीछे उसकी आज्ञाकारिता में चलने के स्थान पर, मैं संसार के आकर्षणों से आकर्षित होकर उनकी चल निकलता हूँ; कितनी ही बार परमेश्वर की इच्छा के स्थान पर अपनी ही इच्छा पूरी करने के लिए मैं अपनी ही दिशा ले लेता हूँ।

         परमेश्वर के वचन बाइबल में परमेश्वर ने यशायाह भविष्यद्वक्ता के द्वारा लिखवाया, और जब कभी तुम दाहिनी या बाईं ओर मुड़ने लगो, तब तुम्हारे पीछे से यह वचन तुम्हारे कानों में पड़ेगा, मार्ग यही है, इसी पर चलो” (यशायाह 30:21)। इसी अध्याय में, इससे पूर्व परमेश्वर ने अपने लोगों को उनकी ढिठाई के लिए डांट लगाई थी। परमेश्वर ने उनसे कहा कि यदि वे अपने मार्गों के स्थान पर उसकी सामर्थ्य पर भरोसा रखेंगे (पद 15), तो उसका अनुग्रह और दया उन पर बनी रहेगी (पद 18)।

         हमारे प्रति परमेश्वर के अनुग्रह की एक अभिव्यक्ति, उसका अपनी आत्मा के द्वारा हमारा मार्गदर्शन करते रहने की उसकी प्रतिज्ञा है। यह तब होता है जब हम प्रार्थना में उससे अपनी इच्छाओं के बारे में बात करते हैं, और उससे पूछते हैं कि हमारे लिए उसकी क्या योजना है। मैं परमेश्वर का धन्यवादी हूँ कि जब मैं उस पर भरोसा बनाए रखता हूँ, और उसके वचन पर ध्यान देता हूँ, तो परमेश्वर धैर्य के साथ मेरा, दिन-प्रति-दिन और हर कदम पर मार्गदर्शन करता रहता है। - एडम होल्ज़

 

परमेश्वर धैर्य के साथ हमारा मार्गदर्शन करता है, 

यदि हम उस पर भरोसा रखें, और उसके वचन पर ध्यान दें।


इतना हो कि तू हियाव बान्ध कर और बहुत दृढ़ हो कर जो व्यवस्था मेरे दास मूसा ने तुझे दी है उन सब के अनुसार करने में चौकसी करना; और उस से न तो दाहिने मुड़ना और न बाएं, तब जहां जहां तू जाएगा वहां वहां तेरा काम सफल होगा। - यहोशू 1:7

बाइबल पाठ: यशायाह 30:15-21

यशायाह 30:15 प्रभु यहोवा, इस्राएल का पवित्र यों कहता है, लौट आने और शान्त रहने में तुम्हारा उद्धार है; शान्त रहते और भरोसा रखने में तुम्हारी वीरता है। परन्तु तुम ने ऐसा नहीं किया,

यशायाह 30:16 तुम ने कहा, नहीं, हम तो घोड़ों पर चढ़ कर भागेंगे, इसलिये तुम भागोगे; और यह भी कहा कि हम तेज सवारी पर चलेंगे, सो तुम्हारा पीछा करने वाले उस से भी तेज होंगे।

यशायाह 30:17 एक ही की धमकी से एक हजार भागेंगे, और पांच की धमकी से तुम ऐसा भागोगे कि अन्त में तुम पहाड़ की चोटी के डण्डे या टीले के ऊपर की ध्वजा के समान रह जाओगे जो चिन्ह के लिये गाड़े जाते हैं।

यशायाह 30:18 तौभी यहोवा इसलिये विलम्ब करता है कि तुम पर अनुग्रह करे, और इसलिये ऊंचे उठेगा कि तुम पर दया करे। क्योंकि यहोवा न्यायी परमेश्वर है; क्या ही धन्य हैं वे जो उस पर आशा लगाए रहते हैं।

यशायाह 30:19 हे सिय्योन के लोगों तुम यरूशलेम में बसे रहो; तुम फिर कभी न रोओगे, वह तुम्हारी दोहाई सुनते ही तुम पर निश्चय अनुग्रह करेगा: वह सुनते ही तुम्हारी मानेगा।

यशायाह 30:20 और चाहे प्रभु तुम्हें विपत्ति की रोटी और दु:ख का जल भी दे, तौभी तुम्हारे उपदेशक फिर न छिपें, और तुम अपनी आंखों से अपने उपदेशकों को देखते रहोगे।

यशायाह 30:21 और जब कभी तुम दाहिनी या बाईं ओर मुड़ने लगो, तब तुम्हारे पीछे से यह वचन तुम्हारे कानों में पड़ेगा, मार्ग यही है, इसी पर चलो।

 

एक साल में बाइबल: 

  • श्रेष्ठगीत 4-5
  • गलातियों 3

बुधवार, 23 सितंबर 2020

सुनना

 

         मेरे पड़ौस के एक घर में से आग्रह से भरी हुई आवाज़ आई, “तुम्हें मेरी बात को सुनना चाहिए; मैं तुम्हारा बड़ा भाई हूँ!” एक बड़ा भाई, अपने छोटे भाई को, जो उससे दूर होता जा रहा था, समझा रहा था। वह ऐसा इसलिए कर रहा था क्योंकि वह परिस्थिति का आंकलन छोटे भाई से अधिक भली रीति से कर पा रहा था, और समझ रहा था कि क्या करना अधिक अच्छा रहेगा।

         हम में से कितनों ने अपने भाई या बहन के बुद्धिमानी से दिए गए परामर्श का तिरस्कार किया है? यदि आपको किसी के द्वारा दिए गए बुद्धिमत्तापूर्ण परामर्श की अवहेलना करने के कटु परिणामों को भुगतना पड़ा है, तो आप इस बात में अकेले नहीं हैं।

         प्रभु यीशु मसीह के विश्वासी होने के नाते जो महान प्रावधान हमें उपलब्ध करे गए हैं उनमें से एक है हमारा मसीही विश्वासियों के परिवार का एक सदस्य होना – प्रभु यीशु मसीह में लाए गए समान विश्वास के कारण एक दूसरे के साथ आत्मिक रीति से संबंधित होना। हमारे इस आत्मिक परिवार में परिपक्व और अनुभवी पुरुष और स्त्रियाँ भी हैं, जो परमेश्वर से प्रेम करते हैं, और उसके परिवार के अन्य सदस्यों से भी। मेरे पड़ौस के उस छोटे भाई के समान, कभी-कभी हमें भी चेतावनी या सुधार के कुछ शब्दों की आवश्यकता होती है जिससे कि हम वापस सही मार्ग पा आ सकें। ऐसा तब और भी आवश्यक होता है जब या तो हमने किसी को आहत किया हो, या किसी ने हमें आहत किया हो। वह जो सही है उसे करना कठिन हो सकता है। किन्तु परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु ने हमें सिखाया है कि जब हमारे आत्मिक परिवार में एक दूसरे से ठोकर लगे तो किस प्रकार व्यवहार करना चाहिए (मत्ती 18:15-20)।

         हमें अपने परमेश्वर पिता का आभारी होना चाहिए कि वह हमारे जीवनों में ऐसे लोगों को रखता है जो हमारी सहायता करने, हमें उभारने, और अपने प्रभु परमेश्वर की महिमा के लिए सही जीवन जीने, उसे आदर देने में हमारी सहायता करने को तैयार रहते हैं। और जब हम उनकी सुनते हैं, तो हमारे मसीही परिवार में भला होता है (पद 15)।  - आर्थर जैक्सन

 

जब हम परिपक्व मसीही विश्वासियों की सुनते हैं, तो बुद्धिमत्ता उन्नत होती है।


तो वह यह जान ले, कि जो कोई किसी भटके हुए पापी को फेर लाएगा, वह एक प्राण को मृत्यु से बचाएगा, और अनेक पापों पर परदा डालेगा। - याकूब 5:20

बाइबल पाठ: मत्ती 18:15-20

मत्ती 18:15 यदि तेरा भाई तेरा अपराध करे, तो जा और अकेले में बातचीत कर के उसे समझा; यदि वह तेरी सुने तो तू ने अपने भाई को पा लिया।

मत्ती 18:16 और यदि वह न सुने, तो और एक दो जन को अपने साथ ले जा, कि हर एक बात दो या तीन गवाहों के मुंह से ठहराई जाए।

मत्ती 18:17 यदि वह उन की भी न माने, तो कलीसिया से कह दे, परन्तु यदि वह कलीसिया की भी न माने, तो तू उसे अन्य जाति और महसूल लेने वाले के ऐसा जान।

मत्ती 18:18 मैं तुम से सच कहता हूं, जो कुछ तुम पृथ्वी पर बान्‍धोगे, वह स्वर्ग में बन्‍धेगा और जो कुछ तुम पृथ्वी पर खोलोगे, वह स्वर्ग में खुलेगा।

मत्ती 18:19 फिर मैं तुम से कहता हूं, यदि तुम में से दो जन पृथ्वी पर किसी बात के लिये जिसे वे मांगें, एक मन के हों, तो वह मेरे पिता की ओर से स्वर्ग में है उन के लिये हो जाएगी।

मत्ती 18:20 क्योंकि जहां दो या तीन मेरे नाम पर इकट्ठे होते हैं वहां मैं उन के बीच में होता हूं।

 

एक साल में बाइबल: 

  • श्रेष्ठगीत 1-3
  • गलातियों 2

मंगलवार, 22 सितंबर 2020

प्रोत्साहन


         सन 2010 में बनी फिल्म The King’s Speech इंग्लैंड के राजा जॉर्ज षष्टम के जीवन पर है, जो, जब उनके भाई ने सिंहासन छोड़ दिया, तो अनायास ही राजा बन गए। देश उस समय दूसरे विश्वयुद्ध की कगार पर था, और रेडियो की समाज में प्रभावशाली भूमिका और पहुँच थी, इसलिए सरकारी अधिकारी एक ऐसा नेतृत्व चाहते थे जो बोलने और व्यवहार में अच्छा हो। किन्तु राजा जॉर्ज षष्टम के साथ एक समस्या थी – वह हकलाता था।

         मुझे उस फिल्म में जॉर्ज की पत्नी एलिज़ाबेथ के चित्रण ने बहुत प्रभावित किया। उसके हकलाने की समस्या पर विजयी होने के समस्त कठिन संघर्ष में, वह निरंतर उन्हें प्रोत्साहन देती रही। उसकी पत्नी के उसके प्रति दृढ़ समर्पण और सहायता तथा प्रोत्साहन से जॉर्ज अपनी इस चुनौती पर विजयी हो सका, तथा इंग्लैंड पर भी उस कठिन दौर में अच्छा शासन किया।

         परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रोत्साहन देने वालों की कहानियाँ भी हैं, जिन्होंने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में औरों को बहुत सहायता प्रदान की। इस्राएल के युद्ध में मूसा को हारून और हूर की सहायता मिली (निर्गमन 17:8-16)। प्रभु यीशु की माता मरियम को अपनी गर्भावस्था में उसकी रिश्तेदार एलिज़ाबेथ ने प्रोत्साहन दिया (लूका 1:42-45)।

         पौलुस के मसीही विश्वासी बनने के पश्चात उसको , बरनबास, जिसके नाम का शब्दार्थ होता है “शान्ति का पुत्र”, से प्रोत्साहन और सहायता मिली। जब शिष्य पौलुस के विषय घबरा रहे थे, तब बरनबास ने अपनी ख्याति का जोखिम उठाकर, पौलुस के पक्ष में बात की (प्रेरितों 9:27)। बरनबास द्वारा पौलुस के अनुमोदन से ही मसीही विश्वासियों के समाज ने पौलुस को स्वीकार किया। बाद में बरनबास पौलुस का प्रचार यात्राओं में साथी बना (प्रेरितों 14)। खतरों के बावजूद उन्होंने साथ मिलकर सुसमाचार प्रचार का कार्य किया।

         आज भी मसीही विश्वासियों की बुलाहट है कि वे औरों को शान्ति दें तथा दूसरों की उन्नति का कारण बनें (1 थिस्सलुनीकियों 5:11)। हमें भी आज कठिन परिस्थितियों और समस्याओं का सामना करने वाले लोगों को प्रोत्साहन और सहायता देने वाले मसीही बनना चाहिए। - लीसा सामरा

 

मित्र का प्रोत्साहन बहुत अंतर ला सकता है।


इस कारण एक दूसरे को शान्ति दो, और एक दूसरे की उन्नति के कारण बनो, निदान, तुम ऐसा करते भी हो। - 1 थिस्सलुनीकियों 5:11

बाइबल पाठ: प्रेरितों 9:26-31

प्रेरितों 9:26 यरूशलेम में पहुंचकर उसने चेलों के साथ मिल जाने का उपाय किया: परन्तु सब उस से डरते थे, क्योंकि उन को विश्वास न होता था, कि वह भी चेला है।

प्रेरितों 9:27 परन्तु बरनबास उसे अपने साथ प्रेरितों के पास ले जा कर उन से कहा, कि इस ने किस रीति से मार्ग में प्रभु को देखा, और इस ने इस से बातें कीं; फिर दमिश्क में इस ने कैसे हियाव से यीशु के नाम का प्रचार किया।

प्रेरितों 9:28 वह उन के साथ यरूशलेम में आता जाता रहा।

प्रेरितों 9:29 और निधड़क हो कर प्रभु के नाम से प्रचार करता था: और यूनानी भाषा बोलने वाले यहूदियों के साथ बातचीत और वाद-विवाद करता था; परन्तु वे उसके मार डालने का यत्न करने लगे।

प्रेरितों 9:30 यह जानकर भाई उसे कैसरिया में ले आए, और तरसुस को भेज दिया।

प्रेरितों 9:31 सो सारे यहूदिया, और गलील, और सामरिया में कलीसिया को चैन मिला, और उसकी उन्नति होती गई; और वह प्रभु के भय और पवित्र आत्मा की शान्ति में चलती और बढ़ती जाती थी।

 

 एक साल में बाइबल: 

  • सभोपदेशक 10-12
  • गलातियों 1

सोमवार, 21 सितंबर 2020

अनपेक्षित

 

         1986 में, पाँच वर्षीय लिवन मेरिट इंग्लैंड के जर्सी चिड़ियाघर में गुरिल्लाओं के बाड़े में बीस फीट नीचे गिर गया। उसके माता-पिता और अन्य देखने वाले सहायता के लिए चिल्लाने लगे। उस बाड़े का एक वयस्क गुरिल्ला जिसे जम्बो नाम दिया गया था, उसके पास आया और आकर बेसुध पड़े लेविन और अन्य गुरिल्लाओं के मध्य खड़ा हो गया। फिर उसने धीरे-धीरे लेविन की पीठ को सहलाना आरंभ किया। जब लेविन होश में आकर रोने लगा, तो जम्बो ने अन्य गुरिल्लाओं को अपने साथ लिया और अपने जंगले के अंदर चला गया, और तब चिड़ियाघर की देख-रेख करने वालों और एम्बुलेंस ड्राइवर ने आकर लेविन को उठाया और उसे अस्पताल ले गए। अब तीस से भी अधिक वर्ष के बाद भी लेविन उस नम्र विशालकाय गुरिल्ला के बारे में बताता है – जिसने रक्षा करने वाले स्वर्गदूत के समान बिलकुल अप्रत्याशित और अनपेक्षित रीति से उसकी सहायता की, और गुरिल्लाओं के प्रति उसके दृष्टिकोण को जीवन भर के लिए बदल दिया।

         परमेश्वर के वचन बाइबल में एलिय्याह की अपेक्षा रही होगी कि परमेश्वर एक विशेष रीति से कार्य करे, परन्तु ईश्वरों के भी परमेश्वर ने चट्टानों को तोड़ने वाली आँधी, तीव्र भूकंप, और धधकती हुई ज्वाला के द्वारा भविष्यद्वक्ता को दिखाया कि उसके बारे में किन बातों के सन्दर्भ में न सोचे। फिर परमेश्वर ने एक कोमल धीमी फुसफुसाहट के द्वारा भविष्यद्वक्ता से बातें कीं, उस पर अपने मन को प्रगट किया, और उस पर अपनी उपस्थिति को व्यक्त किया (1 राजाओं 19:11, 12)।

         एलिय्याह ने परमेश्वर की सामर्थ्य को पहले भी देखा था (18:38-39); परन्तु उसने उसे, जो चाहता है कि उसे सबसे महान और सबसे भयावह ईश्वर होने से भी कुछ भिन्न रूप में जाना जाए, पूर्णतः नहीं समझा था (19:10-14)।

         एलिय्याह द्वारा सुनी गई वह धीमी आवाज़ अन्ततः प्रभु यीशु की प्रबल नम्रता में सदेह प्रगट हुई, और प्रभु यीशु ने कहा, “...जिसने मुझे देखा है उसने पिता को देखा है...” (यूहन्ना 14:9)। और इसके बाद प्रभु ने शांत होकर अपने आप को क्रूस पर ठोक दिए जाने के लिए अर्पित कर दिया – हमसे प्रेम करने वाले परमेश्वर द्वारा दिया गया अपना अनपेक्षित बलिदान जिससे समस्त संसार के लिए पापों की क्षमा और उद्धार का मार्ग बन गया। - मार्ट डीहान

 

यदि हमें केवल एक फुसफुसाहट ही की आवश्यकता है, तो परमेश्वर चिल्लाएगा नहीं।


तब उसने मुझे उत्तर देकर कहा, जरूब्बाबेल के लिये यहोवा का यह वचन है : न तो बल से, और न शक्ति से, परन्तु मेरे आत्मा के द्वारा होगा, मुझ सेनाओं के यहोवा का यही वचन है। - ज़कर्याह 4:6

बाइबल पाठ: 1 राजाओं 19:1-12

1 राजा 19:1 तब अहाब ने ईज़ेबेल को एलिय्याह के सब काम विस्तार से बताए कि उसने सब नबियों को तलवार से किस प्रकार मार डाला।

1 राजा 19:2 तब ईज़ेबेल ने एलिय्याह के पास एक दूत के द्वारा कहला भेजा, कि यदि मैं कल इसी समय तक तेरा प्राण उनका सा न कर डालूं तो देवता मेरे साथ वैसा ही वरन उस से भी अधिक करें।

1 राजा 19:3 यह देख एलिय्याह अपना प्राण ले कर भागा, और यहूदा के बेर्शेबा को पहुंच कर अपने सेवक को वहीं छोड़ दिया।

1 राजा 19:4 और आप जंगल में एक दिन के मार्ग पर जा कर एक झाऊ के पेड़ के तले बैठ गया, वहां उसने यह कह कर अपनी मृत्यु मांगी कि हे यहोवा बस है, अब मेरा प्राण ले ले, क्योंकि मैं अपने पुरखाओं से अच्छा नहीं हूँ।

1 राजा 19:5 वह झाऊ के पेड़ तले लेटकर सो गया और देखो एक दूत ने उसे छूकर कहा, उठ कर खा।

1 राजा 19:6 उसने दृष्टि कर के क्या देखा कि मेरे सिरहाने पत्थरों पर पकी हुई एक रोटी, और एक सुराही पानी धरा है; तब उसने खाया और पिया और फिर लेट गया।

1 राजा 19:7 दूसरी बार यहोवा का दूत आया और उसे छूकर कहा, उठ कर खा, क्योंकि तुझे बहुत भारी यात्रा करनी है।

1 राजा 19:8 तब उसने उठ कर खाया पिया; और उसी भोजन से बल पाकर चालीस दिन रात चलते चलते परमेश्वर के पर्वत होरेब को पहुंचा।

1 राजा 19:9 वहां वह एक गुफा में जा कर टिका और यहोवा का यह वचन उसके पास पहुंचा, कि हे एलिय्याह तेरा यहां क्या काम?

1 राजा 19:10 उन ने उत्तर दिया सेनाओं के परमेश्वर यहोवा के निमित्त मुझे बड़ी जलन हुई है, क्योंकि इस्राएलियों ने तेरी वाचा टाल दी, तेरी वेदियों को गिरा दिया, और तेरे नबियों को तलवार से घात किया है, और मैं ही अकेला रह गया हूँ; और वे मेरे प्राणों के भी खोजी हैं।

1 राजा 19:11 उसने कहा, निकलकर यहोवा के सम्मुख पर्वत पर खड़ा हो। और यहोवा पास से हो कर चला, और यहोवा के सामने एक बड़ी प्रचण्ड आन्धी से पहाड़ फटने और चट्टानें टूटने लगीं, तौभी यहोवा उस आन्धी में न था; फिर आन्धी के बाद भूंईडोल हुआ, तौभी यहोवा उस भूंईडोल में न था।

1 राजा 19:12 फिर भूंईडोल के बाद आग दिखाई दी, तौभी यहोवा उस आग में न था; फिर आग के बाद एक दबा हुआ धीमा शब्द सुनाई दिया।

 

एक साल में बाइबल: 

  • सभोपदेशक 7-9
  • 2 कुरिन्थियों 13

रविवार, 20 सितंबर 2020

आशा

 

         एलिज़ाबेथ ने काफी लम्बे समय तक ड्रग्स की लत के साथ संघर्ष किया था, और अन्ततः जब वह इस लत से छूट गई, तो उसकी लालसा थी कि वह इसके बारे में औरों को भी आशा दे। इसलिए वह बिना अपना नाम लिखे, छोटे-छोटे पर्चे लिख कर अपने शहर में इधर-उधर अनेकों स्थानों में लगाने लगी। एलिज़ाबेथ इन पर्चों को कार के विंडशील्ड वाईपर्स के नीचे, पार्क्स के खम्भों पर, और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर लगा देती है। पहले वह आशा के चिह्न ढूँढती थी; अब वह औरों के लिए चिह्न छोड़ती है। उसके द्वारा लिखे गए एक पर्चे का अन्त इन शब्दों के साथ हुआ: “बहुत प्रेम के साथ। आशा प्रेषित की गई।”

         परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि प्रेम के साथ आशा – प्रभु यीशु मसीह ही यह देता है। वह प्रतिदिन हमारे पास अपने प्रेम को लेकर आता है और आशा के द्वारा हमें बलवंत करता है। उसके प्रेम हमें बूंद-बूंद करके नहीं दिया जाता है, वरन उसके हृदय से उदारतापूर्वक हमारे हृदयों में भरपूरी से उडेला जाता है। लिखा है, और आशा से लज्जा नहीं होती, क्योंकि पवित्र आत्मा जो हमें दिया गया है उसके द्वारा परमेश्वर का प्रेम हमारे मन में डाला गया है” (रोमियों 5:5)। वह चाहता है कि हम कठिन समयों में अपने धीरज और चरित्र को विकसित करें, और वह हमें संतुष्ट और आशा से भरे हुए जीवन में लाए (पद 3-4)। और हम चाहे उससे दूर भी हों, किन्तु फिर भी वह हम से प्रेम करता रहता है (पद 6-8)।

         क्या आप आशा के चिह्न ढूँढ़ रहे हैं? प्रभु परमेश्वर अपने प्रेम के साथ हमें आशा भी प्रदान करता है और हमें आमंत्रित करता है कि हम उसके साथ अपने संबंधों को और घनिष्ठ करते चले जाएँ। एक परिपूर्ण जीवन जीने की हमारी आशा उसके अक्षय प्रेम के साथ जुड़ी हुई है। - ऐनी सेटास

 

आशा ही आत्मा का लंगर है।


वह हमारे सब क्लेशों में शान्ति देता है; ताकि हम उस शान्ति के कारण जो परमेश्वर हमें देता है, उन्हें भी शान्ति दे सकें, जो किसी प्रकार के क्लेश में हों। - 2 कुरिन्थियों 1:4

बाइबल पाठ: रोमियों 5:1-11

रोमियों 5:1 सो जब हम विश्वास से धर्मी ठहरे, तो अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर के साथ मेल रखें।

रोमियों 5:2 जिस के द्वारा विश्वास के कारण उस अनुग्रह तक, जिस में हम बने हैं, हमारी पहुंच भी हुई, और परमेश्वर की महिमा की आशा पर घमण्ड करें।

रोमियों 5:3 केवल यही नहीं, वरन हम क्लेशों में भी घमण्ड करें, यही जानकर कि क्लेश से धीरज।

रोमियों 5:4 ओर धीरज से खरा निकलना, और खरे निकलने से आशा उत्पन्न होती है।

रोमियों 5:5 और आशा से लज्जा नहीं होती, क्योंकि पवित्र आत्मा जो हमें दिया गया है उसके द्वारा परमेश्वर का प्रेम हमारे मन में डाला गया है।

रोमियों 5:6 क्योंकि जब हम निर्बल ही थे, तो मसीह ठीक समय पर भक्तिहीनों के लिये मरा।

रोमियों 5:7 किसी धर्मी जन के लिये कोई मरे, यह तो र्दुलभ है, परन्तु क्या जाने किसी भले मनुष्य के लिये कोई मरने का भी हियाव करे।

रोमियों 5:8 परन्तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा।

रोमियों 5:9 सो जब कि हम, अब उसके लहू के कारण धर्मी ठहरे, तो उसके द्वारा क्रोध से क्यों न बचेंगे?

रोमियों 5:10 क्योंकि बैरी होने की दशा में तो उसके पुत्र की मृत्यु के द्वारा हमारा मेल परमेश्वर के साथ हुआ फिर मेल हो जाने पर उसके जीवन के कारण हम उद्धार क्यों न पाएंगे?

रोमियों 5:11 और केवल यही नहीं, परन्तु हम अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा जिस के द्वारा हमारा मेल हुआ है, परमेश्वर के विषय में घमण्ड भी करते हैं।

 

एक साल में बाइबल: 

  • सभोपदेशक 4-6
  • 2 कुरिन्थियों 12

शनिवार, 19 सितंबर 2020

समय


        कल मैंने अपनी पहली संतान, अपनी बड़ी बेटी को, कॉलेज भेजने के लिए उसकी हवाई यात्रा का टिकट खरीदा। ऐसा करते समय मेरी आँखों से बहकर मेरे कम्प्यूटर के की-बोर्ड पर गिरते रहने वाले आँसुओं के बाद, मुझे अचरज है कि मेरा की-बोर्ड अभी भी काम कर रहा है। मुझे उसके साथ बिताए गए अठारह वर्ष का प्रत्येक दिन इतना अच्छा लगता है कि अब उसके चले जाने की बात सोच कर ही मैं उदास हो जाती हूँ। परन्तु फिर भी केवल इसलिए कि उसकी कमी मुझे बहुत खलेगी, मैं उसे उसके भविष्य के उन्नति के अवसरों से वंचित नहीं कर सकती हूँ। उसके जीवन के इस समय में, उसके लिए यह उचित है कि वह अपने जीवन की एक नई यात्रा आरंभ करे, अपने वयस्क होने को समझे और देश के एक नए भाग को देखे।

        जबकि बेटी की परवरिश का यह समय पूरा हो रहा है, किन्तु साथ ही एक दूसरा समय भी आरंभ हो रहा है। निःसंदेह, इस नए समय में भी नई चुनौतियां होंगी, और आनन्द के नए अवसर भी होंगे। परमेश्वर के वचन बाइबल में राजा सुलैमान ने लिखा कि परमेश्वर हर बात के लिए एक समय नियुक्त करता है (सभोपदेशक 3:1)। हम मनुष्यों के हाथों में अपने जीवनों की घटनाओं पर बहुत कम नियंत्रण रहता है – वे घटनाएं चाहे हमारे पक्ष में हो अथवा विरोध में। परन्तु परमेश्वर अपने समय में हर बात को सुन्दर बना कर देता है (सभोपदेशक 3:11)।

        दुःख के समयों के लिए भी हम परमेश्वर पर भरोसा रख सकते हैं कि वह अपने समय में उनसे भी कुछ अच्छा निकाल कर लाएगा। हमारे आराम और आनन्द के समय आते-जाते रह सकते हैं, परन्तु परमेश्वर के कार्य सदा बने रहेंगे (पद 14)। हमें हर एक समय चाहे अच्छा न भी लगे, कुछ बहुत दुखद भी हो सकते हैं, परन्तु परमेश्वर हर समय में से कुछ अच्छा निकाल सकता है। - कर्स्टन होल्मबर्ग

 

परमेश्वर हर बात से कुछ मनोहर निकाल लाता है।


और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं। - रोमियों 8:28

बाइबल पाठ: सभोपदेशक 3:1-14

सभोपदेशक 3:1 हर एक बात का एक अवसर और प्रत्येक काम का, जो आकाश के नीचे होता है, एक समय है।

सभोपदेशक 3:2 जन्म का समय, और मरने का भी समय; बोने का समय; और बोए हुए को उखाड़ने का भी समय है;

सभोपदेशक 3:3 घात करने का समय, और चंगा करने का भी समय; ढा देने का समय, और बनाने का भी समय है;

सभोपदेशक 3:4 रोने का समय, और हंसने का भी समय; छाती पीटने का समय, और नाचने का भी समय है;

सभोपदेशक 3:5 पत्थर फेंकने का समय, और पत्थर बटोरने का भी समय; गले लगाने का समय, और गले लगाने से रुकने का भी समय है;

सभोपदेशक 3:6 ढूंढ़ने का समय, और खो देने का भी समय; बचा रखने का समय, और फेंक देने का भी समय है;

सभोपदेशक 3:7 फाड़ने का समय, और सीने का भी समय; चुप रहने का समय, और बोलने का भी समय है;

सभोपदेशक 3:8 प्रेम का समय, और बैर करने का भी समय; लड़ाई का समय, और मेल का भी समय है।

सभोपदेशक 3:9 काम करने वाले को अधिक परिश्रम से क्या लाभ होता है?

सभोपदेशक 3:10 मैं ने उस दु:ख भरे काम को देखा है जो परमेश्वर ने मनुष्यों के लिये ठहराया है कि वे उस में लगे रहें।

सभोपदेशक 3:11 उसने सब कुछ ऐसा बनाया कि अपने अपने समय पर वे सुन्दर होते है; फिर उसने मनुष्यों के मन में अनादि-अनन्त काल का ज्ञान उत्पन्न किया है, तौभी काल का ज्ञान उत्पन्न किया है, वह आदि से अन्त तक मनुष्य बूझ नहीं सकता।

सभोपदेशक 3:12 मैं ने जान लिया है कि मनुष्यों के लिये आनन्द करने और जीवन भर भलाई करने के सिवाय, और कुछ भी अच्छा नहीं;

सभोपदेशक 3:13 और यह भी परमेश्वर का दान है कि मनुष्य खाए-पीए और अपने सब परिश्रम में सुखी रहे।

सभोपदेशक 3:14 मैं जानता हूं कि जो कुछ परमेश्वर करता है वह सदा स्थिर रहेगा; न तो उस में कुछ बढ़ाया जा सकता है और न कुछ घटाया जा सकता है; परमेश्वर ऐसा इसलिये करता है कि लोग उसका भय मानें।

 

एक साल में बाइबल:
  • सभोपदेशक  1-3
  • 2 कुरिन्थियों 11:16-33