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बुधवार, 9 सितंबर 2020

सुगन्ध

 

         गर्म और धूल भरे वातावरण में बॉब बस की यात्रा करके अपने घर से दूर एक शहर को गया था। वह दिन भर की लम्बी यात्रा से बहुत थक गया था, और धन्यवादी थी कि वह उस इलाके में रहने वाले कुछ अपने मित्रों के मित्रों के साथ भोजन करने पाएगा। उन लोगों ने बॉब का स्वागत किया, और तुरंत ही उसे उन लोगों से मिलकर एक शान्ति और आराम का अनुभव हुआ। उसे लगा कि मानो वह घर में है, सुरक्षित है, आराम से है, और वे लोग उसकी कद्र करते हैं।

         बाद में इस बात पर विचार करते समय कि उसे उस अजनबी स्थान और लोगों के बीच तुरंत ही इतनी शान्ति कैसे मिल गई, बॉब को परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस द्वारा कोरिन्थ के मसीही विश्वासियों को लिखी गई उसकी दूसरी पत्री में उत्तर मिल गया। उस पत्री में पौलुस ने मसीह के अनुयायियों में “मसीह की सुगन्ध” होने की बात कही, और तुरंत ही बॉब ने अपने आप से कहा, “हाँ! यही बात थी” उस दिन उसे अपने मेजबानों से मसीह की सुगन्ध आई थी, और इससे उसके मन को शान्ति मिली थी।

         पौलुस जब लिखता है कि परमेश्वर अपने लोगों को मसीह में “जय के उत्सव” में लिए फिरता है  और उनमें होकर अपने ज्ञान की सुगन्ध फैलाता है, तो वह उस समय की एक प्रथा को अपनी लिखी बात का आधार बना रहा था। जब सेना विजयी होकर युद्ध से लौटती थी, तो उनके विजय-उत्सव का जलूस जिन मार्गों से होकर जाता था, वहाँ सुगन्धित पदार्थ जलाए जाते थे। उस विजयी सेना के समर्थक उस सुगन्ध से आनन्दित होते थे। पौलुस कहता है कि इसी प्रकार से परमेश्वर के लोग अपने साथ एक सुगन्ध लिए चलते हैं जिसकी अनुभूति अन्य मसीही विश्वासियों को होती है, उन्हें आनन्दित करती है। यह कोई ऐसी बात नहीं है जिसे हम अपने से उत्पन्न करते हैं; परन्तु यह परमेश्वर द्वारा हमें प्रदान की जाती है जब वह हमें उसके ज्ञान को औरों में फैलाने के लिए प्रयोग करता है।

         बॉब मेरे पिता हैं, और वह दूर की यात्रा चालीस से भी अधिक वर्ष पहले की गई थी, परन्तु वे आज तक उसे भूले नहीं हैं। वे आज भी उन लोगों की यह कहानी सुनाते हैं – मसीह की सुगन्ध वाले लोगों की। - एमी पीटरसन

 

आपके लिए, कौन मसीह की सुगन्ध को फैलाने वाला है?


और प्रेम में चलो; जैसे मसीह ने भी तुम से प्रेम किया; और हमारे लिये अपने आप को सुखदायक सुगन्ध के लिये परमेश्वर के आगे भेंट कर के बलिदान कर दिया। - इफिसियों 5:2

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 2:14-17

2 कुरिन्थियों 2:14 परन्तु परमेश्वर का धन्यवाद हो, जो मसीह में सदा हम को जय के उत्सव में लिये फिरता है, और अपने ज्ञान का सुगन्ध हमारे द्वारा हर जगह फैलाता है।

2 कुरिन्थियों 2:15 क्योंकि हम परमेश्वर के निकट उद्धार पाने वालों, और नाश होने वालों, दोनों के लिये मसीह के सुगन्ध हैं।

2 कुरिन्थियों 2:16 कितनों के लिये तो मरने के निमित्त मृत्यु की गन्‍ध, और कितनों के लिये जीवन के निमित्त जीवन की सुगन्ध, और इन बातों के योग्य कौन है?

2 कुरिन्थियों 2:17 क्योंकि हम उन बहुतों के समान नहीं, जो परमेश्वर के वचन में मिलावट करते हैं; परन्तु मन की सच्चाई से, और परमेश्वर की ओर से परमेश्वर को उपस्थित जानकर मसीह में बोलते हैं।

 

एक साल में बाइबल: 

  • नीतिवचन 6-7
  • 2 कुरिन्थियों 2

मंगलवार, 8 सितंबर 2020

देखभाल

 

         मैं अपनी आँखें बन्द करता हूँ, हाथ जोड़कर, सिर झुकाकर मन में प्रार्थना करना आरंभ करता हूँ, मेरी प्रार्थना आरंभ होती है, “हे परमेश्वर, मैं आपके सम्मुख आपके बच्चे की तरह आता हूँ। मैं आपकी भलाइयों और सामर्थ्य को स्मरण करता हूँ जो आप ...” और अचानक ही मेरी आँखें झटके से खुल जाती हैं। मुझे स्मरण हो आता है कि मेरे बेटे का स्कूल का काम अभी पूरा नहीं हुआ है, उसे मेरी सहायता की आवश्यकता थी, क्योंकि कल उसे वह स्कूल में दिखाना है। मुझे यह भी स्मरण आता है कि कल दोपहर बाद उसे स्कूल में बास्केटबाल के खेल में भी भाग लेना है, और मुझे वहाँ उसके पास होना है; और मैं विचार करता हूँ कि वह अभी अपने स्कूल के कार्य को पूरा करने में लगा होगा, जो लगभग मध्य-रात्रि तक जाकर पूरा होगा। किन्तु मुझे चिंता है कि उसका यह सब परिश्रम उसे थका कर दुर्बल न कर दे, जिससे फिर कोई बीमारी उसे पकड़ न ले। और मेरा ध्यान प्रार्थना से हट जाता है।

         सुप्रसिद्ध मसीही लेखक सी. एस. ल्युईस ने अपने पुस्तक The Screwtape Letters में प्रार्थना में इस प्रकार ध्यान विचलित करने वाली बातों के बारे में लिखा है। उन्होंने लिखा कि जब हमारे मन इधर-उधर भटकने लगते हैं तो हम अपनी इच्छा-शक्ति के द्वारा उन्हें फिर से अपनी मूल प्रार्थना पर लाने के प्रयास करते हैं। लेकिन ल्युईस का निष्कर्ष था कि ऐसा करने के स्थान पर अधिक अच्छा होता है कि विचलित करने वाली उस नई बात को ही हमारी वर्तमान समस्या समझ लिया जाए, उसे परमेश्वर के सामने रख दिया जाए, और उस बात को ही अपनी प्रार्थना का मुख्य विषय बना लिया जाए।

         कोई स्थायी चिंता, या कोई पापमय विचार परमेश्वर के साथ हमारे वार्तालाप का केंद्र बिंदु बन सकता है, हम उस बात को पिता परमेश्वर के सामने रख कर उसके बारे में उससे उसका मार्गदर्शन और सामर्थ्य माँग सकते हैं। परमेश्वर चाहता है कि हम जब उससे वार्तालाप करें तो निःसंकोच होकर अपनी वास्तविक चिंताओं, भय, संघर्षों, इच्छाओं आदि के बारे में उससे खुलकर बोलें। वह हमारी किसी भी बात से आश्चर्यचकित नहीं होगा, क्योंकि वह सब कुछ पहले से ही जानता है। जैसे एक घनिष्ठ मित्र हमारी बातों पर ध्यान लगाता है, परमेश्वर भी वैसे ही हमारी बातों का ध्यान करता है। इसीलिए परमेश्वर के वचन बाइबल में हमें प्रोत्साहित किया गया है कि हम अपनी सारी चिताएँ उस पर डाल दें क्योंकि उसे हमारा ध्यान है (1 पतरस 5:7), वह हमारी देखभाल करता है। - जेनिफर बेनसन शुल्ट

 

ध्यान बंटने से हमारी प्रार्थनाएं बाधित नहीं होनी चाहिएँ।


अपना बोझ यहोवा पर डाल दे वह तुझे सम्हालेगा; वह धर्मी को कभी टलने न देगा। - भजन 55:22

बाइबल पाठ: 1 पतरस 5:6-10

1 पतरस 5:6 इसलिये परमेश्वर के बलवन्‍त हाथ के नीचे दीनता से रहो, जिस से वह तुम्हें उचित समय पर बढ़ाए।

1 पतरस 5:7 और अपनी सारी चिन्ता उसी पर डाल दो, क्योंकि उसको तुम्हारा ध्यान है।

1 पतरस 5:8 सचेत हो, और जागते रहो, क्योंकि तुम्हारा विरोधी शैतान गरजने वाले सिंह के समान इस खोज में रहता है, कि किस को फाड़ खाए।

1 पतरस 5:9 विश्वास में दृढ़ हो कर, और यह जान कर उसका सामना करो, कि तुम्हारे भाई जो संसार में हैं, ऐसे ही दुख भुगत रहे हैं।

1 पतरस 5:10 अब परमेश्वर जो सारे अनुग्रह का दाता है, जिसने तुम्हें मसीह में अपनी अनन्त महिमा के लिये बुलाया, तुम्हारे थोड़ी देर तक दुख उठाने के बाद आप ही तुम्हें सिद्ध और स्थिर और बलवन्‍त करेगा।

 

 एक साल में बाइबल: 

  • नीतिवचन 3-5
  • 2 कुरिन्थियों 1

सोमवार, 7 सितंबर 2020

देखभाल

 

         मैं जब हाई-स्कूल की पढ़ाई कर रहा था, तब मैं अपने विश्वविद्यालय की टेनिस टीम में भी खेला करता था। मेरे घर के पास ही चार टेनिस कोर्ट्स थे, जिन पर मैंने अपनी किशोरावस्था के बहुत घंटे अपने कौशल को और विकसित करने तथा सुधारने के लिए बिताए थे। पढ़ाई पूरी होने के पश्चात मैं विश्वविद्यालय और उस शहर से चला गया।

         पिछली बार जब मैं उस शहर में गया, तो वहाँ पहुँचकर मेरे सबसे आरंभिक कार्यों में से एक था, कार लेकर उन टेनिस कोर्ट्स पर जाना। मेरी आशा थी कि वहाँ पर अभी भी लोग खेल रहे होंगे, और मैं उन्हें देखूँगा, और अपनी यादों को ताज़ा करूँगा। परन्तु वहाँ पहुंचकर मैंने देखा कि वे पुरानी कोर्ट्स जो मेरी यादों में बसी हुई थीं, अब वहाँ नहीं हैं; उनके स्थान पर एक खाली मैदान था, जिसमें उगी हुई कुछ घास हवा में लहरा रही थी।

         उस दिन की वह दोपहर आज भी मेरी यादों में इस बात का प्रमाण बनकर बसी हुई है कि जीवन कितना क्षणभंगुर है। उन स्थानों में से एक, जहाँ मैंने अपनी युवावस्था की सामर्थ्य का सबसे उत्तम उपयोग किया था, उसका अब अस्तित्व ही नहीं रहा। बाद में अपने इस अनुभव पर मनन करते हुए मुझे परमेश्वर के वचन बाइबल में वृद्ध हो रहे राजा दाऊद द्वारा व्यक्त की गई बात स्मरण हो आई, मनुष्य की आयु घास के समान होती है, वह मैदान के फूल की नाईं फूलता है, जो पवन लगते ही ठहर नहीं सकता, और न वह अपने स्थान में फिर मिलता है। परन्तु यहोवा की करूणा उसके डरवैयों पर युग युग, और उसका धर्म उनके नाती- पोतों पर भी प्रगट होता रहता है” (भजन 103:15-17)।

         हम आयु में बढ़ते जाते हैं और हमारे आस-पास का संसार भी बदलता जाता है, परन्तु परमेश्वर का प्रेम न तो कभी पुराना होता है और न कभी बदलता है। हम उस पर हमेशा भरोसा कर सकते हैं कि जितनों ने उस पर अपना विश्वास रखा है, वह उनकी देखभाल सदा करता रहेगा। - जेम्स बैंक्स

 

इस बदलते हुए संसार में हम अपने कभी न बदलने वाले 

परमेश्वर पर सदा भरोसा बनाए रख सकते हैं।


क्योंकि मैं यहोवा बदलता नहीं; इसी कारण, हे याकूब की सन्तान तुम नाश नहीं हुए। - मलाकी 3:6

बाइबल पाठ:  भजन 103:13-22

भजन संहिता 103:13 जैसे पिता अपने बालकों पर दया करता है, वैसे ही यहोवा अपने डरवैयों पर दया करता है।

भजन संहिता 103:14 क्योंकि वह हमारी सृष्टि जानता है; और उसको स्मरण रहता है कि मनुष्य मिट्टी ही है।

भजन संहिता 103:15 मनुष्य की आयु घास के समान होती है, वह मैदान के फूल के समान फूलता है,

भजन संहिता 103:16 जो पवन लगते ही ठहर नहीं सकता, और न वह अपने स्थान में फिर मिलता है।

भजन संहिता 103:17 परन्तु यहोवा की करुणा उसके डरवैयों पर युग युग, और उसका धर्म उनके नाती-पोतों पर भी प्रगट होता रहता है,

भजन संहिता 103:18 अर्थात उन पर जो उसकी वाचा का पालन करते और उसके उपदेशों को स्मरण कर के उन पर चलते हैं।

भजन संहिता 103:19 यहोवा ने तो अपना सिंहासन स्वर्ग में स्थिर किया है, और उसका राज्य पूरी सृष्टि पर है।

भजन संहिता 103:20 हे यहोवा के दूतों, तुम जो बड़े वीर हो, और उसके वचन के मानने से उसको पूरा करते हो उसको धन्य कहो!

भजन संहिता 103:21 हे यहोवा की सारी सेनाओं, हे उसके टहलुओं, तुम जो उसकी इच्छा पूरी करते हो, उसको धन्य कहो!

भजन संहिता 103:22 हे यहोवा की सारी सृष्टि, उसके राज्य के सब स्थानों में उसको धन्य कहो। हे मेरे मन, तू यहोवा को धन्य कह!

  

एक साल में बाइबल: 

  • नीतिवचन 1-2
  • 1 कुरिन्थियों 16

रविवार, 6 सितंबर 2020

सामर्थ्य


         शरीर की माँसपेशियों को विकसित कर के उनके प्रदर्शन की प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेने वाले लोग अपने आप को एक कठोर प्रशिक्षण से लेकर जाते हैं। उनके प्रशिक्षण के आरंभिक महीने शरीर की माँसपेशियों को आकार और बल में बढ़ाने में निकलते हैं। जब प्रतिस्पर्धा का समय निकट आता है, तो उनका प्रशिक्षण और तैयारी शरीर की चर्बी को कम से कम कर देने होती है, जिससे माँसपेशियाँ स्पष्ट दिखाई दें। और स्पर्धा से ठीक पहले के कुछ दिनों में वे शरीर की आवश्यकता से कम पानी पीते हैं जिससे उनकी माँसपेशियाँ बिलकुल स्पष्ट दिखाई दें। इस कारण प्रतिस्पर्धा के दिन, चाहे वे कितने ही बलवान क्यों न दिखाई दें, वास्तविकता में वे लोग अपनी सबसे दुर्बल स्थिति में होते हैं।

         परमेश्वर के वचन बाइबल में 2 इतिहास 20 अध्याय में हम इसके बिलकुल विपरीत स्थिति के बारे में पढ़ते हैं – परमेश्वर की सामर्थ्य प्राप्त करने के लिए अपनी दुर्बल स्थिति को स्वीकार करना। लोगों ने राजा यहोशापात से कहा, “एक विशाल सेना तेरे विरुद्ध युद्ध करने के लिए आ रही है”, और यह जानकार उसने सारे यहूदा में उपवास की घोषणा की (पद 3), अपने आप को और यहूदा के सभी लोगों को भोजन सामग्री और उन्हें बल देने वाले पोषण से वंचित कर दिया, और फिर परमेश्वर से सहायता के लिए निवेदन किया।

         परमेश्वर से आश्वासन और मार्गदर्शन प्राप्त करने के बाद जब राजा ने सेना को एकत्रित किया, तो युद्ध भूमि में सेना को भेजते समय गाने वालों को सेना के आगे-आगे परमेश्वर की स्तुति के भजन गाते हुए चलने के लिए नियुक्त किया (पद 21)। जब उन्होंने परमेश्वर का स्तुतिगान करना आरंभ किया, जिस समय वे गाकर स्तुति करने लगे, उसी समय यहोवा ने अम्मोनियों, मोआबियों और सेईर के पहाड़ी देश के लोगों पर जो यहूदा के विरुद्ध आ रहे थे, घातकों को बैठा दिया और वे मारे गए” (पद 22)।

         यहोशापात का यह निर्णय परमेश्वर में उसके गहरे और दृढ़ विश्वास को दिखाता है। उसने जानते-बूझते हुए न तो अपनी न ही अपनी सेना के मानवीय सामर्थ्य और कौशल पर निर्भर होने को चुना। यह हमारे लिए एक सजीव उदाहरण है कि जब हम अपनी परीक्षाओं का सामना अपनी बुद्धि, अपनी योग्यता, अपनी क्षमता आदि के आधार पर करने के स्थान पर परमेश्वर की सामर्थ्य से करते हैं, तो परमेश्वर एक अद्भुत विजय दिलाता है। - कर्स्टन होल्मबर्ग

 

परमेश्वर की सामर्थ्य को अनुभव करने के लिए हमें अपनी दुर्बलता को स्वीकार करना अनिवार्य है।


परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएंगे, वे उकाबों के समान उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे। - यशायाह 40:31

बाइबल पाठ: 2 इतिहास 20:1-3, 14-22

2 इतिहास 20:1 इसके बाद मोआबियों और अम्मोनियों ने और उनके साथ कई मूनियों ने युद्ध करने के लिये यहोशापात पर चढ़ाई की।

2 इतिहास 20:2 तब लोगों ने आकर यहोशापात को बता दिया, कि ताल के पार से एदोम देश की ओर से एक बड़ी भीड़ तुझ पर चढ़ाई कर रही है; और देख, वह हसासोन्तामार तक जो एनगदी भी कहलाता है, पहुंच गई है।

2 इतिहास 20:3 तब यहोशापात डर गया और यहोवा की खोज में लग गया, और पूरे यहूदा में उपवास का प्रचार करवाया।

2 इतिहास 20:14 तब आसाप के वंश में से यहजीएल नाम एक लेवीय जो जकर्याह का पुत्र और बनायाह का पोता और मत्तन्याह के पुत्र यीएल का परपोता था, उस में मण्डली के बीच यहोवा का आत्मा समाया।

2 इतिहास 20:15 और वह कहने लगा, हे सब यहूदियों, हे यरूशलेम के रहनेवालों, हे राजा यहोशापात, तुम सब ध्यान दो; यहोवा तुम से यों कहता है, तुम इस बड़ी भीड़ से मत डरो और तुम्हारा मन कच्चा न हो; क्योंकि युद्ध तुम्हारा नहीं, परमेश्वर का है।

2 इतिहास 20:16 कल उनका सामना करने को जाना। देखो वे सीस की चढ़ाई पर चढ़े आते हैं और यरूएल नाम जंगल के सामने नाले के सिरे पर तुम्हें मिलेंगे।

2 इतिहास 20:17 इस लड़ाई में तुम्हें लड़ना न होगा; हे यहूदा, और हे यरूशलेम, ठहरे रहना, और खड़े रह कर यहोवा की ओर से अपना बचाव देखना। मत डरो, और तुम्हारा मन कच्चा न हो; कल उनका सामना करने को चलना और यहोवा तुम्हारे साथ रहेगा।

2 इतिहास 20:18 तब यहोशापात भूमि की ओर मुंह कर के झुका और सब यहूदियों और यरूशलेम के निवासियों ने यहोवा के सामने गिर के यहोवा को दण्डवत किया।

2 इतिहास 20:19 और कहातियों और कोरहियों में से कुछ लेवीय खड़े हो कर इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की स्तुति अत्यन्त ऊंचे स्वर से करने लगे।

2 इतिहास 20:20 बिहान को वे सबेरे उठ कर तकोआ के जंगल की ओर निकल गए; और चलते समय यहोशापात ने खड़े हो कर कहा, हे यहूदियों, हे यरूशलेम के निवासियों, मेरी सुनो, अपने परमेश्वर यहोवा पर विश्वास रखो, तब तुम स्थिर रहोगे; उसके नबियों की प्रतीत करो, तब तुम कृतार्थ हो जाओगे।

2 इतिहास 20:21 तब उसने प्रजा के साथ सम्मति कर के कितनों को ठहराया, जो कि पवित्रता से शोभायमान हो कर हथियार-बन्दों के आगे आगे चलते हुए यहोवा के गीत गाएं, और यह कहते हुए उसकी स्तुति करें, कि यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि उसकी करुणा सदा की है।

2 इतिहास 20:22 जिस समय वे गाकर स्तुति करने लगे, उसी समय यहोवा ने अम्मोनियों, मोआबियों और सेईर के पहाड़ी देश के लोगों पर जो यहूदा के विरुद्ध आ रहे थे, घातकों को बैठा दिया और वे मारे गए।

 

एक साल में बाइबल: 

  • भजन 148-150
  • 1 कुरिन्थियों 15:29-58

शनिवार, 5 सितंबर 2020

भेद-भाव

 

         हमारे पड़ोस में घरों के चारों ओर कॉन्क्रीट की ऊँची दीवारें हैं, और कई ऐसी हैं जिनके ऊपर कटीले तार लगे हैं, जिनमें बिजली प्रवाहित होती है। इन सभी का उद्देश्य है चोरों को घरों में आने से रोकना। हमारे निवास-स्थान पर विद्युत की कटौती भी बहुत आम बात है। इस कटौती के कारण बाहर के दरवाज़े की घंटी अकसर किसी काम की नहीं रहती है – जब बिजली नहीं होती है तो घर आने वाला व्यक्ति बाहर झुलसाने वाली धूप या तेज़ बारिश में खड़ा हुआ हो सकता है, और अन्दर किसी को पता भी नहीं चलता है। लेकिन जब घंटी काम भी कर रही होती है, तब भी आने वाले आगंतुक को घर में प्रवेश देना, आने वाला कौन है पर निर्भर करता है। हमारी दीवारें अच्छा उद्देश्य तो पूरा करती हैं, परन्तु वे भेद-भाव की दीवारें भी बन सकती हैं – चाहे आगंतुक कोई बुरे उद्देश्य से जबरन घुस आने वाला न भी हो।

         परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु जिस सामरी स्त्री से कुएँ पर मिले थे, वह भी भेद-भाव का सामना कर रही थी। यहूदी लोग सामरियों के साथ कोई व्यवहार नहीं रखते थे। इसलिए जब प्रभु यीशु ने उससे पीने के लिए पानी माँगा तो उसने कहा, उस सामरी स्त्री ने उस से कहा, तू यहूदी हो कर मुझ सामरी स्त्री से पानी क्यों मांगता है?” (यूहन्ना 4:9)। जब वह प्रभु यीशु के साथ वार्तालाप करने लगी, तो उसे जीवन परिवर्तित करने वाला अनुभव हुआ, जिसका सकारात्मक प्रभाव उसके अपने तथा वहाँ के लोगों पर भी पड़ा (पद 39-42)। प्रभु यीशु मसीह में होकर उनके बीच की भेद-भाव की दीवार गिर गई।

         विभिन्न कारणों के आधार पर भेद-भाव करने की समस्या और प्रलोभन वास्तविक है। किन्तु जैसा प्रभु यीशु ने हमें अपने जीवन के उदाहरण से दिखाया है, हमें सभी लोगों से संपर्क बनाना है, वे चाहे किसी भी राष्ट्रीयता, जाति, सामाजिक स्तर, या ख्याति के हों। वह सभी के मध्य के भेद-भाव की दीवारों को गिरा कर, सभी को एक करके अपने साथ रखने के लिए आया था। - लॉरेंस दर्मानी

 

प्रभु यीशु में भेद-भाव की दीवारें ढा दी जाती हैं।


तुम लोग उस समय मसीह से अलग और इस्राएल की प्रजा के पद से अलग किए हुए, और प्रतिज्ञा की वाचाओं के भागी न थे, और आशाहीन और जगत में ईश्वर रहित थे। पर अब तो मसीह यीशु में तुम जो पहिले दूर थे, मसीह के लहू के द्वारा निकट हो गए हो। क्योंकि वही हमारा मेल है, जिसने दोनों को एक कर लिया: और अलग करने वाली दीवार को जो बीच में थी, ढा दिया। - इफिसियों 2:12-14

बाइबल पाठ: यूहन्ना 4:7-14, 39-42

यूहन्ना 4:7 इतने में एक सामरी स्त्री जल भरने को आई: यीशु ने उस से कहा, मुझे पानी पिला।

यूहन्ना 4:8 क्योंकि उसके चेले तो नगर में भोजन मोल लेने को गए थे।

यूहन्ना 4:9 उस सामरी स्त्री ने उस से कहा, तू यहूदी हो कर मुझ सामरी स्त्री से पानी क्यों मांगता है? (क्योंकि यहूदी सामरियों के साथ किसी प्रकार का व्यवहार नहीं रखते)।

यूहन्ना 4:10 यीशु ने उत्तर दिया, यदि तू परमेश्वर के वरदान को जानती, और यह भी जानती कि वह कौन है जो तुझ से कहता है; मुझे पानी पिला तो तू उस से मांगती, और वह तुझे जीवन का जल देता।

यूहन्ना 4:11 स्त्री ने उस से कहा, हे प्रभु, तेरे पास जल भरने को तो कुछ है भी नहीं, और कुआं गहरा है: तो फिर वह जीवन का जल तेरे पास कहां से आया?

यूहन्ना 4:12 क्या तू हमारे पिता याकूब से बड़ा है, जिसने हमें यह कुआं दिया; और आप ही अपने सन्तान, और अपने ढोरों समेत उस में से पीया?

यूहन्ना 4:13 यीशु ने उसको उत्तर दिया, कि जो कोई यह जल पीएगा वह फिर प्यासा होगा।

यूहन्ना 4:14 परन्तु जो कोई उस जल में से पीएगा जो मैं उसे दूंगा, वह फिर अनन्तकाल तक प्यासा न होगा: वरन जो जल मैं उसे दूंगा, वह उस में एक सोता बन जाएगा जो अनन्त जीवन के लिये उमड़ता रहेगा।

यूहन्ना 4:39 और उस नगर के बहुत सामरियों ने उस स्त्री के कहने से, जिसने यह गवाही दी थी, कि उसने सब कुछ जो मैं ने किया है, मुझे बता दिया, विश्वास किया।

यूहन्ना 4:40 तब जब ये सामरी उसके पास आए, तो उस से बिनती करने लगे, कि हमारे यहां रह: सो वह वहां दो दिन तक रहा।

यूहन्ना 4:41 और उसके वचन के कारण और भी बहुतेरों ने विश्वास किया।

यूहन्ना 4:42 और उस स्त्री से कहा, अब हम तेरे कहने ही से विश्वास नहीं करते; क्योंकि हम ने आप ही सुन लिया, और जानते हैं कि यही सचमुच में जगत का उद्धारकर्ता है।

 

एक साल में बाइबल: 

  • भजन 146-147
  • 1 कुरिन्थियों 15:1-28

शुक्रवार, 4 सितंबर 2020

सृष्टिकर्ता

 

         सन 2011 में अमेरिका की नैशनल एरोनॉटिक्स एन्ड स्पेस एजेंसी (नासा) ने अपने द्वारा अंतरिक्ष की खोज के तीस वर्ष का उत्सव मनाया। इन तीन दशकों में नासा द्वारा भेजे गए अंतरिक्ष यानों में 355 से भी अधिक लोग अंतरिक्ष में भेजे गए और उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के निर्माण में भी भाग लिया। अपने पाँच अंतरिक्ष यानों को सेवा-निवृत्त करने के बाद अब नासा ने अपना ध्यान सुदूर अंतरिक्ष की खोज पर केन्द्रित किया है।

         मानव जाति ने अपना बहुत समय और धन अंतरिक्ष की खोज और अध्ययन में लगाया है, और कुछ अंतरिक्ष यात्री यह करते हुए मारे भी गए हैं। परन्तु परमेश्वर की अद्भुत रचना और महिमा का यह प्रमाण हमारे नापने की क्षमता से भी कहीं अधिक दूर तक फैला हुआ है।

         जब हम अंतरिक्ष के रचयिता और संभालने वाले के बारे में विचार करते हैं, वह जो प्रत्येक सितारे को नाम से जानता है (यशायाह 40:26), तब हम समझ सकते हैं कि भजनकार दाऊद उसकी महानता का गुणगान क्यों करता है (भजन 8:1)। परमेश्वर के हाथों के निशान उसके द्वारा स्थापित किए गए चाँद और सितारों में हैं (पद 3)। स्वर्ग और पृथ्वी का सृजनहार सभी पर प्रभुता करता है, फिर भी अपने प्रिय बच्चों के निकट रहता है, प्रत्येक की व्यक्तिगत रीति और घनिष्ठता से देखभाल करता है (पद 4)। अपने बड़े प्रेम में होकर परमेश्वर हमें महान सामर्थ्य, जिम्मेदारियां, और अवसर देता है कि हम उसकी सृष्टि की देखभाल करें, उसे जानें (पद 5-8)।

         जब हम सितारों से भरे आकाश को देखते हैं, और उसके बारे में जानकारी एकत्रित करते हैं, तो हमारा सृष्टिकर्ता हमें आमंत्रित करता है कि हम उत्साह और लगन के साथ उसके खोजी बनें। हमारा सृष्टिकर्ता प्रभु परमेश्वर हमारी प्रत्येक प्रार्थना और स्तुति-गान  को सुनता है। - होकिटिल डिक्सन

 

परमेश्वर की महानता उसकी अद्भुत विशालता और घनिष्ठ निकटता में प्रकट है।


आकाश ईश्वर की महिमा वर्णन कर रहा है; और आकाशमण्डल उसकी हस्तकला को प्रगट कर रहा है। - भजन 19:1

बाइबल पाठ: भजन 8:1-9

भजन संहिता 8:1 हे यहोवा हमारे प्रभु, तेरा नाम सारी पृथ्वी पर क्या ही प्रतापमय है! तू ने अपना वैभव स्वर्ग पर दिखाया है।

भजन संहिता 8:2 तू ने अपने बैरियों के कारण बच्चों और दूध पिउवों के द्वारा सामर्थ्य की नेव डाली है, ताकि तू शत्रु और पलटा लेने वालों को रोक रखे।

भजन संहिता 8:3 जब मैं आकाश को, जो तेरे हाथों का कार्य है, और चंद्रमा और तारागण को जो तू ने नियुक्त किए हैं, देखता हूं;

भजन संहिता 8:4 तो फिर मनुष्य क्या है कि तू उसका स्मरण रखे, और आदमी क्या है कि तू उसकी सुधि ले?

भजन संहिता 8:5 क्योंकि तू ने उसको परमेश्वर से थोड़ा ही कम बनाया है, और महिमा और प्रताप का मुकुट उसके सिर पर रखा है।

भजन संहिता 8:6 तू ने उसे अपने हाथों के कार्यों पर प्रभुता दी है; तू ने उसके पांव तले सब कुछ कर दिया है।

भजन संहिता 8:7 सब भेड़- बकरी और गाय- बैल और जितने वन-पशु हैं,

भजन संहिता 8:8 आकाश के पक्षी और समुद्र की मछलियां, और जितने जीव- जन्तु समुद्रों में चलते फिरते हैं।

भजन संहिता 8:9 हे यहोवा, हे हमारे प्रभु, तेरा नाम सारी पृथ्वी पर क्या ही प्रतापमय है।

 

एक साल में बाइबल: 

  • भजन 143-145
  • 1 कुरिन्थियों 14:21-40

गुरुवार, 3 सितंबर 2020

यात्रा

 

         कभी-कभी यह जीवन यात्रा इतनी कठिन हो जाती है कि हम अभिभूत हो जाते हैं, और हमें लगता है कि अंधकार का कोई अन्त ही नहीं है। हमारे पारिवारिक जीवन में भी एक समय ऐसा चल रहा था, और एक प्रातः मेरी पत्नी जब परमेश्वर के साथ संगति और प्रार्थना के अपने एकांत-समय के बाद जब बाहर आई तो उसने कहा, “मुझे लगता है कि परमेश्वर चाहता है कि इस अन्धकार में हम जो शिक्षाएँ प्राप्त करें, उन्हें अपने उजियाले के समयों में कभी भूलें नहीं।”

         परमेश्वर के वचन बाइबल में पौलुस भी कुछ ऐसा ही विचार कोरिन्थ के मसीही मण्डली को लिखी उसकी दूसरी पत्री में व्यक्त करता है (2 कुरिन्थियों 1), उन्हें अपने उन कठिन अनुभवों के बारे में बताने के पश्चात जिनका सामना उसे और उसके साथियों को एशिया में करना पड़ा था। पौलुस चाहता था कि कोरिन्थ के मसीही विश्वासी यह समझ सकें कि किस प्रकार परमेश्वर हमारे सबसे अंधकारपूर्ण समय का भी सदुपयोग कर सकता है। वह कहता है कि हम सांत्वना इसलिए पाते हैं, जिससे औरों को सांत्वना देना सीख सकें (पद 4)। पौलुस और उसके साथी अपनी परीक्षा के समयों में परमेश्वर से वे बातें सीख रहे थे जिनका प्रयोग वे कोरिन्थ के लोगों को सिखाने और सांत्वना देने के लिए कर सकते थे, जब कोरिन्थ के लोग परीक्षाओं में से हो कर निकलें। और परमेश्वर यही हम सभी के लिए भी करता है। वह हमारी परीक्षाओं का सदुपयोग हमें वह सिखाने के लिए करेगा जिसका प्रयोग हम औरों की सेवा में कर सकें।

         क्या अपनी जीवन यात्रा में आप अभी अन्धकार के समय में हैं? पौलुस के वचन और अनुभव से प्रोत्साहित हों। भरोसा रखें कि अभी इस समय में भी परमेश्वर आपके कदमों को निर्धारित दिशा में ले कर जा रहा है, साथ ही आपके हृदय पर अपने सत्यों को बैठा रहा, जिससे कि आप उन्हें औरों के साथ, जो ऐसी ही परिस्थितियों में हों, बाँट सकें, उन्हें उभार सकें। जब आप यात्रा की उन कठिनाइयों के अनुभवों से परिचित होंगे, तो अन्य यात्रा करने वालों का भी मार्गदर्शन कर सकेंगे। - रैंडी किल्गोर

 

अन्धकार में हम जो शिक्षाएँ प्राप्त करें, उन्हें अपने उजियाले के समयों में कभी भूलें नहीं।


क्योंकि हमारा पल भर का हल्का सा क्लेश हमारे लिये बहुत ही महत्वपूर्ण और अनन्त महिमा उत्पन्न करता जाता है। - 2 कुरिन्थियों 4:17

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 1:3-11

2 कुरिन्थियों 1:3 हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर, और पिता का धन्यवाद हो, जो दया का पिता, और सब प्रकार की शान्ति का परमेश्वर है।

2 कुरिन्थियों 1:4 वह हमारे सब क्लेशों में शान्ति देता है; ताकि हम उस शान्ति के कारण जो परमेश्वर हमें देता है, उन्हें भी शान्ति दे सकें, जो किसी प्रकार के क्लेश में हों।

2 कुरिन्थियों 1:5 क्योंकि जैसे मसीह के दुख हम अधिक सहभागी होते हैं, वैसे ही हमारी शान्ति भी मसीह के द्वारा अधिक होती है।

2 कुरिन्थियों 1:6 यदि हम क्लेश पाते हैं, तो यह तुम्हारी शान्ति और उद्धार के लिये है और यदि शान्ति पाते हैं, तो यह तुम्हारी शान्ति के लिये है; जिस के प्रभाव से तुम धीरज के साथ उन क्लेशों को सह लेते हो, जिन्हें हम भी सहते हैं।

2 कुरिन्थियों 1:7 और हमारी आशा तुम्हारे विषय में दृढ़ है; क्योंकि हम जानते हैं, कि तुम जैसे दुखों के वैसे ही शान्ति के भी सहभागी हो।

2 कुरिन्थियों 1:8 हे भाइयों, हम नहीं चाहते कि तुम हमारे उस क्लेश से अनजान रहो, जो आसिया में हम पर पड़ा, कि ऐसे भारी बोझ से दब गए थे, जो हमारी सामर्थ्य से बाहर था, यहां तक कि हम जीवन से भी हाथ धो बैठे थे।

2 कुरिन्थियों 1:9 वरन हम ने अपने मन में समझ लिया था, कि हम पर मृत्यु की आज्ञा हो चुकी है कि हम अपना भरोसा न रखें, वरन परमेश्वर का जो मरे हुओं को जिलाता है।

2 कुरिन्थियों 1:10 उसी ने हमें ऐसी बड़ी मृत्यु से बचाया, और बचाएगा; और उस से हमारी यह आशा है, कि वह आगे को भी बचाता रहेगा।

2 कुरिन्थियों 1:11 और तुम भी मिलकर प्रार्थना के द्वारा हमारी सहायता करोगे, कि जो वरदान बहुतों के द्वारा हमें मिला, उसके कारण बहुत लोग हमारी ओर से धन्यवाद करें।

  

एक साल में बाइबल: 

  • भजन 140-142
  • 1 कुरिन्थियों 14:1-20