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गुरुवार, 17 सितंबर 2020

बाँटना और बताना

 

         मैं अपनी पर-नानी की बाइबल के पन्ने पलट रहा था, और मेरी गोदी में एक खज़ाना आ गिरा – कागज़ का एक छोटा टुकड़ा, जिस पर एक बच्चे की लिखाई में लिखा हुआ था, धन्य हैं वे, जो मन के दीन हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्‍हीं का है। धन्य हैं वे, जो शोक करते हैं, क्योंकि वे शांति पाएंगे” (मत्ती 5:3-4)। परमेश्वर के वचन बाइबल में से लिए गए इन पदों के साइड में बच्चों के लिखाई में, मेरी माँ के हस्ताक्षर थे।

         मेरी पर-नानी की आदत थी कि वे अपने नाती-पोते-पोतियों को पवित्र शास्त्र के पद लिख कर सीखने के लिए कहती थीं, जिससे वे उन्हें कंठस्थ हो जाएँ, उनके मन में बस जाएँ। परन्तु इस कागज़ पर लिखे पदों के पीछे की कहानी से मेरी आँखें भर आईं। मेरी माँ अभी छोटी ही थीं, जब उनके पिता (मेरे नाना) का देहांत हो गया, और उसके कुछ सप्ताह बाद ही मेरी माँ के छोटे भाई का भी देहांत हो गया। उस दुखद समय में मेरी पर-नानी ने मेरी माँ को प्रभु यीशु और उस सांत्वना के बारे में बताया जो केवल प्रभु ही प्रदान कर सकता है।

         बाइबल में हम देखते हैं कि पौलुस ने तिमुथियुस को लिखा, और मुझे तेरे उस निष्कपट विश्वास की सुधि आती है, जो पहिले तेरी नानी लोइस, और तेरी माता यूनीके में थी, और मुझे निश्चय हुआ है, कि तुझ में भी है” (2 तीमुथियुस 1:5)। विश्वास विरासत में नहीं मिलता है, परन्तु बांटा या बताया जाता है। तिमुथियुस की माँ और नानी ने उसके साथ अपने विश्वास को बाँटा, उसे प्रभु के बारे में बताया, और उसने भी विश्वास किया।

         जो लोग हमारे निकट हैं जब हम उन्हें प्रोत्साहित करता हैं कि वे प्रभु यीशु में विश्वास लाएं, तो हम उन्हें प्रेम की एक विरासत सौंपते हैं। उस कागज़ के टुकड़े पर लिखे गए कुछ शब्दों के द्वारा मेरी माँ ने मेरी पर-नानी के उद्धारकर्ता के प्रति और अपने परिवार के प्रति प्रेम का प्रमाण छोड़ा।

         हम भी प्रभु के बारे में लोगों को बताएँ, अपने विश्वास को औरों के साथ बाँटें। - जेम्स बैंक्स

 

जब हम अपना विश्वास बांटते हैं, तब हम सबसे बड़ा खज़ाना बाँटते हैं।


उसी प्रकार तुम्हारा उजियाला मनुष्यों के सामने चमके कि वे तुम्हारे भले कामों को देखकर तुम्हारे पिता की, जो स्वर्ग में हैं, बड़ाई करें। - मत्ती 5:16

बाइबल पाठ: 2 तिमुथियुस 1:1-5

2 तीमुथियुस 1:1 पौलुस की ओर से जो उस जीवन की प्रतिज्ञा के अनुसार जो मसीह यीशु में है, परमेश्वर की इच्छा से मसीह यीशु का प्रेरित है।

2 तीमुथियुस 1:2 प्रिय पुत्र तीमुथियुस के नाम। परमेश्वर पिता और हमारे प्रभु मसीह यीशु की ओर से तुझे अनुग्रह और दया और शान्ति मिलती रहे।

2 तीमुथियुस 1:3 जिस परमेश्वर की सेवा मैं अपने बाप दादों की रीति पर शुद्ध विवेक से करता हूं, उसका धन्यवाद हो कि अपनी प्रार्थनाओं में तुझे लगातार स्मरण करता हूं।

2 तीमुथियुस 1:4 और तेरे आंसुओं की सुधि कर कर के रात दिन तुझ से भेंट करने की लालसा रखता हूं कि आनन्द से भर जाऊं।

2 तीमुथियुस 1:5 और मुझे तेरे उस निष्कपट विश्वास की सुधि आती है, जो पहिले तेरी नानी लोइस, और तेरी माता यूनीके में थी, और मुझे निश्चय हुआ है, कि तुझ में भी है।

 

एक साल में बाइबल: 

  • नीतिवचन 27-29
  • 2 कुरिन्थियों 10

बुधवार, 16 सितंबर 2020

प्रार्थना

 

         मैं उन लोगों की सराहना करती हूँ जो प्रतिदिन प्रार्थना के निवेदनों को अपनी एक पुस्तिका में लिखते हैं, प्रतिदिन प्रार्थनाओं, स्तुति और आराधना की बातों का नियमित लेखा बनाकर रखते हैं, और निरंतर प्रयोग के द्वारा उनके वे पुस्तिकाएं फटने भी लग जाती हैं। मैं उन से प्रोत्साहित होती हूँ जो औरों के साथ प्रार्थना के लिए एकत्रित होते हैं, और जिनके घुटनों पर आकर प्रार्थना करने के द्वारा, उनके बिस्तर के साथ लगी दरी में घिसने से घुटनों के स्थान बन गए हैं। मैंने कई वर्ष प्रयास किया कि उनके समान करूं, एक सिद्ध प्रार्थना की विधि का पालन करूं, और उन लोगों की अति उत्तम वाक्पटुता के जैसे मनोहर शब्दों के प्रयोग के द्वारा प्रार्थना करूं। मेरी बहुत लालसा थी कि मैं प्रार्थना करने की सही विधि को सीख कर उसका पालन कर सकूँ, और मैं उसकी परतें खोलने का प्रयास कर रही थी जो मुझे एक रहस्य लगता था।

         अन्ततः मैंने सीखा कि हमारा प्रभु केवल इतना ही चाहता है कि हमारी प्रार्थनाएँ नम्रता और दीनता के साथ आरंभ तथा अन्त हों (मत्ती 6:5)। वह हमें एक घनिष्ठ निकटता के वार्तालाप और महिमा  में आमंत्रित करता है, जिसमें उसका वायदा है कि वह हमारी प्रार्थना को सुनेगा (पद 6)। उसे कभी किसी आलंकारिक भाषा, रटे हुए वाक्यों और वाक्यांशों आदि की आवश्यकता नहीं है (पद 7)। वह हमें आश्वस्त करता है कि प्रार्थना एक उपहार है, उसके वैभव का आदर करने के लिए हमें प्रदान किया गया एक अवसर है (पद9-10 ), जिसके द्वारा हम उसके प्रावधानों में अपना भरोसा व्यक्त कर सकते हैं (पद 11), तथा उसकी क्षमा और मार्गदर्शन में हमारी सुरक्षा की पुष्टि कर सकते हैं (पद 12-13)।

         परमेश्वर हमें आश्वस्त करता है कि वह हमारी प्रत्येक कही या अनकही प्रार्थना को सुनता है और उनकी चिंता करता है; उन प्रार्थनाओं की भी जो केवल आँसुओं के रूप में हमारे गालों पर लुढ़कती हैं, परन्तु होंठों पर नहीं आने पाती हैं। जब हम परमेश्वर पर हमारे प्रति उसके सिद्ध प्रेम पर भरोसा करते हैं, तब हम आश्वस्त रह सकते हैं कि उसे समर्पित एक विनम्र और उसपर निर्भर रहने वाले मन से निकली प्रत्येक प्रार्थना, उसे स्वीकार्य है, सही प्रार्थना है। - होकिटिल डिक्सन

 

हमारे प्रेमी उद्धारकर्ता और प्रभु, यीशु मसीह से नम्रता के साथ वार्तालाप ही सही प्रार्थना है।


और जो कुछ हम मांगते हैं, वह हमें उस से मिलता है; क्योंकि हम उस की आज्ञाओं को मानते हैं; और जो उसे भाता है वही करते हैं। - 1 यूहन्ना 3:22

बाइबल पाठ: मत्ती 6:5-15

मत्ती 6:5 और जब तू प्रार्थना करे, तो कपटियों के समान न हो क्योंकि लोगों को दिखाने के लिये सभाओं में और सड़कों के मोड़ों पर खड़े हो कर प्रार्थना करना उन को अच्छा लगता है; मैं तुम से सच कहता हूं, कि वे अपना प्रतिफल पा चुके।

मत्ती 6:6 परन्तु जब तू प्रार्थना करे, तो अपनी कोठरी में जा; और द्वार बन्द कर के अपने पिता से जो गुप्त में है प्रार्थना कर; और तब तेरा पिता जो गुप्त में देखता है, तुझे प्रतिफल देगा।

मत्ती 6:7 प्रार्थना करते समय अन्यजातियों के समान बक बक न करो; क्योंकि वे समझते हैं कि उनके बहुत बोलने से उन की सुनी जाएगी।

मत्ती 6:8 सो तुम उन के समान न बनो, क्योंकि तुम्हारा पिता तुम्हारे मांगने से पहिले ही जानता है, कि तुम्हारी क्या क्या आवश्यकता है।

मत्ती 6:9 सो तुम इस रीति से प्रार्थना किया करो; “हे हमारे पिता, तू जो स्वर्ग में है; तेरा नाम पवित्र माना जाए।

मत्ती 6:10 तेरा राज्य आए; तेरी इच्छा जैसी स्वर्ग में पूरी होती है, वैसे पृथ्वी पर भी हो।

मत्ती 6:11 हमारी दिन भर की रोटी आज हमें दे।

मत्ती 6:12 और जिस प्रकार हम ने अपने अपराधियों को क्षमा किया है, वैसे ही तू भी हमारे अपराधों को क्षमा कर।

मत्ती 6:13 और हमें परीक्षा में न ला, परन्तु बुराई से बचा; क्योंकि राज्य और पराक्रम और महिमा सदा तेरे ही हैं।” आमीन।

मत्ती 6:14 इसलिये यदि तुम मनुष्य के अपराध क्षमा करोगे, तो तुम्हारा स्वर्गीय पिता भी तुम्हें क्षमा करेगा।

मत्ती 6:15 और यदि तुम मनुष्यों के अपराध क्षमा न करोगे, तो तुम्हारा पिता भी तुम्हारे अपराध क्षमा न करेगा।

 

एक साल में बाइबल: 

  • नीतिवचन 25-26
  • 2 कुरिन्थियों 9

मंगलवार, 15 सितंबर 2020

भला


         मुझे डार्क चॉकलेट पसंद है, इसलिए मैंने एक बार गूगल पर खोज करने के लिए प्रश्न डाला “क्या डार्क चॉकलेट हमारे लिए अच्छी है?” मुझे कई प्रकार के उत्तर मिले – कुछ अच्छे, कुछ बुरे। आप यही लगभग सभी भोजन वस्तुओं के लिए कर सकते हैं, और आपको ऐसे ही चकरा देने वाले अनेकों उत्तर मिल जाएँगे। इसलिए आपको सचेत रहना चाहिए कि इस प्रकार के प्रश्न पूछ कर खोज करना, आपके लिए भला नहीं भी हो सकता है।

         किन्तु यदि आप कुछ ऐसा ढूँढ़ना चाह रहे हैं जो आपके लिए हर समय हर बात के लिए सदा भला रहता है, तो वह है परमेश्वर का वचन बाइबल। देखिए कि परमेश्वर का वचन प्रभु यीशु के अनुयायियों के लिए, जो परमेश्वर के साथ अपने संबंधों को और प्रगाढ़ करना चाह रहे हैं, क्या कर सकता है:

·             यह आपको पवित्र रखता है (भजन 119:9, 11)

·           इससे आप आशीष पाते हैं (लूका 11:28)

·           यह आपको बुद्धिमान बनाता है (मत्ती 7:24)

·           यह ज्योति और समझ प्रदान करता है (भजन 119:130)

·           यह आपको आत्मिक उन्नति देता है (1 पतरस 2:2)

हमारा परमेश्वर भला है: “यहोवा सभों के लिये भला है, और उसकी दया उसकी सारी सृष्टि पर है” (भजन 145:9 )। और उसने अपनी भलाई में होकर, जितने उससे प्रेम रखते हैं उनके लिए एक मार्गदर्शक दिया है, जो हमें जानने में सहायता करता है कि हम उसके साथ अपने संबंध को और उन्नत कैसे कर सकते हैं। इस संसार में अनेकों विकल्पों में से सही चुनाव करके जीवन जीना सीखते हुए, हम परमेश्वर के धन्यवादी रहें कि उसने हमें अपने पवित्र शास्त्र में लिख कर दिया है कि हमारे लिए क्या भला है। हम भी भजनकार के साथ कह सकते हैं, तेरे वचन मुझ को कैसे मीठे लगते हैं, वे मेरे मुंह में मधु से भी मीठे हैं!” (भजन 119:103)।

 

परमेश्वर का वचन ही जीवन की एकमात्र स्थिर नींव है।


मेरे पैरों को अपने वचन के मार्ग पर स्थिर कर, और किसी अनर्थ बात को मुझ पर प्रभुता न करने दे। - भजन 119:133

बाइबल पाठ: भजन 119:65-72

भजन संहिता 119:65 हे यहोवा, तू ने अपने वचन के अनुसार अपने दास के संग भलाई की है।

भजन संहिता 119:66 मुझे भली विवेक- शक्ति और ज्ञान दे, क्योंकि मैं ने तेरी आज्ञाओं का विश्वास किया है।

भजन संहिता 119:67 उस से पहिले कि मैं दुखित हुआ, मैं भटकता था; परन्तु अब मैं तेरे वचन को मानता हूं।

भजन संहिता 119:68 तू भला है, और भला करता भी है; मुझे अपनी विधियां सिखा।

भजन संहिता 119:69 अभिमानियों ने तो मेरे विरुद्ध झूठ बात गढ़ी है, परन्तु मैं तेरे उपदेशों को पूरे मन से पकड़े रहूंगा।

भजन संहिता 119:70 उनका मन मोटा हो गया है, परन्तु मैं तेरी व्यवस्था के कारण सुखी हूं।

भजन संहिता 119:71 मुझे जो दु:ख हुआ वह मेरे लिये भला ही हुआ है, जिस से मैं तेरी विधियों को सीख सकूं।

भजन संहिता 119:72 तेरी दी हुई व्यवस्था मेरे लिये हजारों रुपयों और मुहरों से भी उत्तम है।

 

एक साल में बाइबल: 

  • नीतिवचन 22-24
  • 2 कुरिन्थियों 8

सोमवार, 14 सितंबर 2020

संतुष्टि

 

         हमारे बाइबल स्कूल के एक कार्यक्रम के दौरान हमने बच्चों में नाश्ता बांटा, और हम ने देखा कि एक बच्चे ने अपने नाश्ते को बहुत जल्दी से खा लिया, और फिर अन्य बच्चों के द्वारा मेज़ छोड़े गए नाश्ते को भी उठाकर खा लिया। फिर मैंने उस पौपकौर्ण का एक पैकेट और दे दिया, किन्तु भी वह संतुष्ट नहीं था। हम आयोजक चिंतित थे कि यह छोटा बच्चा इतना भूखा क्यों था।

         मुझे बाद में विचार आया कि हम भी उस बालक के समान हो सकते हैं, जब बात हमारी गहरी लालसाओं की होती है। हम उन लालसाओं की संतुष्टि के तरीके तो ढूँढ़ते हैं, परन्तु हमें वह नहीं मिलता है जो हमें पूर्णतः संतुष्ट करता है।

         परमेश्वर के वचन बाइबल में यशायाह भविष्यद्वक्ता उन्हें जो भूखे और प्यासे हैं, आमंत्रित करता है, आओ ... मोल लो और खाओ” (यशायाह 55:1)। परन्तु फिर वह पूछता है, जो भोजन वस्तु नहीं है, उसके लिये तुम क्यों रुपया लगाते हो, और, जिस से पेट नहीं भरता उसके लिये क्यों परिश्रम करते हो?” (पद 2)। यहाँ पर यशायाह मात्र शारीरिक भूख के बारे में ही बात नहीं कर रहा है। परमेश्वर हमारी आत्मिक और भावनात्मक भूख को भी अपनी उपस्थिति की प्रतिज्ञा के द्वारा संतुष्ट कर सकता है। पद 3 की “सदा की वाचा” परमेश्वर द्वारा दाऊद से 2 शमूएल 7:8-16 में की गई प्रतिज्ञा को स्मरण कराती है। दाऊद के वंश से एक उद्धारकर्ता ने आना था जो मनुष्यों का परमेश्वर के साथ फिर से मेल-मिलाप करवा देगा। बाद में यूहन्ना 6:35 और 7:37 में, प्रभु यीशु ने भी उसी निमंत्रण को दिया जो यशायाह ने दिया था, और इस प्रकार अपनी पहचान उसी उद्धारकर्ता के रूप में करवाई जिसके विषय यशायाह और अन्य भविष्यद्वक्ताओं ने भविष्यवाणियाँ की थीं।

         परमेश्वर का निमंत्रण आज भी सभी के लिए खुला है, कि उसके पास पश्चाताप और समर्पण में आएँ और उससे पूर्ण संतुष्टि पाएं। - लिंडा वॉशिंगटन

 

केवल परमेश्वर ही हमारी आत्मिक भूख की संतुष्टि प्रदान कर सकता है।


यीशु ने उन से कहा, जीवन की रोटी मैं हूं: जो मेरे पास आएगा वह कभी भूखा न होगा और जो मुझ पर विश्वास करेगा, वह कभी प्यासा न होगा। - यूहन्ना 6:35

बाइबल पाठ: यशायाह 55:1-7

यशायाह 55:1 अहो सब प्यासे लोगों, पानी के पास आओ; और जिनके पास रुपया न हो, तुम भी आकर मोल लो और खाओ! दाखमधु और दूध बिन रुपए और बिना दाम ही आकर ले लो।

यशायाह 55:2 जो भोजन वस्तु नहीं है, उसके लिये तुम क्यों रुपया लगाते हो, और, जिस से पेट नहीं भरता उसके लिये क्यों परिश्रम करते हो? मेरी ओर मन लगाकर सुनो, तब उत्तम वस्तुएं खाने पाओगे और चिकनी चिकनी वस्तुएं खाकर सन्तुष्ट हो जाओगे।

यशायाह 55:3 कान लगाओ, और मेरे पास आओ; सुनो, तब तुम जीवित रहोगे; और मैं तुम्हारे साथ सदा की वाचा बान्धूंगा अर्थात दाऊद पर की अटल करुणा की वाचा।

यशायाह 55:4 सुनो, मैं ने उसको राज्य राज्य के लोगों के लिये साक्षी और प्रधान और आज्ञा देने वाला ठहराया है।

यशायाह 55:5 सुन, तू ऐसी जाति को जिसे तू नहीं जानता बुलाएगा, और ऐसी जातियां जो तुझे नहीं जानतीं तेरे पास दौड़ी आएंगी, वे तेरे परमेश्वर यहोवा और इस्राएल के पवित्र के निमित्त यह करेंगी, क्योंकि उसने तुझे शोभायमान किया है।

यशायाह 55:6 जब तक यहोवा मिल सकता है तब तक उसकी खोज में रहो, जब तक वह निकट है तब तक उसे पुकारो;

यशायाह 55:7 दुष्ट अपनी चाल चलन और अनर्थकारी अपने सोच विचार छोड़कर यहोवा ही की ओर फिरे, वह उस पर दया करेगा, वह हमारे परमेश्वर की ओर फिरे और वह पूरी रीति से उसको क्षमा करेगा।

 

एक साल में बाइबल: 

  • नीतिवचन 19-21
  • 2 कुरिन्थियों 7

रविवार, 13 सितंबर 2020

नाम


         अमेरिका के एक मसीही प्रचारक, जिप हार्डिन, ने अपने बेटे का नाम सुप्रसिद्ध प्रचारक जॉन वेस्ली के नाम पर रखा, इस आशा के साथ कि वह भी ऐसा ही परमेश्वर का महान सेवक बनेगा। किन्तु दुःख की बात है कि जॉन वेस्ली हार्डिन ने जीवन का अलग ही मार्ग चुना। पश्चिमी अमेरिका में 1800वीं सदी के अंतिम काल में हार्डिन सबसे कुख्यात अपराधी और लोगों को गोली मार देने वाला बना; दावा था कि उसने बयालीस लोगों की हत्या की थी।

         परमेश्वर के वचन बाइबल में, जैसा कि आज भी अनेकों संस्कृतियों में पाया जाता है, व्यक्ति के नाम का विशेष महत्व होता है। परमेश्वर के पुत्र के जन्म की घोषणा करते समय, स्वर्गदूत ने यूसुफ से कहा कि वह मरियम के पुत्र का नाम यीशु रखे,वह पुत्र जनेगी और तू उसका नाम यीशु रखना; क्योंकि वह अपने लोगों का उन के पापों से उद्धार करेगा” (मत्ती 1:21)। प्रभु यीशु के नाम का अर्थ है “यहोवा परमेश्वर छुड़ाता है” और यह उसके द्वारा मानव जाति को पाप से छुड़ाने के कार्य की पुष्टि करता है।

         बाइबल में हम देखते हैं कि हार्डिन के विपरीत, प्रभु यीशु ने पूर्णतः तथा संतोषजनक रीति से अपने नाम के अनुरूप जीवन व्यतीत किया। यूहन्ना ने प्रभु यीशु के नाम की जीवन-दायी सामर्थ्य की पुष्टि की, उसने लिखा,परन्तु ये इसलिये लिखे गए हैं, कि तुम विश्वास करो, कि यीशु ही परमेश्वर का पुत्र मसीह है: और विश्वास कर के उसके नाम से जीवन पाओ” (यूहन्ना 20:31)। प्रेरितों के काम पुस्तक में सभी को प्रभु यीशु में भरोसा रखने के लिए निमंत्रण दिया गया है क्योंकि,और किसी दूसरे के द्वारा उद्धार नहीं; क्योंकि स्वर्ग के नीचे मनुष्यों में और कोई दूसरा नाम नहीं दिया गया, जिस के द्वारा हम उद्धार पा सकें” (प्रेरितों के काम 4:12)।

         जितने प्रभु यीशु के अतुल्य नाम को विश्वास के साथ पुकारते हैं, स्वीकारते हैं, वे सभी पापों से क्षमा और प्रभु से मिलने वाली अनन्त जीवन की आशा का अनुभाव प्राप्त करते हैं।

         क्या आपने प्रभु के नाम को स्वीकार किया? – बिल क्राउडर

 

प्रभु यीशु का नाम ही उसके जीवन का उद्देश्य भी है – खोए हुओं को ढूँढना और बचाना।

कि यदि तू अपने मुंह से यीशु को प्रभु जानकर अंगीकार करे और अपने मन से विश्वास करे, कि परमेश्वर ने उसे मरे हुओं में से जिलाया, तो तू निश्चय उद्धार पाएगा। क्योंकि धामिर्कता के लिये मन से विश्वास किया जाता है, और उद्धार के लिये मुंह से अंगीकार किया जाता है। - रोमियों 10:9-10

बाइबल पाठ: मत्ती 1:18-25

मत्ती 1:18 अब यीशु मसीह का जन्म इस प्रकार से हुआ, कि जब उस की माता मरियम की मंगनी यूसुफ के साथ हो गई, तो उन के इकट्ठे होने के पहिले से वह पवित्र आत्मा की ओर से गर्भवती पाई गई।

मत्ती 1:19 सो उसके पति यूसुफ ने जो धर्मी था और उसे बदनाम करना नहीं चाहता था, उसे चुपके से त्याग देने की मनसा की।

मत्ती 1:20 जब वह इन बातों के सोच ही में था तो प्रभु का स्वर्गदूत उसे स्वप्न में दिखाई देकर कहने लगा; हे यूसुफ दाऊद की सन्तान, तू अपनी पत्नी मरियम को अपने यहां ले आने से मत डर; क्योंकि जो उसके गर्भ में है, वह पवित्र आत्मा की ओर से है।

मत्ती 1:21 वह पुत्र जनेगी और तू उसका नाम यीशु रखना; क्योंकि वह अपने लोगों का उन के पापों से उद्धार करेगा।

मत्ती 1:22 यह सब कुछ इसलिये हुआ कि जो वचन प्रभु ने भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा था; वह पूरा हो।

मत्ती 1:23 कि, देखो एक कुंवारी गर्भवती होगी और एक पुत्र जनेगी और उसका नाम इम्मानुएल रखा जाएगा जिस का अर्थ यह है “ परमेश्वर हमारे साथ”।

मत्ती 1:24 सो यूसुफ नींद से जागकर प्रभु के दूत की आज्ञा अनुसार अपनी पत्नी को अपने यहां ले आया।

मत्ती 1:25 और जब तक वह पुत्र न जनी तब तक वह उसके पास न गया: और उसने उसका नाम यीशु रखा।

 

एक साल में बाइबल: 

  • नीतिवचन 16-18
  • 2 कुरिन्थियों 6

शनिवार, 12 सितंबर 2020

चुनाव

 

         मैं कुछ युवाओं के साथ एक मिशन दौरे पर जाने की तैयारी कर रही थी, और इस तैयारी के दौरान उन युवाओं के द्वारा मुझ से सर्वाधिक पूछा जाने वाला प्रश्न था, “क्या वहाँ वाई-फाई होगा?” और मैंने उन्हें आश्वस्त किया कि हाँ वहाँ वाई-फाई होगा। अब आप उन खिसियाहट, गुस्से, और निराशा भरी आवाजों के उठने बारे अंदाज़ा लगा सकते हैं जब एक रात वाई-फाई में खराबी आ गई और वह उपलब्ध नहीं रहा।

         आज हम में से बहुतेरे बहुत व्याकुल हो जाते हैं जब हम अपने स्मार्ट-फोन्स से अलग कर दिए जाते हैं। और जब वो फोन हमारे हाथों में होते हैं तो हम उनके स्क्रीन पर आँखें गड़ाए रहते हैं। अनेकों अन्य बातों के समान, इंटरनेट और वो बातें जिन्हें हम इंटरनेट पर देख सकते हैं, हमारे लिए या तो ध्यान बंटाने का, या फिर आशीष का कारण बन सकती हैं; यह उस पर निर्भर करता है जो हम उसके साथ करते हैं – चुनाव हमारा होता है। परमेश्वर के वचन बाइबल में हम नीतिवचन में पढ़ते हैं,समझने वाले का मन ज्ञान की खोज में रहता है, परन्तु मूर्ख लोग मूढ़ता से पेट भरते हैं” (15:14)।

         परमेश्वर के वचन की बुद्धिमानी को अपने जीवनों में लागू करते हुए हम अपने आप से पूछ सकते हैं: क्या हमारा चुनाव दिन भर सोशल नेटवर्क्स को बारंबार देखते रहने का रहता है? यदि ऐसा है, तो यह उन बातों के बारे में क्या कहता है, जिनकी हमें लालसा रहती है? हम जिन बातों को नेट पर देखने और पढ़ने का चुनाव करते हैं, क्या उन से विवेक पूर्ण जीवन जीने का प्रोत्साहन मिलता है, (पद 16-21), या हम व्यर्थ बातें, जैसे कि बकवाद, निन्दा, सांसारिकता, या यौन संबंधित अपवित्रता आदि में समय बिताने का चुनाव करते हैं?

         हम जैसे-जैसे परमेश्वर के पवित्र आत्मा के कार्य के प्रति समर्पित होते चले जाएँगे, तो हम अपने मन और हृदय उन बातों से भरने लगेंगे जो “सत्य, आदरणीय, और उचित, पवित्र, सुहावनी, मनभावनी” हैं। परमेश्वर की बुद्धिमत्ता से हम उन बातों के पक्ष में चुनाव कर सकते हैं जो परमेश्वर को आदर देती हैं। - पो फैंग चिया

 

हम जिन बातों को अपने मन में आ लेने देते हैं, वे ही हमारी मनोदशा को निर्धारित करती हैं।

निदान, हे भाइयों, जो जो बातें सत्य हैं, और जो जो बातें आदरणीय हैं, और जो जो बातें उचित हैं, और जो जो बातें पवित्र हैं, और जो जो बातें सुहावनी हैं, और जो जो बातें मनभावनी हैं, निदान, जो जो सदगुण और प्रशंसा की बातें हैं, उन्‍हीं पर ध्यान लगाया करो। - फिलिप्पियों 4:8

बाइबल पाठ: नीतिवचन 15:9-21

नीतिवचन 15:9 दुष्ट के चाल चलन से यहोवा को घृणा आती है, परन्तु जो धर्म का पीछा करता उस से वह प्रेम रखता है।

नीतिवचन 15:10 जो मार्ग को छोड़ देता, उसको बड़ी ताड़ना मिलती है, और जो डांट से बैर रखता, वह अवश्य मर जाता है।

नीतिवचन 15:11 जब कि अधोलोक और विनाश लोक यहोवा के सामने खुले रहते हैं, तो निश्चय मनुष्यों के मन भी।

नीतिवचन 15:12 ठट्ठा करने वाला डांटे जाने से प्रसन्न नहीं होता, और न वह बुद्धिमानों के पास जाता है।

नीतिवचन 15:13 मन आनन्दित होने से मुख पर भी प्रसन्नता छा जाती है, परन्तु मन के दु:ख से आत्मा निराश होती है।

नीतिवचन 15:14 समझने वाले का मन ज्ञान की खोज में रहता है, परन्तु मूर्ख लोग मूढ़ता से पेट भरते हैं।

नीतिवचन 15:15 दुखिया के सब दिन दु:ख भरे रहते हैं, परन्तु जिसका मन प्रसन्न रहता है, वह मानो नित्य भोज में जाता है।

नीतिवचन 15:16 घबराहट के साथ बहुत रखे हुए धन से, यहोवा के भय के साथ थोड़ा ही धन उत्तम है,

नीतिवचन 15:17 प्रेम वाले घर में साग पात का भोजन, बैर वाले घर में पाले हुए बैल का मांस खाने से उत्तम है।

नीतिवचन 15:18 क्रोधी पुरुष झगड़ा मचाता है, परन्तु जो विलम्ब से क्रोध करने वाला है, वह मुकद्दमों को दबा देता है।

नीतिवचन 15:19 आलसी का मार्ग कांटों से रुंधा हुआ होता है, परन्तु सीधे लोगों का मार्ग राजमार्ग ठहरता है।

नीतिवचन 15:20 बुद्धिमान पुत्र से पिता आनन्दित होता है, परन्तु मूर्ख अपनी माता को तुच्छ जानता है।

नीतिवचन 15:21 निर्बुद्धि को मूढ़ता से आनन्द होता है, परन्तु समझ वाला मनुष्य सीधी चाल चलता है।

 

एक साल में बाइबल: 

  • नीतिवचन 13-15
  • 2 कुरिन्थियों 5

शुक्रवार, 11 सितंबर 2020

नाम


         हाल ही में न्यू यॉर्क के राष्ट्रीय 11 सितंबर के संग्रहालय में घूमते हुए मैंने वहाँ बने हुए दो जल-कुण्डों की जल्दबाजी में फोटो ली। इन दोनों जल-कुण्डों के चारों ओर वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए आक्रमण  में मारे गए लगभग 3,000 लोगों के नाम ताम्बे की पट्टियों पर लिखे हुए हैं। बाद में जब मैं उस फोटो को ध्यान से देख रहा था तो मेरा ध्यान एक महिला की ओर गया जो एक नाम पर हाथ रखे हुए थी। बहुत से लोग इस स्थान पर आते हैं किसी नाम को छूने और अपने किसी प्रिय जन को स्मरण करने के लिए।

         परमेश्वर के वचन बाइबल में यशायाह भविष्यद्वक्ता ने परमेश्वर के लोगों को स्मरण करवाया कि उनके प्रति परमेश्वर का प्रेम कभी नहीं बदलता, और वह सदा उनकी देखभाल करता है, यद्यपि वे लोग परमेश्वर से बहुधा दूर चले जाते थे। फिर भी प्रभु परमेश्वर ने उन्हें आश्वस्त किया, हे इस्राएल तेरा रचने वाला और हे याकूब तेरा सृजनहार यहोवा अब यों कहता है, मत डर, क्योंकि मैं ने तुझे छुड़ा लिया है; मैं ने तुझे नाम ले कर बुलाया है, तू मेरा ही है” (यशायाह 43:1 )।

         भजनकार दाऊद ने भजन 23 में लिखा, “चाहे मैं घोर अन्धकार से भरी हुई तराई में हो कर चलूं, तौभी हानि से न डरूंगा, क्योंकि तू मेरे साथ रहता है; तेरे सोंटे और तेरी लाठी से मुझे शान्ति मिलती है। निश्चय भलाई और करुणा जीवन भर मेरे साथ साथ बनी रहेंगी; और मैं यहोवा के धाम में सर्वदा वास करूंगा” (पद 4, 6)।

         परमेश्वर हमें कभी नहीं भूलता है। हम चाहे जहाँ भी हों, या हमारी परिस्थिति चाहे कैसी भी हो, वह हमारे नाम जानता है, उसने हमारे चित्र को अपनी हथेली पर बनाया है, उसे सदा हमारा ध्यान रहता है, और वह हमें सदा अपने अचल प्रेम में थामे रहता है। - डेविड मेक्कैसलैंड

 

परमेश्वर हमारे नाम जानता है और हमें अपने अचल प्रेम में थामे रहता है।


देख, मैं ने तेरा चित्र हथेलियों पर खोदकर बनाया है; तेरी शहरपनाह सदैव मेरी दृष्टि के सामने बनी रहती है। - यशायाह 49:16

बाइबल पाठ: भजन 23

भजन संहिता 23:1 यहोवा मेरा चरवाहा है, मुझे कुछ घटी न होगी।

भजन संहिता 23:2 वह मुझे हरी हरी चराइयों में बैठाता है; वह मुझे सुखदाई जल के झरने के पास ले चलता है;

भजन संहिता 23:3 वह मेरे जी में जी ले आता है। धर्म के मार्गों में वह अपने नाम के निमित्त मेरी अगुवाई करता है।

भजन संहिता 23:4 चाहे मैं घोर अन्धकार से भरी हुई तराई में हो कर चलूं, तौभी हानि से न डरूंगा, क्योंकि तू मेरे साथ रहता है; तेरे सोंटे और तेरी लाठी से मुझे शान्ति मिलती है।

भजन संहिता 23:5 तू मेरे सताने वालों के सामने मेरे लिये मेज बिछाता है; तू ने मेरे सिर पर तेल मला है, मेरा कटोरा उमण्ड रहा है।

भजन संहिता 23:6 निश्चय भलाई और करुणा जीवन भर मेरे साथ साथ बनी रहेंगी; और मैं यहोवा के धाम में सर्वदा वास करूंगा।

 

एक साल में बाइबल: 

  • नीतिवचन 10-12
  • 2 कुरिन्थियों 4